भारत और ब्रिटेन के शिखर सम्मेलन में अगले 10 साल  2030 तक दोनों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप को मंजूरी;कोविशील्ड वैक्सीन  ब्रिटेन में विकसित हुई ,भारत में निर्माण के बाद विश्वभर में वितरण किया गया attacknews.in

भारत-ब्रिटेन आभासी (वर्चुअल) शिखर सम्मेलन एसटीआई सहयोग को मजबूती प्रदान करता है

नईदिल्ली 8 मई ।भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन (यूके) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन और भारत के बीच एक नई और परिवर्तनकारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक साझा दृष्टि पर सहमति व्यक्त की हैI साथ ही अगले 10 साल अर्थात 2030 तक सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी भारत-ब्रिटेन (यूके) रोडमैप को अपनाया गया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन (यूके) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की 04 मई 2021 को आभासी (वर्चुअल) बैठक हुई थी

दोनों नेताओं ने 4 मई 2021 को आभासी (वर्चुअल) मुलाकात की और विज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में और अधिक साझेदारी के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया और आगामी मंत्रिस्तरीय विज्ञान और नवाचार परिषद (एसआईसी) के लिए आशा व्यक्त कीI

उन्होंने दूरसंचार / आईसीटी पर नए ब्रिटेन (यूके)-भारत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने और डिजिटल और प्रौद्योगिकी पर इरादे की संयुक्त घोषणा, तकनीक पर नए उच्च-स्तरीय संवाद की शुरुआत, कोविड-19 में नए संयुक्त त्वरित अनुसन्धान (रैपिड रिसर्च) निवेश की स्थापना, जूनोटिक रिसर्च को आगे बढाने के लिए एक नई साझेदारी, मौसम और जलवायु विज्ञान की अग्रिम समझ के लिए नए निवेश और ब्रिटेन (यूके) –भारत शिक्षा एवं अनुसन्धान नवाचार (यूके-इण्डिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव- यूकेआईईआरआई) को आगे भी जारी रखने के लिए एक नई साझेदारी का स्वागत किया।

उन्होंने मौजूदा ब्रिटेन (यूके)-भारत वैक्सीन (टीके) की साझेदारी को बढ़ाने और उसका कार्यक्षेत्र विस्तृत करने पर सहमति व्यक्त की जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, एस्ट्राज़ेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच एक प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन के लिए उस  सफल सहयोग को सामने लाती है जिसके द्वारा इस वैक्सीन को ब्रिटेन में विकसित करके उसका भारत में निर्माण (मेड इन इण्डिया) करने के बाद विश्वभर में वितरण किया गया हैI उन्होंने जोर देकर कहा  कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इससे सबक लेना चाहिएI

दोनों नेताओं ने वैश्विक महामारियों से लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा तन्त्र को सुधारने और सुदृढ़ बनाने के लिए मिलकर काम करने पर  भी सहमति जताई।

दोनों देशों के बीच एसटीआई सहयोग को और सुदृढ़ करने के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं :

  1. भारत और यूके के बीच स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में एसटीईएमएम में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए सहयोग को बढ़ाना और संस्थागत सुधार के लिए लैंगिक पहल जैसी नवाचार (जीएटीआई) परियोजनाओं में एसटीईएम विषयों में महिलाओं की समान भागीदारी के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार  करनाI

  2. भारत नवाचार प्रतियोगिता संवर्धन कार्यक्रम (आईआईसीईपी) जैसी पहलों के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण, सलाह और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर ध्यान केंद्रित करके स्कूल के छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उद्योग, शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग का विकास करना।

  3. संयुक्त प्रक्रियाओं के माध्यम से उच्च गुणवत्ता, उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान और नवाचार का समर्थन जारी रखने के लिए दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय अनुसंधान, विज्ञान और नवाचार के बुनियादी ढांचे और सरकारों के बीच आपसी सम्बन्धों का की स्थापना होI विश्व कल्याण के लिए साझा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आपसी पसंद और शक्ति के साझेदार के रूप में ब्रिटेन (यूके) और भारत को स्थापित करेंI स्वास्थ्य, चक्रीय अर्थव्यवस्था, जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास और इंजीनियरिंग स्वस्थ वातावरण, अपशिष्ट-से-धन, विनिर्माण, साइबर भौतिक प्रणाली, अंतरिक्ष और संबंधित अनुसंधान शामिल हैं I

  4. बुनियादी अनुसंधान से लेकर अनुप्रयुक्त और अंतःविषय अनुसंधान के लिए और सरकारी विभागों में अनुकूलन  और व्यावसायीकरण के माध्यम  से प्रभाव को सर्वश्रेष्ठ बनाने, विशेषज्ञता और नेटवर्क का उपयोग करने और दोहराव को कम करने के लिए अनुसंधान और नवोन्मेषी गतिविधि की प्रक्रिया  में समग्र भागीदारी हो I

  5. प्रतिभा, उत्कृष्ट शोधकर्ताओं और प्रारंभिक कैरियर इनोवेटरों की एक संयुक्त व्यवस्था को प्रोत्साहित करने और संयुक्त केंद्रों की स्थापना करके छात्र और शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान के नए अवसरों का पता लगाने के लिए शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार पर मौजूदा, लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय साझेदारी का लाभ उठाना और निर्माण करना और अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच को सुगम बनाना।

  6. कृत्रिम बुद्धिमत्ता नैतिकता सहित नियामक पहलुओं के बारे में ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने की नीतियों के लिए वैज्ञानिक समर्थन पर एक साथ काम करें और अनुसंधान और नवाचार में संवाद को बढ़ावा दें। टेक समिट्स के माध्यम से आंकड़ों के समन्वयन की सोच (डेटा’ क्रॉस-कटिंग थीम) के तहत भविष्य के तकनीक के मानदंडों और शासन की चुनौतियों पर एक साथ काम करने के लिए टेक इनोवेटर्स, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर  लाएं।

  7. नवाचारों का नेतृत्व करने, टिकाऊ विकास और रोजगार, और तकनीकी समाधान जो दोनों देशों को लाभान्वित करते हैं, के लिए के लिए फास्ट ट्रैक स्टार्ट-अप फंड जैसे कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं। प्रौद्योगिकी-सक्षम नवीन व्यवसायों की वृद्धि को सक्षम करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्ट-अप और एमएसएमई की संख्या बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु और पर्यावरण, चिकित्सा तकनीक उपकरणों, औद्योगिक जैव=प्रौद्योगिकी और कृषि के संबंध में साझेदारी बढ़ाने और 2030 तक वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने वाले दीर्घकालिक स्थायी विकास के लिए साझेदारियों की सम्भावनाओं का पता लगाएं।

