मध्यप्रदेश के 2 कलेक्टर और अपर प्रबंध संचालक मप्र पर्यटन विकास बोर्ड को बदला गया attacknews.in

भोपाल, 20 मई । मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना की है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में अजय गुप्ता कलेक्टर सीहोर को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन, चन्द्र मोहन ठाकुर कलेक्टर अनूपपुर को कलेक्टर सीहोर और सुश्री सोनिया मीना अपर प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड तथा उपायुक्त पर्यटन (अतिरिक्त प्रभार) को कलेक्टर अनूपपुर पदस्थ किया है।

जींद में अचानक ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट में तकनीकी खराबी से बंद हुई सांसें , तीन कोरोना मरीजों की मौत attacknews.in

जींद, 20 मई । हरियाणा के जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऑक्सीजन सप्लाई में कल तकनीकी खराबी आ जाने के कारण ऑक्सीजन का फ्लो कम होने से उपचाराधीन तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

अस्पताल के सूत्रों के अनुासर नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में टैंक के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है और कल रात अचानक प्लांट में तकनीकी खराबी आने से ऑक्सीजन का फ्लो कुछ समय के लिए बंद हो गया। प्लांट में मौजूद कर्मियों ने सिलेंडरों के माध्यम से जैसे-तैसे ऑक्सीजन की सप्लाई को शुरू किया लेकिन इसमें 15 से 20 मिनट का समय लग गया और इस दौरान वेंटिलेटर को ऑक्सीजन का पर्याप्त प्रेशर नहीं मिल पाया। इससे वेंटिलेटर पर तीन मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। स्वास्थ्य कर्मियों ने तीनों मरीजों को वेंटिलेटर से हटा कर ऑक्सीजन स्पॉट पर ले जाया गयालेकिन उनकी गंभीर हालात होने के चलते उनकी जान को बचाया नहीं जा सका।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर कहा:भारत और चीन के संबंध चौराहे पर खडे हैं ,इसकी दिशा इस बात पर निर्भर है कि क्या चीन विभिन्न समझौतों को पालन करता है attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये विभिन्न समझौतों को पालन करता है।

जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे ताकि सीमा पर स्थिरता को लेकर सहमति बन सके । इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

समाचार पत्र फाइनेंशियल एक्सप्रेस और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर स्थिरता के मद्देनजर कई क्षेत्रों में संबंधों में विस्तार हुआ लेकिन पूर्वी लद्दाख की घटना ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए तथा सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस वर्ष फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था।

इस बीच, विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या चीनी पक्ष सहमति का पालन करता है, क्या वह हमारे बीच हुए समझौतों का पालन करता है । पिछले वर्ष यह स्पष्ट हो गया कि अन्य क्षेत्रों में सहयोग, सीमा पर तनाव के साथ जारी नहीं रह सकता है । ’’

चीन द्वारा क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने एवं दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है और हमारी अंतर्निहित ताकत और प्रभाव है जो हिन्द प्रशांत से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक है । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रतिस्पर्धा करना एक बात है लेकिन सीमा पर हिंसा करना दूसरी बात है । ’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं । यह मेरे लिये मुद्दा नहीं है । मेरे लिये मुद्दा यह है कि मैं संबंधों को किस आधार पर व्यवस्थित रखूं जब एक पक्ष इसका उल्लंघन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध 1980 और 1990 के दौरान सीमा पर स्थिरता के आधार पर संचालित रहे ।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे पास इस समय कोई स्पष्ट जवाब नहीं है लेकिन 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे । 1988 में एक तरह की सहमति बनी जिससे सीमा पर स्थिरता कायम हुई ।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस समझौतों में यह कहा गया था कि आप सीमा पर बड़ी सेना नहीं लायेंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जायेगा और इसे बदलने का प्रयास नहीं होगा । लेकिन पिछले वर्ष चीन वास्तव में 1988 की सहमति से पीछे हट गया ।

उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी तब निश्चित तौर पर इसका संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस वर्ष शुरू की गयी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में 30 अप्रैल को अपने चीनी समकक्ष के साथ चर्चा की थी और यह बताया था कि यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है तथा यह जरूरी है कि इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए ।

