नयी दिल्ली, तीन दिसंबर ।नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि नौसेना 41 पोत खरीद रही है और उसकी दीर्घकालीन योजना है कि नौसेना के पास तीन विमानवाहक पोत हों।
साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में नौसेना का वार्षिक बजट आवंटन 18 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत पर आ गया है।
एडमिरल सिंह ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में देश को आश्वस्त किया कि नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी और देश की नौसैन्य गतिविधि का हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हम समान विचार वाले देशों के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हैं।”
एडमिरल सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में सात से आठ चीनी पोत आम तौर पर मौजूद रहते हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना की दीर्घकालीन योजना है कि उसके पास तीन विमानवाहक पोत हों। साथ ही कहा कि स्वदेश में विकसित पहला विमानवाहक पोत 2022 तक पूरी तरह परिचालन में आ जाएगा।
एडमिरल सिंह ने देश को भी आश्वस्त किया कि नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि नौसेना की दीर्घकालिक योजना है कि उसके पास तीन विमानवाहक पोत हों।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत का पूर्ण परिचालन 2022 तक शुरू हो जाएगा और उसके पास मिग-29के विमान होगा।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि पिछले पांच वर्षों में नौसेना का वार्षिक बजट आवंटन 18 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत पर आ गया है।
पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी और देश की नौसैन्य गतिविधि का हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हम समान विचार वाले देशों के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हैं।”
एडमिरल सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में सात से आठ चीनी पोत आम तौर पर मौजूद रहते हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिर भूमिका निभा रहा है।
चीनी नौसेना के व्यापक विस्तार के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल सिंह ने कहा कि वे अपनी क्षमता के अनुकूल बढ़ रहे हैं और “हम अपनी क्षमता के हिसाब से चल रहे हैं।”
भारतीय आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते चीनी नौसैनिक पोत: एडमिरल कर्मबीर
नौसेना प्रमुख एडमिरल सिंह ने बताया कि नौसेना ने हाल ही में भारत के जलक्षेत्र में आये चीन के एक नौसैनिक पोत को खदेड़ा था और चीन को साफ शब्दों में बता दिया गया है कि उसके नौसैनिक पोत बिना अनुमति के भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते।
एडमिरल सिंह ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में नौसेना के निरंतर कम होते बजट पर चिंता तो व्यक्त की लेकिन साथ ही कहा कि वह सीमित संसाधनों में संतुलन बनाने की पूरी कोशिश कर रही है जिससे कि नौसेना की क्षमता तथा देश के हितों के साथ कोई समझौता नहीं हो।
नौसेना की विमानवाहक पोत की जरूरत के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा , “ नौसेना प्रमुख के नाते उनका मानना है कि भारत को तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत है जिससे कि दो विमानवाहक पोत हर समय अभियानों तथा तैनाती के लिए तैयार रहें।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नौसेना हिन्द महासागर तथा दक्षिण चीन सागर में चीन तथा पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर पूरी तरह नजर रखे हुए है और वह हर तरह की स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार है।
चीन नौसैनिक पोत की भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस पोत को खदेड़ दिया गया था और हमारा स्पष्ट रूख है कि भारत से पूछे बिना उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में किसी को आने की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर में चीन के 7 से 8 नौसैनिक पोत मौजूद रहते हैं जिनका उद्देश्य अलग अलग होता है। इनमें से कुछ समुद्री डकैतों के खिलाफ अभियान में तैनात रहते हैं तो कुछ जल संबंधी अध्यन और अन्य समुद्री सर्वेक्षण के लिए रहते हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना की गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं लेकिन भारत उसकी गतिविधियों पर निरंतर नजर बनाये रहता है।