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मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का ऐसा रहा शिक्षक से लेकर राजनीति तक का सफर Attack News

नईदिल्ली 19 जनवरी। गुजरात की पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का राज्‍यपाल बनाया गया है. आनंदी पटेल को ओम प्रकाश कोहली की जगह पर मध्‍य प्रदेश का राज्‍यपाल बनाया गया है. ओपी कोहली गुजरात के राज्‍यपाल हैं. उनके पास मध्‍य प्रदेश का अतिरिक्‍त भार था. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्‍यमंत्री बनाया गया था.

वह गुजरात की पहली महिला मुख्‍यमंत्री थीं. साल 2016 में उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था. बताया जाता है कि पाटीदार आंदोलन और दलित प्रदर्शन को संभालने में नाकाम रहने के चलते उन्‍हें कुर्सी गंवानी पड़ी. मुख्‍यमंत्री बनने से पहले वह 2002 से 2007 तक गुजरात की शिक्षा मंत्री थी.

जानकारी के अनुसार हाल में हुए गुजरात के विधानसभा चुनाव के दौरान जब आनंदी बेन पटेल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था तभी से उन्‍हें कोई और पद दिए जाने की सुगबुगाहट थी. इसी फैसले के तहत अब आनंदी बेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है.

Anandiben Patel becomes the governor of #MadhyaPradesh (file pic) pic.twitter.com/3TfpfyWQQg

— ANI (@ANI) January 19, 2018

जीवन परिचय:

आनंदीबेन पटेल का जन्म मेहसाणा जिले के विजापुर तालुका के खरोद गांव में, 21 नवम्बर 1941 को हुआ था।उनका पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। उनके पिता जेठाभाई पटेल एक गांधीवादी नेता थे। उन्हें कई बार लोगों ने गाँव से निकाल दिया था क्योंकि वह ऊंच-नीच और जातीय भेदभाव को मिटाने की बात करते थे। आनंदी के ऊपर अपने पिता का भरपूर प्रभाव पड़ा। उनके आदर्श भी उनके पिता हीं हैं। उस समय जब कोई लड़कियों को स्कूल नहीं भेजता था उन्होंने मम्मी को हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया। उन्हीं की तरह आनंदीबेन भी किसी में भेदभाव नहीं रखती और पैसे खाने वाले और चापलूस लोगों को अपने करीब नहीं आने देतीं। उन्होंने कन्या विद्यालय में चतुर्थ कक्षा तक की पढ़ाई की। तत्पश्चात उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ब्याज स्कूल में भर्ती कराया गया, जहां 700 लड़कों के बीच वे अकेले लड़की थीं। आठवीं कक्षा में उनका दाखिला विसनगर के नूतन सर्व विद्यालय में कराया गया। विद्यालीय शिक्षा के दौरान एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें “बीर वाला” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वर्ष 1960 में उन्होंने विसनगर के भीलवाई कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां पूरे कॉलेज में प्रथम वर्ष विज्ञान में वे एकमात्र लड़की थी। उन्होंने यहाँ से विज्ञान स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक करने के बाद उन्होने पहली नौकरी के रूप में महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित महिला विकास गृह में शामिल हो गईं, जहां उन्होने 50 से अधिक विधवाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की।

वे अपने पति मफ़तलाल पटेल के साथ 1965 में अहमदाबाद आ गईं, जहां उन्होने विज्ञान विषय के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा क्षेत्र में अभिरुचि के कारण उन्होने यही से एम॰एड॰ की भी पढ़ाई पूरी की और 1970 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में अहमदाबाद के मोहनीबा कन्या विद्यालय में अध्यापन कार्य में संलग्न हो गईं। वे इस विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या रह चुकी हैं।

आनंदीबेन शाकाहारी हैं। उन्हें पक्षियों से बहुत लगाव है और बागवानी में अपना समय बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। वे एक मितव्ययी जीवन शैली को अपनाती हैं तथा जबरदस्त प्रशासनिक दक्षता के लिए जानी जाती हैं। वे एक निडर नेता हैं और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने से कभी पीछे नहीं हटतीं। वे बाहर से जितनी सख़्त हैं उतनी ही अंदर से सरल भी। वे स्थानीय सरकारी अधिकारियों से मिलने और कार्यों के निष्पादन के उद्देश्य से गुजरात राज्य भर में बड़े पैमाने पर यात्रा की हैं। उनके दो बच्चे क्रमश: संजय पटेल (बेटा) और अनार पटेल (बेटी) है।

राजनीतिक सफर:

सन् 1988 में आनंदीबेन भाजपा में शामिल हुई। पहली बार वे उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने अकाल पंडितों के लिए न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वर्ष 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने जब बगावत की थी, तो उस कठिन दौर में वे मोदी के साथ पार्टी के लिए काम किया। इसी समय मोदी के साथ उनकी नज़दीकियाँ बढ़ी। 1998 में कैबिनेट में आने के बाद से उन्होने शिक्षा और महिला एवं बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों का जिम्मा सँभाला। उन्हे वर्ष 1987 में “वीरता पुरस्कार” से भी नवाजा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि, एक छात्रा को डूबने से बचाने के लिए वे खुद झील में कूद गई थीं। बतौर शहरी विकास और राजस्व मंत्री उन्होने ई-जमीन कार्यक्रम, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली की आशंका को कम कर दिया। उनकी इस योजना से गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण सफल हुआ।

गुजरात राज्य की कई और नीतियां, जिनके लिए मोदी ने वाहवाही लूटी है, उनके पीछे आनंदीबेन ही हैं। फिर चाहे वह ई-ज़मीन कार्यक्रम हो, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली को रोकने की बात हो, या फिर गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण कर देने की बात हो।attacknews.in

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेहद करीबी आनंदीबेन उनके भारत के प्ररधानमंत्री बन जाने के बाद गुजरात की नई मुख्यमंत्रीी बनने की रेस में सबसे आगे रहीं। नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नरेंद्र मोदी की करीबी उन्हें गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। वे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। १ अगस्त २०१६ को आनंदीबेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

वे 1998 से 2007 तक गुजरात सरकार में काबीना मंत्री के तौर पर शिक्षा मंत्रालय, उच्च और तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां और 2007 से 2014 में मुख्यमंत्री बनने तक वे सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, महिला एवं बाल कल्याण, आपदा प्रबंधन और राजस्व मंत्री का कार्य संभालती रहीं।

उपलब्धियाँ/सम्मान/पुरस्कार संपादित करें

सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (1989)

गुजरात में सबसे बेहतर शिक्षक के लिए राज्यपाल पुरस्कार (1988)

पटेल जागृति मंडल मुम्बई द्वारा ‘सरदार पटेल’ पुरस्कार (1999)

पटेल समुदाय द्वारा ‘पाटीदार शिरोमणि’ अलंकरण (2005)

महिलाओं के उत्थान अभियान के लिए धरती विकास मंडल द्वारा विशेष सम्मान

महेसाणा जिला स्कूल खेल आयोजन में पहली रैंकिंग के लिए ‘बीर वाला’ पुरस्कार

श्री तपोधन ब्रह्म विकास मंडल द्वारा ‘विद्या गौरव’ पुरस्कार (2000)

1994 में उन्होंने बिजिंग में चतुर्थ विश्व महिला सम्मेलन में भारत का नेतृत्व किया।

मालूम हो कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि उन्होंने अपने निजी कारणों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

इसके अलावा उन्होंने हालिया गुजरात विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. वहीं, आनंदीबेन के बाद विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद हालिया विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने रूपाणी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया था.attacknews.in

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