नईदिल्ली 30 अक्टूबर।सर्वोच्च न्यायालय ने आधार को मोबाइल फोन से जोड़ने को अनिवार्य करने को चुनौती देती एक याचिका के संबंध में सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने जवाब देने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की ममता बैनर्जी सरकार को भी राज्य के श्रम विभाग द्वारा सब्सिडी देने के लिए आधार को जोड़ने को चुनौती देती अपनी याचिका में संशोधन करने के लिए समय दिया है।
अदालत ने पूछा कि कोई राज्य सरकार केंद्र द्वारा पारित कानून को चुनौती कैसे दे सकती है? न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘व्यक्तिगत तौर पर’ या एक ‘नागरिक’ के रूप में आधार कानून को चुनौती दे सकती हैं। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह से केंद्र सरकार राज्यों द्वारा पारित कानूनों को चुनौती देना शुरू कर देगा।
इससे पहले केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को उनसे जोड़ने की अनिवार्यता की तिथि बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दी गई है। यह प्रावधान उनके लिए किया गया है जिनके पास अभी भी 12 डिजिट की बायोमीट्रिक पहचान संख्या आधार नहीं है। केन्द्र ने कहा कि यह समय विस्तार सिर्फ उनके लिए है जिनके पास आधार नंबर नहीं है और जो इसके लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं।