राहुल गांधी ने चीनी तथा किसानों को लेकर भारत की सत्ता को अक्षम नेतृत्व वाली बताया,जवाब में भाजपा ने कहा:किसानों के कंधे पर बंदूक़ रखकर राहुल अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं attacknews.in

नयी दिल्ली 03 फ़रवरी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को यहाँ संवाददाता सम्मेलन में कहा,“श्री राहुल गांधी ने धमकाया है कि कोई पीछे नहीं हटेगा, बातचीत में हम विश्वास नहीं रखते हैं।” उन्होंने श्री राहुल से सवाल करते हुए कहा कि , “राहुल जी यह तो किसानों का आंदोलन हैं और किसानों ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नहीं है, फिर आप उनके पैरोकार क्यों बन रहे हैं?”

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, “श्री राहुल चाहते हैं कि सड़कों पर लड़ाई हो, गोली चले, लाशें बिछ जाएं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हुड़दंगियों को रिहा करने की बात कर रहे हैं, क्या उपद्रवी राहुल गांधी के अपने हैं?” उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने किसानों के मुद्दे के बहाने लोगों को भड़काने का काम किया है ।

उन्होंने कहा कि बारबाडोस की रहने वाली पॉप गायिका रिहाना और श्री गांधी को कृषि के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है, उन्हें रबी की फसल के बारे में भी नहीं मालूम है और वह कृषि कानून पर बात कर रहे हैं।

श्री पात्रा ने सवाल उठाया कि जब कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ा गया तो ये लोग कहां थे? उस समय इनमें से किसी ने भी ट्वीट किया?

उल्लेखनीय है कि बुधवार को श्री गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि किसानों को दबाना, धमकाना, मारना सरकार का काम नहीं है। किसान अपनी माँग से पीछे हटने वाले नहीं हैं इसलिए फ़ायदा इसी में है कि सरकार पीछे हटकर इन कानूनों को वापस ले।

किसानों के खिलाफ ‘किलेबंदी’ ठीक नहीं: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि किसान देश की शक्ति है और उनके आंदोलन को किलेबंदी करके दबाना खतरनाक है इसलिए सरकार को समस्या का समाधान निकालने के लिए किसानों से बातचीत करनी चाहिए।

श्री गांधी ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और उनकी मांग पर सकारात्मक विचार कर कृषि संबंधी तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी तथा किसानों को लेकर देश में कोई रणनीति नहीं है जिससे साबित होता है कि हमारे यहां नेतृत्व का अभाव हो गया है और देश को संभालने की दृष्टि नेतृत्व में नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति को संभाल नहीं पा रही है। गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि कोई भी तत्व लालकिला पर नहीं जा पाता लेकिन सरकार असफल साबित हुई है इसलिए उपद्रवी तत्वों ने लालकिला पर जाकर उपद्रव किया है। इस माले में सरकार को जांच पड़ताल करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट में सरकार ने देश की जनता की अनदेखी की है। देश के 99 प्रतिशत लोगों को समर्थन देने की बजाए सिर्फ एक प्रतिशत लोगों की मदद के लिए बजट 2021-22 को तैयार किया गया है। सरकार ने किसानों, छोटे उद्यमियों, सेना तथा अन्य प्रमुख क्षेत्र के लोगों का पैसा सिर्फ चार पांच वर्गाें को फायदा देने और उनको पैसा देने के लिए बजट में व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा संकट यह है कि चीन हमारी सीमा में घुसा है लेकिन बजट में चीन को संदेश दिया जाता है कि आप अंदर आ सकते हो और जो भी करना है करो लेकिन हम अपनी सेना को समर्थन नहीं देेंगे। बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए महज तीन, चार हजार करोड़ रुपए बढाए गये हैं। इससे देश को फायदा नहीं होने वाला है। सरकार की सेना के लिए प्रतिबद्धता होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सेना की जो भी जरूरत है उसे दिया जाना चाहिए। लद्दाख में हमारी सेना खड़ी है लेकिन उनको पैसा नहीं दिया जा रहा है। सरकार को सेना की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा देना चाहिए लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

पॉपसिंगर रिहाना, ग्रेटा और पोर्न स्टार मियां की एन्ट्री से विश्वभर में चर्चा का केंद्र बना राकेश टिकैत का किसान आंदोलन जब इन नई किसान नेताओं ने आंदोलनकारियों के प्रति समर्थन जताया attacknews.in

नयी दिल्ली 03 फरवरी । मशहूर पॉपसिंगर रिहाना और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 26 नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया है।

किसानों के आंदोलन वाले बहुत से स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दिये जाने जैसे सरकार की कार्रवाई पर प्रकाश डालते एक समाचार आलेख की साझेदारी करते हुए रिहाना ने ट्वीट किया , “ हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं।” उन्हाेंने अपने ट्वीट में किसान आंदोलन को हैशटैग भी किया।

रिहाना की इस टिप्पणी के बाद थनबर्ग भी किसान आंदोलन को समर्थन में सामने आ गयी । थनबर्ग ने अपने ट्वीट में कहा, “ हम भारत में किसान आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।”

इस बीच किसान आंदोलन को लेकर रिहाना की टिप्पणी के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इसके लिए उनकी यह कहते हुए आलोचना की कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं है। कंगना ने ट्वीट कर कहा, “ कोई भी इसलिए बात नहीं कर रहा है क्योंकि ये किसान नहीं, आतंकवादी हैं। जो भारत को बांटना चाहते हैं ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर ले और यूएसए जैसी चाइनीज कॉलोनी बना दे। शांति से बैठो बेवकूफ। हम तुम्हारे जैसे मूर्ख नहीं है जो अपने देश को बेच दें।”