गोवा हवाई अड्डे से मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें की निर्बाधित आपूर्ति जारी;सबसे छोटा राज्य होने के बावजूद कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 24 घंटे एक प्रवेश द्वार की तरह काम कर रहा है attacknews.in

नईदिल्ली 8 मई । भारतीय विमान पत्तन, गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और इसके अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें की निर्बाधित आपूर्ति को सुगम बनाने के जरिये कोविड-19 से लड़ने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

गोवा हवाई अड्डे ने इससे पहले कुल 2.15 एमटी के इनबाउंड कार्गो तथा 3.96 एमटी के आउटबाउंड कार्गो के साथ कोविड-19 से लड़ने में भारत की सहायता करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के सुदूर क्षेत्रों में मेडिकल के अनिवार्य कार्गो के परिवहन के लिए लक्षित 8 लाइफलाइन उडान फ्लाइट को पूरा किया था।

गोवा हवाई अड्डे ने जनवरी तथा फरवरी 2021 के बीच गोवा राज्य के लिए कोविड टीकों के 3लॉट तथा पड़ोसी कर्नाटक राज्य के लिए 1लॉट का भी प्रबंधन किया था।

यह अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है और गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें अर्थात कोविड टीके, फैबीफ्लू दवाइयां, कोविड-19 टेस्टिंग किट तथा अन्य अनिवार्य वस्तुओं की निर्बाधित आपूर्ति के द्वारा कोविड-19 द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के अपने मिशन को और सुदृढ़ बनाया है।

गोवा हवाई अड्डे ने इनबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में महामारी के दूसरे चरण में गोवा राज्य में कोविड टीकों की आवाजाही को सुगम बनाया है और बेहद कम समय में स्वास्थ्य अधिकारियों को खेपों की त्वरित एक्जिट तथा सुपुर्दगी सुनिश्चित की है।

  1.    चेन्नई से 18.04.2021 को कोविड टीकों (कोविशील्ड) के 13बॉक्‍स प्राप्त किए। 
    
  2.    मुंबई से 30.04.2021 को कोविड टीकों (कोविशील्ड) के 9बॉक्‍स प्राप्त किए।   
    
  3.    दिल्ली से 23.04.2021 को 122 किग्रा कोविड-19 टेस्टिंग किट्स प्राप्त किए।
    

इनबाउंड कार्गो के अतिरिक्त, गोवा हवाई अड्डे ने देश के विभिन्न हिस्सों अर्थात अहमदाबाद, बंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलाकाता, लखनऊ, जयपुर, हैदराबाद, इंदौर, नागपुर आदि में आउटबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में ग्लेनमार्क की फैबीफ्लू दवा की आपूर्ति को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अप्रैल, 2021 महीने में आउटबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में गोवा हवाई अड्डे से फैबीफ्लू की कुल 31,9555 किग्रा दवाइयां लेकर उड़ान भरी।

फैबीफ्लू का उपयोग हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है। सबसे छोटा राज्य होने के बावजूद गोवा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति पर रहने के जरिये उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है और गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 24 घंटे एक प्रवेश द्वार की तरह काम कर रहा है।

इसके अतिरिक्त, गोवा हवाई अड्डा गोवा सरकार के सहयोग एवं मदद से एएआई के कर्मचारियों तथा उनके आश्रित परिवारजनों, एयरलाइंस, एजेन्सियों और हवाई अड्डे पर कार्यरत अन्य अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के लिए टीकाकरण शिविरों का आयोजन करने का प्रयास कर रहा है।

कोरोना टीकाकरण ऑनलाइन बुकिंग पर कोविन सिस्टम ने एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड” शुरू किया ,अब पुष्टिकरण के बाद ही लगाया जाएगा टीका attacknews.in

कोविड 19 टीकाकरण के तीसरे चरण का अपडेट

कोविन डिजिटल प्लेफार्म में एक नया सेक्योरिटी फीचर जोड़ा गया

ऑनलाइन अड़चनों को कमतर करने के लिये “4 डिजिट सेक्योरिटी कोड”

नई दिल्ली 8 मई । यह बात ध्यान में आई है कि कुछ नागरिकों ने कोविन पोर्टल के जरिये टीकाकरण के लिये बुकिंग/अपॉइंटमेंटतो लिया, लेकिन निर्धारित दिन टीका लगवाने नहीं जा पाये। ऐसा होने पर भी उन्हें एसएमएस मिल जाता है कि टीके की खुराक उन्हें दी जा चुकी है। जांच करने पर पता चला कि टीकाकरण करने वालों की गलती के कारण ऐसी गलत सूचना चली जाती है, जबकि व्यक्ति को टीका नहीं लगा होता, यानी टीकाकरण करने वाले गलती से ऐसा डाटा डाल देते हैं।

इस अड़चन को दूर करने और नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिये, कोविन सिस्टम ने कोविन एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड” शुरू करने का फैसला किया है, जो आठ मई, 2021 से शुरू हो जायेगा। अब पुष्टिकरण के बाद लाभार्थी को अगर टीकाकरण का पात्र पाया जाता है, तो टीका लगाने के पहले, टीका लगाने वाला व्यक्ति लाभार्थी से चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड पूछेगा। उसके बाद उस अंक को कोविन सिस्टम में सही तौर पर दर्ज कर दिया जायेगा।

यह नया फीचर केवल उन लोगों के लिये लागू होगा, जिन्होंने टीकाकरण के लिये ऑनलाइन बुकिंग करवा रखी होगी। सफलतापूर्वक बुकिंग कर लेने के बाद लाभार्थी को एसएमएस के जरिये चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड भेज दिया जायेगा। इस बाबत पावती को भी मोबाइल पर दिखाया जा सकता है।

इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन नागरिकों ने ऑनलाइन बुकिंग करवाई है, उनकी टीकाकरण स्थिति को सही-सही सिस्टम में दर्ज कर लिया जाये। उनके सेंटर का नाम, समय, तिथि, आदि सिस्टम में दर्ज हो जायेगा। यह सुविधा केवल उन्हीं सेंटरों पर मिलेगी, जहां के लिये बुकिंग करवाई गई है। इससे फर्जी लोगों को दूर रखने और कोविन की सुगमता के बेजा इस्तेमाल को रोका जा सकेगा।

नागरिकों के लिये सलाह –

सलाह दी जाती है कि सभी नागरिक अपनी अपॉइंटमेंट स्लिप और/या अपना पंजीकृत मोबाइल, जिस पर एसएमएस आया है, को अपने साथ रखें, ताकि टीकाकरण की प्रक्रिया को सही तौर पर दर्ज करने के लिये चार अंकों वाले सेक्योरिटी कोड की सहायता ली जा सके।

