किसान आंदोलन की आड़ मे आतंक-हिंसा का टूल किट:दिशा रवि रिमांड पर,दो के खिलाफ गैरजमानती वारंट; निकिता जैकब,दिशा के साथ शांतनु ने ‘टूलकिट’ बनाकर शेयर की;निकिता ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए पहुंची हाईकोर्ट attacknews.in

नयी दिल्ली,/मुंबई 15 फरवरी ।दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन के मुद्दे को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने और माहौल खराब करने के लिए बनायी गयी ‘टूलकिट’ दस्तावेज के निर्माता और संपादकों की पहचान की है जिनमें दिशा रवि, निकिता जैकब, पुनीत और शांतनु शामिल है। इस मामले में दिशा गिरफ्तार हो चुकी है जबकि निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ पुलिस ने गैरजमानती वारंट जारी किया है।

दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेम नाथ ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनायी गयी।

पुलिस का कहना है कि ये लोग जितना ज्यादा हो सके दुष्प्रचार करना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि टूलकिट साजिश में खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन शामिल है।

टूलकिट को जनवरी में बनाया गया ताकि आंदोलन को बढ़ाया जा सके। इसे विदेशों में ले जाया जा सके और विदेशों में भारत के दूतावास को निशाना बनाने की योजना थी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है और तीन की तलाश जारी है। इस मामले में पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि 11 जनवरी को निकिता, शांतनु जैकब, दिशा और अन्य लोग एक जूम मीटिंग में शामिल हुए। यह मीटिंग पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की ओर से संचालित की गई थी। इस जूम मीटिंग के बाद टूलकिट दस्तावेज तैयार किया गया था।

उन्होंने खुलासा किया कि दिशा रवि ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तक टूलकिट दस्तावेज टेलीग्राम ऐप के माध्यम से पहुंचाया था। इसके अलावा उसने एक वाट्सऐप ग्रुप भी बनाया था ताकि उस टूलकिट को अन्य लोगों के बीच फैलाया जा सके। बाद में इस ग्रुप को डिलीट कर दिया गया। निकिता जैकब ‘टूलकिट’ दस्तावेज के संपादकों में से एक थीं। दिशा रवि और निकिता जैकब के साथ, शांतनु ने ‘टूलकिट’ बनाई और दूसरों को भेजी।

गौरतलब है कि चार फरवरी को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने टूलकिट दस्तावेज तैयार करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किया था। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह ‘टूलकिट’ गलती से साझा कर दी थी।

टूलकिट मामला: निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का किया रुख

इधर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ साझा किये जाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपी वकील निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।

दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में जैकब और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

जैकब ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी. डी. नाइक की एकल पीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि वह मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगा।

जैकब ने चार सप्ताह के लिये ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की है, ताकि वह दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिये संबंधित अदालत का रुख कर सके।

दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि (21) को गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, दिल्ली की एक अदालत ने उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देते हुए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह ‘टूलकिट’ साझा की थी।

‘टूलकिट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।

कुछ आलोचकों का कहना है कि ‘टूलकिट’ भारत में प्रदर्शनों को हवा देने की उनकी साजिश का ‘‘सबूत’’ हैं।

मध्यप्रदेश में सोमवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,57,849 और मृतकों की संख्या 3838 हुई, अब तक प्रदेश में 5,72,449 लोगों को कोरोना का टीका लगा attacknews.in

मध्यप्रदेश में कोरोना के 203 नए मामले, चार की मौत

भोपाल, 15 फरवरी । मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के 203 नए मामले सामने आने के साथ ही चार नए मरीजों की मौत हो गयी है। वहीं, 18623 नए लोगों का आज टीकाकरण किया गया, जिसके बाद अब तक प्रदेश में 5,72,449 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुके हैं।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात्रि यहां जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान 13,374 सेंपल जांचे गए, जिसमें कोरोना के 203 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमण की दर 1़ 5 प्रतिशत रही। प्रदेश में अब तक कुल 2,57,849 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, चार नए मरीजों की इस बीमारी से मृत्यु हो जाने के बाद अब तक 3838 लोगों की इस बीमारी से जान चली गयी है।

