टाइल्स कारोबारी समूह के तमिलनाडु,गुजरात और कोलकाता के ठिकानों पर आयकर छापा, 220 करोड़ की अघोषित संपति का खुलासा attacknews.in

नई दिल्ली 28 फरवरी । आयकर विभाग ने तमिलनाडु में एक प्रमुख टाइल्स कारोबारी समूह के यहां छापामारी कर 220 करोड़ रुपए की अघोषित संपति का खुलासा किया है और 8.30 करोड़ रुपए नकद भी जब्त किया है।

आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित एक जाने-माने व्यावसायिक समूह के ठिकानों पर 26 फरवरी को छापे मारी की। समूह से जुड़े ग्यारह ठिकानों पर छापे मारे गए और नौ स्थानों पर सर्वेक्षण किए गए हैं जो तमिलनाडु, गुजरात और कोलकाता में स्थित हैं। यह व्यावसायिक समूह टाइल्स और सैनीटरी वेयर के उत्पादन और विपणन के व्यवसाय से सम्बंधित है और दक्षिण भारत में टाइल्स के व्यवसाय का अग्रणी समूह है।

वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि बढ़ी; पहले 28 फरवरी निर्धारित थी attacknews.in

नयी दिल्ली 28 फरवरी । सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया है।

वित्त मंत्रालय ने रविवार को यहां बताया कि इस अवधि को पहले 28 फरवरी 2021 तक बढ़ाई गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। अब करदाता की ओर से जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9सी कर दिया गया है।

नरेन्द्र मोदी की “मन की बात”:देश में निर्मित उत्पादों पर गर्व करने की पहली शर्त जब प्रत्येक देशवासी स्वीकार कर लेगा तो‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान, राष्ट्रीय भावना बन जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में निर्मित उत्पादों पर गर्व करने को भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त करार देते हुए रविवार को कहा कि जब प्रत्येक देशवासी ऐसा करेगा तो आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक आर्थिक अभियान ना रहकर ‘‘राष्ट्रीय भावना’’ बन जाएगा।

उन्होंने विज्ञान को प्रयोगशाला से खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसे सिर्फ भौतिकी और रसायन तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विज्ञान की शक्ति का ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ अभियान में भी बहुत योगदान है।

आकाशवाणी के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम की ताजा कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि आज आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर कोलकाता के एक श्रोता रंजन के विचारों पर सहमति जताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है–अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है और प्रत्येक देशवासी जुड़ता है तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावना बन जाता है।’’

रंजन ने प्रधानमंत्री से अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल एक सरकारी नीति नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है और आत्मनिर्भर होने का अर्थ अपनी किस्मत का फैसला खुद करना यानि स्वयं अपने भाग्य का नियंता होना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आसमान में अपने देश में बने तेजस लड़ाकू विमानों को कलाबाजियां करते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, भारत में बनी मिसाइलें, हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब समृद्ध देशों में हम भारत में निर्मित मेट्रो ट्रेन के डिब्बे देखते हैं और जब दर्जनों देशों तक भारत में बने कोरोना के टीके पहुंचते देखते हैं तो देशवासियों का माथा और ऊंचा हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा ही नहीं है कि बड़ी-बड़ी चीजें ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगी। भारत में बने कपड़े, भारत के प्रतिभाशाली कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तकला के सामान, भारत के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, भारत के मोबाइल, हर क्षेत्र में, हमें, इस गौरव को बढ़ाना होगा।’’

उन्होंने कहा कि जब इसी सोच के साथ देश आगे बढ़ेगा तभी सही मायने में भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि आत्मनिर्भर भारत का ये मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।’’

देश में आत्मनिर्भर अभियान को गांवों में मिल रहे समर्थन के कुछ उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान एक भाव बन चुका है, जो आम जनों के दिलों में प्रवाहित हो रहा है।’’

महान वैज्ञानिक सी. वी. रमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के अनगिनत वैज्ञानिक हैं जिनके योगदान के बिना विज्ञान आज इतनी प्रगति नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों की तरह देशवासियों को भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जरूर चाहूंगा कि हमारे युवा भारत के वैज्ञानिकों को और उनके इतिहास को समझें और खूब पढ़ें।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विज्ञान की बात होती है तो कई बार इसे लोग भौतिकी और रसायन या फिर प्रयोगशालाओं तक ही सीमित कर देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन विज्ञान का विस्तार तो इससे कहीं ज्यादा है और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान भी है। हमें विज्ञान को ‘लैब टू लैंड’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ाना होगा।’’

उन्होंने कुछ किसानों के उदाहरण भी दिए जो वैज्ञानिक तौर तरीकों से खेती कर रहे हैं और ना सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे हैं बल्कि अपनी पहचान भी स्थापित कर रहे हैं।

