वाशिंगटन, 26 जून (एपी) अमेरिका में एक नए अनुमान में कोरोना वायरस के प्रकोप की देश में शुरुआत के बाद से करीब दो करोड़ लोगों के इससे संक्रमित होने का दावा किया गया है।
इस तथ्य के अनुसार बड़ी आबादी पर खतरा मंडरा रहा है।
अमेरिका में सामने आए कोविड-19 के 23 लाख पुष्ट मामलों की तुलना में यह आंकडा करीब दस गुना ज्यादा है।
अधिकारी काफी समय से यह कहते आ रहे हैं कि कई लाख लोगोंको उनके संक्रमित होने का एहसास ही नहीं हुआ और जांच की कमी के कारण भी कई मामले सामने नहीं आ पाए।
यह खबर ऐसे समय में समने आई है जब करीब एक दर्जन राज्यों मे कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन लोगों की चिंता कम करने की कोशिश कर रहा है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र के निदेशक डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि देश में बहुत लोगों पर खतरा मंडरा रहा है।’’
इन नए अनुमानित आंकड़ों के अनुसार करीब 33.1 करोड़ की आबादी वाले देश में दो करोड़ लोगों का संक्रमित होना मतलब देश में छह प्रतिशत लोग इसकी चपेट में आए हैं।
इससे पहले, सीडीसी के अधिकारी और देश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ. एंथनी फाउची ने कहा था, ‘‘ अभी हमारा सबसे सटीक अनुमान यह है कि हर पुष्ट मामले पर वास्तव में अतिरिक्त 10 मामले हैं।’’
उन्होंने कहा था कि कम से कम 25 प्रतिशत संक्रमितों में शायद कोई लक्षण ही ना दिखे।
नया अनुमान देशभर से एकत्रित किए गए रक्त नमूनों के सीडीसी के अध्ययनों पर आधारित है । इनमें से कुछ नमूने सीडीसी और कुछ अन्य ‘ब्लड डोनेशन’ या अन्य स्रोतों से लिए गए हैं।
महामारी के बावजूद ट्रंप प्रशासन की अफोर्डेबल केयर एक्ट खत्म करने की अपील:
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच ट्रंप प्रशासन ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से अफोर्डेबल केयर एक्ट (किफायती देखभाल कानून) को पलटने का अनुरोध किया।
प्रशासन ने अदालत में यह याचिका उसी दिन दायर की है जब सरकार ने कहा कि लॉकडाउन के बीच जिन लोगों का स्वास्थ्य बीमा खत्म हो गया था उनमें से करीब पांच लाख लोगों को हेल्थकेयर डॉट जीओवी के जरिए कवरेज दिया गया है।
उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में टेक्सास और अन्य राज्यों ने दलील दी कि कांग्रेस के 2017 में कर विधेयक पारित करने के बाद एसीए असंवैधानिक हो जाता है। 2017 के इस नए कानून में स्वास्थ्य बीमा न करवाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने के प्रावधान को हटाया गया है।
साल 2017 में कांग्रेस में पूरी तरह से रिपब्लिकनों का बहुमत होने के बावजूद ‘ओबामाकेयर’ को रद्द करने में नाकाम रहने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कानूनी चुनौती देने की ओर ध्यान लगा दिया।
प्रशासन ने कानूनी दलीलों में ‘ओबामाकेयर’ के उन प्रावधानों को हटाने का हमेशा समर्थन किया है जिनके तहत बीमा कंपनियां लोगों के मेडिकल इतिहास के आधार पर उनके खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती।
हालांकि ट्रंप ने आश्वासन दिया है कि पहले से ही किसी ने किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को इसमें सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
सरकार की बृहस्पतिवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल कार्यस्थल पर स्वास्थ्य बीमा गंवाने के बाद करीब 4,87,000 लोगों ने हेल्थकेयर डॉट जीओवी पर पंजीकरण कराया है जो पिछले साल के मुकाबले 46 प्रतिशत अधिक है।
चुनिंदा देशों को ही वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहे हैं ट्रंप : अमेरिकी सीनेटर का आरोप:
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान वेंटिलेटर दान करने के नाम पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से 20 करोड़ डॉलर कथित तौर पर उन देशों के पक्ष में खर्च किए गए जिन्हें राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से चुना।
संसद की विदेश संबंध समिति के सदस्य, रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि जिन देशों को जीवन रक्षक प्रणाली मुहैया कराई गई उनमें रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
डोनाल्ड ट्रंप को लिखे एक पत्र में मेनेंडेज ने कहा कि महामारी के दौरान वेंटिलेटर भेजने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अधिसूचना की उपेक्षा करने का ट्रंप प्रशासन का निर्णय संदेहास्पद है।
मेनेंडेज ने कहा, “वर्तमान में कोविड-19 संकट की व्यापकता एवं खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम सहायता के रूप में दिए जा रहे अमेरिकी पैसों को समझदारी से खर्च करें।”
उन्होंने कहा, “जिन देशों को वेंटिलेटर की जरूरत है उन्हें देना अच्छी बात है लेकिन किसी भी अन्य सहायता की तरह यह भी लाभकारी एवं पारदर्शी तरीके से दी जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) को वेंटिलेटर के संबंध में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।”
मेनेंडेज ने आरोप लगाया कि यूएसएआईडी द्वारा चुनिंदा देशों को वेंटिलेटर दिए गए और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा केवल 40 देशों को 7,500 वेंटिलेटर देना अमेरिकी विदेश संबंधों का संभावित राजनीतिकरण दर्शाता है और इससे अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी की गैर-राजनीतिक सहायता एजेंसी की छवि को भी धक्का लगा है।