हरियाणवी गायिका सपना चौधरी के खिलाफ धन की हेराफेरी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज,लाखों रुपयों की लगाई चंपत attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 फरवरी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हरियाणवी गायिका सपना चौधरी और अन्य के खिलाफ धन की हेराफेरी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि जानी-मानी हस्तियों का कारोबार प्रबंधन एवं उनके कार्यक्रम आयोजित करने वाली पी एंड एम मूवीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पवन चावला की शिकायत पर बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।

प्राथमिकी के अनुसार, चौधरी ने एक लोकप्रिय रिएलिटी कार्यक्रम से बाहर निकलने के बाद एक मित्र के जरिए मार्च 2018 में चावला से संपर्क किया था और वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए कंपनी के साथ मिलकर काम करने में गहरी रुचि दिखाई थी।

कई वार्ताओं के बाद चावला और चौधरी के बीच 2018 में एक करार हुआ था, जिसके नियम एवं शर्तों के अनुसार, गायिका को किसी अन्य कंपनी के साथ काम करने या शिकायतकर्ता के किसी अन्य ग्राहक से संपर्क करने की अनुमति नहीं थी।

प्राथमिकी के अनुसार, चौधरी और उनकी मां ने मई 2018 में किसी आपात स्थिति का हवाला देते हुए 50 लाख रुपए के लिए चावला से संपर्क किया था, जिसके बाद उन्हें 25-25 लाख रुपए के दो चेक दिए गए थे।

इसमें कहा गया है कि अगस्त में चौधरी ने चावला को 10 लाख का चेक लौटाया और सितंबर में उसे तीन लाख रुपए लौटाए। इसके बाद उन्होंने चावला से नवंबर में डेढ़ लाख रुपए लिए और इस तरह उन्होंने चावला से 38.5 लाख रुपए लिए।

पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी के अनुसार, चौधरी ने विभिन्न आपात स्थितियों का हवाला देते हुए शिकायतकर्ता से कई मौकों पर धन लिया।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चौधरी ने नया घर खरीदने के बहाने चावला से ऋण का प्रबंध कराया, लेकिन कई वादे करने के बावजूद शेष राशि का भुगतान नहीं किया।

इसके बाद जनवरी 2020 में चौधरी और चावला के बीच एक और करार हुआ। इस दौरान चौधरी ने पुष्टि की कि उनके पास शिकायतकर्ता और उनके साथियों का 3.5 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है।

चावला ने आरोप लगाया कि इसके बाद मार्च 2020 में उन्हें पता चला कि चौधरी ने गुड़गांव में उनकी कंपनी का शाखा कार्यालय खोला है और इसमें उनका एक कर्मी भी शामिल है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को सरकारी विमान से यात्रा की अनुमति नहीं दी मजबूरन यात्री बनकर करनी पडी यात्रा attacknews.in

मुंबई, 11 फरवरी । महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को सरकारी विमान से देहरादून की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी।

सरकारी विमान से यात्रा की अनुमति नहीं मिलने के कारण श्री कोश्यारी और उनके कुछ सहयोगी स्पाइस जेट विमान से उत्तराखंड के लिए रवाना हो गये।

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर तीव्र नाराजगी जताई है। श्री फडणवीस ने कहा कि इससे साबित होता है कि राज्य सरकार कितनी अहंकारी हो गई है ।

मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून लागू होने के एक महीने के अंदर ही धर्म परिवर्तन के 23 मामले हुए दर्ज, सर्वाधिक मामले भोपाल संभाग में दर्ज attacknews.in

भोपाल, 11 फरवरी । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि ‘धर्म स्वातंत्र्य कानून’ को लेकर प्रदेश में 23 मामले जनवरी से लेकर अब तक दर्ज हुए हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं।

श्री मिश्रा ने यहां अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि यह आंकडे अभी एक माह के हैं।

उन्होंने कहा कि धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर अब तक दर्ज हुए मामलों में सबसे ज्यादा मामले भोपाल संभाग के हैं, जहां सात मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, इंदौर में पांच, जबलपुर और रीवा संभागों में चार-चार एवं ग्वालियर संभाग में तीन मामले इस कानून के तहत दर्ज हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वह पहले से कह रहे हैं कि यह गंभीर विषय है और बड़े पैमाने में प्रदेश के अंदर इस तरह के काफी लोग सक्रिय है, जिसके पर अंकुश लगना चाहिए और प्रदेश ने यह पहल की है।

