कर्नाटक में IAS अधिकारियों के पास मिली करोड़ों की सम्पत्तियां:एसीबी ने 7 कार्यालयों के 7 अधिकारियों के 30 ठिकानों में ताबड़तोड़ छापे मारे attacknews.in

बेंगलुरु, 02 फरवरी । कर्नाटक में मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने राज्य के सात सरकारी अधिकारियों से संबंधित उनके 30 ठिकानों पर छापे मारे।

सूत्रों के अनुसार आय के ज्ञात स्रोतों में आय से अधिक धन की शिकायत मिलने पर बेंगलुरु, कोलार, धारवाड़ बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग और कलाबुर्गी के ठिकानों में एक साथ छापे मारे गये।

कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई अधिकारियों के यहां एसीबी के छापे

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप में मंगलवार को राज्य के सात अधिकारियों के बेंगलुरु, कोलार, धारवाड़ बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग और कलाबुर्गी में लगभग 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

मंगलवार को जिन अधिकारियों के यहां छापे पड़े हैं, उनमें डब्ल्यूआईएमएस के पूर्व निदेशक और कोप्पल जिला अस्पताल के प्रमुख श्रीनिवास के बेल्लारी और कोप्पल स्थित कार्यालय और आवास, बेंगलुरु में सहकारी समितियों के संयुक्त निदेशक डी पांडुरंगा के विजयनगर निवास के अलावा जयनगर, मल्लेश्वरम कार्यालय और चित्रदुर्ग और लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता देवराज शिवांगी के कोटिलिंगेश्वर और बालाजी नगर स्थित उनके एक रिश्तेदार के आवास शामिल हैं।

इसके अलावा एसीबी के अधिकारियों ने चित्रदुर्ग में धारवाड़ वन अधिकारी श्रीनिवास, बीबीएपी अभियंता अंजेनाप्पा, मंगलूरु निगम के एक अधिकारी और कोलार डीएचओ विजयकुमार के ठिकानों पर भी छापे मारे हैं।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन छापों में अधिकारियों के यहां से आभूषण और संपत्ति के दस्तावेजों के अलावा नकदी भी जब्त की गई है।

किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने नहीं चलने दी संसद: हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो पाया attacknews.in

नयी दिल्ली 02 फरवरी । संसद के बजट सत्र के पहले दिन किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में आज कोई कामकाज नहीं हो पाया।

लोकसभा में दो बार के स्थगन के बाद शाम सात बजे जैसे ही कार्यवाही शुरु हुई विपक्षी सदस्य तीनों कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग के समर्थन में हाथों में तख्तियां लेकर सदन के बीचोंबीच आ गये और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे।

विपक्ष के भारी हंगामें से राज्यसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित

किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में मंगलवार को भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाई बुधवार तक स्थगित करनी पड़ी।

इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडू और उप सभापति हरिवंश ने हंगामे के कारण सदन की बैठक तीन बार स्थगित कर दी थी। विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन की बैठक शुरू हाेने पर शून्यकाल और प्रश्नकाल तथा इसके बाद भी किसानों के आंदोलन के मुद्दे उठाए थे। विपक्ष का कहना था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है और इस पर सदन के सारे कामकाज स्थगित कर चर्चा की जानी चाहिए।

श्री नायडू ने कहा कि कल इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इसलिए सदस्यों को इसे नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से बार बार इस मुद्दे पर जोर नहीं देने का अनुरोध किया।

इससे पूर्व इस मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दल के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दल के सदस्य सदन में आ गए और हंगामा करने लगे। श्री नायडू ने कहा कि सदस्य इस मामले पर सदन से वाकआउट कर गए थे और उन्हें प्रश्नकाल के दौरान सदन को अव्यवस्थित नहीं करना चाहिए।

उन्होंने सदस्यों से सहयोग करने का अनुरोध किया और कहा कि वह कल सदन में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।

इससे पहले शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दू शेखर राय, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम तथा कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया था।

गौरतलब है कि किसान केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, प्रश्नकाल नहीं चला

संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण आज प्रश्नकाल नहीं हो पाया और सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी।

अपराह्न चार बजे सदन के समवेत होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिरोमणि अकाली दल के सदस्य उत्तेजित अवस्था में तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सदन में मौजूद थे।

अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी सदस्यों को पर्याप्त समय एवं अवसर दिया जाएगा जिन विषयों को वे उठा रहे हैं, उन पर सदन में प्रश्नकाल के बाद उन्हें चर्चा का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने बार बार अपील की कि वे प्रश्नकाल चलने दें और अपनी सीट पर बैठें क्योंकि प्रश्नकाल में भी कृषि एवं किसानों के बारे में कई प्रश्न सूचीबद्ध हैं और सरकार उनका उत्तर देने वाली है।

लेकिन विपक्षी सदस्यों पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। विपक्षी सदस्य नारे लगा रहे थे कि काले कानून वापस लो। तानाशाही नहीं चलेगी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी हाथों में सरकार विरोधी नारे की तख्ती उठाये हुईं थीं।

श्री बिरला ने पुन: अपील की कि प्रश्नकाल के बाद विपक्षी सदस्यों को चर्चा का मौका दिया जाएगा लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा, उलटा नारेबाजी तेज हो गयी। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही फिर स्थगित

संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण आज सदन की कार्यवाही लगातार दूसरे घंटे भी बाधित रही।

एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरु हुई विपक्षी सदस्य हाथों में ‘किसान विरोधी कानून वापस लो, किसानों को मत मारो, किसानों पर तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारों से लिखी तख्तियां हाथों लेकर सदन के बीचोबीच आ गये और नारेबाजी तथा हंगामा करने लगे।

अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को बताया कि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी कुछ बोलना चाह रहे हैं इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर जाकर उनकी बात सुनें लेकिन किसी भी सदस्य ने उनकी हिदायत पर ध्यान नहीं दिया। श्री चौधरी ने हंगामें के बीच कहा कि किसान का मुद्दा महत्वपूर्ण है लेकिन जो व्यवहार किसानों के साथ हो रहा है उसे देखते हुए लगता है कि देश एक बार फिर ब्रिटिश राज में चला गया है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर सदन तथा सदन के बाहर कहीं भी चर्चा कराने के लिए तैयार है लेकिन इसमें विपक्ष को तैयार होने की जरूरत है। उनका कहना था कि इस बार प्रश्नकाल में भी किसानों से संबंधित सवाल थे और उस पर सदस्यों को ध्यान देना चाहिए था। यदि विपक्ष को राजनीति नहीं करनी है और किसानों के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैँ तो सरकार इसके लिए तैयार है।

श्री बिरला ने कहा कि संसद चचा,वाद विवाद और जन समस्याओं के समाधान के लिए होता है। जनता ने हम सभी को इसीलिए चुनकर भेजा है। नारेबाजी करना और तख्तियां लेकर सदन में आना ठीक नहीं है। संसद में संसदीय परंपरा का पालन किया जाना चाहिए। सदन में लगातार हल्ला होता रहा और हंगामा कर रहे सदस्यों ने अध्यक्ष बात को अनसुना कर हंगामा जारी रखा तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सात बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

