लालू प्रसाद यादव के खास सिपहसालार बिहार के बाहुबली राजद नेता शहाबुद्दीन का कोरोना की चपेट में आने से निधन attacknews.in

नयी दिल्ली, 01 मई । राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के खास सिपहसालार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना से शनिवार को निधन हो गया।

तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने शहाबुद्दीन के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद शहाबुद्दीन को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

राजद के बाहुबली नेता हत्या के संगीन मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे।

पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करके अपने शोक संदेश में कहा,”पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है।”

देश के पत्रकार संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांगा पत्रकारों के लिए कोरोना योद्धा का दर्जा, इलाज की समुचित व्यवस्था किए जाने की भी मांग की attacknews.in

नयी दिल्ली 01 मई । पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा देने तथा उनके त्वरित टीकाकरण किये जाने एवं उनके उपचार की समुचित व्यवस्था किये जाने की मांग की है।

एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी ने इस बारे में प्रधानमंत्री श्री मोदी को भेजे एक पत्र में कहा है कि मीडिया कर्मियों ने कोरोना महामारी के संदर्भ में जनजागरूकता अभियान में भी सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है।काम के बीच देशभर में कोरोना से संक्रमित मीडियाकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण बड़ी संख्या में पत्रकार उचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं।देश में कोरोना के कारण दो सौ से अधिक पत्रकारों की जानें जा चुकी हैं।

श्री रास बिहारी ने कहा कि पिछले एक वर्ष से जारी कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही मीडियाकर्मी भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।अखबार और चैनल जनता को महामारी से बचने के उपायों की जानकारी देने के साथ ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं।कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने और उपचार के तरीके बताने में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।मीडियाकर्मी अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रशासनिक खामियों को सरकार और जनता के सामने लाते हैं ताकि समय रहते हुए सुधार किया जा सके।

श्री रास बिहारी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सप्ताह में देशभर में लगभग 200 पत्रकारों की जान जाने के समाचार मिले हैं।पिछले वर्ष बड़ी संख्या में पत्रकार कोरोना का शिकार बने थे।कई वरिष्ठ पत्रकारों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है।पत्रकारों के निधन के बाद उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।कई परिवार भुखमरी के कगार पर हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना काल में तमाम अखबारों और चैनलों से बड़ी संख्या में पत्रकारों को नौकरी से निकाला गया है।

एक जानकारी के अनुसार 50 हजार से ज्यादा मीडियाकर्मी इस दौरान बेरोजगार हुए हैं।बड़ी संख्या में मध्यम और लघु समाचार पत्र बंद हो रहे हैं।आर्थिक तौर पर कमजोर अखबारों और चैनलों के लिए भी केंद्र और राज्य सरकारों को आर्थिक सहयोग के लिए विचार करने की आवश्यकता है।

श्री रास बिहारी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में लिखकर जानकारी दी है कि इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की प्रांतीय इकाइयां अपने-अपने स्तर पर राज्यों में मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिलाने के लिए अनुरोध कर रही हैं।

राजस्थान सरकार ने पत्रकारों को कोरोना योद्धा का दर्जा देते हुए 50 लाख की सहायता देने की घोषणा की है।कुछ अन्य सरकारों ने भी इस तरह की घोषणाएं की है।

उधर एडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और महासचिव संजय कपूर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एक अप्रैल के बाद से सौ से अधिक पत्रकारों का निधन हुआ है।इनमें ज्यादातर कोविड महामारी की स्थिति की रिपोर्टिंग करते हुए संक्रमण का शिकार हुए थे।

उन्होंने कहा कि वे इस बात से बेहद व्यथित हैं कि सरकार ने बीते महीनों में पत्रकारों के टीकाकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया।बहुत से पत्रकारों के पास बीमा की सुविधा तक नहीं है।कुछ राज्य सरकारों द्वारा महामारी की सही रिपोर्टिंग नहीं करने का भी उनपर दबाव है।