बागची ने कहा, ‘‘ इस संदर्भ में यह सहमति बनी कि वे जमीन पर स्थिरता बनाये रखेंगे और किसी नयी घटना से बचेंगे । ’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,‘‘ हमें उम्मीद है कि कोई भी पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठायेगा, जो इस समझ के अनुरूप नहीं हो ।’’

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती।

दिल्ली में मई में बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़े;चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । दिल्ली में चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसने मई में बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि 1976 में 24 मई को 60 मिमी बारिश दर्ज की गई थी और इस बार उससे दोगुनी बारिश दर्ज की गई।

आईएमडी ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहर में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 16 डिग्री सेल्सियस गिर कर 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 1951 के बाद से मई में सबसे कम अधिकतम तापमान है।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दिल्ली में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रिकॉर्ड 119.3 मिमी बारिश हुई।’’

लोधी रोड मौसम केंद्र ने इस अवधि के दौरान 124.4 मिमी बारिश दर्ज की।

पालम, आयानगर, नजफगढ़ और एसपीएस मयूर विहार में क्रमश: 64 मिमी, 98 मिमी, 92.5 मिमी और 95.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

15 मिमी से कम की बारिश को हल्की, 15 से 64.5 मिमी के बीच की बारिश को मध्यम, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी के बीच की बारिश को भारी, 115.6 से 204.4 मिमी के बीच को बहुत भारी बारिश माना जाता है। 204.4 मिमी से अधिक की बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है।

आईएमडी ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बुधवार को चक्रवाती तूफान ताउते और एक पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क के कारण बारिश हुई।

राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. के. जिनामणि ने कहा, ‘‘मई आमतौर पर सूखा रहता है। सामान्यत: दिल्ली में इस महीने 24 घंटों में अधिकतम 30 मिमी या 40 मिमी बारिश होती है। लेकिन यह अरब सागर से आ रही और पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क से पूरी तरह अलग व्यवस्था है। चूंकि इसके विशेष गुण दुर्लभ है तो इतनी बारिश होना हैरानी की बात नहीं है।’’

आईएमडी ने कहा कि बृहस्पतिवार को बारिश कम हो सकती है।

मूसलाधार बारिश से बुधवार को सफदरजंग में अधिकतम तापमान गिरकर 23.8 डिग्री सेल्सियस रह गया। बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से सात डिग्री कम 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सफदरजंग में बुधवार को अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 1951 के बाद से यह सबसे कम अधिकतम तापमान है।’’

उन्होंने बताया कि इससे पहले 13 मई 1981 को 24.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था।

आईएमडी के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान श्रीनगर (25.8 डिग्री सेल्सियस) और धर्मशाला (27.2 डिग्री सेल्सियस) से कम दर्ज किया गया।

केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एकमुश्त उर्वरक सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लिया,सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी गयी attacknews.in

नईदिल्ली 20 मई ।केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने आज आगामी खरीफ सीजन के लिए डीएपी और अन्य फॉस्फेटिक और पौटेशिक उर्वरकों के लिए सब्सिडी दरों को एकमुश्त बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों किसानों को काफी लाभ होगा।

इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि फॉस्फेटिक और पोटासिक (पी एंड के) उर्वरकों की कीमतें नियंत्रण से मुक्त हैं और निर्माता अपने उत्पाद की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। हाल के महीनों में, डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल जैसे फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया और सल्फर जैसे तैयार उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में 60 से 70 प्रतिशत की भारी उछाल आयी है, जिसकी वजह से उनकी घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।

उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी अप्रैल महीने में 1900 रुपये प्रति बोरी की बढ़ी हुई एमआरपी पर बेचे जाने की खबरें थीं, जो मार्च के महीने में मौजूदा कीमत से 700 रुपये प्रति बोरी की वृद्धि थी।

इसी तरह, अन्य पी एंड के उर्वरकों की घरेलू कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। उर्वरक कृषि कार्यों के लिए बेहद जरूरी चीजें हैं इसलिए इन बढ़ी कीमतों की वजह से किसानों की दिक्कतें बढ़ रही थीं।