भारत केवल 26 दिनों में कोविड-19 के 70 लाख टीके लगाने वाला दुनिया का पहला देश बना,प्रति दस लाख आबादी पर भारत में सक्रिय मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम attacknews.in

नईदिल्ली 11 फरवरी । भारत ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारत कोविड-19 के खिलाफ 70 लाख से अधिक लोगों को टीके लगाने वाला दुनिया का सबसे तेज देश बन गया है।

भारत ने यह उपलब्धि केवल 26 दिनों में अर्जित की है, जबकि अमेरिका ने इस आंकड़े तक पहुंचने में 27 दिन और इंग्लैंड ने 48 दिन का समय लिया है। भारत कुछ दिन पहले 60 लाख के आंकड़े पर पहुंचने वाला भी दुनिया पहला देश बना था।

11 फरवरी, 2021 को प्रातः आठ बजे तक देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत 70 लाख (70,17,114) से अधिक लाभार्थियों को टीके लग गए हैं।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई शुरू,राजद्रोह भड़काने का आरोप लगाया attacknews.in

वाशिंगटन, 11 फरवरी । अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई शुरू की।

डेमोक्रेट के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा के महाभियोग प्रबंधकों ने ट्रंप के खिलाफ राजद्रोह भड़काने का आरोप लगाया।

डेमोक्रेटिक सांसद जैमी रस्किन की अगुवाई में प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने ट्रंप पर छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में हुआ दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया। यह दंगा उस समय हुआ था, जब कैपिटल परिसर में दोनों सदनों के सांसद तीन नवम्बर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को प्रमाणित करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे।

चुनाव में डेमोक्रेटिक जो बाइडन ने ट्रंप को मात दी थी। बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला था। प्रतिनिधि सभा ने 20 जनवरी से पहले उसी समय ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर दी थी, जब वह देश के राष्ट्रपति थे और अब उनके व्हाइट हाउस छोड़ने के तीन सप्ताह बाद सीनेट में उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है।

अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई है। इसके अलावा दो बार महाभियोग की कार्यवाही का सामना करने वाले वह पहले राष्ट्रपति हैं।

सीनेट में सांसद जैमी रस्किन ने ट्रंप पर कैपिटल में दंगा करने के लिए एक विद्रोही भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया। उनके कई डेमोक्रेटिक साथियों ने सीनेट में इसका समर्थन किया।

रस्किन ने कहा, ‘‘ सबूत बताएंगे कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप निर्दोष नहीं है। सबूत बताएंगे कि उन्होंने स्पष्ट तौर पर छह जनवरी को विद्रोह को भड़काया। सबूतों से पता चलेगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कमांडर- इन-चीन की भूमिका छोड़ खतरनाक विद्रोह को भड़काने वाले एक सरगना की भूमिका निभाई।’’

प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों के पास दलीलें रखने के लिए 16 घंटे का ही समय है। रस्किन बृहस्पतिवार को अपनी बाकी दलीलें पेश करेंगे। इसके बाद ट्रंप के वकील अपना पक्ष रखेंगे और उन्हें भी 16 घंटे ही मिलेंगे।

इस बीच, भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का समर्थन किया।

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति ने पिछले महीने कैपिटल और हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला करने वाली भीड़ का भड़काया। आज उन्हें, सजा दिए जाने की आवश्यकता है क्योंकि उनकी वजह से उस दिन सभी सदन के सदस्यों और कर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा था।’’

कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि सभा में ट्रंप पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया था। साथ ही तीन अन्य भारतीय-अमेरिकी सांसदों एमी बेरा, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल ने भी महाभियोग का समर्थन किया।

गौरतलब है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और वह तीन नवम्बर को हुए चुनाव में धोखाधड़ी के दावे कर रहे थे। ट्रंप के इन दावों के बीच, कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में उनके समर्थकों ने छह जनवरी को धावा बोला था और हिंसा की थी।

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया: पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील से सेनाओं को पीछे हटाए जाने पर भारत और चीन के बीच हुआ समझौता;दोनों देश अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे सेना attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 फरवरी । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को देश को अवगत कराया कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है।

सिंह ने बताया कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे ।

राज्यसभा में दिए एक बयान में रक्षा मंत्री ने यह आश्वासन भी दिया कि इस प्रक्रिया के दौरान भारत ने ‘‘कुछ भी खोया नहीं है’’। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अन्य क्षेत्रों में तैनाती और निगरानी के बारे में ‘‘कुछ लंबित मुद्दे’’ बचे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा ।’’

