भारत-चीन सीमा के हालात पर पैनी नजर रखे हुए है अमेरिका ने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की attacknews.in

वाशिंगटन, 10 फरवरी । भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं।’’

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर गतिरोध चल रहा है।

पिछले महीने नौवें दौर की सैन्य बातचीत में भारत और चीन के बीच सेनाओं को जल्द से जल्द हटाने और पूर्वी लद्दाख में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निरंतर ‘‘प्रभावी प्रयास करने’’ पर सहमति बनी थी।

एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा, ‘‘हम पड़ोसियों को डराने धमकाने के चीन के लगातार जारी रवैये से चिंतित हैं। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मामले में साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।’’

डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने का हुआ रास्ता साफ;महाभियोग की संवैधानिकता पर सीनेट की मुहर, छह रिपब्लिकन ने दिया डेमोक्रेट का साथ attacknews.in

वाशिंगटन, 10 फरवरी । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग की कार्यवाही की संवैधानिकता पर हुए मतदान में छह रिपब्लिकन सदस्यों ने अपने डेमोक्रेटिक सहयोगियों का साथ दिया।

सीनेट ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग कार्यवाही की संवैधानिकता पर 44 के मुकाबले 56 वोट से मुहर लगा दी। इसके साथ ही अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पर महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

महाभियोग के तहत उन पर राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है।

दलीलें रखने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी और दोनों पक्षों को 16-16 घंटे दिए जाएंगे। इसके बाद 100 सदस्यीय सीनेट में ट्रंप के महाभियोग पर मतदान होगा। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, दोनों दलों के सदन में 50-50 सदस्य हैं। ट्रंप पर महाभियोग के लिए सीनेट को इस प्रस्ताव को 67 वोटों के साथ पारित करना होगा।

सीनेट में शुरू ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया में मंगलवार को छह रिपब्लिकन सदस्यों ने डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ दिया। अब आगे की प्रक्रिया के लिए कम से कम 11 और रिपब्लिकन सांसदों के वोट की जरूरत होगी।

रिपब्लिकन सांसदों सुसेन कोलिंस, लिसा मुरकोवस्की, मिट रोमनी, बेन सासे, बिल कासिडे और पैट टोमी ने डेमोक्रेट सांसदों के साथ मतदान किया। महाभियोग की कार्यवाही बुधवार दोपहर शुरू होगी।

इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया केवल तीन बार हुई जिसमें एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और फिर पिछले साल ट्रंप को बरी कर दिया गया। ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग की सुनवाई हो रही है।

वहीं ट्रंप महाभियोग की सुनवाई के पहले दिन अपने अटॉर्नी के प्रदर्शन से नाराज हैं।

ट्रंप फ्लोरिडा के पाम बीच में ‘मार-आ-लागो’ क्लब से वाशिंगटन में हो रही सुनवाई का प्रसारण देख रहे हैं।

ट्रंप के सहयोगियों ने भी वकीलों पर अपना गुस्सा जाहिर किया। कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने भी ट्रंप की टीम के प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की।

ट्रंप पर महाभियोग की पहली कार्यवाही में उनके पक्ष में दलीलें रखने वाली अटॉर्नी एलन देरशोवित्ज ने कहा, ‘‘कोई बहस नहीं हुई, मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे (वकील) क्या कर रहे हैं।’’

ट्रंप के पूर्व कारोबार सलाहकार पीटर नवारो भी पूर्व राष्ट्रपति से अपनी कानूनी टीम को हटाने और सुनवाई के पहले दूसरे वकील को पैरवी करने वाली टीम में रखने का सुझाव दिया।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान गणतंत्र दिवस पर लाल किला हिंसा मामले में फरार आरोपी इकबाल सिंह पंजाब से गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 फरवरी । गणतंत्र दिवस पर लाल किला हिंसा मामले में वांछित एक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में बताया।

पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस विशेष प्रकोष्ठ के उत्तरी रेंज की टीम ने इकबाल सिंह को मंगलवार रात पंजाब के होशियारपुर से गिरफ्तार किया। उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था।

विशेष प्रकोष्ठ ने सोमवार को लाल किला हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को गिरफ्तार किया। सिद्धू लाल किला हिंसा मामले का ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ है।

प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोपी बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, जजबीर सिंह और इकबाल सिंह पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है।

इनमें सिद्धू, इकबाल सिंह और सुखदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों की 26 जनवरी को पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर के साथ राजधानी के विभिन्न इलाकों में आ गए थे और कुछ प्रदर्शनकारी लाल किला पहुंच गए। उनमें से कुछ लोगों ने लाल किला में ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया।

राज्यसभा में अपनी विदाई संबोधन में भावुक हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ संबंधों को लेकर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हुए भावुक attacknews.in

नयी दिल्ली 09 फरवरी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद मंगलवार को सदन में उस समय भावुक हो गये जब वह वर्ष 2005 में जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में गुजरात के पर्यटकों की एक बस पर आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे।

श्री आजाद ने आतंकवादी की विभीषिका का उल्लेख करते हुए कहा कि वह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बने और राजधानी श्रीनगर पहुंचे तो आतंकवादियों ने अपनी मौजूदगी दर्शाने के लिए गुजरात के पर्यटकों से भरी एक बस पर हमला किया। इसमें कई लोग मारे गये।