कृषि अवशेषों से धन कमाने की दिशा में देश में हो रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मदुरै के मुरुगेसन का जिक्र किया और बताया कि उन्होंने केले के अवशेषों से रस्सी बनाने की एक मशीन बनाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुरुगेसन जी के इस नवोत्पाद से पर्यावरण और गंदगी का भी समाधान होगा तथा किसानों के लिए अतिरिक्त आय का रास्ता भी बनेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों के बारे में देश को बताने का उनका मकसद इतना है कि लोग उनसे प्रेरणा लें।

उन्होंने कहा, ‘‘जब देश का हर नागरिक अपने जीवन में विज्ञान का विस्तार करेगा, हर क्षेत्र में करेगा, तो प्रगति के रास्ते भी खुलेंगे और देश आत्मनिर्भर भी बनेगा। और मुझे विश्वास है कि ऐसा देश का हर नागरिक कर सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने जल को जीवन के साथ ही आस्था का प्रतीक और विकास की धारा करार देते हुए देशवासियों से इसका संरक्षण करने का आह्वान किया।

पानी को पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन और विकास के लिये जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘पानी के संरक्षण के लिये, हमें, अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए।’’

आगामी 22 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व जल दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है और इसे देश के नागरिकों को समझना होगा।

उन्होंने अपने आसपास के जलस्त्रोतों की सफाई और वर्षा जल के संचयन के लिये देशवासियों से 100 दिन का कोई अभियान शुरू कने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इसी सोच के साथ अब से कुछ दिन बाद जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी जल शक्ति अभियान- ‘कैच द् रैन’ भी शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का मूल मन्त्र है पानी जब भी और जहां भी गिरे, उसे बचाएं।’’

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने दुनिया की सबसे प्राचीन तमिल भाषा नहीं सीख पाने पर अफसोस जताया। साथ ही उन्होंने क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और हॉकी की तरह विभिन्‍न भारतीय खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में किए जाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है और सोचने पर मजबूर कर देता हैं।

दरअसल, प्रधानमंत्री हैदराबाद की एक अपर्णा रेड्डी का उल्लेख कर रहे थे जिन्होंने मोदी से जानना चाहा था कि इतने लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री और फिर देश का प्रधानमंत्री रहने के बाद क्या उन्हें कुछ कमी लगती है।

इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सवाल बहुत सहज है लेकिन उतना ही मुश्किल भी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा , मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया। मैं तमिल नहीं सीख पाया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनियाभर में लोकप्रिय है।

गुजरात के केवड़िया स्थित ‘‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’’ के एक गाइड द्वारा भेजी गई क्लिप को साझा करते हुए मोदी ने बताया कि वह संस्‍कृत में सरदार पटेल के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं।

उन्‍होंने संस्‍कृत में क्रिकेट कमेंट्री की एक क्लिप भी साझा की और कहा कि विभिन्‍न भारतीय खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में की जानी चाहिए।

क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और टेनिस में होने वाली कमेंट्री से इन खेलों को लेकर पैदा होने वाले रोमांच के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन खेलों में कमेंट्री समृद्ध है, उनका प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां भी बहुत से भारतीय खेल हैं लेकिन उनमें कमेंट्री की संस्कृति नहीं है और इस वजह से वे लुप्त होने की स्थिति में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्यों न अलग-अलग खेलों और विशेषकर भारतीय खेलों की अच्छी कमेंट्री अधिक से अधिक भाषाओं में हो। हमें इसे प्रोत्साहित करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए। मैं खेल मंत्रालय और निजी संस्थानों के सहयोगियों से इस बारे में सोचने का आग्रह करूंगा।’’

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्‍कूल, कॉलेजों की परीक्षाओं का भी जिक्र किया और कहा कि हर साल की तरह इस वर्ष भी मार्च में वह परीक्षा पे चर्चा करेंगे।

उन्होंने लोगों से कोरोना महामारी से सतर्कता में कोई ढिलाई नहीं बरतने का भी आग्रह किया और कहा कि एहतियात में ढिलाई देने का वक्‍त अभी नहीं आया है।

प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि आज भी उनका ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है

उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं को एक और बात संत रविदास जी से जरूर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिये, खुद को पुराने तौर तरीकों में बांधना नहीं चाहिए। आप, अपने जीवन को खुद ही तय करिए।’’

खेलों की कमेंट्री अलग-अलग भाषाओं में हो: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि खेलों और विशेषकर भारतीय खेलों की कमेंट्री देश की अलग-अलग भाषाओं में हो और इसको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के सम्बोधन में कहा कि वह खेल मंत्रालय और निजी संस्थान के सहयोगियों से इस बारे में सोचने का आग्रह करेंगे।

श्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान केवडीया में स्थित पर्यटन स्थल सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ़ यूनिटी’ में एक पर्यटक गाइड की आवाज़ की रिकॉर्डिंग सुनायी। इसमें गाइड संस्कृत में लोगों को सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के बारे में बता रही हैं। श्री मोदी ने ख़ुशी जतायी कि केवड़िया में 15 से ज्यादा गाइड धारा प्रवाह संस्कृत में पर्यटकों को जानकारी देते है।