CBSE परीक्षाएं 4 मई से शुरू:10वीं की 4 मई से 7 जून,12वीं की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 11 जून को ख़त्म होंगी,नतीजों की घोषणा 15 जुलाई से पहले की जाएगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 02 फरवरी । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने चार मई से शुरू होने वाली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बोर्ड परीक्षाओं की आज यहां डेट शीट जारी की।

कोरोना महामारी की वजह से सरकार को लगभग 10 महीने स्कूल बंद रखने पड़े जिसके कारण शिक्षा मंत्रालय ने इस वर्ष बोर्ड परीक्षाएं चार मई से 11 जून के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया। प्रेक्टिकल परीक्षाएं हालांकि मार्च में ही करवाई जाएंगी। इसके अलावा सभी छात्रों के उच्च शिक्षा में प्रवेश को ध्यान में रखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों की घोषणा 15 जुलाई से पहले की जाएगी।

दसवीं की परीक्षाएं चार मई से शुरू होकर सात जून को ख़त्म होंगी, वहीं बारहवीं की परीक्षाएं चार मई से शुरू होकर 11 जून को ख़त्म होंगी। दसवीं की पहली परीक्षा चार मई को ओडिया, कन्नड और लेपचा भाषाओं की होगी और बारहवीं की इंग्लिश इलेक्टिव और इंग्लिश कोर की परीक्षाएं इसी दिन होंगी। विस्तृत डेट शीट सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी और छात्रों को स्कूलों की तरफ से भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने डेट शीट जारी करते हुए कहा,“ जिस तरह से ऐसी विकट महामारी के दौर में भी आपने अदम्य साहस और उत्साह का परिचय देते हुए अपनी शिक्षा जारी रखी उससे यह साबित होता है कि कोई भी विषम परिस्थिति आपका मनोबल नहीं तोड़ सकती है। आप सभी ने वास्तविक शिक्षा के लक्ष्य को चरितार्थ किया है और मुझे पूरा यकीन है कि अब आपको प्रगति के मार्ग से कोई रोक नहीं सकता। इसके अलावा मुझे पूरा विश्वास है कि कोविड-19 की ऐसी विकट और संकटमय घड़ी में जो निर्विघ्न और निर्बाध रूप से खुद को स्वस्थ रखकर अध्यनरत रह सकता है वह स्कूल की बोर्ड परीक्षा में भी अवश्य अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होगा।”

उन्होंने कहा, “ शिक्षा के साथ सुरक्षा’ के सिद्धांत का पालन करते हुए सीबीएसई हर छात्र की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों को अपनाएगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि बोर्ड परीक्षाएं, जेईई और नीट की परीक्षाओं जैसी समान दक्षता के साथ आयोजित की जाएंगी। सीबीएसई द्वारा परीक्षाओं के समय छात्रों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए साथ ही, छात्रों को पढाई की मूलभूत सुविधाओं के अन्तर के कारण उनकी पढाई प्रभावित न हो, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”

डॉ निशंक ने कहा, “ मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सीबीएसई, छात्रों के मूल्यांकन करने के लिए लिखित व प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करके छात्रों एवं स्कूल को सभी सहायता प्रदान करेगा। सीबीएसई ने यह भी निर्णय लिया है कि इस वर्ष, प्रायोगिक परीक्षाओं को कराने की अंतिम तिथि, संबंधित कक्षा की लिखित परीक्षाओं की अंतिम तिथि के सतुल्य होगी साथ ही यह भी तय किया गया है कि आगामी परीक्षाओं के लिए अधिक परीक्षा केंद्र बनाये जाएंगे ताकि छात्र परीक्षा केंद्रों तक आसानी से पहुंच सकें।”

उन्होंने कहा कि अभिभावकों, छात्र-छात्राओं एवं सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कि परीक्षाओं के लिए छात्रों के पास एक सुरक्षित, तनाव मुक्त और सुविधाजनक वातावरण तैयार हो सके एक साथ मिल कर काम करें। यदि कोई भी छात्र तनाव महसूस करता है तो वह ‘मनोदर्पण’ पोर्टल के साथ-साथ टोल फ्री नंबर 844-844-0632 का उपयोग कर सकता है।

शिक्षा मंत्री ने यह भी विश्वास दिलाया कि समय-समय पर, सीबीएसई, स्कूलों, छात्रों और अभिभावकों द्वारा परीक्षाओं के सफल आयोजन के लिए और छात्रों और हितधारकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा और इन दिशानिर्देशों का सभी संबंधितों द्वारा सख्ती से पालन किया जाएगा।

छात्रों को परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए डॉ निशंक ने कहा मैं आपको पुनः यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आप सभी नये-भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति परिवार के आधारभूत स्तंभ हैं और हमारा यह वृहद शिक्षा-परिवार हर प्रकार से ‘सबकी प्रगति’ और ‘सबका साथ-सबका विकास’ के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और तत्पर है।

“चैकब्रांड”कंपनी ने ममता बनर्जी को घोषित कर दिया पूरे देश के 20 लाख सुझावों पर साढ़े 9 करोड़ की आबादी वाले राज्य पश्चिम बंगाल की सोशल मीडिया की लोकप्रिय नेता attacknews.in

कोलकाता, 02 फरवरी । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्तूबर से दिसंबर 2020 के दौरान ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे प्लेटफाॅर्म पर सर्वाधिक ट्रेंड के साथ सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के नेताओं में सबसे लोकप्रिय नेता रहीं।

ऑनलाइन विश्लेषण कंपनी ‘चेकब्रांड’ ने गत वर्ष अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के शीर्ष 30 राजनेताओं के लिए ऑनलाइन विश्लेषण किया है।

चेकब्रांड द्वारा 20 लाख से अधिक ऑनलाइन सुझाव के विश्लेषण के बाद जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 की अंतिम तिमाही यानी अक्तूबर से दिसंबर के बीच ट्विटर, गूगल सर्च और यू-ट्यूब जैसे प्लेटफार्म पर सर्वाधिक 1750 ट्रेंड सुश्री बनर्जी से जुड़े रहे और 995 ट्रेंड के साथ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी दूसरे और 887 ट्रेंड के साथ भाजपा नेता दिलीप घोष तीसरे स्थान पर रहे।

रिपोर्ट के मुताबिक सुश्री बनर्जी को 70 का समेकित ब्रांड स्कोर मिला है, जो उनकी पार्टी के अन्य नौ नेताओं के लगभग बराबर है। श्री चौधरी को 53.31, रूपा गांगुली को 48.23 और सुवेंधु अधिकारी को 46.02 का समेकित ब्रांड स्कोर मिला है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अक्तूबर 2020 से दिसंबर 2020 के बीच सुश्री बनर्जी के नाम का सोशल मीडिया पर 16700 बार उल्लेख आया, जो अन्य 29 नेताओं की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा है।

संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (संप्रग) के किसी भी मंत्री का 700 से ज्यादा बार उल्लेख नहीं हुआ, जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सुवेंधु अधिकारी और दिलीप घोष का क्रमश: 5700 और 2000 जिक्र हुआ।

चेकब्रांड के प्रबंध संचालक अनुज सयाल ने कहा, “ हम विभिन्न ब्रांडों और राजनीतिक नेताओं की सोशल मीडिया रैंकिंग के लिए उनका विश्लेषण कर रहे हैं।
चेकब्रांड किसी को भी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल और रैंकिंग को सुधारने में मदद कर सकता है। हमारी विशेषज्ञ टीम एक अच्छी प्रोफाइल बनाने और विश्लेषण के माध्यम से समेकित ब्रांड स्कोर को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। ”

केन्द्र सरकार का कोविड-19 प्रबंधन में मदद के लिए उच्च स्तरीय दल महाराष्ट्र और केरल भेजने का फैसला: महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ने के साथ रोज बड़ी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं attacknews.in

नईदिल्ली 2 फरवरी ।केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रबंधन के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए केरल और महाराष्ट्र में अपनी दो उच्च-स्तरीय टीम भेजने का फैसला किया है।

ऐसे समय में जब लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं और इससे होने वाली मौत की घटनाओं में भी गिरावट का रुख है केरल और महाराष्ट्र में इस महामारी का प्रकोप अभी भी बना हुआ है और रोज बड़ी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। वर्तमान में देश में कोविड के लगभग 70 फीसदी मामले अकेले इन दोनों राज्यों से हैं।

महाराष्ट्र की केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और नई दिल्ली के डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल के विशेषज्ञ शामिल हैं। जबकि केरल की टीम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तिरुवनंतपुरम क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषों को शामिल किया गया है।

केन्द्र की यह टीमें संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेंगी, वहां के जमीनी हालात का जायजा लेंगी और इन राज्यों द्वारा बड़ी संख्या में दर्ज किए जा रहे कोविड-19 के मामलों पर रोक लगाने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों की सिफारिश करेंगी।

राजस्थान में 68 लाख रुपये की जबरन वसूली करने में दौसा के पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल गिरफ्तार: राजमार्ग बनाने वाली कंपनी से जबरदस्ती वसूली की थी और हरेक माह की वसूली तय कर दी थी attacknews.in

जयपुर, दो फरवरी । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को रिश्वत के मामले में आज गिरफ्तार कर लिया।

ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि हाईवे निर्माण कम्पनी के मालिक से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम से दलाल नीरज मीणा ने चार लाख रुपये मासिक और प्रति प्राथमिकी रफा दफा करने की एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। साथ ही चार लाख रुपये प्रति महीने के हिसाब से सात महीने के 28 लाख रुपये एवं एफआईआर रफा दफा करने की एवज में 38 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

महानिदेशक सोनी ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी मनीष अग्रवाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में अनुसंधान अधिकारी ने भ्रष्टचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।

ब्यूरो ने पिछले माह दौसा में एक पेट्रोल पंप मालिक नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था जिसने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम से राजमार्ग बनाने वाली निर्माण कंपनी से कथित रूप से जबरदस्ती वसूली की थी।

ब्यूरो ने मीणा के साथ साथ दो आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) के अधिकारियो को उसी कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

आईपीएस अधिकारी की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को अधिकारी को गिरफ्तार किया है। 2010 के आईपीएस अधिकारी वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल में कंमाडेंट के रूप में जयपुर में तैनात हैं।

यूजीसी नेट परीक्षा मई माह में 2, 3, 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 14 और 17 तारीख को दो पालियों में आयोजित होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 2 फरवरी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी मई महीने में जूनियर प्रोफेसर फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के लिए यूजीसी-नेट परीक्षा आयोजित करेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को ट्वीट कर यूजीसी नेट परीक्षा 2021 की तारीखों का एलान किया।

उन्होंने बताया, ‘‘राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी 2, 3, 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 14 और 17 मई को यूजीसी-नेट परीक्षा आयोजित करेगी।’’ परीक्षा का आयोजन दो पालियों में होगा। पहली पाली सुबह 9 बजे से 12 बजे और दूसरी पाली दोपहर बाद 3 बजे से 6 बजे तक आयोजित होगी।

यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) करेगी। परीक्षा की अवधि तीन घंटे की होगी ।

परीक्षा का आयोजन कम्प्यूटर आधारित परीक्षा विधि के माध्यम से होगा।

आनलाइन आवेदन फार्म 2 फरवरी 2021 से उपलब्ध होंगे और 2 मार्च 2021 तक आवेदन किये जा सकते हैं।

तीर्थराज प्रयाग में दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला में विभिन्न संस्कृति और भाषाओं के संगम के साथ कई परम्पराओं का भी एक साथ आदान प्रदान होता है attacknews.in

प्रयागराज, 01 फरवरी । तीर्थराज प्रयाग में दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला में विभिन्न संस्कृति और भाषाओं के संगम के साथ कई परम्पराओं का भी एक साथ आदान प्रदान होता है।

त्रिवेणी के विस्तीर्ण रेती पर अलग-अलग भाषा, संस्कृति, परंपरा और पहनावे को एक साथ देखा और महसूस किया जा सकता है। यहां किसी को आने का आमंत्रण व निमंत्रण नहीं दिया जाता बावजूद इसके सब नियत तिथि पर पहुंच कर एक माह का पौष पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धा की डुबकी के साथ ही संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन के लिए श्कल्पवास करते हैं।

भारत की राष्ट्रीयता का आधार वसुधैव कुटुंबकम का चिंतन रहा है। संगम तट पर विभिन्न संस्कृतियों, भाषा और परंपरा को मिलते देख “लघु भारत” के दर्शन का बोध होता है। प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता हैं।

मत्स्यपुराण में लिखा है कि साठ सहस्त्र वीर गंगा की और स्वयं भगवान भास्कर जमुना की रक्षा करते हैं। यहाँ जो वट है उसकी रक्षा स्वयं शूलपाणि करते हैं। पाँच कुंड हैं जिनमें से होकर जाह्नवी बहती है। माघ महीने में यहाँ सब तीर्थ आकर वास करते हैं। इससे यह महीने पुण्य का फलदायी बताया गया है।

माघ मेला में लोगों की सेवा कर रहे फतेहपुर के भूमा निकेतन आश्रम के करीब 70 वर्षीय बाबा शिव प्रसाद अवस्थी उर्फ पेड़ा बाबा ने बताया कि भारत ने सदैव समूचे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा है। भारत सभी के सुख और निरामयता की कामना करता रहा। यहां की यह पहचान मानव समूहों के संगम, उनके सम्मिलन और सहअस्तित्व की लंबी प्रक्रिया से निकल कर बनी है। हम सहिष्णुता से शक्ति पाते हैं बहुलता का स्वागत करते हैं और विविधता का गुणगान करते हैं। यह शताब्दियों से हमारे सामूहिक चित्त और मानस का अविभाज्य हिस्सा है। यही हमारी राष्ट्रीय पहचान है।

