नेपाल में संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सत्ता में बने रहने के प्रयास के तहत 10 मई को संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे attacknews.in

काठमांडू, तीन मई । नेपाल में संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सत्ता में बने रहने के प्रयास के तहत 10 मई को संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।

एक आधिकारिक बयान में रविवार को बताया गया कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर 10 मई को संसद का सत्र आहूत किया है।

विश्वास मत हासिल करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में ओली (69) को कम से कम 136 वोट चाहिए क्योंकि चार सदस्य अभी निलंबित हैं।

नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक, रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ओली ने कहा कि सत्ता बरकरार रखने के लिए संसद में विश्वास मत जीतने का प्रयास करेंगे।

पिछले साल प्रतिनिधि सभा को भंग करने के प्रधानमंत्री के विवादास्पद निर्णय के बाद देश में शुरू राजनीतिक गतिरोध के बीच ओली ने यह फैसला किया है।

कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री लीला नाथ श्रेष्ठ ने ‘काठमांडू पोस्ट’ को बताया कि प्रधानमंत्री 10 मई को विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे। यह केवल एक दिन का सत्र होगा।

श्रेष्ठ ने कहा कि ओली ठप पड़ी राजनीतिक प्रक्रिया को आगे ले जाना चाहते हैं। सरकार को यकीन है कि वह विश्वास मत जीत लेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया होगी।

प्रधानमंत्री ओली ने यह फैसला ऐसे वक्त किया है जब नेपाल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है।

नेपाल में रविवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 7,137 नए मामले सामने आए। देश में संक्रमितों की संख्या 329,000 हो गयी है जबकि मृतक संख्या 3325 हो गयी है।

“फाइज़र” कोविड-19 वैक्सीन की शीघ्र मंजूरी के लिए भारत सरकार के साथ दवा कंपनी की बातचीत जारी: टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मई। वैश्विक दवा कंपनी फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अल्बर्ट बूर्ला ने सोमवार को कहा कि कंपनी अपनी फाइजर-बायोएटेक वैक्सीन को भारत में जल्द उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है, ताकि उसे तेजी से मंजूरी मिल सके।

फाइजर ने इससे पहले अप्रैल में कहा था कि उसने भारत में सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश की है, और वह भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

बूर्ला ने कहा, ‘‘फाइजर इस बात से अवगत है कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से हमारी वैक्सीन भारत में पंजीकृत नहीं है, हालांकि हमने महीनों पहले आवेदन दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय भारत सरकार के साथ अपनी फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन को देश में उपलब्ध कराने के लिए तेजी से मंजूरी देने पर चर्चा कर रहे हैं।’’

कंपनी ने पीटीआई-भाषा को ईमेल के जवाब में बताया, ‘‘फाइजर देश में सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए फाइजर और बायोएनटेक वैक्सीन उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।’’

भारत सरकार ने पिछले महीने आयातित वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी।

मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन के लिये 75 करोड रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज देगी सरकार; इसमें नवीन और पूर्व से संचालित इकाइयाँ व मेडिकल कॉलेज ले सकेंगे लाभ attacknews.in

भोपाल, 3 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ऑक्सीजन की समस्या के दीर्घकालीन निदान के लिए ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अधिकतम 75 करोड़ रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज प्रदान करने का निर्णय सरकार ने लिया है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। योजना का लाभ नवीन इकाइयों, पूर्व से संचालित इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को भी मिल सकेगा।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट पैकेज अंतर्गत प्रदेश में न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की इकाइयों को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन ( रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। इसके तहत अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी।

डॉ.मिश्रा ने बताया कि इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों में किए गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से लघु सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 3 वर्षों में तीन किश्तों में तथा वृहद उद्योगों को 5 वर्षों में पाँच किश्तों में मिल सकेगी।

डॉ.मिश्रा ने बताया कि विशिष्ट पैकेज योजना से प्रदेश में अधिकतम स्थानों पर ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी इकाइयाँ लगाई जा सकेगी और पूर्व संचालित इकाइयों का विस्तार भी निश्चित तौर पर होगा। इससे ऑक्सीजन संबंधी समस्या का न केवल तात्कालिक अपितु दीर्घकालिक निदान भी हो सकेगा।

मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के लिये मिलेगी विशेष वित्तीय सहायता

राज्य शासन ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु इकाईयों को विशेष वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा सभी कलेक्टरों को सूचित किया है।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में पात्र इकाई जिनकी उत्पादन क्षमता न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन की होगी, को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन (भूमि एवं रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। उक्त सहायता की अधिकतम सीमा 75 करोड़ रूपये होगी। पात्र इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी। इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से 3 वर्ष की अवधि के लिये प्राप्त हो सकेगा।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादकता बढ़ाने के लिये अपने जिले में स्थित ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों, ऑक्सीजन उपकरण निर्माता इकाईयों, बड़े निजी अस्पतालों एवं इच्छुक उद्यमियों को मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादक इकाईयाँ स्थापित करने के लिये प्रेरित करें।

दमोह सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार,अजय टंडन ने राहुल सिंह लोधी को हराया attacknews.in

दमोह, 02 मई। मध्यप्रदेश के दमोह विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तगड़ा झटका देते हुए जीत हासिल की और सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।

इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अजय टंडन ने 74641 मत प्राप्त कर भाजपा उम्मीद्वार राहुल सिंह लोधी को 17063 मतों से पराजित किया। भाजपा प्रत्याशी राहुल को 57578 मत मिले। यह सीट पहले कांग्रेस के कब्जे में थी, लेकिन कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से रिक्त हुई। इस सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव हुआ था और आज मतगणना हुई। मतगणना में 22 प्रत्याशियों में से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने पहले ही राउंड में बढ़त बनाई और बढ़त को अंत तक कायम रखते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राहुल सिंह लोधी को पछाड़ते हुए सीट पर अपना कब्जा जमाया।

नरेन्द्र मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम की समीक्षा की,14 उद्योगों में काम प्रगति पर,37 नाइट्रोजन संयंत्रों पर शीघ्र।शुरू किया जाएगा कार्य attacknews.in

नयी दिल्ली 02 मई । सरकार कोरोना महामारी का प्रकोप बढने के कारण मेडिकल आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने की व्यवहार्यता का पता लगा रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम में प्रगति की रविवार को यहां वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से बैठक कर समीक्षा की।

बैठक में यह जानकारी दी गयी कि ऐसे विभिन्न संभावित उद्योगों की पहचान की गई है जिनमें मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।

मौजूदा प्रेशर स्विंग एड्सॉर्प्शन (पीएसए) नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित करने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई। नाइट्रोजन संयंत्रों में कार्बन मॉलिक्यूलर सीव (सीएमएस) का उपयोग किया जाता है जबकि ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए ज़ियोलाइट मॉलीक्युलर सीव (ज़ेडएमएस) की आवश्यकता होती है। इसलिए, सीएमएस को ज़ेडएमएस के साथ बदलकर और कुछ अन्य परिवर्तनों जैसे ऑक्सीजन एनालाइज़र, कंट्रोल पैनल प्रणाली, प्रवाह वाल्व आदि के साथ मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।

उद्योगों के साथ विचार-विमर्श के बाद अब तक 14 उद्योगों की पहचान की गई है, जहां नाइट्रोजन संयंत्रों के रूपांतरण का काम प्रगति पर है। इसके अलावा, उद्योग संघों की मदद से 37 नाइट्रोजन संयंत्रों की इस कार्य के लिए पहचान की गई है।

ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए संशोधित नाइट्रोजन संयंत्र को या तो पास के अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है, और अगर इस संयंत्र को स्थानांतरित करना संभव नहीं है, तो इसका उपयोग ऑक्सीजन के ऑन-साइट उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जिसे विशेष पोत तथा सिलेंडर से अस्पताल में पहुंचायी जा सकती है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

विधानसभा चुनाव परिणाम:पश्चिम बंगाल में तृणमूल, तमिलनाडु में द्रमुक, केरल में वाम मोर्चा और असम में भाजपा को बहुमत ,ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी ने हराया attacknews.in

नयी दिल्ली, 02 मई । पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल भारी जीत की ओर अग्रसर है हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव हार गयी हैं जबकि असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केरल में वाम मोर्चा सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही हैं।

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को करारा झटका देते हुए द्रमुक सत्ता हासिल करने की ओर अग्रसर है। केन्द्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में 22 सीटों के परिणाम आ गये हैं जिनमें एन आर कांग्रेस ने 10 सीटें जीत ली है।