उन्होंने श्रोताओं को वाराणसी के संस्कृत महाविद्यालयों के बीच आयोजित होने वाली क्रिकेट कमेंट्री की रिकॉर्डेड आवाज़ भी सुनायी जो संस्कृत में थी ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “वाराणसी के शास्त्रार्थ महाविद्यालय, स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, श्री ब्रह्म वेद विद्यालय और इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच आयोजित होने वाले क्रिकेट मैचों के दौरान संस्कृत में कमेंट्री की जाती है। इस टूर्नामेंट में, खिलाड़ी और कमेंटेटर पारंपरिक परिधान में नजर आते हैं।”

उन्होंने कहा कि, “ऊर्जा और रोमांच सब कुछ एक साथ चाहिए तो खेलों की कमेंट्री सुननी चाहिए। टी.वी. आने से बहुत पहले, खेल की कमेंट्री ही वह माध्यम थी, जिसके जरिए क्रिकेट और होकी जैसे खेलों का रोमांच देशभर के लोग महसूस करते थे। टेनिस और फ़ुटबॉल मैचों की कमेंट्री भी बहुत अच्छी तरह से पेश की जाती है।”

श्री मोदी ने कहा कि, “जिन खेलों में कमेंट्री समृद्ध है, उनका प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से होता है। हमारे यहां भी बहुत से भारतीय खेल हैं लेकिन उनमें कमेंट्री नहीं आयी है और इस वजह से वो लुप्त होने की स्थिति में हैं।”

उत्तरप्रदेश में भाजपा ने शुरू किया पंचायत और विधानसभा चुनावों का आगाज़:राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा काशी में दे गये भाजपा पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को ‘गुरुमंत्र’ attacknews.in

वाराणसी, 28 फरवरी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत एवं 2022 के विधान सभा चुनावों के मद्देनज़र रविवार यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में काशी क्षेत्र के तमाम पार्टी पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर उन्हें संगठन को और मजबूत करने तथा जीत सुनिश्चित करने वाली तैयारियां अभी से शुरू करने के लिए चुनावी ‘गुरुमंत्र’ दिये।

वाराणसी के हरहुआ क्षेत्र के ‘गोकुल धाम’ में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष श्री नड्डा ने कहा कि संगठन को और मजबूत करने के प्रत्येक जिलाध्यक्ष को नियमित अंतराल पर मंडल पर एवं नियमित बैठकें करनी चाहिये। पार्टी का सारा ध्यान मंडल, सेक्टर और बूथ रहना चाहिये। जिलाध्यक्षों को मंडल के अध्यक्ष से निरंतर सम्पर्क बनाकर संगठन हो रहे कार्यों की जानकारी रखनी चाहिए। आवश्यक दिशा निर्देश देते रहना चाहिये।

उन्होंने कहा हर जिलाध्यक्ष का काम है कि वो मंडल अध्यक्ष से जानकारी लें कि निर्धारित तिथि पर बैठकें हुई या नहीं, साथ ही जिला कोर कमेटी की बैठके नियमित होनी चाहिये। पार्टी का मानना है कि संगठन की सबसे निचली इकाई यानी बूथ सबसे मजबूत होना चाहिये। इसलिए संगठन द्वारा तय समय सीमा में बूथ समिति एवं पन्ना प्रमुख बनाना है।

श्री नड्डा ने सरकारी योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ आम जनता तक पहुंचाने के लिए संगठन और सरकार के बीच तालमेल पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं को केंद्र एवं राज्य सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं की अच्छी जानकारी होनी चाहिए ताकि समाज अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक उसका लाभ पहुंच सके।

पूर्व केंद्रीय मंत्री नड्डा ने संगठनिक ढांचे के अलावा पंचायत, विधानसभा से लेकर लोक सभा क्षेत्रों तक के पार्टी पदाधिकारियों एवं जन प्रतिधियों से अधिक से अधिक जनता से निरंतर संवाद बनाये रखने एवं उनके सुखदुख में शामिल होने की नसीहत दी।

उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि पार्टी द्वारा तय ज़िम्मेदारी पूरा करने के लिए पूरी तका झोंक दें। पंचायत चुनाव के बाद राज्य में विधान सभा के चुनाव होंगे। दोनों चुनावों के मद्देनज़र पार्टी को और मजबूत करने का प्रयास करें।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने श्री नड्डा का स्वागत करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। विश्व की सबसे बडी राजनीतिक पार्टी के श्री नड्डा के नेतृत्व में पार्टी के आदर्शों एवं सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य हो रहा है, जिसे और आगे बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल खंड में भाजपा कार्यकर्ता बूथ, मंडल, जिला, क्षेत्र, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर देश की 135 करोड़ जनता को राहत पहुचाने का कार्य कर रहे थे। इतनी बड़ी त्रासदी में किसी को शिकायत करने का मौका नही मिला। देश का सौभाग्य है कि काशी का सांसद देश का नेतृत्व करता है।