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर किसान आंदोलन वाले इलाकों में शनिवार को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी और बाद में निलंबन अवधि मंगलवार तक बढ़ा दी गयी। हरियाणा सरकार ने भी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के 17 जिलों में 31 जनवरी की शाम तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी और बाद में इसकी अवधि तीन फरवरी तक बढ़ा दी गयी है।

मियां खलीफा भी मैदान में उतरी:

सोशल मीडिया पर मिया खलीफा (Mia Khalifa) खूब ट्रेंड कर रही है।मिया खलीफा ने हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया है, यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है… मिया खलीफा ने किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) को लेकर खुल्लम-खुल्ला ऐलान कर दिया है और किसानों के साथ अपना समर्थन दिया है।

मिया खलीफा (Mia Khalifa) का ट्वीट भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मानवाधिकार उ’ल्लंघ’नों पर ये चल क्या रहा है? उन्होंने नई दिल्ली के आसपास के इलाकों में इंटरनेट काट दिया है?

किसान आंदोलन को लेकर कई इलाकों में इंटरनेट बैन है, ऐसे में इसे लेकर हस्तियां ट्वीट कर रही हैं. अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और सोशल एक्टिविस्ट ग्रेटा थर्नबर्ग (Greta Thunberg) ने ट्वीट किए थे. लेकिन अब मिया खलीफा (Mia Khalifa) ने भी भारतीय किसानों के साथ खड़े होने की बात कही है।
मंगलवार शाम रिहान्ना ने किसानों के धरना स्थलों पर सरकार द्वारा इंटरनेट बंद कर दिए जाने के बारे में ट्वीट कर कहा, “हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं”? उसके कुछ घंटों बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन खड़ा करने वाली ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने के बारे में ट्वीट किया. फिर एक के बाद एक कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों और संस्थानों ने किसानों के आंदोलन पर ट्वीट कर किसानों के अपना समर्थन व्यक्त किया ।

अंतरराष्ट्रीय हस्तियां किसान आंदोलन पर गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी से बचें: सरकार

भारत ने अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा भारत के किसान आंदोलन की लेकर की गयीं टिप्पणियों काे गैरजिम्मेदाराना करार दिया है और उन्हें सलाह दी है कि ऐसे आंदोलन भारत की लोकतांत्रिक राजनीति के संदर्भ में देखे जाने चाहिए और कोई भी टिप्पणी करने से पहले तथ्यों को अच्छे से समझना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में कहा कि भारत की संसद ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने वाले वाले कानून बहस एवं परिचर्चा के बाद बनाये हैं। ये सुधार किसानों के लिए अधिक विकल्प और बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करते हैं और इससे आर्थिक रूप से लाभकारी कृषि का भी मार्ग प्रशस्त होता है।

बयान में कहा कि भारत के कुछ हिस्सों में किसानों के एक छोटे से वर्ग को इन सुधारों पर कुछ आपत्तियां हैं। प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने उनके प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें कीं। केेन्द्रीय मंत्री बातचीत में शामिल हैं और अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार ने कानूनों को लंबित रखने का भी प्रस्ताव किया है और यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री की ओर से आया है।

बयान के अनुसार इन सबके बावजूद यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ तुच्छ स्वार्थी समूह अपना एजेंडा आंदोलनकारियों पर थोपने और आंदोलन को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह चीज़ 26 जनवरी को देश के गणतंत्र दिवस को दिखायी दी। भारत के संविधान के लागू होने की वर्षगांठ पर देश की राजधानी में हिंसा एवं तोड़फोड़ की गयी। इन्हीं स्वार्थी समूहों में से कुछ भारत के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हीं तत्वों के उकसावे पर विश्व के कई हिस्सों में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को अपवित्र किया गया। यह भारत और विश्व के समस्त सभ्य समाज के लिए बहुत ही दुखद स्थिति है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के पुलिस बल ने बहुत ही संयम से इन प्रदर्शनों का सामना किया। पुलिस में काम करने वाले सैकड़ों पुरुषों एवं महिलाओं पर शारीरिक हमले किये गये और कुछ मामलों में उन्हें धारदार हथियारों से जख्मी किया गया। हम बताना चाहते हैं कि इन आंदोलनों एवं प्रदर्शनों को भारत की लोकतांत्रिक राजनीति एवं मूल्यों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए तथा सरकार एवं संबंधित किसान समूह इस गतिरोध को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

हम अपील करते हैं कि ऐसे मामलों में टिप्पणी करने से पहले तथ्यों को जान लेना चाहिए और मुद्दे को अच्छी तरह से समझना चाहिए। सोशल मीडिया में सनसनीखेज टिप्पणियों से सार्वजनिक जीवन में ख्यातिप्राप्त हस्तियों को प्रभावित होना ना तो उचित है और ना ही जिम्मेदाराना।

अयोध्या में बाबरी मस्जिद के एवज में बनने वाली धन्नीपुर मस्जिद की जमीन पर दिल्ली की महिलाओं ने ठोका दावा attacknews.in

लखनऊ 03 फरवरी । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को एक रिट याचिका दाखिल कर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित कुल 29 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ को विवादित बताया गया है।

याचिका दिल्ली की रानी कपूर पंजाबी व रमा रानी पंजाबी की ओर से दाखिल की गई है। इस पर आठ फरवरी को सुनवाई संभावित है।

याचिका दायर कर दोनों महिलाओं ने आवंटित जमीन मे से पांच एकड़ पर अपना हक होने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा है कि उक्त पांच एकड़ की जमीन के संबंध में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष एक मुकदमा विचाराधीन है।