इसे देखते हुए सरकार ने किसान के हित को ध्यान में रखते हुए किसानों की कठिनाई को दूर करने के लिए एक त्वरित और सक्रिय कार्रवाई की। 19 मई, 2021 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुयी, जिसमें प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि पी एण्ड के उर्वरकों की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, और केंद्र सरकार कोविड के समय में किसानों की दिक्कतों को कम करने के लिए एकबारगी उपाय के तौर पर आगामी खरीफ सीजन के लिए मूल्य वृद्धि का सारा भार वहन करेगी।

डीएपी के लिए सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी गयी है, यानी प्रति बोरी 700 रुपये की वृद्धि की गयी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डीएपी पिछले वर्ष के 1200 रुपये प्रति बोरी के मूल्य पर किसानों को उपलब्ध होता रहेगा। डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है। अन्य पी एंड के उर्वरकों की कीमत भी कम होकरपिछले वर्ष की कीमतों के आसपास हो जाएंगी। सरकार खरीफ सीजन में सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करेगी।

कोरोना मिशन मोड में 200 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा देश के 13 में 775 से अधिक टैंकरों से 12,630 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई attacknews.in

45 टैंकरों में 784 एमटी एलएमओ से भरी हुई 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चल रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचा रही हैं

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश- को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189 एमटी, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई

नईदिल्ली 20 मई ।भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 775 से अधिक टैंकरों में 12630 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।

ज्ञात हो कि लगभग 200 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 45 टैंकरों में 784 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरी 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां चल रही हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अब रोजाना 800 एमटी से अधिक एलएमओ देश में पहुंचाई जा रही है।

भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 13 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।

अब तक महाराष्ट्र में 521 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3189, मध्य प्रदेश में 521 एमटी, हरियाणा में 1549 एमटी, तेलंगाना में 772 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 641 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 584 एमटी, आंध्र प्रदेश में 292 एमटी, पंजाब में 111 एमटी, केरल में 118 एमटी तथा दिल्ली में 3915 एमटी से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा तथा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।

ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।

नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।

रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।

केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकारों द्वारा कोरोना के फैलाव को रोकने के सरल दिशा-निर्देश जारी,वारयस हवा के जरिये फैलता है- दो मास्क पहनें, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन और घरों को हवादार रखे attacknews.in

नईदिल्ली 20 मई । केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन आसानी से किया जा सकता है।

इसके तहत कहा गया है कि कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम के लिये संक्रमण को रोका जाये, महामारी का मुकाबला किया जाये, मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन किया जाये और घरों में हवा के आने-जाने की व्यवस्था हो।

भारत में महामारी की भीषणता को देखते हुये हमें यह याद रखना चाहिये कि साधारण उपायों और व्यवहार से हम कोविड-19 के फैलाव को रोक सकते हैं।

परामर्श में हवादार स्थानों के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। घरों में हवा आने-जाने की समुचित व्यवस्था होने से वायरल लोड कम होता है, जबकि जिन घरों, कार्यालयों में हवा के आने-जाने का उचित प्रबंध नहीं होता, वहां वायरल लोड ज्यादा होता है। हवादार स्थान होने के कारण संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने का जोखिम कम हो जाता है।

जिस तरह खिड़की-दरवाजे खोलने से हवा के जरिये महक हल्की हो जाती है, उसी तरह एक्जॉस्ट प्रणाली, खुले स्थान और हवा के आने-जाने की व्यवस्था से हवा में व्याप्त वायरल लोड कम हो जाता है और संक्रमण का जोखिम घट जाता है।

हवा के आने-जाने की व्यवस्था एक बेहतरीन सुरक्षा है, जिसके कारण घरों और दफ्तरों में हमें सुरक्षा मिलती है। कार्यालयों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों को हवादार बनाने से बाहर की हवा मिलती है।