राकेश टिकैत ने किसानों को अपने ट्रैक्टरों में तेल भरवाकर रखने का कहकर कभी भी दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहने का ऐलान किया attacknews.in

सहारनपुर,28 फरवरी । भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी तक किसानों का संघर्ष और दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर जारी रहेगा।

श्री टिकैत आज यहां जिले के लाखनौर में संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 90 दिन से जारी किसान आंदोलन हर रोज गति पकड़ रहा है। केंद्र सरकार की हठधर्मी के सामने देश के किसान हरगिज नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपने ट्रैक्टरों में तेव भरवाकर रखें ,कभी भी दिल्ली कूच करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की रणनीतियों की काट बेशक वह नहीं जानते है, लेकिन किसानों ने यह ठान ली है कि वे अपना मकसद हांसिल किए बगैर अब पीछे हटने वाले नहीं है। महापंचायत में राकेश टिकैत का भाकियू के जिला सचिव आलिम प्रधान और नौशाद प्रधान को पगडी पहनाई। महापंचायत के दौरान जिला और पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से सर्तक रहा।

गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी में शामिल सहारनपुर जिले में जाट अपने पडोसी जिलों सहारनपुर और शामली की तुलना में बेहद कम संख्या में है। लेकिन भाकियू की स्थापनाकाल से ही इस जिले इस संगठन की हमेशा से ही जोरदार मौजूदगी रही है।

रविवार की महापंचायत से पहले इसी जिले के चिलकाना सुल्तानपुर कस्बे में 10 फरवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की कामयाब महापंचायत हुई थी। लेकिन आज की महापंचायत उससे बडी रही और किसानों की भागेदारी और जोश ज्यादा दिखा।

दिल्ली में यूपी बार्डर गाजीपुर पर टिकैत की अगुवाई में हजारों किसान कृषि कानूनों की वापसी को लेकर 90 दिनों से भी ज्यादा से धरने पर बैठे है। राकेश टिकैत अब इस आंदोलन की सफलता को देशभर में हो रही किसान महापंचायतों में भी शिरकत कर रहे है।

रालोद के आंदोलन में सीधे कूद जाने और चौधरी अजित सिंह एवं उनके बेटे जयंत चौधरी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार महापंचायतों में बढ-चढकर भागेदारी करने से किसानों की आवाज बेहद मुखर हुई है।

शामली के भैंसवाल में सपा से जुडे किसान नेता प्रोफेसर सुधीर कुमार द्वारा आयोजित महापंचायत की सफलता से सहारनपुर मंडल में किसान जातीय भेदभावों से ऊपर उठकर खडा हो गया दिखता है। इसका असर आज लाखनौर की महापंचायत में देखने को मिला।

भारत के पीएसएलवी-सी51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1, 18 अन्य उपग्रहों को किया गया प्रक्षेपित, शीर्ष पैनल पर उकेरी गई नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ भेजी गई है भगवद्गीता attacknews.in

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 28 अप्रैल । भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को यहां श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया।

यह इसरो का इस साल का पहला मिशन है।

पीएसएलवी-सी51 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से करीब 10 बजकर 24 मिनट पर उड़ान भरी और सबसे पहले करीब 17 मिनट बाद प्राथमिक पेलोड अमेजोनिया-1 को कक्षा में स्थापित किया।

करीब डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद अन्य उपग्रहों को 10 मिनट में एक के बाद एक करके प्रक्षेपित किया गया। इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है।

एसकेआई का सतीश धवन उपग्रह (एसडी-सैट) सुरक्षित डिजिटल कार्ड प्रारूप में भगवद्गीता को भी अपने साथ लेकर गया है।

एसकेआई ने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल और अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर मोदी की तस्वीर उकेरी गई है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने मिशन के सफल होने की घोषणा की और बताया कि सभी 19 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन पूरी इसरो टीम के लिए एक बड़ा दिन है और पीएसएलवी-सी51 भारत के लिए एक विशेष मिशन है। मैं अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को सटीकता से उनकी कक्षा में स्थापित करने को लेकर इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं।’’

इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) के लिए भी यह खास दिन है। पीएसएलवी सी51/अमेजोनिया-1 एनएसआईएल का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। इस मिशन को यहां स्थित नियंत्रण केंद्र से ब्राजील सरकार के अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने देखा।

637 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया। यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनपीई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।

जिन अन्य 18 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया है, उनमें से चार उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र और 14 उपग्रह एनएसआईएल के हैं।

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51ने ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 काे रविवार सुबह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2021 के अपने पहले मिशन के तहत आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10:24 बजे पीएसएलवी-सी51 का ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ प्रक्षेपण किया। उड़ान भरने के 17 मिनट बाद अमेजोनिया-1 प्रक्षेपण यान से अलग होकर 715 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया।

इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि पीएसएलवी-सी51 ने ब्राजील के उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।

