राकेश टिकैत का 2 अक्टूबर तक किसान आंदोलन करने का एलान,इसके बाद आगे की योजना बनाएंगें attacknews.in

नयी दिल्ली 06 फरवरी । किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को अक्टूबर तक किसान आंदोलन चलाने की घोषणा की ।

श्री टिकैत ने गाजीपुर सीमा पर संवाददाताओं से कहा कि कृषि सुधार कानूनों और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर दो अक्टूबर तक आंदोलन चलेगा ।

टिकैत ने शनिवार को ऐलान किया कि वे 2 अक्टूबर तक गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे।

कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग के साथ किसान पिछले 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा (गाजीपुर बॉर्डर) पर राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन कर रहे हैं।

इससे पहले भी राकेश टिकैत कई बार कह चुके हैं कि किसान की घर वापसी तब होगी, जब तीनों कानून को केंद्र सरकार रद्द करेगी।

राकेश टिकैत ने गाजीपुर में आज कहा, “हमने सरकार को इन कानूनों को खत्म करने के लिए 2 अक्टबूर तक का समय दिया है. इसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे. हम दबाव में रहकर सरकार के साथ बातचीत नहीं करेंगे.” उन्होंने यह भी मांग की कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए सरकार कानून बनाए।

किसान संगठनों ने प्रदर्शन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद करने, अधिकारियों द्वारा किसानों का कथित उत्पीड़न किए जाने के खिलाफ और अन्य मुद्दों को लेकर देशभर में शनिवार को तीन घंटे के लिए ‘चक्का जाम’ किया. चक्का जाम दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक तीन घंटे के लिए रहा. इस दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बंद नहीं करने का फैसला लिया गया था।

दो महीने से जारी है प्रदर्शन

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से के हजारों किसान 70 से अधिक दिनों (26 नवंबर, 2020) से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं (सिंघू, गाजीपुर, टिकरी और अन्य बॉर्डर) पर प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले साल सितंबर में लाए गए तीन कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बता रही है और दावा है कि इससे बिचौलिए खत्म होंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी फसल बेच पाएंगे।

वहीं किसान अपनी दो मुख्य मांगों- तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी बनाने की मांग के साथ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि ये कानून MSP को खत्म करने का रास्ता है और उन्हें मंडियों से दूर कर दिया जाएगा. साथ ही किसानों को बड़े कॉरपोरेट्स के रहमोकरम पर छोड़ दिया जाएगा. सरकार लगातार कह रही है कि एमएसपी और मंडी सिस्टम बनी रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है.

क्या हैं तीनों कृषि कानून

केंद्र सरकार पिछले साल सितंबर में कृषि क्षेत्र में सुधार का हवाला देते हुए संसद से कानून बनाया था-

पहला, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020. सरकार का दावा है कि किसान इस कानून के जरिए अब एपीएमसी मंडियों के बाहर भी अपनी उपज को ऊंचे दामों पर बेच पाएंगे। निजी खरीदारों से बेहतर दाम प्राप्त कर पाएंगे. लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि सरकार इस कानून के जरिए मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है.

दूसरा कानून है- कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020. सरकार के मुताबिक, इसके जरिए वो किसानों और निजी कंपनियों के बीच में समझौते वाली खेती का रास्ता खोल रही है. इसे सामान्य भाषा में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कहते है. हालांकि प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि इसके जरिए किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने की शुरुआत होगी और कर्जदार बनाकर किसानों की जमीन चली जाएगी।

तीसरा कृषि कानून है- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020. इस कानून के जरिए उपज जुटाने की सीमा में कई अन्य चीजों को शामिल किया गया है, जिस पर स्टॉक नियंत्रण नहीं रहेगा. सरकार ने संशोधन कर दलहन, तिलहन, खाने के तेलों, जैसी चीजों के स्टॉक को नियंत्रण के दायरे से बाहर कर दिया गया है. किसानों का आरोप है कि इससे जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी।

भारत केवल 21 दिनों में सबसे तेजी से 50 लाख लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बना;अमेरिका ने 24, ब्रिटेन और इजराइल ने 45 दिनों में यह कामयाबी हासिल की attacknews.in

नयी दिल्ली, 06 फरवरी । भारत ने केवल 21 दिनों में 50 लाख लोगों का कोरोना टीकाकरण कर सबसे तेजी से यह उपलब्धि हासिल करने वाले देशों में सुमार हो गया है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि भारत के बाद अमेरिका ने 24 दिनों में आैर ब्रिटेन और इजराइल ने 45 दिनों में 50 लाख लोगों को टीकाकरण करने में यह कामयाबी हासिल की थी।

मंत्रालय के मुताबिक भारत ने कोरोना के कुल परीक्षण के मामले में भी एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया है। देश में आज तक कोराना परीक्षण का 20 करोड़ से पार पहुंच गया, जिसमें पिछले 24 घंटों के दौरान 7,40,794 नमूनों का परीक्षण किया गया है। देश भर में 1214 सरकारी और 1155 निजी प्रयोगशालाओं समेत कुल 2369 जांच प्रयोगशालाओं से रोजना इसके परीक्षण की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।

मंत्रालय ने बताया कि देश में सक्रिय मामले डेढ़ लाख से भी कम हो गए हैं जो आठ महीनों में सबसे कम है। अब तक 54 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया है। देश में संक्रमण दर अब 1.37 प्रतिशत है।

किसान संगठनों के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का नेतृत्व देशभर में कांग्रेस पार्टी और वाम दलों ने किया,पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश में रहा मिलाजुला असर attacknews.in