पश्चिम बंगाल में 139 सीटाें के नतीजे आ चुके हैं और 153 पर विभिन्न पार्टियां बढ़त बनायी हुयी हैं। इनमें से तृणमूल ने 111 सीटों पर जीत हासिल की है और 103 सीटों पर आगे चल रही है जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कांटे की टक्कर में भाजपा के शिवेन्दु अधिकारी से करीब 1957 मतों से चुनाव हार गयी हैं। भाजपा ने 27 सीटें जीती हैं और 49 सीटों पर बढ़त बना रखी है। राज्य में निर्दलीय के खाते में अभी तक एक सीट आई है।

तृणमूल प्रत्याशी अरूप विश्वास ने टॉलीगंज सीट जीत ली है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार एवं केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को 50 हजार से अधिक मतों से करारी शिकस्त दी है।

केरल में 113 सीटों के नतीजे आ चुके हैं और 140 सीटाें पर विभिन्न पार्टियाों ने बढ़त बना रखी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 49 सीटें जीती हैं और 13 सीटों पर बढ़त बना रखी है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में 14 सीटें आयी हैं और तीन पर आगे चल रही है। कांग्रेस को 15 सीटें मिली हैं तथा छह सीटों पर वह आगे चल रही है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 13 सीटें जीती हैं और वह दो पर आगे चल रही है।

तमिलनाडु में 234 सीटों में से 19 सीटों के नतीजे आ चुके हैं और विभिन्न दल 215 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। अन्नाद्रमुक ने नौ सीटें जीती हैं और वह 61 पर आगे चल रही है जबकि द्रमुक के खाते में नौ सीटें आयी हैं तथा वह 121 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस को अभी तक एक सीट मिली है और वह 15 सीटों पर आगे चल रही है।

पुड्डुचेरी में 22 सीटों के नतीजे आ चुके हैं और सात सीटों पर विभिन्न दल बढ़त बनाये हुए हैं। इनमें आल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 10 सीटें जीत ली है। भाजपा और द्रमुक ने तीन-तीन सीटें जीती है। भाजपा तीन तथा द्रमुक दो सीटों पर आगे चल रही है। निर्दलीय के खाते में चार सीटें गयी हैं और इसने दो पर बढ़त बना रखी है। कांग्रेस दो सीटों पर सिमट कर रह गयी है।

असम में 49 सीटाें के परिणाम घोषित किये जा चुके हैं और 77 सीटों पर विभिन्न पार्टियों की बढ़त जारी है। भाजपा ने 26 सीटें जीत ली हैं और 33 पर आगे चल रही है। राज्य में कांग्रेस के आठ उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब हो गये हैं और 23 सीटों पर उसके प्रत्याशी आगे हैं।

सुश्री बनर्जी ने आज शाम कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी को सहयोग नहीं किया और वह इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय जायेंगी।

उन्होंने कहा कि यह जीत बंगाल की जीत है। उन्होंने नंदीग्राम सीट से अपनी पराजय स्वीकार करते हुए कहा,“ नंदीग्राम के बारे में चिंता मत करिए, मैंने नंदीग्राम के लिए आंदोलन किया था और वहां संघर्ष किया है। नंदीग्राम के लोगों ने जो जनादेश दिया है, उसे मैं स्वीकार करती हूं। तृणमूल कांग्रेस ने 221 से अधिक सीटें जीती हैं। भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम एक सादे समारोह के रूप में होगा।

चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रद्रेश में वोटों की गिनती रविवार को उस वक्त हुई , जब देश कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर संकट का सामना कर रहा है।।

मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान जताया गया था। दूसरी तरफ, असम में राजग की जीत तथा केरल में वाम मोर्चे के सत्ता में बने रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।

एग्जिट पोल में असम और केरल में कांग्रेस की हार की संभावना जताई गई थी और अब तक के रुझानों में यही स्थिति बनती दिख रही है। तमिलनाडु में द्रमुक की अगुवाई और कांग्रेस की मौजूदगी वाले गठबंधन की जीत की संभावना जताई गई थी।

कांग्रेस के लिए अच्छी खबर केवल तमिलनाडु से है जहां एग्जिट पोल में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत का अनुमान जताया गया था।

चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में चुनावी नतीजे यह भी दर्शा सकते हैं कि कोविड-19 महामारी से निपटने की तैयारी ने मतदाताओं पर कैसे असर डाला।

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में तीन चरणों में मतदान संपन्न हुआ था। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान हुए थे।

पश्चिम बंगाल में हार गई ममता बनर्जी,चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी,खुद की हार पर कहा,उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से निपटना है,इस महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी attacknews.in

चुनाव आयोग के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएंगी ममता

कोलकाता, 02 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि वह चुनाव आयोग के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगी।

सुश्री बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से हार गई हैं जबकि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्य में बड़ी जीत दर्ज करते हुये तीसरी बार सत्तारुढ़ होने के लिए तैयार है ।

नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी पराजित

पश्चिम बंगाल की प्रतिष्ठित नंदीग्राम विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांटे की टक्कर में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शिवेन्दु अधिकारी से चुनाव हार गयी हैं।

श्री अधिकारी 1957 मतों से चुनाव जीते हैं। इससे पहले ऐसी खबरें आयीं थी कि सुश्री बनर्जी 1200 मतों से चुनाव जीत गयी हैं।

सुश्री बनर्जी ने नंदीग्राम में अपनी पराजय स्वीकार कर ली है।

उन्होंने कहा, “ नंदीग्राम की चिंता न कीजिए, मैंने नंदीग्राम में एक आंदोलन की अगुवाई की थी, इसलिए मैंने वहां से संघर्ष किया। नंदीग्राम के लोगों ने जैसा भी जनादेश दिया है, मैं उसे स्वीकार करती हूं। हम लोगों ने विधानसभा की 221 सीटें जीती हैं और भाजपा चुनाव हार गयी है। ”

यह बंगाल की जीत है: ममता

इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को राज्य के चुनावी नतीजों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा“ यह बंगाल की जीत है।”

सुश्री बनर्जी ने चुनावी नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि यह बंगाल की जीत है और सभी लोगों को कोविड संबंधी प्रोटोकाल का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह शाम छह बजे के बाद प्रेस को संबोधित करेंगी।

सुश्री बनर्जी ने कहा“ अभी किसी तरह का कोई विजयी जुलूस नहीं निकाला जाएगा और इसके बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा।”

राज्य में तीसरी बार सत्ता संभालने जा रही सुश्री बनर्जी ने तृणमूल कार्यकर्ताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से घर जाने तथा कोविड से लडने का आह्वान किया।

हमारी पहली प्राथमिकता कोविड है: ममता

मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटना है और वह इस महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी।

सुश्री बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि वह केंद्र से सहायता लेंगी और महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के अपने प्रयासों को प्राथमिकता देंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जीत ने बंगाल के लोगों को बचा लिया। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से जीत का जश्न नहीं मनाने का आग्रह किया। कोरोना संकट को देखते हुये शपथ समारोह का आयोजन भी छोटे स्तर पर होगा। सुश्री बनर्जी ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन को ‘‘शानदार जीत” बताया।

उधर, भारतीय जनता पार्टी के शुवेंदु अधिकारी नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में बेहद करीबी मुकाबले में सुश्री बनर्जी से जीत गये हैं। श्री अधिकारी 1957 मतों से जीते हैं।

इससे पहले ऐसी रिपोर्टें आईं थी कि सुश्री बनर्जी 1,200 मतों से जीती हैं। सुश्री बनर्जी ने नंदीग्राम से अपनी हार स्वीकार करते हुये कहा, “मैं नंदीग्राम के लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं।”

सुश्री बनर्जी ने कहा, “नंदीग्राम को लेकर चिंतित न हों। मैंने नंदीग्राम के लिए संघर्ष किया क्योंकि मैंने एक आंदोलन चलाया। नंदीग्राम के लोग जो भी फैसला करना चाहते हैं, उन्हें करने दें। मैं इसे स्वीकार करती हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हम 221 से अधिक सीट जीते हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव हार गई है।”

मुख्यमंत्री ने कालीघाट के अपने निवास से पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान कहा , “यह बंगाल की जीत है।”

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि, मध्यप्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव केसों की तुलना में रिकवरी बढ़कर हुआ 84.19 प्रतिशत attacknews.in