इसके बाद चौथे चरण का इंजन बंद हाेगा और दो बार ‘रिस्टार्ट’ होगा। यह इसरो के सबसे लंबे मिशन में से एक है जो लगभग दो घंटे तक चलेगा। चौथे चरण के इंजन के दूसरी बार स्टार्ट होने पर उड़ान भरने के एक घंटा 55 मिनट बाद अन्य 18 उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित किये जाएंगे।

पीएसएलवी-सी51 को 22 घंटे 50 मिनट तक चली उल्टी गिनती के बाद प्रक्षेपित किया गया। स्वदेश निर्मित 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 के साथ ब्राजील के 637 किलो वजनी अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये।

रविवार सुबह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51 काे ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ सफलता पूर्वक रवाना किया।

इसरो के मुताबिक पीएसएलवी-सी51 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 घंटे 50 मिनट तक चली उल्टी गिनती के बाद आज सुबह 10.24 बजे प्रक्षेपित किया गया। स्वदेश निर्मित 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 के साथ ब्राजील के 637 किलो वजनी अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये।

यह सबसे लंबी उड़ानों में से एक है जो चौथा चरण बंद होने और दो बार ‘रिस्टार्ट’ होने तक लगभग दो घंटे चलेगी। पहली बार यह उस समय ‘रिस्टार्ट’ हाेगा, जब अमेजोनिया-1 अलग होगा और उसके बाद जब अन्य उपग्रह अलग होकर अपनी कक्षाओं में स्थापित किये जाएंगे, तब यह दोबारा ‘रिस्टार्ट’ होगा।

राष्ट्रपति जो बिडेन ने अमेरिका में कोरोना संक्रमण की खतरनाक स्थिति की चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों को सचेत किया attacknews.in

वाशिंगटन, 28 फरवरी (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन की एकल खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी मिलना ‘रोमांचक खबर’ है, लेकिन अमेरिकी लोगों को महामारी से संबंधित सावधानियों में किसी किस्म की ढील नहीं देनी चाहिए क्योंकि इससे स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।

एफडीए ने शनिवार को घोषणा की कि उसने अमेरिका में 18 वर्ष और अधिक उम्र के व्यक्तियों पर आपातकालीन उपयोग के लिए जॉनसन एंड जॉनसन की जैनसेन कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।

श्री बिडेन ने इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद एक बयान में कहा, “यह सभी अमेरिकियों के लिए रोमांचक खबर है और संकट को समाप्त करने के हमारे प्रयासों में उत्साहजनक प्रगति है लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम लड़ाई खत्म होने से अब भी काफी दूर हैं। भले ही आज की खबर का जश्न मनाएं लेकिन मैं सभी अमेरिकियों से आग्रह करता हूं – अपने हाथों को धोते रहें, सामाजिक दूरी बनाये रखे और मास्क पहनते रहें। जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है, नये वेरिएंट के फैलने के साथ स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।”

जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन अमेरिका में फाइजर / बायोएनटेक और मॉडर्ना कोविड -19 वैक्सीन के बाद अधिकृत होने वाली तीसरी वैक्सीन है। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि वह जून के अंत तक अमेरिका को 10 करोड़ खुराक प्रदान करेगा। जुलाई के अंत तक फाइजर / बायोएनटेक और मॉडर्ना से 60 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है।

इमरान खान ने फिर दिखाई नकली हेकड़ी;वह भारत के साथ समाधान निकालने के लिए तैयार तो हैं लेकिन भारत को कह रहे हैं कि,”शांति बनाकर हमसे पहल करें ” attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 फरवरी । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को भारत-पाक सीमा पर संघर्ष विराम की बहाली का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान सभी बाकी मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए तैयार है लेकिन भारत को बातचीत आगे बढ़ाने के लिए सौहार्द्र पूर्ण वातावरण तैयार करना होगा।

श्री खान ने सीमा पार से गोलीबारी पर संघर्ष विराम की बहाली का स्वागत करते हुये ट्वीट कर कहा,“मैं नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम की बहाली का स्वागत करता हूँ। आगे की प्रगति के लिए भारत को सौहार्द्रपूर्ण वातावरण के साथ आगे आना होगा।”

श्री खान ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हम हमेशा शांति के पक्षधर रहे हैं और बातचीत के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने के लिए आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।”

भारत ने इस सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विमान को श्रीलंका जाने के लिए देश के हवाई क्षेत्र से जाने की अनुमति दी थी। श्री खान का यह बयान सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा द्वारा इस महीने की शुरुआत में कश्मीर मुद्दे को “शांतिपूर्ण’ ढंग से हल करने के आह्वान पर आया है।

श्री खान ने हालांकि अपनी पुरानी मांग को दोहराया कहा कि भारत को लंबे समय से चले आ रही हमारी मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए और कश्मीरी लोगों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय का अधिकार देना चाहिए।

नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का सख्ती से पालन करेंगे भारत और पाकिस्तान

