Video:छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियो द्वारा ही मुस्लिम वोटरों को पक्का करने के लिए हिंदू धर्म सभा का आयोजन करके कालीचरण महाराज को षड्यंत्र से फंसा दिया;राहुल गांधी भी इसमें शामिल attacknews.in

लखनऊ 31 दिसम्बर । इस्लाम त्याग कर हिंदू धर्म ग्रहण कर वसीम रिजवी से जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी बनने के बाद हिंदुत्व पर अपने विचार रखने के साथ आज एक वीडियो जारी करते हुए संत कालीचरण महाराज के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा षड्यंत्र कर फंसाने का रहस्योद्घाटन करते हुए कांग्रेस पार्टी पर हिंदुओं को बदनाम करने और मुसलमानों का वोट बैंक सुरक्षित रखने का आरोप लगाया है।

श्री त्यागी ने बताया कि,छत्तीसगढ़ में धर्म सभा का आयोजन कांग्रेस पार्टी द्वारा ही किया गया और महात्मा गांधी पर टिप्पणी के कालीचरण महाराज भाषण के समय बैठे कांग्रेसियो ने आपत्ति क्यों नहीं ली,और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाटकीय अंदाज में उन्हें गिरफ्तार करवा दिया ।

इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच का अनुरोध करते हुए बताया कि,छत्तीसगढ़ में एक धर्म संसद हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी आना था उक्त धर्म संसद का आयोजन एक वरिष्ठ कांग्रेसी द्वारा कराया गया जिसमें श्री कालीचरण जी को आमंत्रित
किया गया साजिश के तहत ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कालीचरण जी के साथ साजिश करते हुए श्री राहुल गांधी द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के माध्यम से श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग कराया
गया क्योंकि उक्त प्रोग्राम महात्मा गांधी से संबंधित नहीं था जब श्री कालीचरण महात्मा गांधी के विरुद्ध बोल रहे थे तो धर्म संसद में उपस्थित कांग्रेसियों द्वारा कोई भी आपत्ति नहीं की गई और ना ही उन्हें बोलने से रोका गया प्रोग्राम की समाप्ति के बाद उक्त प्रकरण तूल दिया गया और श्री कालीचरण को मुद्दा बनाकर और फंसा कर उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करा दी गई और फिर सभी नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें मध्य प्रदेश से बिना किसी नोटिस के तथा बिना प्रदेश के पुलिस विभाग को सूचित किए गिरफ्तार कर हिंदुत्व के ऊपर सवाल खड़े किए गए हैं।

Grievance Status

pgportal.gov.in

Jitendra narayan singh tyagi
Received By Ministry/Department

सेवा में
आदरणीय प्रधानमंत्री जी
भारत सरकार

विषय :- छत्तीसगढ़ में हुए धर्म संसद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं राहुल गांधी द्वारा साजिश करके श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करवाते हुए हिंदुत्व के खिलाफ माहौल बनाकर श्री कालीचरण जी को गिरफ्तार करवा के देश में हिंदुत्व को अपमानित करने की साजिश की सीबीआई जांच कराए जाने के संबंध में...

महोदय

निवेदन यह है कि जैसा कि आप अवगत होंगे कि छत्तीसगढ़ में एक धर्म संसद हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी आना था उक्त धर्म संसद का आयोजन एक वरिष्ठ कांग्रेसी द्वारा कराया गया जिसमें श्री कालीचरण जी को आमंत्रित किया गया, साजिश के तहत ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कालीचरण जी के साथ साजिश करते हुए श्री राहुल गांधी द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के माध्यम से श्री कालीचरण जी से महात्मा गांधी के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग कराया गया क्योंकि उक्त प्रोग्राम महात्मा गांधी से संबंधित नहीं था जब श्री कालीचरण ,महात्मा गांधी के विरुद्ध बोल रहे थे तो
धर्म संसद में उपस्थित कांग्रेसियों द्वारा कोई भी आपत्ति नहीं की गई और ना ही उन्हें बोलने से रोका गया ।प्रोग्राम की समाप्ति के बाद उक्त प्रकरण तूल दिया गया और श्री कालीचरण को मुद्दा बनाकर और फंसा कर उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करा दी गई और फिर सभी नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें मध्य प्रदेश से बिना किसी नोटिस के तथा बिना
प्रदेश के पुलिस विभाग को सूचित किए गिरफ्तार कर हिंदुत्व के ऊपर सवाल खड़े किए गए हैं।

