नयी दिल्ली, 26 जनवरी । कोविड-19 महामारी और केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच मंगलवार को देश भर में 72 वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह से मनाया गया।
कई राज्यों में इस अवसर पर आयोजित समारोहों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने तथा मुख्यमंत्री और राज्यपाल के भाषणों तक सीमित रखा गया , जबकि राष्ट्रीय राजधानी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया, उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया गया।
दिल्ली पुलिस ने देर शाम कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ के लिए जिन शर्तों पर पहले सहमति बनी थी, उनका उल्लंघन किया। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हो गये।
इससे पहले दिन में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 72वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और “किसानों, कोरोना योद्धाओं तथा देश के सैनिकों की प्रतिबद्धता और संघर्ष” को सलाम किया।
इस अवसर पर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की मंगलवार को अपील की। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून ‘‘पूरी तरह से गलत’’ हैं।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि किसी को भी आंदोलन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन अराजकता फैलाने का अधिकार किसी को भी नहीं है।
पंचकूला में तिरंगा फहराने के बाद खट्टर ने गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में कहा कि संविधान अधिकारों के बारे में बात करता है, लेकिन ये अधिकार ‘‘हमें कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं देते।’’
दिल्ली में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर हरियाणा में अधिकारियों ने हाईअलर्ट जारी किया और कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा।
राजस्थान में कड़ी सुरक्षा के बीच गणतंत्र दिवस समारोह मनाये गये, जहां जयपुर में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
केंद्र सरकार पर देश के अन्नदाता का अपमान करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के इतिहास में इस तरह का आंदोलन आज तक नहीं हुआ। गहलोत ने कहा कि कोई नहीं चाहता कि इस किसान आंदोलन का राजनीतिकरण हो इसलिए विपक्षी दल केवल फर्ज के तहत इस आंदोलन से एकजुटता दिखा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने आवास पर ध्वजारोहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “हमारा संविधान मौलिक अधिकारों के साथ-साथ उन कर्तव्यों के प्रति भी आगाह करता है जो एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में हम सबके हैं। हमें याद रखना होगा कि हमारा व्यक्तिगत जीवन ही नहीं है, हमारा सार्वजनिक जीवन भी है और सार्वजनिक जीवन हमें एक धर्म की प्रेरणा देता है और वह धर्म है राष्ट्र धर्म। राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए।”
जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कश्मीर को पवित्र और मनोरम स्थान बताने वाले प्राचीन ग्रंथ राजतरंगिणी का हवाला देते हुए कहा कि गांवों और शहरों में रहने वाले सभी लोगों ने अपनी एवं राष्ट्र की आकांक्षा को पूरा करने के लिए एक नये जम्मू कश्मीर का निर्माण शुरू कर दिया है।
कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को 72वां गणतंत्र दिवस मनाया गया और (कश्मीर) घाटी में मुख्य कार्यक्रम ‘शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम’ में आयोजित किया गया।
हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक रिज में राज्य के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली। परेड का नेतृत्व दो नगा रेजीमेंट के परेड कमांडर कैप्टन धीरज सैनी कर रहे थे। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोहों की अवधि संक्षिप्त रखी गई, लेकिन इस अवसर पर उत्साह में कोई कमी नहीं आई। कोलकाता के रेड रोड पर मनोहारी झांकियां देखने को मिली।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पारंपरिक कार्यक्रम में इस बार दर्शकों को आने की अनुमति नहीं थी और कार्यक्रम का समय भी करीब 30 मिनट ही रखा गया था।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति है।
उत्तराखंड में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तिरंगा फहराने के बाद परेड की सलामी ली ।
मुंबई में गणतंत्र दिवस पर अपने संबोधन में महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने कहा कि राज्य ने कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय संकटों का सामना किया लेकिन महा विकास आघाड़ी सरकार ने विभिन्न कदम उठाकर राज्य को इस स्थिति से बाहर निकाल लिया।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रैक्टर रैली निकाली गयी और तमिलनाडु तथा केरल में भी इसी तरह का मार्च किया गया।
तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में कई प्रदर्शनकारियों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली। उन्होंने तख्तियां ले रखी थी जिन पर केंद्र के नये कृषि कानूनों की निंदा करने वाले नारे लिखे थे।
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां मरीना में तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने इस मौके पर वीरता और सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम करने के लिए कई लोगों को मेडल देकर सम्मानित किया।
केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने राज्य में कई स्थानों पर मंगलवार को किसान परेड निकाली और दिल्ली में तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान का लाभ उठाएं और महामारी से बचने के लिए एहतियात बरतना जारी रखें।
कोविड-19 महामारी के बीच दिशानिर्देशों के साथ असम, त्रिपुरा और कर्नाटक में गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया गया।
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने मंगलवार को गुवाहाटी में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि असम सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में 80,000 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराया।
वहीं कर्नाटक में राज्यपाल वजुभाई वाला ने बेंगलुरु में फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 महामारी से निपटने के राज्य सरकार के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘ महामारी के खिलाफ कर्नाटक की लड़ाई प्रशंसनीय है और यहां लोगों को पृथकवास में भेजने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।’’ त्रिपुरा में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल आर के बैस ने अगरतला में असम राइफल्स मैदान में ध्वजारोहण किया। यहां बीएसएफ, सीआरपीएफ, त्रिपुरा पुलिस और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स ने परेड में हिस्सा लिया। वहीं लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का दिल मोह लिया।