इससे पहले 25 फरवरी को पाकिस्तान से लगती सीमा पर अचानक हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान ने समूची नियंत्रण रेखा तथा उससे लगते सभी सेक्टरों में बुधवार रात से संघर्ष विराम तथा अन्य सभी समझौतों के पालन पर सहमति व्यक्त की है।

भारत के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक मेजर जनरल नोमन जकारिया के बीच पहले से स्थापित संवाद तंत्र हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान यह सहमति बनी। दोनों सैन्य अधिकारियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में नियंत्रण रेखा तथा सभी सेक्टरों में स्थिति की समीक्षा की।

भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के साथ-साथ और उससे लगते सभी सेक्टरों में बुधवार रात से संघर्ष विराम और अन्य समझौतों का पालन करने पर सहमति व्यक्त की है ।

दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच हॉट लाइन पर बातचीत के दौरान यह सहमति बनी। दोनों सैन्य अधिकारियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में नियंत्रण रेखा तथा सभी सेक्टरों में स्थिति की समीक्षा की।

बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि सीमा पर स्थायी रूप से शांति
बनाए रखने और एक दूसरे की चिंताओं को समझने के लिए संघर्ष विराम तथा अन्य समझौतों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि कि उनके बीच हॉटलाइन व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और किसी भी तरह की गलतफहमी को फ्लैग मीटिंग के जरिये सुलझाया जाएगा।

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर 2003 से संघर्ष विराम लागू है लेकिन पाकिस्तान समय-समय पर इसका उल्लंघन करता रहा है।

नरेन्द्र मोदी ने देशभर के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1,000 से अधिक प्रदर्शनी के आयोजन वाले पहले “खिलौना मेला” का उद्घाटन किया;कहा कि,यह मेला आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम attacknews.in

नयी दिल्ली 27 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश के खिलौना उद्योग में बहुत बड़ी ताकत छिपी हुई है और इसे बढाकर अपनी पहचान बनाने तथा आत्मनिर्भर अभियान में बड़ा योगदान देना जरूरी है।

श्री मोदी ने शनिवार को पहले खिलौना मेला का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। कोरोना महामारी के कारण देश में पहली बार आयोजित यह मेला भी पूरी तरह से वर्चुअल है।

प्रधानमंत्री ने कहा , “ आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है। इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है। ”

उन्होंने कहा कि यह खिलौना मेला केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है यह देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है। मेले में कारीगरों और स्कूलों से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनिययों के साथ साथ 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1,000 से अधिक लोग अपनी प्रदर्शनी लगा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा , “ आप सभी के लिए ये एक ऐसा मंच होने जा रहा है जहां आप खिलौनों के डिजायन, नवाचार, प्रौद्योगिकी से लेकर मार्केटिंग पैकेजिंग तक चर्चा परिचर्चा भी करेंगे, और अपने अनुभव साझा भी करेंगे। टॉय फेयर 2021 में आपके पास भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग और ई-स्पोर्ट उद्योग के ईको सिस्टम के बारे में जानने का अवसर होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “ खिलौनों के क्षेत्र में भारत में परंपरा भी है और प्रौद्योगिकी भी है, भारत के पास कंसेप्ट भी हैं, और कंपीन्टेंस भी है। हम दुनिया को इको फ्रेन्डली खिलौना की ओर वापस लेकर जा सकते हैं, हमारे साफ्टवेयर इंजीनियर कंप्यूटर गेम्स के जरिए भारत की कहानियों को, भारत के जो मूलभूत मूल्‍य हैं उन कथाओं को दुनिया तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन इस सबके बावजूद, 100 बिलियन डॉलर के वैश्विक खिलौना बाजार में आज हमारी हिस्सेदारी बहुत ही कम है। देश में 85 प्रतिशत खिलौने बाहर से आते हैं, विदेशों से मंगाए जाते हैं।”

खिलौने बच्चों की जिंदगी के लिए जरूरी : मोदी

वाराणसी,से खबर है कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि खिलौने बच्चे के जीवन का अटूट हिस्सा है जिसके साथ समय बिता कर वह काफी कुछ सीखते हैं।

वर्चुअल ‘द इंडिया टॉय फेयर-2021’ के उद्धाटन अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के कई लोगों से संवाद के दौरान श्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस उद्योग से जुड़े लोगों से भी बातचीत की।

उन्होंने कश्मीरी गंज खोजवा निवासी रामेश्वर सिंह से बातचीत के दौरान लकड़ी के खिलौने बनाने पर विशेष जोर दिया तथा कहा कि बच्चे और खिलौने एक दूसरे को देखते हैं। बच्चे खिलौनों का नकल करते हैं। इस तरह से खिलौने बच्चों की जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं।

गौरतलब है कि यह मेला 27 फरवरी से दो मार्च तक चलेगा। वर्चुअल प्रदर्शनी में 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित किये जाने की योजना है। मेले में परंपरागत भारतीय खिलौनों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक खिलौने भी प्रदर्शित किये जाएंगे।