श्री राहुल गांधी पहले से ही हिंदू और हिंदुत्व को आतंकवादी बता कर कट्टरपंथी मुस्लिम समाज के वोटों की राजनीति करते रहे और भगवा हिंदुत्व का प्रचार आतंकियों के रूप में करते रहे इस कारण इस प्रकरण की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच अति आवश्यक है ताकि पर्दे के पीछे की कांग्रेसी भूमिका उजागर हो सके।

अतः आपसे अनुरोध है के उपरोक्त प्रकरण में सीबीआई के माध्यम से निष्पक्ष जांच कराएं और श्री कालीचरण के बयान भी निष्पक्ष रुप से लिए जाएं ताकि उपरोक्त मामले की असलियत असलियत देश और दुनिया के सामने निष्पक्ष रुप से आ सके।

धन्यवाद
भवदीय
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी
पूर्व अध्यक्ष सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश लखनऊ
निवासी 394/13 ए कश्मीरी मोहल्ला सहआदतगंज लखनऊ
Mukul Dixit,Under Secretary (Public)
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi

भारत ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, एक दिन में कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा ‘मोलनुपिराविर’ को आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर । प्रमुख वैक्सीन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के टीके ‘कोवोवैक्स’ को मंजूरी मिलने से पूरे भारत के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार तेज होगी।

एसआईआई के सीईओ अदर पूनावाला ने एक बयान में कहा, ‘‘डीसीजीआई द्वारा कोवोवैक्स को मिली मंजूरी से भारत और निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के देशों में टीकाकरण के हमारे प्रयासों में मजबूती आएगी। हमें गर्व है कि 90 प्रतिशत असर के साथ हम अत्यधिक प्रभावी प्रोटीन आधारित कोविड-19 वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं।’’

भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को व्यापक करते हुए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एसआईआई के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ और बायोलॉजिकल ई कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा ‘कोवोवैक्स’ और ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद यह घोषणा की।

मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘मुबारक हो भारत। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक दिन में तीन स्वीकृति दी हैं… कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स टीके और दवा ‘मोलनुपिराविर’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।’’

इस मंजूरी के साथ, देश में आपात स्थिति में उपयोग होने वाले कोविड-19 रोधी टीकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।

उन्होंने कहा कि कोवोवैक्स का निर्माण पुणे के ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ में ही किया जाएगा।

नव वर्ष से पहले ‘ओमीक्रोन’ के कारण कुछ देशों ने लगाए प्रतिबंध;ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड नए मामले attacknews.in

ब्रसेल्स/सिडनी , 28 दिसंबर (एपी) नव वर्ष से पहले कोरोना वायरस का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ लोगों को हतोत्साहित कर रहा है और इससे निपटने के लिए देश अलग-अलग कदम उठा रहे हैं। कुछ देशों ने पाबंदियों को तुरंत फिर से लागू कर दिया है और कुछ देश लोगों के जश्न का मजा किरकिरा करने से हिचकिचा रहे हैं।

ब्रिटेन में ‘ओमीक्रोन’ के कारण संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और उनके स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने सोमवार को कहा कि इंग्लैंड में नव वर्ष से पहले कोई अन्य पाबंदियां लागू नहीं की जाएंगी। हालांकि, इंग्लैंड में रोजाना करीब 1,00,000 मामले सामने आ रहे हैं और अस्पताल लगभग 70 प्रतिशत से अधिक भरे हैं।

जावेद ने कहा, ‘‘ नव वर्ष के बाद हम देखेंगे कि अन्य नियम लागू करने की जरूरत है या नहीं, लेकिन तब तक कम से कम अन्य पाबंदियां नहीं लगाई जाएंगी।’’

वहीं, ब्रिटेन में अन्य जगहों स्कॉटलैंड, नदर्न आयरलैंड और वेल्स में नाइट क्लब को बंद करने का आदेश दिया गया और अन्य समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे देश में संकट से निपटने की अलग-अलग रणनीतियां नजर आ रही है।

