नई दिल्ल 30 मार्च । सरकार ने विभिन्न उद्योगों में नव नियुक्त श्रमिकों के भविष्य निधि कोष में नियोक्ता के हिस्से का पूरा योगदान तीन साल तक खुद करने की योजना को आज मंजूरी दे दी। यह योगदान मूल वेतन का 12 प्रतिशत होगा और उम्मीद है कि इससे एक करोड़ नौकरियां सृजित करने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके तहत उद्योगों में नये भर्ती किए गए श्रमिकों के भविष्य निधि कोष में नियोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले पूरे 12 प्रतिशत अंशदान का बोझ पहले तीन साल तक सरकार उठाएगी।उम्मीद है कि इससे नियोक्ता नयी भर्तियों के लिए प्रोत्साहित होंगे।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने आज यहां निर्णय की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी सरकार रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2016 में लागू की गयी योजना के तहत पेंशन मद में नियोक्ताओं की तरफ से किए जाने वाले 8.33 प्रतिशतराशि का भुगतान सरकार करती है। हमने योजना को विस्तृत किया है। यह निर्णय लिया गया है कि परिधान, वस्त्र एवं कपड़ा क्षेत्र में पूरे 12 प्रतिशत अंशदान का वहन सरकार करेगी।’
उन्होंने कहा कि अगस्त 2016 में शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना से पहले ही 30 लाख कामगार लाभान्वित हो चुके हैं। गंगवार ने कहा, ‘हमें लगता है कि सरकार के निर्णय से एक करोड़ नौकरियां सृजित करने में मदद मिलेगी। हम इस योजना के लिए बजट प्रावधान को बढ़ाकर 6,500-10,000 करोड़ रुपये तक करेंगे।’
इस योजना के तहत वैसे कर्मचारी आते हैं जिन्होंने एक अप्रैल 2016 के बाद रोजगार पाया है और उनका वेतन 15 हजार रुपये प्रति महीने तक है।attacknews.in