याचियों का कहना है कि बंटवारे के समय उनके माता-पिता पाकिस्तान के पंजाब से आए थे। वे फैजाबाद (अब अयोध्या) जिले में ही बस गए। बाद में उन्हेंं नजूल विभाग में ऑक्शनिस्ट के पद पर नौकरी भी मिली। उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी को 1,560 रुपये में पांच साल के लिए ग्राम धन्नीपुर, परगना मगलसी, तहसील सोहावल, जिला फैजाबाद में लगभग 28 एकड़ जमीन का पट्टा दिया गया। पांच साल के पश्चात भी उक्त जमीन याचियों के परिवार के ही उपयोग में रही व याचियों के पिता का नाम आसामी के तौर पर उक्त जमीन से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। हालांकि, वर्ष 1998 में सोहावल एसडीएम द्वारा उनके पिता का नाम उक्त जमीन से संबंधित रिकॉर्ड से हटा दिया गया, जिसके विरुद्ध याचियों की मां ने अपर आयुक्त के यहां लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी व उनके पक्ष में फैसला हुआ।

उन्होने कहा कि अपर आयुक्त के आदेश के बाद भी चकबंदी के दौरान पुन: उक्त जमीन के राजस्व रिकॉर्ड को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। तब चकबंदी अधिकारी के आदेश के विरुद्ध बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष मुकदमा दाखिल किया गया, जो अब तक विचाराधीन है।

याचियों का कहना है कि मुकदमा अब तक विचाराधीन होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा इसी जमीन में से पांच एकड़ भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित कर दी गई है। याचियों ने आवंटन व उसके पूर्व की संपूर्ण प्रक्रिया को चुनौती दी है।

भारत बनेगा शक्तिमान: एचएएल को मिला वायु सेना के लिए 83 तेजस विमान बनाने का आर्डर;वायु सेना को एफ-15 एक्स लडाकू विमान देने को तैयार है बोइंग attacknews.in

येलहांका, बेंगलुरू 03 फरवरी । देश में रक्षा क्षेत्र के बडे सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को वायु सेना के लिए 83 तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू विमान बनाने का आर्डर आज विधिवत रूप से मिल गया।

बुधवार को यहां शुरू हुए एशिया के सबसे बडे एयर शो एयरो इंडिया के उदघाटन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी मे रक्षा मंत्रालय में महानिदेशक रक्षा खरीद ने एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन को इस अनुबंध से संबंधित दस्तावेज प्रदान किये। इसके तहत एच ए एल वायु सेना के लिए 83 मार्क 1 ए लड़ाकू विमान बनायेगा और इन पर करीब 48 हजार करोड रूपये की लागत आयेगी। यह मेक इन इंडिया के तहत अब तक का सबसे बडा सौदा हैं। एचएएल इन विमानों के दो संस्करण बनायेगी जिनमें 73 तेजस मार्क 1 ए होंगे और 10 तेजस मार्क 1 होंगे।

वायु सेना को एफ-15 एक्स लडाकू विमान देने को तैयार है बोइंग

अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एफ -15 बनाने वाली अमेरिका की बोइंग कंपनी ने कहा है कि वह भारतीय वायु सेना को उसका उन्नत श्रेणी का लड़ाकू विमान एफ-15 देने के लिए तैयार है और इसके बारे में बातचीत चल रही है।

बोइंग के भारत में उपाघ्यक्ष अंकुर कनागलेकर ने बुधवार को यहां एयरो इंडिया के दौरान संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि एफ -15 एक्स लडाकू विमान एफ -15 श्रेणी का उन्नत विमान है और इसकी पहली सफल उड़ान भरे जाने के बाद इसका मार्केटिंग लाइसेंस मिल गया है।

उच्चतम न्यायालय ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा संबंधी याचिका पर सुनवाई से किया इनकार attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन फरवरी । उच्चतम न्यायालय ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले की जांच के लिए शीर्ष न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला पैनल गठित करने संबंधी याचिका पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी से आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को अभिवेदन देने को कहा।

न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी पीठ का हिस्सा थे।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि सरकार इसकी (हिंसा) जांच कर रही है। हमने प्रेस के समक्ष दिए गए प्रधानमंत्री के इस बयान को पढ़ा है कि कानून अपना काम करेगा। इसका अर्थ यह है कि वे इसकी जांच कर रहे हैं। हम इस चरण पर इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते।’’

तिवारी ने इस हिंसा की जांच के लिए न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किए जाने का अनुरोध किया था।

न्यायालय ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी इसी प्रकार की दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई से भी इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं ने सरकार को अभिवेदन देने को कहा।

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को की गई किसानों की ट्रैक्टर परेड में हजारों प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए थे, पुलिस के साथ संघर्ष किया था, वाहनों को पलट दिया था और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहराया था।

किसान आंदोलन नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने राकेश टिकैत पर किसान आंदोलन को बेचने का लगाया आरोप attacknews.in

सोनीपत, तीन फरवरी। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर किसान आंदोलन को बेचने का गम्भीर आरोप लगाया है।

चढूनी ने आज एक वीडियो जारी कर अपने बयान में आरोप लगाया कि टिकैत भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की गोद में बैठे हैं। उन्होंने किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए किसानों का धन्यवाद किया।

उन्होंने दावा किया कि कुछ किसान संगठन किसान आंदोलन को सरकार के पास बेचना चाह रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को जो बात करनी है वह उनसे करे।