इसी प्रकार 194 नए लोगों के स्वस्थ हो जाने के बाद प्रदेश भर में अब तक 2,52,164 मरीजों कोरोना को मात दे चुके हैं। वर्तमान में 1847 एक्टिव (उपचाररत) मरीज हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों, होम आइसोलेशन एवं संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों में किया जा रहा है।

इस बीच सबसे अधिक नए मामले इंदौर में आए, जहां 89 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव पायी गयी। इसके अलावा 40 नए मरीज राजधानी भोपाल में मिले। इसी प्रकार जबलपुर में 9, सागर में 7, उज्जैन में 6, बैतूल में 7 सहित अन्य जिलों में कोरोना के नए मरीज मिले हैं। वहीं, रीवा, शिवपुरी, विदिशा, मुरैना, बालाघाट, नीमच, शहड़ोल, देवास, बड़वानी सहित कुछ अन्य जिलों में कोरोना के एक भी नए मामले सामने नहीं आए हैं।

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मध्यप्रदेश के 11 मजदूरों और उनके आठ बच्चों काे वापस लाया गया,सभी बड़वाह धूलकोट चैनपुर के अलावा बुरहानपुर निवासी attacknews.in

खरगोन, 15 फरवरी । मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा महाराष्ट्र के बीड़ जिले भेजे गए पुलिस दल ने कथित तौर पर बंधक बनाए 11 मजदूर और उनके 8 बच्चों का रेस्क्यू कर आज उन्हें सुरक्षित वापिस लौटा कर ले आये।

पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जिले के बड़वाह धूलकोट चैनपुर के अलावा बुरहानपुर निवासी 11 मजदूरों और उनके 8 बच्चों को महाराष्ट्र के बीड़ और पंढरपुर जिलों के दो गांवों से बंधन मुक्त कराकर वापस लाया गया है।

उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को कुछ मजदूरों व उनके रिश्तेदारों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय आकर शिकायत की थी कि मजदूरों के ठेकेदार धनराज किडके द्वारा 25 हजार एडवांस देकर डेढ़ महीने के लिए बीड़ जिले के सिरसला थाना क्षेत्र के खाडेवाड़ी ग्राम में गन्ना काटने ले जाया गया था।

कमलनाध का आरोप: मध्यप्रदेश में वापस आ रहा है माफियाराज, ‘आखिर ये माफिया कब गड़ेंगे, कब कटेंगे, कब लटकेंगे,आपका बदला हुआ मूड कब इन माफियाओं को दिखेगा” attacknews.in

भोपाल, 15 फरवरी । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में वापस माफियाराज आ रहा है।

श्री कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए कहा कि उज्जैन में जहरीली शराब से 14 और मुरैना में 25 की मृत्यु के बाद अब छतरपुर जिले में चार लोगों की मौत होने की सूचना है, जो दुखद है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहा है कि ये शराब माफिया कब तक यूं ही लोगों की जान लेते रहेंगे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए लिखा है ‘आखिर ये माफिया कब गड़ेंगे, कब कटेंगे, कब लटकेंगे। आपका बदला हुआ मूड कब इन माफियाओं को दिखेगा।’

श्री कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि उनके राज में 15 माह में ही प्रदेश को माफियामुक्त और भयमुक्त बनाने की दिशा में ठोस कार्य किया था, लेकिन अब मौजूदा सरकार के कार्यकाल में माफिया युक्त प्रदेश बन रहा है। रेत माफिया, भू माफिया, वन माफिया, शराब माफिया सब तरह के माफिया सरकार को बेखौफ चुनौती दे रहे हैं।

उत्तरप्रदेश में राजनीति के चाचा-भतीजे की शुरु हुई जंग:शिवपाल के करीबी सपा के “बागी” विधायक हरीओम यादव का निंलबन कर अखिलेश ने किया बडा इशारा:खत्म कर दूंगा चाचा की राजनीति attacknews.in

