कुशीनगर 10 जून। उत्तर प्रदेश्स में कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र की 77 ग्राम पंचायतों में से 71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया है तथा छह निर्माणाधीन हैं, लेकिन इन सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित नहीं किए जाने से इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। इन सामुदायिक शौचालयों में एक साल से ताला लटक रहा है।
नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक में ग्राम पंचायत व राजस्व गांव मिलाकर कुल 77 ग्राम सभाएं हैं। उनमें राज्य वित्त, चौदहवें वित्त और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 77 गांवों में सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं, जिसमें 42 ग्राम पंचायतों में दो सीट वाले शौचालय और स्नानागार तीन लाख 85 हजार रुपये की लागत से तो 29 ग्राम पंचायतों में चार सीट वाले शौचालय व स्नानागार पांच लाख 71 हजार रुपये की लागत से बन रहे हैं।
71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष हो गए हैं। इन पर तीन करोड़ 27 लाख 29 हजार रुपये खर्च होने के बाद भी इनमें लगभग एक वर्ष से ताले लटक रहे हैं।
इन शौचालयों की देख रेख के लिए प्रदेश सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक गांवों मे संचालित स्वयं सहायता समूह जो सक्रिय हों और सामाजिक कार्य कर रहे हों, उन्हें आवंटित कर देना है।
समूह को ग्राम सभा की तरफ से रखरखाव के लिए छह हजार रुपये और किट के लिए तीन हजार रुपये दिये जाने हैं।
ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदन के बाद भी समूहों को शौचालय हस्तांतरित नहीं किया जा सका है।पिछले वर्ष 25 दिसंबर को ब्लॉक मुख्यालय पर हुए एक कार्यक्रम में पहुंचे जिलास्तरीय अधिकारी के दबाव में आनन फानन में नौ शौचालयों को सिर्फ कागजों हस्तांतरित कर दिया गया था।
एक वर्ष बीतने के बाद भी ग्राम पंचायत सचिवों और एडीओ पंचायत के रुचि न लेने से शौचालय में ताले लटक रहे हैं। एडीओ पंचायत नंदलाल सिंह का कहना है कि जो शौचालय पूर्ण हैं उन्हें समूहों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना महामारी के चलते कार्य प्रभावित था। जल्द ही सभी शौचालय हस्तांतरित करा दिया जाएंगे।