यह भी सलाह दी जाती है कि सेक्योरिटी कोड को टीका लगाने वाले या कोड की पुष्टिकरण करने वाले को टीका लगाने से पहले बता दिया जाये। यह डिजिटल प्रमाणपत्र बनाने के लिये जरूरी है, जो टीका लगने के बाद दिया जाता है।

नागरिकों को टीका लगाने वाले व्यक्ति को सेक्योरिटी कोड देना होगा, ताकि सेक्योरिटी कोड के साथ टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया दर्ज की जा सके। इसके बाद ही डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा।

सारी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नागरिकों को एसएमएस भेजा जायेगा। पुष्टिकरण का यह एसएमएस इस बात का प्रमाण है कि टीकाकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई और डिजिटल प्रमाणपत्र बन गया है। अगर किसी को एसएमएस नहीं मिलता, तो उसे सम्बंधित टीकाकरण केंद्र से संपर्क करना चाहिये।

कोविड-19 संक्रमण का मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय ने पॉली हर्बल औषधि “आयुष-64” और काबासूरा कुडिनीर को संक्रमित रोगियों को वितरित करने का देशव्यापी अभियान शुरू किया attacknews.in

आयुष मंत्रालय का आयुष64 और काबासुरा कुडिनीर के राष्ट्रव्यापी वितरण का अभियान शुरू

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिए मंत्रालय की नई पहल

मुख्य फोकस अस्पताल के बाहर के कोविड-19 रोगी

नईदिल्ली 8 मई । देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर का मजबूती से मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय ने आज से अपनी पॉली हर्बल औषधि आयुष-64 और काबासूरा कुडिनीर को कोविड-19 संक्रमित रोगियों (जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं) को वितरित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया। इन दवाओं की उपयोगिता और प्रभावशीलता बहु-केंद्रीय क्लीनिकल परीक्षणों के माध्यम से साबित हो चुकी है।

श्री किरेन रिजिजू, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और आयुष मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) द्वारा शुरू किए गए इस अभियान द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि दवाएँ पारदर्शी तरीके से ज़रूरतमंदों तक पहुँचे। अभियान में मुख्य सहयोगी के रूप में सेवा भारती संस्था साथ जुड़ी है।

कोविड के लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम संक्रमण के इलाज में कारगर इन औषधियों के देशव्यापी वितरण की एक व्यापक रणनीति बनाई गई है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाले विभिन्न संस्थानों के व्यापक नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा और यह सेवा भारती के देशव्यापी नेटवर्क द्वारा समर्थित होगा।

आयुष मंत्रालय द्वारा विभिन्न स्तरों पर किये जा रहे प्रयासों को कारगर बनाने के लिए तथा इस तरह की पहल के लिए रणनीति तैयार करने और विकसित करने के लिए वरिष्ठ विशेषज्ञों के एक समूह के साथ एक अंतःविषयक आयुष अनुसंधान और विकास कार्य बल पहले से ही काम कर रहा है। कोविड-19 के दुष्प्रभाव को घटाने और प्रबंधन में आयुष हस्तक्षेप की भूमिका का आकलन करने के लिए कई नैदानिक (क्लीनिकल), पर्यवेक्षणीय अध्ययन भी किए गए हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल: आयुर्वेद और योग के एकीकरण’ के लिए एक अंतःविषयक समिति भी स्थापित की है जिसकी अध्यक्षता ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉ. वी.एम. कटोच तथा विशेषज्ञों के समूह ने की है।

कोविड-19 के खिलाफ जारी इस जंग में आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों में आयुर्वेद और योग पर आधारित कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी शामिल है जिसका उद्देश्य आम जनता को इन प्रणालियों की ताकत का लाभ उठाने में मदद प्रदान करना है।

इसके अलावा, कोविड-19 की इस दूसरी लहर के उभार के दौरानमंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन के दौरान आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्वयं की देखभाल के लिए निवारक उपाय साझा किये हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान एथिकल प्रैक्टिसेज पर आयुष चिकित्सकों के लिए सलाह-सहायिका भी जारी की है।

ज्ञात हो कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। देश के प्रतिष्ठित शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष-64, जो कि आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा विकसित एक पॉली हर्बल दवा है, हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के उपचार में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि आयुष-64 प्रारंभ में मलेरिया के लिए 1980 में विकसित की गई थी और अब इसे कोविड-19 के लिए पुनरुद्देशित किया गया है। आयुष मंत्रालय तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान मंत्रालय (CSIR) के सहयोग ने हाल ही में कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों में आयुष 64 की सुरक्षा और प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक बहु-केंद्र क्लीनिकल परीक्षण कार्य पूरा किया है। इसके अलावा सिद्ध पद्धति के औषधीय काढ़े काबासुरा कुडिनीरकोभी आयुष मंत्रालय के तहत कार्यरत केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (CCRS) ने कोविड-19 रोगियों में इसकी प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए क्लिनिकल परीक्षणों द्वारा जांचा और तथा हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के उपचार में उपयोगी पाया।

आयुष -64 और काबासुरा कुडिनीर के उत्साहवर्धक परिणामों के आधार पर लक्षणविहीन, हल्के से मध्यम COVID-19 संक्रमण में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में, आयुष मंत्रालय इन औषधियों के वितरण के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ कर रहा है ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को इन औषधियों का सही लाभ मिल सके और उन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने की नौबत ही न आने पाए।

शिवराज सिंह चौहान के निर्देश;गाँवों में माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाकर सख्ती से रोकें कोरोना ; प्रदेश में 19,796 बेड्स के साथ 299 कोविड केयर सेंटर्स,2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित;मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की जानकारी के साथ क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश जारी attacknews.in

भोपाल 7 मई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन गाँवों में कोरोना संक्रमण है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को सख्ती से रोका जाए। गाँव-गाँव समितियाँ बनाई जायें तथा घर-घर सर्वे कर प्रत्येक मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार किया जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना का तत्काल क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाये एवं इसका लाभ पहले से भर्ती मरीजों को भी दिया जाये। इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रतिदिन की जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नकली दवा बेचने वालों, कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई हो। इनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये। ये मानवता के दुश्मन हैं। अधिक शुल्क वसूलने वाले अस्पतालों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाये, साथ ही अधिक वसूल की गई राशि वापस दिलाई जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों से प्रभारी मंत्री, कोरोना के प्रभारी अधिकारी, कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे।