उन्होंने कहा “जो संगठन सरकार से बात करने के लिए जा रहे हैं मैं उनसे प्रर्थना करता हूं कि इन किसानों पर रहम खाएं और किसानों का न बेचें“। अनेक किसान संगठन अपनी निजी फायदे के लिए अपने सगठंन को बेच रहे हैं। अब टिकैत भी किसान आंदोलन को अपना आंदोलन बता रहे हैं। भाकियू का हरियाणा प्रदेश प्रधान भी भाजपा की गोद में बैठा है।

चढूनी ने यह भी दावा किया कि टिकैत ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज कराए हैं।

किसानों के मुद्दों पर चर्चा को तैयार सरकार:राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा को पांच घंटे का अतिरिक्त समय attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन फरवरी ।विभिन्न दल के सदस्यों को किसानों के मुद्दों को व्यापक ढंग से उठाने का पर्याप्त अवसर देने के उद्देश्य से राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर होने वाली चर्चा का समय पांच घंटे बढ़ा दिया गया है और अब यह 10 घंटे के बजाय 15 घंटे चलेगी।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए पहले दस घंटे का समय तय किया गया था। लेकिन अब इसमें प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर सरकारी कामकाज न ले कर पांच घंटे का अतिरिक्त समय जोड़ने का फैसला किया गया है ताकि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर सदस्य अपनी अपनी बात रख सकें।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की वजह से वर्तमान सत्र में उच्च सदन की बैठक रोजाना पांच घंटे ही हो रही है।

समय में वृद्धि का फैसला सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति बनने के बाद किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए पहले से निर्धारित दस घंटे के समय में पांच घंटे का समय और जोड़े जाने पर सहमति बन गई है।

उन्होंने आसन से राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि बुधवार और बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल और बृहस्पतिवार को शून्यकाल रद्द किया जा सकता है ताकि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 15 घंटे का समय मिल सके।

जोशी ने कहा ‘‘जैसा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सहमति बनी थी , जरूरत के अनुसार, इसके लिए शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज स्थगित किया जा सकता है।’’

उच्च सदन की बैठक शून्यकाल के साथ आरंभ होती है जिसमें सदस्य लोकमहत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाते हैं। शून्यकाल के बाद प्रश्नकाल आरंभ होता है अब अलग अलग मुद्दों पर सदस्य सरकार से सवाल पूछते हैं। शुक्रवार को गैरसरकारी कामकाज नियत होता है।

सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 18 – 19 दल चाहते थे कि पिछले दो माह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर पर हो रहे किसानों के आंदोलन पर राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले बहस की जाए।

उन्होंने कहा ‘‘लेकिन … सरकार की ओर से बताया गया और … पहले भी कभी ऐसा नहीं हुआ … कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले कोई कामकाज नहीं लिया जाता। विपक्षी दलों ने सोचा कि अगर सत्र में सबसे पहले किसान आंदोलन जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा सकती तो राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इस अतिरिक्त समय में किसान आंदोलन के मुद्दे पर सदस्य अपनी अपनी बात रख सकें।’’

आजाद ने कहा ‘‘इसलिए राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने के लिए पांच घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए।’’

उन्होंने विपक्ष की मांग पर सहमत होने के लिए सरकार के प्रति आभार जताया।

सभापति नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तय दस घंटे का समय बढ़ा कर 15 घंटे करने पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा ‘‘हम इसके अनुसार आगे बढ़ेंगे।’’

उन्होंने कहा कि आम तौर पर शून्यकाल और प्रश्नकाल को निलंबित नहीं किया जाता लेकिन पहले ऐसा हुआ है और इस पर व्यापक सहमति है तो ‘‘मैं इसके अनुसार ही जाना चाहूंगा।’’

इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई और शून्यकाल के तहत सदस्यों ने लोकमहत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए।

गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र शुक्रवार 29 जनवरी को शुरू हुआ। पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया।

एक जनवरी सोमवार को बजट पेश किया गया था। मंगलवार को सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। तब सभापति ने व्यवस्था दी थी कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदस्य अपनी बात रख सकते हैं।

बहरहाल, अपनी मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कल उच्च सदन में कामकाज नहीं हो पाया और बैठक बार बार स्थगित होने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी।

पोर्न स्टार मियां खलीफा भी पहुंची किसान आंदोलन में और किसानों को अपना समर्थन देने का ऐलान किया attacknews.in

नईदिल्ली 3 फरवरी ।सोशल मीडिया पर मिया खलीफा (Mia Khalifa) खूब ट्रेंड कर रही है।मिया खलीफा ने हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया है, यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है… मिया खलीफा ने किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) को लेकर खुल्लम-खुल्ला ऐलान कर दिया है और किसानों के साथ अपना समर्थन दिया है।

मिया खलीफा (Mia Khalifa) का ट्वीट भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मानवाधिकार उ’ल्लंघ’नों पर ये चल क्या रहा है? उन्होंने नई दिल्ली के आसपास के इलाकों में इंटरनेट काट दिया है?

