नयी दिल्ली, 02 अक्टूबर । कृतज्ञ राष्ट्र ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर मानवता के प्रति संदेश और आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए देश में स्वच्छता आंदोलन को और तेज करने का संकल्प व्यक्त किया और उनके बताये गए मार्ग पर चलने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी समेत अनेक नेताओं ने महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया और नयी पीढ़ी को गांधी से प्रेणना लेने की अपील की।
राजधानी में मुख्य समारोह राजघाट पर हुआ जहां राष्ट्रपति कोविंद, श्री मोदी और श्रीमती सोनिया गांधी समेत कई नेताओं ने वहां जा कर बापू अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पुष्प चक्र भेंट किये। इन नेताओं ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया और विजय घाट पर जा कर उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद सांसदों ने संसद परिसर में श्री गांधी और श्री शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
श्री मोदी के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों ने संसद भवन परिसर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किये।
श्री मोदी और श्री बिरला के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी में बापू की एक प्रतिमा का अनावरण किया और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजपथ के लॉन में स्वच्छता ही सेवा है ‘पलोगरन’ को हर झंडी दिखाई। युवा और खेल मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में ‘फिट इंडिया प्लॉग रन’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान के मद्देनजर लोगों से प्लास्टिक की थैली का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है।
श्री शाह ने हैदरपुर रामलीला मैदान से भाजपा की ‘ गांधी संकल्प यात्रा ’ की शुरुआत करते हुए कहा कि प्लास्टिक हमारे वातावरण और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। उन्होंने लोगों से गांधी जयंती के दिन प्लास्टिक की थैली का उपयोग नहीं करने का प्रण लेने का अनुरोध किया ।
उन्होंने कहा कि एक बार इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक पर रोक लगाने की मुहिम को जन आंदोलन बनाने की जरुरत है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार उपयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक से देश को मुक्त कराने का संकल्प व्यक्त किया है । इस मुहिम को जन आंदोलन बनाने की जिम्मेदारी देश की जनता और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं पर है।
श्री रिजिजू के साथ राजधानी के इन्दिरा गाँधी स्टेडियम में इस अवसर पर प्लॉगर रिपुदमन बल्वी, कई जाने-माने खिलाड़ी, दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के छात्र, डॉक्टर, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा लोकसभा सांसद मनोज तिवारी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने श्री गांधी की जयंती पर ट्वीट कर कहा “गांधी जयंती के दिन बापू को श्रद्धांजलि। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का दिन हम सबके लिए सत्य, अहिंसा, सौहार्द, नैतिकता और सादगी के आदर्शों के प्रति स्वयं को समर्पित करने का है। उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए आज भी प्रासंगिक है। वह सदैव हमारे पथ-प्रदर्शक रहेंगे।”
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए ट्वीट किया, “पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनकी स्मृति को नमन। वे भारत के एक महान पुत्र थे, जिन्होंने हमारे देश की पूरी लगन और समर्पण के साथ सेवा की। उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा और साहसिक नेतृत्व आज भी पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं।”
श्री नायडू ने गांधी जी को याद करते हुए ट्वीट किया, “मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। गांधीजी की स्वतंत्रता, गरिमा और समानता के सिद्धांत समय सीमा तक सीमित नहीं हैं। उनके पास सार्वभौमिक व्यवहारिकता और कालातीत मूल्य थे। सत्य-अहिंसा के सिद्धांतों और राष्ट्र की स्वतंत्रता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, शौर्य और अन्याय की मुखालफत करने की साहस ने उन्हें दुनिया का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ नेता बना दिया।”
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए ट्वीट किया, “ शास्त्री जी ने सार्वजनिक जीवन में सादगी, सत्यनिष्ठा, कर्मठता और नेतृत्व क्षमता के अनुकरणीय मानदंड स्थापित किए। शास्त्री जन भाषा में जन संवाद करते थे, जन भावनाओं को समझते थे। सक्षम प्रशासक के रूप में उन्होंने कड़े निर्णय लिए और उनका सफलतापूर्वक कार्यान्वयन सुनिश्चित किया। उन्होंने जिन नैतिक मूल्यों को स्थापित किया वे आज भी प्रासंगिक हैं और भावी पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय रहेंगे।”