उन्होंने बताया , “ हादसे का पता चलने पर वह घटना स्थल पहुंचें तो पुलिस वहां से लोगों को हटा चुकी थी। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मेरे अनुरोध पर केंद्र का विशेष विमान पर्यटकों को गुजरात ले जाने के लिए श्रीनगर हवाई अड्डे पहुंचा। मैं वहां उन बच्चों से मिला जिनमें किसी के पिता, तो किसी की माता, हमले में मारी गयी थी। ये बच्चें मुझसे लिपटकर रोने लगे और मेरी भी चीख निकल गयी।” इस घटना का जिक्र करते हुए श्री आजाद सदन में भावुक हो गये और उनकी आंखों से आंसू निकल आयें।

इससे पहले इसी घटना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में भावुक हो गये । उनका गला रुंध गया और उन्होंने कई बार पानी पीया। वह अपनी बात पूरी नहीं कर पायें और उन्होंने अंगुली का इशारा करके अपनी बात सदस्यों को बताई। उन्होेंने अपनी आंखों से आंसू भी पोछे।

श्री आजाद ने आतंकवाद खत्म करने की आश्वयकता बतायी और कहा कि आतंक से प्रभावित लोगों को मदद की जरुरत है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तान जन्नत है। पड़ोसी देश पाकिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का मुसलमान बेहतर हालत में हैं क्योंकि उसकी सोच अलग है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों में मुसलमान किसी हिन्दु या ईसाई से नहीं लड़ रहे है बल्कि आपस में लड़ रहे हैं।

उन्होंने शेरो शायरी करते हुए कहा कि देश से आतंकवाद खत्म होने से खुशहाली आयेगी। आतंकवाद से हजारों लोग मरे हैं, औरतें बेवा हुई हैं और बच्चे अनाथ हो गये हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को फिर से बसाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा, “ गुजर गया वो, जो छोटा सा फसाना था, फूल थे, चमन था और आशियाना था, ना पूछ उजड़े चमन की दांस्तां, थे चार तिनके – लेकिन आशियाना तो था। ”

उन्हाेंने आतंकवाद से निपटने और लोगों के पुनर्वास का प्रयास करने पर बल देते हुए कहा, “ दिल नाउम्मीद नहीं, नाकाम ही तो है, सुबह तो होगी कभी, लंबी ही सही, शाम ही तो है। ”

राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में श्री आजाद के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मीर माेहम्मद फयाज और नजीर अहमद लवाय तथा भारतीय जनता पार्टी के शमशेर सिंह मन्हास शामिल है।

दल के साथ देश और सदन की भी चिंता की आजाद ने: मोदी

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कभी नेता विपक्ष के रूप में केवल अपना दबदबा बनाये रखने की कोशिश नहीं की बल्कि उन्होंने अपने दल के साथ साथ देश तथा सदन की भी चिंता की।

श्री मोदी ने श्री आजाद का उच्च सदन में कार्यकाल पूरा होने के मौके पर मंगलवार को विदायी संबोधन में यह बात कही। श्री आजाद के साथ साथ जम्मू कश्मीर से राज्यसभा में सदस्य मीर फय्याज, शमशेर सिंह मन्हास और नजीर अहमद को भी विदायी दी गयी।

श्री आजाद और श्री अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को जबकि श्री मन्हास और श्री फय्याज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री आजाद अपने दायित्व के प्रति बहुत सजग थे और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभायी। ऐसा लगता है कि उनके उत्तराधिकारी के लिए उनकी जगह लेना बहुत कठिन होगा।

उन्होंने कहा कि श्री आजाद ने नेता विपक्ष के रूप में कभी अपना दबदबा बनाये रखने की कोशिश नहीं की और अपने दल के साथ साथ देश और सदन की भी चिंता की । उन्होंने कहा कि यह कार्यकाल उनके कैरियर का संभवत उत्तम कार्यकाल है क्योंकि इस दौरान इतिहास ने करवट ली है और वे इसके सहयात्री रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि श्री आजाद के सत्ता और विपक्ष के 28 वर्षों के अनुभव से सबको बहुत कुछ सीखने को मिला है और उनकी कमी सदन को हमेशा खलेगी।

श्री मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो श्री आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे और उन दोनों के बीच जबरदस्त तालमेल तथा सहयोग था। गुजरात में एक हमले मे कुछ लोगों की मौत होने के समय श्री आजाद की एकजुटता का उल्लेख करते हुए वह बहुत भावुक हो गये और कहा कि श्री आजाद ने उस समय परिवार के सदस्य की तरह चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि वह एक मित्र के रूप में श्री आजाद का हमेशा आदर करते हैं और उनके विचारों था सुझावों के लिए उनके द्वार हमेशा खुले रहेंगे।

गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते समय भावुक हुए मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए भावुक हो गए।

गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद का उच्च सदन में कार्यकाल पूर्ण हो रहा है और उन्हें आज विदायी दी गई।

मोदी ने उन्हें एक बेहतरीन मित्र बताते हुए कहा ‘‘सदन के अगले नेता प्रतिपक्ष को आजाद द्वारा स्थापित मानकों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। आजाद ने अपने दल की चिंता जिस तरह की, उसी तरह उन्होंने सदन की और देश की भी चिंता की।’’

उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए आजाद ने कभी दबदबा स्थापित करने का प्रयास नहीं किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे।