किसान आंदोलन को लेकर कई इलाकों में इंटरनेट बैन है, ऐसे में इसे लेकर हस्तियां ट्वीट कर रही हैं. अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और सोशल एक्टिविस्ट ग्रेटा थर्नबर्ग (Greta Thunberg) ने ट्वीट किए थे. लेकिन अब मिया खलीफा (Mia Khalifa) ने भी भारतीय किसानों के साथ खड़े होने की बात कही है।

मंगलवार शाम रिहान्ना ने किसानों के धरना स्थलों पर सरकार द्वारा इंटरनेट बंद कर दिए जाने के बारे में ट्वीट कर कहा, “हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं”? उसके कुछ घंटों बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन खड़ा करने वाली ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने के बारे में ट्वीट किया. फिर एक के बाद एक कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों और संस्थानों ने किसानों के आंदोलन पर ट्वीट कर किसानों के अपना समर्थन व्यक्त किया।

इनमें अमेरिकी अभिनेता जॉन क्यूजैक, ब्रिटेन के सांसद तनमनजीत सिंह, ब्रिटेन की ही एक और सांसद क्लॉडिया वेब, अमेरिकी अधिवक्ता और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, कनाडा की यूट्यूबर लिली सिंह, यूगांडा की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट वनेसा नकाते, अंतरराष्ट्र्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच, अमेरिकी पर्यावरण ऐक्टिविस्ट जेमी मारगोलिन जैसी हस्तियां शामिल हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने रिहान्ना को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और यह उम्मीद जताई कि इससे उनके आंदोलन के बारे में आम लोगों में जानकारी फैलेगी।

इस बीच किसान आंदोलन पर संसद के दोनों सदनों में भी सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध छिड़ गया है. सरकार किसानों के प्रदर्शन पर संसद में 15 घंटों की चर्चा कराने को तैयार हो गई । चर्चा शुक्रवार को कराने का निर्णय लिया गया है लेकिन विपक्ष चर्चा तुरंत शुरू कराना चाह रहा है।

दूसरी तरफ दिल्ली की सीमाओं पर सरकार द्वारा लगाए गए तरह तरह के बैरिकेडों से किसान नाराज हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह की घेराबंदी करके सरकार किसानों से बातचीत को कैसे आगे बढ़ाएगी. किसान यह भी मांग कर रहे हैं कि 26 जनवरी की घटनाओं के संबंध में हिरासत में लिए किसानों को भी रिहा किया जाए. उधर दिल्ली पुलिस ने पंजाबी अभिनेता और राजनीतिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू को खोजने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।

पुलिस ने सिद्धू के बारे में जानकारी देने के लिए एक लाख रुपयों के इनाम की घोषणा की है. किसान संगठनों का आरोप है कि सिद्धू ने कुछ किसानों को बरगला कर 26 जनवरी की अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दल ने चीन के वुहान अनुसंधान प्रयोगशाला का दौरा किया: वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई और वह कहां से फैला, इस पर आंकड़े जुटाने और खोज के लिए पहुंचा है दल attacknews.in

वुहान, तीन फरवरी (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दल ने बुधवार को चीनी शहर वुहान में उस अनुसंधान केंद्र का दौरा किया जो कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अटकलों का विषय बना हुआ है।

वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई और वह कहां से फैला, इस पर आंकड़े जुटाने और खोज के लिए चीन पहुंचे डब्ल्यूएचओ के दल का वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का दौरा उसके अभियान का मुख्य बिंदु है।

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी चीन की शीर्ष विषाणु अनुसंधान प्रयोगशालाओं में से एक है। वर्ष 2003 में सिवियर एक्यूट रेस्पीरेटोरी सिंड्रोम (सार्स) महामारी के बाद चमगादड़ से फैलने वाले कोरोना वायरस पर अनुवांशिक सूचना के संग्रह के लिए इस संस्थान का निर्माण किया गया।

चीन ने वुहान से कोरोना वायरस के प्रसार की संभावना से न सिर्फ साफ इनकार किया है बल्कि उसका कहना है कि वायरस कहीं और से फैला या बाहर से आयातित प्रशीतित समुद्री उत्पादों के पैकेट से देश में आया है। चीन के इस तर्क को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों एवं एजेंसियों ने बार-बार खारिज किया है।

संस्थान की उप निदेशक शी झेंगली एक विषाणु विशेषज्ञ हैं। वह 2003 में चीन में महामारी के रूप में फैले सार्स के उद्भव का पता लगाने वाले डब्ल्यूएचओ के दल का भी हिस्सा थीं। उन्होंने कई पत्रिकाओं में लेख लिखे हैं और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन तथा अमेरिकी अधिकारियों के सिद्धांतों को खारिज करने का काम किया है कि वायरस का इस्तेमाल जैविक हथियार के रूप में किया गया या फिर संस्थान से यह ‘‘लीक’’ हुआ।

डब्ल्यूएचओ के दल में 10 देशों से विशेषज्ञ शामिल हैं। दल ने दो सप्ताह पृथक-वास में रहने के बाद अस्पतालों, अनुसंधान संस्थानों और मांस की बिक्री के लिए पारंपरिक बाजार का दौरा किया। कोरोना वायरस के कई शुरुआती मामलों से इस बाजार का संबंध है।

राजनाथ सिंह ने ‘एरो इंडिया-2021’ के उद्घाटन करते हुए कहा कि, भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार हैं attacknews.in

बेंगलुरु, तीन फरवरी । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच बुधवार को कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर यथास्थिति में बदलाव की कोशिशों को लेकर सतर्क है और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार है।

सिंह ने यहां येलाहंका वायुसेना स्टेशन में आयोजित ‘एरो इंडिया-2021’ के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘हम अपनी विवादित सीमाओं पर यथास्थिति बदलने के लिए बल की तैनाती के कई दुर्भाग्यपूर्ण प्रयासों को लंबे समय से देख रहे हैं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘भारत अपने लोगों एवं क्षेत्रीय अखंडता की हर कीमत पर रक्षा करने के लिए किसी भी दुस्साहस का सामना करने और उसे मात देने के लिए सतर्क एवं तैयार है।’’

भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों ने इस गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ता की है, लेकिन इसमें कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है।