इस बीच, नीदरलैंड ने पहले ही सभी गैर-आवश्यक दुकानों, रेस्तरां और बार को बंद कर दिया है और स्कूल की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। सोमवार से जारी किए गए नए नियमों के अनुसार, बड़े समूहों के साथ खरीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया, सिनेमाघरों को बंद करने का आदेश दिया गया और संगीत समारोहों पर भी प्रतिबंध है।

वहीं, फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि अगले सप्ताह से बंद केन्द्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में दो हजार और खुले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पांच हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे। संगीत समारोहों के दौरान लोगों से अपनी जगह पर बैठे रहने की अपील की गई है। बार में लोगों के खड़े होने की भी अनुमति नहीं होगी। सिनेमाघरों, खेल केन्द्रों और सार्वजनिक परिवहनों में खाने और पीने की सुविधाओं पर प्रतिबंध होगा। अगर संभव हो तो सप्ताह में तीन दिन घर से कार्य करने की सलाह दी गई है। ये नए नियम कम से कम तीन सप्ताह तक लागू रहेंगे। फ्रांस में एक दिन में सर्वाधिक 1,00,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन टीकाकरण, ‘बूस्टर’ खुराक और त्वरित जांच पर जोर दे रहा है। वहीं, न्यूयॉर्क शहर में लगभग सभी व्यवसायों (बड़े तथा छोटे) को कार्यस्थल पर उन कर्मचारियों को प्रतिबंधित करने को कहा है, जिन्होंने टीके नहीं लगवाए हैं। यह नियम सोमवार से लागू हुआ।

अमेरिका में संक्रामक रोग के शीर्ष विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची का कहना है कि ‘‘स्थिति बेहतर होने से पहले बदतर होगी’’ और अमेरिका को घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिए भी टीकाकरण अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए।

फाउची ने ‘एमएसएनबीसी’ से कहा, ‘‘जब आप टीकाकरण को अनिवार्य बनाते हैं, तो इससे अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।’’

यूनान में, अधिकारियों ने अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा की है। स्वास्थ्य मंत्री थानोस प्लेवरिस ने कहा कि तीन जनवरी से सुपरमार्केट और सार्वजनिक परिवहन पर ‘हाई-प्रोटेक्शन’ या ‘डबल मास्क’ लगाना अनिवार्य होगा। मनोरंजन स्थल आधी रात को बंद हो जाएंगे और फुटबॉल स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

यूरोप के अन्य हिस्सों में हालांकि कड़े प्रतिबंध लगाने को लेकर हिचक दिखी। पोलैंड में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर नाइट क्लब खुले रहेंगे।

वहीं, रूस में भी मामूली प्रतिबंध ही लगाए गए है। हालांकि, नए साल की पूर्व संध्या से शुरू होने वाले 10 दिनों के अवकाश की अवधि के दौरान कई सावधानियां बरती जाएंगी। रूस भी कोई अतिरिक्त यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाएगा। बेल्जियम में, सिनेमाघर और कला केन्द्रों को बंद किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया के दो राज्यों में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड नए मामले

ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और क्वींसलैंड राज्यों में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड नए मामले सामने आए। संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते जांच केंद्रों पर दबाव के कारण रैपिड एंटीजन जांच का व्यापक इस्तेमाल करने की अपील की गयी है।

क्वींसलैंड राज्य में 1,158 मामले सामने आए जो राज्य में पहली बार एक दिन में 1,000 से अधिक मामले हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अब भी कम है। राज्य में कोविड-19 के 4,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं जिनमें से 257 मामले ओमीक्रोन स्वरूप के हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री येत्ते दाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य के बाहर के यात्रियों को क्वींसलैंड में पहुंचने के पांच दिन बाद पीसीआर जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी। हाल में राज्य में हजारों लोगों में से केवल 0.6 प्रतिशत ही पांचवें दिन संक्रमित पाए गए हैं।

विक्टोरिया राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 2,738 नए मामले आए जो अक्टूबर मध्य में आए 2,297 मामलों से अधिक हैं।

ऑस्ट्रेलिया के सबसे घनी आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में संक्रमण के मामलों में थोड़ी कमी देखी गयी है लेकिन यह क्रिसमस के आसपास जांच कम होने के कारण हो सकता है। राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 6,062 नए मामले आए।