गृहस्थ संत चमक दूमक से दूर कड़ाके की ठंड में भी सदैव नंगे पैर रहने वाले बाबा अवस्थी ने बताया कि वह पिछले करीब 40 साल से हर साल माघ मेला आकर अस्थायी आश्रम में गृहस्थ, साधु और संतों समेत वहां पहुंचने वाले किसी भी सम्प्रदाय के लोगों की सेवा नि:स्वार्थ रूप से करते हैं। उन्हें वैराग्य करीब 30 वर्ष की आयु से हो गया । उसके बाद उन्होंने भौतिक सुखों का परित्याग कर दिया।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार “दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है उसी तरह अपने को तपाकर दूसरों के लिए जीना ही सच्चे मानवधर्म का कर्तव्य है। इसी को अपना लक्ष्य मानकर दूसरो की पीड़ा से विह्वल बाबा ने बताया कि दूसरों की सेवा कर उन्हें आत्मिक संतोष मिलता है।

बाबा अवस्थी ने बताया कि संगम तट पर तंबुओं की अस्थायी आध्यात्मिक नगरी में दान-दया और परोपकार सहयोग के आधार पर विकसित हुयी मानवता का संगम प्रत्यक्ष देखने को मिलता है। यहां तीर्थयात्री को पवित्रता, मांगलिकता और अमरत्व के भाव से स्नान करने का एक अवसर प्राप्त होता है। प्रयागराज ही वह एक पवित्र स्थली हैं जहां पतित पावनी गंगाए श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूपा में प्रवाहित सरस्वती का मिलन होता है। माघ मेला का आध्यात्मिक, बौद्धिक, पौराणिक और वैज्ञानिक आधार भी है। एक प्रकार से माघ स्नान ज्ञान का अनूठा संगम सामने लाता है।

बाबा अवस्थी ने बताया कि माघ मेला देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं को पल्लवित करने के साथ सामाजिक समरसता, एकता और सद्भाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। दूर दराज से संगम आने वाले श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की संस्कृति, भाषा, पहनावा भले ही भिन्न हो लेकिन उनकी मंशा एक ही होती है। वह भले ही एक दूसरे की भाषा नहीं समझते लेकिन उनकी भाव-भंगिमा एक दूसरे से मितव्यता पूर्वक जोड़ती है। किसी के मन में एक दूसरे के प्रति राग और द्वेष नहीं रहता। एक दूसरे की भाषा नहीं समझते हुए भी किसी भी चीज का प्रेम पूर्वक सुगमता से आदान प्रदान करते हैं।

गृहस्थ संत ने बताया कि बारह महीने में से एक महीना अपने स्थान का त्यागकर प्रयाग में आकर रहने से वैराग्य पैदा होता है। यहां पर दान,ध्यान और अन्य धार्मिक कार्यों के करने से एक प्रकार से पुर्नजन्म होता है। क्योंकि परिवार और भौतिक सुखों का प्ररित्याग कर संगम तट पर एक माह का कल्पवास एक कठिन साधाना है। प्रयाग संगम में राजा-रंक, स्वस्थ्य-अस्वस्थ्य, पंगु और कोढ़ी, हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई आदि सभी श्रद्धा से ओतप्रोत हो आस्था की डुबकी लगाते हैं।

उन्होंने बताया कि उनके आश्रम के शिविर मे विभिन्न सम्प्रदायों के 50 श्रद्धालु रहते हैं।

पकर संक्रांति के पहले स्नान पर्व 14 जनवरी को उनके आश्रम में बांदा जिले के परसौदा गांव निवासी बसीर नामक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाया और गाांव वापस लौट गया। यहां किसी को कोई असहजता महसूस नहीं होती। डुबकी लगाते समय श्रद्धालु एक दूसरे को न/न जानते हुए भी सहायक बनते हैं। बाबा अवस्थी ने बताया कि माघ मेले का रंग ही ऐसा आध्यात्मिकता से ओतप्रोत होता है जिसमें लोग रच और बस जाना चाहते हैं। यह मेला श्रद्धालुओं को एक निश्चित तिथि पर अपनी तरफ बिना आमंत्रण और निमंत्रण के अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यहां आने वाले लोगों को पूरे भारत की विविधता एक स्थान पर सिमटी मिल जाती है और जो लोग आध्यात्मिक पर्यटन पर आते हैं उनके लिए इससे भव्य कोई आयोजन दूसरा नहीं हो सकता।

पुराणों के अनुसार माघ माह में समस्त तीर्थ प्रयाग में एकत्र होते हैं इसीलिए इसे प्रयागराज कहते हैं। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराचरितमानस में प्रयागराज की महत्ता का वर्णन बहुत रोचक तरीके से इस प्रकार किया है-

“माघ मकर गति रवि जब होई, तीरथपतिहिं आव सब कोई। देव दनुज किन्नर नर श्रेनी सादर मज्जंहि सकल त्रिवेनी।”

इसी भावना के अनुरूप तीर्थराज प्रयाग का माघ मेला, देश और दुनिया के विभिन्न संस्कृति और भाषाओं वाले करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम बनता है। यह मेला शांति सामंजस्य और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।

प्रयाग में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ शुरू होने वाले एक मास के कल्पवास से एक कल्प ब्रह्मा का एक दिन का पुण्य मिलता है। आदिकाल से चली आ रही इस परंपरा के महत्व की चर्चा वेदों से लेकर महाभारत और रामचरितमानस में अलग-अलग नामों से मिलती है। आज भी कल्पवास नई और पुरानी पीढ़ी के लिए आध्यात्म की राह का एक पड़ाव हैए जिसके जरिए स्वनियंत्रण और आत्मशुद्धि का प्रयास किया जाता है। बदलते समय के अनुरूप कल्पवास करने वालों के तौर.तरीके में कुछ बदलाव जरूर आए हैं लेकिन कल्पवास करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार सनातन धर्म को अनादि कहा जाता है उसी प्रकार प्रयाग की महिमा का कोई आदि और अंत नहीं है। ब्रह्मपुराण के अनुसार तीर्थराज प्रयाग सभी तीर्थों में श्रेष्ठ और इसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रदाता कहा गया है। पद्मपुराण में कहा गया है कि यह यज्ञ भूमि है। देवताओं द्वारा सम्मानित इस भूमि में थोड़ा भी किया गया दान का फल अनंत काल तक रहता है।

निर्मला सीतारमण ने पत्रकार वार्ता में कहा:“कृषि कानूनों के लिए जिस भी बिंदु और उपबंध पर किसानों को संदेह है, उस पर बात करने के लिए सरकार राजी है’’ attacknews.in

नयी दिल्ली, 01 फरवरी । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कृषि सुधार कानूनों को लेकर जारी गतिरोध का एक मात्र हल ‘चर्चा’ है और सरकार तीनों कानूनों के प्रत्येक उपबंध पर किसानों के साथ विमर्श करने को तैयार है।