सिंह ने कहा कि भारत की योजना बड़े एवं जटिल मंचों के घरेलू विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी सात से आठ साल में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्यात एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर रक्षा क्षेत्र में 2014 के बाद से कई सुधार किए हैं।

सिंह ने कहा कि आत्म-निर्भरता एवं निर्यात के दोहरे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, सरकार ने एरोस्पेस एवं रक्षा सामग्रियों और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपए के निर्यात समेत रक्षा विननिर्माण के क्षेत्र में 1,75,000 करोड़ रुपए की कुल बिक्री हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आगामी सात से आठ साल में रक्षा आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजना की।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपने कई मित्रवत देशों की तरह भारत के सामने भी कई मोर्चों से खतरे और चुनौतियां पैदा हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि देश सरकार प्रयोजित आतंकवाद का पीड़ित रहा है और यह अब एक वैश्विक खतरा बन गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के रक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए हाल में कई कदम उठाए हैं।

मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बड़े एवं जटिल रक्षा मंचों का घरेलू विनिर्माण हमारी नीति का केंद्र बन गया है।

सिंह ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि इस समारोह में 55 से अधिक देशों की 80 विदेशी कंपनियों, रक्षा मंत्रियों, प्रतिनिधि मंडलों, सेवा प्रमुखों एवं अधिकारियों समेत करीब 540 प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक समुदाय में बढ़ते आशावाद को दर्शाता है।’’

सीमाओं पर यथास्थिति बदलने की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देगा भारत : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज चीन का नाम लिए बिना कहा कि भारत सीमाओं पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिशों को किसी हाल में सफल नहीं होने देगा और सेनाएं देश की संप्रभुता तथा अखंडता की हर कीमत पर रक्षा करने के लिए तैयार हैं।

श्री सिंह ने कहा कि भारत को कई मोर्चों पर एक साथ चुनौती का सामना करना पड रहा है। एक ओर सीमापार से आतंकवाद की नापाक कोशिशें की जा रही हैं तो दूसरी ओर जहां सीमाओं का निर्धारण नहीं हुआ वहां उन्हें बदलने की एकतरफा प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा , “ हमने लंबे समय से सेनाओं की ताकत के बल पर विवादित सीमाओं में बदलाव करने की कोशिशों को देखा है। भारत चौकस और सतर्क है। हम अपने लोगों तथा अखंडता की रक्षा और इन कोशिशों को हर कीमत पर विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

उन्होंने कहा कि तीन दिन तक चलने वाली यह प्रदर्शनी भारत की रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में निरंतर बढती हुई ताकत का प्रतीक है और उन्हें विश्वास है कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

सेनाओं के आधुनिकीकरण और भारत को रक्षा उत्पादों के निर्यात का गढ़ बनाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले सात सालों में 130 अरब डालर की योजनाएं तैयार की जा रही हैं। विनिर्माण सुविधाओं के लिए कई इकाईयां बनायी जा रही हैं जहां अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार प्रणाली तैयार की जा रही हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया के अब तक के सबसे बड़े सौदे के तहत हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को वायु सेना के लिए 48 हजार करोड़ रूपये की लागत से 83 स्वदेशी तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमान बनाने का आर्डर दिया गया है।

भारत मित्र देशों को सुरक्षा क्षमता बढाने में सहयोग के लिए तैयार: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि का माहौल बनाने के लिए सुरक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण की दिशा में मित्र देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।

श्री सिंह ने कहा कि हम सभी चुनौतीपूर्ण भू-राजनैतिक परिदृष्य में रह रहे हैं जिसमें देशों को न केवल सैन्य हमलों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है बल्कि कोरोना जैसी महामारी भी तबाही मचा रही है। इस स्थिति में भारत मित्र देशों के साथ मिलकर सहयोग से क्षमता निर्माण की दिशा में काम करने को तैयार है। इससे इन देशों के अपने सुरक्षा मुद्दों का भी समाधान किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में भारतीय सेनाओं की क्षमता और ताकत का प्रदर्शन विभिन्न आपदाओं के दौरान दुनिया ने देखा है और भारत अपने मित्र देशों को इसका लाभ पहुंचाना चाहता है।

स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अभी वायु सेना के लिए 83 विमानों का आर्डर दिया गया है जो स्वदेशी रक्षा उद्योग में सरकार के विश्वास का प्रतीक है और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण को बढावा देने के लिए शुरू की गयी नयी नीतयिां इस बात का उदाहरण है कि विदेशी कंपनियों के लिए भारत में भागीदारी के लिए इससे अच्छा मौका और कोई नहीं होगा। इससे सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ का सपना भी पूरा होगा।

इस सम्मेलन में अनेक देशों के वायु सेना प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं ।

बृहन्मुंबई नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रमेश पवार ने नगर निकाय का शिक्षा बजट पेश करते समय पी लिया सैनिटाइजर attacknews.in

मुंबई, 03 फरवरी । बृहन्मुंबई नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रमेश पवार ने गलती से पानी की जगह सेनिटाइजर मुंह में भर लिया हालांकि इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा।

सूत्रों के अनुसार जब उन्होंने पानी की जगह सेनिटाइजर मुंह में भरा तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सेनिटाइजर थूक दिया।

बृहन्मुंबई नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार दोपहर को नगर निकाय का शिक्षा बजट पेश करते समय पानी के बजाय गलती से सैनिटाइजर पी लिया।

उन्होंने कहा कि हालांकि, उन्हें तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सैनिटाइजर बाहर उगल दिया।

यह घटना महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव में पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान 12 बच्चों द्वारा सैनिटाइजर पीने की घटना के तीन दिन बाद हुई।