नयी दिल्ली 06 फरवरी । तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर शनिवार को किसानों के तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का मिलाजुला असर रहा तथा इस दौरान बड़ी संख्या में आंदोलनकारी हिरासत में लिये गये।

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चक्का जाम का प्रभावी असर दिखाई दिया जबकि अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इसका मिलाजुला असर दिखाई दिया। पंजाब और हरियाणा में अनेक स्थानों पर बंद का व्यापक असर देखा गया।

कर्नाटक में प्रस्तावित समय से पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर रहे बड़ी संख्या में किसानों एवं वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कई स्थानों पर आंदोलनकारियों ने राजमार्गाें के बीच में ही खाना पकाने के लिए सड़क के बीचोबीच आग जला ली थी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहले फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा के जन्मस्थान पर संग्रहालय के उद्घाटन और तला कावेरी के दौरा को देखते हुए कर्नाटक के कोडागु जिले में चक्का जाम को वापस ले लिया गया था।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) और किसान संघर्ष समिति (केएसएस) के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों का समर्थन करते हुए चक्का जाम किया। पुलिस ने एसएसएस के अध्यक्ष राजू शेट्टी को हिरासत में ले लिया।

कोल्हापुर के मुख्य बस अड्डा के समीप दाभोलकर कॉर्नर में आंदोलनकारी एकत्र हुए और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। सड़क के दोनों तरफ आंदोलन करने वालों ने रास्ता रोक दिया। इस दौरान श्री शेट्टी और अन्य नेताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाये और कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। बाद में हालांकि पुलिस ने श्री शेट्टी समेत अन्य नेताओं को छोड़ दिया।

पुड्डुचेरी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े किसानों ने अन्ना चौराहे के पास सड़क जाम किया तथा यातायात को बाधित किया। इस दौरान पुलिस ने 25 आंदोलनकारी को हिरासत में ले लिया।

पंजाब में विभिन्न किसान संगठनों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गाें पर 70 से अधिक स्थानों पर सड़क जाम किया। किसानों ने अमृतसर, लुधियाना, संगरूर, बठिंडा, मोहाली, पठानकोट, गुरदासपुर, नकोदर, फिरोजपुर, रोपड़ और होशियारपुर में राजमार्गाें को जाम कर यातायात बाधित किया।

इस बीच किसान संगठनों ने आज के चक्का जाम हड़ताल को सफल बताया। बंद का आह्वान 12 बजे से तीन बजे तक किया गया था। इस दौरान एक्सप्रेस वे पर वाहनों को लंबी कतारें लग गई लेकिन एम्बुलेंस को आने जाने दिया गया। कुछ स्थानों पर लोगों को खाने पीने का भी प्रबंध किया गया था।

इस आंदोलन में दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को शामिल नहीं किया गया था। चक्का जाम आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे और कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था।

गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन पिछले 70 दिन से अधिक से आंदोलन कर रहे हैं।

कृषि कानूनों के विरोध में मध्यप्रदेश में भी किसानों का चक्काजाम

भोपाल,से खबर है कि,कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच किसानों के साथ कांग्रेस नेताओं ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया।

राजधानी भोपाल के परवलिया स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांग्रेस नेताओं ने किसानों के समर्थन में चक्काजाम किया। इसके अलावा बैरसिया और नजीराबाद में भी प्रदर्शन कर चक्काजाम किया गया और केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गयी। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित हुआ, हालांकि बाद में पुलिस की समझाइश के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।

राजधानी भोपाल के अलावा जबलपुर में भी किसानों के समर्थन में चकाजाम किया गया। वहां कृषि कानूनों के विरोध में खजरी-खिरिया चौक पर चकाजाम किया गया। दो घंटे चले चकाजाम के कारण वायपास पर यातायात पूरी तहर से ठप रहा। इस दौरान किसानो ने अपनी मांग के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। चकाजाम संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किया गया, जिसमें विभिन्न किसान संगठनों के लोग भी शामिल हुए।

उधर, सतना में किसानो के चकाजाम का आंशिक असर दिखा। जिले के अमरपाटन, रामनगर, उचेहरा, मैहर और सतना शहर के कुछ मार्गो पर किसान और कांग्रेस नेताओं ने धरना देकर थोड़े समय के लिये आवागमन को रोक दिया। वहां किसानो का चकाजाम शांतिपूर्ण रहा और कहीं भी किसी तरह की अप्रिय स्थिति का सामना नही करना पड़ा।

इसके अलावा शिवपुरी के निकट ग्राम परोड़ा के पास दोपहर ग्वालियर देवास फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर कृषि कानून के विरोध में जाम लगाया गया। हालांकि किसानों की संख्या कम थी, लेकिन फिर भी कुछ देर के लिए वाहन दोनों तरफ रुके रहे। पुलिस द्वारा मौके पर जाकर किसानों को समझाया, जिसके बाद उनके द्वारा जाम खोल दिया गया। वहीं, ग्वालियर, सागर, रीवा, उज्जैन सहित अन्य स्थानों पर भी किसानों के समर्थन में चकाजाम किया गया।

बिहार में नहीं दिखा चक्का जाम का असर

पटना से खबर है कि ,किसान आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का बिहार में कोई खास असर नहीं दिखा ।

राज्य के कुछ हिस्सों में विपक्षी दलों की ओर से थोड़े समय के लिए चक्का जाम किया गया और इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई । पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास जन अधिकार पार्टी (जाप) और नौबतपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के कार्यकर्ताओं ने कुछ देर के लिए सड़क जाम किया ।

इसी तरह भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद और पूर्णिया समेत कुछ अन्य जिलों में भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर किसानों के समर्थन में नारेबाजी की । बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा के कारण विपक्षी दलों ने चक्का जाम का सिर्फ नैतिक समर्थन दिए जाने की घोषणा की थी ।

कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन गुटबाजी का हुआ शिकार

बड़वानी, से खबर है कि, केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में बुलाए गए चक्का जाम में मध्यप्रदेश के बड़वानी के कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी स्पष्ट रूप उभर कर सामने आ गयी।

बड़वानी जिला मुख्यालय के बाहरी हिस्से में स्थित खंडवा-वड़ोदरा राजमार्ग पर आज चक्काजाम को लेकर बड़वानी जिले के कांग्रेस नेता दो गुटों में विभाजित हो गए। जहां पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन और अन्य विधायकों का गुट सभा स्थल पर ही बना रहा, तो दूसरी ओर पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुखलाल परमार का गुट खंडवा बड़ोदरा राजमार्ग पर जाकर बैठ गया। इसी दौरान बड़वानी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्र दरबार द्वारा खंडवा बड़ोदरा रोड पर बैठे लोगों के कांग्रेसी नहीं होने की टिप्पणी कर दिए जाने पर विरोध के स्वर तीखे हो गए।

बिहार में नहीं दिखा चक्का जाम का असर

पटना से खबर है कि ,किसान आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का बिहार में कोई खास असर नहीं दिखा ।

राज्य के कुछ हिस्सों में विपक्षी दलों की ओर से थोड़े समय के लिए चक्का जाम किया गया और इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई । पटना सिटी के टोल प्लाजा के पास जन अधिकार पार्टी (जाप) और नौबतपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के कार्यकर्ताओं ने कुछ देर के लिए सड़क जाम किया ।

इसी तरह भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद और पूर्णिया समेत कुछ अन्य जिलों में भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर किसानों के समर्थन में नारेबाजी की । बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा के कारण विपक्षी दलों ने चक्का जाम का सिर्फ नैतिक समर्थन दिए जाने की घोषणा की थी ।

राजस्थान में कई स्थानों पर दोपहर बारह से अपराह्न तीन बजे तक रहा चक्का जाम

जयपुर से खबर है कि , नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों के चक्काजाम के आह्वान के तहत आज राजस्थान में विभिन्न राजमार्गों पर दोपहर बारह से अपराह्न तीन बजे तक चक्का जाम किया गया।

प्रदेश में चक्का जाम को सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस ने भी पूरा समर्थन दिया है और जयपुर सहित विभिन्न जिलों में किसानों के साथ कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी सड़कों पर आकर चक्का जाम में भाग लिया। इस दौरान सीकर रोड़, आगरा रोड़, दिल्ली रोड़, अजमेर रोड़ और टोंक रोड़ पर चक्का जाम किया गया जिससे मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई है।

जयपुर-अजमेर रोड़ पर भांकरोटा चौराहे पर चक्काजाम लगाने से दो-तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इसके पुलिस ने एक घंटा बाद ही किसान एवं कांग्रेस नेताओं को समझाकर जाम खुलवाया। इस दौरान राजधानी जयपुर के चारों ओर राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैक्टर लगाकर रास्ते रोककर जाम लगा दिया गया। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जगहों पर ट्रैक्टर, पत्थर एवं सड़क पर बैठकर जाम लगाया गया। जाम में कई जगहों पर पर महिलाओं ने भाग लिया।

इसी तरह जयपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर चौमूं तिराहे पर चक्का जाम किया गया हैं जहां किसान एवं कांग्रेस के लोग एकत्रित होकर मार्ग को जाम कर दिया हैं। इसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया एवं पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी तथा अन्य कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर श्री महरिया ने मीडिया से कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों की इन कानूनों के लिए कोई मांग ही नहीं हैं। सरकार अगर देना ही चाहती हैं तो उसे किसानों को मुफ्त में बिजली एवं पानी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान आज स्वामीनाथन रिपोर्ट किसी तरह लागू हो, इसके लिए लालायित हैं।

दौसा में किसानों ने चक्का जाम किया। इसमें कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा तथा अन्य कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कोटा शहर में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली गई और बाद में किसान सभा का आयोजन किया गया, जिसे नगरीय एवं स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल एवं कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने संबोधित किया। नागौर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 458 पर चक्काजाम किया गया जिसमें शेरानी आबाद से महिलाओं ने भाग लिया। जिले के परबतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चक्का जाम किया गया जिसमें कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया सहित कई कांग्रेसियों ने भी भाग लिया। इसी तरह इस दौरान चौमूं में आयोजित किसानों की महापंचायत में महिलाओं ने भी भाग लिया। सीकर जिले में किसानों ने टाेल बूथाें के पास चक्काजाम कर प्रदर्शन किया।

अलवर के पास नौगावां बार्डर पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इसी तरह अलवर जिले के बडौदामेव, तिजारा-भिवाड़ी रोड, अलवर भरतपुर रोड पर बडाैदामेव के पास, खैरथल-कोटपूतली रोड पर बानसूर टोल के पास, ततारपुर चौराहे के पास, मालाखेड़ा से आगे जयपुर-अलवर रोड पर चक्काजाम लगाया गया। शाहजहांपुर बॉर्डर पर सर्विस लेन भी बंद कर दी गई, जो अपराह्न तीन बजे बजे तक बंद रही। इसके कारण हाईवे की सर्विस लेन से होकर जाने वाले वाहन गांवों से होकर निकलना पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर भी चक्का जाम किया गया। इस दौरान मार्ग पर कंटीली झाड़ियां और पत्थर लगाकर रास्ता रोका और अपना विरोध जताया।