श्रीमती सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “कृषि कानूनों के लिए जिस भी बिंदु और उपबंध पर किसानों को संदेह है, उस पर बात करने के लिए सरकार राजी है।’’

बजट में स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढ़ांचे पर बल

निर्मला सीतारमण ने इंगित किया कि, सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 2021-22 के आम बजट में स्वास्थ्य और बुनियादी ढ़ांचे तथा विभिन्न सुधारों पर खास जोर दिया है । बजट में जहां उद्योग जगत को प्रोत्साहन मिला वहीं नौकरीपेशा को आयकर में कोई राहत नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में अगले वित्त वर्ष के लिए 34,83,236 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30,42,230 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था जो संशोधित अनुमान में बढकर 34,50,305 करोड़ रुपये पहुंच गया।

देश के इतिहास में पहली बार पेश डिजीटल बजट में पेट्रोल पर ढाई रुपये और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर का नया अधिभार लगाने का प्रस्ताव कर कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों को आगे बढाने की रूपरेखा रखी गयी है। कृषि क्षेत्र से इतर आमदनी वाले किसानों को भी कर के दायरे में लाया गया है। बजट में बेरोजगारी की विकराल समस्या से निपटने के लिए कोई बड़ी या विशेष योजना शुरू करने तथा महंगायी पर लगाम लगाने के उपायों का भी विशेष ऐलान नहीं किया गया है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढाकर 74 प्रतिशत कर बड़ा आर्थिक सुधार किया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का अनुमान साढे तीन प्रतिशत से बढाकर साढे नौ प्रतिशत किया गया है जबकि अगले वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसे वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम पर लाने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए इस बजट में मुख्य रूप से छह स्तम्भों पर बहुत अधिक जोर दिया गया है जिनमें स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण, वास्‍तविक और वित्‍तीय पूंजी, बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार,नवोन्‍मेष और अनुसंधान एवं विकास तथा न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि असाधारण परिस्थिति में पेश इस बजट के दिल में गांव और किसान है । उन्होंने कहा कि बजट में यर्थाथ का एहसास और विकास का विश्वास भी है। इसमें विकास के लिए नये अवसरों को व्यापक बनाने, युवाओं के लिए नयी संभावनाओं के द्वार खोलने, मानव संसाधन को नई ऊंचाई देने, नये क्षेत्रों में ढांचागत विकास करने, तकनीक को अपनाने और नये सुधारों को लाने का प्रयास किया गया है।

श्रीमती सीतारमण ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बजट बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाला और रोजगार के अवसर बढाने वाला है। इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी।

वहीं विपक्ष ने बजट में गरीब और आम आदमी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने देश की संपत्ति को अपने पूंजीपति मित्रों में बांटने की पूरी व्यवस्था की है। उद्योग जगत ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे एक असाधारण, स्पष्ट और समग्र सोच वाला दस्तावेज बताया है। श्रमिक संगठनों ने केंद्रीय बजट को ‘कार्पोरेट लूट’ करार देते हुए कहा है कि सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों में विनिवेश पर फिर से विचार करना चाहिए।

छह फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे किसान; दिल्ली के तीन प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं दो फरवरी की रात तक निलंबित रहेंगी attacknews.in

नईदिल्ली/सोनीपत, 01 फरवरी ।ट्रैक्टर परेड के बाद किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने, कानून रद्द नहीं करने और बजट में अनदेखी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने छह फरवरी को देशभर में चक्का जाम का ऐलान कर दिया है।

ऐलान के मुताबिक चक्का जाम दोपहर को 12 बजे से तीन बजे के बीच रखा जाएगा। इसमें देशभर में किसान राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों को जाम करेंगे। इंटरनेट सेवा के बाद किसान नेताओं के ट्विटर एकाउंट निलंबित करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

मलिक खाप ने किया किसान आंदोलन का समर्थन

सोनीपत,के कासंडा गांव में सोमवार को मलिक खाप की हुई बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों ने करीब दो माह से चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलवार को सैंकड़ों ट्रैक्टर पर सवार होकर किसान, आंदोलन का समर्थन करने के लिए सोनीपत रोड लाठ-जौली चौक से प्रदर्शनस्थल के लिए रवाना होंगे।

बैठक की अध्यक्षता मलिक गोत्र की गठवाला खाप के प्रमुख दादा बलजीत सिंह मलिक ने की।

उन्होंने कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर पिछले लगभग दो माह से आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान रही है।

उन्होंने कहा कि मलिक खाप ने भी किसानों के इस आंदोलन को समर्थन करने का निर्णय लिया है और मंगलवार को सोनीपत रोड लाठ-जौली चौक से सैंकड़ों ट्रैक्टर आंदोलन के समर्थन में रवाना होंगे।

दादा बलजीत सिंह मलिक ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की मांगों को माने अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सीमा पर आंदोलन शुरू होने के बाद किसानों पर दर्ज मुकद्दमे भी वापस लेने की मांग की।

दिल्ली के तीन प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं दो फरवरी की रात तक निलंबित रहेंगी: गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार रात तक के लिए बढ़ा दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

इन तीन बॉर्डर पर किसान केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नंवबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। यह व्यवस्था 31 जनवरी को रात 11 बजे से आरंभ हुई और दो फरवरी को रात 11 बजे तक जारी रहेगी।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन (जन आपातकाल या जन सुरक्षा) नियम 2017 के तहत यह फैसला ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने तथा जन आपातकाल से बचने’’ की खातिर लिया गया है।

पहले, इन तीन सीमाओं तथा आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को 29 जनवरी रात 11 बजे से लेकर 31 जनवरी रात 11 बजे तक के लिए निलंबित किया गया था।

इससे पहले, किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के कुछ इलाकों में 26 जनवरी को इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया था।

नरेन्द्र मोदी ने आम बजट को ‘ऑल राउंड’’ विकास की बात करने वाला बताकर कहा:”इसके दिल में गांव, किसान हैं” attacknews.in

नयी दिल्ली, एक फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया आम बजट हर क्षेत्र में ‘‘ऑल राउंड’’ विकास की बात करता है और इसके दिल में गांव और किसान हैं।

बजट पेश किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें यथार्थ का एहसास भी और विकास का विश्वास भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत जोर दिया गया है। किसानों को आसानी से और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को और मजबूत करने के लिए प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं, हमारे किसान हैं।’’

बजट को नए दशक की शुरुआत की नींव रखे जाने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रोजगार के अवसर को बढ़ाने वाला और देश को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर ले जाने वाला बजट है।

उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई को गति देने के लिए, रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए, एमएसएमई का बजट पिछले साल की तुलना में दोगुना से ज्यायदा किया गया है। यह बजट आत्मनिर्भरता के उस रास्ते को लेकर चला है जिसमें देश के हर नागरिक की प्रगति शामिल है।’’