मोदी ने कहा ‘‘तब सबसे पहले, गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। रात को पुन: आजाद ने फोन किया। यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं।’’

यह बोलते हुए प्रधानमंत्री का गला रुंध गया।

मोदी ने कहा ‘‘मेरे लिए बहुत भावुक पल था। अगले दिन सुबह पुन: आजाद का फोन आया और उन्होंने पूछा कि मोदी जी, क्या सभी पहुंच गए।’’

उन्होंने कहा ‘‘एक मित्र के रूप में घटनाओं और अनुभव को देखते हुए मैं आजाद का बहुत आदर करता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कुछ यादें साझा करते हुए कहा कि जब वह कोविड-19 महामारी पर सदन में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाने पर विचार कर रहे थे तब आजाद ने फोन कर उन्हें सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। मोदी ने कहा, ‘‘मैंने वह सुझाव माना और वह सुझाव उपयोगी रहा।’’

आजाद के बारे में मोदी ने कहा ‘‘आजाद को सत्ता पक्ष में रहने का और विपक्ष में रहने का गहरा और लंबा अनुभव है । 28 साल का कार्यकाल … बड़ी उपलब्धि होता है।’’

उन्होंने कहा कि बहुत पहले एक बार संसद भवन में लॉबी में वह आजाद से बात कर रहे थे। वहां से निकलने पर पत्रकारों के सवाल पूछने पर आजाद ने कहा था ‘‘टीवी पर , अखबारों में आप हमें लड़ते झगड़ते देखते हैं। लेकिन यहां हम सबके बीच एक परिवार की तरह वातावरण होता है।’’

मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा ‘‘ अपने सरकारी बंगले को आजाद ने बहुत प्यार से संवारा और उनका बगीचा देख कर वहां कश्मीर की याद आ जाती है। उन्होंने वहां एक कश्मीर बना रखा है। स्पर्धा में उनका बंगला पहले नंबर पर आ जाता है। ’’

दोनों सदनों में आजाद के लंबे कार्यकाल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद की यह प्रतिबद्धता उन्हें आगे भी चैन से नहीं बैठने देगी और उनके अनुभवों से देश लाभान्वित होता रहेगा।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में उन्हें आजाद की कमी खलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह जल्द ही सदन में वापस लौटेंगे।

आजाद के साथ ही भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास, और पीडीपी के मीर मोहम्मद फ़ैयाज तथा नजीर अहमद लवाय का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है।

आजाद और नजीर अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को और मन्हास तथा मीर फयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने मीर मोहम्मद फयाज, नजीर अहमद लवाय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इन दोनों सदस्यों के साथ बातचीत में कश्मीर के अनेक पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती थी। उन्होंने कहा कि इन सदस्यों के साथ उनका व्यक्तिगत तौर पर नाता रहा।

उन्होंने भरोसा जताया कि इन दोनों सदस्यों की प्रतिबद्धता देश के लिए, खास कर जम्मू कश्मीर के लिए बेहद उपयोगी रहेगी।

शमशेर सिंह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और शमशेर सिंह दोनों ही संगठन में थे अत: उनका साथ लंबा रहा। उन्होंने कहा कि सदन में शमशेर सिंह की उपस्थिति 96 फीसदी है जो बताती है कि उन्होंने जनता द्वारा दिए गए दायित्व को निभाने का पूरा प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के इन चारों सदस्यों का यह कार्यकाल उनके जीवन के बेहतरीन कार्यकाल में से है।

उत्तरप्रदेश के कासगंज में शराब माफिया ने सरेआम पीट-पीटकर कर दी कांस्टेबल की हत्या, सब इंस्पेक्टर लहूलुहान होकर हालात गंभीर attacknews.in

कासगंज, 09 फरवरी । उत्तर प्रदेश में कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में शराब माफिया ने एक दुस्साहसिक वारदात में एक पुलिसकर्मी की पीट पीट कर हत्या कर दी जबकि उपनिरीक्षक को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि नगला धीमर गांव में दारोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र कुमार कुर्की की नोटिस चस्पा करने गये थे जहां शराब माफिया मोतीराम ने अपने साथियो के साथ उन्हे धर दबोचा।

दोनाे पुलिसकर्मियों को बदमाश पीटते हुये एक खेत में ले गये जहां लहूलुहान सिपाही की मृत्यु हो गयी जबकि दारोगा गंभीर रूप से घायल है जिन्हे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

उतराखण्ड ग्लेशियर हादसे में 32 शव बरामद, 174 अभी भी लापता attacknews.in

चमोली/देहरादून, 09 फरवरी। उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से आई जल आपदा में लापता कुल 206 व्यक्तियों में से 32 शव बरामद हो गये हैं जबकि 174 लापता लोगों की तलाश जारी है।

राज्य आपदा नियंत्रण केन्द्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार बरामद 32 शवों में से सात की शिनाख्त हो चुकी है, जबकि 25 अज्ञात हैं। अभी तक मिली श्रमिकों और ग्रामीणों की सूची के अनुसार 174 व्यक्तियों की तलाश लगातार जारी है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 32 तक पहुंच गई जबकि एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन—विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30—35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) , भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी)और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ)का संयुक्त बचाव और राहत अभियान युद्धस्तर पर जारी रहा ।

रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ में अभी करीब 172 अन्य लोग लापता हैं ।

एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 32 व्यक्तियों के शव विभिन्न एजेंसियों द्वारा अलग—अलग स्थानों से बरामद हो चुके हैं । एसडीआरएफ ने कहा कि उनके तलाशी दस्ते रैंणी, तपोवन, जोशीमठ, रतूडा, गौचर, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग क्षेत्रों में अलकनंदा नदी में शवों की तलाश कर रहे हैं ।

सोमवार शाम को आपदाग्रस्त तपोवन क्षेत्र पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई सर्वेंक्षण किया और हादसे में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना ।

ऋषिगंगा और तपोवन बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग आपदा में घायल हुए हैं ।

तपोवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस समय प्राथमिकता सुरंग के अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने और ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाना है । एनटीपीसी की सुरंग में बचाव और राहत कार्यों के संचालन में भारी मलबे तथा उसके घुमावदार होने के कारण आ रही मुश्किलों के बावजूद उसका आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है और अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा।

अलकनंदा में जीव-जंतुओं पर आफत

ग्लेशियर और डैम के टूटने की घटना के बाद अलकनंदा नदी के पानी में कैमिकल, गाद और सीमेंट मिट्टी के घुलमिल जाने से बड़ी संख्या में मछलियों की जान गई है। रुद्रप्रयाग में ही एक टन से अधिक मछलियों के मरने की जानकारी मिली है जबकि चमोली जिले के साथ ही श्रीनगर तक मछलियों के मरने का सिलसिला जारी रहा।

बीती रात से अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा, किंतु यह मलबे, सीमेंट और कैमिकलयुक्त पानी से नदी का रंग भी बदल गया। रात गुरजने के बाद जैसे ही सुबह हुई तो अलकनंदा नदी में बड़ी मात्रा में नदी किनारे मछलियों के ढेर लगने शुरू हो गए। देखते ही लोग अनेक स्थानों पर मछलियां इकट्टा करते हुए उठाने लगे।

उत्तराखंड में आपदा के उद्गम स्थल तक पहुंचने में मुश्किलें

चमोली आपदा को लेकर जांच में जुटी वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों को आपदा के उद्गम स्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचांद साईं ने बताया कि फिलहाल संस्थान के पांच वैज्ञानिकों की दो टीमें आपदा से जुड़े तमाम वैज्ञानिक पहलुओं पर अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां से आपदा की शुरुआत हुई, वहां का रास्ता बड़ा दुर्गम है। ऐसे में वैज्ञानिकों को आपदा के उद्गम स्थल तक जाने की जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर मुहैया कराया जाएगा, ताकि वैज्ञानिकों की टीमें उस इलाके का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से जुड़े तमाम पहलुओं का अध्ययन कर सकें।

उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव सरकार के मंत्री रहे खनन घोटाले के मुखिया गायत्री प्रजापति को ED कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा attacknews.in

लखनऊ 09 फरवरी । समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहते जाली फर्म बनाकर करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद करने और संपत्ति अर्जित करने ( money  laundering)के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने न्यायिक हिरासत में लेने का आज आदेश दिया ।

श्री शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज कराए गए मामले में यह आदेश दिया है।

अदालत ने गायत्री को 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर सुनवाई के लिए कल 10 फरवरी की तारीख तय की है। इससे पहले सुनवाई के लिए गैंगरेप मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री को कोर्ट में पेश किया गया। इस पर कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसके बाद ईडी की ओर से प्रजापति को पूछताछ के लिए रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी दी गई। इसमें कहा गया कि सतकर्ता अधिष्ठान ने प्रजापति के खिलाफ पिछले साल 26 अक्टूबर को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था।

इसके बाद ईडी ने 14 जनवरी को जांच शुरू की जिसमें पता चला कि प्रजापति ने खनन मंत्री रहते करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की और कई फर्म बनाकर निवेश किया था। इसलिए इस मामले में रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जाना है।

गायत्री के ड्राइवर के पास दो सौ करोड़ की संपत्ति

इससे पहले लखनऊ में  30 दिसम्बर को दुष्कर्म एवं अन्य मामलों के आरोप में जेल में बंद समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके निजी चालक रामराज के अमेठी स्थित घर पर बुधवार सुबह पर्वतन निदेशालय :ईडी: ने छापेमारी की थो जिसमें ड्राइवर के पास दो सौ करोड़ की संपत्ति होने का पता चला था ।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इलाहाबाद से पहुंची ईडी की टीम ने दोनों स्थानों पर स्थानीय पुलिस टीम के साथ एक साथ छापा मारा गया था । एक टीम में करीब आधा दर्जन ईडी के अधिकारी व कर्मचारी तथा स्थानीय पुलिस बल थे। इसके अलावा लखनऊ के विभूतिखंड स्थित ओमेक्स में गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति के आफिस में भी ईडी ने जांच की थी।

गायत्री के ठिकानो पर ईडी की छापेमारी

उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित खनन घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानो पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये।

प्रवर्तन निदेशालय की अलग अलग टीमों ने प्रजापति के लखनऊ स्थित आवास और कार्यालय में छापेमारी की थी।

ईडी की एक टीम ने अमेठी में पूर्व मंत्री के आवास को खंगाला जबकि कानपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट के दफ्तर में प्रजापति से संबधित दस्तावेजों की पड़ताल की गयी। सूत्रों के अनुसार ईडी को कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा स्टांप पेपर और नगदी मिली है।

