जोधपुर , 25 अप्रैल । जोधपुर अदालत ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आज दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई । एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है।
नाबालिग से रेप मामले में आसाराम बापू पर फैसला सुनाया गया । इस मामले में आसाराम दोषी करार हुआ । आसाराम समेत 5 में से तीन आरोपियों को भी दोषी करार दिया गया । दो सह आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई । इससे पहले आसाराम की उम्र का हवाला देकर उसके वकीलों ने कम सजा की मांग की थी। उधर पीड़िता ने भी मुआवजे के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी।
आसाराम की तरफ से 14 वकीलों की फौज कोर्ट में बहस कर रही थी। हालांकि बचाव पक्ष की तमाम दलीलों के बाद भी कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई । आसाराम के साथ इस मामले में सह आरोपी शिल्पी और शरतचंद को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है।
पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया था।
आसाराम को दोषी करार दिये जाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि, ‘आसाराम दोषी करार दिए गए। हमें इंसाफ मिला है। इस लड़ाई में हमारा साथ देने वाले सभी लोगों को हम धन्यवाद करते हैं।’
वहीं आसाराम की प्रवक्ता ने कहा कि हम आगे की कार्रवाई के लिए अपने लीगल टीम से चर्चा कर रहे हैं, हमें अपनी न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम बापू पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए गए थे। जिस समय पीड़िता आश्रम में रह रही थी, वह 16 साल की थी।
दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। आसाराम पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
सीधी कार्यवाही की झलक:
-आसाराम को उम्र कैद की सजा।
-जज मधुसूदन शर्मा ने नाबालिग से रेप के आरोपी आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है
-मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सजा सुनते ही आसाराम अपना सिर पकड़कर रोने लगा। आसाराम के साथ इस मामले में सह आरोपी शिल्पी और शरतचंद को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है।
– फैसला सुन आसाराम की तबियत बिगड़ने की बात सामने आने लगी । एहतियातन तौर पर जेल परिसर में एम्बुलेंस मंगवाई गई। एम्बुलेंस जेल परिसर में पहुंच गई
यौन उत्पीड़न , मुख्यतौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया। 77 वर्षीय आसाराम यहां चार से अधिक वर्षों से बंद हैं।
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी करार दिया और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया।
कड़ी सुरक्षा के बीच जेल परिसर में सजा की अवधि पर जिरह जारी रही थी ।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।
आसाराम और शिव , शिल्पी , शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम , किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था।
पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी।
फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला।’’
उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा।
फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी जहां पहले से निषेधाज्ञा लागू है।
कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था। तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल अगस्त में बलात्कार के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया। उस समय हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे।
अदालत ने वर्ष 2002 के बलात्कार के एक मामले में रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।
आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था।
आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है।
आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था।
आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की , जिसे छह बार निचली अदालत ने , तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।attacknews.in