21 के विरुद्ध रासुका में कार्यवाही

प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने पर 20 व्यक्तियों के विरुद्ध तथा ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने पर एक व्यक्ति के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। इसी प्रकार अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इनसे 7 लाख 34 हज़ार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है। इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है तथा 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

तीसरी लहर के लिए विशेषज्ञों की समिति बनायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई जाये, जो यह अध्ययन करेगी कि प्रदेश में इसकी क्या संभावना है तथा इसके लिए क्या-क्या तैयारियाँ एवं व्यवस्थाएँ की जानी चाहिये।

निज़ी उद्द्यमियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को अधिक से अधिक मजबूत बनाया जाये। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर उत्पादन के भी प्रयास किए जायें। हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लग जायें, ऐसे प्रयास करें। निज़ी उद्यमियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करें, इसके लिए सरकार अनुदान दे रही है।

किल कोरोना अभियान के माध्यम से संक्रमण की चेन तोड़ दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गाँव-गाँव, शहर-शहर में किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत गाँवों में घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में जोन और क्षेत्रवार कोरोना सहायता केंद्र बनाये जाकर स्वास्थ्य जाँच, मेडिकल किट वितरण आदि की व्यवस्था की जा रही है।

11,708 नए प्रकरण

प्रदेश में कोरोना के नए 11 हजार 708 प्रकरण आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या 95 हजार 423 है। पिछले 24 घंटे में 4815 मरीज स्वस्थ हुए हैं। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 19.4 प्रतिशत है एवं 12 हजार 270 औसत प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं।

14 ज़िलों में 200 से अधिक प्रकरण

प्रदेश के 14 जिलों में 200 से अधिक नए प्रकरण आये हैं। इंदौर में 1753, भोपाल में 1576, ग्वालियर में 910, जबलपुर में 795, रतलाम में 380, उज्जैन में 370, रीवा में 309, शिवपुरी में 298, सतना में 242, नरसिंहपुर में 239, धार में 231, सागर में 231, सीहोर में 206 एवं सिंगरौली में 204 नये प्रकरण आये हैं।

सी.सी.सी. पर ध्यान दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर्स पर ध्यान दिया जाये एवं जिन मरीजों के घर पर होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है अथवा स्थान कम है, उन्हें कोविड केयर सेंटर्स में शिफ्ट किया जाए।

ये टाइफाइड नहीं कोरोना है

राजगढ़ जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वहाँ कुछ लोग कोरोना को टाइफाइड मानकर उसका इलाज कर रहे हैं एवं इसके लिए झाड़-फूँक भी करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि कोरोना के इलाज में किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिये। थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है। लक्षण दिखने पर पहले दिन से ही उसका इलाज कराया जाए, अँधविश्वास में बिल्कुल न रहें।

अस्पताल की व्यवस्थाएँ चुस्त-दुरुस्त करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीधी जिले की समीक्षा के दौरान ज़िला अस्पताल की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किये जाने के निर्देश दिए। विदिशा जिले के 272 गाँव, राजगढ़ जिले के 189 गाँव एवं सीधी जिले के 245 गाँव में कोरोना संक्रमण होने से वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण सख्ती से रोकने के निर्देश दिए गये। सिंगरौली जिले की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 30.5% पाये जाने पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये।

प्रदेश में 19,796 बेड्स के साथ संचालित हो रहे है 299 कोविड केयर सेंटर्स,2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंद लक्षणों वाले कोरोना मरीजों के लिये प्रदेश के 52 जिलों में 299 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं। इन सेंटर्स पर मंद लक्षणों वाले रोगियों को रखा जा कर नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। कोविड केयर सेंटर्स में वर्तमान में कुल 19 हजार 796 बेड्स हैं। इनमें से 2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किये गए हैं। सेंटर्स में बेड्स की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही हैं।

गुणात्मक सुधार के लिये फीडबैक

जिलों में स्थापित कोविड केयर सेंटर्स में गुणात्मक सुधार एवं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिये फीडबैक (सर्वेक्षण) भी लिया जा रहा हैं। इसमें बेड की उपयोगिता, चिकित्सा, दवायें एवं भोजन सुविधा इत्यादि व्यवस्थाओं का आंकलन भी हो रहा है। जिलों के कोविड केयर सेन्टर के फीडबैक के अनुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में हरदा, इन्दौर, कटनी, आगर-मालवा में बेहतर पाया गया और भोजन सुविधा प्रदाय करने में होशंगाबाद, इन्दौर, राजगढ़, सिवनी और डिन्डौरी में बेहतर पाया गया। जिले के प्रभारी मंत्री, प्रभारी अधिकारी के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से कोविड केयर सेंटर्स का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है। कोरोना वॉलेंटियर्स भी कोविड केयर सेंटर्स पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में 22,404 संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये चौतरफा प्रयास जारी हैं। कोरोना वॉलेंटियर्स के साथ महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जन-जागरूकता बढ़ाई जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से अब तक 22 हजार 404 संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जा चुके हैं। इन सेंटर्स पर 2 लाख 69 हजार 309 से अधिक बेड्स स्थापित किये गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किल कोरोना अभियान के तहत जागरूकता के लिये विभिन्न गतिविधियों के संचालन के साथ आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर्स और संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स में रहने वाले शत-प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर प्रदान किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना:आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिये नि:शुल्क कोविड उपचार

प्रत्येक परिवार के सभी सदस्यों का बनेगा आयुष्मान कार्ड

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की जानकारी के साथ क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश जारी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के समस्त आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की गई है। इस योजना में आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का नि:शुल्क कोविड उपचार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये है

सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री आकाश त्रिपाठी ने योजना की जानकारी एवं क्रियान्वयन के लिये समस्त कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान पैकेज की दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर उनको वर्तमान में उपचार के लिये प्रायवेट अस्पतालों की दरों के समकक्ष लाया गया है। इसमें विशेष जाँचों जैसे सीटी स्केन, एमआरआई आदि की अधिकतम सीमा जो पूर्व में 5 हजार रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष थी, इसे संशोधित कर वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के उपचार हेतु भर्ती कार्डधारियों के लिए 5 हजार रुपये प्रति कार्डधारी कर दिया गया है।

वर्तमान में प्रदेश के कोविड उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की संख्या 579 के विरुद्ध मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 288 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के इम्पेनल्ड है। अतः जिला स्वास्थ्य समिति को जिला स्तर पर कोविड-19 के इलाज के लिए सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत निजी अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में तीन माह के लिए अस्थायी सबद्धता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

