नईदिल्ली 1 अप्रैल ।केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज 51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के नाम का ऐलान किया।
वर्ष 2019 का पुरस्कार दिग्गज अभिनेता श्री रजनीकांत को दिया जाएगा।इसे 3 मई को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि साल 2019 का दादा साहेब फाल्के
अवॉर्ड भारतीय सिनेमा के इतिहास के महान एक्टर्स में से एक रजनीकांत जी को दिया जा रहा है।
बतौर एक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर उनका योगदान आइकॉनिक रहा है।
उन्होंने जूरी आशा भोसले, सुभाष घई, मोहनलाल, शंकर महादेवन और बिस्वजीत चटर्जी को भी धन्यवाद दिया।
नई दिल्ली में पुरस्कार की घोषणा करते हुए, मंत्री ने कहा कि चुनाव सर्वसम्मति से जूरी के सदस्यों द्वारा किय गया था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। जूरी में पांच सदस्य शामिल थे।
सुश्री आशा भोसले
श्री मोहनलाल
श्री बिस्वजीत चटर्जी
श्री शंकर महादेवन
श्री सुभाष घई
श्री रजनीकांत की उपलब्धियों पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि वह एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं जिन्होंने पचास वर्षों से भारतीयों के दिलों पर राज किया है।
मंत्री ने इस उपलब्धि पर दिग्गज अभिनेता को बधाई दी।
अभिनेता रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब छह अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। रजनीकांत (70) तमिलनाडु में रहते हैं और वहां बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत को बधाई देते हुए सिनेमा में योगदान के लिए उनकी सराहना की।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘कई पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय, ऐसा शानदार काम करने वाले जो बहुत कम लोग ही कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं करने वाले और एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी… ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें बधाई।’’
रजनीकांत ने मोदी के ट्वीट का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘माननीय एवं प्रिय नरेंद्र मोदी जी, मैं आपकी शुभकामनाओं और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए बहुत आभारी हूं और बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं आपका और भारत सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’’
अभिनेता ने यह पुरस्कार उनकी यात्रा में भागीदार बने लोगों को समर्पित किया।
रजनीकांत ने ट्वीट किया, ‘‘ मुझे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिहाज से चुने जाने के लिए मैं भारत सरकार, माननीय एवं प्रिय नरेंद्र मोदी दी, प्रकाश जावड़ेकर जी और ज्यूरी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं मेरी यात्रा का हिस्सा रहे लोगों को यह पुरस्कार समर्पित करता हूं। ईश्वर का धन्यवाद।’’
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह घोषणा किए जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह फिल्म जगत से जुड़ा पुरस्कार है और रजनीकांत 50 साल से काम कर रहे हैं… उचित सवाल पूछा जाना चाहिए।’’
जावड़ेकर ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘मुझे भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे महान अभिनेताओं में शामिल रजनीकांत जी को 2019 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। अभिनेता, निर्माता एवं पटकथा लेखक के तौर पर उनका योगदान अतुलनीय है।’’
जावड़ेकर ने कहा कि उनकी सबसे पसंदीदा रजनीकांत अभिनीत फिल्म 1992 में आई तमिल फिल्म ‘अन्नामलाई’ है।
रजनीकांत ने अपने ट्विटर पेज पर अपने कॅरियर में योगदान देने वाले लोगों को याद किया।
उन्होंने अपने दोस्त राज बहादुर, बड़े भाई सत्यनारायण राव और उन्हें मशहूर अभिनेता रजनी बनाने वाले अन्य लोगों को यह पुरस्कार समर्पित किया।
रजनीकांत ने लिखा, ‘‘मैं यह पुरस्कार अपने दोस्त और बस चालक राज बहादुर को समर्पित करता हूं जिन्होंने मेरी अभिनय प्रतिभा को देखा और मुझे प्रोत्साहित किया, मेरे बड़े भाई सत्यनारायण राव गायकवाड़ को समर्पित करता हूं जिन्होंने गरीबी से संघर्ष करते हुए मुझे अभिनेता बनाने के लिए बहुत बलिदान दिये और मेरे गुरु के. बालाचंद्र को समर्पित करता हूं जिन्होंने इस रजनीकांत को बनाया।’’
रजनीकांत को यह पुरस्कार दिये जाने की घोषणा के बाद उनके समकालीन अभिनेता और मित्र कमल हासन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी।
पलानीस्वामी ने फोन पर रजनीकांत को बधाई देते हुए कहा कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार फिल्म जगत में उनके कड़े परिश्रम को रेखांकित करता है।
कलम हासन ने कहा कि यह सर्वोच्च पुरस्कार रजनीकांत को मिलना एकदम सही है वहीं स्टालिन ने कहा कि उन्हें देरी से सम्मानित किया जा रहा है लेकिन यह स्वागत योग्य कदम है।
रजनीकांत ने पिछले साल दिसंबर में चुनावी राजनीति में उतरने की योजनाओं को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे।
रजनीकांत ने 1975 में तमिल फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने ‘बिल्लू’, ‘मुथु’, ‘बाशहा’, ‘शिवाजी‘ और ‘एंथीरन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
उन्होंने ‘हम’, ‘अंधा कानून’, ‘भगवान दादा’, ‘आतंक ही आतंक’ और ‘चालबाज’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया।
गौरतलब है कि भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के के नाम पर भारत सरकार ने 1969 में यह पुरस्कार शुरू किया था और इसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार कहा जाता है। वर्ष 2018 का फाल्के पुरस्कर अभिनेता अमिताभ बच्चन को दिया गया था।