मध्यप्रदेश:के देवास में लकड़ी माफियाओं ने कर दी वन रक्षक की गोली मारकर हत्या,रात्रिगश्त में हत्यारों से हुई मुठभेड़ में अकेले सामना करते हुए हो गये शहीद attacknews.in

देवास (मप्र) पांच फरवरी । मध्यप्रदेश के देवास जिले के पुंजापुरा वन क्षेत्र के वन रक्षक मदनलाल वर्मा (58) की कथित तौर पर कुछ लोगों ने ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी। उसका शव बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात पुंजापुरा वन परिक्षेत्र में छोटी तलाई के पास खून से लथपथ मिला।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा ने कहा, ‘‘वन रक्षक मदनलाल वर्मा बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे क्षेत्र की गश्त पर गया था। देर शाम नहीं लौटने पर रेंजर व पुलिस ने ‘सर्चिंग’ के दौरान उसका शव बरामद किया।’’

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता लगा है कि जंगल में कुछ संदिग्ध लोगों को देखकर वनरक्षक ने कार्रवाई और उसके बाद आरोपियों ने देशी कट्टे से उस पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उदयनगर पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में इस मामले में शिकारियों या लकड़ी माफियाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं। गिरफ्तारी के लिये तीन टीमों का भी गठन किया गया है।

इसी बीच, देवास वन मंडल अधिकारी पी. एन. मिश्रा ने कहा, ‘‘मदनलाल वर्मा वन मंडल देवास के परिक्षेत्र पुंजापुरा की बीट रतनपुर का वन रक्षक था। संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।’’

उन्होंने बताया कि मृतक कर्मचारी को शहीद का दर्जा दिलाए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मिश्रा ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम उदय नगर स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है और उसके बाद ही उनके गृह नगर उज्जैन के रामघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये का विशेष अनुदान तथा परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।

राज्यसभा में कृषि मंत्री ने दिया जवाब:किसान आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मसला;आरोप लगाया कि,नए कानूनों को लेकर लोगों को बरगलाया जा रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच फरवरी । केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए इन्हें किसानों के जीवन में क्रातिकारी बदलाव लाने वाला करार दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानूनों को लेकर लोगों को बरगलाया जा रहा है और मौजूदा आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मामला है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है।

तोमर ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक राज्य का मसला बताया और कहा कि नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो।

तोमर ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्षी नेता नए कानूनों को काला कानून बता रहे हैं लेकिन वे यह नहीं बता रहे हैं कि इसमें गड़बड़ी क्या है।

कृषि मंत्री ने कहा कि वह पिछले दो महीनों से किसान यूनियनों से सवाल कर रहे हैं कि वे बताएं कि कानून में ‘काला’ क्या है?

उन्होंने मौजूदा आंदोलन को एक राज्य का मसला करार दिया और कहा कि किसानों को बरगलाया जा रहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को मिले 24 नये जस्टिस,कॉलेजियम ने इन हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्तावों को मंजूरी दी attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच फरवरी । उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय के लिए क्रमश: ग्यारह और आठ न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति न्यायाधीश के रूप में करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के लिए दो न्यायिक अधिकारियों और एक अधिवक्ता तथा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के लिए एक न्यायिक अधिकारी और एक अधिवक्ता की पदोन्नति न्यायाधीश के रूप में करने के प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली कॉलेजियम ने चार फरवरी 2021 को हुई बैठक में प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी, जो शुक्रवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए पदोन्नत किए गए न्यायिक अधिकारियों में मोहम्मद असलम, अनिल कुमार गुप्ता, अनिल कुमार ओझा, साधना रानी (ठाकुर), ओमप्रकाश त्रिपाठी, नवीन श्रीवास्तव, उमेश चंद्र शर्मा, सैयद आफताब हुसैन रिजवी, अजय त्यागी, सैयद वायज मियां और अजय कुमार श्रीवास्तव-प्रथम शामिल हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय में पदोन्नत किए गए न्यायिक अधिकारियों में केसांग डोमा भूटिया, रबींद्रनाथ सामंत, सुगतो मजूमदार, अनन्या बंद्योपाध्याय, राय चट्टोपाध्याय, बिवास पटनायक, शुभेंदु सामंत और आनंद कुमार मुखर्जी शामिल हैं।

वहीं, न्यायिक अधिकारियों-राजेंद्र बादामीकर, खाजी जेबुन्निसा मोहिउद्दीन और अधिवक्ता आदित्य सौंधी को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है।

न्यायिक अधिकारी नरेश कुमार चंद्रवंशी और अधिवक्ता नरेंद्र कुमार व्यास को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है।

बोबडे के अतिरिक्त न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन भी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में निर्णय करने वाली तीन सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं।

रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, रुख को उदार बनाये रखा ताकि नीतिगत दर में कटौती की जा सके,2021-22 में जीडीपी 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान attacknews.in

मुंबई, 5 फरवरी ।भारतीय रिजर्व बैंक (#RBI) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा।