भोपाल, 2 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसों की तुलना में रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है। रिकवरी दर 23 अप्रैल को 80.41 प्रतिशत थी, जो बढ़कर आज 84.19 प्रतिशत हो गई है।

श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में रिकवरी दर 29 अप्रैल को 82.28 प्रतिशत, 30 अप्रैल को 82.88 प्रतिशत और एक मई को बढ़कर 83.63 प्रतिशत पहुँची। एक्टिव केसों की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश देश में 7 वें नंबर पर था, जो अब 14 वें नंबर पर बेहतर स्थिति में आ गया है। प्रदेश के 26 जिलों में नए पॉजिटिव केसों की तुलना रिकवरी का प्रतिशत अधिक रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कुल 845 कोविड अस्पताल संचालित हैं। एक अप्रैल तक इनमें कुल 20 हजार 159 बेड्स उपलब्ध थे, जिन्हें बढ़ाकर 60 हजार से अधिक किया गया है। प्रतिदिन एक हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। एक माह में 40 हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए गए हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जिला अस्पतालों के 2 हजार 302 बिस्तरों में से अब तक 1476 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डाली जा चुकी है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 4643 बिस्तरों में से अब तक 557 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है।
प्रदेश को केन्द्र सरकार से 24 अप्रैल से अभी तक 649 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। बाहरी स्त्रोतों से कुल 474.8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त होने की संभावना है। इसके अलावा बाहरी स्त्रोतों से 455.2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऑक्सीजन के त्वरित परिवहन के लिए झारखंड एवं गुजरात से ऑक्सीजन टेंकर एयरलिफ्ट कर इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर लाए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार से बोकारो एवं भोपाल के मध्य वायुसेना की सामरिक उड़ान सहित जामनगर से भोपाल-इंदौर की उड़ान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा रेल्वे के माध्यम से राउरकेला से जबलपुर तक प्रति रैक 6 टेंकर्स के परिवहन की सुविधा के साथ 2 रेलवे रेक्स उपलब्ध कराये जाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध किया गया।

जन-जागरूकता की अलख जगा रहे कोरोना वॉलेंटियर्स

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर ‘मैं भी कोरोना वॉलिंटियर’ अभियान से युवा जुड़ कर टीम भावना से कार्य कर कोरोना संक्रमण के प्रति जन-जागरूकता लाने, वैक्सीनेशन कार्य और कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार में भी मदद कर रहे हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के जय स्तंभ चौक में कोरोना वॉलंटियर जन अभियान परिषद से सम्बद्ध जनहित मानव सेवा संस्थान भी अपनी पूरी क्षमता के साथ कोरोना संक्रमण के प्रति आमजन को जागरूक करने की अलख जगाने में अहम भूमिका निभा रहें है।

केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से ऑक्सीजन आपूर्ति पर उसका आदेश वापस लेने का अनुरोध किया जिसमें आवंटित 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति करने या फिर अवमानना का सामना करने के लिये तैयार रहने को कहा हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । केन्द्र सरकार ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उससे राष्ट्रीय राजधानी को आवंटित 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करने या फिर अवमानना का सामना करने के लिये तैयार रहने से संबंधित आदेश वापस लेने का अनुरोध किया।

केन्द्र सरकार ने अपनी याचिका में अदालत से एक मई के आदेश को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि उसके अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और ऐसे आदेशों से उनके मनोबल पर गलत प्रभाव पड़ेगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ से कहा कि दिल्ली सरकार उसे आवंटित की गई ऑक्सीजन की ढुलाई के लिये कुछ टैंकरों को छोड़कर बाकी का प्रबंध करने में पूरी तरह नाकाम रही है।

अदालत ने शनिवार को दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते डॉक्टर समेत आठ रोगियों की मौत पर नाराजगी जताते हुए केन्द्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी को प्रतिदिन के हिसाब से आवंटित 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिले। अदालत ने कहा था कि अब बहुत हो चुका और पानी सिर से ऊपर जा चुका है।

पीठ ने कहा कि केन्द्र यह सुनिश्चित करे कि दिल्ली को ‘किसी भी माध्यम से’ आवंटित ऑक्सीजन मिले। अदालत ने कहा था कि ऐसा न करने पर अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।