उन्होंने कहा कि पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा देकर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाया जाये तथा उनके उपचार की अच्छी व्यवस्था की जाये।

अरविंद केजरीवाल की पब्लिसिटी करने के लिए दिल्ली सरकार विज्ञापनों पर धन की बर्बादी कर रही है और कोरोना के बिगड़ते हालातों पर ध्यान नहीं दे रही है attacknews.in

नयी दिल्ली, 01 मई । दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ.नरेश कुमार ने शनिवार को उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है और माँग की है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी पब्लिसिटी करने से रोका जाए।

श्री कुमार ने कहा कि श्री केजरीवाल अपनी पब्लिसिटी पर धन की बर्बादी बंद करें, जिससे दिल्ली इस महामारी के ख़िलाफ़ मज़बूती से लड़ाई लड़ सके।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को विज्ञापनों पर धन की बर्बादी करने के बजाय स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत करना चाहिए। यहाँ लोग बेड, अॉक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों के अभाव में मर रहे हैं और सरकार अपनी पब्लिसिटी पर धन खर्च कर रही है। कांग्रेस नेता ने पत्र में माँग की है कि राजधानी के मोहल्ला क्लीनिक कोरोना टीकाकरण केन्द्र बनाए जाएं।

ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में हाहाकार: केजरीवाल

इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि राजधानी में ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी होने के कारण अस्पतालों में हाहाकार मचा है।

श्री केजरीवाल ने सरस्वती विहार पॉली क्लीनिक का दौरा करने के बाद कहा कि चारों तरफ से अस्पतालों से एसओएस काॅल आ रहे हैं कि उस अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है, उसमें आधे घंटे की ऑक्सीजन बच गई है। बहुत ज्यादा मुश्किल हालात पैदा होते जा रहे हैं। हमने अदालत में भी बोला है और केंद्र सरकार को भी लिखा है कि दिल्ली को प्रतिदिन 976 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन हमें 976 टन के सापेक्ष 490 टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है और हमें यह 490 टन ऑक्सीजन भी नहीं मिल पा रही है।

उन्होंने बताया कि कल केवल 312 टन ऑक्सीजन आई है। दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और उसके सापेक्ष अगर हमें 312 टन ऑक्सीजन दी जाएगी, तो कैसे काम चलेगा? आज सारे अस्पतालों के अंदर हाहाकार मचा हुआ है। कई अस्पतालों ने बोला है कि उनको अपने मरीज अस्पताल से निकालने पड़ेंगे।

पश्चिम बंगाल में रविवार को किसकी बनेगी सरकार के लिए सुबह 8 बजे से कडी सुरक्षा के बीच मतगणना की तैयारी पूरी,होगा 2116 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला attacknews.in

कोलकाता, 01 मई । पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच रविवार सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हो जाएगी। राज्य में 292 सीटों के लिए 2116 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिनके चुनावी किस्मत का फैसला कल होगा।

राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से 292 सीटों पर आठ चरणों में मतदान कराये गए थे। राज्य के शमशेरजंग और जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के दो उम्मीदवारों के निधन होने के कारण वहां चुनाव स्थगित कर दिए गए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से राज्य में सत्तारूढ़ है। इस बार के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया है।

चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। आयोग के अनुसार मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं होगी। राज्य के सभी मतगणना केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन को लेकर के चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है। साथ ही इसके लिए विशेष प्रबंध चुनाव आयोग की ओर से किया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब ने साफ-साफ कहा है कि कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। मतगणना की पूरी प्रक्रिया संचालित करने के लिए आयोग की ओर से ठोस इंतजाम मतगणना केंद्रों पर किए गए हैं। मतगणना केंद्र के अंदर टेबल की संख्या भी इस बार बढ़ाई जा रही है, ताकि सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जा सके।

एक अधिकारी ने बताया कि 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की त्रि-स्तरीय व्यवस्था की गई है, जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 23 जिलों के मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है। इस बार राज्य में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराया गया। इस दौरान हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं भी हुई थी।