मोदी के उदबोधन ने दी ‘कठपुतली’ को दी संजीवनी

भदोही से खबर है कि,इतिहास के पन्नो में लगभग समा चुकी ‘कठपुतली’ कला और इससे जुड़े कलाकारों को आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उदबोधन ने आक्सीजन दे दी है।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलौना मेला के सजीव उदबोधन को सुन भदोही के कठपुतली कलाकार चहक उठे हैं और दशकों से मकान के बड़ेरी पर धूल मिट्टी से सने पड़े कठपुतलियों के खिलौनों को एक बार फिर साफ-सुथरा करने में जुट गये हैं।

भदोही शहर के मखदूमपुर नट एवं सपेरों की बस्ती में आज सुबह एक मड़हे में जमे लगभग 12 से नट परिवार प्रधानमंत्री का लाइव भाषण दूरदर्शन पर देख रहें थे।

भीड़ देख उत्सुकतावश संवाददाता के कदम मड़हे के पास रूक गये। पूछने पर नट परिवार के लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खिलौने मेले का उद्घाटन किया है। साथ ही कठपुतली कला के उत्थान को लेकर भी बताया है। श्री मोदी की पहल की सराहना करते हुए शराफत अली बताते हैं कि उसके पिता कई दशक पहले चैत्र माह में जब गेहूं कटने का समय होता था तो गांव में पहुंचकर कठपुतली नचाते थे।बदले में उन्हे अनाज और सम्मान मिलता था लेकिन वक्त के साथ ही साथ कठपुतली कला भी विलुप्त हो गई लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण को सुनकर ऐसा लगता है कि हमारे पूर्वजों की कठपुतली कला एक बार फिर जीवित हो जायेगी। शराफत अली बात करते हुए खपरैल के मकान के बड़ेरी पर रखी दो जोड़ी कठपुतली खिलौना ले आये और पोछते हुए उसके आंखो से आंसू निकल पड़े।

शराफत नट बताता है कि महमूदपुर के इस बस्ती में कठपुतली नचाने वाले लगभग तीन दर्जन परिवार रहते थे। लेकिन अब तो न कठपुतली देखने वाले हैं और न ही इस कला को सजोने वाले जिससे अब धीरे-धीरे यह परिवार सपेरों के बस्ती के रूप में बदल गया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से सपेरों के बस्ती के लोगों को अब उम्मीद है कि कठपुतली कला की पुरानी परंपरा अब एक बार फिर जिवित हो जायेगी।

बाॅलीवुड शहंशाह अमिताभ बच्चन हुए बीमार,बड़े ऑपरेशन की तैयारी attacknews.in

मुंबई, 28 फरवरी । बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने संकेत दिया है कि स्वास्थ्य संबंधी किसी परेशानी के कारण उन्हें ऑपरेशन कराने की आवश्यकता है।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चिकित्सा प्रक्रिया पूरी हो गई है या नहीं।

78 वर्षीय अभिनेता ने अपने निजी ब्लॉग पर लिखा, ‘‘स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत… ऑपरेशन… लिख नहीं सकता।’’

अभिनेता ने हाल में बताया था कि उनके परिवार के सदस्य–उनकी पत्नी जया बच्चन, बेटा अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन– इस समय किन फिल्मों में काम कर रहे हैं।

अमिताभ ने बताया था कि वह जल्द ही फिल्मकार विकास बहल की आगामी फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे। अमिताभ को पिछली बार शूजित सरकार की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ में देखा गया था। अब वह ‘झुंड’ फिल्म में दिखाई देंगे, जो 18 जून को रिलीज होगी। इसके अलावा उनकी एक और फिल्म ‘चेहरे’ 30 अप्रैल को रिलीज होगी।

जगह-जगह घूम रहे किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने दिया राजनीतिक संदेश “एक आंख दिल्ली पर तो दूसरी खेत पर” attacknews.in

बागपत 27 फरवरी। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को दिल्ली की गद्दी और अपने खेत दोनों पर अपनी निगाह रखनी होगी। दिल्ली से किसान की निगाह हटी तो अगले 30 साल में किसान के पास जमीन नहीं बचेगी।

बामनौली गांव में शनिवार को सम्राट सलक्षपाल तोमर की जयंती के मौके पर श्री टिकैत ने राष्ट्र वन्दना चौक पर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इसके बाद टिकैत ने कहा कि यह किसान के हक की लड़ाई है। किसान अगर इस बार कमजोर पड़ा तो 30 साल बाद उसके पास जमीन नहीं बचेगी। किसान की जमीन पर किसी और का कब्जा होगा। एमएसपी पर कानून अनिवार्य है। इसके बाद ही किसान बर्बाद होने से बचेगा अन्यथा किसान आज बर्बादी के मुहाने पर है। किसान को फसलों के दाम नहीं मिल रहे है। किसान गन्ने की फसल को मिलों में डाल देता है, लेकिन उसका भुगतान समय पर नहीं मिलता।

