वाशिंगटन, 27 दिसंबर ।भारत- अमेरिका व्यावसायिक परिषद (यूएसआईबीसी) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध लगातार ‘‘मजबूत और जोशपूर्ण’’ बने हुये हैं और आने वाला नया साल 2021 इस भागीदारी को और व्यापक तथा गहरा बनाने का महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध करायेगा।
बिस्वाल ने उम्मीद जताई कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के कामकाज संभालने पर भारत- अमेरिका लघु व्यापार समझौता उनके एजेंडा में सबसे शीर्ष पर होगा।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मतभेदों को दूर करने के लिये एक समझौते पर बातचीत चल रही है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने के कारण पिछले महीनों के दौरान इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
यूएसआईबीसी की अध्यक्ष बिस्वाल ने वर्षांत साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच संबंध लगातार मजबूत और जोशपूर्ण हैं। अमेरिका के पिछले प्रशासन में भी यह स्थिति थी, मौजूदा प्रशासन में भी यही स्थिति है और मुझे पूरा विश्वास है कि अमेरिका में अगले महीने सत्ता संभालने वाले नये प्रशासन में भी यही स्थिति होगी।’’
उन्होंने याद करते हुये कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 2020 की शुरुआत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के साथ हुई थी।
विस्वाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच लघु व्यापार समझौता नहीं हो पाया इसके बावजूद दोनों देशों के बीच पूरे साल रणनीतिक भागीदारी जोशपूर्ण बनी रही। उन्होंने कहा चाहे रक्षा क्षेत्र के संबंध हों अथवा क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों को लेकर अमेरिका और भारत के बीच नजदीकी समन्वय की बात हो, दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों की तीसरी दो जमा दो बैठक हो द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हुये हैं। इसके अलावा भारत- प्रशांत क्षेत्र में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया (क्वाड समूह) को मजबूत बनाने पर भी रिश्तों में मजबूती आई है।
बिस्वाल ने कहा कि दुर्भाग्य से व्यापार के मोर्चे पर हम इस स्तर की प्रगति हासिल नहीं कर पाये। दोनों देशों को इस क्षेत्र में नये साल में यह देखने की आवश्यकता होगी … 2021 इस मामले में शायद दोनों देशों को भागीदारी को अधिक व्यापक बनाने का महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध करायेगा। इसमें अवसरों के कुछ अतिरिक्त क्षेत्र भी सामने आयेंगे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल के दौरान बिस्वाल को विदेश मंत्रालय में दक्षिण और मध्य एशिया क्षेत्र का जिम्मा सौंपा गया था। तब उन्होंने भारत अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका मानना है कि कोविड- 19 महामारी के दौरान यह देखा गया है कि दोनों देश न केवल अपने फायदे के लिये मिलकर काम कर सकते हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दोनों की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है।
उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन के लिये जलवायु परिवर्तन प्रमुख मुद्दा होगा। भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का यह नया क्षेत्र हो सकता है। बिस्वाल ने गौर करते हुये कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा, सौर और नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में काफी निवेश किया है।
बिस्वाल ने कहा कि 2020 काफी महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया गया। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता नहीं हो पाया जबकि इसके लिये काफी समय दिया गया और प्रयास भी किये गये। उन्होंने उम्मीद जताई कि जो बाइडेन के 20 जनवरी को अमेरिका के नये राष्ट्रपति के तौर पर सत्ता संभालने के बाद इस दिशा में जल्द से जल्द दोनों देश आगे बढ़ेंगे।
अमेरिका लगातार दूसरे वित्त वर्ष में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019- 20 में अमेरिका और भारत के बीच 88.75 अरब डालर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। इससे पिछले वर्ष 2018- 19 में यह 87.96 अरब डालर रहा था।