नयी दिल्ली, 25 फरवरी । संशोधित नागरिकता कानून के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि इस मुद्दे को भारत को देखना है और वह किसी विवाद में पड़ कर अपनी दो दिवसीय शानदार भारत यात्रा को खराब नहीं करना चाहते । साथ ही उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के पैरोकार हैं और चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो ।
ट्रंप ने अपनी यात्रा के दूसरे एवं अंतिम दिन मोदी के साथ समग्र वार्ता की और कहा कि यह दो दिन बहुत बढ़िया और बहुत शानदार रहे ।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ मैं कतई किसी विवाद में नहीं पड़ने वाला हूं… एक जवाब पर .. एक छोटा सा जवाब देकर मैं अपने दो दिनों के दौरे और दो दिनों की यात्रा पर एक जवाब से पानी नहीं फेरूंगा … जैसे कि जॉन (पत्रकार) मुझसे एक सामान्य सा सवाल करेंगे और आप उसे बढ़ा चढ़ा कर पेश करेंगे और यात्रा यहीं खत्म हो जाएगी …. आप इस यात्रा के बारे में बात तक नहीं करेंगे । तो आप बुरा ना मानें, इसी वजह से मैं जवाब देने में थोड़ा कंजूसी बरतूंगा।’’
कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच ‘बड़ी समस्या’ बताते हुए ट्रंप ने कहा कि कश्मीर लंबे समय से बहुत से लोगों के लिए समस्या रहा है और हर कहानी के दो पहलू होते है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बारे में भी टिप्पणी करने से इन्कार किया और इस बात का भी खंडन किया कि उन्होंने कश्मीर को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कभी कोई पेशकश की है। उन्होंने आतंकवाद को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि वह भारत एवं पाकिस्तान के साथ मिल कर इस समस्या का हल करना चाहते हैं।
कश्मीर पर मध्यस्थता के उनके पुराने प्रस्ताव के बारे में पूछे गये एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी कश्मीर पर मध्यस्थता की बात नहीं की। कश्मीर निश्चित रूप से भारत एवं पाकिस्तान के बीच एक बड़ी समस्या है और दोनों देश इस समस्या को सुलझाएंगे। वे काफी समय से इसका प्रयास कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैंने 370 पर कुछ नहीं कहा। मैं इसे भारत पर छोड़ता हूं।”
उन्होंने तनाव कम करन के लिये दोनों देशों के बीच फिर से मध्यस्थता की पेशकश की।
ट्रंप ने वार्ता के दौरान पाकिस्तान का मुद्दा सामने आने का जिक्र किया और कहा, ‘‘
अगर मैं मध्यस्थता करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मैं करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ भी अच्छे समीकरण हैं, वे सीमा पार आतंकवाद को काबू करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने समग्र वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर चर्चा की और कहा कि मोदी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के पैरोकार हैं और चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो ।
इस सवाल पर कि क्या उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव के आरोपों संबंधी मुद्दे को मोदी के समक्ष वार्ता में उठाया तो उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इस पर चर्चा की; प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि वह मुसलमानों के साथ काफी करीब से मिलकर काम करते हैं।’’
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून : सीएए : पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं । यह भारत को देखना है । उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत अपने लोगों के लिये सही फैसला करेगा ।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान यहां हो रही हिंसक घटनाओं पर मोदी से चर्चा की ? इसी के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्होंने ऐसी कोई चर्चा नहीं की । ‘‘यह भारत को देखना है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने तालिबान के साथ शांति समझौते के मुद्दे पर मोदी के साथ चर्चा की ।भारत, अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को मूर्त रूप लेते हुए देखना चाहता है।
उन्होंने अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर कहा कि हम इसके काफी करीब हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाता सम्मेलन में मोदी को एक ‘शानदार’ नेता और भारत को एक ‘‘अद्भुत’ देश बताया ।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की, प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि भारत में लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता मिले। अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए कड़ी मेहनत की है । ’’
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के साथ उनकी भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव किये जाने के बारे में कोई बात हुई, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी श्री मोदी के साथ भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बात हुई है। श्री मोदी धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं और उन्होंने बहुत अच्छा जवाब दिया और प्रभावी ढंग से अपना रुख जाहिर किया। उन्होंने मुझे बताया है कि 20 करोड़ मुस्लिम इस देश मे रहते हैं और वह मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर लगाये गये प्रतिबंध के बारे में सवाल पर श्री ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ये प्रतिबंध धर्म के आधार पर नहीं लगाया बल्कि अनुशासन के कारण लगाया है। हम नहीं चाहते हैं कि उन देशों के लोग अमेरिका में आयें जो अपने यहां हिंसा में लिप्त हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत बहुत सारे सैन्य हार्डवेयर खरीद रहा है और ऊर्जा क्षेत्र में भारत-अमेरिकी सहयोग बढ़ रहा है ।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है, ट्रंप ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने उनके साथ कभी ऐसी कोई सूचना साझा नहीं की।