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के तुरंत बाद विभागों का बंटवारा: शाहनवाज हुसैन समेत 17 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की ली शपथ attacknews.in

पटना 09 फरवरी । बिहार में आज नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया और सैयद शाहनवाज हुसैन समेत 17 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई ।

राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सैयद शाहनवाज हुसैन को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री हुसैन ने उर्दू में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली । इसके बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली

इन दोनों नेताओं के बाद मदन सहनी (जदयू), प्रमोद कुमार (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), लेसी सिंह (जदयू), सम्राट चौधरी, नीरज कुमार सिंह बबलू (दोनों भाजपा), सुभाष सिंह (जदयू), नितिन नवीन (भाजपा), सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय), सुनील कुमार (जदयू), नारायण प्रसाद (भाजपा), जयंत राज (जदयू), आलोक रंजन (भाजपा), मो. जमा खान (जदयू), जनक राम (भाजपा) ने मंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। श्री संजय झा और श्री आलोक रंजन ने मैथिली में शपथ ली ।

बिहार में 17 मंत्रियों की शपथ के साथ विभागों का भी हुआ बंटवारा

बिहार की नीतीश सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सात और एक निर्दलीय विधायक को जगह दिए जाने के साथ ही आज मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया ।

सैयद शाहनवाज हुसैन को उद्योग, श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, मदन सहनी को समाज कल्याण, प्रमोद कुमार को गन्ना उद्योग और विधि, संजय कुमार झा को जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क, लेसी सिंह को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण और सम्राट चौधरी को पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी दी गई है

वैज्ञानिकों ने खोज निकाला उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में आई आपदा का कारण:भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से हो गया इतना बड़ा हादसा attacknews.in

देहरादून 09 फरवरी । उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों ने अहम जानकारी देते हुए कहा है कि यह आपदा ग्लेशियर के टूटने से नहीं बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आयी है। अभी तक माना जा रहा था कि ग्लेशियर टूटने से आपदा आई है। लेकिन अब सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से वैज्ञानिकों ने आपदा की असली वजह साफ की है।

वैज्ञानिकों ने बताया है कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है।

बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने से नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया। तस्वीरों के माध्यम से प्रारंभिक रूप से ये ही जानकारी सामने आई है। अभी अध्ययन किया जा रहा है जिससे ज्यादा जानकारी सामने आ सके।

ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद जोशीमठ के लिए रवाना हुए वैज्ञानिक

इससे पहले उत्तराखंड में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने की घटना के बाद सोमवार को वैज्ञानिकों का एक दल देहरादून से जोशीमठ क्षेत्र पहुंचा।

डीआरडीओ के ‘बर्फ और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई)’ के वैज्ञानिक रविवार रात को हवाई मार्ग से उत्तराखंड की राजधानी पहुंचे थे।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि , “डीआरडीओ-एसएएसई के वैज्ञानिकों का एक दल बीती रात देहरादून के लिए विमान से रवाना हुआ था। अब यह दल निरीक्षण करने और प्राथमिक जानकारी एकत्रित करने के लिए जोशीमठ इलाके के लिए निकल रहा है।”

रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का एक भाग टूट गया था जिससे अलकनंदा नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी।

इस घटना में पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान हुआ ।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा था कि रैणी और तपोवन में दो पनबिजली परियोजनाओं में काम करने वाले 173 लोग लापता हैं, जिनमें से 27 के शव बरामद हुए हैं।

वैज्ञानिकों को पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूकंप के भूगर्भीय साक्ष्य मिले:

यह खोज पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूंकप की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर सकती है:

वैज्ञानिकों को असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित हिमबस्ती गाँव में भूकंप का पहला भूगर्भीय साक्ष्य मिला है। इतिहासकारों ने इसे इस क्षेत्र में बड़े विनाश का कारण बने सदिया भूकंप के रुप में दर्ज किया है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार 1667 ईस्वी में आए इस भूकंप ने सदिया शहर को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया था।

यह खोज पूर्वी हिमालय क्षेत्र में भूंकप की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उसके अनुरुप यहां निर्माण गतिविधियों की योजना बनाने में मददगार हो सकती है।

ऐतिहासिक अभिलेखागारों में पूर्वी हिमालय क्षेत्र में अक्सर आने वाले ऐसे भूकंपों के बारे में भूवैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई है। ऐसे में ये सवाल उठना स्वाभिक था कि लाखों की आबादी वाले ऐसे क्षेत्र में आते रहे भूकंपों के बारे में कोई जानकारी अभी तक क्यों नहीं जुटाई जा सकी या इन्हें नजरअंदाज किया गया।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी ) के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (डब्लूआईएचजी) के वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश के हिमबस्ती गाँव के उस क्षेत्र में उत्खनन किया जहाँ 1697 में सादिया भूकंप आने के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं। उत्खनन में प्राप्त इन साक्ष्यों का आधुनिक भूवैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से विश्लेषण किया गया।

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि इस क्षेत्र में जमीन के नीचे चट्टानें खिसकने से आए भूकंप के निशान नदियों और झरनों के पास सतह के उपर जमा भूगर्भीय पदार्थों के रूप में मौजूद हैं। इस बारे में और गहन अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने यहां उत्खनन स्थल से इक्कीस रेडियोकार्बन नमूने इकठ्ठा किए।