नंदीग्राम में सुश्री बनर्जी या फिर कभी उनके दाहिने हाथ माने-जाने वाले शुभेन्दु अधिकारी जो अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए है इनमें से कौन जीतेंगे, इस पर भी सब की नजर रहेंगी।

चुनाव आयोग ने आज एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनाव रुझान और परिणाम सभी मतगणना केंद्रों से कल सुबह 8.05 बजे के बाद से आने शुरू हो जाएंगे।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य भर के उम्मीदवारों और पार्टी के मतगणना एजेंटों को मतगणना प्रक्रिया पूरी होने तक केन्द्रों पर डटे रहने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार दो तिहाई बहुमत से जीतेगी। राज्य विधानसभा की कुल 294 सीटें जिनमें से दो तिहाई बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 148 सीटों पर जीतना जरूरी है।

भोपाल में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को कोविड गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर नोटिस जारी attacknews.in

भोपाल, 01 मई । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को कोविड गाइड लाइन के पालन नहीं करने पर कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की टीम ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी दिलीप कुमार यादव के नेतृत्व में कल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अरेरा हिल्स स्थित जोनल एवं क्षेत्रीय कार्यालय की प्राप्त शिकायत के आधार पर निरीक्षण किया गया।

जांच में पाया गया कि 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा था, कर्मचारियों का रोस्टर प्लान नहीं बनाया गया था।

कार्यालय में बैठक व्यवस्था गाइडलाइन के नियमानुसार नहीं थी, जिस कारण क्षेत्रीय कार्यालय सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को कोविड-19 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है।

मध्यप्रदेश के सभी शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल के बाद भी ली जा सकेंगी attacknews.in

भोपाल, 01 मई ।मध्यप्रदेश के सभी शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध कार्यरत अतिथि शिक्षकों और नवीन व्यावसायिक शिक्षा के तहत कार्यरत अतिथि शिक्षकों की सेवायें 30 अप्रैल के बाद भी ली जा सकेंगी।

आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 की बोर्ड परीक्षाएं संपादित नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश के सभी संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, विकास खंड शिक्षा अधिकारी और सभी प्राचार्यो को इस संबंध में आदेश जारी कर निर्देशित कर दिया गया है।

गुजरात के भरूच में अस्पताल में आग लगने से कोरोना वायरस का इलाज करवा रहे 18 मरीजों की मौत,कुछ मरीजों के शव तक स्ट्रेचरों और बेड पर झुलसते हुए नजर आए attacknews.in

भरूच, एक मई । गुजरात के भरूच में एक अस्पताल में शुक्रवार देर रात आग लगने से कोरोना वायरस के कम से कम 18 मरीजों की मौत हो गई।

हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीरों में कुछ मरीजों के शव तक स्ट्रेचरों और बेड पर झुलसते हुए नजर आए।

एक अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला वेलफेयर अस्पताल में देर रात एक बजे हुए इस हादसे के वक्त करीब 50 अन्य मरीज भी थे जिन्हें स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “सुबह साढ़े छह बजे की सूचना के मुताबिक, हादसे में मृतक संख्या 18 है। आग लगने के तुरंत बाद, हमें 12 मरीजों के मौत की पुष्टि की गई थी।”

भरूच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेंद्र सिंह चुड़ासमा ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में 12 मरीजों की मौत आग और उससे निकले धुएं की वजह से हुई।

यह स्पष्ट नहीं है कि शेष छह मरीजों की मौत भी अस्पताल के भीतर ही हुई या उनकी मौत दूसरे अस्पतालों में ले जाने के दौरान हुई।

कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित यह अस्पताल राजधानी अहमदाबाद से करीब 190 किलोमीटर दूर भरूच-जंबूसार राजमार्ग पर स्थित है और इसका संचालन एक न्यास करता है।

