नयी दिल्ली, 19 दिसम्बर ।नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में भड़के विरोध प्रदर्शनों की चिंगारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ आज अन्य राज्यों में भी फैल गयी और कुछ जगहों पर इसने उग्र रूप धारण कर लिया।
राजधानी दिल्ली में गुरुवार को विभिन्न राजनीतिक दलों और छात्र संघठनों ने सीएए के विरोध में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये। प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा के बावजूद लाल किला, मंडी हाउस और जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित को मंडी हाउस के निकट पुलिस ने हिरासत में ले लिया। माकपा नेता प्रकाश करात, वृन्दा करात, हन्नान मुल्ला और कांग्रेस के तहसीन पूनावाला समेत कई नेताओं को भी हिरासत में लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
नागरिकता कानून का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को आज पुलिस ने राजधानी के मंडी हाउस के निकट हिरासत ले लिया ।
मंडी हाउस के निकट जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र – छात्राओं और अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया । श्री दीक्षित ने कहा कि वह लालकिला जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां नहीं जाने दिया और हिरासत में ले लिया । उन्होंनें कहा कि वह कल भी यहां आएंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे ।
श्री दीक्षित ने कहा कि सरकार को नागरिकता संशोधन कानून वापस लेना चाहिये और घबराहट में लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहिये ।
मंडी हाउस के निकट धारा 144 लागू है इसके बावजूद छात्र छात्रायें वहां आ रहे हैं जिन्हें पुलिस हिरासत में ले रही थी । प्रदर्शनकारी कुछ स्थानों पर तख्तियां लिये हुये थे और वे मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे ।
लाल किले के आसपास निषेधाज्ञा, कईं मेट्रो स्टेशन बंद
नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन को देखते हुए और लोगों को जंतर मंतर तथा लाल किला जाने से रोकने के कई मेट्रो स्टेशन बंद किए गए ।
जामिया नगर इलाके के जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन के अलावा ओखला विहार, जशोला विहार मेट्रो स्टेशन को बंद किया गया है। मुनिरका मेट्रो स्टेशन भी बंद रहा।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लालकिले के आसपास निषेधाज्ञा लगाई गई क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने लालकिला से शहीद पार्क तक मार्च निकालने आह्वान किया था।
लोगों के प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए लाल किला, जामा मस्जिद, चांदनी चौक ,विश्वविद्यालय, पटेल चौक, लोक कल्याण मार्ग, उद्योग भवन, आईटीओ, प्रगति मैदान, केन्द्रीय सचिववालय और खान मार्किट मेट्रो स्टेशन बंद कर दिये गये ।
सचिवालय के सभी एंट्री और एक्जिट गेट बंद किए गए लेकिन यहां से ट्रेनों को बदलने की सुविधा जारी रही ।
सीएए विरोध प्रदर्शन की वजह से कुछ इलाकों में घंटों तक निलंबित रहीं मोबाइल सेवाएं
दिल्ली में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों को देखते हुए कुछ इलाकों में कई घंटों तक मोबाइल सेवाएं निलंबित रहीं।
दिल्ली पुलिस के विशेष शाखा के उपायुक्त पी एस कुशवाह की तरफ से सीएए के विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडा-आइडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल को राजधानी के कुछ हिस्सों में मोबाइल सेवाएं निलंबित करने के लिए कहा गया था। मोबाइल कंपनियों इसके बाद इंटरनेट, एसएमएस और वाइस काल सेवाओं को निलंबित कर दिया।
देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात: कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में उठ रही आवाज को दबाने के लिए दमन का रास्ता अपना लिया है और पूरे देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी गयी है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में इस कानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतरकर इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। देश के कई हिस्से जल रहे हैं तथा चारों तरफ अशांति का माहौल है और लगता है कि अब शांति भाजपा सरकार के जाने के बाद ही बहाल हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा, कांग्रेस नेता अजय माकन एवं संदीप दीक्षित, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी तथा रामचंद्र गुहा सहित कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली में मेट्रो के 18 से 20 स्टेेशन बंद कर दिए गये, इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयीं और कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि इन स्थितियों के बावजूद मोदी सरकार कहती है कि दिल्ली में स्थिति सामान्य है। सरकार इन स्थितियों के बावजूद अगर दिल्ली के हालात सामान्य बता रही है तो इससे जम्मू-कश्मीर के बारे में स्थिति सामान्य होने के उसके दावे की सच्चाई सामने आ जाती है।