उन्होंने सुबनसिरी नदी के डेल्टा क्षेत्र में गादर वाले स्थान पर बड़े बड़े वृक्षों की टहनियां (सदिया सुबनसिरी नदी के दक्षिण-पूर्व में लगभग 145 किमी दूर स्थित है) गाद में दबी पाईं जो यह बताता है कि भूकंप के बाद भी छह महीने तक आते रहे इसके हल्के झटकों की वजह से नदी में इतनी मिट्टी और मलबा जमा हो गया था कि उसकी सतह उपर उठ गई। यह शोध हाल ही में ‘साइंटिफिक रिपोर्ट’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है।

लोहित नदी के दाहिने किनारे पर घने वनों से आच्छादित पूर्वी हिमालय क्षेत्र के घास से ढके मैदानी इलाके में मौजूद रहकर सादिया में सदियों पहले आए भूकंप का अध्ययन काफी मायने रखता है। इससे घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में भूकंप के खतरे वाले इलाकों को पहचानने तथा आगे यहां आधारभूत संरचनाओं के निर्माण की योजनाएं बनाने में काफी मदद मिलेगी।

मध्यप्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना,इकबाल सिंह बैस के बेटे अमनवीर सिंह बैस कलेक्टर बैतूल पदस्थ attacknews.in

मध्यप्रदेश में भाप्रसे के दो अधिकारियों की नवीन पदस्थापना

भोपाल, 9 फरवरी । मध्यप्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के दो अधिकारियों की नवीन पदस्थापना की है।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार सतना के नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमनवीर सिंह बैंस को बैतूल में कलेक्टर बनाया गया है।

इसी तरह इंदौर के अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच कलेक्टर बनाया गया है।

पिता मुख्य सचिव, बेटा बना कलेक्टर:

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेटे अमनवीर सिंह बैतूल के कलेक्टर, मयंक अग्रवाल को नीमच कलेक्टर बनाया।1985 में बैस बने थे आईएएस, 28 साल बाद 2013 में बेटा आईएएस बना हैं ।

राज्य सरकार ने मंगलवार को बैतूल और नीमच में कलेक्टर की पदस्थापना कर दी है। दोनों जिलों के कलेक्टर 8 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हटाए गए थे।

सोमवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर दोनों जिलों के कलेक्टरों को हटाया गया था।

राज्य सरकार ने बैतूल और नीमच में कलेक्टर की पदस्थापना कर दी है।

नगर निगम सतना में आयुक्त अमनवीर सिंह को बैतूल का कलेक्टर बनाया गया है।

अमनवीर 2013 बैच के IAS अफसर हैं और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेटे हैं।

इसी तरह इंदौर में अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच का कलेक्टर बनाया गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश में पहली बार हुआ जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना है।

हालांकि पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के बेटे IPS मनीष शंकर शर्मा वर्तमान में ADG हैं। जब शर्मा प्रदेश के मुख्य सचिव थे तब मनीष शंकर 1999 से 2001 तक रायसेन और सतना SP रहे।

इकबाल सिंह बैस की पहली पोस्टिंग 21 जनवरी 1993 को सीहोर में हुई थी, वे वहां 9 अगस्त 1993 तक पदस्थ रहे थे। अब उनके बेटे को कलेक्टर का पदभार सौंपा गया है।

सोमवार को हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के मैदानी अफसरों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर देखने को मिले थे।

कॉन्फ्रेंस खत्म होने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने दो कलेक्टर, दो SP और एक राज्य पुलिस सेवा की अफसर को हटाने के निर्देश दे दिए।

इसका असर यह हुआ कि CM के निर्देश मिलने के एक घंटे बाद हटाए जाने के आदेश जारी कर दिया था।

जिसके मुताबिक कलेक्टर बैतूल राकेश सिंह व नीमच जितेंद्र सिंह को मंत्रालय में उप सचिव में पदस्थ किया गया है। जबकि SP निवाड़ी वाहिनी सिंह व गुना राजेश सिंह को PHQ भोपाल में AIG बनाया गया है। इसी तरह गुना CSP नेहा पच्चीसिया को पुलिस मुख्यालय में DSP पदस्थ किया गया।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अभियान जारी रखने का मंत्रियों को सुनाया फरमान attacknews.in

भोपाल, 09 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है।

श्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले, मंत्री गण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है। उन्होंने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है।

तमिलनाडू में अन्नाद्रमुक की राजनीति में आया भूचाल, शशिकला ने कृष्णागिरी के बाद चेन्नई पहुंचकर सक्रिय राजनीति में आने की घोषणा करके द्रमुक की राजनीति में बढ़ाया सिरदर्द attacknews.in

चेन्नई, नौ फरवरी । अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी के शशिकला, बेंगलुरु से निकलने के 23 घंटे बाद मंगलवार को यहां पहुंची।

दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की विश्वस्त सहयोगी 65 वर्षीय शशिकला, मंगलवार सुबह सात बजे टी नगर पहुंची।

उनके रिश्तेदार और एएमएमके नेता टी. टी. वी. दिनाकरन ने कहा कि अन्नाद्रमुक को फिर से खड़ा करने का उनका प्रयास जारी रहेगा।

दिनाकरन ने कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में द्रमुक को सत्ता से दूर रखना उनका लक्ष्य है।

उन्होंने कहा, “हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं कि द्रमुक सत्ता में न आए और इस दिशा में सभी प्रयास करेंगे।”

