नयी दिल्ली, 12 सितंबर । वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने बुधवार को कहा कि दुनिया में कोई भी देश उस तरह के गंभीर खतरे का सामना नहीं कर रहा है जैसा भारत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि दुश्मनों के इरादे रातोंरात बदल सकते हैं और वायु सेना को उनके स्तर के बल की जरुरत है।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पड़ोसी निष्क्रिय नहीं बैठे हैं और चीन जैसे देश अपनी वायु सेना का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
“‘भारतीय वायु सेना के बल की संरचना, 2035’’ पर एक संगोष्ठी में धनोआ ने कहा कि सरकार भारतीय वायु सेना की क्षमताएं बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमान और एस-400 मिसाइल खरीद रही है।
उन्होंने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित बताते हुए कहा कि इस तरह के खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर विपक्ष द्वारा मचाये जा रहे बवाल के बीच वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत जिस तरह के ‘गंभीर खतरे’ का सामना कर रहा है उसे देखते हुए वायु सेना को राफेल जैसे विमान और रूसी सुरक्षा प्रणाली एस-400 की जरूरत है।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि दुनिया में केवल दो देश दक्षिण कोरिया तथा इजरायल ही अपने-अपने क्षेत्रों में भारत जैसे खतरे का सामना कर रहे हैं लेकिन इन दोनों ने ही अपनी वायु सेना को बेहद मजबूत बना लिया है।
उन्होंने कहा कि देश में ही बना तेजस विमान उस कमी को पूरा नहीं कर सकता जिसका सामना वायु सेना कर रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए राफेल जैसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस विमान की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि समय की जरूरत है कि भारतीय वायु सेना को पडोसी देशों की ताकत को देखते हुए मजबूत बनाया जाना चाहिए। पाकिस्तान और चीन की हवाई ताकत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना को 42 स्क्वैड्रन की जरूरत है लेकिन उसके पास केवल 31 स्क्वैड्रन हैं। पाकिस्तान निरंतर अपनी ताकत बढा रहा है और उसके पास लड़ाकू विमानों के 20 से अधिक स्क्वैड्रन हैं जिनमें उन्नत एफ-16 भी हैं और वह चीन से बडी संख्या में जे-17 विमान हासिल कर रहा है। चीन के पास 1700 से ज्यादा लड़ाकू विमान हैं जिनमें 800 चौथी नयी पीढी के लडाकू विमान हैं।attacknews.in