हालांकि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका मतलब है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए नीतिगत दर में कटौती की जा सकती है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए अपने ‘ऑनलाइन’ संबोधन में कहा, ‘‘नीतिगत दर रेपो को एमपीसी के सदस्यों ने आम सहमति से 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया।’’

इस निर्णय के बाद रेपो दर 4 प्रतिशत, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। रेपो वह दर है, जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही एमपीसी के सभी सदस्यों ने उदार रुख को जब तक जरूरी है और कम-से-कम चालू वित्त वर्ष तथा अगले वित्त वर्ष में इसे बनाये रखने का निर्णय किया।’’

दास ने कहा, ‘‘यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए मध्यम अवधि में 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (#CPI) आधारित मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।’’

आर्थिक वृद्धि के बारे में आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बयान में कहा गया है, ‘‘अन्य उपायों के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, नवप्रवर्तन और अनुसंधान समेत विभिन्न क्षेत्रों पर दिये गये जोर को देखते हुए 2021-22 में जीडीपी #GDP(सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’

इसमें अगले वित्त वर्ष पहली छमाही में वृद्धि दर 26.2 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत के बीच रहने और तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों (एनबीएफसी इकाइयों) को संकटग्रस्त क्षेत्र तक कर्ज पहुंचाने के लिए दीर्घकालिक लक्षित रेपो सुविधा (टीएलटीआरओ) के तहत बैंकों से धन सुलभ कराने का प्रस्ताव भी किया है।

बयान के अनुसार, ‘‘कृषि क्षेत्र में बेहतर संभावना को देखते हुए गांवों में मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है। कोविड-19 मामलों में कमी और टीकाकरण अभियान के साथ शहरों में भी मांग अच्छी रहने की संभावना है जिससे वृद्धि को गति मिलेगी।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ रहा है और विनिर्माण, सेवा तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में व्यापार को लेकर अपेक्षाएं उत्साहजनक हैं।’’

‘‘इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत दो और तीन के तहत सरकर की घोषित योजनाओं से सार्वजनिक निवेश में तेजी आएगी। हालांकि निजी निवेश कम क्षमता उपयोग से धीमा बना हुआ है।’’

मुद्रास्फीति के बारे में मौद्रिक नीति बयान में कहा गया है, ‘‘दिसंबर महीने में सब्जियों के दाम में नरमी से सकल मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब आयी है और आने वाले समय में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर निकट भविष्य के परिदृश्य को निर्धारित करेगी।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘आपूर्ति व्यवस्था बेतहर होने से मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। हालांकि सेवा क्षेत्र और विनिर्माण में औद्योगिक कच्चे माल के दाम में वृद्धि से लागत दबाव पड़ सकता है।’’

इन सबके आधार पर आरबीआई ने 2020-21 की चौथी तिमाही के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर को संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही 2021-22 की पहली छमाही के लिये इसे 5.2 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही के लिये 4.3 प्रतिशत कर दिया है।

आरबीआई के बयान में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने की भी बात कही गयी है।

बैंकों को कोविड-19 संकट से उत्पन्न समस्या से राहत देने के लिये सीआरआर को एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत कर दिया गया था। 28 मार्च, 2020 को लागू यह व्यवस्था एक साल 26 मार्च, 2021 तक के लिये थी।

इसमें कहा गया है, ‘‘मौद्रिक और नकदी की स्थिति की समीक्षा के बाद सीआरआर को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत बैंकों को 27 मार्च, 2021 से शुरू पखवाड़े से एनडीटीएल (शुद्ध मांग और समय देनदारी) का 3.5 प्रतिशत और 22 मई, 2021 से शुरू पखवाड़े से 4 प्रतिशत के स्तर पर लाना है।’’

आरबीआई के बयान के अनुसार, देश में बढ़ते डिजिटल भुगतान को देखते हुए सुरक्षा के कई उपाय किये गये हैं। केंद्रीय बैंक के भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण दस्तावेज के तहत 24 घंटे काम करने वाला हेल्पलाइन स्थापित करने पर जोर दिया गया है, जो ग्राहकों की विभिन्न डिजिटल भुगतान से जुड़े सवालों का समाधान करेगा।

इसमें कहा गया है, ‘‘भुगतान प्रणाली से जुड़े बड़े परिचालकों को केंद्रीयकृत 24 घंटे सातों दिन काम करने वाली हेल्पलाइन व्यवस्था सितंबर 2021 तक करने की जरूरत है। इसका मकसद विभिन्न डिजिटल भुगतान के संदर्भ में ग्राहकों के सवालों के जवाब देना और शिकायतों की स्थिति के बारे में जानकारी देनी है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में इस हेल्पलाइन के जरिये ग्राहकों की शिकायतों के पंजीकरण और उसके समाधान पर विचार किया जाएगा।’’

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 27वीं बैठक थी। इसके सदस्य आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे (बाह्य सदस्य), डा. मृदुल के सागर, डा. माइकल देबव्रत पात्रा और शक्तिकांत दास हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक तीन फरवरी को शुरू हुई थी।