लखनऊ/इटावा 15 फरवरी । फिरोजाबाद में सिरसागंज क्षेत्र के समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक हरिओम सिंह यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिये निष्कासित कर दिया गया है।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बयान जारी कर यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि हरिओम यादव पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांठगांठ का आरोप है और इसी के लिये उन्हे छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।

शिवपाल के करीबी सपा के “बागी” विधायक हरीओम यादव का निंलबन कर अखिलेश ने किया बडा इशारा

समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी समझे जाने वाले फिरोजाबाद के सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिए जाने के बाद आरोप प्रत्यारोपो का फिर नया दौर शुरू हो गया है ।

समाजवादी पार्टी से निष्कासित होते हुए ही विधायक हरिओम यादव ने महासचिव रामगोपाल यादव पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने ही मुझे पार्टी से निकलवाया है । रामगोपाल के गलत कामों का विरोध किया । उनके शराब माफिया भांजे का विरोध किया इसलिए उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया ।

उन्होने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को आडे हाथो लेते हुए कहा कि अब सपा पर अखिलेश यादव का कब्जा नही है । अब रामगोपाल व उसके लड़के की समाजवादी पार्टी हो गयी है ।

उनका दावा है कि अगर रामगोपाल यादव की चलेगी तो पार्टी खत्म हो जाएगी । वे यह भी कहने से नही चूके कि 2022 में पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी को 20 सीटे भी नही मिलेगी लेकिन हरीओम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से रिश्तेदारी है और बनी रहेगी।

हरीओम सिंह यादव पर काफी दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लग रहे थे । फीरोजाबाद जिले के सपा नेताओं उनके खिलाफ एकजुट होकर पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग हाईकमान से की थी ।

हरीओम सिंह यादव को शिवपाल सिंह यादव के खेमे का माना जाता है।पिछले महीने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने फीरोजाबाद जिले की तीन सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए थे । उन्होंने सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम सिंह यादव को प्रसपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किया है ।

लोकसभा चुनाव के पहले से शिवपाल यादव के साथ चल रहे सपा विधायक हरिओम यादव ने कहा था कि वह शिवपाल सिंह के साथ हैं। सपा छोड़ने और सपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं पार्टी क्यों छोडूंगा । सपा जब चुनाव लड़ने की कहेगी, तब की तब देखी जाएगी। हालांकि अब उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

किसान राजनीति के सहारे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया मझधार से निकालने में जुटी प्रियंका वाड्रा ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा:”किसान अपना भला नहीं करवाना चाहता तो क्या आप किसी की भलाई जबर्दस्ती करते हैं” attacknews.in

बिजनौर 15 फरवरी । किसान राजनीति के सहारे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया को मझधार से निकालने में जुटी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुये तंज कसा कि उन्होने दुनिया की सैर करने के लिये दो हवाई जहाज खरीदे है,उनकी कीमत इतनी है जिसमें गन्ना किसानों के अब तक के बकाया भुगतान का बंदोबस्त किया जा सकता था।

चांदपुर कस्बे में किसान पंचायत को संबोधित करते हुये श्रीमती वाड्रा ने कहा “ श्री मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं कि आपका बकाया अब तक पूरा नहीं किया लेकिन अपने लिए, दुनिया में भ्रमण करने के लिए इन्होंने दो हवाई जहाज खरीदे हैं। दो हवाई जहाजों की कीमत 16 हजार करोड़ रूपये है जबकि 15 हजार करोड़ रूपये में देश के एक-एक गन्ना किसानों का बकाया वह वापस कर सकते थे।”