इसलिये ऐसा करने की सलाह दी जाती है। शहरों और गांवों, दोनों जगह ऐसे स्थानों को हवादार बनाने के उपाय तुरंत किये जाने चाहिये। इसी तरह घरों, कार्यालयों, कच्चे घरों और विशाल इमारतों को भी हवादार बनाने पर जोर दिया जाना चाहिये। पंखों को सही जगह लगाना, खिड़की-दरवाजे खोलकर रखना बहुत सरल उपाय हैं। अगर थोड़ी सी भी खिड़की खोलकर रखी जाये, तो उतने भर से ही बाहर की हवा मिलेगी और भीतर की हवा की गुणवत्ता बदल जायेगी। क्रॉस-वेंटीलेशन और एक्जॉस्ट फैन से भी रोग के फैलाव को रोका जा सकता है।

जिन बड़ी इमारतों में हवा के लिये कोई प्रणाली लगी हो, वहां हवा को साफ रखने और हवा के बहाव को बढ़ाने के लिये फिल्टर लगाये जाने चाहिये। इससे बाहर से सीमित मात्रा में आने वाली हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। दफ्तरों, प्रेक्षाग्रहों, शॉपिंग मॉल आदि में गेबल-फैन प्रणाली और रौशनदानों की सिफारिश की जाती है। फिल्टरों को लगातार साफ करना चाहिये और जरूरत हो, तो उन्हें बदल देना चाहिये। यह बहुत जरूरी है।

कोविड वारयस हवा के जरिये फैलता है। जब कोई संक्रमित बोलता, गाता, हंसता, खांसता या छींकता है, तो वायरस थूक या नाक के जरिये हवा में तैरते हुये स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं। संक्रमण के फैलने का यह पहला जरिया है। जिन व्यक्तियों में रोग के कोई भी लक्षण न हों, उनसे भी इसी तरह संक्रमण फैलता है। ये लोग वायरस फैलाते हैं। इसलिये लोगों को दो मास्क या एन 95 मार्का मास्क पहनना चाहिये।

कोविड-19 का वायरस मानव शरीर में घुसकर अपनी तादाद बढ़ाता जाता है। अगर उसे मानव शरीर न मिले, तो वह जीवित नहीं रह सकता। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण को रोकने से विषाणु मर जाता है। यह काम व्यक्तियों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों के सहयोग और समर्थन से संभव हो पायेगा। मास्क, हवादार स्थान, सामाजिक दूरी और स्वच्छता ऐसे हथियार हैं, जिनसे हम वायरस के खिलाफ जंग जीत सकते हैं।

गाजा पट्टी में इजराइल के हवाई हमले जारी, कई मकान क्षतिग्रस्त;इजराइली सेना ने हमास कमांडरों के मकानों व ‘‘सैन्य ढांचे’’ को ध्वस्त किया; गाजा के मध्य शहर दिएर अल-बलाह और दक्षिण शहर खान युनूस विस्फोटों की आवाज से गूंज उठे;हमास ने इजराइल में हजारों रॉकेट दागे attacknews.in

गाजा सिटी, 20 मई (एपी) इजराइल ने बृहस्पतिवार तड़के गाजा पट्टी में कई हवाई हमले किए जिसमें कम से कम एक फलस्तीनी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए।

यह ताजा हमले तब हुए है जब इससे पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के उग्रवादी हमास शासकों के खिलाफ आक्रमण कम करने के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया। हमास ने इजराइल में हजारों रॉकेट दागे हैं।

गाजा सिटी के मध्य शहर दिएर अल-बलाह और दक्षिण शहर खान युनूस विस्फोटों की आवाज से गूंज उठे। खान युनूस में कम से कम पांच मकान ध्वस्त हो गए।

इजराइली सेना ने बताया कि उसने हमास कमांडरों के कम से कम चार मकानों को निशाना बनाया है। साथ ही ‘‘सैन्य ढांचे’’ को भी निशाना बनाया है।

इजराइल के हवाई हमले में खान युनूस में खावाल्दी परिवार का दो मंजिला मकान ढह गया। उसमें रह रहे 11 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इजराइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिन से चल रही भीषण लड़ाई के मद्देनजर “तनाव में महत्वपूर्ण कमी” लाने की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के बावजूद नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर सैन्य अभियान जारी रखने का बुधवार को संकल्प लिया। यह गत हफ्ते लड़ाई शुरू होने के बाद से दो करीबी सहयोगी देशों के बीच सार्वजनिक दरार की पहली घटना है। नेतन्याहू के इस बयान से संघर्ष विराम पर पहुंचने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास जटिल हो सकते हैं।

नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा कि वह ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’’, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘‘इजराइल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’’ देश अभियान जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’।

नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने नेतन्याहू से “तनाव में महत्वपूर्ण कमी” लाने की अपील की थी ।

दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव है। इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से “संघर्ष विराम के रास्ते” की तरफ बढ़ने को कहा।

मिस्र के मध्यस्थ भी लड़ाई रोकने के लिए काम कर रहे हैं और मिस्र के एक राजनयिक ने कहा कि शीर्ष अधिकारी संघर्ष विराम की पेशकश पर इजराइल के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

हमास के एक शीर्ष अधिकारी मूसा अबू मर्जुक ने एक लेबनानी टीवी से कहा कि उन्हें एक या दो दिन में संघर्ष विराम की उम्मीद है।

जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास इजराइली और फलस्तीनी नेताओं से बात करने के लिए बृहस्पतिवार को क्षेत्र में आ सकते हैं। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजराइल के लिए ‘‘एकजुटता और समर्थन जताने’’ के वास्ते आमंत्रित किए जाने के बाद स्लोवाकिया और चेक गणराज्य के विदेश मंत्री भी उनके साथ आएंगे।

इजराइल और हमास के बीच लड़ाई 10 दिन पहले शुरू हुई जब उग्रवादी समूह ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे। इससे पहले अल-अक्सा मस्जिद में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़पों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।

इसके बाद इजराइल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए। हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइली शहरों में 4,000 से अधिक रॉकेट दागे।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फलस्तीनी मारे गए और 1,620 लोग घायल हैं।

हमास और इस्लामिक जिहाद ने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजराइल का कहना है कि कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं। करीब 58,000 फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं।

इजराइल में पांच साल के लड़के, 16 साल की लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका ने गाजा में संघर्षविराम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का किया विरोध;फ्रांस ने लिखे हैं प्रस्ताव के बिंदु;इससे पहले अमेरिका 4 बार परिषद से प्रस्ताव जारी कराने के असके प्रयास कर चुका है विफल attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई (एपी) अमेरिका ने इज़राइल और गाजा को नियंत्रित करने वाले फलस्तीनी चरमपंथियों के बीच संघर्षविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का बुधवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के युद्ध समाप्त करने के प्रयास बाधित हो सकते हैं।

फ्रांस ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है। इससे पहले अमेरिका चार बार उसके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से प्रस्ताव जारी कराने के प्रयास उक्त कारण देते हुए ही विफल कर चुका था।

राजनयिकों ने बताया कि सभी अन्य सदस्य देशों ने बयान का समर्थन किया है।

प्रेस में बयान जारी करने के लिए सभी 15 सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है लेकिन प्रस्ताव के लिए कम से कम नौ सदस्यों की ‘हां’ की जरूरत होती है। अमेरिका या अन्य चार स्थायी सदस्य देशों द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उस प्रस्तावित प्रस्ताव पर बुधवार को अमेरिका के साथ ‘‘बेहद गहन बातचीत’’ हुई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने गाजा में संघर्ष विराम तथा वहां मानवीय मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने बाद में कहा, ‘‘ हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम हिंसा को समाप्त करने के लिए जारी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं और ऐसी किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे जो, हमें लगता है कि ऐसे प्रयासों को कमजोर करेंगे।’’

प्रवक्ता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर यह जानकारी दी।

वहीं, व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की और कहा कि वह संघर्षविराम की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

यह स्पष्ट नहीं है कि फ्रांस इस प्रस्तावित मसौदे को परिषद के सदस्यों को कब देगा या इस पर मतदान कब होगा, जिसके जवाब में अमेरिका ‘वीटो’ का इस्तेमाल कर सकता है।

इज़राइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिन से चल रही भीषण लड़ाई बुधवार को भी जारी रही।