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 अप्रैल, 2021 को होगी।

राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को संकेत दिया;”हम तुम्हें कही नहीं छोड़ेगें “;वाह जी महाराज वाह!इस पर सिंधिया ने कहा”आपका आशीर्वाद है”, दिग्विजय ने कहा, “आपके साथ हमेशा बना रहेगा” attacknews.in

नयी दिल्ली 04 फरवरी । राज्यसभा में गुरुवार को उस वक्त दिलचस्प नजारा दिखा जब मध्यप्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखे कटाक्ष किये और श्री सिंधिया उसे चुपचाप सुनकर रह गये।

राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान श्री सिंधिया ने अपना करीब आधे घंटे का भाषण समाप्त किया तो सभापति एम़ वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के श्री दिग्विजय सिंह का नाम पुकारा। इस पर सदन में कई सदस्यों के चेहरे पर अर्थपूर्ण मुस्कान तैर गयी और किसी-किसी की हंसी भी छूट गयी। इस पर श्री नायडू ने सफाई दी कि उन्होंने सूची में क्रम के आधार पर ही श्री सिंह का नाम पुकारा है, अन्य कोई बात नहीं है।

सरकार किसान के विकास को लेकर कटिबद्ध: सिंधिया

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि सरकार किसानों के विकास को लेकर कटिबद्ध है और उसने 70 साल से बेड़ियों में जकड़े किसानों को आजादी दिलाने के लिए तीन कृषि सुधार कानून बनाये हैं ।

श्री सिधिया ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि आन्दोलनकारी किसानों से संवाद करने की नीति के कारण ही सरकार ने किसान संगठनों के साथ ग्यारह दौर की वार्ता की है । कानूनों में किये गये बदलाव के कारण किसानों को अपने उत्पाद को कहीं भी , किसी को मनचाहे कीमत पर बेचने की आजादी दी गयी है । सरकार ने इस कानून को डेढ साल के लिए स्थगित करने की बात कही है ।

सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करे : विपक्ष

इसके बाद कांग्रेस के दिग्विजय सिंह सिंह ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि तीन कृषि सुधार कानून किसान विरोधी है और इसके खिलाफ आन्दोलन हो रहा है ।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जब लोगों की भावना को राजद्रोह के रुप में देखा जाता है तो वहां से तानाशाही की शुरुआत होती है । लोकतंत्र में विरोध अहम होता है ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कृषि सुधार की बात कही थी लेकिन इसे आम सहमति से किया जाना था । उन्होंने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों पर सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष ने इसे प्रवर समिति में भेजने तथा पारित कराये जाने के दौरान मत विभाजन कराने की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया ।

ऐसा रहा दोनों के बीच दिलचस्प नजारा:

कभी एक ही पार्टी कांग्रेस में रहने वाले दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्यस सिंधिया का आज सामना राज्यसभा में हुआ। जहां इस वक्त किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा चल रही है। बहस के बीच जब बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह का नाम आया तो राज्यसभा में ठहाके लगने लगे। सभापति से लेकर सभी पार्टियों के सांसद मुस्कुराते हुए नजर आए।

दिग्विजय-सिंधिया को लेकर सभापति ने कहा मैंने कुछ नहीं किया

दरअसल, राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जब राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह का नाम आया तो सदन में मौजूद सभी सांसद ठहाके लगाने लगे। इस पर सभापति ने कहा कि मैंने कुछ नया नहीं किया है, जो सूची में था मैंने उसी के हिसाब से नाम लिया है।

सिंधिया ने की मोदी की तारीफ, दिग्विजय बोले- वाह महाराज वाह

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना महामारी को लेकर अपने स्पीच के दौरान मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। इसी दौरान दिग्विजय और सिंधिया के बीच मजेदार संवाद हुआ है। जहां सिंधिया के स्पीच खत्म होते ही दिग्विजय सिंह की बारी आई।

दिग्विजय ने सिंधिया को बधाई देते हुए कहा कि मैं आपको बधाई देता हूं कि यूपीए सरकार के दौरान भी सदन में आप इतनी ही मजबूती के साथ पक्ष रखते थे। अब बीजेपी में भी उतनी मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं। वाह जी महाराज वाह। इस पर सिंधिया ने उनके सामने हाथ जोड़ लिए और मुस्कुराते हुए कहा कि आपका ही आशीर्वाद है। दिग्विजय ने कहा, हमारा आशीर्वाद आपके साथ है और हमेशा बना रहेगा। इसी बात पर सिंधिया ने बस इसी बात पर सदन में जमकर ठहाके लगे।

दोनों रहें एक-दूसरे के विरोधी

बता दें कि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक समय कांग्रेस में रहते हुए भी साथ नहीं रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी हावी शुरू से ही रही है। क्योंकि वह एमपी की राजनीति में पावर के दो केंद्र रहे हैं। जो दिग्विजय और सिंधिया एक-दूसरे को मात देने में लगे रहते थे। दोनों ही राजा-महाराजा परिवार से आते हैं, इसलिए उनका अपना-अपना गढ़ है। कुछ राजनीतिज्ञ जानकारों का कहना है कि इसी वजह से मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों से कांग्रेस सत्ता में नहीं रह पाई।

किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा का कामकाज लगातार तीसरे दिन ठप्प रहा,हंगामे के बीच लोकसभा में आधे घंटे चला शून्यकाल attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी । किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के निरंतर हंगामे के कारण संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित होने के बाद आधे घंटे के लिए शून्यकाल चला।

चार बार के स्थगन के बाद रात साढ़े आठ बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते हुए शून्यकाल शुरू कर दिया।

लोकसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित

किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के अनवरत हंगामे के कारण संसद के बजट सत्र में लोकसभा का आज लगातार तीसरे दिन कामकाज ठप्प रहा और सदन की कार्यवाही चौथी बार डेढ़ घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।

तीन बार के स्थगन के बाद शाम सात बजे कार्यवाही शुरू होते विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सदन की मर्यादा एवं शोभा सदस्यों के बैठने एवं चर्चा करने से होती है। आप सभी बड़े परिश्रम से चुनकर आये हैं। आप सब जो भी कहना चाहें, कहें। सरकार पूरी बात सुनने को तैयार है।

इसके बावजूद नारेबाजी होती रही। इसे देखते हुए श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही साढ़े आठ बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

इससे पहले दो बार के स्थगन के बाद छह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और शोरशराबा जारी रहा जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही सात बजे तक स्थगित कर दी।

सायं काल तक स्थगित:

लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण तीसरे दिन आज लगातार तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी।

दो बार के स्थगन के बाद छह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और शोरशराबा जारी रहा जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही सात बजे तक स्थगित कर दी।

इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद पांच बजे सभापति मीनाक्षी लेखी ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाने के बाद कार्यवाही आरंभ की लेकिन हंगामा बढता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित की।

हंगामे के कारण लोकसभा में शून्यकाल भी नहीं चला

लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण लगातार तीसरे दिन ना प्रश्नकाल चल पाया और ना ही शून्यकाल।

एक बार के स्थगन के बाद पांच बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये।

पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाए और सदन को चलाने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा इससे ज्यादा हो गया जिसे देखते हुए श्रीमती लेखी ने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित कर दी।

इससे पहले अपराह्न चार बजे विपक्षी सदस्य कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामें के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और भाजपा के रमेश बिधूड़ी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा।

नारेबाजी और शोरशराबे के बीच ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिये। दिव्यांगों की सुविधा से जुड़े प्रश्न उठाने वाले श्री बिधूड़ी ने विपक्षी सदस्यों को उलाहना देते हुए कहा कि वे दिव्यांगों के हित के सवाल उठाने दें और सदन को बाधित नहीं करें।

सदन में जब नारेबाजी तथा हंगामा नहीं थमा तो श्री बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने कहा कि प्रश्नकाल विपक्ष के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें जनता के हित के विषयों पर सरकार जवाब देती है। इसलिए प्रश्नकाल बाधित नहीं करना चाहिए। लेकिन इसका विपक्षी सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

WHO की विशेषज्ञ टीम में शामिल रूस के व्लादिमीर देवकोव को नहीं मिला चीन के वुहान शहर में कोरोनावायरस के उद्गम स्थल का कोई प्रमाण attacknews.in

बीजिंग 04 फरवरी (स्पूतनिक) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ टीम में शामिल रूस के व्लादिमीर डेडकोव ने कहा है कि वुहान के सीफुड बाजार में कोरोना के फैलने के सभी स्थितियां मौजूद है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वायरस का उदगम यहीं हुआ है।

वुहान का हुआनन बाजार कोरोना महामारी के फैलने के बाद एक जनवरी 2020 को बंद कर दिया गया था। इस बाजार में सब्जी के साथ समुद्री और अलग-अलग प्रकार का मांस बेचा जाता है। कोरोना से शुरू में संक्रमित होने वाले लोग भी इस बाजार में काम करते थे। वैज्ञानिक हालांकि अभी भी कोराेना वायरस के प्रसार में पाई गई भूमिका के बारे में एक स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।

शायद ही कोई कर सकता है कि डब्ल्यूआईवी से लीक की कल्पना: देवकोव

इधर चीन के दौरा पर आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम में शामिल रूसी विशेषज्ञ व्लादिमीर देवकोव ने कहा है कि चीन के वुहान स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में सभी चीजें अच्छी तरह से व्यवस्थित हैं तथा शायद ही कोई इस संस्थान से लीक की कल्पना कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस (कोविड-19) का पहला मामला वुहान में ही सामने आया था और इस संक्रमण के फैलने की वजहों का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की एक टीम 14 जनवरी से चीन के दौरे पर है।

श्री देवकोव ने कहा, “बेशक, हमारे मिशन के लिए इस केंद्र का दौरा करना, हमारे सहयोगियों से बात करना और यह देखना जरूरी था कि वहां सब कुछ कैसे व्यवस्थित है। यह सुव्यवस्थित है। मुझे नहीं पता कि किसने इसकी आलोचना की, प्रयोगशाला पूरी तरह से सुसज्जित है, मेरे लिए यह कल्पना करना कठिन है कि वहां से कुछ लीक हो सकता है।”