मेडिसिन विशेषज्ञता रखने वाले अस्पतालों को तीन माह की अस्थाई संबद्धता

श्री त्रिपाठी ने बताया कि उक्त निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का निःशुल्क कोविड उपचार कराया जा सकेगा, जो राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। अतः यह सुनिश्चित करें कि जिले के समस्त ऐसे निजी अस्पताल जो मेडिसिन विशेषज्ञता रखते हुए कोविड उपचार कर रहे हैं और सार्थक पोर्टल पर पंजीबद्ध हैं। उनकी आयुष्मान योजना के अन्तर्गत तीन माह के लिए अस्थायी संबद्धता शीघ्र दी जाये ताकि उन सभी अस्पताल में आयुष्मान योजना के नवीन पैकेज के अन्तर्गत आयुष्मान कार्डधारियों का नि:शुल्क कोविड उपचार सुनिश्चित किया जा सके। बहुत छोटे अस्पतालों को यह संबद्धता न दी जाये।

पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य का बने आयुष्मान कार्ड

राज्य शासन प्रतिबद्धता है कि आयुष्मान भारत योजना में पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराया जाये। यह कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जाये। कोविड-19 के नि:शुल्क उपचार के लिये विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करें कि आयुष्मान पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पृथक कार्ड मिल सके और उनका निःशुल्क कोविड उपचार किया जा सके। कोई भी आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के पास यदि आयुष्मान कार्ड नहीं है और उसे कोविड होने के कारण उपचार की आवश्यकता है, तो भी इनका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाना है।

कार्ड नहीं बना, फिर भी हो सकेगा उपचार

यदि आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का कोई सदस्य जिसका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है और वह कोविड पॉजीटिव होकर उपचार के लिये अस्पताल में पहुँचता है तो वह तीन तरह से अस्पताल में प्रवेश पा सकेगा:-

1.परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं खाद्यान्न की पर्ची, जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है।

2.आयुष्मान कार्डधारी परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं उसके साथ समग्र आई.डी का प्रस्तुतीकरण, जिसके माध्यम से यह पता चलता हो कि वह आयुष्मान कार्डधारक परिवार का सदस्य है।

  1. परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं साथ में किसी भी शासकीय विभाग के राजपत्रित अधिकारी का इस बावत प्रमाणीकरण कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है। शासकीय अधिकारी इस हेतु समग्र पोर्टल के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं कि वह आयुष्मान कार्डधारी के समग्र आई.डी. परिवार का सदस्य है।

शासकीय चिकित्सालयों में होगी कार्ड बनाने की स्थाई व्यवस्था

स्वास्थ्य सचिव श्री त्रिपाठी ने बताया कि कोविड उपचार के लिये भर्ती होने के पश्चात तीन दिवस के भीतर मरीज के परिवारजन को मरीज का आयुष्मान कार्ड बनवाकर अस्पताल में प्रस्तुत करना होगा। उसे यह कार्ड बनाने के लिए एक सुगमता पूर्वक व्यवस्था जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित करेंगे और इस हेतु शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड बनाने की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

कार्डधारियों के एडमिशन एवं उपचार के लिये नोडल अधिकारी

योजना में आयुष्मान संबंद्ध कोविड अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारियों का एडमिशन एवं उपचार बिना किसी बाधा के सुगमतापूर्वक हो सके यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिये जिले में अपर कलेक्टर से अनिम्न स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी और कोविड उपचार हेतु अधिकृत प्रत्येक आयुष्मान संबंद्ध अस्पताल के लिये शासकीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया जायेगा। आयुष्मान योजना के कार्डधारियों के कोविड उपचार के लिए चिन्हित आयुष्मान अस्पतालों में सुगमता पूर्वक प्रवेश एवं उपचार हेतु यह नोडल अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी निरंतर कार्य करेंगे तथा फोन पर उपलब्ध रहेंगे। कोई भी आयुष्मान कार्डधारी प्रवेश में सहायता हेतु अथवा किसी प्रकार की दिक्कत आने पर नोडल या प्रभारी अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है। इस हेतु डी.सी.सी.सी. के दूरभाष अथवा जिले के अन्य कंट्रोल रूम का नम्बर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाये।

शिकायत निवारण के लिये विशेष सेल

आयुष्मान कार्डधारियों की कोविड उपचार के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही करते हुए जाँच के लिये एक विशेष सेल बनाये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं। ताकि किसी भी दशा में कोई भी आयुष्मान कार्डधारी सुगमता पूर्वक प्रवेश व कोविड उपचार से वंचित न रहे।

सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर्स एवं सीएमएचओ से कहा है कि शासन की मंशानुरूप मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को पूर्णत संवेदनशीलता के साथ निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित किया जाये।

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के घटक

प्रथम घटक

प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा संचालित अस्पताल, समस्त जिला चिकित्सालय, समस्त सिविल अस्पताल एवं कोविड उपचार करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रदेश सरकार द्वारा समस्त कोविड मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु शासकीय अस्पतालों में 395 आई.सी.यू./एच.डी.यू. बेड, 13 हजार 334 ऑक्सीजनयुक्त बेड एवं 20 हजार 601 आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराये गये है। इसमें निरंतर वृद्धि करने के प्रयास चल रहे है ।

द्वितीय घटक

प्रदेश के कुछ जिलों में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा संचालित अस्पतालों में आवश्यक संख्या में आईसोलेशन एवं आई.सी.यू./ एच.डी.यू. बेड अनुबंधित किये गये है। वर्तमान में 3675 विभिन्न श्रेणी के बेडस उपलब्ध है। समस्त अनुबंधित बेड पर भर्ती होने वाले प्रदेश के कोविड़ मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।

तृतीय घटक

प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के निःशुल्क उपचार हेतु आयुष्मान योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। इस कार्ड के माध्यम से यह कार्डधारी आयुष्मान संबद्ध अस्पताल में निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन ने संबद्ध अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेडस आयुष्मान हितग्राहियों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश भी दिये है।

मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 20 व्यक्तियों और ऑक्सीजन बेचने वालों के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज,मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं पर कार्रवाई attacknews.in

भोपाल 7 मई । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाही की जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त 20 व्यक्तियों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर इंदौर जिले में 9 व्यक्तियों, उज्जैन जिले में 8 व्यक्तियों, जबलपुर जिले में 2 व्यक्तियों और ग्वालियर जिले में एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इसी प्रकार ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका का प्रकरण दर्ज किया गया है।

61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई

कोरोना मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है। इनसे 7 लाख 34 हज़ार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है। इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है तथा 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