कर्नाटक में नागरिकता कानून मसले पर मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की
बेंगुलुरू से खबर है कि,कर्नाटक में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों के विराेध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा ने प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में पुलिस महानिदेशक श्रीमती नीलमणि राजू, शहर पुलिस आयुक्त भास्कर राव और अन्य अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरू शहर और राज्य में संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया गया है। राज्य के जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्दारमैया ने इन प्रतिबंधों को लगाए जाने पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार इस कानून पर विरोध प्रदर्शन करने के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही है।
इतिहासकार रामचन्द्र गुहा हिरासत में लिए गए
बेंगलुरु, के टाउन हॉल में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर प्रख्यात इतिहासकार रामचन्द्र गुहा सहित अन्य लोगों को पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गुरुवार को हिरासत में लिया।
पुलिसकर्मी गुहा को अपने साथ पास में ही खड़े वाहन तक ले कर गए।
पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने शहर में प्रदर्शनों के खिलाफ लगी निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।
खुद को हिरासत में लिए जाने पर गुहा ने कहा कि यह ‘‘बिल्कुल अलोकतांत्रिक है’’ कि पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से भी प्रदर्शन नहीं करने दे रही है, जबकि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
भाकपा ने भी शहर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कलाबुर्गी में धारा 144 लागू
इधर कर्नाटक के कलाबुर्गी जिले में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बंद को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिये है तथा सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों को अगले तीन दिनों के लिये बंद कर दिया है।
कलाबुर्की के पुलिस आयुक्त एम एन नागार्जुन ने यहां बताया कि जिले में कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए सभी स्कूल और कॉलेजो को आज से तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और शहर में धारा 144 लागू कर दी गयी है। शहर में हिंसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। पुलिस पूरी तरह है चाैकस है और स्थिति पर नजर बनाये हुए है।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा:संविधान को बचाने के लिए केरल लड़ेग:
तिरुवनंतपुरम में केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध के दौरान वामपंथी नेताओं और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि केरल संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा।
विजयन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए सरकार तानाशाही प्रवृत्ति दिखा रही है। ऐसे हालात तो आपातकाल (1975-77) के दौरान भी नहीं देखे गये थे।
विजयन ने कहा, ‘‘हम दिल्ली में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात और बृंदा करात, भाकपा महासचिव डी राजा और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा करते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा, “संवैधानिक मूल्यों की हत्या करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में भारतीयों के मन में उनके प्रति गुस्सा और उनकी सच्ची भावनाएं देखने को मिल रही हैं।मैं उन लोगों को सलाम करता हूं जो देश की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए हैं।”
उन्होंने ट्वीट किया, “केरल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि हम सामने खड़े होकर संविधान की रक्षा के लिए लड़ेंगे।”
उन्होंने दावा किया कि सरकार विरोध करने वालों को धमका रही है और उन्हें गिरफ्तार कर रही है।
विजयन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार ने इंटरनेट और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को प्रमुख विश्वविद्यालयों और उसके छात्रों पर हमला करना बंद करना चाहिए। सरकार को संवैधानिक मूल्यों और नागरिकों के अधिकारों का हनन करके आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि बड़े पैमाने पर शुरू हुए विद्रोह दमन की कोशिशों से, यात्राएं बाधित करने से और गिरफ्तारी से कभी हारे नहीं हैं।
उन्होंने सरकार से संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए कहा है।