सिंह ने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे रुख और अनवरत वार्ताओं के फलस्वरूप चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगोंग झील से पूर्ण तरीके से सेनाओं के पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत हो तथा बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती को चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे ।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी किनारे में फिंगर आठ के पूरब की दिशा की तरफ रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।’’

उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ये कदम आपसी समझौते के तहत बढ़ाए जाएंगे तथा जो भी निर्माण आदि दोनों पक्षों द्वारा अप्रैल 2020 से उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर किया गया है, उन्‍हें हटा दिया जाएगा और पुरानी स्थिति बना दी जाएगी।’’

ज्ञात हो कि पिछले नौ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है।

इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सितम्बर, 2020 से लगातार सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सेनाओं को पीछे हटाने के लिए आपसी समझौते के तहत तरीका निकाले जाने को लेकर वरिष्ठ कमांडर स्तर की नौ दौर की बातचीत भी हो चुकी है। उन्होंने कहा इसके अलावा राजनयिक स्तर पर भी बैठकें होती रही हैं।

उन्होंने बताया कि भारतीय सेनाओं ने चीनी सेना की सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया है तथा अपने शौर्य एवं बहादुरी का परिचय दिया है।

उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों को चिन्हित कर हमारी सेनाएं कई पहाडि़यों के ऊपर तथा हमारे दृष्टिकोण से उपयुक्त अन्य क्षेत्रों पर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेनाएं अत्यंत बहादुरी से लद्दाख की ऊंची दुर्गम पहाडि़यों तथा कई मीटर बर्फ के बीच में भी सीमाओं की रक्षा करते हुए अडिग हैं और इसी कारण हमारी बढ़त बनी हुई है।’’

सिंह ने कहा कि देश की सेनाओं ने इस बार भी यह साबित करके दिखाया है कि भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने में वे सदैव तत्पर हैं और अनवरत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत अपनी एक इंच जमीन भी किसी को लेने नहीं देगा और इसी दृढ़ संकल्प का ही नतीजा है कि हम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के मद्देनजर समझौते की स्थिति पर पहुंचे हैं।

सिंह ने कहा कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं और सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘परंतु एलएसी पर शांति में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ता है । इससे चीन भी अच्छी तरह से अवगत है । कई उच्च स्तरीय संयुक्त बयानों में भी यह जिक्र किया गया है कि एलएसी तथा सीमाओं पर शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अत्यंत आवश्यक है ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर चीन के साथ हुई वार्ता के दौरान भारत ने चीन को बताया कि वह तीन सिद्धांतों के आधार पर इस समस्या का समाधान चाहता है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहला, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को माना जाए और उसका सम्मान किया जाए। दूसरा, किसी भी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास नहीं किया जाए। तीसरा, सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।’’

सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाएं विषम एवं भीषण बर्फबारी की परिस्थितियों में भी शौर्य एवं वीरता का प्रदर्शन कर रही हैं और इसके लिए प्रशंसा की जानी चाहिए।

इस गतिरोध के दौरान शहीद हुए जवानों की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इसे देश सदैव याद रखेगा I

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि यह पूरा सदन, चाहे कोई किसी भी दल का क्यों न हो, देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रश्न पर एक साथ खड़ा है I और एक स्वर से समर्थन करता है कि यही सन्देश केवल भारत की सीमा तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे जगत को जायेगा ।’’

उतराखण्ड हिमखंड हादसा आंकड़ो के मकड़जाल में लापता और बरामद शवों की संख्या का गणित;की जा रही है ड्रोन और हेलीकॉप्टर से अत्याधुनिक ब्लॉक टनल की जियोग्राफिकल स्कैनिंग attacknews.in

चमोली/ देहरादून, 10 फरवरी ।उत्तराखंड के चमोली जनपद में बीते रविवार ग्लेशियर टूटने से हुई त्रासदी में गुमशुदा व्यक्तियों और अभी तक मिले शवों की संख्या में अंतर सामने आया है।

पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम द्वारा बुधवार शाम जारी आंकड़े के अनुसार, प्राकृतिक आपदा में अभी तक 197 लोग लापता हैं। लापता लोगों में से 33 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं। जिनमें से 10 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 23 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है।

इसके विपरीत, आपदा नियंत्रण केन्द्र द्वारा इसी समय दी गई जानकारी के अनुसार, 34 शव बरामद हुये हैं, जिनमें 09 की शिनाख्त हुई है, जबकि 170 लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।

उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन तंत्र को दुरुस्त किया गया

उत्तराखंड के केदारघाटी के प्रलयकारी हादसे से सबक लेते हुए बीते आठ वर्षों में राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र को काफी हद तक दुरुस्त कर लिया गया है। राहत और बचाव के लिए रिस्पॉस टाइम में सुधार किया गया। सिस्टम में संवेदनशीलता भी बढ़ी है।

हाल ही में हिमस्खलन से नंदादेवी बायोस्फियर क्षेत्र में आई आपदा में इसकी बानगी देखने को मिली है।

ग्लेशियर टूटना : ड्रोन और हेलीकॉप्टर से अत्याधुनिक ब्लॉक टनल जियोग्राफिकल स्कैनिंग

उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही में लापता व्यक्तियों की खोज के लिये राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सहित देश की विभिन्न एजेंसियां ड्रोन और हेलीकाप्टरों द्वारा अत्याधुनिक तकनीक ब्लॉक टनल जियोग्राफिकल स्कैनिंग की जा रही है।

एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्विम अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक में ड्रोन और हॉलिकॉप्टर के जरिए ब्लॉक टनल का जियो सर्जिकल स्कैनिंग कराई जा रही है। जिसमें रिमोट सेंसिंग के जरिए टनल की ज्योग्राफिकल मैपिंग कर, टनल के अंदर मलवे की स्थिति के अलावा और भी कई तरह की जानकारियां स्पष्ट हो पाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएगी।

देशभर में 18 फरवरी को दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोकेंगे किसान,6 फरवरी को राजमार्गों पर चक्का जाम की तर्ज पर रेलों को बनाया अगला निशाना ; राकेश टिकैत “आंदोलनजीवी” से तिलमिलाये attacknews.in

नईदिल्ली/ सोनीपत 10 फरवरी । हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को और तेज करने के लिए 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम चार बजे तक देशभर में रेल रोकने का फैसला लिया गया।

संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने संवाददाताओं को बताया कि 18 फरवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको आंदोलन किया चलाया जाएगा। गत छह फरवरी को राजमार्गों पर रोके गए यातायात की तर्ज पर यह कार्यक्रम भी पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगा।

आंदोलनजीवी नहीं, अन्नदाता है किसान: टिकैत

पानीपत,में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को अप्रत्यक्ष रूप से आंदोलनजीवी कहे जाने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलनजीवी नहीं बल्कि अन्नदाता है और देश का किसान अपने लिए नहीं बल्कि देश की जनता के हित के लिए आंदोलन कर रहा है।

दिल्ली से कुरूक्षेत्र जाते समय श्री टिकैत पानीपत के टोल प्लाजा पर रूके और यहां धरना दे रहे आंदोलनकारी किसानों, अन्य संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने किसानों द्वारा चलाए जा रहे लंगर स्थल का भी जायजा लेने के बाद किसानों की व्यवस्था की सरहाना की।

किसान मोर्चा के टूटने के सपने देखना छोड़ दे सरकार : टिकैत

सोनीपत, में राकेश टिकैत ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह किसान मोर्चा के टूटने और आंदोलन के बिखरने के सपने देखना छोड़ दे।

श्री टिकैत ने कुंडली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को चेताया कि वह जाति-धर्म के नाम पर किसान को बांटने की साजिश बंद करे।

उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति नहीं होती है। किसान 36 बिरादरी में हैं और किसी ना किसी रूप से हर बिरादरी खेती से जुड़ी है , इसलिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) का यह षडयंत्र यहां नहीं चलेगा।

मुंबई में झारखंड सौंदर्य प्रतियोगिता की विजेता माॅडल को धारावाहिक श्रृंखला में काम करने का मौका देने से पहले जबरन बनाई पोर्न फिल्म में काम कराया attacknews.in

मुंबई 10 फरवरी । झारखंड सौंदर्य प्रतियोगिता की विजेता रही एक 29 वर्षीय मॉडल ने बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है कि उससे अश्लील फिल्म में जबरन काम कराया गया।

मॉडल ने अपनी शिकायत में कहा कि उससे एक महिला ने कहा था कि यदि वह अश्लील फिल्म में काम करेगी तभी उसे एक धारावाहिक श्रृंखला में काम करने का मौक मिलेगा।

मुंबई में अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में 5 गिरफ्तार, 36 लाख रुपए जब्तकर महिला को बचाया:

