लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि,सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों से भारत को दुनिया की एक शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता बनेगा attacknews.in

नईदिल्ली 13 फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को निवेश, मांग और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाला बताते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों से भारत को दुनिया की एक शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता बनेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दूसरे देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी है, लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से काम हुआ और स्थिति से जिस तरह से निपटा गया है उसका नतीजा है कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने पूंजीपतियों के साथ साठगांठ करने के विपक्ष के आरोपों को दृढता से निरस्त करते हुए गांव, गरीब और आम लोगों के कल्याण के लिए राजग सरकार की तमाम योजनाओं और उनके लिए बजट में लगातार बढ़ोतरी किए जाने का जिक्र किया।

वित्त मंत्री ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश किया था, जिसमें 34.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान है। कोविड-19 संकट के चलते अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने देश की तरक्की में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि उनकी सरकार संपत्ति सृजन करने वालों का सम्मान करने में विश्वास रखती है क्योंकि सम्पत्ति के बिना सरकार को पर्याप्त संसाधन नहीं मिल सकते।

उन्होंने कहा कि कोविड19 से निपटने के लिए लागू लाकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से वापस लौटे कामगारों, किसानों, महिलाओं और गरीबों की सहायता तथा मुफ्त राशन के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2.7 लाख करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के अलावा तीन अगलग अलग घोषित भारतनिर्माण पैकेज कार्यक्रमों तथा रिजर्व बैंक की और से ऋण नीति के अंतर्गत सहायता को मिला कर 27.1 लाख करोड़ रुपये की पैकेज योजनाएं जारी की गयी। इस तरह कुल पैकेज 29.87 लाख करोड़ रुपये का रहा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी की चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सरकार को देश के दीर्घकालीन विकास के लिए सुधार के कदम उठाने से नहीं डिगा सकी।

उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 2021-22 के बजट में पूंजीगत व्यय के प्रावधान को बढ़ा कर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है जिससे नयी मांग और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को अधिक गति मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चालू वित्त वर्ष में कोविड संकट के दौरान भी पूंजी गत निवेश को बढ़ाए रखा गया और संशोधित अनुमान में पूंजी-व्प्यय 4.12 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर नाम लिये बिना निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से सत्ता में रहने वाली पार्टी को 1991 में आर्थिक सुधारों की बात सूझी और इस सरकार से और प्रधानमंत्री से बार-बार आर्थिक सुधारों को लेकर सवाल पूछे जाते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में रहे।

सीतारमण ने कहा कि जनसंघ के दिनों से लेकर आज तक भाजपा की आर्थिक नीतियां एकरूप रही हैं और सरकार ने भारतीय उद्यमियों, व्यापारियों, युवाओं आदि के कौशल को सम्मान दिया है।

उन्होंने कहा कि मोदी नीत राजग सरकार ने करदाताओं, उद्यमियों और ईमानदार नागरिकों का सम्मान करते हुए इन नीतियों का पालन किया है।

सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की। इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी?

सीतारमण के जवाब के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने भाषण के आखिरी हिस्से में विपक्षी सदस्यों की टोकाटाकी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और संस्थाओं का निरादार करने की प्रवृत्ति की तीखी आलोचना की। गांधी उस समय सदन में नहीं थे।

बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की झूठी कहानी गढ़ने की आदत हो गयी है।

उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है।

उन्होंने पूछा कि विपक्ष बता सकता है कि केरल में एक खास परियोजना आमंत्रण के आधार पर एक खास उद्योगपति को क्यों दी गई।

देश के सबसे बड़े बंदरगाह विकासकर्ता अडाणी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन को दिसंबर 2015 में केरल के विहिंगम में अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट परियोजना का ठेका मिला था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बजट देश को आत्मनिर्भर बनने में तेजी लाएगा और सुधारों की दिशा में उठाये गये कदम भारत दुनिया में शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता साफ करेगा।’’

सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ’ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत नौ करोड़ से ज्यादा किसानों को उनके खाते में हर साल 6,000 रुपये डाले जा रहे हैं। क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्रत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं। क्या वे गांव अमीरों के हैं?’’ उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन हुए। इसका फायदा लघु और मझोले उद्यामों को मिला। क्या ये सुविधाएं बड़े पूंजीपतियों ने नहीं उठायी हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने गांवों में बिजली, सड़क किसानों के खातों में पैसा जैसे जो भी काम किये हैं क्या ‘दामादों’ के लिये किये है? बिल्कुल नहीं। इससे केवल गरीबों को लाभ हो रहा है।’’

वास्तव में वित्त मंत्री ने दामाद शब्द के जरिये परोक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट बाड्रा का संदर्भ दिया। बाड्रा पर संप्रग शासन के दौरान अवैध तरीके से लाभ उठाने का आरोप है।

कांग्रेस पार्टी और वाड्रा पूर्व में ऐसे आरोपों से इनकार कर चुके हैं।

रक्षा बजट में कमी के विपक्ष के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान से अधिक का प्रावधान किया गया है और यह वृद्धि पूंजी और राजस्व दोनों मदों में की गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी।

पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किये जाने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है।’’

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है।

सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की सारी कमियों को दूर कर इस साल सबसे अधिक 90,500 करोड़ रूपये व्यय किए हैं।

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘इस मामले में आपका ट्रैक रिकार्ड खराब है। आपके बजट अनुमान कभी हासिल नहीं किए जा सके।’’

सीतारमण ने कहा कि जरूरी हुआ तो सरकार 2021-22 में मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है। सरकार इस कार्यक्रम के लिए जरूरत होने पर इससे भी अधिक धनराशि आबंटित करेगी।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की भूमिका रखी है।

बजट पर चर्चा के दौरान विभिन्न विपक्षी सदस्यों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को समर्थन नहीं देने के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी अपनी घोषणाओं में स्पष्ट किया था कि संकटग्रस्त एमएसएमई क्षेत्र को दो स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक तो किसी उद्यम को कर्ज आदि के मामले में अदालतों में नहीं खींचा जाएगा और इसके लिए समयसीमा को भी बढ़ाया गया, वहीं आर्थिक मदद भी दी गयी।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी बैंकों को निर्देश दिये गये कि एमएसएमई से संपर्क साधा जाए और उन्हें बिना किसी गिरवी के आर्थिक मदद मुहैया कराने की पेशकश की जाए।

सीतारमण ने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 71,269 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। आयुष मंत्रालय के लिए 2,970 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जो पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है।

वित्त मंत्री ने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले विभिन्न दलों के 77 सदस्यों को धन्यवाद दिया।

उज्जैन में भाजपा विधायकों के दो दिनी प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, विधायक एवं जनप्रतिनिधि सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचायें attacknews.in

उज्जैन, 13 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में आज विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि सरकार की योजनाओं और प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने में कोर कसर नहीं छोड़ें, हितग्राहियों को पार्टी से जोड़ें।

श्री चौहान ने पार्टी के विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि अंत्योदय हमारा लक्ष्य है और सुशासन हमारा मंत्र है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप सभी ने दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में जो कुछ भी सीखा है, उसे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जमीन पर उतारें। समाज के अंतिम व्यक्ति तक केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ पहुंच सके, यह सुनिश्चित करें।

भाजपा विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग को दूसरे दिन नरेंद्र सिंह तोमर ने किया संबोधित

उज्जैन में चल रहे प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन चतुर्थ सत्र को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज यहां संबोधित किया। इस सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे ने की।

प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन की शुरूआत के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हेलीकाप्टर से सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर यहां पहुंचे और उज्जैन-इंदौर फोरलेन के मित्तल एवेन्यू में चल रहे अभ्यास वर्ग में शामिल हुए। प्रशिक्षण वर्ग के आज दूसरे दिन चार सत्र होंगे। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता, मंत्री एवं विधायक शामिल हुए हैं।

देश में मध्यप्रदेश नम्बर एक बने, प्रशिक्षण वर्ग किया गया विचार-विमर्श-विष्णुदत्त

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आज कहा कि सत्ता और संगठन का रोल मॉडल बनाया जायेगा और जिससे पूरे देश में मध्यप्रदेश एक नम्बर पर बनें।

श्री शर्मा यहां भाजपा के विधायको के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग के समापन के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण में प्रदेश को रोल मॉडल बनाने के प्रयास किया गया जिससे मध्यप्रदेश एक नम्बर बन सके। इस दिशा में क्या हो सकता है इस पर प्रशिक्षण वर्ग में विचार विमर्श किया गया।

भाजपा पश्चिम बंगाल में दो तिहाई बहुमत हासिल करेगी-विजयवर्गीय

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश वियजवर्गीय ने आज यहां कहा कि पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी दो तिहाई बहुमत हासिल करेगी।

मध्यप्रदेश भाजपा के विधायकों के चल रहे प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र के बाद पत्रकारो से चर्चा करते हुए श्री विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा वैचारिक पार्टी है। भाजपा में बुथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर सभी स्तर के पदाधिकारियो व मंत्रियो तक प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कल राहुल गांधी के संसद में दिये गये भाषण को अल्पज्ञान बताते हुए कहा कि कांग्रेस में उन्हें कोई प्रशिक्षण नही दिया गया है।

अमेरिकी कैपिटल में हुए दंगों के मामले में महाभियोग का सामना कर रहे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप ‘‘सरासर झूठे’’ attacknews.in

वाशिंगटन, 13 फरवरी । अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में हुए दंगों के मामले में महाभियोग का सामना कर रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप ‘‘सरासर झूठे’’ हैं और उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है।

रिपब्लिकन नेता ट्रंप पर अमेरिकी कैपिटल में छह जनवरी को हुए दंगे भड़काने का आरोप है। इन दंगों में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी।

सीनेट में सुनवाई के चौथे दिन ट्रंप के वकीलों ब्रूस कैस्टर, डेविड शोएन और माइकल वान डेर वीन ने पूर्व राष्ट्रपति के पक्ष में शुक्रवार को एक-एक करके दलीलें पेश कीं और कहा कि ट्रंप कानून-व्यवस्था के कड़े समर्थक हैं तथा उन्होंने कैपिटल में अराजकता नहीं भड़काई।

ट्रंप के वकीलों के पास अपनी दलीलें रखने के लिए कुल 16 घंटे का समय है। प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों का कहना है कि ट्रंप को दोषी ठहराया जाना चाहिए और उन्हें दंगे भड़काने के कारण भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए।

ट्रंप के वकीलों ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ महाभियोग के दौरान लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

कैस्टर ने कहा, ‘‘प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने महाभियोग के लिए जो आरोप पेश किए हैं, उन्हें सही साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है।’’
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि सभा ने राजनीति से प्रेरित होकर यह महाभियोग चलाया है।

कैस्टर ने विभिन्न डेमोक्रेटिक नेताओं की वीडियो क्लिप दिखाते हुए कहा, ‘‘उनका लक्ष्य एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को हटाना है, मतदाताओं की इच्छा के नाम पर अपना फैसला लागू करना करना है।’’
उन्होंने कहा कि इस महाभियोग की सुनवाई के दौरान सबसे अहम बात यह है कि 45वें राष्ट्रपति ने भीड़ को उकसाया या नहीं।

उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक नेता इसे राजद्रोह कह रहे हैं, लेकिन ‘‘यह निश्चित ही राजद्रोह नहीं है।’’

कैस्टर ने कहा कि राजद्रोह तब होता है, जब देश की सत्ता हथियाने की कोशिश की जाती है, लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से ऐसा कुछ नहीं है।

उन्होंने एफबीआई, न्याय मंत्रालय और कई पूर्व एवं मौजूदा अधिकारियों की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि छह जनवरी के दंगे पूर्व नियोजित थे।

कैस्टर ने कहा, ‘‘(पूर्व) राष्ट्रपति का इन दंगों में कोई हाथ नहीं है। उन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हिंसा के इस्तेमाल या गैरकानूनी कदमों को प्रोत्साहित नहीं किया।’’

कैस्टर ने कहा कि राष्ट्रपति शुरुआत से ही इस बात को लेकर स्पष्ट रहे हैं कि कैपिटल पर हमला करने वालों को सजा दी जानी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने ट्रंप के वीडियो के साथ छेड़छाड़ की, जिसमें चुनिंदा रूप से उनके भाषण दिखाए गए।

ट्रंप के वकील वीन ने कहा, ‘‘ऐसा दावा करना एक बेहूदा एवं बड़ा झूठ है कि (पूर्व) राष्ट्रपति ने अराजकता या हिंसा भड़काई या उनकी ऐसा करने की इच्छा थी। कैपिटल में अराजकता के बाद ट्रंप ने पहले दो ट्वीट में कहा था कि ‘शांति बनाए रखें’ और ‘हिंसा नहीं करें क्योंकि हम कानून-व्यवस्था के पक्षधर हैं।’’

ट्रंप के वकीलों ने करीब चार घंटे अपनी दलीलें दीं। इसके बाद महाभियोग की सुनवाई के दौरान जूरी का काम कर रहे सीनेटरों ने दोनों पक्षों से सवाल किए। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 100 सदस्यीय सीनेट महाभियोग की सुनवाई पर मतदान करेगी। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पारित करने के लिए सीनेट के 67 मतों की आवश्यकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि डेमोक्रेटिक नेताओं के लिए इतने मत हासिल करना मुश्किल है, क्योंकि सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं और उन्हें 17 रिपब्लिकन नेताओं के मतों की आवश्यकता है।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा: उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।’’

4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘‘ असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है। उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह नरेन्द मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?

शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो।’’

शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धम्रनिरपेक्ष कहते हैं।

गौरतलब है कि एआईएमआईएम सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था।

मध्यप्रदेश में नक्सलियों का ठिकाना: मंडला में पुलिस मुठभेड में एक महिला सहित दो नक्सली ढेर attacknews.in

जबलपुर, 13 फरवरी । मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग के मंडला जिले में पुलिस ने मुठभेड़ में एक महिला नक्सली सहित दो नक्सलियों को मार गिराया है।

मंडला के पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने आज बताया कि मंडला जिले के मोतीनाला थाना क्षेत्र के लालगांव के जंगल में कल रात पुलिस की नक्सलियों के साथ हुयी मुठभेड़ में एक महिला और एक पुरुष नक्सली को ढेर कर दिया गया। पुलिस ने घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान दोनों के शव बरामद कर लिए हैं।

नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस की नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की दी बधायी

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंडला जिले में पुलिस द्वारा दो इनामी नक्सलियों को मार गिराए जाने पर पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि नक्सलियों के खिलाफ मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा एक और सफल कार्रवाई गयी है।

श्री मिश्रा ने अपने ट्वीट के जरिए पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर बधाई दी और कहा कि मंडला जिले के मोतीनाला थाना क्षेत्र के ग्राम लालपुर के जंगल मे छिपे नक्सलियों को पुलिस बल ने घेर लिया है। मुठभेड़ में पुलिस जवानों ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया है। मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में जंगल में छिपे अन्य नक्सलियों की तलाश की जा रही है।

राहुल गांधी ने देश की 40 प्रतिशत आबादी बेरोजगार होने के लिए कृषि कानूनों की साजिश बताकर किसानो की ओर से सरकार से बात नहीं करने का संदेश प्रधानमंत्री को दिया attacknews.in

अजमेर 13 फरवरी । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रची हैं।

श्री राहुल राजस्थान के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन अजमेर जिले के रूपनगढ़ में आयोजित किसानों की टैक्टर रैली को संबोधित करते हुये कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के 40 प्रतिशत लोगों का धंधा केवल दो मित्र उद्योगपतियों को सौंपने की तैयारी की है। इससे किसान छोटे व्यापारी, गरीब, मजदूर, रेडी पटरी वाले आदि सभी बेरोजगार हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहले कानून का लक्ष्य उद्योगपतियों के हाथों कृषि व्यवसाय का नियंत्रण देना है। इस कानून के मुताबिक सबसे बड़े उद्योगपति देश भर में जितना भी अनाज, फल एवं सब्जियां जमा करना चाहते हैं रख सकते हैं। अभी भी अनाज, फल, सब्जी के व्यवसाय का करीब 40 प्रतिशत नियंत्रण देश के इन्हीं दो उद्योगपतियों के हाथों में हैं। कृषि कानून लागू होने के बाद इनका 80 से 90 प्रतिशत कृषि व्यवसाय पर नियंत्रण हो जायेगा। इससे मंडियों की आवश्यता नहीं रहेगी। इससे किसान, फल सब्जी विक्रेता, रेहड़ी वाले और छोटे व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि किसान मर जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे।

श्री गांधी ने कहा कि दूसरा कानून जमाखोरी बढ़ाने का है। इसके तहत उद्योपगतियों द्वारा अनाज, फल सब्जियां खरीदकर स्टोरेज कर लेंगे और बाद में उन्हीं किसानों को उूंचे दामों पर बेचेंगे। इससे किसान बर्बाद हो जायेंगे।

श्री गांधी ने कहा कि तीसरे कानून के तहत कोई भी किसान उद्योगपतियों के सामने जाकर अपनी उपज का सही दाम मांगने के लिए अदालत में जाकर अपना पक्ष रखने का अधिकार नहीं मिल सकेगा।

श्री गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद जीएसटी, नोटबंदी से पहले से छोटे व्यापारियों, मजदूरों एवं किसानों को परेशान कर रखा है। इन तीनों कृषि कानूनों वापस लेने के लिए मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए केवल किसानों की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि मजदूर, छोटे व्यापारी एवं युवा और हिन्दुस्तान के सभी लोेगों की यह जिम्मेदारी हैं। यह केवल कृषि का विषय नहीं है बल्कि भारत माता का मामला है।

श्री गांधी ने श्री मोदी द्वारा किसानों से बातचीत करने के बयान पर कहा कि मोदीजी पहले तीनों कृषि कानून वापस लें तभी किसान उनसे बात करेगा।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी आप किसानों के घर में डाका डालने का काम कर रहे हैं और दूसरी ओर बातचीत करने का न्यौता भी दे रहे हैं।

इससे पूर्व श्री गांधी किशनगढ़ हवाई अड्डे पर पहुंचने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इसके बाद वह अजमेर जिले के सुरसरा गांव में लोकदेवता वीर तेजाजी के मंदिर पहुंचे और वहां पूजा अर्चना की। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह ड़ोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया सहित अन्य लोग उनके साथ उपस्थित थे।

रक्षा मंत्रालय ने राहुल गांधी के सवालों का दिया जवाब: भारत को नियंत्रण रेखा फिंगर 4 नहीं 8 तक गश्त करने का अधिकार ;1962 से भारत के 43 हजार वर्ग किमी क्षेत्र चीन ने कब्जा रखा है attacknews.in

नयी दिल्ली 12 फरवरी । रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैनिकों के पीछे हटने के समझौते पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा उठाये गये सवालों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत ने इस समझौतें में चीन को कोई जमीन नहीं दी है और अभी कुछ अनसुलझे मुद्दे हैं जिनका समाधान होना बाकी है।

उल्लेखनीय है कि संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर बयान दिये जाने के बाद श्री गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस समझौते को लेकर पांच सवाल उठाये और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अपनी जमीन चीन को दे दी है।

रक्षा मंत्रालय ने श्री गांधी द्वारा उठाये गये सवालों का बिन्दुवार जवाब देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस समझौते के तहत भारत ने कोई जमीन नहीं दी है। इसके विपरीत उसने एलएसी पर निगरानी और उसकी पवित्रता बनाये रखने पर जोर दिया है तथा यथास्थिति में बदलाव की कोशिशों को रोका है।

मंत्रालय ने कहा है कि उसने यह स्पष्टीकरण मीडिया तथा सोशल मीडिया में पैगोंग झील से सैनिकों की वापसी को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए दिया है।

उसने कहा है कि यह कहा जाना कि भारतीय क्षेत्र फिंगर चार तक है पूरी तरह गलत है क्योंकि भारत के मानचित्र के अनुसार चीन ने 1962 से भारत के 43 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अनाधिकृत कब्जा कर रखा है।