अधिकारी ने कहा कि आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

दमकल के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर एक घंटे के भीतर काबू पा लिया गया और करीब 50 मरीजों को स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।

उन्होंने बताया कि इन मरीजों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

कोरोना वायरस: महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने भारत में कुछ सप्ताह के लॉकडाउन का सुझाव दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, एक मई । अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले तत्काल कदम के तौर पर भारत में कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लागू करने की सलाह दी है।

फाउची ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा ऑक्सीजन, दवाओं और पीपीई किट की उपलब्धता बढ़ाना दूसरी महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि संकट की भयावहता के मद्देनजर, भारत को एक संकट समूह बनाना चाहिए, जो बैठकें करे और चीजों को संगठित करना शुरू करे।

फाउची ने किसी सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि यह बात समझने की आवश्यकता है कि ‘‘जीत की घोषणा संभवत: जल्दी कर दी गई।’’

बाइडन प्रशासन के शीर्ष चिकित्सकीय सलाहकार फाउची ने कहा, ‘‘आपको एक चीज करने की बहुत आवश्यकता है, वह है कि आप देश को अस्थायी रूप से बंद कर दे। मुझे लगता है कि यह अहम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक चीज जो अत्यंत महत्वपूर्ण है, वह है ऑक्सीजन और पीपीई किट समेत चिकित्सीय सामान हासिल करना। इसके अलावा देश में तत्काल लॉकडाउन लगाना आवश्यक है।’’

फाउची ने कहा कि जब चीन में एक साल पहले इसी प्रकार तेजी से संक्रमण फैला था, तो उसने पूर्णतय: लॉकडाउन लगा दिया था।

उन्होंने कहा कि छह महीने का प्रतिबंध लगाना जरूरी नहीं है, लेकिन संक्रमण की श्रृंखला रोकने के लिए अस्थायी लॉकडाउन लगाया जा सकता है।

फाउची ने कहा कि कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लगाने से संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिल सकती हैं

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में टीकाकरण की अहम भूमिका है।

फाउची ने कहा कि यदि 1.4 अरब की आबादी वाले भारत ने अपनी जनसंख्या के केवल दो प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण किया है, तो अभी लंबी दूरी तय करनी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको आपूर्ति हासिल करनी होगी। आपको विश्व की विभिन्न कंपनियों से करार करने होंगे। अब कई कंपनियों के पास टीके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया में सबसे अधिक टीके बनाने वाला देश है। आपको टीका निर्माण के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा।’’

अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को सभी प्रकार की सहायता तुरंत भेजने के दिए निर्देश साथ ही अपने प्रशासन से भारत को सभी प्रकार का सहयोग मुहैया कराने को कहा attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने प्रशासन से कहा है कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत को हर प्रकार की सहायता मुहैया कराएं।

बाइडन प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

बाइडन ने शुक्रवार को यहां डलास हवाईअड्डे पर अपने दो शीर्ष अधिकारियों को भेजा, जहां से ऑक्सीजन सिलेंडरों, एन95 मास्क और टीकों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले फिल्टरों समेत यूएसएआईडी (यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डिवेल्पमेंट) सहायता सामग्री के साथ एक अन्य उड़ान नयी दिल्ली भेजी गई। पहली दो उड़ानें इससे एक दिन पहले नयी दिल्ली पहुंची थीं।

व्हाइट हाउस में बाइडन की एशिया संबंधी नीति के प्रमुख कर्ट कैम्पबेल ने शुक्रवार शाम को हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन ने) कहा कि अच्छी बात है। काम जारी रखो।’’

कैम्पबेल जॉर्जिया के दौरे में बाइडन के साथ गए थे। उन्होंने वहां से लौटते समय राष्ट्रपति को भारत को कोविड-19 से निपटने के लिए मुहैया कराई जा रही मदद की जानकारी दी।