उत्तर प्रदेश की प्रभारी ने कहा कि 20 हजार करोड़ की योजना के तहत नये संसद का सुन्दरीकरण हो रहा है जबकि वह संसद भवन दुनिया में मशहूर है। इंडिया गेट को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं उसके सुंदरीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रूपये उपलब्ध है लेकिन इस देश के किसान के बकाए के लिए 15 हजार करोड़ उपलब्ध नहीं है। यही इस सरकार की नियत है। जो भरोसा आपने किया था वह भरोसा टूट चुका है। एक शायर ने कहा था “ जो भगवान का सौदा करता है इंसान की कीमत क्या जाने, जो गन्ने की कीमत दे न सका वह जान की कीमत क्या जाने।।”

उन्होने कहा “ संकटों से घिरे किसानो के लिये सरकार ने तीन नए कानून बना दिए जिसके विरोध में किसान 80 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर सर्दी में बैठे हुए हैं, अब गर्मी की तैयारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं ये जो कानून बने हैं ये किसान की भलाई के लिए बने है। ठीक है मान भी लेते हैं कि किसान की भलाई के लिए बनाए हैं आपने कानून। लेकिन जब किसान मना कर रहा है जब किसान कह रहा है कि भैया हमें ये कानून नहीं चाहिए तो आप वापस क्यों नहीं ले रहे हैं। क्या आप किसी की भलाई जबर्दस्ती करते हैं।”

कांग्रेस महासचिव ने कहा “ सरकारी मंडी में एक चीज थी जहां आपका न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता था। जैसे-जैसे प्राइवेट मंडिया आगे बढ़ेंगी और सरकार की मंडिया बंद होंगी आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना बंद हो जाएगा। इसके जरिए भी जो बड़े-बड़े खरबपति, उद्योगपति हैं फिर से अपनी मनमर्जी कर पाएंगें। मंडी उनकी है दाम वह तय करेंगे, कितना खरीदना है कब खरीदना है, वह तय करेंगे।”

उन्होने कहा कि तीसरे कानून में यह लिखा है कि कान्ट्रैक्ट यानी ठेके पर किसानी होगी। इसका मतलब है कि बड़ा खरबपति अपनी मनमर्जी से आपकी उपज का दाम तय करेगा और मौका आने पर उसे खरीदने से इंकार भी कर सकता है। ऐसे में किसान न्याय के लिये अदालत का चक्कर लगायेगा।

कोरोना काल में बंद मध्यप्रदेश के 1195 सीनियर,152 महाविद्यालयीन और विशिष्ट संस्थानों द्वारा संचालित 126 जनजातीय छात्रावासों को खोलने के निर्देश attacknews.in

भोपाल 15, फरवरी।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय छात्रावास शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कक्षा 10वीं तथा 12वीं की बोर्ड तथा महाविद्यालयीन परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावासों का संचालन आरंभ किया जा रहा है। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन अनिवार्य होगा।

42 हजार विद्यार्थी होंगे लाभान्वित

इस निर्णय से विद्यालय स्तर के सामान्य छात्रावास और आवासीय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लगभग 34 हजार तथा महाविद्यालयीन स्तर के 8 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। प्रदेश में 1195 सीनियर छात्रावास, 152 महाविद्यालयीन छात्रावास, 126 विशिष्ट संस्थाएँ जैसे आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तथा गुरूकुलम विद्यालय जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित हैं।

अभिभावकों की सहमति आवश्यक

कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छात्रावासों में साफ-सफाई, स्वच्छता तथा सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छात्रावासों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को ही रहने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा 9वीं तथा 11वीं के विद्यार्थियों के लिये नहीं होगी। आश्रम, जूनियर छात्रावासों को अभी नहीं खोला जाएगा। छात्रावासों में रहने के लिए अभिभाविकों की सहमति आवश्यक होगी।

विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की होगी व्यवस्था

प्रत्येक छात्रावास में पृथक से एक कोरिन्टाइन रूम बनाया जाएगा। छात्रावासों में कोविड-19 से बचाव के लिए लागू गाईड लाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए छात्रावास अधीक्षकों का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण कराया जाएगा। प्रत्येक छात्रावास निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र के साथ संबद्ध किया जाएगा। स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक का मोबाइल नम्बर छात्रावास के सूचना पटल पर लिखा जाएगा। छात्रावासों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था होगी।