देशवासियों को ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के इस ‘‘महत्वपूर्ण’’ बजट की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से ‘‘वेल्थ और वैलनेस’’ दोनों तेज गति से बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में अवसंरचना विकास पर विशेष जोर दिया गया है। इसी तरह यह बजट जिस तरह से स्वास्थ्य पर केंद्रित है, वह भी अभूतपूर्व है। यह बजट देश के हर क्षेत्र में ‘ऑल राउंड डेवलपमेंट (चौतरफा विकास)’ की बात करता है।’’

आम बजट 2021-22 पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य

नमस्कार,

वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है। इसमें यथार्थ का ऐहसास भी और विकास का विश्वास भी है। कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया, उसने पूरी मानव जाति को हिलाकर रख दिया है। इन परिस्थितियों के बीच, आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। और साथ ही दुनिया में एक नया आत्मविश्वास भरने वाला है।

आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विजन भी है और हर नागरिक, हर वर्ग का समावेश भी है। हम इस बजट में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं, वो हैं- ग्रोथ के लिए नए अवसरों, नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करना। मानव संसाधन को एक नया आयाम देना। इनफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए नए क्षेत्रों को विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना।

साथियों,

नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन में ‘ease of living’ को बढ़ाने पर इस बजट में जोर दिया गया है। ये बजट individuals, investors, industry और साथ ही Infrastructure sector में बहुत सकारात्मक बदलाव लाएगा। मैं इसके लिए देश की वित्‍तमंत्री निर्मला जी को और उनके साथी मंत्री, अनुराग जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ऐसे बजट देखने को कम ही मिलते हैं जिसमें शुरू के एक दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पॉन्सेस आएं। कोरोना के चलते कई एक्सपर्ट ये मानकर चल रहे थे सरकार आम नागरिकों पर बोझ बढ़ाएगी। लेकिन फिस्कल सस्टे-नेबिलिटी के प्रति अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट साइज बढ़ाने पर जोर दिया। हमारी सरकार ने निरंतर प्रयास किया है कि बजट ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। मुझे खुशी है कि आज अनेक विद्वानों ने इस बजट की ट्रांसपेरेंसी की सराहना की है।

साथियों,

भारत, कोरोना की लड़ाई में रीएक्टिव होने के स्थान पर हमेशा ही प्रो-एक्टिव रहा है। चाहे वों कोरोना काल में किए गए रीफॉर्म्स हों या फिर आत्मनिर्भर भारत का संकल्प हों। इसी प्रोएक्टिवनेस को बढ़ाते हुए आज के बजट में भी रीएक्टिविटी का नामोनिशान नहीं है। साथ ही, हम एक्टिव पर भी अटके नहीं है और हमने इस बजट में भी प्रो-एक्टिव बजट देकर देश के सामने प्रो-एक्टिव होने का संदेश दिया है। ये बजट उन सेक्टर्स पर विशेष रूप से केन्द्रित है जिनसे वेल्थ और वेलनेस, दोनों ही तेज गति से बढ़ेंगे – जान भी, जहान भी। इसमें MSMEs और infrastructure पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है। इसी तरह, ये बजट जिस तरह से healthcare पर केन्द्रित है, वो भी अभूतपूर्व है। ये बजट देश के हर क्षेत्र में विकास, यानी all round development की बात करता है। खास तौर पर, मुझे खुशी है कि इस बजट में दक्षिण के हमारे राज्यों, पूर्वोत्तर के हमारे राज्यों और उत्‍तर में लेह लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास पर विशेष ध्यान दिया है। ये बजट भारत के कोस्टल स्टेट्स जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल को एक बिजनेस पावर हाउस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नॉर्थ ईस्ट के राज्य, जैसे असम के Unexplored potential को टैप करने में ये बजट बहुत बड़ी मदद करेगा। इस बजट में जिस तरह से रिसर्च एंड इनोवेशन ecosystem पर बल दिया गया है, जो प्रावधान किए गए हैं, उनसे हमारे युवाओं को ताकत मिलेगी, भारत उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए बहुत ठोस कदम रखेगा।

साथियों,

देश के सामान्य मानवी का, महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण, शुद्ध जल और अवसरों की समानता पर इस बजट में विशेष बल दिया गया है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ-साथ कई व्यवस्था-गत सुधार किए गए हैं जिसका बहुत बड़ा फायदा देश में ग्रोथ और जॉब क्रिएशन, रोजगार के लिए बहुत लाभ होगा। देश में एग्रीकल्चर सेक्टर को मजबूती देने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए, इस पर बजट में बहुत जोर दिया गया है, कई प्रावधान किए गए हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर में किसानों को और आसानी से, और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को यानि APMC को और मजबूत करने के लिए, सशक्त करने के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद का प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय, ये दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव है, हमारे किसान हैं। MSME सेक्टर को गति देने के लिए, रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए, इस बार MSME सेक्टर का बजट भी पिछले साल की तुलना में, दोगुने से ज्यादा कर दिया गया है।

साथियों,

ये बजट आत्मनिर्भरता के उस रास्ते को लेकर आगे बढ़ा है, जिसमें देश के हर नागरिक की प्रगति शामिल है। ये बजट, इस दशक की शुरुआत की एक मजबूत नींव रखने वाला है। सभी देशवासियों को, आत्मनिर्भर भारत के इस महत्‍वपूर्ण बजट के लिए मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। फ‍िर से एक बार वित्‍त मंत्री जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत अभिनन्‍दन करता हूं, धन्‍यवाद करता हूं।

केंद्रीय बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1.10 लाख करोड़ ₹ की घोषणा;भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की attacknews.in

नयी दिल्ली, एक फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है। इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारों (ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी) जून, 2022 तक चालू हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भी कुछ पहल प्रस्तावित हैं। ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा। साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं – खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी।

सीतारमण ने कहा कि पहले चरण के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी।

उन्होंने यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा।

संसद के इतिहास में पहली बार वित्त मंत्री ने आम बजट टैबलेट से पढ़ा, कुछ सदस्यों ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी की और काला चोगा पहनकर पहुंचे पंजाब के कांग्रेस सांसद attacknews.in

नयी दिल्ली, एक फरवरी । कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीक से हटते हुए सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा।

लोकसभा में सत्तापक्ष की सीट की दूसरी कतार में खड़ी वित्त मंत्री सीतारमण जब बजट पेश कर रही थीं तब शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, सुखवीर सिंह बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराया।

हरसिमरत, सुखवीर, बेनीवाल अपने हाथों में तख्ती लिये हुए थे जिसमें केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग वाले नारे लिखे थे।

हरसिरमत कौर बादल, सुखवीर बादल और हनुमान बेनीवाल से सदन से वाकआउट भी किया ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 घंटा 50 मिनट में पढ़े गए बजट भाषण के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने 90 से अधिक बाद मेज थपथपाकर विभिन्न प्रस्तावों का स्वागत किया । कई घोषणाओं का प्रधानमंत्री मोदी ने भी मेज थपथपा कर स्वागत किया।