डलास हवाईअड्डे पर मौजूद अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति बाइडन समेत पूरे प्रशासन ने संपर्क किया और बाइडन ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।

संधू ने कहा, ‘‘हम इसकी सराहना करते हैं।’’
उन्होंने भारत को अमेरिका के दोनों दलों से मिल रहे समर्थन की प्रशंसा की।

कोविड-19: अमेरिका ने भारत से यात्रा पर लगाया प्रतिबंध:राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा पत्र जारी कर पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के आने पर प्रतिबंध लगाया, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को एक घोषणा पत्र जारी कर पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।

यह घोषणा पत्र चार मई को लागू हो जाएगा। इसे ‘भारत में कोविड-19 के अत्यधिक मामलों के सामने आने और वहां वायरस के कई स्वरूपों के सक्रिय होने’’ के कारण जारी किया गया है।

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 14 दिन से भारत में मौजूद अपने देशवासियों के स्वदेश लौटने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।

अमेरिका ने अपने नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों, उनके गैर अमेरिकी जीवनसाथियों तथा 21 साल से कम आयु के बच्चों समेत विभिन्न वर्गों को इस यात्रा प्रतिबंध से छूट दी है।

ये यात्रा प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए लागू किए गए हैं और इस संबंध में राष्ट्रपति के अगले घोषणा पत्र से ही ये समाप्त हो सकते हैं।

बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने यह तय किया है कि यहां आने से पहले पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करना या रोकना अमेरिका के हित में है, जो प्रवासी नहीं है या जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।’’

यह फैसला स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के तहत रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सलाह पर किया गया है।

बाइडन ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में संक्रमण के 1,83,75,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी बहुत तेजी से फैल रही है।’’

उन्होंने कहा कि नए वैश्विक मामलों के एक तिहाई से अधिक मामले भारत में सामने आ रहे हैं और वहां पिछले एक सप्ताह से रोजाना तीन लाख नए मामले सामने आ रहे हैं।

घोषणा पत्र में कहा गया है कि भारत में बी.1.617, बी.1.1.7, और बी.1.351 समेत वायरस के विभिन्न स्वरूपों से संक्रमण फैल रहा है।

इस यात्रा प्रतिबंध से छात्रों, शिक्षाविदों और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्गों के लोगों को छूट दी गई है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने घोषणा पत्र जारी होने के बाद बताया कि छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण प्रभावित देशों में बुनियादी ढांचे संबंधी अहम सहयोग मुहैया कराने वाले लोगों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।

इस बीच, रिपब्लिकन सांसदों ने भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए बाइडन की आलोचना की।

सांसद टिम बुरचेट ने ट्वीट किया, ‘‘मेक्सिको के साथ सीमाओं को खुला रखना और हमारे सहयोगी भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाना तर्कसंगत नहीं है।’’

बुरचेट के अलावा जोडे अरिंगटन और लॉरेन बोएबर्ट समेत कई रिपब्लिकन नेताओं ने इन प्रतिबंधों का विरोध किया, लेकिन भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इसका समर्थन किया।

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने देश लौटने से पूर्व 14 दिन से भारत में रह रहे अपने देशवासियों के स्वदेश आने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है और इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने पर पांच साल कारावास की सजा या भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।

ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने बताया कि भारत में संक्रमित होने के बाद लौटे कई लोग ऑस्ट्रेलिया में पृथक-वास में रह रहे हैं। इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया, ताकि संक्रमण को ऑस्ट्रेलिया में फैलने से रोका जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह के बाद इस फैसले को 15 मई को संशोधित किया जाएगा।

अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने कहा: भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता पर केंद्रित थी attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका की एक शीर्ष खुफिया एजेंसी ने कहा है कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में एक ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में इसकी धारणा पर केंद्रित थी।

‘डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी’ ने अमेरिका सांसदों को यह भी बताया कि नयी दिल्ली ने आक्रामक चीन के खिलाफ भी अपने रुख को कठोर कर लिया।