नियमित निरीक्षण की होगी व्यवस्था

सभी संभागीय, जिला तथा विकासखंड स्तर के अधिकारियों और प्राचार्यों को छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

कटनी,जबलपुर और डिंडोरी में वन्य प्राणियों के अवयवों की तस्करी के मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार,पन्ना में सांभर का शिकार करने वाले पांच आरोपी गिरफ्तार attacknews.in

भोपाल/पन्ना ,15 फरवरी । मध्यप्रदेश के वन विभाग की टीम ने वन्य प्राणियों के अवयवों की तस्कारी करने के मामले में कटनी, जबलपुर और डिंडौरी जिले में व्यापक कार्रवाई करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उप वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि वन विभाग के राज्य-स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने कटनी, जबलपुर और डिण्डोरी जिले में व्यापक कार्रवाई कर तेंदुए के शिकार, उनके अवयवों के व्यापार और पैंगोलिन के स्केल के व्यापार में लिप्त 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से 25 किलो पैंगोलिन स्केल और 4 मृत तेंदुओं की खाल बरामद की गई है। तेंदुओं के अवयवों को यह आरोपी तंत्र-मंत्र, जादू-टोना के लिये लोगों को बेचा करते थे।

सांभर का शिकार करने के मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार

इसी तरह पन्ना जिले में वन्य प्राणी सांभर का शिकार करने के आरोपी में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

वन परिक्षेत्राधिकारी वन परीक्षेत्र सलेहा राम सिंह पटेल ने बताया कि कल मुखबिर से सूचना मिली थी कि दक्षिण वन मंडल पन्ना के खिलसारी गांव में सांभर का शिकार कर आरोपी अपने घरों में मांस पका रहे हैं। इसके वन मंडलाधिकारी दक्षिण पन्ना मीना कुमारी मिश्रा के निर्देशन पर छापामार कार्यवाही की गई और गांव के उत्तम सिंह, मंगल सिंह, होशियार सिंह, चन्नू सिंह और राम सिंह के घर में सांभर का मांस जप्त किया गया। इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके विरुद्ध वन्य प्राणी अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

मध्यप्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षाओं के मूल्यांकन पद्धति में नही होगा कोई परिवर्तन,प्रश्न-पत्र मुद्रण, ब्लूप्रिंट पद्धति को भी यथावत रखा गया attacknews.in

भोपाल, 15 फरवरी । माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा वर्ष 2020-21 के लिये पूर्व वर्षों के अनुसार ही प्रश्न-पत्र मुद्रण, ब्लूप्रिंट एवं मूल्यांकन पद्धति को यथावत रखते हुए परीक्षाएँ आयोजित करेगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोविड संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से इस सत्र में शैक्षणिक व्यवस्था विपरीत रूप से प्रभावित हुई है। नियमित कक्षाओं में पूर्ण उपस्थिति न होने के कारण सभी विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा वर्ष 2021 की परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों में ऑनलाइन/सॉफ्ट कॉपी में प्रेषण, ब्लू प्रिंट और मूल्यांकन पद्धति को पिछले वर्ष की भांति ही रखने का निर्णय लिया है।

महाभियोग में बरी होने के बाद भी।पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बरकरार,अमेरिका अदालतों में दर्ज किए जा सकते हैं मुकदमें attacknews.in

वाशिंगटन, 15 फरवरी (एपी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही दूसरे महाभियोग में बरी हो गए हों लेकिन उन्हें कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) पर हमला मामले में अदालती मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रंप अब साधारण नागरिक हो गए हैं, लिहाजा उनके पास कानूनी संरक्षण नहीं है जो राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान उन्हें मिला हुआ था। इस बदलाव से महाभियोग के दौरान ट्रंप के पक्ष में मतदान करने वाले रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर भी वाकिफ हैं।