इससे पहले महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में संघर्षरत मॉडल और स्ट्रगलिंग एक्टर के साथ अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन पर ये फिल्में सोशल मीडिया और वेबसाइट पर अपलोड करने के भी आरोप हैं।

सोशल मीडिया और वेबसाइट पर अपलोड कर दी फिल्में:

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में संघर्षरत मॉडल और स्ट्रगलिंग एक्टर के साथ अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया, इन पर ये फिल्में सोशल मीडिया और वेबसाइट पर अपलोड करने के भी आरोप हैं।

अपराध शाखा के संपत्ति प्रकोष्ठ के अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि शहर के मलाड-मालवानी इलाके के माढ स्थित एक बंगले पर छापेमारी कर दो मेल एक्टर, एक लाइट मैन, एक महिला फोटोग्राफर और एक ग्राफिक डिजाइनर को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब मोबाइल फोन से अश्लील फिल्म की शूटिंग की जा रही थी।

उन्होंने बताया कि गिरोह से एक महिला को बचाया गया, अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार महिला ने बताया कि वह अश्लील फिल्म की शूटिंग कर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर अपलोड करती थी और लोगों को भुगतान के आधार पर इन तक पहुंच देती थी।

उन्होंने बताया, ‘घटनास्थल से 6 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, कैमरा और संबंधित उपकरण, मेमोरी कार्ड आदि जब्त किया गया है, जिसकी कीमत 5.68 लाख रुपए है. हमने आरोपियों के खाते में जमा 36.60 लाख रुपए भी जब्त कर लिए हैं।

अधिकारी ने बताया, ‘आरोपियों के खिलाफ संपत्ति प्रकोष्ठ के एपीआई लक्ष्मीकांत सालुंके की शिकायत के आधार पर मालवानी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और स्त्री अशिष्ट रुपण प्रतिषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.’ उन्होंने बताया कि आरोपियों को 10 फरवरी तक हिरासत में भेज दिया गया।

कासगंज में कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर को लहू-लुहान करने वाला हत्यारे फरार मुख्य आरोपी पर 50 हजार का इनाम घोषित,भाई मुठभेड़ में ढेर attacknews.in

कासगंज,10 फरवरी ।उत्तर प्रदेश के कासंगज सिपाही हत्याकाण्ड के फरार मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर शराब माफिया मोती सिंह की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पीयूष मोर्डिया ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कासगंज घटना के मुख्य आरोपी के भाई एलकार सिंह को आज सुबह पुलिस मुठभेड़ में में काली नदी के किनारे मार गिराया था और इस दौरान मोती सिंह अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था।

कासगंज में सिपाही का हत्यारा ढेर,दारोगा की हालत नाजुक

कानपुर के बिकरू कांड की तर्ज पर सिपाही की हत्या कर उत्तर प्रदेश पुलिस के इकबाल को ललकारने का दुस्साहस करने वाले मुख्य आरोपी के भाई को कासगंज पुलिस ने एक संक्षिप्त मुठभेड़ में मार गिराया जबकि अन्य की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उधर बदमाशों के हमले में घायल उपनिरीक्षक की हालत अभी नाजुक बनी हुयी है।

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि बुधवार तड़के सिढ़पुरा क्षेत्र में नगला भिखारी के जंगलों में काली नदी के पास छिपे बदमाशों में से एक एलकार को मार गिराया गया जबकि मुख्य आरोपी मोती समेत अन्य बदमाश अंधेरे का फायदा उठाते हुये भाग निकले जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। मृतक सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी का भाई है। उसके कब्जे से एक तंमचा और कुछ कारतूस बरामद किये गये है।

तड़के किया गया मुठभेड़ में ढेर

उत्तर प्रदेश में कासगंज जिले के सिढ़पुरा क्षेत्र में पुलिस टीम पर हमला कर सिपाही की हत्या करने वाला एक आरोपी आज सुबह मुठभेड़ में मारा गया।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार सिढ़पुरा इलाके में बुधवार सुबह करीब पांच बजे काली नदी की कटरी किनारे मुठभेड़ हुई जिसमें मुख्य आरोपी मोती धीवर का भाई एलकार धीमर मारा गया। पुलिस फरार मुख्य आरोपी मोती धीवर की सरगर्मी से तलाश कर रही है।