केन्द्र ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि दिल्ली को जितनी ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, उसका भी सही ढंग से वितरण या इस्तेमाल नहीं किया जा रहा, जिसके चलते दिल्ली के निवासियों की जान पर खतरा पैदा हो गया है।

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि, कोविड संबंधी दवाएं, उपकरण अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा पर न बेचे जाएं attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन सांद्रक और जरूरी दवाएं अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर न बेची जाएं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि कोविड-19 से संबंधित दवाओं और उपकरणों की जमाखोरी तथा कालाबाजारी में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएं। साथ ही अवमानना कार्रवाई के अलग मामले का सामना करने के लिये उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

कुछ वकीलों ने अदालत को बताया था कि दवाओं और उपकरणों के लिये अधिक रकम वसूली जा रही है, जिसके बाद अदालत ने ये निर्देश जारी किये हैं।

इसके बाद दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस ने एंबुलेंस के लिये ज्यादा किराया वसूलने, दवाओं, उपकरणों की कालाबाजारी जैसे मामलों के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिये एक हेल्पलाइन नंबर- 33469900 – जारी किया है।

उन्होंने अदालत से अनुरोध किया का वह निर्देश दे कि इस हेल्पलाइन का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए जिससे लोग ऐसे गलत गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को सूचित कर सकें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) और पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस हेल्पलाइन का व्यापक प्रचार करें।

ज्यादा किराया वसूले जाने, कोविड-19 के उपचार से जुड़ी दवाओं और उपकरणों की जमाखोरी व कालाबाजारी का मुद्दा पीठ के संज्ञान में केंद्र द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लाया गया। केंद्र ने याचिका में अदालत से उसके एक मई के उस आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था जिसमें उसने दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति करने का निर्देश दिया था।

अदालत ने ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी और केंद्र चाहता था कि अदालत इस निर्देश को भी वापस ले ले।

राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का ठीकरा जनादेश वाला स्वीकार करके कहा, मूल्यों और आदर्शों के लिए लड़ाई जारी रहेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि वह जनादेश को स्वीकार करते हैं और पार्टी मूल्यों एवं आदर्शों के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं। अपने कार्यकर्ताओं और हमें समर्थन देने वाले लाखों लोगों का आभार। हम मूल्यों और आदर्शों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। जय हिंद।’’

राहुल गांधी ने तमिलनाडु में जीत के लिए द्रमुक नेता एम के स्टालिन को बधाई दी।

उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया। हम आपके (स्टालिन) नेतृत्व में लोगों के भरोसे को सही साबित करेंगे।’’

उधर, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के जिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बधाई दी और कहा कि भाजपा को उसके बराबर की टक्कर मिली और वह हार गई।

टी रविशंकर बनाए गए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर attacknews.in

मुंबई, दो मई । टी रविशंकर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का डिप्टी गवर्नर बनाया गया है। वह केंद्रीय बैंक की अनुषंगी कंपनी इंडियन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी एंड एलाइड सर्विसेज के चेयरमैन थे।

रविशंकर आरबीआई के चार डिप्टी गवर्नर स्तर के अधिकारियों में एक होंगे। बीपी कानूनगो के दो अपैल को सेवानिवृत्त होने के बाद से डिप्टी गवर्नर का चौथा पद खाली था। कानूनगो एक साल सेवा विस्तार के बार सेवानिवृत्त हुए।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शनिवार को रविशंकर की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी। वह कानूनगो के विभाग की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं जो फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, भुगतान प्रणाली और लोखिम निगरानी के प्रभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

उनकी नियुक्ति तीन वर्ष या उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि में जो भी पहले होगा, तब तक के लिए की गयी है।

आरबीआई के अन्य तीन डिप्टी गवर्नर में माइकल डी पात्रा, मुकेश जैन और राजेश्चर राव शामिल हैं। रविशंकर सितंबर 1990 में आरबीआई में अनुसंधान अधिकारी के रूप में नियुक्त किए गए थे। उन्होंने बीएचयू से विज्ञान एवं सांख्यिकी में स्नात्कोत्तर स्तर की पढ़ाई की। वह इंस्टिट्यूट आफ इकोनामिक ग्रोथ से विकास योजना का डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी किए हुए हैं।

