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जज मधुसूदन शर्मा का आदेश: आसाराम का अपराध घिनौना है, वो जब तक जिंदा है,जेल में ही रहना होगा Attack News

जोधपुर 25 अप्रेल। जोधपुर की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अदालत ने स्वघोषित आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू के खिलाफ वर्ष 2013 में राजस्थान स्थित उनके आश्रम में एक नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इस मामले में फैसला एससी/एसटी मामलों के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सुनाया। आसाराम इसी जेल में बंद है।

आसाराम को रियायत देने से इनकार करते हुए जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, वो जब तक जिंदा है तब तक उसे जेल में ही रहना होगा।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी। वह करीब 10 मिनट तक कुर्सी पर बैठा रहा। सजा सुनाए जाने के बाद उसे बैरक-2 में ले जाया गया।

जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, अन्य दोषी शिल्पी और शरदचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। जबकि अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया।

अदालत ने पॉक्सो और एससी-एसटी ऐक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया।

आसाराम की तमाम दलीलें नही आई काम

आसाराम के वकीलों ने सजा कम करवाने के लिए तमाम दलीलें दीं, लेकिन वह काम न आईं।

एससी-एसटी कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत में आसाराम के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम की आयु फिलहाल 78 वर्ष के करीब है। अपराध के दौरान उनकी आयु 74 वर्ष थी। ऐसे में उनके वकीलों का कहना था कि आसाराम की आयु काफी अधिक है और इसके मद्देनजर उन्हें 10 वर्ष से कम की सजा दी जानी चाहिए।

हालांकि पीडि़ता के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा जाए। लेकिन, लंच के बाद दोबारा शुरू हुई अदालत की कार्यवाही में विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद आसाराम का आजीवन कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी करार दिए गए शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 की सजा सुनाई गई।

आसाराम की सजा के ऐलान के बाद उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, मीडिया ट्रायल के बाद उन्होंने (आसाराम ने) इतने झटके खा लिए हैं कि अब झटके भी उनसे झटकने लगे हैं।

उन्होंने कहा, हमारी लीगल टीम ने अब तक फैसले का अध्ययन नहीं किया है। टीम के अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

आपको बता दें कि 1660 दिन आसाराम जेल में बिता चुका हैं और इस मामले में 1470 दिनों तक ट्रायल चला। 12 बार अदालतों से उनकी जमानत याचिका को खारिज किया जा चुका है। 6 बार ट्रायल कोर्ट, तीन बार हाई कोर्ट और 3 बार सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। 30 से ज्यादा नामी वकीलों ने आसाराम के लिए पैरवी की, लेकिन कोई भी जमानत नहीं दिला सका।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। किशोरी ने उन पर जोधपुर आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पीडि़ता मध्य प्रदेश के उनके छिंदवाड़ा आश्रम में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया था। तब से वह जोधपुर केंद्रीय कारागार में बंद हैं। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

घटनाक्रम:

जोधपुर की एक अदालत ने एक नाबालिग के साथ बलात्कार के 2013 के एक मामले में स्वयंभू बाबा आसाराम को आज दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी। इस मामले में अब तक का घटनाक्रम इस प्रकार हैं :-

एक सितंबर 2013 – एक नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में जोधपुर पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पीड़ित के अभिभावकों ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करायी थी।

छह नवंबर 2013– जोधपुर पुलिस ने आसाराम औैर चार सह आरोपियों के खिलाफ पोक्सो कानून , किशोर न्याय कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया।

सात फरवरी 2014 – जोधपुर की एक अदालत ने दुष्कर्म , आपराधिक षडयंत्र और अन्य अपराधों के लिए आसाराम के खिलाफ आरोप तय किए।

11 अगस्त 2016 – उच्चतम न्यायालय ने आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इंकार किया , आसाराम के स्वास्थ्य की जांच के लिए एम्स को मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया।

सात अप्रैल 2018 – मामले में अंतिम दलीलें पूरी हो गयीं और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

17 अप्रैल 2018 – राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुनवाई अदालत को आदेश दिया कि वह अपना फैसला जोधपुर केंद्रीय कारागार के अंदर सुनाए ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़े।

25 अप्रैल 2018 – अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी।attacknews.in

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