नयी दिल्ली, 06 अप्रैल । मशहूर फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा शनिवार को भारतीय जनता पार्टी छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गये और पार्टी ने उन्हें बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पिछले चुनाव में वह इसी सीट से भाजपा के टिकट पर जीते थे।
श्री सिन्हा ने शनिवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला, पार्टी के बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा की मौजूदगी में कांग्रेस की औपचारिक सदसयता ग्रहण की।
इस मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी में सिर्फ एक व्यक्ति की ‘तानाशाही’ चल रही है जो किसी और की बात नहीं सुनते हैं इसलिए उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया।
श्री सिन्हा ने कहा कि भाजपा में उन्होंने नानाजी देशमुख जैसे प्रखर राजनीतिज्ञ से राजनीति सीखी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेता के साथ काम किया। भाजपा जिन लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंतसिंह, यशवंत सिन्हा जैसे दिग्गजों के मार्गदर्शन में आगे बढी आज उन्हीं सब बड़े नेताओं को निष्क्रिय मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया है।
अभिनेता ने कहा कि भाजपा में उन्होंने पिछले पांच साल के दौरान बड़े बदलाव देखे हैं। एक व्यक्ति के कारण यह पार्टी लोकशाही से तानाशाही में परिवतित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति किसी की सुनने को तैयार ही नहीं हैं। उन्हें जो भी सलाह दी जाती है उसे सुनने के बजाय वह सलाह देने वाले को बागी मानने लगते हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने दावा किया कि भाजपा में लोकतंत्र को तानाशाही बदल दिया गया जिसकी वजह से उन्हें इस पार्टी से अलग होना पड़ा।
सिन्हा यह भी कहा कि वह उस कांग्रेस में शामिल हुए हैं जिसका देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘देश का भविष्य’ करार देते हुए कहा कि गांधी एक बहुआयामी और दूरदर्शी नेता के तौर पर सामने आए हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा में मेरी परवरिश हुई। धीरे धीरे मैं आगे बढ़ता गया। बाद में परिवर्तन शुरू हुआ, लेकिन वह परिवर्तन अच्छा नहीं था। धीरे धीरे भाजपा में लोकतंत्र तानाशाही में बदल गया।’ उन्होंने कहा कि बड़े महारथियों को मार्गदर्शकमण्डल में डाल दिया जिसकी कोई बैठक नहीं हुई। यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन और अरुण शौरी के साथ क्या किया गया, सबको पता है।
सिन्हा ने कहा कि आज तक उनके ऊपर किसी तरह आरोप खासकर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। इसके बावजूद उनसे दूरी बनाई गई।
नोटबन्दी और जीएसटी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘100 स्मार्ट सिटी का वादा किया लेकिन एक भी स्मार्ट नहीं दिखा सकते। मैंने देश हित की बात की थी। कभी राफेल या किसी दूसरे मामले में कमीशन नहीं मांगा। कोई डील नहीं की।’ उन्होंने दावा किया कि ‘वन मैन शो’ और ‘टू मैन आर्मी’ वालों के पैमाने पर जो खरा नहीं उतरा उसे किनारे लगा देते हैं। अब तो आडवाणी जी को भी ब्लॉग लिखना पड़ा।
सिन्हा ने कहा, ‘पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगा कि प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने की जगह अगर विकास पर ध्यान दिया होता बहुत कुछ हो जाता।’ उन्होंने कहा, ‘ मैं राहुल जी से सहमत हूँ कि नोटबन्दी सबसे बड़ा घोटाला है।’ सिन्हा ने यह भी कहा कि उन्हें लालू प्रसाद का भी सहयोग मिला। मैं उनका आभारी हूं।
क्षेत्र में निष्क्रिय सांसद रहे हैं शत्रुघ्न सिन्हा:
भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शनिवार को शामिल हुए लोकसभा सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा पिछले पांच साल के दौरान संसद में लगभग निष्क्रिय रहे लेकिन इस अवधि में उन्होंने अपनी सांसद निधि का पूरा इस्तेमाल किया।
श्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में पोत परिवहन मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे श्री सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के कारण आरंभ से ही बगावती तेवर अपना लिए थे। पिछले पांच साल में उन्होंने श्री मोदी और उनकी सरकार की जमकर आलोचनायें की और आरोप लगाते रहे कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अब श्री मोदी की जेबी पार्टी बन गयी है।
कांग्रेस ने आज ही भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा बिहार के पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी मुकुल वासनिक ने शनिवार को इसके साथ ही चार और लोकसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी की। इन्हें मिलाकर पार्टी अब तक लोकसभा चुनाव के लिए अपने 377 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है।
कांग्रेस का मंच और शत्रुघ्न की जुबां पर भाजपा का ही नाम आता है:
करीब ढाई दशक तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में रहे फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की जुबान पर शनिवार को कांग्रेस में शामिल होते समय भी भाजपा का नाम था। उन्होंने कई बार भाजपा का उल्लेख किया और इस दौरान ऐसा भी मौका आया जब उन्होंने कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल को भी भाजपा नेता कह दिया।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “बिहार में भाजपा को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले भाई शक्तिसिंह गोहिल का आभार।”
इसी दौरान कुछ पत्रकारों ने उन्हें टोका तो खुद को संभालते हुए उन्होंने अपने अंदाज में कहा, “भाजपा का नाम थोड़ा आएगा ही। भाजपा का आज 39वां स्थापना दिवस है। मुझे लगता है कि आप यह समझने के लिए काफी परिपक्व हैं कि मैंने ये सब जानबूझकर नहीं कहा। अभी तो मैं कांग्रेस का नया खिलाड़ी बना हूं।”
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