वाशिंगटन, सात जनवरी । अमेरिकी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को संयुक्त सत्र में औपचारिक रूप से तीन नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडन एवं उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस के निर्वाचन की पुष्टि कर दी।
कांग्रेस के संयुक्त सत्र में निर्वाचन का सत्यापन बृहस्पतिवार तड़के किया गया। निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थकों द्वारा कांग्रेस की कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद बुधवार देर रात संयुक्त सत्र की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
निर्वाचन मंडल के मतों की पुष्टि कैपिटल हिल पर हिंसा की घटना के बाद आई है जिसमें चार लोगों की मौत हुई है और इलाके में लॉकडाउन लगाना पड़ा है । इस हिंसा म सुरक्षाकर्मियों के लिए अपनी जान बचाकर भागने की नौबत आ गई और इमारत के भीतर गोलीबारी की घटना हुई।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन करीब आठ करोड़ मतों के साथ निर्वाचन मंडल के 306 मतों को हासिल करने में सफल हुए थे।
संसद में दो घंटे तक चली सत्यापान की कार्यवाही का सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर समर्थन किया। यहां तक कि उन्होंने दो राज्यों- एरिजोना एवं पेनसिल्वेनिया – में निर्वाचन संबंधी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया।
सीनेट ने छह मतों के मुकाबले 93 मतों से एरिजोना के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा ने इसे 121 के मुकाबले 303 मतों से खारिज किया।
इसी प्रकार सीनेट ने पेनसिल्वेनिया के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को सात के मुकाबले 97 मतों से अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा में आपत्ति 138 के मुकाबले 282 मतों से नामंजूर हुई।
भारतीय मूल के चार सांसदों- रो खन्ना, एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाला- ने आपत्ति के खिलाफ मत दिया।
कैपिटल में घुसे ट्रंप समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प, चार लोगों की मौत
इससे पहले अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं।
इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई।
कांग्रेस के सदस्य बुधवार को ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इन हालात में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि बुधवार को कैपिटल परिसर में हंगामे और दंगे के बीच एक पुलिस अधिकारी की गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।
वाशिंगटन डीसी पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कोंटे ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल परिसर में किए दंगों को ‘‘शर्मनाक’’ बताया।
पुलिस ने बताया कि तीन अन्य लोग भी इस घटना में मारे गए।
बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए।
मेयर मुरियल बोसर ने दोपहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी।
अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है।
ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की।
ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘ यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’’
राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी।
ट्विटर ने चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी।
वहीं, फेसबुक ने कहा कि वह दो नीतियों के उल्लंघन के मद्देनजर 24 घंटे के लिए राष्ट्रपति के अकाउंट पर रोक लगा रहा है। इस दौरान वह कुछ भी पोस्ट नहीं कर पाएंगे।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा।
बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘ इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अप्रत्याक्षित हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला…’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।’’
उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘नेशनल गार्ड’ और अन्य ‘संघीय सुरक्षा सेवाओं’ को कैपिटल में इन दंगाइयों से निपटने में मदद करने का निर्देश दिया है।
कार्यकारी रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने हालांकि कहा कि उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस, सीनेट के नेता मैककोनेल, स्पीकर पेलोसी और सीनेटर शुमर से ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती को लेकर बात की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं किया।
दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 ‘इलेक्टोरल वोट’ में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे।
अमेरिका के सभी चार जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर ने भी हमले की निंदा की है।
वाशिंगटन हिंसा में चार लोगों की मौत
अमेरिका के वाशिंगटन में बुधवार को प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी।
स्थानीय पुलिस प्रमुख राबर्ट कोन्टी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “ प्रदर्शन के दौरान घायल एक महिला को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया , जहां भरसक प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इसके अलावा राजधानी इमारत के आसपास के स्थानों पर भड़की हिंसा में एक अन्य महिला और दो पुरुषों की मौत हो गयी। ”
श्री कोन्टी ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