एजेंसी के निदेशक स्कॉट बेरियर ने वैश्विक चुनौतियों पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति से कहा, ‘‘पूरे 2020 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में इसकी धारणा पर केंद्रित थी।’’

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के शुरुआती महीनों में भारत ने समूचे दक्षिण एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के देशों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने और वायरस के प्रसार की चपेट में आए क्षेत्रों से भारतीयों तथा अन्य दक्षिण एशियाई लोगों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बेरियर ने कहा, ‘‘2020 की गर्मियों में जब चीन ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के दावे वाले क्षेत्र पर अतिक्रमण के प्रयास किए तो द्विपक्षीय संबंधों में आए तनाव के बाद नयी दिल्ली ने बीजिंग के खिलाफ अपने रुख को कठोर कर लिया।’’

उन्होंने कहा कि जून में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद नयी दिल्ली ने 40 हजार अतिरिक्त सैनिक, तोप, टैंक और विमान तैनात कर दिए तथा विवादित क्षेत्र में रणनीतिक पर्वतीय दर्रों पर अपना नियंत्रण कर लिया और अदन की खाड़ी में चीनी पोतों के जवाब में भारतीय नौसेना के पोत भेज दिए।

बेरियर ने सांसदों को बताया कि भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक कदम भी उठाए और चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भी भारत ने कठोर रुख अपनाया और भारत विरोधी आतंकी समूहों की सहायता बंद न किए जाने तक राजनयिक वार्ता करने से इनकार कर दिया।

बेरियर ने कहा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया और फिर भारत ने हवाई हमले (पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविर पर) की कार्रवाई की।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने जैसा कड़ा फैसला भी किया।

बेरियर ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना का तोपखाना पूरे साल पाकिस्तान स्थित संदिग्ध आतंकी शिविरों और पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को निशाना बनाता रहा।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने फरवरी 2021 में संघर्षविराम की घोषणा की, लेकिन पाकिस्तान आधारित किसी आतंकी संगठन की ओर से कोई बड़ा आतंकी हमला भारतीय सेना को जवाब देने के लिए उकसाएगा जिससे सैन्य संघर्ष हो सकता है।

विमान ईंधन 6.7 प्रतिशत महंगा; जल्द आ सकती है डीजल, पेट्रोल की भी बारी;कच्चे तेल के महंगा होने से बढ़ाएं जा सकते है डीजल-पेट्रोल के खुदरा भाव attacknews.in

नयी दिल्ली, एक मई । विमान ईंधन के मूल्य में शनिवार को 6.7 की एक बड़ी वृद्धि की गयी। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के महंगा होने से जल्द ही डीजल और पेट्रोल के खुदरा भाव भी बढ़ाए जा सकते हैं।

सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली में विमान ईंधन (एटीएफ) का भाव प्रति हजार लीटर 3,885 रुपये यानी 6.7 प्रतिशत बढ़ा कर 61,690.28 रुपये कर दिया।

विभिन्न राज्यों पेट्रोलियम पर बिक्री कर की दरों में भिन्नता के कारण वहां एटीएफ के भाव अलग अलग हो सकते हैं।

इससे पहले कंपनियों ने दो बार एटीएफ के भाव घटाए थे। पहली अप्रैल को इसमें तीन प्रतिशत और 19 अप्रैल को एक प्रतिशत की कमी की गयी थी।

डीजल एवं पेट्रोल के भाव लगातार 16वें दिन एक ही स्तर पर बने हुए हैं। दिल्ली में पेट्रोल 90.40 रुपये और डीजल 80.73 रुपये प्रति लीटर का पड़ रहा है।

अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मोटर वाहन ईंधनों के दामों में जल्दी ही संधोशन किया जा सकता है।एक अधिकारी ने कहा कि पिछले चार दिन (27 अप्रैल) से दाम लगातार चढ़ रहे हैं और इस दौरान दुबई में कच्चा तेल 2.91 डालर प्रति बैरल महंगा हो चुका है।

पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्यों में क्रमश: 60 प्रतिशत और 54 प्रतिशत केंद्रीय व राज्य स्तरीय करों का होता है।

भारत में कोविड19 की नयी लहर से पेट्रोलियम की मांग पर असर पड़ने की संभावनाओं के बावजूद अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल चढ़ रहा है। इसके पीछे अमेरिका की मजबूत मांग और डालर की कमजोरी बताया जा रहा है।

राज्य आपदा राहत कोष के लिए राज्यों को केंद्र सरकार से 8,873.6 करोड़ रुपये जारी,50 प्रतिशत का उपयोग कोविड-19 की रोकथाम संबंधी उपायों के लिए किया जा सकता है attacknews.in

नयी दिल्ली एक मई । वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बतातया कि उसने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के लिए 8,873.6 करोड़ रुपये की पहली किश्त अग्रिम तौर पर जारी की है। मंत्रालय के अनुसार एसडीआरएफ राशि के 50 प्रतिशत तक का उपयोग राज्यों द्वारा कोविड-19 की रोकथाम संबंधी उपायों के लिए किया जा सकता है।

सामान्य तौर पर एसडीआरएफ की पहली किश्त जून में जारी की जाती है। वित्त आयोग की इस बारे में ऐसी ही सिफारिश है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘व्यय विभाग ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर एक विशेष व्यवस्था के तहत सभी राज्यों को वर्ष 2021 के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त को निर्धारित समय से पहले अग्रिम तौर पर जारी किए हैं। राज्यों को 8,873.6 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।’’

बयान में कहा गया है , ‘ सामान्य तौर पर एसडीआरएफ की पहली किस्त वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जून में जारी की जाती है। सामान्य प्रक्रिया की छूट देते हुए न केवल एसडीआरएफ की पहली किश्त को अग्रिम तौर पर जारी किया गया है बल्कि पिछले वित्त वर्ष में राज्यों को प्रदान की गई राशि के लिए उपयोग प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा किए बिना यह रकम जारी की गई है। ’’

मंत्रालय ने कहा है कि जारी की गई रकम के 50 प्रतिशत यानी 4,436.8 करोड़ रुपये तक का उपयोग राज्यों द्वारा कोविड-19 की रोकथाम संबंधी उपायों के लिए किया जा सकता है। इसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन एवं भंडारण संयंत्रों की लागत, वेंटिलेटर, एयर प्यूरिफायर, एम्बुलेंस सेवाओं, कोविड-19 अस्पताल, कोविड केयर सेंटर, उपभोग सामग्री, थर्मल स्कैनर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, जांच प्रयोगशाला, जांच किट, कंटेनमेंट जोन आदि की व्यवस्था शामिल हैं।

ईडी ने रोज वैली मामले में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की,रोज वैली समूह की कंपनियों ने कई फर्जी योजनाएं बनाकर जनता से भारी-भरकम रकम लूटी थी attacknews.in

 

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल । प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल,त्रिपुरा और ओडिशा में कथित रोज वैली पोंजी घोटाले में धन शोधन के मामले के संबंध में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘‘जब्त’’ की है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा में रोज वैली समूह की कंपनियों की संपत्तियां धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘इनमें 47 करोड़ रुपये की 412 चल संपत्तियां और 257 करोड़ रुपये की 426 अचल संपत्तियां शामिल हैं।’’

रोज वैली समूह की कंपनियों ने कई फर्जी योजनाएं बनाकर जनता से भारी-भरकम रकम लूटी थी।

जांच एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आम जनता से लिए पैसों का अवैध तरीके से इस्तेमाल करते हुए समूह की विभिन्न कंपनियों के नाम पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र, झारखंड और अन्य राज्यों में कई संपत्तियां खरीदी गई।