इज़राइल ने बुधवार को गाजा पर हवाई हमले जारी रखे, जबकि फलस्तीनी उग्रवादियों ने भी इज़राइल पर दिन भर रॉकेट दागे। इस बीच, लेबनान से भी उत्तरी इज़राइल में रॉकेट दागे गए।

खादी: सामान्य नाम नहीं, खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग के पास ट्रेडमार्क ‘खादी’ और ‘खादी इंडिया’ का वैध स्वामित्व ,न्यायाधिकरण ने व्यक्तियों, फर्मों को अनधिकृत रूप से खादी ब्रांड का इस्तेमाल करने से रोका attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । इंटरनेट डोमेन विवाद से संबंधित एक न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया है कि खादी एक सामान्य नाम नहीं है और खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के पास ट्रेडमार्क ‘खादी’ और ‘खादी इंडिया’ का वैध स्वामित्व है।

भारत में इंटरनेट डोमेन विवाद नीति आईएनडीआरपी से संबंधित मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने एक निजी संस्था के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ‘‘खादी’’ एक आम शब्द है और कहा कि किसी अन्य द्वारा इस लोकप्रिय ब्रांड का इस्तेमाल केवीआईसी के सामान/ सेवाओं के मुकाबले भ्रम और धोखा पैदा कर सकता है।

यह आदेश केवीआईसी की याचिका पर आया, जिसमें दिल्ली के कारोबारी जितेंद्र जैन और उनके सहयोगियों द्वारा संचालित डोमेन नाम ‘खादी डॉट इन’ को चुनौती दी गई थी।

न्यायाधिकरण ने कहा कि यह डोमेन नाम गलत इरादे के साथ हासिल किया गया।

न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में इस डोमेन नाम को केवीआईसी को हस्तांतरित करने का आदेश भी दिया।

आयकर विभाग करदाताओं के लिए सात जून को नया ई-फाइलिंग वेब पोर्टल पेश करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । आयकर विभाग अगले महीने की शुरुआत में करदाताओं के लिए एक नया ई-फाइलिंग वेब पोर्टल पेश करने की तैयारी कर रहा है, जिसका इस्तेमाल आईटीआर दाखिल करने और अन्य कर संबंधी कार्यों के लिए किया जा सकेगा।

अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि नया पोर्टल अधिक सुविधाजनक होगा। मौजूदा वेब पोर्टल एक जून से छह जून तक बंद रहेगा।

विभाग के सिस्टम विंग द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि पुराने पोर्टल से नए पोर्टल पर जाने का काम पूरा हो जाएगा और सात जून तक इसे चालू कर दिया जाएगा।

आदेश में अधिकारियों से कहा गया है कि वे कोई भी सुनवाई या शिकायत के निपटारे के लिए 10 जून के बाद की तारीख तय करें, ताकि तब तक करदाता नए सिस्टम को अच्छी तरह समझ लें।

आदेश में यह भी कहा गया कि इसबीच करदाता और विभाग के अधिकारी के बीच निर्धारित कोई भी कार्य स्थगित जा सकता।

सिप्ला ने यूबायो बायोटेक के साथ भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किट ” वीराजेन “पेश की attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई। दवा कंपनी सिप्ला ने गुरुवार को यूबायो बायोटेक्नोलॉजी सिस्टम्स के साथ मिलकर भारत में कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किट ‘वीराजेन’ की पेशकश की।

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि इस पेशकश से मौजूदा परीक्षण क्षमताओं में इजाफा होगा और कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

सिप्ला ने बताया कि इस परीक्षण किट की आपूर्ति 25 मई 2021 से शुरू होगी।

सिप्ला के एमडी और ग्लोबल सीईओ उमंग वोहरा ने कहा, ‘‘सिप्ला कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। यह साझेदारी हमें मौजूदा समय में देश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी।

13000 से अधिक खिलाड़ियों और कोचों को चिकित्सा बीमा देगी केंद्र सरकार attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर खिलाड़ियों के लिये चिकित्सा बीमा कवरेज का दायरा बढाते हुए अधिक खिलाड़ियों , अनुबंधित कोचों और सहयोगी स्टाफ को शामिल करने का फैसला किया है।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने गुरूवार को कहा कि इस फैसले से 13000 से अधिक खिलाड़ी, कोच और सहयोगी स्टाफ लाभान्वित होंगे ।

खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ की बेहतरीन उनके मंत्रालय की प्राथमिकता है और उसी के तहत यह फैसला लिया गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हम यह सुनिश्चित करना चाहते है कि हमारे सभी खिलाड़ी और अनुबंधित स्टाफ को इस कठिन समय में स्वास्थ्य कवर मिले । वे हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैं ।’’

राष्ट्रीय शिविर में शामिल सभी खिलाड़ी , संभावित खिलाड़ी, खेलो इंडिया खिलाड़ी और देश भर में साइ के उत्कृष्टता केंद्रों पर शिविर में शामिल जूनियर खिलाड़ियों को पांच पांच लाख रूपये का बीमा कवर मिलेगा ।

इससे पहले कवरेज राष्ट्रीय शिविरों तक ही सीमित थी लेकिन अब इसे साल भर तक कर दिया गया है ।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा ,‘‘ यह नया है क्योंकि इससे पहले सभी अनुबंधित कोच और स्टाफ इसके दायरे में नहीं थे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘कोरोना संकट के चलते खिलाड़ियों और कोचों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर अब बीमा योजना का दायरा बढाया गया है । इससे पहले राष्ट्रीय शिविर या अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के दौरान ही यह कवरेज मिलती थी ।’’

चिकित्सा बीमा में 25 लाख रूपये की दुर्घटना या मृत्यु कवरेज भी शामिल है।

साइ ने राष्ट्रीय खेल महासंघों से खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के नाम बीमा योजना के लिये तय करने को कहा है।

गुजरात के विभिन्न हिस्सों में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में करीब 53 लोगों की जान चली गई attacknews.in

अहमदाबाद, 20 मई । गुजरात के विभिन्न हिस्सों में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में करीब 53 लोगों की जान चली गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र से एक अधिकारी ने कहा कि अधिकतर लोगों की मौत तूफान के कारण दीवारें गिरने की घटनाओं में हुई है। इस तूफान ने गिर सोमनाथ में उना नगर के पास सोमवार रात दस्तक दी थी और कमजोर पड़ने से पहले करीब 28 घंटों तक इसका प्रलय जारी रहा।

राज्य आपदा आयुक्त हर्षद कुमार पटेल ने कहा, “ताजा उपलब्ध सूचना के मुताबिक, गुजरात में चक्रवात संबंधित विभिन्न दुर्घटनाओं में तकरीबन 53 लोगों की मौत हो गई।”

बुधवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के चक्रवात प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था और “तत्काल राहत गतिविधियों” को अंजाम देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की।

बाद में, गुजरात सरकार ने चक्रवात ताउते संबंधी विभिन्न घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने को मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तूफान के कारण घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह मुआवजा केंद्र सरकार द्वारा मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने के अतिरिक्त है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात तौकते के बाद खोजबीन एवं बचाव अभियान के संचालन पर सेना के तीनों अंगों और भारतीय तटरक्षक की प्रशंसा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवाती तूफान तौकते के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे खोजबीन एवं बचाव अभियानों के लिए सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के प्रयासों की सराहना की है।

उन्होंने समुद्र में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक की सराहना की, जबकि प्रभावित स्थानों में अपनी टुकड़ियां तैनात करने के लिए भारतीय सेना की तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों के परिवहन के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की।

श्री राजनाथ सिंह नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक श्री के नटराजन के साथ लगातार संपर्क में हैं।

गौरतलब है कि दिनांक 17 मई, 2021 को रक्षा मंत्री ने एक समीक्षा बैठक के दौरान सशस्त्र बलों को आसन्न खड़े चक्रवात से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया था।

भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक (इंडियन कोस्टगार्ड) ने अपने समुद्री और हवाई साजोसामान की तैनाती की है और पिछले कुछ दिन में मुंबई तट से चार नौकाओं से 600 से अधिक लोगों को बचाया है।
भारतीय नौसेना के जहाज एवं विमान फिलहाल दिनांक 17 मई, 2021 को मुंबई से 35 मील दूर डूबी एकोमोडेशन बार्ज पी-305 के लापता चालक दल के सदस्यों का पता लगाने के लिए खोजबीन और बचाव (एसएआर) अभियान में शामिल हैं। आईएनएस कोच्चि, कोलकाता, ब्यास, बेतवा, तेग, पी8आई समुद्री निगरानी विमान, चेतक, एएलएच और सीकिंग हेलीकॉप्टर भी खोजबीन व बचाव अभियान में शामिल हैं। आईएनएस तलवार को भी राहत और बचाव कार्य में सहायता प्रदान करने के लिए डायवर्ट किया गया है। दिनांक 20 मई, 2021 को सुबह सात बजे तक बार्ज पी-305 के कुल 186 लोगों को बचाया गया है तथा 37 शव बरामद किए गए हैं।
गुजरात तट के करीब आईएनएस तलवार ने सपोर्ट स्टेशन 3 और ड्रिल शिप सागर भूषण की मदद की थी, जिन्हें अब ओएनजीसी के सपोर्ट जहाजों द्वारा वापस सुरक्षित मुंबई लाया जा रहा है। इन जहाजों के 300 क्रू मेंबर्स को मुंबई से आए नौसैनिक हेलीकॉप्टरों द्वारा भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया।

भारतीय तटरक्षक के जहाज भी खोजबीन और बचाव अभियान में शामिल हैं और उन्होंने केरल, गोवा और लक्षद्वीप तटों के करीब से विभिन्न मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं जैसे बधरिया, जीसस, मिलाद, क्राइस्ट भवन, परियानायकी एवं नोवस आर्क के चालक दलों को सुरक्षित लाने में भूमिका निभाई है। आईसीजी तथा भारतीय नौसेना के जहाजों ने न्यू मैंगलोर बंदरगाह के करीब सिंगल पॉइंट मूरिंग (एसपीएम) संचालित हो रहे एमवी कोरोमंडल सपोर्टर-IX के चालक दल के नौ सदस्यों को निकालने के लिए आपसी समन्वय में काम किया।

आईसीजीएस सम्राट दमन से दो इंडियन कोस्टगार्ड हेलीकॉप्टर एवं आईएनएस शिकरा से भारतीय नौसेना के एक सीकिंग हेलो ने एमवी जीएएल कंस्ट्रक्टर पर सवार 137 कर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया, जो कि बिजली की अनुपलब्धता के कारण मुंबई के उत्तर में समुद्र की ओर फंसा हुआ था।
इससे पहले भारतीय वायु सेना ने एनडीआरएफ के करीब 400 कर्मियों और 60 टन उपकरणों को अहमदाबाद ले जाने के लिए अपने सी-130जे और एएन-32 परिवहन विमानों को तैनात किया था। भारतीय सेना ने इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ दीव के लिए जामनगर से दो कॉलम तैनात किए थे। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जूनागढ़ के लिए दो और कॉलम बढ़ाए गए थे। सेना सड़कों को साफ करने और जरूरतमंदों को भोजन और आश्रय देने के काम में भी लगी थी ।

नरेन्द्र मोदी ने बताया:ये कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है,इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए attacknews.in

टीकाकरण पर राज्यों से मिले सुझावों को आगे बढ़ा रहा है केंद्र: मोदी

नयी दिल्ली, 20 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि टीकाकरण की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की, टीकों की खुराक की सूचना उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में टीकों की आपूर्ति आसान होगी और इससे टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्‍तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे।

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्‍यों में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

अधिकारियों से संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली महामारियां हों या कोरोना वायरस से पैदा हुई ताजा स्थिति, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक पक्षों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्या कम होने लगी है लेकिन जब तक ये संक्रमण छोटे स्तर पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूपों की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है।’’

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक आपूर्ति हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।’’

प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान टीका की बर्बादी रोकने पर भी जोर दिया और कहा कि एक भी खुराक के व्यर्थ जाने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीकों की बर्बादी रोकना जरूरी है।’’