सीनेट में अल्पसंख्यक नेता केंटकी मिच मैककोनेल ने कहा कि ट्रंप अभी भी एक साधारण नागरिक के रूप में पद पर रहते हुए अपने हर काम के लिए उत्तरदायी हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप को जवाबदेह ठहराने के लिए सीनेट के मुकदमे से अधिक अदालतें उपयुक्त स्थान हैं।

गौरतलब है कि छह जनवरी को कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप के समर्थकों ने हमला कर दिया था जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ट्रंप ने अपने भाषण के जरिए समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काया। इस मामले में ट्रंप को आने वाले महीनों में कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

मगर दंगा भड़काने को लेकर ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के आसार स्पष्ट नहीं हैं, क्योंकि अदालतों में ऐसे मामलों को लेकर मानक बहुत ऊंचे हैं। ट्रंप के खिलाफ पीड़ित भी मुकदमा कर सकते हैं हालांकि उनके पास कुछ संवैधानिक संरक्षण है, जैसे कि उन्होंने जो किया वह राष्ट्रपति का कर्तव्य निभाते हुए किया।

कानून के जानकारों का कहना है कि उचित आपराधिक जांच में समय लगता है।

लोयोला लॉ स्कूल में प्रोफेसर और पूर्व संघीय अभियोजक लूरी लेवेनसन ने कहा कि जांचकर्ता 200 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं। वे सैकड़ों और लोगों की तलाश में हैं। ये सभी लोग गवाह भी हो सकते हैं, क्योंकि उनमें से कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें ट्रंप ने यह (हमला करने को) कहा।

उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब दंगा हो रहा था तब ट्रंप क्या कर रहे थे। महाभियोग में इसका जवाब नहीं मिला। मगर संघीय जांचकर्ताओं के पास आपराधिक जांच में ‘ग्रैंड जूरी’ के जरिए समन करके सबूत हासिल करने के लिए अधिक शक्तियां हैं।

कोलंबिया जिले के अटॉर्नी जनरल कार्ल रैसीन ने कहा है कि जिला अभियोजक इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हिंसा के लिए लोगों को भड़काने वाले बयान को अपराध ठहराने वाले स्थानीय कानून के तहत ट्रंप पर आरोप लगाए जाएं या नहीं।

खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बाद भी मैन्यूफैक्चरिंग वस्तुओं के महंगे होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.03 प्रतिशत हुई attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 फरवरी । खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बाद भी थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03 प्रतिशत हो गयी। इसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी आना है। ताजे आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आयी। हालांकि विनिर्मित वस्तुओं के दाम बढ़ गये।

थोक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति इससे पहले दिसंबर 2020 में 1.22 प्रतिशत और जनवरी 2020 में 3.52 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में शून्य से 2.8 प्रतिशत नीचे रही। यह एक महीने पहले यानी दिसंबर 2020 में शून्य से 1.11 प्रतिशत नीचे थी।

इस दौरान सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति शून्य से 20.82 प्रतिशत नीचे और ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति शून्य से 4.78 प्रतिशत नीचे रही। हालांकि आलू की थोक मुद्रास्फीति इस दौरान 22.04 प्रतिशत रही।

गैर-खाद्य श्रेणी में मुद्रास्फीति इस दौरान 4.16 प्रतिशत रही।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच फरवरी को मौद्रिक नीति घोषणा में ब्याज दरों को लगातार चौथी बैठक में अपरिवर्तित रखा। रिजर्व बैंक ने घोषणा करते हुए कहा था कि निकट-भविष्य में मुद्रास्फीति का परिदृश्य अनुकूल हुआ है।

महाराष्ट्र के जलगांव में ट्रक के पलट कर सड़क किनारे गड्ढे में गिरने से 15 मजदूरों की मौत, पांच घायल attacknews.in

जलगांव (महाराष्ट्र), 15 फरवरी । महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक ट्रक के पलट कर सड़क किनारे गड्ढे में गिरने से 15 मजदूरों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए।

यावल पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना किंगांव गांव में देर रात एक बजे के करीब एक मंदिर के पास हुई, जब पपीते से लदा एक ट्रक जलगांव के धुले से यावल तहसील जा रहा था।