उन्होंने संकेत दिया कि शशिकला चुनाव लड़ सकती हैं।

दिनाकरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अभिनेता रजनीकांत ने उनसे शशिकला के स्वास्थ्य के बारे में सोमवार को पूछा था।

शशिकला बेंगलुरु से सोमवार सुबह कार से रवाना हुई थीं और रास्ते भर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।

घर पहुंचने से पहले वह अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचंद्रन के यहां स्थित घर पहुंची और उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाए। इस दौरान दिनाकरन उनके साथ थे।

शशिकला बेंगलुरु की जेल में फरवरी 2017 से बंद थीं और उन्हें 27 जनवरी को रिहा किया गया।

वह कोविड-19 से पीड़ित थीं और न्यायिक हिरासत में रहते हुए सरकारी विक्टोरिया अस्पताल में उनका इलाज किया गया।

अस्पताल से 31 जनवरी को छुट्टी मिलने के बाद शशिकला बेंगलुरु से 35 किलोमीटर दूर स्थित एक रिजॉर्ट में ठहरी थीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या द्रमुक के खिलाफ एएमएमके और अन्नाद्रमुक का गठबंधन हो सकता है, दिनाकरन ने कहा, “जहां तक मेरी बात है, अन्नाद्रमुक को फिर से खड़ा करने और अम्मा का शासन वापस लाने के लिए मार्च 2018 में एएमएमके की शुरुआत की गई थी।”

उन्होंने कहा, “मैं यह तभी से कह रहा हूं। अन्नाद्रमुक को वापस लाना हमारा लक्ष्य है और यह जनता के हाथों में है। मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा।”

जेल की चार साल की सजा काट कर तमिलनाडु पहुंची शशिकला का हुआ भव्य स्वागत और कहा:सक्रिय राजनीति में आऊंगी:

इससे पहले कल कृष्णागिरि (तमिलनाडु)/बेंगलुरु, से खबर है कि, अन्नाद्रमुक से निष्कासित की गईं नेता वी के शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा काटने के कुछ दिन बाद सोमवार को तमिलनाडु लौटीं जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।

दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की बेहद करीबी रहीं शशिकला सुबह करीब दस बजे कर्नाटक से सटे तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के अथिपल्ली पहुंचीं। यहां शशिकला के समर्थकों ने उनके काफिले पर फूल बरसाए और जश्न मनाया।

तमिलनाडु में उनकी वापसी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अगले कुछ महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं।

इससे पहले वह, बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक रिसॉर्ट से रवाना हुई थी और उनके साथ उनके भतीजे एवं अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) के महासचिव टीटीवी दिनाकरण भी थे। समर्थनों के नारों के बीच वह करीब 200 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुईं। उन्होंने मास्क पहन रखा था और निकलने से पहले उन्होंने जयललिता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए।

उन्होंने जयललिता के पसंदीदा हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी और उनकी कार पर अन्नाद्रमुक का झंडा लगा था। हालांकि अन्नाद्रमुक ने हाल में तमिलनाडु पुलिस से पार्टी के गैर-सदस्यों द्वारा उसके झंडे के इस्तेमाल को रोकने की गुहार लगाई थी।

दरअसल 31 जनवरी को बेंगलुरु के एक अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शशिकला जिस वाहन में सवार हुई थीं उस पर भी अन्नाद्रमुक का झंडा लगा था।

कोविड-19 से पीड़ित शशिकला को यहां भर्ती करवाया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें बेंगलुरु से करीब 35 किमी दूर रिसॉर्ट में ठहराया गया था।

दिनाकरण ने झंडे के इस्तेमाल के बचाव में कहा कि वह (शशिकला) अब भी अन्नाद्रमुक की महासचिव हैं क्योंकि उनके निष्कासन को लेकर अदालत में कई याचिकाएं लंबित हैं।

फरवरी 2017 से जेल में सजा काट रहीं शशिकला इस वर्ष 27 जनवरी को रिहा हो गई थीं।

सक्रिय राजनीति में आऊंगी: शशिकला

तिरुपातूर (तमिलनाडु), से खबर है कि ,अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी के शशिकला ने सोमवार को कहा कि तमिलनाडु लौटने के बाद वह स्वयं को सक्रिय राजनीति में शामिल करेंगी। शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल जेल की सजा काटने के कुछ दिन बाद तमिलनाडु लौटी हैं।

शशिकला ने कर्नाटक की राजधानी के एक अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा था कि वह तमिलनाडु के लोगों की ऋणी हैं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि वह ‘‘दमन’’ के आगे झुकेंगी नहीं।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने के बाद शशिकला का उक्त अस्पताल में इलाज चल रहा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह चेन्नई में अन्नाद्रमुक मुख्यालय जाएंगी, उन्होंने कहा, ‘‘कृपया प्रतीक्षा करें और देखिये।’’

जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वह राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में शामिल होंगी, उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए।’’

वह बेंगलुरु से चेन्नई जा रही थीं और कुछ ही समय में उन्होंने यहां समर्थकों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिल लोकाचार और उन सिद्धांतों से प्यार करती हूं, जिन पर मैंने विश्वास किया है। लेकिन मैं कभी भी उत्पीड़न के आगे नहीं झुकूंगी।’’

