नयी दिल्ली 12 दिसंबर । कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया जबकि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बातचीत का दबाव बढ़ाने का प्रयास किया।
किसान संगठनों ने देश में अनेक स्थानों पर टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर वसूली को बाधित किया । किसानों के कई जत्थे अलग-अलग राज्यों से दिल्ली के लिए रवाना हो गए । पंजाब के वकीलों ने दिल्ली आकर किसानों की मांगों का समर्थन किया ।
नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है किसान आंदोलन : शांता कुमार
शिमला,से खबर है कि,हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि दुर्भाग्य की बात है कि लंबी बातचीत, मंत्रियों और प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद भी किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है। आंदोलन का अगला दौर नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है।
उन्होंने सरकार और किसान नेताओं से आग्रह किया है कि बहुत अधिक सावधानी रखी जाए। पालमपुर से आज यहां जारी बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गलत तत्व भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं। कुछ संदिग्ध एनजीओ परोक्ष रूप से करोड़ों की सहायता कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व खेत में काम करने वाले किसान के हाथ में नहीं है। लगभग सभी नेता किन्हीं निहित स्वार्थों के कारण आंदोलन को हवा दे रहे हैं।
किसानों के आंदोलन तेज करने की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए
केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा आंदोलन को और तेज करने तथा जयपुर-दिल्ली एवं दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान बीते 16 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं जिनमें बहुस्तरीय अवरोधक लगाना और पुलिस बल को तैनात करना शामिल है। प्रदर्शन स्थलों पर यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इस लिहाज से भी कुछ उपाय किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर अपने कर्मियों को तैनात किया है ताकि आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशान नहीं हो। इसके अतिरिक्त ट्विटर के जरिए लोगों को खुले एवं बंद मार्गों की भी जानकारी दी जा रही है।
दरअसल किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन का सरकार का प्रस्ताव बुधवार को खारिज कर दिया था, इसके साथ ही जयपुर-दिल्ली तथा यमुना एक्सप्रेसवे को शनिवार को अवरुद्ध करके अपने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की थी।
यातायात पुलिस ने शनिवार को यात्रियों को ट्वीट कर सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी और मंगेश सीमाओं के बंद होने की जानकारी दी। लोगों को लामपुर, सफियाबाद, साबोली और सिंघू स्कूल टोल टैक्स सीमाओं से आनेजाने की सलाह दी गई है।
यातायात पुलिस ने कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से मार्ग बदला गया है अत: लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर जाने से बचना चाहिए।
इसमें यह भी कहा गया कि किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा एवं गाजियाबाद से यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर सीमाओं को बंद किया गया है अत: दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा एवं भोपरा सीमाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
यातायात पुलिस ने ट्वीट करके बताया कि टिकरी और धानसा सीमाएं भी यातायात के लिए बंद हैं हालांकि झाटीकरा सीमा दो पहिया वाहनों एवं पैदल यात्रियों के लिए खुली है।
इसमें हरियाणा की ओर जाने वाले लोगों को झारोडा, दौराला, कापसहेड़ा, बडुसराय, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/बाजघेड़ा, पालम विमार और डूंडाहेड़ा सीमाओं से जाने को कहा गया है।
किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा भी की थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो देशभर में रेल मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जाएगा और इसके लिए जल्द तारीख घोषित की जाएगी।
सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच चरण की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद गत बुधवार प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता निरस्त कर दी गई थी।