अस्पताल द्वारा वसूली गई अधिक राशि परिजनों को वापस कराई

भोपाल जिले में 9 प्रकरणों में 2 लाख 8 हज़ार, जबलपुर जिले में 3 प्रकरणों में 1 लाख 10 हजार, ग्वालियर जिले में 18 प्रकरणों में 1 लाख 15 हजार, बैतूल जिले में 2 प्रकरणों में 53 हजार तथा हरदा जिले में एक प्रकरण में अस्पताल द्वारा वसूली गई अधिक राशि 25 हजार रूपये मरीज के परिजनों को वापस करवायें गये हैं। इसी प्रकार भोपाल जिले में 3, इंदौर जिले में 7, जबलपुर में 3, ग्वालियर में 3, उज्जैन में 2, विदिशा, शाजापुर, सागर और गुना जिले में 1-1 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

कालाबाजारी और अवैध विक्रय नहीं हो, इसके लिये प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किये गये हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा निरंतर निरीक्षण किये जा रहे हैं। एम.आर.पी. से अधिक मूल्य पर बिक्री एवं कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किये जा रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थाओं में हो, ऐसी व्यवस्था की गई है, ताकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सुगमता से इंजेक्शन उपलब्ध हो सकें।

ओडिशा में सप्ताहांत लॉकडाउन के कारण 11 जोड़ी विशेष ट्रेन स्थगित;कोरोना के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए यह फैसला किया गया attacknews.in

भुवनेश्वर, 07 मई । ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) ने ओडिशा सरकार की ओर से सप्ताहांत लाॅकडाउन किए जाने के साथ अपनी 11 जोड़ी स्पेशल ट्रेन सेवाओं को रद्द करने का फैसला किया है।

ईसीओआर सूत्रों ने बताया कि ओडिशा में सप्तांहांत लॉकडाउन और कोरोना के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए यह फैसला किया गया है और इसी कारण आठ से 16 मई तक चलने वाली विशेष ट्रेन सेवाओं की 11 जोड़ी ट्रेन रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होेंने कहा कि रद्द की गई स्पेशल ट्रेनें 08456/08455 भुवनेश्वर-केंदुझारगढ़-भुवनेश्वर स्पेशल, 08428/08427 पुरी-अंगुल-पुरी स्पेशल, 08412/08411 भुवनेश्वर-भद्रक-भुवनेश्वर स्पेशल, 08432/08431 पुरी-कटक-पुरी स्पेशल, 08438/08437 कटक-भद्रक-कटक स्पेशल, 08461/08462 कटक-पारादीप-कटक स्पेशल, 08454/08453 कटक-भद्रक-कटक स्पेशल, 08528/08527 विशाखापट्टनम-रायपुर-विशाखापट्टनम स्पेशल, 08433/08434 भुवनेश्वर-पलासा-भुवनेश्वर स्पेशल, 08301/08302 रायगडा संबलपुर-रायगढ़ दोनों दिशाओं से चलने वाली विशेष ट्रेन शामिल हैं।

इसी तरह 02892/02891 भुवनेश्वर-भुवनेश्वर-भुवनेश्वर स्पेशल भुवनेश्वर से 8,9,15 और 16 मई को बंगरीपोसी और 9,10,11 और 17 मई को दूसरी ओर से चलने वाली विशेष ट्रेन रद्द रहेगी।

ईसीओआर सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की वृद्धि के मद्देनजरी चार विशेष ट्रेनों की सेवाओं को भी रद्द कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश में 7 कंपनियों के रेमडेसिविर की सप्लाई निरंतर जारी;अब तक 2 लाख 51 हजार 734 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित attacknews.in

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के उपचार की सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 7 कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई प्रदेश में हो रही है। अब तक 2 लाख 51 हजार 734 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। आज 7 मई को मेसर्स सन फॉर्मा द्वारा 960 यूनिट प्रायवेट को और मेसर्स हिट्रो द्वारा 5220 यूनिट प्रायवेट को रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूरे मध्यप्रदेश में आपूर्ति की जा रही है।

कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिये यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को जरूरत अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता के साथ ही इसकी कालाबाजारी एवं अवैध विक्रय की रोकथाम के निर्देश प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता के उद्देश्य से इसका वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थानों में हो, ऐसी व्यवस्था भी की गई है।

मध्यप्रदेश में 75 लाख किसानों के खाते में जमा हुए ₹ 1500 करोड़,शिवराज सिंह चौहान ने कहा: राज्य में किसान मित्र सरकार है,किसान की फसल के एक-एक दाने का उपार्जन किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 07 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में किसान मित्र सरकार है। किसान की फसल के एक-एक दाने का उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन और ऋण वापसी की अंतिम तिथियाँ बढ़ा दी गई हैं। किसान को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

श्री चौहान आज 75 लाख किसानों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक से जमा कर वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा किसानों को मुख्यमंत्री निवास से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों और किसान संगठनों से अपील की है कि कोरोना के विरुद्ध चल रही लड़ाई में सहयोग करें। संक्रामक रोग होने के कारण सरकार अकेले दम पर नहीं जीत सकती। इस अवसर पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल भी प्रदेश के किसानों सहित वेब लिंक से जुड़े।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसान मित्र सरकार है। खरीफ फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत का वितरण सरकार द्वारा किया गया है। फसल बीमा की राशि भी किसानों के खातों में शीघ्र जमा होगी। सरकार का पूरा प्रयास है कि किसान परेशान नहीं हो।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सारा देश और दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही है। सरकार का राजस्व भी आधा रह गया है। कोविड रोगियों के उपचार पर भारी धनराशि व्यय हो रही है। मरीजों का उपचार सरकार की प्राथमिकता और धर्म है। सरकार उसका पालन कर रही है। ऐसी कठिन परिस्थतियों में भी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार विकट परिस्थतियों के बावजूद किसानों के साथ लगातार खड़ी है। उनके कल्याण के कार्य कर रही है। आगे भी यह कार्य होगे, जिनका उल्लेख समय पर किया जाएगा

मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं की प्रेक्टिकल परीक्षाएँ स्थगित attacknews.in

भोपाल, 07 मई । माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 10वीं, 12वीं, 12वीं (व्यावसायिक), डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन और शारीरिक शिक्षा पत्रोपाधि की मई माह में आयोजित होने वाली प्रेक्टिकल परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई हैं।

प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किये गये हैं।

वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए और 15 मई, 2021 तक प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू होने के कारण यह परीक्षाएँ स्थगित की गई हैं।