उन्होंने बताया कि मृतकों में तीन और पांच वर्ष के दो बच्चे और 15 वर्षीय एक किशोरी भी शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि मृतक जिले के अभोदा, विवरा, केर्हाला गांव और रावेर तहसील के निवासी थे।

उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन की मदद से ट्रक को गड्ढे से बाहर निकाला गया।

अधिकारी ने बताया कि हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और ट्रक चालक सहित पांच अन्य लोग घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि घायलों को जलगांव के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में दो की हालत गंभीर है।

जलगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गवली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वाहन में शायद कोई तकनीकी खराबी होने के कारण हादसा हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। भादंवि की धारा 304-(दो) के तहत ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।’’

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान, हुसैन मुस्लिम मनियार (30), सरफराज ताडवी (32), दिगंबर सपकले (55), नरेन्द्र वाघ (25), दिलदार ताडवी (20), अशोक वाघ (40), दुर्गाबाई अदकमोल (20), गणेश मोरे (5), सागर वाघ (3), शारदा रमेश मोरे (15), संगीता अशोक वाघ (35), यमुनाबाई इंगल (45), कमलाबाई मोरे (45), सबनूर ताडवी (53) और संदीप भालेराव (25) के तौर पर हुई है।

भोपाल में तहसीलदार के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन ,अंतरराष्ट्रीय लैब की 7 एकड़ जमीन से दबंगों द्वारा कब्जाई जमीन ने नहीं हटा पा रहा है अतिक्रमण attacknews.in

नयी दिल्ली 14 फरवरी । देश ही नहीं, दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों में शुमार सीएसआईआर की भोपाल स्थित प्रयोगशाला एमप्री की सात एकड़ जमीन पर कई वर्षों से अवैध कब्जा है लेकिन स्थानीय प्रशासन जमीन को कब्जा मुक्त नहीं करा पा रहा है।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक प्रयोगशाला एमप्री भोपाल में होशंगाबाद रोड पर स्थित है। वहाँ एडवांस मैटेरियल प्रोसेसिंग से संबंधित अनुसंधान किए जाते हैं।

एमप्री के प्रशासनिक अधिकारी आरएन वाघमारे ने  बताया की प्रयोगशाला के पास 79 एकड़ जमीन है जिसमें सात एकड़ पर परमार समाज समिति ने अवैध कब्जा कर रखा है। वहां अनाधिकृत रूप से मैरिज हॉल बनाया गया है और वाणिज्यिक गतिविधियां की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि तहसीलदार कार्यालय ने 29 सितंबर 2015 को अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद संस्थान ने कई प्रयास किए लेकिन कब्जाधारी जमीन पर से हटने के लिए तैयार नहीं है। देश में वैज्ञानिक अनुसंधानों को प्रमुखता देने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता के बावजूद मध्य प्रदेश की राजधानी में यह सब स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।

श्री वाघमारे ने कहा कि संस्थान की ओर से जिलाधिकारी, एसडीएम, नगर निगम आयुक्त और पुलिस प्रशासन से भी कई बार लिखित एवं मौखिक अनुरोध किया गया है। इसके बावजूद प्रशासन संस्थान की जमीन कब्जा मुक्त नहीं करा पा रही है।

किसान आंदोलन की आड़ मे आतंक और हिंसा की ” टूल किट” की कर्ता धर्ता दिशा रवि 5 दिनी पुलिस रिमांड पर;भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए दिशा रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ की थी साठगांठ attacknews.in

नयी दिल्ली 14 फरवरी । दिल्ली पुलिस ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (22) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है।

दिलकी पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि दिशा रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ फैलाने में उसकी कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है।

कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के मामले में ‘‘खालिस्तानी समर्थक’’ समूह द्वारा तैयार और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तथा अन्य द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए ‘टूलकिट’ के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।हालांकि एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया गया था।

किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की जांच दिल्ली पुलिस की साइबर सेल कर रही है।

विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने दावा किया है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई है. विभिन्न धाराओं के तहत ‘आपराधिक साजिश’ और ‘समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ के प्रयास के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर केवल टूलकिट के रचनाकारों के खिलाफ है, जिसकी जांच जारी है।

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था “टूल किट के रचनाकारों की मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ असहमति और अंसतोष को प्रोत्साहित करना था. इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक लड़ाई को भी गति देना है.”