म्यामां में तख्तापलट के बाद लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता आंग सान सू ची का अब तक कोई पता नहीं और सेना ने कई आरोप लगाकर15 फरवरी तक हिरासत की जानकारी attacknews.in

नेप्यीताॅ, 04 फरवरी । म्यांमार की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता आंग सान सू ची पर बुधवार को पुलिस ने कई आरोप लगाये और उन्हें 15 फरवरी तक हिरासत में ले लिया।

सुश्री सू ची पर आयात और निर्यात कानूनों को तोड़ने और गैरकानूनी ढंग से संचार उपकरण रखने का आरोप लगाया गया है। उनके घर से कथित तौर पर अवैध रूप से आयात किये गये वॉकी-टॉकी बरामद किये गये हैं।

सूत्रों के अनुसार सुश्री सू ची काे कहां ले जाया गया है, उसका अब तक पता नहीं चल सका है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्हें नेप्यीतॉ स्थित उनके निवास स्थान पर रखा गया है।

सूत्रों ने बताया कि सुश्री सू ची के साथ राष्ट्रपति विन म्यिंट पर भी कोविड-19 महामारी के दौरान सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है और उन्हें दो सप्ताह के लिए हिरासत में भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि एक फरवरी को सेना द्वारा तख्तापलट के बाद से न तो राष्ट्रपति और न ही सुश्री सू ची सामने आयी हैं।

सेना ने आठ नवंबर को हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सत्ता को अपने हाथ में लेने के जनवरी माह में ही संकेत दे दिए थे। इस चुनाव में सुश्री सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने चुनाव जीता था। सेना ने सुश्री सू ची, श्री म्यिंट और देश की सत्ताधारी पार्टी के कुछ सदस्यों को तख्तापलट के दौरान हिरासत में लिया था।

दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 फरवरी । दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन की आड़ में देश को बदनाम करने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की जांच के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आंदोलन को समर्थन देने के लिए ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की।

दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि प्राथमिकी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत ‘आपराधिक साजिश’ और ‘विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने’ के प्रयास के तहत मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को राजधानी में हुई हिंसा की योजना के बारे में सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताया गया है।

भारत की पाकिस्तान।को दो टूक:बातचीत करना है तो पहले बनाये चर्चा के लिए अनुकूल माहौल attacknews.in

नयी दिल्ली 04 फरवरी । भारत ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा केे बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि भारत भी पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध चाहता है लेकिन यह संबंध हिंसा एवं आतंक के वातावरण से मुक्त होने चाहिए और यह माहौल बनाना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, “हमारा पक्ष सर्वविदित है। भारत पाकिस्तान से सामान्य पड़ोसी देशों वाले संबंध रखने का इच्छुक है जो हिंसा, शत्रुता एवं आतंकवाद से मुक्त वातावरण में हो। ऐसा वातावरण बनाने का जिम्मा पाकिस्तान का है।”

भारत द्वारा पाकिस्तान की ओर से कोविड के टीके का अनुरोध प्राप्त होने पर उसे यह टीका उपलब्ध कराने अथवा नहीं कराने के बारे में पूछे जाने पर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान की ओर से ऐसे किसी अनुरोध की कोई जानकारी नहीं है।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने मंगलवार को खैबर-पख्तूनख्वा के रिसालपुर में पाकिस्तान वायु सेना के असगर खान अकादमी में स्नातक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान और भारत को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप गरिमापूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश में महोबा जिले के खरेला क्षेत्र  में 82 साल की बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक बलात्कार attacknews.in

महोबा 04 फरवरी । उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के खरेला क्षेत्र में एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।

अपर पुलिस अधीक्षक आरके गौतम ने गुरूवार को बताया कि खरेला कस्बे में बुजुर्ग महिला अपनी नातिन के साथ रहती थी। कल रात गांव में ही आयोजित कार्यक्रम में नातिन के चले जाने के कारण वह घर मे अकेली थी कि देर रात मकान की दीवार फांद कर दो बदमाश लूटपाट के इरादे से उसके घर मे घुसे। धन संपदा की पूछताछ करते हुए महिला के साथ बदमाशो ने पहले बुरी तरह मारपीट की तथा बाद में दरिंदगी दिखाते हुए उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान वृद्धा की पौत्री को घर वापस आते देख बदमाश भाग निकले।

1998 में मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह शासन ने 28 किसानों को गोली मार दी थी, तब कोई भी कांग्रेसी वहां पर नहीं गया था अब कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है attacknews.in

हरिद्वार 04 फरवरी । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को इंतजार रहता है कि देश में किसी की मौत हो और वह उस पर राजनीति करें।

श्री हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी वह पार्टी है जिसकी 1998 में मध्यप्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार ने 28 किसानों को गोली मार दी थी, तब कोई भी कांग्रेसी वहां पर नहीं गया था।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में कई किसानों के बेटे हैं जो 26 जनवरी की हिंसा में घायल हुए हैं, कई की रीड की हड्डी तक टूट गई है और वह पुलिसकर्मी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हें पूछने तक नहीं जा रही है, केवल पब्लिसिटी के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एक जगह गयी हैं।