बजट पेश करते समय जब वित्त मंत्री ने कृषि एवं किसानों से जुड़े प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया तब कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘जय किसान’ और ‘कानून वापस लो’ के नारे लगाए ।

सीतारणम ने जब बजट प्रस्ताव में जब तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से जुड़ी परियोजनाओं का उल्लेख किया तब तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों को कुछ कहते देखा गया ।

बजट पेश किये जाने के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय मंत्री मौजूद थे । कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा सपा नेता मुलायम सिंह यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू, एआईएमआईएम नेता असादुद्दीन ओवैसी, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, बीजद नेता पिनाकी मिश्रा, नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला आदि सदन में मौजूद थे ।

सीतारमण अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश करते हुए 2021-22 में पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है।

चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट 4.39 लाख करोड़ रुपये है।

इस बार का बजट कागज पर प्रिंट नहीं हुआ है। बजट दस्तावेज सभी सांसदों समेत आम जनता के लिये डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जाने वाला है।

सीतारमण आज सदन में बंगाल की लाल पार की साड़ी पहन कर आयी थीं जो विशेष अवसरों पर पहनी जाती है।

बजट भाषण पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं बीजद नेता पिनाकी मिश्रा सहित कई नेताओं एवं सदस्यों ने वित्त मंत्री के पास जाकर उन्हें बधाई दी

बजट भाषण के दौरान कृषि कानूनों के विरोध में काला चोगा पहनकर पहुंचे पंजाब के कांग्रेस सांसद

कांग्रेस के पंजाब के तीन सांसद केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए काले चोगा पहनकर बजट भाषण के दौरान लोकसभा पहुंचे।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य बलबीर सिंह गिल, रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने जो चोगे पहन रखे थे उन पर ‘किसान की मौत का काला कानून वापस लो’ और ‘मैं किसान हूं, मैं खेत मजदूर हूं, मुझसे धोखा मत करो’ लिखा हुआ था।

सदन में पहुंचने से पहले इन सांसदों ने लोकसभा परिसर में भी नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। ये सांसद इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

काला चोगा पहनकर संसद पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर बलबीर सिंह गिल ने कहा, ‘‘किसान महीनों से विरोध जता रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। हमने इन कानूनों का विरोध करने और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया।’’

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह तीनों कानूनों को वापस ले।

केंद्रीय बजट: स्वास्थ्य पर खर्च दोगुना से अधिक 2.2 लाख ₹ रुपये किया, संसाधन जुटाने को आयातित उत्पादों पर नया कृषि उपकर,पेट्रोल पर 2.5 ₹ और डीजल पर 4 ₹ प्रति लीटर का उपकर,बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव attacknews.in

नयी दिल्ली, एक फरवरी । कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को दोगुना से अधिक कर दिया है। अगले वित्त वर्ष में सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा कुछ आयातित उत्पादों पर एक नया कृषि उपकर भी लगाया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों की घोषणा की।

बजट में कपास से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक विभिन्न उत्पादों पर आयात शुल्क भी बढ़ाने की घोषणा की।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने सेवानिवृत्ति कोष (भविष्य निधि कोष) पर कर-मुक्त ब्याज की सीमा को वार्षिक 2.5 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है। हालांकि, अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर कर छूट देने की घोषणा की है, बशर्ते व्यक्ति ने निर्धारित प्रकार के यात्रा खर्च किए हों।

सर्राफा, शराब, कोयला और सेब से लेकर दाल तक कृषि उत्पादों पर मंगलवार यानी कल से सीमा शुल्क पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर लगाया जाएगा।

हालांकि, उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने के लिए इन उत्पादों पर सीमा शुल्क या आयात शुल्क घटाया गया है।

वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाने की भी घोषणा की है। लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया है।

इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा। इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा।

सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से राहत भी दी है। 75 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिनकी आमदनी का स्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज आय है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।

सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है।

इसके अलावा प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ से होने वाली आय पर कराधान में अंतर के संदर्भ में राहत देते हुए सामंजस्य वाले नए नियमों को अधिसूचित करने की घोषणा की है।

साथ ही बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।

सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा/भुगतान के बाद ही बनेगी।

इसके साथ ही स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है।

बजट में आयकर के पुन: आकलन के लिये समयसीमा को घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अब तक छह साल पुराने मामलों को दोबारा खोला जा सकता था। पर यदि किसी साल में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की अघोषित आय के सबूत मिलते हैं, तो उस मामले में 10 साल तक तक भी पुन: आकलन किया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट संबोधन में कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत के बराबर रह सकता है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 9.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है।

बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान के वित्तपोषण तथा देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया। सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को काफी बढ़ाया गया है।’’

बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कलपुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायर व केबल, सोलर इन्वर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।

नेफ्था, लौह व इस्पात कबाड़, विमानों के कलपुर्जे तथा सोने-चांदी पर सीमा शुल्क कम किया गया है।

वित्त मंत्री ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बोझ से दबे तथा देश की आर्थिक वृद्धि को नीचे खींच रहे सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिये 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये।

बजट में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री और निजीकरण के जरिये अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

म्यामां ( बर्मा) की सेना ने आंग सान सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की सरकार का तख्ता पलटा,सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया attacknews.in

नेपीता, एक फरवरी (एपी) म्यामां में सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।

सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने सोमवार सुबह इसकी घोषणा की।

खबरों में कहा गया कि स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची को नजरबंजद कर लिया गया है और राजधानी में संचार के सभी माध्यम काट दिये गये हैं।

नेपीता में फोन एवं इंटरनेट सेवा बंद है और सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने इन खबरों पर चिंता व्यक्त की है और म्यामां की सेना से कानून के शासन का सम्मान करने का अनुरोध किया है।

अमेरिका में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा कि वह और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन म्यामां के घटनाक्रमों से अवगत हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को नजरअंदाज कर सेना के तख्तापलट की खबर से अमेरिका चिंतित है। यहां तक कि स्टेट काउंसर आंग सान सू ची एवं अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या लोकतांत्रिक तरीके से म्यामां में सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है। अगर इन कदमों को पलटा नहीं गया तो अमेरिका इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।’’

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पेने ने सू ची एवं हिरासत में बंद अन्य लोगों की रिहाई का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम नवंबर 2020 में हुए आम चुनाव के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से देश की संसद नेशनल असेंबली के सत्र की शुरुआत का समर्थन करते हैं।’’

म्यामां के सांसद राजधानी नेपीता में संसद के पहले सत्र के लिए सोमवार को एकत्रित होने वाले थे। हालांकि सेना के हालिया बयानों से सैन्य तख्तापलट की आशंका दिख रही थी।

ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘म्यामां नाउ’ ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि सू ची और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पोर्टल पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है। ‘म्यामां विजुअल टेलीविजन’ और ‘म्यामां वॉइस रेडियो’ ने सुबह करीब साढ़े छह बजे फेसबुक पर पोस्ट किया कि उनके कार्यक्रम नियमित प्रसारण के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