कुछ दिन पहले ही केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देते हुए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी एक ‘टूलकिट’ साझा किया था, जिसमें लोगों को यह बताया गया था कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का लोगों को समर्थन करना चाहिए. लेकिन यह बाद में डिलीट कर दिया गया. हालांकि उन्होंने फिर अपडेटेड टूलकिट डॉक्यूमेंट पोस्ट किया. एक अधिकारी के मुताबिक, इस दस्तावेज में किसानों के समर्थन में ट्विटर पर ट्वीट की झड़ी लगाने और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करने की भी योजना तैयार की गयी थी।

दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ बनाने वालों के संबंध में गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मांगी थी. बीते हफ्ते दिल्ली पुलिस ने बताया कि 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है, जो किसान प्रदर्शन पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री सर्कुलेट करते देखे गए।

पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को जो हिंसा हुई, वह पहले से स्क्रिप्टेड थी. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं।

मिली 5 दिन की रिमांड:

पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की।पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ‘ ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं.’

दिल्ली की एक अदालत ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस के मुताबिक रवि को उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में ‘टूलकिट’ बनाने के साथ  उसके प्रचार-प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।

दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की टीम ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने रवि को रविवार को अदालत में पेश किया और उन्हें सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया।

पुलिस ने अदालत में ये भी कहा कि भारत सरकार के खिलाफ कथित तौर पर बड़े स्तर पर साजिश रचने और खालिस्तानी आंदोलन में भूमिका को लेकर जांच करने के लिए हिरासत की आवश्यकता है।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।

आपको बता दें कि इस सिलसिले में खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को FIR दर्ज हुई थी। पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट’ में एक खंड है, जिसमें कहा गया है. 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों।

शिवपाल सिंह यादव  की थी तमन्ना  मुलायम सिंह यादव -अखिलेश यादव  को नरेन्द्र मोदी का विकल्प बनाने की attacknews.in

इटावा , 14 फरवरी । समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन कर लोकसभा चुनाव मे किस्मत आजमा चुके शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि वह तो देश भर के सभी समाजवादियो को एक करके नेता जी (मुलायम सिंह यादव) अथवा अखिलेश यादव को नरेंद्र मोदी का विकल्प बनाना चाहते थे।

श्री यादव ने रविवार को इटावा में चैगुर्जी स्थित आवास पर यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा “ अगर देश भर के सभी समाजवादी एक साथ हो जाते तो आज कम से कम तीन सूबों में समाजवादियों की मजबूत सरकार हो सकती थी लेकिन अड़चन डालने वाले कुछ लोग थे जो आज भी उसी रास्ते पर हैं।”

जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव में हिस्सा ले सकती है प्रसपा: शिवपाल

प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश भर में ग्राम प्रधान और सदस्यों के चुनाव में प्रत्याशी नही उतारेगी लेकिन जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्यो पर समिति के निर्णय के आधार पर प्रत्याशियों के चयन कर चुनाव लडेगी ।

उन्होने कहा कि जहां तक पंचायत चुनावों का सवाल है तो उनकी पार्टी ने गांव पंचायतों के चुनावों में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं लेने का निर्णय लिया है लेकिन क्षेत्र पंचायतों के चुनाव में प्रदेश की सभी जिला इकाइयों पर छोड़ दिया है कि वे क्या चुनाव लडाना चाहती हैं अगर वे राय मांगेगी तो हम विचार करके जरूर तय करेंगे । उनका कहना है कि जहाॅ हमारी पार्टी के क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष बन सकते हैं उसे जरूर देखा जायेगा।