इसके अलावा श्रीगंगानगर, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर, भरतपुर, बूंदी, हनुमानगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न मार्गों पर तीन घंटे के लिए चक्काजाम किया गया। चक्का जाम से यातायात अवरुद्ध होने से वाहनों की लम्बी कतारे लग जाने से लोगों को परेशानी हुई। इस दौरान प्रदेश में कहीं से कोई अप्रिय खबर प्राप्त नहीं हुई। हालांकि चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस, स्कूल बस, बुजुर्गों और महिलाओं को छूट दी गई।

इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आंदोलनरत्त किसानों द्वारा आज दोपहर बारह बजे से अपराह्न तीन बजे तक नेशनल एवं स्टेट हाईवे चक्काजाम करने के आह्वान का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी समर्थन करती है। उन्होंने सभी कांग्रेस के लोगों से निवेदन किया कि वे इस शांतिपूर्वक चक्काजाम को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

किसानों ने तीन घंटे के चक्का जाम में दिखाई ताकत

हिसार से खबर है कि,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान मजदूर समन्वय समिति के बैनर तले शनिवार को जिले के विभिन्न नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर 12 बजे से तीन बजे तक चक्का जाम किया गया। इसमें मुख्य रूप से मयड़ टोल, चौधरीवास टोल, बाडो पट्टी टोल व लांधड़ी टोल पर हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरूष किसान उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिले के अन्य मुख्य स्थानों पर भी रास्ता जाम करते हुए विरोध जताया गया। मयड़ टोल पर धरने की अध्यक्षता धर्मपाल बडाला व रघुवीर खरड़ ने संयुक्त रूप से की, वहीं चौधरीवास टोल पर अध्यक्षता रिटायर्ड डीएसपी मनफूल सिंह ईश्वर सिंह श्योराण ने की।

लांधड़ी टोल पर महाबीर पूनिया ने अध्यक्षता की। मय्यड़ व लांधड़ी टोल पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चडुनी ने संबोधित किया। जिले में चक्का जाम पूरी तरह से सफल रहा। सभी टोलों पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। महिलाओं ने सामाजिक व आंदोलन से संबंधित गीत गाकर अपने भाव प्रकट किए।

जम्मू में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़े लश्कर ए मुस्तफा का स्वयंभू प्रमुख हिदायतुल्ला मलिक उर्फ हसनैन समेत 4 आतंकवादियों की गिरफ्तारी attacknews.in

जम्मू 06 फरवरी । जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग एवं जम्मू पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत जम्मू में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़े लश्कर ए मुस्तफा के स्वयंभू प्रमुख हिदायतुल्ला मलिक उर्फ हसनैन को गिरफ्तार कर उसके संगठन का एकप्रकार से सफाया कर दिया है।

इस अभियान की कड़ी के तौर पर अनंतनाग में पहली गिरफ्तारी अयाज भट की हुई थी तथा उसके पास से एक पिस्तौल भी बरामद की गयी थी। पूछताछ के दौरान उसकी ओर से किये गये खुलासे के आधार पर आतंकवादियों के दो अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें पम्पोर से रईस मीर और शाेपियां का शाकीर इट्टू शामिल था। इन दोनों के पास से दो ग्रैनेड भी बरामद किये गये थे। तीनाें की गिरफ्तारी के संबंध में अनंतनाग में तीन अलग-अलग मामले भी दर्ज किये गये।

रतन टाटा ने विनम्रता पूर्वक सोशल मीडिया पर उनको भारत रत्न देने की मांग कर रहे लोगों से अपना अभियान रोकने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, छह फरवरी । देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर उनको भारत रत्न देने के मांग कर रहे लोगों से इस अभियान को बंद करने का आग्रह किया है। टाटा ने कहा है कि वह भारतीय होने पर खुद को भाग्यशाली मानते हैं और उन्हें देश की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देने पर खुशी होगी।

सौ अरब डॉलर से अधिक के टाटा समूह के मानद चेयरमैन ने सोशल मीडिया के प्रयोगकर्ताओं से उनके लिए भारत रत्न की मांग के अभियान को रोकने को कहा है। सोशल मीडिया पर अभियान के जरिये सरकार से टाटा को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की मांग की जा रही है।

टाटा ने ट्वीट किया, ‘‘मैं सोशल मीडिया पर यह अभियान चलाने वाले एक वर्ग की भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं उनसे विनम्रता से आग्रह करता हूं कि इस तरह के अभियान को रोका जाए।’’

सोशल मीडिया पर इस समय #भारतरत्न फॉर रतन टाटा ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया प्रयोगकर्ता टाटा को उनके योगदान विशेषरूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं।

टाटा ने कहा, ‘‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं भारतीय हूं। मैं भारत की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देने का प्रयास करूंगा।’’

सोशल मीडिया के एक प्रयोगकर्ता ने अन्य लोगों से भी इस अभियान में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि टाटा ने युवाओं को प्रेरणा दी है। उन्होंने युवाओं को बताया है कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अपनी क्षमता पर भरोसा करना जरूरी है।

एक अन्य प्रयोगकर्ता ने टाटा को देश का सही मायने में ‘हीरो’ करार देते हुए कहा कि वह भारत रत्न पाने के हकदार हैं।

हैकर समूह “रेड रैबिट टीम” ने जम्मू-कश्मीर में भारती एयरटेल के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे सैन्यकर्मियों का ‘डेटा’ लीक किया attacknews.in