बनते- बिगड़ते भारत और नेपाल के संबंध फिर से हुए मजबूत attacknews.in

काठमांडू, 28 दिसंबर । राजनीतिक उथल-पुथल और कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित रहे 2021 में नेपाल ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तरीय वार्ता और यात्राओं के साथ फिर से मजबूत करने के प्रयास किए। यह सब हिमालयी राष्ट्र में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव के बीच हुआ।

पिछले साल भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाले सीमा विवाद की छाया से बाहर आते हुए, भारत ने 2021 की शुरुआत जनवरी में नेपाल को घरेलू रूप से निर्मित कोविशील्ड टीके की 10 लाख खुराक उपहार में उस समय दीं, जब वह कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए संघर्ष कर रहा था। घातक वायरस से नेपाल में अब तक 8,25,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और लगभग 12,000 लोगों की मौत हुई है।

उसी महीने, भारत ने नेपाल को 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए शैक्षणिक संस्थानों के पुनर्निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में 30.66 करोड़ नेपाली रुपये (19.21 करोड़ रुपये) की अनुदान सहायता प्रदान की। इस भूकंप में लगभग 9,000 लोगों की जान गई थी और लगभग 22,000 घायल हुए थे। इसके साथ, भारत ने शैक्षणिक क्षेत्र की पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए नेपाल को 81.98 करोड़ नेपाली रुपये (51.37 करोड़ रुपये) की प्रतिपूर्ति की।

नेपाल द्वारा लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्रों के रूप में दिखाते हुए एक नया नक्शा जारी करने के बाद 2020 में द्विपक्षीय संबंध नये निचले स्तर पर चले गए थे, जिस पर भारत ने काठमांडू को चेतावनी दी थी कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा “कृत्रिम विस्तार” उसे स्वीकार्य नहीं होगा।

घरेलू राजनीतिक मोर्चे पर, नेपाल ने 2021 में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव देखा, जिसमें नेपाली कांग्रेस (नेकां) के प्रमुख शेर बहादुर देउबा एक महीने तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद जुलाई में रिकॉर्ड पांचवीं बार प्रधानमंत्री बने।

शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को एक ऐतिहासिक फैसले में, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को विपक्षी नेता देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का निर्देश दिया और प्रतिनिधि सभा को भंग करने के उनके “असंवैधानिक” कदम को खारिज कर दिया।

देउबा 13 जुलाई को औपचारिक रूप से नेपाल के प्रधानमंत्री बने। हालांकि कुछ ही दिन बाद 18 जुलाई को 75 वर्षीय नए प्रधानमंत्री ने बहाल किए गए निचले सदन में विश्वास मत कराने की बात कर आश्चर्यचकित कर दिया और आराम से जीत हासिल कर ली, जिससे कोविड -19 महामारी के बीच हिमालयी राष्ट्र में एक आम चुनाव टल गया।

एक दिन बाद, 19 जुलाई को देउबा ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान सदियों पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, परंपरागत और धार्मिक संबंधों पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर अपने विचार साझा किए।

इस वर्ष मुख्य विपक्षी दल एवं नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल को अगस्त में आधिकारिक रूप से विभाजित होते देखा गया, जब वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) छोड़ दी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट की स्थापना की।

इस बीच, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भारत से संबंधित टिप्पणी करके विवाद भड़काने का अपना सिलसिला जारी रखा। जून में, प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए ओली ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि योग की उत्पत्ति नेपाल में हुई थी, न कि भारत में।

हालांकि, ओली की इस बार की टिप्पणी द्विपक्षीय संबंधों को कोई बड़ा नुकसान पहुंचाने में विफल रही। उन्होंने 2020 में यह दावा करके एक विवाद खड़ा कर दिया था कि भगवान राम का जन्म नेपाल के चितवन जिले के माडी क्षेत्र में हुआ था, न कि भारत के अयोध्या में।

नेपाल के तत्कालीन विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने जनवरी में नयी दिल्ली का दौरा किया और अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की। यात्रा के दौरान, उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे को हल करना नयी दिल्ली और काठमांडू दोनों की “साझा प्रतिबद्धता” है और सुझाव दिया कि दोनों पक्ष इससे निपटने के तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं।

देउबा प्रशासन में नेपाल-भारत द्विपक्षीय संबंधों में गति लाने और द्विपक्षीय जुड़ाव के स्तर को बढ़ाने के प्रयास जारी रहे। जुलाई में देउबा के सत्ता में आने के बाद से दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