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के सहायक नगर आयुक्त रमेश पवार ने शिक्षा के लिए ई-बजट पेश करने के लिए अन्य अधिकारियों के साथ मंच पर बैठने के बाद सभागार में अपनी मेज पर रखी बोतल से सैनिटाइजर पी लिया।

इस घटना का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ जिसमें अधिकारी सफेद टोपी के साथ बोतल खोलते और सैनिटाइजर पीते नजर आए।

बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, पवार को तुरंत अहसास हुआ कि वह पानी की जगह सैनिटाइजर पी गए हैं और वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों ने भी उन्हें सचेत किया।

राजस्थान में लाखों रूपये की रिश्वतखोरी में गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल को अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा attacknews.in

जयपुर, तीन फरवरी । जयपुर की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किये गये भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मनीष अग्रवाल को बुधवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अग्रवाल को मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। दलाल पर आरोप है कि उन्होंने दौसा के जिला पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए दलाल के जरिये एक कंपनी के मालिक से 38 लाख रूपये की कथित रिश्वत मांगी थी।

ब्यूरो के महानिदेशक बी एल सोनी ने बताया कि अग्रवाल की घर की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किये गये जिनकी जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि ब्यूरो ने 13 जनवरी को एसीबी की जयपुर देहात इकाई ने दौसा के एसडीएम पुष्कर मित्‍तल को परिवादी से पांच लाख रूपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। बांदीकुई की एसडीएम पिंकी मीणाको 10 लाख रूपये रिश्वत मांगते हुए गिरफ्तार किया गया। इसी तरह एक दलाल नीरज मीणा को दौसा के पुलिस अधीक्षक के नाम से 38 लाख रूपये रिश्वत राशि की मांगने पर गिरफ्तार किया गया है।

सोनी ने बताया कि उन्हें दौसा जिले में हाईवे निर्माण करने वाली कम्पनी के मालिक ने शिकायत की थी कि भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा देकर जमीन सड़क निर्माण के लिए सुपुर्द करने की एवज में तथा निर्माण कार्य में रुकावट नहीं डालने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। रिश्वत नहीं देने पर परेशान किया जा रहा है।

सोनी ने बताया कि दलाल मीणा ने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम पर चार लाख रूपये मासिक बंधी एवं प्रति एफआईआर में मामला रफा-दफा करने की एवज में 10 लाख रूपये की मांग की थी। दलाल कुल मिलाकर 38 लाख रुपए बतौर रिश्‍वत मांग रहा था जिस पर उसे गिरफ्तार किया गया। इस मामले में आईपीएस अधिकारी अग्रवाल की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार किया।

आईपीएस अग्रवाल छह जुलाई 2020 से छह जनवरी 2021 तक दौसा के पुलिस अधीक्षक रहे।

जेफ बेजोस बने अमेजन के कार्यकारी अध्यक्ष ,सीईओ पद से दिया इस्तीफा,एंडी जेसी कंपनी के नये सीईओ बनाएं गये attacknews.in

वाशिंगटन 03 फरवरी (स्पूतनिक) अमेजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेफ बेजोस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

श्री बेजोस ने कर्मचारियों को लिखे एक मेल में मंगलवार को कहा कि वह कंपनी में सीईओ की भूमिका को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं कि मैं अमेजन बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभाऊंगा तथा एंडी जेसी कंपनी के सीईओ होंगे।”

उन्होंने कहा कि अमेजन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका से उन्हें कंपनी के साथ जुड़े रहने की अनुमति मिलेगी। साथ ही डे 1 फंड, बेजोस अर्थ फंड, ब्लू ओरिजिन, द वाशिंगटन पोस्ट और अन्य मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समय भी दे पाएंगे।

एक ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में अमेजन की शुरुआत करने और उसे खरीदारी तथा मनोरंजन की दुनिया का महारथी बनाने वाले जेफ बेजोस इस साल कंपनी के सीईओ का पद छोड़ देंगे और एंडी जेसी उनके उत्तराधिकारी होंगे।

कंपनी द्वारा मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक करीब 30 वर्षों तक इस पद पर रहने के बाद अब कार्यकारी अध्यक्ष की नई भूमिका में होंगे।

बेजोस (57) गर्मियों में अपना पद छोड़ेंगे और उनकी जगह अमेजन के क्लाउड-कंप्यूटिंग व्यवसाय का संचालन करने वाले एंडी जेसी लेंगे।

बेजोस ने कर्मचारियों को लिखे एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उन्होंने नए उत्पादों और अमेजन में विकसित की जा रही शुरुआती पहलों पर ध्यान देने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि उनके पास अन्य परियोजनाओं के लिए अधिक समय होगा, जिसमें उनकी अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी ब्लू ओरिजिन, उनके द्वारा चलाए जाने वाले परोपकार के काम और वाशिंगटन पोस्ट की देखरेख शामिल है।

बेजोस अमेजन के सबसे बड़े शेयरधारक हैं, और कंपनी के कामकाज पर उनका व्यापक प्रभाव बना रहेगा।

अमेजन के मुख्य वित्तीय अधिकारी ब्रायन ओल्सवस्की ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘जेफ वास्तव में कहीं भी नहीं जा रहे हैं। यह कामकाम के पुनर्गठन जैसा है।’’

अमेजन ने बुधवार को बताया था कि 2020 में उसकी कुल बिक्री 38 प्रतिशत बढ़कर 386.1 अरब डॉलर हो गई, जो 2019 में 280.5 अरब डॉलर थी।

बेजोस ने अपने उत्तराधिकारी के बारे में बताया, ‘‘जेसी को कंपनी में सभी अच्छी तरह जानते हैं और वह एक बेहतरीन नेतृत्वकर्ता साबित होंगे और मेरा उन पर पूरा विश्वास है।’’