नयी दिल्ली, छह फरवरी। एक हैकर समूह ने जम्मू-कश्मीर में भारती एयरटेल के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे सैन्यकर्मी का ‘डेटा’ कथित तौर पर लीक कर दिया है। हालांकि, कंपनी ने अपनी प्रणाली में किसी तरह की सेंध से इनकार किया है।

इस समूह का नाम रेड रैबिट टीम है। समूह ने कुछ भारतीय वेबसाइट को हैक कर डेटा को उन पोर्टल के वेब पेज पर डाला है।

हैकरों ने साइबर सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया के एक ट्वीट के जवाब में इन वेब पेज के कुछ लिंक साझा किए हैं और मीडिया संगठनों को इसे टैग किया है।

इस बारे भारतीय सेना को भेजे गए सवाल का जवाब नहीं मिला है। हालांकि, सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें इस तरह की सूचना की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने गलत मंशा से ऐसा किया है।’’

इस बारे में संपर्क करने पर भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने अपने सर्वर में किसी तरह की सेंध से इनकार किया।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि एयरटेल की प्रणाली में कोई सेंध नहीं लगी है, जैसा कि इस समूह ने दावा किया है। नियामकीय जरूरत के हिसाब से एयरटेल के बाहर के कई अंशधारकों की डेटा तक पहुंच होती है। हमने संबंधित अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दे दी है। हमने उनसे इस मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने को कहा है।’’

प्रवक्ता ने कहा कि यह समूह पिछले 15 माह से हमारी टीमों के संपर्क में है और लगातार विरोधाभासी दावे कर रहा है। समूह एक क्षेत्र से गलत डेटा पोस्ट कर रहा है।

हैकर द्वारा शेयर किए गए लिंक पर ग्राहकों के नाम, मोबाइल नंबर और पते के आधार पर पहुंचा जा सकता था। लेकिन कुछ समय बाद इसने काम करना बंद कर दिया।

रेड रैबिट टीम ने पीटीआई-भाषा को भेजे संदेश में दावा किया कि उसकी अखिल भारतीय स्तर पर भारती एयरटेल के डेटा तक पहुंच है और जल्द ही वह कुछ और डेटा लीक करेगा।

राजहरिया ने कहा कि हैकर भारती एयरटेल के अखिल भारतीय डेटा तक पहुंच के बारे में कोई विश्वसनीय प्रमाण देने में विफल रहे हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर की स्वीकारोक्ति;पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर चीन के साथ 9 दौर की वार्ता बेनतीजा रही, जमीन पर कोई प्रभाव नहीं दिखा attacknews.in

अमरावती, छह फरवरी । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन की सेना के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर नौ दौर की वार्ता कर चुके हैं और भविष्य में भी ऐसी वार्ताएं की जाती रहेंगी।

जयशंकर ने विजयवाड़ा में पत्रकारों से कहा कि अब तक हुई वार्ताओं का जमीन पर कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया है।

उन्होंने कहा, ‘सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं। ‘

जयशंकर से पूछा गया था कि क्या भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुईं झड़पों को लेकर दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय वार्ता हो सकती है। इस सवाल पर विदेश मंत्री ने यह जवाब दिया।

भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है। गतिरोध खत्म करने लिये दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है।’

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिये।

नरेन्द्र मोदी ने भारत की न्याय व्यवस्था को विश्व में सर्वश्रेष्ठ उच्च कोटि की मानी जाने की हरेक विशेषताओं को प्रस्तुत किया:गुजरात हाईकोर्ट के 60 वर्ष पूरे होने पर जारी किया डाक टिकट attacknews.in

अहमदाबाद, छह फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश की न्यायपालिका की सराहना करते हुए कहा कि उसने लोगों के अधिकार की रक्षा करने और निजी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के अपने कर्तव्य का पूर्ण निष्ठा से निवर्हन किया है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने उन स्थितियों में भी अपने कर्तव्य का निष्ठा से पालन किया, जब राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दुनिया में सर्वाधिक संख्या में सुनवाई की।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से डाक टिकट जारी करने के बाद कहा, ‘‘हर देशवासी यह कह सकता है कि हमारी न्यायपालिका ने हमारे संविधान की रक्षा के लिए दृढ़ता से काम किया। हमारी न्यायपालिका ने अपनी सकारात्मक व्याख्या से संविधान को मजबूत किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनकर सभी को गौरव होता है कि हमारा न्यायालय महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दुनिया का सर्वाधिक सुनवाई करने वाला न्यायालय बन गया है।’’

मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने लोगों के अधिकार की रक्षा करने, निजी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के अपने कर्तव्य का निष्ठा से निर्वहन किया और उसने उन स्थितियों में भी अपने कर्तव्य का पालन किया, जब राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया मिशन’ की बदौलत देश की न्याय प्रणाली का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है और 18,000 से अधिक अदालतें कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय की सराहना करते हुए कहा कि उसने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्यनिष्ठा से काम किया और अपने संवैधानिक कर्तव्यों के लिए जो तत्परता दिखाई, उससे भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों मजबूत हुए हैं।

मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय की हीरक जयंती पर उसे बधाई देते हुए कहा कि अदालत और बार ने अपनी समझ एवं विद्वता के कारण विशिष्ट पहचान बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास पैदा किया है। उसे सच्चाई के लिए खड़े होने की ताकत दी है। जब हम आजादी से अब तक देश की यात्रा में न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं, तो हम ‘बार’ के योगदान की भी चर्चा करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में कानून का शासन, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है।

उन्होंने प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि न्याय ही सुराज की बुनियाद है।

मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने संविधान की रक्षा करने का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारियां हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका दोनों का यह दायित्व बनता है कि वे मिलकर लोकतंत्र के लिए विश्वस्तरीय न्याय प्रणाली तैयार करें।