इससे पहले, जब वह 66.6 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में बेंगलुरू में जेल की सजा काटने के कुछ दिनों बाद तमिलनाडु लौटीं तो उनका भव्य स्वागत किया गया।

अपनी कार पर अन्नाद्रमुक के झंडे के इस्तेमाल को लेकर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह उनकी आशंका को दर्शाता है।’’

चेन्नई में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के स्मारक को रखरखाव के लिए बंद किये जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि इसका मतलब क्या है।’’

समर्थकों की ‘‘अन्नाद्रमुक का नियंत्रण हासिल करने’’ की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं जल्द ही आप सभी से मिलूंगी। उसके बाद विस्तार से बात करेंगे।

नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किले की घटना का आरोपी दीप सिद्धू गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, नौ फरवरी। केन्द्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किले में हुई घटना के आरोपी दीप सिद्धू को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने यह गिरफ्तारी की।

पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अभिनेता दीप सिद्धू तथा तीन अन्य की गिरफ्तारी में मददगार हो सकने वाली जानकारी देने पर एक लाख रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा भी की थी।

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी और इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं।

इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां एक ध्वजस्तंभ में धार्मिक झंडा लगा दिया था।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली 08 फरवरी । केंद्रीय श्रम एवं राेजगार मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- ईपीएफओ की भविष्य निधि के अंशधारकों के लिए ‘ईपीएफ न्यूनतम पेंशन’ बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र ने यहां केंद्रीय बजट 2021-22 पर बुलाये गए एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढोतरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं राेजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है।

गौरतलब है कि श्रमिक संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपए या इससे अधिक पेंशन मासिक रुप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।

एक अन्य सवाल के जवाब में श्री चंद्र ने कहा कि सरकार सप्ताह मेें तीन या चार दिन कार्य दिवस करने पर विचार कर रही है लेकिन सप्ताह में काम के घंटे 48 घंटे से अधिक नहीं हाेंगे।

उन्होंने कहा कि यह मूल रुप से कर्मचारी और नियोक्ता के बीच का मामला होगा। सरकार केवल एक विकल्प उपलब्ध करायेगी।

उन्होंने कहा कि यह केवल अभी प्रस्ताव है और अंतिम फैसला श्रमिक संगठनों की सहमति से लिया जाएगा।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भविष्य निधि में 2.5 लाख रुपए की सीमा में लोक भविष्य निधि का अंशदान शामिल नहीं है। इन निधियों का गठन अलग अलग कानूनों के तहत हुआ है। उन्होंने कहा कि भविष्य निधि में 2.5 लाख रुपए के अंशदान की सीमा केवल दो लाख से तीन लाख अंशधारकों को ही प्रभावित करेगी।

शिवराज सिंह चौहान का कोपभाजन बने मध्यप्रदेश के 2 कलेक्टर 2 एसपी और 1 सीएसपी ;सख्त लहजे में कहा कि:’जो परफॉर्म नहीं करेगा उसको अधिकार ही नहीं है कि इन पदों पर रहकर काम करे’ attacknews.in

भोपाल, 08 फरवरी ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद आज रात्रि में सरकार ने गुना और निवाड़ी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ ही गुना की नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमती नेहा पच्चीसिया का स्थानांतरण कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गुना एसपी राजेश कुमार सिंह और निवाड़ी एसपी श्रीमती वाहनी सिंह को पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के रूप में वापस बुलाया गया है। इसी तरह श्रीमती नेहा पच्चीसिया को भी उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के रूप में पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ किया गया है।

नीमच और बैतूल के कलेक्टर भी हटाए गए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त रुख के चलते आज रात्रि में नीमच और बैतूल जिले के कलेक्टरों के भी तबादले कर दिए गए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे को राज्य मंत्रालय में अपर सचिव और बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह को उप सचिव के रूप में स्थानांतरित किया गया है।

प्रदेश के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने होना चाहिए प्रयास: शिवराज

इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने आज कहा कि हम सभी को प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास हो चाहिये।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक,कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है, फिर दोहरा रहे हैं कि हम प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि वह भी अपना मूल्यांकन करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काम में कहीं कोई कसर रह गई तो हम प्रदेश का अहित करने का पाप करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सभी को बराबर मानते हैं। जो अच्छा काम करेगा, हम उसकी पीठ थपथपायेंगे। अच्छा काम करने वालों की हमें, प्रदेश को जरूरत है। जो परफॉर्म नहीं करेगा उसको अधिकार ही नहीं है कि इन पदों पर रहकर काम करे। मेरा प्रयास निष्पक्ष मूल्यांकन का है, उसके आधार पर हम आगे बढ़ते हैं।

भू-माफिया, चिटफंड कंपनी और अवैध शराब के विरूद्ध सख्त कार्रवाही करें: शिवराज

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में प्रति माह एक लाख लोगों को रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था करना आवश्यक है। इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करना जरूरी है, जिससे यहाँ के विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो सके।

श्री चौहान आज यहां मंत्रालय से सभी कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी तथा एसपी स्तर के अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वितीय सत्र को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का प्रमुख स्तम्भ है। प्रत्येक जिला अपने परिवेश के अनुसार अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कार्य-योजना बनायें और उसे समय-सीमा में क्रियान्वित करें। प्रत्येक जिले में रोजगार मेलों का आयोजन हो और इसका विस्तार विकासखंड स्तर तक करें।