हरिद्वार में आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में बजट के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए खजाना खुला हुआ है। इस बार हरिद्वार में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन किया जाएगा और सभी कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। कुंभ मेले के आयोजन में किसी भी तरह की धन की कमी नहीं होने दी जाएगी

किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत संग कांग्रेसियो के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा मिली दिल्ली की ट्रैक्टर परेड हिंसा में मृतक किसान नवरीत सिंह के परिजनों से

इधर रामपुर ( उत्तरप्रदेश) में दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह के शांति पाठ में भाग लेने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची।

श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया। इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।

कृषि कानून की वापसी तक किसान आंदोलन को समर्थन: प्रियंका

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शिरकत करने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लेना और किसानो को आतंकवादी कहना केन्द्र सरकार के जुल्म की पराकाष्ठा है और उनकी पार्टी काले कानून की वापसी तक किसानो के आंदोलन का साथ देगी।

श्रीमती वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची और मृतक किसान की संगत कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वह नवरीत की मां और अन्य परिजनो से मिली और उन्हे ढाढस बंधाया।

मंच से श्रद्धालुओं और परिजनों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा “ 25 साल का नवरीत सिंह किसी राजनीतिक साजिश के तहत नहीं बल्कि किसानों के दुख दर्द के कारण दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गया था। गुरु गोविंद सिंह जी का कहना है कि जुल्म करना पाप है तो जुल्म को सहना उससे बड़ा पाप है। सरकार द्वारा कृषि कानून वापस नहीं लेना बहुत बड़ा जुल्म है,इससे भी बड़ा जुल्म वह है जो किसानों, शहीदों को यह आतंकवादी कहते हैं। अगर किसानों, देशवासियों की परेशानियों को नेता नहीं समझ सकते तो वह नेता किसी काम के नहीं हैं। ”

उन्होने कहा “ मृतक के परिवार साथ पूरा देश खड़ा है। आप अकेले नहीं हैं यह हमारी लड़ाई है। नवरीत की शहादत को व्यर्थ नहीं होने देंगे। इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक तीनों काले कानून वापिस नहीं हो जाते।”

श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया।

इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।

कांग्रेस महासचिव के औचक दौरे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और खुफिया विभाग चौकन्ना हो गया था। श्रीमती वाड्रा के काफिले को निर्विघ्न कार्यक्रम स्थल तक जाने दिया गया। हालांकि इस दौरान मुरादाबाद से रामपुर तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानो ने कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान हुयी भगदड़ और हिंसा में नवरीत सिंह की मृत्यु हो गयी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा था कि किसान की मौत चोट लगने की वजह से हुयी है।

नरेन्द्र मोदी ने चौरी-चौरा कांड के शताब्दी समारोह के संबोधन मेंआरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था attacknews.in

गोरखपुर 04 फरवरी । स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा प्रदान करने वाले चौरा चौरा कांड के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिये जीने का संकल्प लेकर ही रणबांकुरों के बलिदान को नमन किया जा सकता है।

श्री मोदी ने गुरूवार को चौरा-चौरा कांड के शताब्दी वर्ष समारोह का वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये शुभारंभ करते हुये कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान ऐसी बहुत कम घटनाये होंगी जब एक साथ 19 लोगों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी हो। इन शहीदों को इतिहास के पन्नो में उचित स्थान नहीं दिया गया लेकिन इन वीर रणबांकुरों ने आजादी लड़ाई को नई दिशा प्रदान कर दी थी।

प्रधानमंत्री ने चौरा चौरा महोत्सव के अवसर पर पांच रूपये के एक डाक टिकट को भी जारी किया। इस अवसर पर चौरा चौरा चौरीचौरा थीम सांग की प्रस्तुति की गई जबकि सूचना विभाग ने चौरीचौरा कांड पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

महामना मदन मोहन मालवीय और बाबा राघवदास को याद करते हुये श्री मोदी ने कहा कि चौरा-चौरा की घटना से बौखलायी गोरी हुकूमत ने हालांकि 172 लोगों को फांसी देने की योजना बनायी थी लेकिन महामना और बाबा राघव दास के प्रयास से करीब 150 लोगों की फांसी की सजा टाल दी गयी। चौरीचौरा की पवित्र भूमि पर वीर शहीदों को याद करने के लिये शताब्दी वर्ष महोत्सव का यह आयोजन और महत्वपूर्ण बन गया है जब देश आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

उन्होने कहा कि कोरोना काल में भारत में बनी वैक्सीन की दुनिया के कई देशों में मांग है। दुनिया के दिग्गज देशों के मुकाबले भारत ने टीकाकरण की रफ्तार कहीं ज्यादा है। कोरोना काल में भारत ने 150 से अधिक देशों के नागरिकों को दवाई भेजी। विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके वतन पहुंचाने में मदद की। दुनिया में भारत को इस भूमिका में देख स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस हो रहा होगा।