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो समाज के सबसे वंचित तबके के लिए भी सुलभ हो।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारी न्याय प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, जहां हर व्यक्ति के लिए समय पर न्याय की गारंटी हो। सरकार इस दिशा में काम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।’’

उत्तरप्रदेश के बदायूं में मंदिर के महंत की हत्या, आरोपी फरार attacknews.in

बदायूँ (उप्र), छह फरवरी । जिले के थाना इस्लामनगर क्षेत्र के एक गाँव के मंदिर पर लंबे समय से रह रहे महंत जयपाल सिंह उर्फ सखी बाबा की शनिवार सुबह धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी गई। गाँव के ही एक व्यक्ति पर महंत की हत्या का आरोप है। यह जानकारी पुलिस ने दी।

पुलिस ने बताया कि ग्राम प्रधान मनीष कुमार द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया है कि आरोपी युवक रामवीर सिंह नशे का आदी है और अपनी पत्नी के छोड़ कर चले जाने के पीछे महंत को वजह मानता था। पुलिस के अनुसार शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रंजिश के कारण उसने शनिवार सुबह लगभग सात बजे महंत की हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक फरार है। पुलिस ने बताया कि महंत के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आरोपी की तलाश की जा रही है।

पुलिस के अनुसार मामला इस्लामनगर थाना इलाके के मोहद्दीनपुर ढक नगला का है जहां मंदिर पर रहने वाले जयलपाल सिंह उर्फ सखी बाबा (उम्र करीब 50 साल) की गाँव के ही रामवीर (उम्र करीब 26 साल) ने चाकू से हमला करके हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि तहरीर के अनुसार आरोपी ने घटना को उस वक़्त अंजाम दिया जब बाबा अपने कमरे में थे। पुलिस ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक नशे का आदी है और उसकी पत्नी उसको छोड़ कर चली गई है।

बदायूँ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि जयपाल सिंह उर्फ सखी बाबा की गाँव के ही रामवीर नामक युवक ने हत्या कर दी है। उन्होंने बताया कि हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश की जा रही है।

एनबीएफसी को दीर्घकालिक रेपो सुविधा के तहत बैंकों से मिलेगा कर्ज,रिजर्व बैंक का 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान;बैंकों को पूंजी संरक्षण कवच के आखिरी हिस्से को पूरा करने को छह माह का अतिरिक्त समय attacknews.in

मुंबई, पांच फरवरी । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा। यह अनुमान केंद्रीय बजट में जतायी गयी संभावना के अनुरूप है।

मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ने कहा कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद है। इसको देखते हुए खुदरा मुद्ररस्फीति चालू तिमाही में कम होकर 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है। वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.3 प्रतिशत पर रह सकती है।

उन्होंने कहा कि वृद्धि परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और टीकाकरण अभियान से आर्थिक पुनरूद्धार को गति मिलेगी।

दास ने कहा ककि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की घोषणा के बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 10 से 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि सरकार मार्च अंत तक मुद्रास्फीति लक्ष्य की समीक्षा करेगी।

आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति को सालाना महंगाई दर 31 मार्च 2021 तक 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गयी हुई है।

एनबीएफसी को दीर्घकालिक रेपो सुविधा के तहत बैंकों से मिलेगा कर्ज

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) व्यवस्था के तहत बैंकों से कर्ज सुविधा दिलाने का प्रस्ताव किया।

टीएलटीआरओ योजना संकट ग्रस्त क्षेत्रों को कर्ज सुविधा के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेष रूप से शुरू की गयी है। इसके तहत केंद्रीय बैंक मुश्किल में फंसे क्षेत्र की इकाइयों की वित्तीय मदद के लिए बैंकों को रेपो दर से जुड़ी परिवर्तनशील ब्याज दर पर दीर्घकालिक कर्ज सुलभ कराने की व्यवस्था की है।

इसमें तीन साल तक के लिए वितीय सुविधा ली जा सकती है। आरबीआई ने इसमें एक लाख करोड़ रुपये तक धन सुलभ कराने का लक्ष्य रखा है। योजना 31 मार्च 2021 तक खुली है।

मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चाली बैठक के बाद जारी नीतिगत वक्तव्य में कहा गया है कि एनबीएसफी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज वितरण की आखिरी कड़ी की भूमिका निभाती है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है, ‘‘अब प्रस्ताव है कि चिह्नित संकटग्रस्त क्षेत्रों को अतिरिक्त कर्ज सुविधा पहुंचाने के लिए एनबीएफसी को मांग होने पर टीएलटीआरओ-आन-टैप (सदा सुलभ) व्यवस्था के तहत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाए।’’

बैंकों को पूंजी संरक्षण कवच के आखिरी हिस्से को पूरा करने को छह माह का अतिरिक्त समय

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को पूंजी संरक्षण कवच (सीसीबी) के नियम के तहत न्यूनतम पूंजी कोष के प्रबंध के लिए आखिरी भाग की 0.625 प्रतिशत पूंजी की व्यवस्था करने को छह माह का समय और दिया है।

रिजर्व बैंक के गवर्ननर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों को सीसीबी के लिए आखिरी हिस्से की 0.625 प्रतिशत टीयर1 (शेयर) पूंजी का प्रबंध करने की समय सीमा 01 अप्रैल 2021 से बढ़ा कर 01 अक्टूबर 2021 कर दी गयी है।

कोविड-19 से पैदा परेशानियां अभी बनी हुई है। बैंकों को इसी करण यह मोहलत दी गयी है।

