वाशिंगटन, चार जून । राष्ट्रपति जो बाइडन ने दुनियाभर के विभिन्न देशों को कोविड-19 टीकों की ढाई करोड़ खुराक भेजने के अपने प्रशासन के फैसले की घोषणा की है और भारत के राजदूत ने कहा कि अमेरिकी टीके पाने वाले प्रमुख देशों में उनका देश शामिल होगा।
बाइडन ने बुधवार को घोषणा की कि अमेरिका अपने कोविड-19 टीकों के भंडार में उपयोग में नहीं लाई गई ढाई करोड़ खुराक में से करीब 1.9 करोड़ यानी 75 प्रतिशत खुराक संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम के माध्यम से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया तथा अफ्रीका के देशों को आवंटित करेगा।
यह कदम जून तक दुनियाभर में आठ करोड़ टीके भेजने की उनकी प्रशासन की कार्ययोजना का हिस्सा है।
व्हाइट हाउस के एक दस्तावेज के अनुसार अमेरिका करीब 1.9 करोड़ खुराक साझा करेगा।
इसके अनुसार करीब 70 लाख खुराक एशिया में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव, मलेशिया, फिलीपीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाइलैंड, लाओस, पापुआ न्यू गिनी, ताइवान और प्रशांत द्वीपीय क्षेत्रों के लिए दी जाएंगी।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा, ‘‘भारत अमेरिकी टीकों को प्राप्त करने वाला प्रमुख देश है और उसे आज की घोषणा में पड़ोसी व साझेदार देशों को सीधी आपूर्ति एवं कोवैक्स पहल, दोनों ही श्रेणियों में शामिल किया गया है।’’
उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अपने प्रशासन के फैसले की जानकारी दी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘वैश्विक स्तर पर टीका साझा करने के लिए अमेरिकी रणनीति के तहत भारत को टीके की आपूर्ति को लेकर दिए गए आश्वासन की मैं सराहना करता हूं।’’
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अमेरिकी सरकार, कारोबारियों और प्रवासी भारतीयों से मिले सहयोग और एकजुटता के लिए कमला हैरिस का शुक्रिया अदा किया।
नयी दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि मोदी और हैरिस ने अमेरिका और भारत के बीच टीका उत्पादन समेत स्वास्थ्य क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा की।
इस बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थिति में सुधार के बाद वह भारत में कमला हैरिस के स्वागत को उत्सुक हैं।
संधू ने इस फोन वार्ता को टीकों, कोविड के बाद वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य स्थिति तथा आर्थिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई महत्वपूर्ण बातचीत करार दिया।
उन्होंने बाइडन प्रशासन के अन्य महत्वपूर्ण फैसलों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘रक्षा उत्पादन अधिनियम का प्राथमिकता दर्जा हटाने से टीका आपूर्ति श्रृंखला और मजबूत होगी तथा एस्ट्राजेनेका एवं नोवावैक्स समेत उत्पादकों को लाभ मिलेगा।’’
संधू ने कहा, ‘‘ये घटनाक्रम भारत और अमेरिका दोनों के नेतृत्व की वैश्विक मुद्दों पर साझेदारी में काम करने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।’’
भारतीय राजदूत ने बृहस्पतिवार को सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति से भी विचार-विमर्श किया था।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमने वैश्विक महामारी की रोकथाम पर चर्चा की जिसमें टीकों तथा किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रभावी साझेदारियों पर बातचीत शामिल है।’’
गौरतलब है कि भारत इस समय महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है।