ट्रंप ने कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद पर काबू पाने के बारे में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जितना मैंने किया उससे ज्यादा किसी ने किया है।
ट्रंप ने कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने पर कहा कि रूस, सीरिया और ईरान को ऐसा करना चाहिए।
ट्रंप ने भारत में शुल्क के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत संभवत: सबसे उच्चतम शुल्क वाला देश है, हार्ले डेविडसन को भारी मात्रा में शुल्क देना पड़ता है। अमेरिका के साथ साफ सुथरा व्यवहार किया जाना चाहिए ।
मुसलमानों से भेदभाव नहीं करता भारत : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत में मुसलमानों से भेदभाव किये जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया तथा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एवं दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए उस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
सीएए और दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा के बारे में सवाल पूछे जाने पर श्री ट्रंप ने कहा, “हमने धार्मिक स्वतंत्रता पर बात की। श्री मोदी चाहते हैं कि सब लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो। उन्होंने इसके लिए काफी प्रयास भी किये हैं। मैंने कुछ नितांत व्यक्तिगत हमलों के बारे में सुना है लेकिन मैंने उन पर बात नहीं की। यह भारत का अपना मामला है। मैं यह भारत पर छोड़ देना चाहता हूं और उम्मीद है कि वे अपने लोगों के लिए सही निर्णय लेंगे।”
पाकिस्तान की धरती से पनपने वाले आतंकवाद के बारे में एक सवाल पर उन्होंने कहा,“हमने इस मुद्दे पर लंबी बात की है। निश्चित रूप से यह एक समस्या है। वे उसका प्रयास कर रहे हैं। मैंने कहा है कि मैं इसके लिए जो भी मदद कर सकता हूं करुंगा क्योंकि मेरे दोनों महानुभावों -प्रधानमंत्री श्री मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। जो कुछ भी मैं मध्यस्थता या सहायता कर सकता हूं, मैं करूंगा।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर प्रयासरत है। कश्मीर बहुत लंबे अरसे से लोगों की आंख का कांटा बना हुआ है। हर कहानी के दो पहलू होते हैं। आज हमने आतंकवाद के पहलू पर लंबी बात की है।
भारत एवं अमेरिका के बीच व्यापार के बारे में एक सवाल पर श्री ट्रंप ने कहा कि उन्हें व्यापार संबंधी समस्याओं का पता है। उन्होंने कहा, “हमसे पहले जो शासन था उसे नहीं पता था। जैसे चीन के साथ सबने कहा था कि सौदा नही कर पाओगे। हमने शुल्क लगाया और उससे हमें अच्छा फायदा हुआ।”
उन्होंने हार्ले डेविडसन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बाइक पर भारत बहुत सारे शुल्क लगा रखे हैं। पर जब भारत अमेरिका में बाइक बेचता है तो शुल्क नहीं लगता। उन्होंने कहा,“मैं चाहता हूं कि जो होता है वह दो तरफा हो। हम जानते है कि भारत के साथ व्यापार घाटा लम्बे समय से चल रहा है। भारत बहुत अधिक शुल्क लेता है। जो हम पहले भारत को देते थे वह अब बंद हो गया है। ”
उन्होंने भारत की यात्रा में तीन अरब डॉलर से अधिक के रक्षा सौदों को अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्धि बताया और कहा कि भारत अमेरिका से तेल एवं गैस भी खरीद रहा है। इससे अमेरिका को लाभ हो रहा है। जापान से भी अमेरिका को सौदों के माध्यम से 40 अरब डॉलर मिल रहे हैं।
अमेरिका में भारत के निवेश के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा खिलाड़ी बनेगा। यहां दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है और यह बहुत शानदार देश है। भारत के लोग बहुत कुछ कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिका बहुत सारे भरतीय आते है जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में काम करना बहुत बेहतर है। उन्होंने आर्सेलर मित्तल द्वारा अमेरिका में स्टील उद्योग को दोबारा खड़ा करने के लिए अरबाें डॉलर के अमेरिका में निवेश की सराहना की।
दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमने बगदादी और सुलेमानी को मार डाला। जो सड़कों पर बम फेंकते थे, सब मारे गये।” उन्होंने सेनाओं के जवानों के जख्मी होने का भी उल्लेख किया और आईएसआईएस के खात्मे के लिए ईरान और रूस से भी सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कोरोना विषाणु के संकट के बारे में उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना की और कहा कि उन्हें जिस प्रकार से काम करना चाहिए, वे नहीं कर रहे हैं। उन्होंने भारत एवं अमेरिका द्वारा इससे बचने के लिए लगाये गये प्रतिबंधों का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका और भारत दोनों ने इस पर नियंत्रण के लिए बहुत अच्छा काम किया है।