ईडी ने 2014 में कंपनी, उसके चेयरमैन गौतम कुंडु और अन्य के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया और बाद में कुंडु को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में अब तक कई आरोपपत्र दायर किए जा चुके हैं और जांच अब भी चल रही है।

उत्तरी इजराइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन “लाग बी ओमर” के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत,150 से अधिक घायल attacknews.in

 

यरुशलम 30 अप्रैल ।उत्तरी इजराइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान शुक्रवार तड़के भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है तथा 150 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी।

माउंट मेरोन में वार्षिक धार्मिक आयोजन ‘लाग बी’ओमर’ में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। इस दौरान पूरी रात अलाव जलाया जाता है, प्रार्थनाएं होती हैं और नृत्य का आयोजन होता है।

इसी शहर में दूसरी सदी के संत रब्बी शिमोन बार योचाई का मकबरा है और इसे यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।

इजराइल में बड़े पैमाने पर सफल टीकाकरण अभियान के बाद हाल में अनिवार्य रूप से मास्क पहनने में ढील दी गयी थी। टीकाकरण अभियान के बाद इजराइल में संक्रमण के मामलों में कमी आयी।

इसके परिणामस्वरूप ‘‘कुछ पाबंदियों के साथ जनजीवन सामान्य’’ हुआ और बृहस्पतिवार को कई युवाओं खासकर स्कूली बच्चों समेत हजारों की तादाद में लोग आयोजन स्थल पर जुटे। आयोजन के लिए हजारों रूढ़िवादी यहूदी भी रब्बी शिमोन बार योचाई के मकबरे पर आये।

इजराइल की राष्ट्रीय आपात सेवा मेगन डेविड एडम (एमडीए) के अधिकारी ने घटना में कम से कम 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है और मृतक संख्या बढ़ने की आशंका भी जतायी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कर्मी हजारों लोगों का उपचार कर रहे हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक है। सभी घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’
घटना में करीब 150 लोग घायल हुए हैं।

एंबुलेंस सेवा देने वाली जाका ने बताया कि मृतक संख्या बढ़कर 44 हो गयी है।

एमडीए के महानिदेशक एली बिन ने वाईनेट समाचार साइट को बताया कि घायलों को सैफेड के जीव अस्पताल, नहरिया में गैलिली मेडिकल सेंटर, हाइफा में रामबन अस्पताल, तिबरियास में पोरिया अस्पताल और यरुशलम में हदासाह इन केरेम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इजराइली वायुसेना के साथ दमकलकर्मी फंसे हुए लोगों को निकालने के काम में जुटे हैं।

पुलिस आयोजन के लिए जमा हुए हजारों लोगों को वहां से निकालने का प्रयास कर रही है।

पुलिस की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ लोग सीढ़ियों से फिसल गये जिसके बाद भगदड़ मच गयी।

स्थानीय मीडिया के अनुसार आयोजकों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार रात करीब एक लाख लोग आयोजन स्थल पहुंचे थे और कई लोग शुक्रवार को आने वाले थे।

टाइम्स ऑफ इजराइल की खबर के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इजराइल के लोगों से माउंट मेरोन नहीं जाने का अनुरोध किया है।

इलाके में घनी आबादी होने के कारण बचावकर्मियों को लोगों को निकालने में मुश्किलें आ रही हैं।

आयोजन के लिए करीब 5,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।

घटनास्थल पर मौजूद आपात सेवा देने वाले स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड हतजालाह के उपाध्यक्ष लजर हाइमन ने बताया, ‘‘यह अब तक की सबसे त्रासद घटना में से एक है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। इससे पहले 2000 में मैं ऐसी ही आपात चिकित्सकीय स्थिति में एक घटनास्थल पर था।’’
हतजालाह बचाव सेवा के प्रमुख एली बीर ने आर्मी रेडियो को बताया कि हताहतों में कई बच्चे भी शामिल हैं।

देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘‘बड़ी त्रासदी’’ बताते हुए हर किसी से पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने की अपील की है।

इजराइल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है।