स्थगित प्रेक्टिकल परीक्षाओं के आयोजन की आगामी तिथि पृथक से घोषित की जायेगी।

मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले कम हुए,शुक्रवार को 11,708 नये मरीज आये सामने, 84 की मौत;अब तब 6,49,114 लोग संक्रमित और 6244 की मौत attacknews.in

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामूली रुप से घटते मामलों के बीच आज राज्य भर में ग्यारह हजार से अधिक लोगों में संक्रमण के लक्षण मिले हैं।इस वैश्विक महामारी ने आज 84 लोगों की जान ले ली।

अन्य दिनों की तरह ही आज भी इंदौर में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मिले।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामले में 65,262 लोगों की जांच की गई।

इनमें से 11,708 लोग कोरोना पॉजिटित मिले हैं।

राज्य भर में अब तब इस महामारी से 6,49,114 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

हलाकि इनमें से 547447 लोग ठीक होकर घर पहुंच चुके है।

वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 95423 है।

इन सभी सक्रिय मरीजों का उपचार प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

इस बीमारी से आज 4815 लोग निजात पाकर अपने घर रवाना हो गये है।

आज संक्रमण दर 17़ 9 प्रतिशत आंका गया।

राज्य में अब तक 6244 लोगों की मौत हो चुकी।

राज्य के इंदौर जिले में आज 1753 लोगों में संक्रमण के लक्षण मिले है।

वहीं राजधानी भोपाल जिले में 1576 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।इसके अलावा ग्वालियर जिले में 910, जबलपुर जिले में 795, उज्जैन जिले में 370, रतलाम जिले में 380, रीवा जिले में 309, धार व सागर में 231, सतना में 242, शिवपुरी में 298, नरसिंहपुर में 239, सीहोर में 206 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये है।

राज्य के बाकी जिलों में भी 24 से 178 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

एम्स में जिंदा है छोटा राजन,उसकी गैंग ने इटावा की कोर्ट में पुलिस कस्टडी मे की थी दो की हत्या, अदालत ने दी थी पांच शूटरो को एकसाथ फांसी की सजा attacknews.in

इटावा 07 मई । माफिया डाॅन छोटा राजन की कोरोना संक्रमण से मौत की अफवाह ने कुछ समय के हर किसी को सन्न किया हो लेकिन कभी इस गैंग के शूटरो ने उत्तर प्रदेश के इटावा मे दो हत्यारोपियो की हत्या कर खासी सुर्खियाॅ बटोरी थी ।

दिसंबर 2005 मे अपर जिला जज ने गैंग के पांच शूटरो को हत्या के मामले मे फांसी की सजा सुनाई थी। सभी आरोपियो ने इस बात को स्वीकारा था कि उनको दाउद गैंग के अपराधियो को मारने की सुपारी दी गई थी।

इटावा कचहरी परिसर मे 23 अक्टूबर 2002 को करीब पौने चार बजे के आसपास अंधाधुंध गोलियां बरसा कर पुलिस कस्टडी मे सुनील नाई और सुरेश पाल सिंह को मरणासन्न कर दिया था। इनमे से सुनील नाई की मौत तो मौके ए वारदात पर हो गई लेकिन सुरेश पाल सिंह की मौत मुख्यालय के डा.भीमराव अंबेडकर राजकीय सयुक्त चिकित्सालय मे उपचार के दौरान हो गई थी ।

इस सनसनीखेज हत्याकांड के एक प्रमुख चश्मदीदो मे से वरिष्ठ पत्रकार हेमकुमार शर्मा ने बताया कि जिस समय हत्याकांड को अंजाम दिया गया था वो उस समय एसएसपी आवास पर समाचार संकलन के लिए आये थे। एकाएक एसएसपी आवास के पीछे से अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई । करीब 30 से लेकर 35 गोलियो के चलने की आवाजे सुनी गई। जब गोलियाॅ की आवाजे आ रही थी उसी समय तत्कालीन एसएसपी जे.के.गोस्वामी भी अपने आवास से बाहर निकल आये और उन्होने तुरंत वायरलैस के जरिये पूरे जिले भर मे हाईएर्लट करते हुए घेराबंदी करने का पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि कोई भी गोली चलाने वाला किसी भी सूरते मे बचना नही चाहिए ।

एसएसपी खुद कही से गश्त से वापस लौटे थे। तब तक इस बात की खबर आ चुकी थी कि कचहरी मे पुलिस अभिरक्षा मे सुरेश पाल सिंह और उसके साथी सुनील नाई को गोली मार दी गई। इस गोली कांड मे इन दोनो आरोपियो को अदालत से वापस हवालात की ओर से लेकर एएसआई शिवबरन सिंह और अदालती कर्मी धनश्याम सिंह को गोली मार कर घायल कर दिया था। इन शूटरो का निशाना बेहद ही सटीक था क्यो कि हत्यारोपियो को गोलियाॅ उन्ही जगह लगी जहाॅ से उनकी मौत हो सकती थी जबकि अदालती कर्मी और पुलिसकर्मी को केवल घायल करने के इरादे से ही गोली मारी गई ।

इस वारदात के बाद पांच संग्दिध अपराधी एक कार में गिरफतार किये गये। पुलिस पूछताछ मे इस बात का खुलासा हुआ कि सभी छोटा राजन गैंग के खूंखार अपराधी है। सभी आरोपियो ने इस बात को स्वीकारा था कि उनको दाउद गैंग के अपराधियो को मारने की सुपारी दी गई थी।

दिसंबर 2005 मे अपर जिला जज ने छोटा राजन गैंग के पांच शूटरो को सूरेश पाल सिंह और सुनील नाई की हत्या के मामले मे फांसी की सजा सुना दी। एक साथ पांच लोगो को फांसी की सजा सुनाये जाने का पहला और इकलौता मामला अब तक का है ।

वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर राजेन्द्र निखलजे उर्फ छोटा राजन की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की खबरों का खंडन किया है। छोटा राजन को 26 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के कारण एम्स में भर्ती किया गया था।

अंडरवर्ल्ड डॉन राजन पर 70 से अधिक आपराधिक मामले हैं। उसे 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसी साल भारत लाया गया। छोटा राजन वर्तमान में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे काेरोना संक्रमण के कारण 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था।

गैंगस्टर राजन ने छोेटे-छोटे अपराधों से आपराधिक वारदातों की शुरुआत की बाद में वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ बन गया। राजन को 2018 में महाराष्ट्र मकोका अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इससे एक वर्ष पहले 2017 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने नकली पासपोर्ट मामले में उसे सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी थी।

एम्स ने किया मौत का खण्डन:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर राजेन्द्र निखलजे उर्फ छोटा राजन की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत की खबरों का खंडन किया है।