मंत्रालय ने कहा है कि भारत की अवधारणा के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर चार पर नहीं फिंगर आठ पर है और इसीलिए भारतीय सैनिक फिंगर आठ तक गश्त करने का अधिकार बनाये रखा है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पैगोंग झील पर दोनों पक्षों की स्थायी चौकी लंबे समय से और पूरी तरह स्थापित हैं। भारत की ओर यह चौकी फिंगर तीन के निकट धन सिंह थापा चौकी और चीन की ओर फिंगर आठ के पूर्व में है।

मौजूदा समझौते में दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर सैनिक तैनात नहीं करने की बात मानी है पर साथ ही यह तय किया है कि इन स्थायी चौकियों पर वे अपने सैनिक तैनात करेंगे1

वक्तव्य में कहा गया है कि रक्षा मंत्री के बयान में भी यह स्पष्ट किया गया है कि हॉट स्पिर्ंग , गोगरा और दीप्सांग सहित कुछ क्षेत्रों से संबंधित मुद्दे अभी लंबित हैं और इन पर अगले दौर की बातचीत में चर्चा होनी है। सरकार ने सेना पर पूरा विश्वास जताया है जिसके कारण पूर्वी लद्दाख में देश की संप्रभुता की रक्षा की गयी है और यदि कोई सेना की उपलब्धि पर संदेह व्यक्त करता है तो यह शहीदों के बलिदान का अपमान है।

दिल्ली में ज़ाहिद, मेहताब, दानिश,इस्लाम अपने मजहबी साथियों के साथ रिंकू शर्मा की धारदार हथियारों से हत्या कर रहे थे तब भी वह ” जय श्री राम ” का नारा लगा रहा था attacknews.in

नईदिल्ली 12 फरवरी ।दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 24 साल के रिंकू शर्मा की इलाके के बदमाशों ने चाकू मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपियों की पहचान ज़ाहिद, मेहताब, दानिश और इस्लाम के तौर पर हुई है।

पुलिस का कहना है कि घर के पास ही रिंकू अपने दोस्त की जन्मदिन पार्टी में गया था,तभी वहां झगड़ा हो गया और उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई. हालांकि, परिवार का कहना है की रिंकू की हत्या इसलिए कि गई की वो इलाके में जय श्री राम के नारे लगाता था. 5 अगस्त 2020 को रिंकू ने ‘राम मन्दिर’ बनने की खुशी में इलाके में श्री राम रैली निकाली थी. तब भी आरोपी पक्ष के लोगों ने एतराज जताया था।

परिवार का आरोप है कि तब से ही आरोपियों ने रिंकू शर्मा को टारगेट पर ले लिया था,मृतक रिंकू शर्मा के भाई मनु शर्मा ने बताया की वो बजरंग दल से जुड़ा हुआ था और मंगोलपुरी का हनुमान चालीसा प्रमुख था। 5 अगस्त को राम मंदिर बनने के उपलक्ष्य में हमने इलाके में श्री राम रैली निकाली थी. तब भी हमारे साथ अनबन हुई थी. इन्होंने हमें धमकी दी थी।फिर मौका मिलते ही बुधवार को भाई को मार दिया।

मृतक रिंकू शर्मा की मां राधा शर्मा ने बताया की 30-40 लोग आए. लाठी, डंडे और चाकू साथ लाए थे. मेरे बेटे को बहुत मारा… जब मारा था तब भी वह जय श्री राम बोल रहा था।

वहीं, रिंकू शर्मा के पिता अजय शर्मा ने बताया कि मेरा बेटा जन्मदिन की पार्टी से वापस आया,तभी पीछे से हमलावर आए और हमला कर दिया,मेरा बेटा बजरंग दल से जुड़ा हुआ है इसलिए बार-बार हमको धमकी देते थे. बोलते थे छोडूंगा नहीं. मेरे बेटे को चाक़ू मार दिया. मेरे छोटे बेटे को भी मारा है और मुझे बोलकर गए कि हमने तेरे बेटे को मार दिया।

पुलिस का कहना है कि मृतक रिंकू शर्मा अपने दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में गया था. वहां झगड़ा हो गया.. जब घर आया तो हमलावरों ने उस पर हमला करते हुए चाकू मार दिया. हमने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।हम कई एंगल से इस मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि बाबू नाम के एक युवक की मंगोलपुरी इलाके में जन्मदिन पार्टी थी.. जिसमे रिंकू शर्मा के साथ आरोपी पक्ष के लोग भी आए थे. सब एक-दूसरे को जानते हैं. तभी वहां आपस में किसी बात को लेकर बहस हो गई है और फिर झगड़े की नौबत आ गई. बाद में रिंकू अपने घर आ जाता है. तभी पीछे से आरोपी पक्ष भी आता हैं और रिंकू पर हमला कर देता है. जांच में अब तक ये बात सामने आई है।

पुलिस ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं. धर्मिक जैसा मामला हमारी जांच में नहीं आया है. इन लोगों ने आपस में मिलकर रोहिणी में एक रेस्टोरेंट भी खोला था, जिसको लेकर इनको नुकसान हुआ था. उसको लेकर भी मनमुटाव था।

संसद भवन की आधारशिला रखे जाने के 100 साल पूरे: यह 1929 में भगत सिंह द्वारा सेंट्रल हॉल के चैंबर में बम फेंके जाने और जवाहर लाल नेहरू द्वारा देश की आजादी के उपलक्ष्य में दिये गए ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रायस्ट विद डेस्टिनी’ का गवाह रहा attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी । सौ साल पहले जब भारत स्वतंत्रता प्राप्ति से 26 वर्ष दूर था तब ब्रिटेन के ड्यूक आफ कनॉट ने दिल्ली में संसद भवन की आधारशिला रखते हुए कहा था कि यह ‘भारत के पुनर्जन्म के साथ-साथ उज्जवल भविष्य का भी प्रतीक’ होगा।

12 फरवरी 1921 के ठीक एक सदी बाद शुक्रवार को एक ओर जहां लोकसभा और राज्य सभा में विभिन्न दलों के सांसद संसद में बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर नए संसद भवन का निर्माण कार्य भी चल रहा है।

560 फुट के व्यास और एक मील के तिहाई हिस्से की परिधि में फैले इस भवन का डिजाइन सर हर्बर्ट बेकर और सर एडविन लुटियंस ने तैयार किया था। लुटियंस ने ही दिल्ली में रायसीना हिल्स इलाके में नयी औपनिवेशिक राजधानी का भी डिजाइन बनाया था।

रिकार्ड से पता चलता है कि संसद भवन की आधारशिला रखे जाने के मौके पर वायसराय लॉर्ड चेम्फोर्ड ने एक भव्य समारोह का आयोजन किया था, जिसमें देसी रियासतों के शासन प्रमुखों के साथ साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की थी.