श्री मोदी ने कहा कि हाल ही में संसद में पेश बजट के बारे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि कोरोना काल की कठिन चुनौती से निपटने के लिये सरकार कर का बोझ आम नागरिकों पर डालेगी मगर देश वासियों पर कोई बोझ नहीं डाला गया बल्कि चुनौतियों के समाधान के लिये यह बजट तेजी प्रदान करेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की व्यवस्था बजट में की गयी है। निर्माण क्षेत्र की मजबूती,रोजगार के साधन और किसानो को समृद्ध बनाने में बजट महती भूमिका निभायेगा।

उन्होने कहा कि दशकों से बजट का मतलब सिर्फ घोषणा रह गया था जिसे पूरा नहीं किया जाता था। बजट को हिसाब किताब का बही खाता बना दिया गया था लेकिन अब सोच और अप्रोच बदल दिया गया है। विश्वास की जो यात्रा हमने ने शुरू की है वह नए भारत के निर्माण के साथ पूरी करेंगे।

वोट बैंक का बहीखाता होते थे पिछली सरकारों के बजट : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2021-22 के आम बजट को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां सामने आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देगा।”

उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, “दशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना ही रह गया था कि किसके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई। बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता बना दिया गया था।”

मोदी ने यह भी आरोप लगाया, “पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो वह पूरी ही नहीं कर पाती थीं। मगर अब देश ने वह सोच बदल दी है, अप्रोच बदल दी है।”

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद में पेश बजट को देश को तरक्‍की के रास्‍ते पर लाने के ‘भगीरथ प्रयासों’ से जोड़ते हुए कहा, ‘‘इन भगीरथ प्रयासों की एक झलक हमें इस बार के बजट में भी दिखाई देती है। कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देने वाला है। बजट से पहले कई दिग्गज यह कह रहे थे कि देश ने इतने बड़े संकट का सामना किया है इसलिए सरकार को कर बढ़ाना ही पड़ेगा। देश के आम नागरिक पर बोझ डालना ही होगा। नए-नए कर लगाने ही पड़ेंगे लेकिन इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला किया।’’

उन्‍होंने कहा, ‘‘यह खर्च देश में चौड़ी सड़कें बनाने के लिए हुआ है। यह खर्च आपके गांव को शहरों, बाजार और मंडियों से जोड़ने के लिए होगा। इस खर्च में पुल बनेंगे, रेल की पटरी बिछाई जाएंगी, नई रेल चलेंगी, नई बसें भी चलाई जाएंगी। पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था अच्छी हो, हमारे युवाओं को ज्यादा अच्छे अवसर मिलें, इसके लिए भी बजट में अनेक फैसले लिए गए हैं। इन सब कामों के लिए काम करने वालों की भी तो जरूरत पड़ेगी। जब सरकार निर्माण पर ज्यादा खर्च करेगी तो देश के लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा, आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अब देश का प्रयास है कि हर गांव-कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरह भागना न पड़े। इतना ही नहीं शहरों में भी अस्पतालों में इलाज कराने में तकलीफ ना हो इसके लिए भी बड़े फैसले लिए गए हैं। अभी तक आपको अगर कोई बड़ा टेस्ट या चेकअप कराना होता है तो आपको अपने गांव से निकलकर गोरखपुर जाना पड़ता है, या फिर कई बार आप बनारस या लखनऊ तक चले जाते हैं। अब सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी, जिले में ही चेकअप की व्यवस्था होगी और इसलिए देश ने बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी पहले से काफी ज्यादा खर्च की व्यवस्था की है।’’

प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा ‘‘हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान भी रहा है। चौरी चौरा के संग्राम में तो किसानों की बहुत बड़ी भूमिका थी। किसान आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए पिछले छह सालों में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं इसका परिणाम देश ने कोरोना काल में देखा भी है।’’

उन्‍होंने कहा, ‘‘हमारा किसान अगर और सशक्त होगा तो कृषि क्षेत्र में प्रगति और तेज होगी। इसके लिए इस बजट में कई कदम उठाए गए हैं। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। यानी मंडी में जब किसान अपनी फसल बेचने जाएगा तो उसे और आसानी हो जाएगी। वह अपने फसल कहीं भी बेच सकेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्राट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसका भी सीधा लाभ किसानों को होगा। ये सब फैसले हमारे किसान को आत्‍मनिर्भर बनाएंगे, खेती को लाभकर बनाएंगे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘उत्‍तर प्रदेश में सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के शुरुआत की है। इसके तहत गांवों की जमीनों, गांव के घरों का कागज गांव के लोगों को दिया जा रहा है। जब उनके पास अपनी जमीन और घर के सही कागज होंगे तो उनका मूल्य तो बढ़ेगा ही, साथ ही बैंकों से आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा। गांव के लोगों के घर और जमीन पर कोई अपनी बुरी दृष्टि भी नहीं डाल पाएगा। इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों और गरीब परिवारों को होगा’’