सू ची की पार्टी ने संसद के निचले और ऊपरी सदन की कुल 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी जो बहुमत के आंकड़े 322 से कहीं अधिक था, लेकिन वर्ष 2008 में सेना द्वारा तैयार किए गए संविधान के तहत कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीटें सेना को दी गयी हैं जो संवैधानिक बदलावों को रोकने के लिए काफी है। कई अहम मंत्री पदों को भी सैन्य नियुक्तियों के लिए सुरक्षित रखा गया है।

सू ची (75) देश की सबसे अधिक प्रभावशाली नेता हैं और सैन्य शासन के खिलाफ दशकों तक चले अहिंसक संघर्ष के बाद वह देश की नेता बनीं।

सेना ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया, हालांकि वह इसके सबूत देने में नाकाम रही। देश के स्टेट यूनियन इलेक्शन कमीशन ने पिछले सप्ताह सेना के आरोपों को खारिज कर दिया था।

इन आरोपों से पिछले सप्ताह उस वक्त राजनीतिक तनाव पैदा हो गया, जब सेना के एक प्रवक्ता ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में सैन्य तख्तापलट की आशंका से इनकार नहीं किया। मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा था कि सेना ‘‘संविधान के मुताबिक कानून का पालन करेगी।’’

कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने भी बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कानूनों को सही तरीके से लागू नहीं किया गया तो संविधान को रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही देश के कई बड़े शहरों की सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों की तैनाती से सैन्य तख्तापलट की आशंका बढ़ गयी।

हालांकि सेना ने शनिवार को तख्तापलट की धमकी देने की बात से इनकार किया और अज्ञात संगठनों एवं मीडिया पर उसके बारे में भ्रामक बातें फैलाने तथा जनरल की बातों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया।

सेना ने रविवार को भी अपनी बात दोहराते हुए तख्तापलट की आशंका को खारिज किया और इस बार उसने विदेशी दूतावासों पर सेना के बारे में भ्रामक बातें फैलाने का आरोप लगाया।

सू ची की पार्टी ने म्यामां में लोगों से तख्तापलट का विरोध करने का आह्वान किया

म्यामां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के सियासी दल ने म्यामां के लोगों से सोमवार के ‘‘तख्तापलट’’ और ‘‘सैन्य तानाशाही’’ कायम करने के प्रयासों का विरोध करने का आह्वान किया।

नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने पार्टी प्रमुख सू ची के फेसबुक पेज पर एक बयान जारी कर कहा है कि सेना के कदम अन्यायपूर्ण हैं और मतदाताओं की इच्छा एवं संविधान के विपरीत हैं।

हालांकि यह पुष्टि करना अभी संभव नहीं है कि फेसबुक पेज पर यह संदेश किसने डाला है क्योंकि पार्टी के सदस्य फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं।

म्यामां में सेना के टेलीविजन चैनल पर सोमवार को कहा गया कि सेना एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले रही है। कई अन्य खबरों में कहा गया है कि सू ची समेत देश के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

म्यामां में नेताओं को कैद से रिहा करे सेना, अन्यथा होगी कार्रवाई : अमेरिका

वाशिंगटन,से खबर है कि म्यामां में सेना के तख्तापलट करने और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के कदम से चिंतित अमेरिका ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर बनाये हुए है। साथ ही अमेरिका ने धमकी दी कि अगर देश में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए सही कदम नहीं उठाये गये तो वह कार्रवाई करेगा।

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार सेना के स्वामित्व वाले टेलीविजन चैनल ‘मायवाडी टीवी’ पर सोमवार सुबह यह घोषणा की गयी कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।

मीडिया में आयी खबरों में सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि सोमवार सुबह म्यामां की नेता सू ची और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।

व्हाइट की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘‘बर्मा की सेना ने देश में कायम हुए लोकतंत्र को कमतर करने के कदम उठाए हैं। इन खबरों से अमेरिका चिंतित है। यहां तक कि स्टेट काउंसर आंग सान सू ची एवं अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।’’

साकी ने कहा, ‘‘अमेरिका म्यामां के लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों के प्रति अपना मजबूत समर्थन जताता है और क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ तालमेल से सेना और अन्य सभी पक्षों से लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून के शासन को मानने तथा आज हिरासत में लिये गये लोगों को रिहा करने का अनुरोध करता है।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति जो बाइडन को स्थिति से अवगत कराया है।

साकी ने कहा कि अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन कदमों को वापस नहीं लिया गया तो अमेरिका इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

साकी ने कहा, ‘‘हमलोग स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और म्यामां के लोगों के साथ हैं जिन्होंने लोकतंत्र एवं शांति के लिए पहले ही काफी कुछ झेला है।’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी सू ची तथा अन्य नेताओं को सेना द्वारा हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की तथा सत्ता सेना के हाथों में जाने पर चिंता जताई।

गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘म्यामां में नई संसद का सत्र आरंभ होने से पहले स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, राष्ट्रपति यू विन मिंट तथा अन्य राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने के कदम की महासचिव कड़ी निंदा करते हैं।’’

उन्होंने इसे म्यामां में लोकतांत्रिक सुधारों के लिए एक बड़ा झटका बताया।

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने कहा कि म्यामां की सेना द्वारा स्टेट काउंसलर सू ची एवं अन्य अधिकारियों समेत सरकार के नेताओं को हिरासत में लिये जाने की घटना से अमेरिका बेहद चिंतित है।

ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने म्यामां की सेना से सभी सरकारी अधिकारियों और नेताओं को रिहा करने का आह्वान किया है और आठ नवंबर को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हुए चुनावों में म्यामां की जनता के फैसले का सम्मान करने को कहा है। अमेरिका लोकतंत्र, स्वतंत्रता, शांति एवं विकास के आकांक्षी म्यामां के लोगों के साथ है। सेना को निश्चित रूप से इन कदमों को तुरंत पलटना चाहिए।’’

भारत ने म्यामां में तख्तापलट पर चिंता व्यक्त की, हालात पर निकटता से रख रहा है नजर

नयी दिल्ली,से खबर है कि , भारत ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट और शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने को लेकर सोमवार को ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त करते हुए कहा कि उसने उस देश में सत्ता के लोकतांत्रिक तरीके से हस्तांतरण का हमेशा समर्थन किया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत म्यामां में हालात पर निकटता से नजर रख रहा है।

मंत्रालय ने म्यामां के घटनाक्रमों पर ‘‘गहरी चिंता’’ जताते हुए कहा ‘‘भारत म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया का हमेशा समर्थक रहा है।’’

उसने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। हम हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि म्यामां में सेना ने सोमवार को तख्तापलट किया और देश की शीर्ष नेता आंग सान सू ची को हिरासत में ले लिया।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, म्यामां सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने सोमवार सुबह घोषणा की कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।

मीडिया में आयी खबरों में सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि सोमवार सुबह म्यामां की नेता सू ची और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।