ड्यूक आफ कनॉट, प्रिंस आर्थर ने भवन की नींव रखते हुए अपने भाषण में कहा था, ‘यह भवन केवल नए प्रतिनिधियों का घर ही नहीं होगा बल्कि मुझे विश्वास है कि यह भारत के पुनर्जन्म के साथ साथ उज्जवल भविष्य का भी प्रतीक होगा। ‘

उन्होंने कहा था कि सभी ‘महान शासकों, प्रत्येक महान व्यक्ति, प्रत्येक महान सभ्यता ने पत्थरों और कांस्य और मार्बल के साथ साथ इतिहास के पन्नों पर अपनी पहचान छोड़ी है। ‘

संसद भवन को पहले काउंसिल हाउस के नाम से जाना जाता था। छह साल बाद 1927 में तत्कालीन वायरसराय लॉर्ड इर्विन ने इसका उद्घाटन किया था।

यह संसद भवन 1929 में भगत सिंह द्वारा सेंट्रल हॉल के चैंबर में बम फेंके जाने और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के उपलक्ष्य में दिये गए ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रायस्ट विद डेस्टिनी'(नियति से साक्षात्कार) का गवाह रहा है। इसके अलावा भी इस संसद भवन ने कई ऐतिहासक घटनाओं को देखा है।

ऋषिगंगा नदी के उपर झील मिली;आपदा लाने वाली इस नदी के उपरी क्षेत्र में झील बनने से त्रासदी ग्रस्त चमोली में भय का माहौल attacknews.in

देहरादून, 12 फरवरी । आपदा लाने वाली ऋषिगंगा नदी के उपरी क्षेत्र में एक झील बनने से त्रासदी ग्रस्त चमोली में भय का माहौल बन गया है।

उपग्रह से मिली तस्वीरों में ऋषिगंगा नदी के उपर झील के बनने की पुष्टि होने के बाद हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सावधान रहने की जरूरत है।

रावत ने कहा कि झील के बारे में पता चला है और हम उपग्रह की मदद से उसपर निगाह रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह झील 400 मीटर लंबी है लेकिन इसकी गहराई के बारे में अभी अनुमान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक झील की जो स्थिति है उसके बारे में सावधान रहने की जरूरत है। घबराने की जरूरत नहीं है।’’

उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को ऋषिगंगा नदी के छह किलोमीटर उपर एक झील मिली है लेकिन अभी यह पता नहीं चल पाया है कि इससे निचले इलाकों की बसावट को कोई खतरा है या नहीं।

इस झील का पता लगाने वाले वाडिया इंस्टीटयूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद साई ने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों के एक दल ने रविवार को आई आपदा के अगले दिन ऋषिगंगा के उपरी क्षेत्र के हवाई सर्वेंक्षण के दौरान वहां एक झील देखी।

उन्होंने कहा कि झील का निर्माण संभवत: हाल में हुए हिमस्खलन के कारण हुआ होगा।

साई ने बताया कि हमारे वैज्ञानिक झील के आकार, उसकी परिधि और उसमें मौजूद पानी की मात्रा का परीक्षण कर रहे हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि इससे खतरा कितना बड़ा और कितना तात्कालिक है।

उधर, चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने ‘भाषा’ को बताया कि झील के निरीक्षण के लिए भारतीय भूगर्भ सर्वेंक्षण की एक आठ—सदस्यीय टीम गठित की गयी है।

उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों का यह टीम ऋषिगंगा के उपरी क्षेत्र का निरीक्षण कर जिला प्रशासन को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी।

इस बीच, ऋषिगंगा के जलस्तर में उतार चढाव को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने चेतावनी जारी कर दिया है और सूर्यास्त के बाद लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी है।

तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री और मध्यप्रदेश की स्टील फैक्ट्री में भीषण विस्फोटों में 12 की मौत,42 से अधिक घायल attacknews.in

विरुधुनगर(तमिलनाडु)/जबलपुर(मध्यप्रदेश) 12 फरवरी । तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के अचनकुलम गांव में स्थित पटाखे के एक निजी कारखाने में शुक्रवार को हुए दर्दनाक विस्फोट हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हुई है तथा आग में 30 अन्य झुलस गए हैं जिनमें से अधिकतर की हालत गंभीर बनी हुई है।

पुलिस ने बताया कि श्री मरियम्मल पटाखा फैक्ट्री में आज दोपहर के बाद अचानक आग लग गयी जिसके बाद कई विस्फोट हुए। उस समय मजदूर पटाखे की फैंसी वेरायटी बनाने में लगे हुए थे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रसायनों को रखने के दौरान घर्षण आग त्रासदी का कारण बना।

उन्होंने बताया कि आग और विस्फोटों ने दस गोदामों को तबाह कर दिया, जहां तैयार पटाखे और अत्यधिक ज्वलनशील रसायनों का विशाल भंडार जमा किया गया था। शवों के बुरी तरह जल जाने के कारण मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।

विरुधुनगर के जिला अग्निशमन अधिकारी के गलसन ने कहा कि सत्तूर, विरुधुनगर और शिवकाशी से दमकल घटनास्थल पर पहुंचे और एक दो घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पा काबू पा लिया गया। सभी घायलों काे सत्तूर और शिवकाशी सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिसमे से कुछ घायलों की हालत बेहद गंभीर है जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जतायी जा रही है।

जिलाधिकारी आर कन्नन ने संवाददाताओं से कहा कि आग लगने की घटना के संबंध में विस्तृत जांच करायी जाएगी। वही मदुरई रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक एस राजेंद्रन ने संवाददाताओं को बताया कि पटाखा कारखाने के मालिक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है।

मध्यप्रदेश में स्टील फैक्ट्री में ब्लॉस्ट, 1 की मौत, आधा दर्जन लोग घायल

इधर मध्यप्रदेश के मंडला जिले की औद्योगिक नगरी मनेरी में स्थित एक स्टील फैक्ट्री में ब्लॉस्ट होने से एक श्रमिक की मृत्यु हो गई, वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये।

पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने आज बताया कि मनेरी भूमिजा स्टील फैक्ट्री में बीती रात अचानक ब्लॉस्ट होने से इस घटना में श्रमिक अवधेश पटेल की मौत हो गई। इस हादसे में गंभीर रुप से घायल सात श्रमिकों को बेहतर उपचार के लिए जबलपुर रैफर किया गया है। घायलों में दो लोगों की स्थिति नाजूक बतायी जा रही है।

राजस्थान में राहुल गांधी ने कहा : देश की जनशक्ति के सामने अंग्रेज नहीं टिक सके तो फिर नरेंद्र मोदी कौन हैं?कांग्रेस के समर्थन से किसान आंदोलन पूरे देश में फैलेगा, यह बात नरेंद्र मोदी को समझ लेनी चाहिए attacknews.in