बैंकों को विवेकपूर्ण बैंकिंग के बारे में बेसल-तीन नियमों के तहत सीसीबी के लिए 2.5 प्रतिशत के बराबर पूंजी का प्रावधान करने का नियम तय किया गया है। इसके लिए प्रारंभ में 31 मार्च 2021 तक का समय दिया गया था।

यह नियम 2008 के वैश्विक बैंकिंग संकट के बाद लागू किया गया था।

इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने बैंकों के लिए अपने कारोबार के परिचालन हेतु शुद्ध स्वस्थ धन के अनुपात (एनएसएफआर) की व्यवस्था लागू करने की सीमा भी आगामी पहली अप्रैल से खिसका कर 21 अक्टूबर 2021 कर दी है।

केंद्र सरकार का निर्णय: राजमार्गों पर दुर्घटना में घायल होने वालों का होगा कैशलेस इलाज attacknews.in

नयी दिल्ली 05 फरवरी । अब कोई राष्ट्रीय राजमार्ग में यात्रा के दौरान दुर्घटना में घायल हुआ तो उसे सरकार कैशलेस इलाज मुहैया कराएगी।

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाणे ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन की दिशा में बीमा आदि कंपनियों के लिए टेंडर जारी हो गये हैं। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल होने पर किसी भी आपातकालीन नंबर पर सूचना प्राप्त होते ही निकटतम उपलब्ध एंबुलैंस कम से कम समय में पीड़ित या पीड़ितों को निकटस्थ अस्पताल में पहुंचाएगी और वहां डॉक्टर बिना कुछ पूछे तत्काल उपचार आरंभ कर देंगे और जब तक पीड़ित की स्थिति स्थिर एवं खतरे से बाहर हो जाये तब तक उपचार किया जाएगा और उसके पश्चात अन्य अस्पताल में पीड़ित की अपनी बीमा पॉलिसी के हिसाब से उपचार दिया जाएगा।

एयरो इंडिया 2021 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि:रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर रहा है भारत attacknews.in

बंगलुरु, 05 फरवरी । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि एयरो इंडिया का 13वां संस्करण रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत बनाने के साथ भारत को दुनिया के समक्ष इस क्षेत्र के निर्माता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

श्री कोविंद ने यहां एयरो इंडिया 2021 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह सबसे बड़े आयोजनों में से एक था, जो कोरोना महामारी द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों के बावजूद हाइब्रिड तरीके से आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा, “एयरो इंडिया 2021 एक अभूतपूर्व सफलता रही है। मुझे बताया गया है कि 43 देशों के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और 530 कंपनियों ने इसमें भाग लिया। इसके अलावा दुनिया भर के कई देश और कंपनियां वर्चुअल तरीके से इससे जुड़ीं। यह हाइब्रिड प्रारूप में होने वाला इस तरह का दुनिया का पहला मेगा इवेंट है।”

उन्होंने कहा, “पिछला वर्ष कोविड -19 के कारण अभूतपूर्व कठिनाइयों का समय रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव विश्व के सभी क्षेत्रों में महसूस किया गया। मुझे खुशी है कि महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद एयरो इंडिया 2021 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है। ”

राष्ट्रपति ने कहा कि एयरो इंडिया 2021 वैश्विक स्तर पर रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में भारत की बढ़ती ताकत का एक पुख्ता प्रमाण है। इस आयोजन ने दिखा दिया है कि भारत की क्षमताओं में वैश्विक आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भारतीय वायु सेना के 83 तेजस विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर मिला है।

उन्होंने कहा, “हमने आत्मनिर्भरता और निर्यात संवर्धन के दोहरे उद्देश्यों के साथ रक्षा क्षेत्र में भारत को शीर्ष देशों में रखने के उद्देश्य से कई नीतिगत पहल की हैं। पिछले छह वर्षों में भारत में शुरू किए गए सुधार, निवेशकों और निजी कंपनियों को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में अभूतपूर्व अवसर प्रदान करते हैं। हमारी दृष्टि प्रतिस्पर्धी आपूर्ति श्रृंखलाओं को विकसित करने और उन्हें विश्व स्तर पर एकीकृत करने के साथ एक मजबूत अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।”

केंद्र सरकार ने देश के 383 रिहायशी स्कूलों एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय स्कूल रखने का निर्णय लिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 05 फरवरी । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी को समावेशी एवं गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा मंत्रालय ने देश के 383 रिहायशी स्कूलों एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय स्कूल रखने का निर्णय लिया है।

मंत्रालय के इस निर्णय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “शिक्षा मंत्रालय ने कम आबादी वाले खासकर आदिवासी क्षेत्रों में जहाँ स्कूल खोलना मुश्किल है और उन शहरी बच्चों, जिन्हें देखभाल की विशेष आवश्यकता है, के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आर्थिक सहायता प्रदान की है ताकि वे रिहायशी स्कूल एवं हॉस्टल खोल सकें। हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया है कि इन रिहायशी स्कूलों एवं हॉस्टलों का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय स्कूल रखा जाएगा।”

उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 383 स्कूल एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदला जाएगा। इसके अलावा यह सभी संस्थान कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के लिए बनाए गए नियमों का पालन करेंगे और उन जैसी गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रयास करेंगे।

डॉ निशंक ने कहा, “नेताजी का नाम ना सिर्फ छात्रों बल्कि शिक्षकों, अन्य स्टाफ के सदस्यों को और स्कूलों के प्रशासन को गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा.।”