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस मौके पर कहा कि चौरी चौरा की इस घटना ने देश के स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा भी दी थी। चौरी चौरा के इस शताब्दी महोत्सव को ध्यान में रखते हुए आज प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों और शहीद स्थलों पर 1857 से लेकर 1947 के बीच और देश की स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए भारत माता के जो भी सपूत शहीद हुए हैं, उन सभी को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आज प्रदेश सरकार द्वारा पूरे राज्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में इस तरह के आयोजन शुरू हो रहे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा प्रधानमंत्री की प्रेरणा से यह शताब्दी महोत्सव आयोजित करने का निर्णय उनकी सरकार ने लिया। चौरा चौरा की घटना ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी थी। चार फरवरी 1922 को स्वाधीनता संघर्ष में यहां पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में पुलिस की गोली से तीन सेनानी शहीद हुए थे। उसके बाद 228 पर ब्रिटिश हुकुमत ने मुकदमा चलाया था जिनमें 225 को सजा दी गई थी।

उन्होने कहा कि 1857 में आजादी की पहली लड़ाई से स्वतंत्रता प्राप्ति तक एवं उसके बाद देश की रक्षा में शहीद हुये वीर शहीदों सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हर स्मारक पर पुलिस बैंड, दीपोत्सव व राष्ट्रभक्ति गीतों के गायन का आयोजन होगा। विद्यालयों में तरह तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इससे पहले श्री योगी ने शहीद स्मारक स्थल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत संग कांग्रेसियो के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा मिली दिल्ली की ट्रैक्टर परेड हिंसा में मृतक किसान नवरीत सिंह के परिजनों से attacknews.in

रामपुर 04 फरवरी । दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह के शांति पाठ में भाग लेने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची।

श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया। इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।

कृषि कानून की वापसी तक किसान आंदोलन को समर्थन: प्रियंका

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शिरकत करने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लेना और किसानो को आतंकवादी कहना केन्द्र सरकार के जुल्म की पराकाष्ठा है और उनकी पार्टी काले कानून की वापसी तक किसानो के आंदोलन का साथ देगी।

श्रीमती वाड्रा गुरूवार को रामपुर में बिलासपुर क्षेत्र के डिबडिबा गांव पहुंची और मृतक किसान की संगत कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वह नवरीत की मां और अन्य परिजनो से मिली और उन्हे ढाढस बंधाया।

मंच से श्रद्धालुओं और परिजनों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा “ 25 साल का नवरीत सिंह किसी राजनीतिक साजिश के तहत नहीं बल्कि किसानों के दुख दर्द के कारण दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गया था। गुरु गोविंद सिंह जी का कहना है कि जुल्म करना पाप है तो जुल्म को सहना उससे बड़ा पाप है। सरकार द्वारा कृषि कानून वापस नहीं लेना बहुत बड़ा जुल्म है,इससे भी बड़ा जुल्म वह है जो किसानों, शहीदों को यह आतंकवादी कहते हैं। अगर किसानों, देशवासियों की परेशानियों को नेता नहीं समझ सकते तो वह नेता किसी काम के नहीं हैं। ”

उन्होने कहा “ मृतक के परिवार साथ पूरा देश खड़ा है। आप अकेले नहीं हैं यह हमारी लड़ाई है। नवरीत की शहादत को व्यर्थ नहीं होने देंगे। इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक तीनों काले कानून वापिस नहीं हो जाते।”

श्रीमती वाड्रा के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। कांग्रेसी नेता ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उन्हे ढाढस बंधाया।

इस मौके पर पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे।

कांग्रेस महासचिव के औचक दौरे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और खुफिया विभाग चौकन्ना हो गया था। श्रीमती वाड्रा के काफिले को निर्विघ्न कार्यक्रम स्थल तक जाने दिया गया। हालांकि इस दौरान मुरादाबाद से रामपुर तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानो ने कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान हुयी भगदड़ और हिंसा में नवरीत सिंह की मृत्यु हो गयी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा था कि किसान की मौत चोट लगने की वजह से हुयी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच हुए बिना गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसा की सुनवाई की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए याचिककर्ता वकील को फटकार लगाई attacknews.in

नयी दिल्ली, चार फरवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित चूक की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप याचिका वापस लेंगे या वह जुर्माना लगाकर इसे खारिज करें ।

अदालत ने याचिकाकर्ता एंव वकील विवेक नारायण शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के ठीक बाद ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी क्योंकि इसे 29 जनवरी को दायर किया गया है।

पीठ ने वकील से पूछा, ‘‘ आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है? आप एक वकील हैं। बताएं जांच के लिए कितना समय दिया गया है?’’

उसने कहा, ‘‘ आप चाहते हैं कि घटना के दो दिन के भीतर ही जांच पूरी हो जाए? क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी है, जिसे घुमाते ही सब कुछ हो जाएगा? हम दंड लगाकर इसे खारिज करें या आप इसे वापस ले रहे हैं?’’

इसके बाद शर्मा ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों की ओर से दायर की गई याचिका को वापस ले लेंगे।

याचिका में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, ‘‘ अनुमति दी जाती है। याचिका अब खारिज हो गई है क्योंकि उसे वापस ले लिया गया है।’’

सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि हिंसा के संबंध में 43 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनमें से 13 दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) को स्थनांतरित कर दी गई है।

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी और लाल किले पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया गया था