छोटा राजन को 26 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के कारण एम्स में भर्ती किया गया था। एम्स सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि छाेटा राजन अभी जीवित है। इससे पहले दिन में कई मीडिया रिपोर्टों में सामने आया था कि छोटा राजन की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी है।

अंडरवर्ल्ड डॉन राजन पर 70 से अधिक आपराधिक मामले हैं। उसे 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसी साल भारत लाया गया। छोटा राजन वर्तमान में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे काेरोना संक्रमण के कारण 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था।

गैंगस्टर राजन ने छोेटे-छोटे अपराधाें से आपराधिक वारदातों की शुरुआत की बाद में वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ बन गया। राजन को 2018 में महाराष्ट्र मकोका अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इससे एक वर्ष पहले 2017 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने नकली पासपोर्ट मामले में उसे सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी थी।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया; प्रधानमंत्री ने फोन किया, मन की बात की, बेहतर होता काम की बात करते और काम की बात सुनते attacknews.in

रांची, 07 मई । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात कर कोरोना महामारी की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

इस सिलसिले में प्रधानमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन किया था। हेमंत सोरेन ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री पर एकतरफा संवाद का आरोप लगाते हुए तंज भी कसा।

श्री सोरेन ने कहा कि बेहतर होता अगर प्रधानमंत्री मोदी काम की बात करते और काम की बात सुनते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में कहा कि ’आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।’

असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोरेन को जवाब देते हुए लिखा कि ’आपका यह ट्वीट न सिर्फ न्यूनतम मर्यादा के खिलाफ है बल्कि उस राज्य की जनता की पीड़ा का भी मजाक उड़ाना है, जिनका हाल जानने के लिए प्रधानमंत्री ने फोन किया था। बहुत ओछी हरकत कर दी आपने। मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी गिरा दी।’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत सोरेन नाखुश हैं क्योंकि उन्हें अपने राज्य से संबंधित मुद्दे के बारे में अवगत कराने की अनुमति नहीं दी गई। प्रधानमंत्री ने केवल कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की। इधर देशभर में फैली कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए झारखंड में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने रणनीति बताई। उन्होंने कहा कि कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण पर सरकार की पैनी नजर है और इस महामारी को लेकर जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आएंगी उससे निपटने के लिए सरकार रणनीति तैयार कर रही है।

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं की केंद्र सरकार को दी जाने वाली रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय की टीम ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की attacknews.in

कोलकाता, 07 मई । केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोविंद मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने राज्य में चुनाव बाद हुई व्यापक हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट के मद्देनजर शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।

श्री धनखड़ ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा,“श्री मोहन के नेतृत्व में चार सदस्यीय केंद्रीय टीम आज पूर्वाह्न 10 बजे मुझसे मुलाकात करने आयी थी। टीम मेरे साथ करीब एक घंटे तक रही।”

गौरतलब है कि राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसक घटनाओं के आकलन के लिए गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को यहां पहुंची।

केंद्रीय टीम के सदस्यों ने राज्य सचिवालय नाबन्ना में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की भी संभावना है।

इससे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल प्रशासन से चुनाव बाद हिंसा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई अपडेट नहीं भेजा गया है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के राज्य के लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के ठीक अगले ही दिन यह गतिविधि शुरू हुई। उन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद सभी राजनीतिक पार्टियों से हिंसा से दूर रहने की अपील की।

गत दो मई को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनायें शुरू हो गयीं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि तृणमूल समर्थित गुंडों ने इसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी, महिला कार्यकर्ताओं पर हमला किया, कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, इसके पार्टी सदस्यों की कई दुकानें लूट ली गयीं तथा कार्यालयों में तोड़ फोड़ की गयी।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दावा किया कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा में पार्टी के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गये तथा करीब एक लाख लोगों को अपना घर छाेड़कर भागना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी की चुप्पी उनकी सहभागिता को दर्शाता है।

सुश्री बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन क्षेत्रों में हिंसा और झड़पें हो रही हैं जहां भाजपा के उम्मीदवार चुनाव में विजयी हुए। उन्होंने लोगों से संयम बरतने तथा किसी भी प्रकार के हिंसक घटना में शामिल नहीं होने की अपील की।

स्थिति पर संज्ञान लेते हुए सुश्री बनर्जी ने बुधवार को मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद अपनी पहली कार्रवाई में पुलिस महानिदेशक पी निरंजन सहित 30 शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में इन कलेक्टरों को हटाया गया;भाप्रसे के पांच अधिकारियों की नवीन पदस्थापना attacknews.in

दमोह समेत तीन जिलों के कलेक्टरों के तबादले

भोपाल, 07 मई । मध्यप्रदेश सरकार ने आज भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए, जिसके तहत दमोह, रतलाम और गुना कलेक्टरों को स्थानांतरित किया गया हैं ।

मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के 5 अधिकारियों की नवीन पदस्थापना की है।

राज्य शासन ने रतलाम के कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड को अपर सचिव बनाया गया है।

गुना के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम को कलेक्टर रतलाम पदस्थ किया गया है।

इसी तरह दमोह के कलेक्टर तरूण राठी को उप सचिव बनाया गया है।

वहीं जबलपुर में अपर कलेक्टर के रुप में पदस्थ अनूप कुमार सिंह को कलेक्टर दमोह पदस्थ किया गया है।

अपर कलेक्टर बालाघाट फ्रेंम नोबल ए. को कलेक्टर गुना पर पदस्थ किया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दमोह कलेक्टर तरुण राठी को राज्य मंत्रालय भोपाल में उप सचिव बनाया गया है। उनके स्थान पर इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त एक कृष्ण चैतन्य को दमोह कलेक्टर पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके पहले जबलपुर जिले में पदस्थ अपर कलेक्टर अनूप कुमार सिंह को दमोह कलेक्टर पदस्थ किया गया था, लेकिन उनका तबादला कुछ ही घंटों में निरस्त कर दिया गया।

दमोह कलेक्टर के बाद पुलिस अधीक्षक को भी हटाया गया

दमोह विधानसभा उपचुनाव नतीजों के चार दिन बाद आज राज्य सरकार ने कलेक्टर के बाद देर रात पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान का भी तबादला कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान को पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक पदस्थ किया गया है। श्री डी आर तेनीवार को दमोह पुलिस अधीक्षक पद की कमान सौंपी गयी है, जो अब तक रतलाम जिले के जावरा में विसबल की 24वीं वाहिनी के सेनानी के रूप में पदस्थ थे।