कासगंज में शराब माफिया ने की सिपाही की हत्या, दारोगा लहूलुहान

उत्तर प्रदेश में कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में शराब माफिया ने एक दुस्साहसिक वारदात में एक पुलिसकर्मी की पीट पीट कर हत्या कर दी जबकि उपनिरीक्षक को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि नगला धीमर गांव में दारोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र कुमार कुर्की की नोटिस चस्पा करने गये थे जहां शराब माफिया मोतीराम ने अपने साथियो के साथ उन्हे धर दबोचा। दोनाे पुलिसकर्मियों को बदमाश पीटते हुये एक खेत में ले गये जहां लहूलुहान सिपाही की मृत्यु हो गयी जबकि दारोगा गंभीर रूप से घायल है जिन्हे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया ।

गेंगस्टर अरुण गवली नागपुर जेल में कोरोना पॉजिटिव, शिवसेना नेता कमलाकर जामसंदेकर की हत्या मामले में गैंग्स्टर से राजनीतिज्ञ बना अरुण गवली काट रहा है आजीवन कारावास attacknews.in

नागपुर 10 फरवरी । महाराष्ट्र में नागपुर के केंद्रीय जेल में गेंगस्टर अरुण गवली समेत पांच कैदियों के बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने बताया कि गवली और चार अन्य कैदियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद जेल के डॉक्टरों द्वारा उपचार किया जा रहा है

नागपुर केन्द्रीय कारागार में बंद गैंगस्टर अरुण गवली समेत पांच कैदी बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

गवली शिवसेना नेता कमलाकर जामसंदेकर की हत्या से संबंधित मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने कहा कि गवली और चार अन्य कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और जेल के चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं। कुमरे ने कहा कि गवली सोमवार को बीमार पड़ने के बाद वायरस से संक्रमित पाया गया है।

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता और निगम पाषर्द रहे कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में गैंग्स्टर से राजनीतिज्ञ बने अरुण गवली को दोषी करार दिया था ।

इस मामले में अदालत ने 11 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था  ।  27 अगस्त 2011 को दोषियों को सजा सुनायी गयी थी  ।

मामले की सुनवाई के दौरान बाला सुर्वे नाम के एक आरोपी की मौत हो गयी जबकि तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया ।

साल 2008 के मार्च महीने में जामसंदेकर को उपनगरीय घाटकोपर इलाके में स्थित उनके आवास पर गोली मार दी गयी थी । गवली को 21 मई 2008 को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से वह जेल में बंद है ।

सात अक्तूबर 2010 को अदालत ने गवली एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका के अलावा आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 34 (एक जैसी मंशा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए थे । हालांकि, गवली और अन्य आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया था ।

पुलिस के मुताबिक, जामसंदेकर की हत्या की सुपारी कथित तौर पर आरोपी साहेबराव भिंतड़े और बाला सुर्वे ने दी थी । भिंतड़े और सुर्वे के बारे में कहा जाता है कि वे इमारतों के निर्माण के व्यापार और स्थानीय राजनीति में जामसंदेकर के प्रतिद्वंदी थे।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जामसंदेकर को गवली के इशारे पर मौत के घाट उतारा गया । गवली ने सह-आरोपियों के साथ शिवसेना नेता को मारने की साजिश रची।

चीन में 58 हजार से अधिक नकली कोरोना वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के कई मामलों का भंडाफोड़; 80 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी attacknews.in

बीजिंग, 10 फरवरी (स्पूतनिक) चीन में 58 हजार से अधिक नकली कोरोना वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के कई मामलों का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।

चीन के प्राॅसीक्यूटर जनरल कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी।

चीनी पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को किया गिरफ्तार

चीन ने फर्जी कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करने वाले गैंग का खुलासा किया है और उनके पास से 3 हजार से अधिक नकली डोज को बरामद किया है।

चीनी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक अभियान चलाकर पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और कोरोना वैक्सीन की 3,000 से अधिक नकली खुराक जब्त की।

चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यह सभी नकली कोरोना वैक्सीन की खेप की सप्लाई पिछले सितंबर से कर रहे थे, पुलिस ने सभी नकली खुराक को ट्रैक किया था. नकली टीकों को खारा सीरिंज में इंजेक्ट करके बनाया गया था. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी नकली वैक्सीन को विदेश भेजने की फिराक में रहे होंगे।

चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पुलिस ने बीजिंग, शंघाई और पूर्वी प्रांत शानदोंग सहित कई जगहों पर छापेमारी की. गौरतलब है कि दुनिया भर के देश अपने यहां कोरोनो वायरस महामारी को समाप्त करने की उम्मीद में वैक्सीन कार्यक्रम चला रहे हैं, कई देश दूसरे देशों से वैक्सीन लेकर अपने यहां वैक्सीनेशन कर रहे हैं।

नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में किसानों के बहरूपिया नेताओं पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि, किसान आंदोलन की पवित्रता को कलंकित कर रहे हैं ‘आंदोलनजीवी’ attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन में बाहरी तत्वों के शामिल होने की बात दोहराते हुए आज उन पर तीखा प्रहार किया और कहा कि किसान के पवित्र आंदोलन को ये आंदोलनजीवी’ कलंकित कर रहे हैं।

श्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में आंदोलनाें का महातम्य होता है। लोकतंत्र में आंदोलन होने चाहिए लेकिन जब ‘आंदोलनजीवी’ अपने फायदे के लिए आंदोलन का इस्तेमाल शुरू करते हैं तो इसका बहुत नुकसान होता है। किसानों के पवित्र आंदोलन को जो लोग अपवित्र कर रहे हैं उन्होंने ही टोल प्लाजा पर कब्जा किया है और किसानों के पवित्र आंदोलन को कलंकित करने का काम किया है।

उन्होंने कहा “किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं।हमारे लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है। दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, यह सब किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है।”

श्री मोदी ने कहा कि देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है जो सही काम करने को गलत मानता है। इस वर्ग की पहचान है कि सही बात कहने में कोई बुराई भी नहीं हैं लेकिन वे लोग सही करने वालों से नफरत करते हैं। यही वह वर्ग है जो दिल्ली में पर्यावारण प्रदूषण के खिलाफ न्यायालय जाता है लेकिन पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ा होता है। लिंग के आधार पर भेदभाव का विरोध करता है और ऐसे काम को अन्याय मानता है लेकिन जब तीन तलाक की बात आती है तो विरोध में खड़ा हो जाता है।

पुरानी सोच से किसानों, खेती का भला नहीं होगा : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि सुधार कानूनों को ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के मकसद पर आधारित बताया और कहा कि पुरानी सोच से किसानों एवं खेती का भला नहीं होगा और असफलता के डर से बदलावों को रोका नहीं जा सकता है।

श्री मोदी ने यहां लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 14 घंटे से अधिक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कृषि सुधार कानूनों का डटकर बचाव किया।

विपक्ष की भारी टोका टाकी, व्यवधान और बहिर्गमन के बीच प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी तीखे हमले किये और कहा, “सरकार आंदोलन कर रहे सभी किसान भाइयों का सम्मान एवं आदर करती है और हमेशा करेगी। सरकार के वरिष्ठ मंत्री लगातार सम्मान आदर के भाव से वार्ता कर रहे हैं। किसानों की शंकाओं को ढूंढ़ने का गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। अगर कोई कमी होगी और उससे किसानों को नुकसान हो रहा होगा तो सरकार उसे बदलने के लिए तैयार है।”

कोरोना से देश को मिला ‘अत्मनिर्भर’ बनाने का अवसर : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जिस तरह से दो विश्व युद्धों से दहलने के बाद दुनिया में शांति की नयी सोच पैदा हुई उसी तरह से कोराना से सहमे विश्व में भी बदलाव अवश्यंभावी है इसलिए विश्व में मजबूत उपस्थिति दर्ज करने के लिए भातर को कोरोना से ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का अवसर मिला है।

श्री मोदी ने कहा कि कोराेना के बाद दुनिया की सोच में बदलावा आएगा और यह परिवर्तन कैसा होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन बदलाव आएगा और इस बदलाव में भारत चुप नहीं रह सकता है।

उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर आने वाले बदलाव के इस माहौल में भारत को अपनी मजबूत उपस्थिति दिखानी है। हमें यह ध्यान रखना है कि हम जनसंख्या के आधार पर दुनिया में मजबूत हैं लेकिन सिर्फ जनसंख्या के बल पर हम विश्व स्तर अपनी मजबूती को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं इसलिए दुनिया के समक्ष अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करने के लिए हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सिद्धांत किसी राजनेता या राजनीतिक दल ने नहीं दिया है बल्कि यह सिद्धांत हमारी ‘सर्वेभवंतु सुखीना’ की सोच से मिला है। दुनिया सब सुखी रहें यह सिद्धांत हमें हमारे वेदों और उपनिषदों से मिला है और हमारे गौरव का यह भाव हमारे लिए आज आत्मनिर्भर बनने के काम आ रही है और फार्मेसी में हम आज दुनिया में सबसे आगे हैं।