वह पिछले साल इंडियन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी एंड एलाइड सर्विसेज के चेयरमैन बनाए गए थे। इससे पहले वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के साथ भी भारत सरकार की ओर से काम कर चुके हैं।

SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि, भारतीय स्टेट बैंक अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन देने ब्याज दरों को जितना संभव होगा नरम और अनुकूल बनाये रखेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन देने के लिये ब्याज दरों को जितना संभव होगा नरम और अनुकूल बनाये रखेगा। बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने यह कहा।

कोविड- 19 महामारी की दूसरी लहर का बैंक की गैर- निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) पर पड़ने वाले असर के बारे में एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि यह लॉकडाउन पूरे भारत में नहीं लगा है। ऐसे में हमें बैंकिंग क्षेत्र पर इसके पड़ने वाले असर की कुछ समय प्रतीक्षा करनी होगी उसका आकलन करना होगा।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति सहित कई चीजें हैं जिनका ब्याज दर पर असर होता है। ‘‘हमारा प्रयास आर्थिक वृद्धि के प्रयासों को समर्थन देना है। यह सुनिश्चित करने के लिये जितना संभव हो सकेगा हम ब्याज दरों को नरम बनाये रखने का प्रयास करेंगे।’’

खारा ने समाचार एजेंसी को दिये एक साक्षात्कार में पूछे गये सवाल पर कहा कि स्थानीय प्रतिबंधों के आधार पर बैंकों के एनपीए परिदृय को लेकर इस समय किसी भी तरह का आकलन किया जाना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘अलग अलग राज्यों में लाकडाउन की स्थिति अलग है, ऐसे में हमें अर्थव्यवस्था और एनपीए की स्थिति को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से पहले कुछ और समय तक देखना और प्रतीक्षा करनी चाहिये।’’

कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा परिस्थितियों के बीच बैंक द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में खारा ने कहा कि बैंक ने देश के कुछ अधिक प्रभावित राज्यों में कोविड- 19 मरीजों के लिये गहन चिकित्सा सुविधा (आईसीयू) वाले अस्थाई अस्पताल बनाने का फैसला किया है।

बैंक ने इस काम के लिये 30 करोड़ रुपये की राशि रखी है और वह आपात स्तर पर चिकित्सा सुविधायें स्थापित करने को लेकर कुछ गैर- सरकारी संस्थानों (एनजीओ) और अस्पताल प्रबंधन के साथ संपर्क में है।

उन्होंने कहा कि बेंक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में कोविड- 19 मरीजों के इलाज के लिये एक हजार बिस्तरों की व्यवसथा करना चाहता है। इनमें 50 बिस्तरे आईसीयू सुविधा के साथ होंगे।

खारा ने कहा कि स्टेट बैंक आक्सीजन सिलेंडर तथा दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये भी अस्पतालों और एनजीओ के साथ गठबंधन कर रहा है। ‘‘हमने एक कार्ययोजना तैयार की हे। हमने 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है जिसमें कोविड- 19 से जुड़े पहलों के लिये 17 सर्किलों में 21 करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि बैंक के कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिये बैंक ने देशभर में कुछ अस्पतालों के साथ समझौता किया है ताकि बीमार पड़ने वाले बैंक के कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज की सुविधा मिल सके।

बेंक ने अपने कर्मचारियों और उनके आश्रितों के टीकाकरण का खर्च भी खुद उठाने का फैसला किया है। बैंक के कुल ढाई लाख कर्मचारियों में से अब तक 70 हजार कर्मचारियों का टीकाकरण हो चुका है।

वाहन मालिक द्वारा नामित को वाहन हस्तांतरण में हुआ बदलाव:परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन नियमावली में बदलाव अधिसूचित किए attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने किसी वाहन के मालिक के पंजीकरण प्रमाणपत्र में किसी व्यक्ति को नामित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में कुछ बदलाव अधिसूचित किए हैं। इस तरह के बदलाव से मोटर वाहन वाहन मालिक के मृत्यु की स्थिति में नामित व्यक्ति के नाम से मोटर वाहन पंजीकृत करने या हस्तांतरित करने में आसानी होगी।

