मुंबई 30 अप्रैल । बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर को अपना छोटा भाई मानते थे और उनके निधन से वह ‘टूट’ गए हैं।
ऋषि कपूर की निधन से पूरा बॉलीवुड सन्न है। उनकी निधन की सूचना पर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने साथी अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अमिताभ ने अपने ट्वीट में भावुकता भरे शब्दों में लिखा , “वो गया। ऋषि कपूर गये। अभी उनका निधन हुआ। मैं टूट गया हूं।”
ऋषि कपूर के जाने पर अमिताभ के इस दुख को इस तरह भी समझा जा सकता है कि दोनों का रिश्ता काफी पुराना था और दोनों ने ही साथ में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया था।
वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म कभी कभी में सबसे पहले ऋषि कपूर ने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ऋषि कपूर का रोल काफी छोटा था लेकिन इसे काफी पसंद किया गया। इसके बाद वर्ष 1977 में प्रदर्शित मनमोहन देसाई की सुपरहिट फिल्म ‘अमर अकबर ऐंथनी’ में ऋषि कपूर ने अमिताभ के छोटे भाई अकबर इलाहबादी का किरदार निभाया था जिसे काफी पसंद किया गया था। इसके बाद ऋषि और अमिताभ ने वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म ‘नसीब’ वर्ष 1983 में फिल्म ‘कुली’ और वर्ष 1991 में फिल्म ‘अजूबा’ में काम किया था।
ऋषि कपूर और अमिताभ बच्चन ने लगभग 27 साल बाद एक बार फिर सिल्वर स्क्रीन पर साथ वापसी की। यह फिल्म थी ‘102 नॉट आउट’। फिल्म में अमिताभ और ऋषि कपूर दोनों ही बूढ़े लोगों के किरदार में थे और ऋषि पहली बार अमिताभ बच्चन के बेटे की भूमिका में दिखाई दिए। फिल्म में अमिताभ और ऋषि की जुगलबंदी को काफी पसंद किया गया और क्रिटिक्स की काफी सराहना मिली।
ऋषि कपूर को पसंद थी बिरयानी-कबाब : आशा भोसले
बॉलीवुड की दिग्गज पार्श्वगायिका आशा भोंसले, ऋषि कपूर के निधन से बेहद मर्माहत है और उनका कहना है कि वह उनकी आखिरी इच्छा पूरी नहीं कर सकी।
ऋषि कपूर के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर फैल गयी है। आशा भोंसले भी ऋषि कपूर के निधन से बेहद दुखी है। उन्होंने बताया कि उन्हें बेहद दुख है कि वह ऋषि कपूर की आखिरी इच्छा को पूरी नहीं कर पाईं। उन्होंने बताया कि ऋषि कपूर को उनका बनाया हुआ खाना काफी पसंद था। ऋषि ने निधन से पहले आशा भोंसले बातचीत में उनके हाथ का खाना खाने की इच्छा जताई थी।
आशा भोंसले ने कहा, “मैं बचपन से कपूर खानदान से जुड़ी हुई हूं। एक बार मैं उनके घर अकेले खाना खाने गई थी। ऋषि कपूर के साथ मेरे गहरे संबंध थे। मेरे हाथ का खाना उन्हें काफी पसंद था। वे हमेशा फोन पर बात करते थे। कहते थे कब बुला रही हो मैं खाना खाने आऊंगा। मुझे बहुत दुख है उनके जाने का। ऋषि घुल मिल जाते थे। कहीं भी मिलने पर बात करते थे। जब भी फोन कर बुलाती थी वे आते थे। कभी ये नहीं कहा मैं ऋषि कपूर हूं क्यों बुला रही हो। ऋषि कपूर में काफी इंसानियत थी। वे काफी हंसते हंसाते थे। उनके चेहरे पर हंसी रहती थी। मुझे उनका गाना ‘हमने तुमको देखा तुमने हमने देखा’ सबसे पसंद था. उनके हर गाने अच्छे थे।”
सुश्री भोंसले ने कहा, एक्सप्रेशन उनकी आंखों में आते थे। उन्होंने बढ़िया काम किया था। अभी खाना बनाते वक्त मुझे काफी दुख हो रहा था कि मैं उन्हें खिला नहीं पाई। वे मेरे हाथ की बिरयानी, कबाब, दाल काफी पसंद करते थे।