उन्होंने कहा कि अमेजन का सीईओ होने एक बड़ी जिम्मेदारी है और ऐसे में दूसरी बातों पर ध्यान देना कठिन है और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में वह अमेजन की नई पहलों पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा ‘‘उनमें इतनी ऊर्जा कभी नहीं थी और यह उनकी सेवानिवृत्ति नहीं है।’’

बेजोस ने कहा, ‘‘अमेजन की यात्रा लगभग 27 साल पहले शुरू हुई था, जब कंपनी केवल एक विचार थी, और इसका कोई नाम नहीं था। उस समय मुझसे सबसे अधिक बार यह सवाल पूछा गया था, इंटरनेट क्या है? शुक्र है, मुझे अब यह समझाना नहीं पड़ता।’’

इस समय अमेजन में 13 लाख लोग काम करते हैं और ये दुनिया भर में करोड़ो लोगों और कारोबारों को सेवाएं देते हैं।

सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान समेत 20 देशों से विदेशी नागरिकों के देश में आने पर लगाई रोक,देश में कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी जारी attacknews.in

रियाद 03 फरवरी । सऊदी अरब 20 देशों के नागरिकों के देश में आने पर रोक लगा दी है, जिनमें राजनयिक तथा स्वास्थ्यकर्मियों भी शामिल हैं।

सऊदी अरब ने यह कदम कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम को लेकर उठाया है, जो आज से प्रभावी हो रहा है। सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “सऊदी अरब के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निवारक और एहतियाती उपायों और कोविड -19 के प्रसार रोकने के लिए जा रहे अथक प्रयासों तहत गृह मंत्रालय ने देश में विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। ”

गृह मंत्रालय ने बताया कि जिन देशों के नागरिकों के देश में आने पर रोक लगाई गई है, उनमें अर्जेंटीना, ब्राजील, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, जापान, लेबनान, पाकिस्तान, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं।

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी दी

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री तौफिग अल रबिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर संभव है तथा लोगों को मौजूदा निवारक उपायों का पालन करने की आवश्यकता है।

श्री राबिया ने कहा, “हाल के सप्ताहों में हमने देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना वायरस मामलों की संख्या में उल्लेखनीय और लगातार वृद्धि देखी गई है। जनवरी के पहले सप्ताह के आंकड़ों की तुलना में मामलों में दो सौ प्रतिशत वृद्धि देखी गई है इसका प्रमुख कारण सार्वजनिक सभाएँ हैं।”

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देश में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रहती है, तो सऊदी अरब को एक ऐसी स्थिति से निपटना होगा जिसका कई देश सामना कर रहे है।

उन्होंने कहा कि अगर निवारक उपायों की अवहेलना जारी रही तो हमे कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को देश कोरोना वायरस के 255 नए दर्ज किए हैं। एक महीने पहले दैनिक आंकड़ा 80 का था।

सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण के 368,300 से अधिक मामले है। जबकि देश में छह हजार से अधिक कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है।

राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख नियंत्रण रेखा के पास सेना के जवानों द्वारा चीन को कड़ा जवाब देते हुए खदेड़ने की वास्तविकता को बताया भारत का कड़ा रूख attacknews.in

बेंगलुरु 02 फरवरी । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के कड़े रुख और सेना के जवानों की बहादुरी के कारण स्थिति में स्थिरता आई है।

श्री सिंह ने यहां 25 वें एरो इंडिया शो के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। श्री सिंह बुधवार को तीन दिनों तक चलने वाले एयरो इंडिया शो का उद्घाटन करेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया शो का आयोजन एक दोहरी चुनौती है। पहली चुनौती कोरोना महामारी के रूप में सबके सामने हैं तो दूसरी चुनौती उत्तरी सीमा पर सुरक्षा से जुड़ी है।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि हमारे सख्त रुख, तुरंत की गई कार्रवाई और सीमा पर हमारे जवानों की बहादुरी के कारण स्थिति में स्थिरता आई है। साथ ही हमने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने के प्रति अपनी वचनबद्धता का भी प्रदर्शन किया है।

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 10 महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है और भारतीय सेना ने चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की एक तरफा कोशिश को विफल कर दिया।

श्री सिंह ने कहा कि एरो इंडिया के इतिहास में पहली बार हाइब्रिड तरीके से यह आयोजन किया जा रहा है यानी प्रदर्शनी स्थल पर भी कार्यक्रमों में प्रतिभागी हिस्सा लेंगे और वर्चुअल माध्यम से भी प्रतिभागी इस आयोजन से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस बार प्रदर्शनी का आयोजन हाइब्रिड तरीके से किया गया है।

प्रदर्शनी के आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय का सहयोग करने के लिए उन्होंने कर्नाटक सरकार और विशेष रूप से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को धन्यवाद दिया। एरो शो में कुल मिलाकर 600 कंपनियां हिस्सा ले रही है जिनमें से 78 विदेशी हैं। भारत की 522 कंपनियां भी एरो शो में हिस्सा ले रही हैं जबकि देश और दुनिया की 203 कंपनी वर्चुअल माध्यम से एयरो इंडिया आयोजन से जुड़ेंगी। आयोजन में कुल मिलाकर 28 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। आयोजन के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के रक्षा मंत्रियों का भी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न देशों के वायु सेना प्रमुखों का भी एक सम्मेलन होगा। कोरोना महामारी के चलते इस बार के आयोजन में आम लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है हालांकि विमानों की करतब बाजी देखने के लिए कुछ दर्शक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।