वाहन मालिक अब वाहन के पंजीकरण के समय नामित व्यक्ति का नाम डाल सकते हैं या बाद में ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी ऐसा कर सकते हैं। पुरानी प्रक्रिया जटिल है और पूरे देश में अलग-अलग तरह की है।

अधिसूचित नियमों के तहत नामित व्यक्ति का उल्लेख किए जाने की स्थिति में वाहन मालिक को उस व्यक्ति की पहचान का प्रमाण जमा करना होगा।

अधिसूचना में कहा गया, ‘वाहन मालिक की मौत की स्थिति में, वाहन मालिक ने पंजीकरण के समय जिस व्यक्ति को नामित किया है या फिर जो वाहन का उत्तराधिकारी बनता हो, जो भी स्थिति हो, वाहन मालिक की मृत्यु से तीन महीने की अविधि के लिए वाहन का इस तरह से इस्तेमाल कर सकता है जैसे कि वह वाहन उसे हस्तांतरित किया गया हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नामित व्यक्ति ने वाहन मालिक की मृत्यु के 30 दिन के भीतर पंजीकरण प्राधिकरण को उसकी मृत्यु की जानकारी दे दी हो और बता दिया हो कि वाहन का वह अब खुद इस्तेमाल करेगा।’

इसमें यह भी कहा गया है कि नामित व्यक्ति या वाहन का मालिकाना हक हासिल करने वाला व्यक्ति वाहन मालिक की मृत्यु के तीन महीने के भीतर वाहन के मालिकाना हक के हस्तांतरण के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के पास फॉर्म 31 में आवेदन देगा।

साथ ही तलाक या संपत्ति के बंटवारे जैसी स्थितियों में वाहन मालिक नामित व्यक्ति से जुड़ा बदलाव करने के लिए एक सहमत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ नामांकन में बदलाव कर सकता है।

विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थमा:कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच निवेशकों ने अप्रैल में ₹ 9,659 करोड़ निकाले attacknews.in

नयी दिल्ली, दो मई । विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया। विदेशी निवेशक अप्रैल माह में शुद्ध बिकवाल रहे और माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपए की निकासी की।

भारत में कोरोना वायरस की गंभीर लहर और उसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुये विदेशी निवेशकों ने अपना यह रुख बदला।

माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह संस्थापक हर्षद चेतनवाला के अनुसार विदेशी निवेशकों में कोविड-19 संकट का भय यदि बढ़ता है तो विदेशी निवेशकों के अपनी हिस्सेदारी बेचने का चलन जोर पकड़ सकता है और बाजार में थोड़ी और उथल-पुथल आ सकती है।

डिपॉजिटरी के पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार से 9,659 करोड़ रुपए की पूंजी निकाली। सितंबर, 2020 के बाद से पहली बार इस स्तर पर पूंजी की निकासी की गई। तब 7,782 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी।

अप्रैल से पहले अक्तूबर, 2020 और मार्च, 2021 के बीच एफपीआई ने इक्विटी में 1.97 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसमें इस साल के पहले तीन महीने में किया गया 55,741 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है।

शेयर खान (बीएनपी पैरिबास) के कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी विभाग के प्रमुख, वरिष्ट उपाध्यक्ष, गौरव दुआ ने कहा, “उभरते बाजारों में विदेशी निवेश में सामान्य रूप से एक मंदी आयी है। खासतौर पर भारत में कोरोना विषाणु की दूसरी लहर और अर्थव्यवस्था पर उसके असर से विदेशी संस्थानों पर इक्विटी बेचने का दबाव है।” रिलायंस सिक्युरिटीज के स्ट्रेटजी प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि एफपीआई की बिक्री थोड़े समय की प्रक्रिया है और इससे एक बड़ा जोखिम पैदा होने की आशंका नहीं है क्योंकि भारतीय इक्विटी की बुनियाद ठोस है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 मामलों में अच्छी खासी कमी आने पर आने वाले महीनों में इक्विटी में एफपीआई का प्रवाह वापस लौट सकता है।

इक्विटी के अलावा एफपीआई ने पिछले महीने कुल 118 करोड़ रुपए के रिण पत्रों की भी बिकवाली की।

इस साल अब तक एफपीआई ने शेयरों में 46,082 करोड़ रुपए का निवेश किया, लेकिन रिण पत्रों से कुल 15,616 करोड़ रुपए की राशि निकाली है।