कैपिटल पर हमले में प्रतिनिधि सभा की स्पीकर पेलोसी का कार्यालय भी क्षतिग्रस्त
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक दंगाइयों द्वारा बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद) पर किए गए हमले में कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई।
पेलोसी के सहायक ने बताया कि भीड़ ने 80 वर्षीय शीर्ष डेमोक्रेट नेता के अति सुरक्षित इमारत स्थित कार्यालय में लगे बड़े आइने को तोड़ दिया और दरवाजे पर लगी नाम की पट्टी उखाड़ दी।
एक तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि ट्रंप की घोर आलोचक रहीं पेलोसी के कार्यालय में रखी मेज पर एक ट्रंप समर्थक पैर रखकर बैठा हुआ है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक दंगाइयों ने मेज पलट दी और कार्यालय की दीवारों पर लगी तस्वीरों को फाड़ दिया।
उल्लेखनीय है कि कैलिफोर्निया से सदन के लिए चुनी गई पेलोसी को तीन जनवरी को फिर से स्पीकर चुना गया और वर्ष 2003 से वह निम्न सदन में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। वह निम्न सदन के स्पीकर पद पर चुनी गई एकमात्र महिला हैं।
बुधवार रात को सदन स्थित चैंबर में लौटी पेलोसी ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि दंगाई अपने मिशन में असफल रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
उन्होंने कहा , ‘‘ जिन्होंने भी हमें हमारी जिम्मेदारियों से अलग करने का प्रयास किया है, आप असफल रहे हैं। जिन्होंने भी हमारे मंदिर… अमेरिकी लोकतंत्र को अपवित्र करने का प्रयास किया गया है…उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।’’
पेलोसी ने इसके बाद अमेरिकियों को भरोसा दिया कि सदन आज रात से ही जो बाइडन के निर्वाचन को सत्यापित करने के साथ जनता के काम को जारी रखेगा।
उन्होंने बताया, ‘‘ इस शर्मनाक कृत्य के बावजूद, हम काम जारी रखेंगे। हम उस इतिहास का हिस्सा होंगे जो दुनिया को दिखाएगा कि अमेरिका किस चीज का बना है।’’
सीएनएन ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस सदस्य कैपिटल लौट आए हैं। हम हमेशा से जानते हैं कि यह जिम्मेदारी हमे इस रात तक लाएगी, जब तक यह पूरी नहीं होती, हम रहेंगे।’’
इससे पहले पेलोसी ने सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चार्ल्स शूमर के साथ मिलकर ट्रंप से मांग की कि वह अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग से लौटने को कहें
वाशिंगटन हिंसा मामले में 50 से अधिक गिरफ्तार
अमेरिका के वाशिंगटन में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्थानीय पुलिस प्रमुख राॅबर्ट कोन्टी ने बताया कि इनमें 47 लोगों को कर्फ्यू उल्लंघन, चार लोगों को गैर-लाइसेंसी पिस्तौल रखने और एक व्यक्ति को प्रतिबंधित शस्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सांसदों ने कैपिटल बिल्डिंग में तैनात पुलिसबल की जांच की मांग की
अमेरिकी सांसदों ने इस बात की जांच कराने का प्रण लिया है कि जब निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ कैपिटल बिल्डिंग में घुसी तो वहां तैनात पुलिस पूरी स्थिति से कैसे निपटी।
सांसदों ने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या पुलिस की तैयारियों में चूक के कारण भीड़ इमारत में घुस सकी और वहां तोड़-फोड़ की।
प्रतिनिधि सभा में प्रशासन समिति की अध्यक्ष एवं रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जो लोफग्रेन ने कहा कि कैपिटल में भीड़ के घुसने से ‘‘सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंता’’ पैदा की हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी समिति प्रतिनिधि सभा और सीनेट के नेताओं के साथ मिल कर पुलिस की कार्रवाई और उसकी तैयारियों की समीक्षा करेगी।
रिपब्लिकन पार्टी के सांसद वाल डेमिंग्स ने कहा, ‘‘ इस बेहद दुखद है कि कैपिटल पुलिस आज के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी। मुझे पूरा विश्वास था कि हमारा बल कड़ी कार्रवाई करेगा। शुरुआत में ही ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए थे कि प्रदर्शनकारियों के लिए एक निर्दिष्ट स्थान होता और वे कैपिटल से दूर होते।’’ डेमिंग्स ने बुधवार रात को एमएसएनबीसी को बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं लगता कि उनके पास हजारों प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए कोई स्पष्ट योजना थी, जो चुनाव में धांधली होने के ट्रंप की बातों के बाद कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे।’’
वाशिंगटन में हिंसा को ट्रंप ने उकसाया: ओबामा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन नवंबर के चुनाव परिणाम के बारे में लगातार झूठ बोला है और बुधवार को वाशिंगटन में राजधानी इमारत में हिंसा को उकसाया है।
श्री ओबामा ने एक बयान में कहा, “ इतिहास में इस हिंसक घटना को याद रखा जायेगा, जिसे मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा उकसाया गया है, जो कानूनी तरीके से हुये चुनाव के परिणाम को लेकर आधारहीन झूठ बोल रहे हैं। यह हमारे देश के लिये अपमान और बहुत शर्म की बात है। रिपब्लिकन नेता अपने समर्थकों को चुनाव के बारे में सच्चाई बताने को तैयार नहीं हैं। रिपब्लिकन नेता या तो सच्चाई को अनदेखा करते रहें या फिर वास्तविकता को स्वीकार करें। ‘
उल्लेखनीय है कि श्री ट्रंप के समर्थकों ने राजधानी इमारत पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुयी। फिलहाल पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को वहां से तितर-बितर कर दिया है।