सितंबर में, संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान, जयशंकर ने न्यूयॉर्क में अपने नए नेपाली समकक्ष डॉ नारायण खड़का से मुलाकात की और दोनों ने दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।

नवंबर की शुरुआत में, ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने देउबा के हिमालयी राष्ट्र का प्रमुख बनने के बाद पहली बार उनसे मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 का मुकाबला करने तथा महामारी के बाद उबरने के प्रयासों पर ‘सार्थक चर्चा’ की।

उसी महीने, नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा ने दो पड़ोसी देशों के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू की। अपने भारतीय समकक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के निमंत्रण पर नयी दिल्ली आए जनरल शर्मा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने ‘भारतीय सेना के जनरल’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर युवाओं को संभालने के लिए तैयार रहने को कहा attacknews.in

कानपुर (उत्तरप्रदेश) 28 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं से आत्मनिर्भर और आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि आगामी 25 साल में भारत की विकास यात्रा की बागडोर उन्हें ही संभालनी है।

मोदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और उन्होंने छात्रों को उपाधि प्रदान करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक आधारित डिजिटल डिग्री देने की शुरुआत की। अब छात्रों को संस्थान में विकसित ब्लॉकचेन तकनीक के माध्‍यम से डिजिटल डिग्री जारी की जाएगी। यह डिजिटल डिग्री वैश्विक स्‍तर पर सत्‍यापित की जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश किया है और इस अवसर पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में, इस वर्ष आईआईटी से डिग्री लेने वाले छात्रों को इस सपने को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए कि 2047 का भारत कैसा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले 25 साल में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है। आप सभी पर देश को अगले 25 वर्ष तक दिशा और गति देने का दायित्व है। आप कल्पना कीजिए, जब 1930 में दांडी यात्रा शुरू हुई तो उस यात्रा ने पूरे देश को कितना आंदोलित कर दिया था। 1930 के उस दौर में 20-25 साल के जो नौजवान थे, वह उनके जीवन का स्वर्णिम काल था।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब आप अपने जीवन के 50 साल पूरे कर रहे होंगे, उस समय का भारत कैसा होगा। उसके लिए आपको अभी से ही काम करना होगा। मुझे पता है कि कानपुर आईआईटी ने, यहां के माहौल ने आपको वह ताकत दी है कि अब आपको अपने सपने पूरे करने से कोई रोक नहीं सकता।’

मोदी ने कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी का युग है और यह तकनीक की स्पर्धा का युग है जिसमें ये छात्र जरूर आगे निकलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आजादी के बाद 25 साल तक हमें देश को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए प्रयास करने चाहिए थे, लेकिन तब से लेकर अब तक बहुत देर कर दी गई है। देश बहुत समय गंवा चुका है, इसलिए हमें दो पल भी नहीं गंवाने हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही है, लेकिन मैं चाहता हूं और मेरा मन करता है कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर हो जाइए। आत्मनिर्भर भारत पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप है, जहां हम किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे। यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरा करेगा।’’

मोदी ने कहा, ‘‘पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज कुछ कर गुजरने, काम करके नतीजे लाने की सोच है। पहले अगर समस्‍याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए स्थायी संकल्प लिए जाते हैं। आत्मनिर्भर भारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।’

उन्होंने छात्रों के जीवन में माता-पिता, परिवार और अध्यापकों के योगदान की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘आपने आईआईटी में प्रवेश लिया और अब आप यहां से निकल रहे हैं, तो तब और अब में आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। पहले आपका ज्ञान और आपकी जिज्ञासा का दायरा आपके स्‍कूल, कॉलेज, आपके मित्रों, आपके परिवार और आपके अपनों के बीच सिमटा हुआ था। आईआईटी कानपुर ने उस दायरे से निकालकर आपको बहुत बड़ा कैनवास दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने अपनी युवावस्था के इतने महत्वपूर्ण वर्ष तकनीकी विशेषज्ञ बनने में लगाए हैं। आपके पास भारत के साथ ही पूरे विश्व में भी तकनीक के क्षेत्र में योगदान देने का अवसर है।‘‘

मोदी ने आईआईटी कानपुर के छात्रों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान का कार्य वैश्विक मानक का हिस्सा बन गया है।

इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत कई प्रमुख हस्तियों ने संबोधित किया