राज्य में सीएए के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
गुजरात में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में आयोजित बंद का गुजरात में मिला जुला असर रहा हालांकि इस दौरान राज्य की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के अल्पसंख्यक बहुल मिरजापुर और शाहआलम इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए।
शाहआलम में भीड़ के पथराव में एक सहायक पुलिस आयुक्त तथा महिला पुलिसकर्मी समेत कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे और लाठी चार्ज भी किया। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस के वाहनों पर भी पथराव किया गया है। एक सिटी बस को भी निशाना बनाया गया।
राजस्थान में नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन
राजस्थान में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में कई स्थानों पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित कई संगठनों ने रैली निकाली और ज्ञापन दिये।
जयपुर में सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई (एमएल ) और जन संगठनों ने विशाल रैली निकालकर,जिलाधीश कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। कलेक्ट्रेट पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने नागरिक कानून में संशोधन को सरकार की विभाजनकारी नीति बताते हुए कहा कि इससे वर्षों से चली आ रही सौहार्दपूर्ण परम्परा को धक्का लगा है।
कर्नाटक में सैंकड़ों प्रदर्शनकारी हिरासत में
कर्नाटक में नागरिकता (संशाेधन) कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों आंदोलनकारियों को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया।
शहर में प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन करने पर एसबीएम सर्किल और टाउन हॉल में हिरासत में लिया। एसबीएम सर्किल में प्रदर्शनकारियों में वाम दलों के सदस्यों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। टाउन हाल में प्रदर्शकारियों ने ‘नो वॉयलेंस, नो साइलेंस’ के नारे लगाये और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मध्यप्रदेश में ऐहतियातन 40 से अधिक जिलों में निषेधाज्ञा लागू
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन के मद्देनजर मध्यप्रदेश में भी ऐहतियातन 40 से अधिक जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में इस कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन की सूचनाएं नहीं हैं। पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए और अधिक सचेत है। इसके मद्देनजर ही 52 में से 40 से अधिक जिलों में कल और आज में निषेधाज्ञा स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन ने लागू की है। इसके तहत सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने और भीड़ के रूप में एकत्रित होने पर मुख्य रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ बिहार में भी प्रदर्शन, रेलगाड़ियां भी रोकी गई
बिहार में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में वामदल, जन अधिकार पार्टी (जाप) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) समेत कुछ मुस्लिम संगठनों के आह्वान पर आज बिहार बंद के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया तथा रेल गाड़ियों का भी परिचालन बाधित किया।
जाप के नेता और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बेड़ियां पहनकर यहां डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया । उनके साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर जलाकर आवागमन को बाधित कर दिया ।
श्री यादव ने कहा कि सरकार ने पहले ही बेटियों को कैद कर दिया है । वहीं, युवा बेरोजगारी के कारण घरों में कैद हैं और अब सरकार काला कानून लाकर एक बड़े वर्ग को कैद करना चाहती है । उन्होंने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब, दलित, पिछड़ों को होना है, जिनके पास खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं है वे कहां से जमीन या अन्य कोई दस्तावेज दिखाकर अपने को भारतीय नागरिक साबित कर पायेंगे ।
श्री यादव और उनके समर्थकों को बाद में पुलिस ने हिरासत में लेकर सड़क पर से जाम समाप्त कराया। बाद में पुलिस ने श्री यादव और उनके समर्थकों को छोड़ दिया । बंद के समर्थन में वामदलों के नेताओं के साथ कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के नेता भी सड़कों पर उतरे । बंद समर्थकों ने एनआरसी और सीएए के खिलाफ नारे भी लगाये । नेताओं ने कहा कि देशहित में सरकार को ये कानून वापस लेना पड़ेगा। सरकार के गलत फैसले की वजह से आज पूरा देश जल रहा है। जगह-जगह छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार उनके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। सरकार का कदम देश को पीछे धकेलने वाला है।