भीख मांगना अपराध की श्रेणी के प्रावधानों को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में मांगा जवाब attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 फरवरी । उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर केन्द्र और कुछ राज्यों से जवाब मांगा है जिसमें भीख मांगने को अपराध की श्रेणी में रखने वाले प्रावधानों को निरस्त किये जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि इन प्रावधानों के चलते लोगों के पास भीख मांगकर अपराध करने या भूखा मरने का ‘‘अनुचित विकल्प’’ ही बचेगा।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की एक पीठ ने नोटिस जारी करते हुए केन्द्र के साथ-साथ महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा और बिहार से याचिका पर जवाब मांगे है। याचिका में दावा किया गया है कि भीख मांगने को अपराध बनाने संबंधी धाराएं संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

पीठ ने मेरठ निवासी विशाल पाठक द्वारा दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘जारी किये गये नोटिसों पर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।’’

अधिवक्ता एच के चतुर्वेदी द्वारा दाखिल याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के अगस्त 2018 के उस फैसले का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया था राष्ट्रीय राजधानी में भीख मांगना अब अपराध नहीं होगा।

इसमें कहा गया है कि बम्बई भिक्षावृत्ति रोकथाम अधिनियम, 1959 के प्रावधान, जिनमें भीख मांगने को एक अपराध के रूप में माना गया है, संवैधानिक रूप से नहीं टिक सकते है।

उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका में 2011 की जनगणना का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि भारत में भिखारियों की कुल संख्या 4,13,670 है और पिछली जनगणना से यह संख्या बढ़ी है।

इसमें कहा गया है कि सरकार को सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और सभी को संविधान में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट और NGT द्वारा आर्थिक संयंत्रों के रोके गये कामों की समीक्षा कर रहा है नीति आयोग निर्णयों के ‘अनपेक्षित’ आर्थिक असर का अध्ययन;जयपुर के कट्स इंटरनेशनल को सौंपी जिम्मेदारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 फरवरी । सरकार का थिंक टैंक नीति आयोग उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के चुनिंदा निर्णयों के ‘‘अनपेक्षित’’ आर्थिक असर का अध्ययन कर रहा है और इस बात की समीक्षा भी की जा रही है कि आदेश के पीछे बताए गए उद्देश्य पूरे हुए या नहीं।

एक परियोजना दस्तावेज के अनुसार जयपुर स्थित कट्स इंटरनेशनल को गोवा में मोपा हवाई अड्डे के निर्माण पर रोक लगाने, गोवा में लौह अयस्क खनन को रोकने और तमिलनाडु में स्टरलाइट कॉपर के तूतीकोरिन संयंत्र को बंद करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का अध्ययन करने के लिए कहा गया है।

इस बारे में नीति आयोग के प्रवक्ता को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला, वहीं कट्स इंटरनेशनल के निदेशक अमोल कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की।

कट्स इंटरनेशनल की प्रोजेक्ट विवरण दस्तावेज के अनुसार, ‘‘यह अध्ययन प्रमुख न्यायिक/ अर्ध न्यायिक निर्णयों के अनपेक्षित आर्थिक परिणामों की जांच करेगा और न्यायिक निर्णय के उद्देश्य की समीक्षा करेगा।’’

दस्तावेज के अनुसार आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए पांच मामलों का चयन किया गया है, जिनमें से तीन का फैसला उच्चतम न्यायालय ने किया और अन्य दो का एनजीटी ने।

दस्तावेज में कहा गया कि न्यायिक फैसलों के दूरगामी आर्थिक प्रभाव होते हैं जो अक्सर निर्णय लेने के समय पर ध्यान नहीं दिए जाते हैं। हाल में भारतीय उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के कुछ निर्णयों से संकेत मिलता है कि न्यायिक निर्णयों का आर्थिक प्रभाव के विश्लेषण को व्यापक स्वीकृति मिलनी शेष है।

दस्तावेज में कहा गया है कि इस अध्ययन का उद्देश्य न्यायपालिका के निर्णयों के आर्थिक प्रभावों को बेहतर संवेदनशीलता के साथ उजागर करना है, ताकि न्यायिक अधिकारियों को एक उपयोगी सामग्री मिल सके।

दस्तावेज में कहा गया है कि हाल के दिनों में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मामले हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा।

कुलकर्णी ने कहा कि नीति आयोग द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना की लागत 24.8 लाख रुपये थी और अध्ययन फरवरी 2020 में शुरू होना था, हालांकि कोविड-19 लॉकडाउन के चलते इसमें देरी हुई।