इन सभी स्कूलों में नियमित पाठ्यक्रम के अलावा विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण, सेल्फ-डिफेन्स, इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में करेंगे किसान चक्का जाम;कांग्रेस करेगी समर्थन;जयंत चौधरी ने सरकार को किसान आंदोलन को लेकर दी चेतावनी attacknews.in

नईदिल्ली/ सोनीपत 05 फरवरी । किसान संयुक्त मोर्चा ने छह फरवरी को दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक चक्का जाम करने का एलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डा. दर्शनपाल ने शुक्रवार की शाम कुंडली बॉर्डर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि किसानों ने शनिवार के चक्का जाम की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए सबसे जरूरी निर्देश शांति व्यवस्था को लेकर दिया गया है। युवाओं से विशेष रूप से लोगों के बहकावे व उकसावे में नहीं आने और शांति की अपील की गई है।

उन्होंने कहा कि केवल दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक का चक्का जाम रहेगा। तीन बजे प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी लोग एक मिनट के लिए अपने वाहनों का हार्न बजाकर सरकार को जगाने का काम करेंगे। स्कूल बस, एंबुलेंस और बीमार लोगों को चक्का जाम में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए भी विशेष तौर पर निर्देशित किया गया।

किसान संगठनों के चक्का जाम का समर्थन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने किसान संगठनों के शनिवार को आयोजित चक्का जाम का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता चक्काजाम के दौरान पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करेंगे और सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग करेंगे।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि पार्टी किसान संगठनों के कल छह फरवरी को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दोपहर 12 से तीन बजे तक तीन घंटे के घोषित देशव्यापी चक्का जाम का समर्थन करेगी। पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता निभाते हुए उन्हें अपना पूरा सहयोग देंगे।

रालोद उपाध्यक्ष ने सरकार को किसान आंदोलन को लेकर दी चेतावनी

शामली से खबर है कि, राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज यहां हुई महापंचायत में केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर जम कर बरसे और भड़काने वाली बात में कहा कि किसानों पर अगर ऊंगली उठी तो उसे तोड़ दिया जायेगा ।

किसान आंदोलन के बहाने अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे जयंत चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक दल भी उतर आए हैं। राजनीतिक दल सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का लगातार दबाव भी बना रहे हैं। सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने किसानों के दर्द को समझा है, इसलिए वे उनका भी आभार जताते है।

स्यालका ने टिकैत से की मुलाकात

अमृतसर, से खबर है कि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका ने शुक्रवार को दिल्ली के गाज़ीपुर वार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर किसान आंदोलन पर विचार-विमर्श किया।

श्री स्यालका ने दिल्ली की सीमा पर संघर्ष कर रहे किसानों के लिए एसजीपीसी की ओर से जारी सेवाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने गाजीपुर बार्डर में किसान संघर्ष में जुटे किसानों की हौसला अफजायी करते हुए समिति की तरफ से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्‍टर रैलियां

जयपुर, से खबर है कि , राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी ने देशभर में चल रहे काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में जिला मुख्‍यालयों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं।

पार्टी के प्रवक्‍ता ने बताया, ‘ जिला मुख्‍यालयों पर ट्रैक्‍टर रैली निकाली गयीं। जयपुर में इस तरह की रैली में लगभग 200 ट्रैक्टर शामिल हुए। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन रैलियों में शामिल हुए।‘

पार्टी की ओर से केंद्रीय कृषि कानूनों के संबंध में अपनी मांग को लेकर नेताओं ने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे ।

पार्टी की ओर से अलवर के शाहजहांपुर में 26 दिसंबर से धरना दिया जा रहा है। पार्टी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है।

हरियाणा में सोनीपत और झज्जर जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी बढ़ी

इधर हरियाणा सरकार ने सोनीपत और झज्जर जिलों में वॉयस कॉल को छोड़ इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदी की अवधि छह फरवरी सायं पांच बजे तक के लिए बढ़ा दी है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुये बताया कि राज्य सरकार ने सभी दूरसंचार कम्पनियों का इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिये हैं। ये आदेश क्षेत्र में शांति बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी चेतावनी भी जारी की गई है। राज्य सरकार ने एसएमएस, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है।

महाराष्ट्र में शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने से संबंधित कानून पर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 8 मार्च से डिजिटल और प्रत्यक्ष दोनों तरीके से सुनवाई शुरू करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच फरवरी । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने से संबंधित महाराष्ट्र के 2018 के कानून को लेकर दायर याचिकाओं पर वह आठ मार्च से अदालत कक्ष के साथ ही ऑनलाइन, दोनों तरीके से सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि यदि शीर्ष न्यायालय में अदालत कक्ष में सुनवाई शुरू होती है तो पक्षकार प्रत्यक्ष रूप से दलीलें दे सकते हैं और यदि कोई डिजिटल माध्यम से दलील देना चाहता है तो इसकी भी इजाजत है।

वर्तमान में शीर्ष न्यायालय में सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही है। कोविड-19 महामारी के कारण यह व्यवस्था पिछले वर्ष मार्च से चल रही है तथा न्यायालय डिजिटल तथा प्रत्यक्ष दोनों ही तरीके से सुनवाई जल्द ही बहाल कर सकता है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट भी पीठ का हिस्सा हैं। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर भी दलीलें सुनेगी कि इंदिरा साहनी मामले में ऐतिहासिक फैसला जिसे ‘मंडल फैसला’ के नाम से जाना जाता है उस पर पुन: विचार करने की आवश्यकता है या नहीं।

इससे पहले, 20 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा था कि इस किस्म के मामले (आरक्षण) पर सुनवाई अदालत कक्ष में की जानी चाहिए।