जयपुर/पीलीबंगा (हनुमानगढ़)/पदमपुर, (श्रीगंगानगर), 12 फरवरी । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीन नये कृषि कानूनों को लेकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि इससे 40 प्रतिशत किसान, छोटे व्यापारी एवं मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे तथा खेती कुछ बड़े उद्योगपतियों के हाथों में सिमट जायेगी।

श्री गांधी ने आज यहां किसान रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान कानूनों से मंडियां खत्म होने के साथ जमाखोरी चालू होगी तथा किसान से न्याय छिन जायेगा।

उन्होंने कहा कि जब तक यह कानून वापस नहीं लिये जाते कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी रहेगी और नये कृषि कानूनों को रद्द कराकर ही मानेगी।

श्री गांधी ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है तो पहले उनकी जमीन और भविष्य छीनने वाले कानूनों को रद्द करे।

अंग्रेज नहीं टिक पाये तो फिर नरेंद्र मोदी कौन है-राहुल गांधी

तीन नये कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि देश की जनशक्ति के सामने अंग्रेज नहीं टिक सके तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन हैं?

श्री गांधी ने आज यहां पदमपुर में किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्री मोदी जिद्द पर अड़े हैं। उन्हें किसानों की बात सुन लेनी चाहिए, ताकि देश फिर आगे बढ़ सके। उन्होंने मोदी और केंद्र सरकार पर कड़े प्रहार करने के साथ गंभीर आरोप भी लगाए।

उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे महासंकटकाल में केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून ला कर सिर्फ किसानों पर ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय लोगों, छोटे दुकानदारों और मजदूरों पर भी चोट मारी है। यह आंदोलन किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का है। आंदोलन पूरे देश में फैलेगा, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझ लेनी चाहिए।

श्री गांधी ने कहा कि कृषि देश का सबसे बड़ा कारोबार है। देश के 40 प्रतिशत लोगों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि कारोबार से जुड़ाव है। यह कारोबार करीब 40 लाख करोड़ का है। कृषि किसी एक या दो लोगों का व्यापार नहीं है। यह लाखों-करोड़ों लोगों का व्यापार है। यह भारत माता का पवित्र कारोबार है जिसे श्री मोदी इस कारोबार को अपने दो तीन उद्योगपति मित्रों को सौंपने के लिए तीन नए कृषि कानून लाए हैं।

उन्होंने कहा कि ये कानून देश में अनाज मंडियों को खत्म करेंगे, जमाखोरी को बढ़ावा देंगे, बेरोजगारी की बजाय बेरोजगारों को खत्म करेंगे और किसानों को न्याय के हक से भी वंचित करेंगे। अगर यह कानून लागू हो गए तो फल-सब्जी एवं अनाज के कारोबार पर सिर्फ दो-तीन उद्योगपतियों का कब्जा हो जाएगा। किसान अपने ही द्वारा उगाए अनाज, सब्जी और फल को बाजार में महंगे भाव में खरीदने को मजबूर हो जाएंगे, क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम खत्म हो जाएगा। बड़े उद्योगपतियों और कारोबारियों को असीमित जमाखोरी का हक मिल जाएगा। जब बाजार में फसल आएगी तो उद्योगपति अपने गोदाम खाली कर देंगे। भाव नीचे आ जाएंगे और किसानों को उचित दाम नहीं मिलेगा। भाव नीचे होंगे तो उद्योगपति अपने गोदाम फिर भर लेंगे।

श्री गांधी ने कहा कि एक उद्योगपति के गोदामों में देश का 40 प्रतिशत अनाज आज भरा पड़ा है। इसी उदाहरण से समझ लीजिए कि आने वाले दिनों में देश में क्या हालात होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ही कांग्रेस ने नहीं दिया बल्कि पानी, बीज और खाद भी मुहैया करवाए। दूसरी तरफ जब कोरोना महा संकटकाल में हर वर्ग प्रभावित था, ऐसे में इस संकट का सामना करते हुए देश को बचाने में लगे `शॉक आब्जॉर्बर’ पर ही केंद्र सरकार ने इन तीन कृषि कानूनों के जरिए चोट मार दी।

श्री गांधी ने कहा कि श्री मोदी ने खुद स्वीकार किया है कि कोरोना संकट में कृषि ने ही देश को बचाया। उन्होंने कृषि क्षेत्र को नए कानूनों से संकट में डाल दिया। राहुल गांधी ने कहा कि आज लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस जनशक्ति के सामने आज नहीं तो कल केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ेगा। देश के किसानों के सामने जब अंग्रेजी नहीं टिक सके तो फिर पीएम मोदी कौन हैं? पूरा हिंदुस्तान इन कानूनों के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन किसान महा पंचायतों में कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की भावनाओं का आदर करना चाहिए। किसानों की मांगों को सुना जाना चाहिए। जब यह आंदोलन शुरू हुआ था तभी केंद्र सरकार को पूरी गंभीरता दिखानी चाहिए थी। किसानों के समर्थन में देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धरने, प्रदर्शन और रैलियां हो रही हैं। प्रधानमंत्री विदेशों में घूमते रहते हैं। आज पूरी दुनिया के देशों को पता चल रहा है कि हिंदुस्तान के किसानों की क्या हालत है। अगर सरकार शुरू में ही गंभीरता दिखाते तो आज यह नोबत नहीं आती।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को भी वैसी ही संवेदनशीलता किसानों के प्रति दिखानी चाहिए जैसे कि केंद्र में कांग्रेस जीतने भूमि अधिग्रहण विधेयक अधिनियम को में लागू करके दिखाई थी। दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान धरना दिये बैठे हैं। इस आंदोलन को पूरी दुनिया देख रही है। श्री गहलोत ने कहा कि किसान आंदोलनकारियों को खालिस्तानी, आतंकवादी और न जाने क्या क्या कह कर उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आदि सब पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव है।

सभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही किसानों का साथ दिया है। अब भी किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए राहुल गांधी यहां आए हैं। कोई चुनाव या प्रचार का यह मौका नहीं है। पांच वर्ष पूर्व राहुल गांधी ने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में जून के गर्मी के दिनों में 16 किमी की पैदल यात्रा की थी। चल रहे किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए सचिन पायलट में कहा कि यह अब हर वर्ग के लोगों का आंदोलन है। सरकार को झुकना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की एक ललकार पर देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ता उठ खड़े होंगे। गांधीवादी तरीके से आंदोलन करेंगे। सत्ता में आने से पहले भाजपा नेता विदेशी पूंजी निवेश, जीएसटी, बेरोजगारी और मंहगाई आदि मुद्दों पर खूब चिल्लाते थे। सरकार में आने के बाद भाजपा ने इन सब मुद्दों पर चुप्पी साध ली है। बेरोजगारी की बजाय बेरोजगारों को खत्म किया जा रहा है।

राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में श्री पायलट ने कहा कि इस प्रदेश में जब जब भी अकाल संकट अथवा अन्य प्रकार की विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न हुई,कॉन्ग्रेस हमेशा साथ खड़ी नजर आई है। अच्छे दिनों में तो सभी साथ हो जाते हैं। संकट में साथ देने वालों को ही याद रखा जाता है। आज किसान और किसानी संकट में है तो कांग्रेस हमेशा की तरह साथ खड़ी है।

उतराखण्ड में हिमखंड हादसे के छह दिन में मिले कुल 38 शव और 184 विभिन्न छोटे एवं बड़े पशुओं के शव, लापता 166 की तलाश जारी attacknews.in

चमोली/देहरादून/ तपोवन ( उतराखण्ड) 12 फरवरी। उत्तराखंड के चमोली जिले में पिछले सात फरवरी को हुई प्राकृतिक त्रासदी में लापता 166 (सम्भावित), व्यक्तियों की तलाश में सेना,अर्द्व सेना और राज्य के सुरक्षा बल के सभी अंग शुक्रवार को भी लगे रहे। इन छह दिनों में अभी तक कुल 38 शव बरामद हुए हैं। जबकि 184 विभिन्न छोटे एवं बड़े पशुओं के शव भी मिले हैं।

पुलिस प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे के अनुसार, स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, एफएसएल रेस्क्यू, खोज, बचाव राहत एवं डीएनए सैम्पलिंग के कार्यों में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 38 (चमोली-30, रूद्रप्रयाग 06, पौड़ी गढ़वाल 01, टिहरी गढ़वाल 01) के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिनमें से 11 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 27 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है।

छठे दिन भी बचाव अभियान जारी, 38 शव बरामद

उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदाग्रस्त क्षेत्र से शुक्रवार को दो और शव बरामद होने के साथ मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गयी जबकि गाद और मलबे से भरी तपोवन सुरंग में फंसे 25—35 लोगों के जीवित होने की क्षीण होती जा रही संभावनाओं के बीच उन्हें ढूंढने के लिए छठे दिन भी बचाव अभियान जारी रहा।

चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यहां बताया कि एक शव रैंणी में आपदा में पूरी तरह से तबाह हो गए ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना के मलबे से बरामद हुआ जबकि दूसरा शव मैठांणा से मिला। इसके अलावा, 166 अन्य लोग अभी लापता हैं।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में कहा कि सुरंग में गाद और मलबे को साफ करने तथा छोटी सुरंग तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग कार्य साथ—साथ चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि छोटी सुरंग में लोग फंसे हो सकते हैं।

कुमार ने बताया, ‘‘आपदा आए छह दिन हो चुका है लेकिन हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और हम ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करेंगे।’’

इस बीच, तपोवन में अधिकारियों ने कहा कि 114 मीटर तक गाद और मलबा साफ किया जा चुका है और सिल्ट फलशिंग टनल (एसएफटी) तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग कार्य किया जा रहा है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है।

इस बीच, सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों ने तपोवन में परियोजना स्थल के पास सही तरीके से राहत एवं बचाव किए जाने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की।

तपोवन की देवेश्वरी देवी ने कहा कि एनटीपीसी की यह परियोजना हमारे लिए अभिशाप साबित हुर्ह है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले हमारे खेत गए और अब गांव के लोगों की जान चली गई। आज छठवें दिन भी 200 मीटर सुरंग से मलबा नहीं हट पाया है।’’

मौके पर सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के संयुक्त दल द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है।

इस बीच, रैंणी क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश के लिए जिला प्रशासन ने ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और तहसीलदार के नेतृत्व मे अलग से एक टीम बनाई गई है जो फोटो के आधार पर स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें ढूंढेगी।

सात फरवरी को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना को काफी क्षति पहुंची और उसकी सुरंग में काम कर रहे लोग वहां फंस गए।

तपोवन सुरंग में छठे दिन भी बचाव अभियान जारी

तपोवन, से खबर है कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में गाद और मलबे से भरी तपोवन सुरंग में फंसे लोगों की तलाश में बचाव दलों ने विपरीत परिस्थितियों में शुक्रवार को छठे दिन भी अपना अभियान जारी रखा ।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में कहा कि सुरंग में गाद और मलबे को साफ करने तथा छोटी सुरंग तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग का कार्य साथ-साथ चल रहा है । ऐसा माना जा रहा है कि छोटी सुरंग में लोग फंसे हो सकते हैं ।

कुमार ने कहा, ‘‘ आपदा आए छह दिन हो चुके हैं लेकिन हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और हम ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करेंगे ।’’ लापता लोगों के परिजनों द्वारा तपोवन में विरोध किए जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों तक संपर्क स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है और लोगों को धीरज नहीं खोना चाहिए ।

इस बीच, तपोवन में अधिकारियों ने कहा कि 114 मीटर तक गाद और मलबा साफ किया जा चुका है और सिल्ट फलशिंग टनल (एसएफटी) तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग कार्य किया जा रहा है जहां लोगों के फंसे होने की आशंका है ।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 168 अन्य लापता हैं ।

इस बीच, सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों ने तपोवन में परियोजना स्थल के पास सही तरीके से राहत एवं बचाव किए जाने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की।

तपोवन के पूर्व प्रधान धर्मपाल बजवाल के नेतृत्व में गए 50 से अधिक ग्रामीणों ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों की कोई सुध नहीं ले रही है । बजवाल ने कहा,‘‘ हमारे गांव से चार लोग लापता हैं लेकिन मौके पर जिस तरह काम चल रहा है उससे नहीं लगता कि उनका पता लगेगा ।’’ प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं थीं । तपोवन की देवेश्वरी देवी ने कहा कि एनटीपीसी की यह परियोजना हमारे लिए अभिशाप साबित हुर्ह है । उन्होंने कहा, ‘पहले हमारे खेत गए और अब गांव के लोगों की जान चली गई। आज छठवें दिन भी 200 मीटर सुरंग से मलबा नहीं हट पाया है ।’’

आंदोलनकारियों को समझाने के लिए जोशीमठ की उपजिलाधिकारी भी मौके पर थीं । बाद में परियोजना स्थल पर मौजूद सीआइएसएफ के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सुरंग के मुंह से 100 मीटर दूर रोक दिया जहां सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के संयुक्त दल द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है ।

सात फरवरी को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए ।

चमोली आपदा को लेकर वैज्ञानिकों ने किया विश्लेषण

हरिद्वार से खबर है कि, उत्तराखंड में चमोली में ऋषि गंगा एवं धौलीगंगा पर जल विद्युत परियोजनाओं में आए एवलांच के कारण आई बाढ़ तथा व्यापक जान माल की हानि पर वैज्ञानिकों ने कारण और बचाव को लेकर शोध शुरू कर दी है।

राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मनोहर अरोड़ा ने बताया कि चमोली में ऋषि बांध परियोजना में हुई आपदा ग्लेशियर के फटने के कारण नहीं हुई बल्कि कई विषम परिस्थितियों के समावेश के कारण यह दैवीय आपदा आई।

उन्होंने कहा कि खराब मौसम, लगातार बर्फबारी तथा बारिश के कारण ऊंचाई वाले इलाके पर झील के निर्माण या पानी के जमाव के बाद भारी दबाव के कारण मलवा पहाड़ों से बर्फ की चट्टानों सहित खिसकने के कारण यह हादसा हुआ है जिसके कारण वहां पर कुछ देर के लिए पानी का बहाव रुक गया होगा और ऊपर से एवलांच और गाद युक्त बोल्डर पत्थर गिरने के बाद यह पानी वेग से नीचे आया और रास्ते में बांध अदि जो भी आया उसे भी वह बहा कर ले गया।

उत्तर भारत में भूकंप का झटका,ताजिकिस्तान में शुक्रवार रात शक्तिशाली भूकंप आने से दिल्ली समेत उत्तर भारत के अनेक हिस्सों में महसूस किए गए attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 फरवरी । ताजिकिस्तान में शुक्रवार रात शक्तिशाली भूकंप आया जिसके झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत उत्तर भारत के अनेक हिस्सों में महसूस किए गए।

भूकंप विज्ञान विभाग ने पहले भूलवश बताया था कि भूकंप का केंद्र पंजाब के अमृतसर में 19 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। हालांकि उसने बाद में संशोधित बयान जारी कर पुष्टि की कि भूकंप दरअसल ताजिकिस्तान में आया।

विभाग ने कहा कि यह गलती सॉफ्टवेयर के कारण हुई।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई।

भूकंप रात 10 बजकर 34 मिनट पर आया।

इसमें तत्काल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

भूकंप से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत अनेक स्थानों पर लोगों में दहशत फैल गई। गाजियाबाद के वैशाली और वसुंधरा तथा अन्य इलाकों में भूकंप के डर से लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

जब भूकंप आया तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी शिकागो विश्वविद्यालय के छात्रों से डिजिटल तरीके से संवाद कर रहे थे, तभी उन्होंने कहा कि पूरा कमरा हिल रहा है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘2005 में आए भूकंप के बाद से श्रीनगर में आया कोई झटका इतना शक्तिशाली नहीं था कि मुझे घर से बाहर जाने को मजबूर कर सकता। मैंने कंबल लिया और भागा। मुझे अपने साथ फोन ले जाना भी याद नहीं रहा, इसलिए जब जमीन हिल रही थी तब ‘भूकंप’ ट्वीट नहीं कर पाया।’’

एनसीएस के संचालन प्रमुख जेएल गौतम ने कहा, ‘‘भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था। शुरुआती जांच में पता चला था कि केंद्र अमृतसर था। हमने उस जानकारी को संशोधित किया है।’’

एनसीएस ने कहा था कि भूकंप के दो झटके आए, ताजिकिस्तान में रात 10.31 पर और अमृतसर में रात 10.34 पर।

बाद में गौतम ने कहा, ‘‘एक ही झटका आया।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।

बैतूल में कंगना रनौत का विरोध कर रहे कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज,” धाकड़ ” फिल्म की शूटिंग रोकने का किया था ऐलान attacknews.in

बैतूल,12 फरवरी,। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के सारणी में आज फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का विरोध कर रहे कांग्रेसियों पर पुलिस ने वाटर कैनन के बाद हल्का बल प्रयोग कर रोकने का प्रयास किया है।

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील शर्मा, बैतूल विधायक निलय डागा,घोड़ा डोंगरी विधायक ब्रह्मा भलावी, प्रदेश काँग्रेस कमेटी के सचिव समीर खान सहित जिले से बड़ी संख्या में पहुँचे कांग्रेसी शाम को पावर हाउस के दो नंबर गेट के पास धरना देने के बाद जब बेरिकेट हटाकर कंगना की चल रही धाकड़ फिल्म के शूटिंग स्थल सीएचपी कोल हैंडलिंग प्लांट की तरफ जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के पहले वाटर केनन का इस्तेमाल किया। जब कांग्रेसी नही माने तो लाठी चार्ज कर उन्हें खदेड़ाना पड़ा।

कंगना रनौत को मिली धमकी के बाद MP पुलिस देगी कड़ी सुरक्षा :

कंगना रनौत सोशल मीडिया के जरिए हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं। वहीं इन दिनों वो किसान आंदोलन के खिलाफ ट्विटर के माध्यम से जमकर पोस्ट करती दिखाई दे रही हैं। इसकी वजह से कंगना को कई बार जबरदस्त विरोध का भी सामना करना पड़ा है।

हाल ही में उन्हें इस मामले को लेकर गुस्साए मध्यप्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धमकी दी थी कि वो उनकी फिल्म ‘धाकड़’ की शूटिंग नहीं होने देंगे। इस पर कंगना ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी थी। अब मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस धमकी के बाद कंगना के लिए सुरक्षा के इंतजाम कर दिए गए।

दरअसल, कंगना अपनी आने वाली फिल्म ‘धाकड़’ की शूटिंग मध्यप्रदेश, बेतुल जिले के सरनी इलाके में करने वाली हैं। वहीं इस बीच किसानों के प्रदर्शन के विरोध में कंगना के ट्विट से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी फिल्म की शूटिंग नहीं होने देने की धमकी दी। इस मामले में एक रिपोर्ट की मानें तो एमपी पुलिस की ओर से कंगना को सुरक्षा दी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी अभय राम चौधरी ने बताया कि ‘मध्यप्रदेश के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा द्वारा एसपी को दिए गए आदेश के अनुसार एक्ट्रेस के लिए कड़ी सुरक्षा रखी गई है’। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को एक्ट्रेस के आस-पास सिक्योरिटी कवर लगवाया गया ।

बताया जा रहा है कि शूटिंग की लोकेशन पर पुलिस तैनात रहेगी, एंट्री पर भी कड़ी सुरक्षा होगी ताकी कंगना को शूटिंग के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी ना झेलनी पड़े। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि फिल्म का सरनी में शेड्यूल 17 फरवरी को पूरा हो जाएगा।

कांग्रेस नेताओं ने कंगना पर किसानों की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर कंगना इसके लिए माफी नहीं मांगेंगी तो मध्यप्रदेश में उनकी फिल्म की शूटिंग नहीं होने दी जाएगी। वहीं इस पर कंगना ने जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा था- ‘मुझे नेतागीरी में कोई इंटरेस्ट नहीं …. मगर लगता है कांग्रेस मुझे नेता बनाकर ही छोड़ेगी’।