किसान आंदोलन अब हर वर्ग की लड़ाई अब हर वर्ग की लड़ाई बन चुका है-टिकैत

श्रीगंगानगर,से खबर है कि,किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीन महीने से चल रहा किसान आंदोलन अब किसानों की लड़ाई नहीं है बल्कि यह अब हर वर्ग की लड़ाई बन गई है।

श्री टिकैत आज श्री गंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में उमड़ आए हजारों किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ यह संघर्ष अब हर वर्ग के लोगों का संघर्ष है बन गया है।

रेलवे के निवेश में पांच गुना वृद्धि, ट्रेन हादसों में आई कमीः2014 से पहले जो सालाना निवेश औसतन 40 से 45 हजार करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 2.15 लाख करोड़ हुआ attacknews.in

शिमला, 27 फरवरी । केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के निवेश में पांच गुना वृद्धि हुई है तथा पिछले दो साल में ट्रेन हादसों में कमी आई है ।

शिमला के जुब्बडहट्टी एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में आज श्री गोयल ने कहा कि 2014 से पहले जो सालाना निवेश औसतन 40 से 45 हजार करोड़ होता था, वो वर्ष 2021-22 में बढ़कर दो लाख 15 हजार करोड़ हो गया है। निवेश में पांच गुणा की वृद्धि हुई है। हिमाचल का भी निवेश बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा पुराने रेल ट्रैक समय पर बदलने, मानवरहित फाटकों को खत्म करने और सिग्नल सिस्टम को सुधारने के चलते हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इरादा पक्का है कि भारतीय रेल देश के विकास की गति को भी बढ़ाएगी और इससे प्रगति भी अच्छी होगी।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी का बचपन रेलवे स्टेशनों पर गुजरा है, इसके चलते उनका रेलवे से लगाव है। वर्ष 2014 के बाद से ही यह प्राथमिकता रही है कि पुराने रेल ट्रैक को समय पर बदला जाए। इसके अलावा मानवरहित फाटकों को खत्म किया है व सिग्नल सिस्टम को सुधारा है।

ज्ञातव्य है कि देश में 2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर विभिन्न घटनाओं में 130 लोगों की जान चली गई थी। 2015-16 में 58 लोगों और 2016-17 में 40 और 2017-2018 में 26 लोग, पहली अप्रैल 2018 से 15 दिसंबर 2018 तक 16 लोगों, इनमें 13 लोग कुशीनगर हादसे में मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।

किसान आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि किसान पीएम के साथ है। कृषि कानून देश हित में है और किसानों की आए बढ़ाने के लिए लाए गए हैं। पूरे देश ने इन्हें स्वीकार किया है। कुछ राजनीति हितों से जुड़े लोग छोटे किसानों को भड़का रहे है, जो निंदनीय है।

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर श्री गोयल ने कहा कि पिछली बार सात और इस बार चुनाव आठ चरणों में किए जायेंगें। कुछ राजनितिक दल इसको लेकर नाराज है। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछना चाहिए कि वह दुखी क्यों है। सुरक्षा की दृष्टि से चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है ताकि कोई गड़बडी न हो।

उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी। सुश्री बनर्जी से सभी दुखी है। 200 सीटों से अधिक जीत कर सरकार बनाएगी। पांडेचरी में भी भाजपा सरकार बनाएगी।

उन्होंने कहा कि वह हिमाचल में तीन दिनों के प्रवास पर आए है। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ रेलवे और उसके विस्तार के इलावा उद्योगों पर भी चर्चा करेगें।

कांग्रेस से तकरार के बीच गुलाम नबी आजाद ने फिर बढ़ाई सक्रियता,कहा-“राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुआ हूं  लेकिन राजनीति से नहीं” attacknews.in

जम्मू 27 फरवरी । राज्यसभा के पूर्व सदस्य गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि राजनीति धर्म आधारित नहीं होनी चाहिए।

गांधी गलोबल परिवार द्वारा आयोजित ‘शांति सम्मेलन’ में सभा को संबोधित करते हुए श्री आज़ाद ने कहा कि मेरी राजनीति कभी भी धर्म या जाति पर आधारित नहीं थी और मुझे कहना होगा कि हर किसी को सरकार बनाने का अधिकार है लेकिन धर्म को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।”

कांग्रेस पार्टी के जी -23 सदस्यों में से एक, श्री आज़ाद ने द गांधी ग्लोबल फैमिली इवेंट के लिए अपने सहयोगियों को भी आमंत्रित किया है, जिसमें कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, भूपिंदर हुड्डा और राज बब्बर शामिल हैं।

श्री आजाद ने कहा,“महात्मा गांधी की निस्वार्थ सेवा हमेशा हमारे साथ रहेगी और मैंने राजनीति में अपना करियर महात्मा के दर्शन से शुरू किया।”

उन्होंने हालांकि कहा कि वह राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए हैं लेकिन राजनीति से नहीं।

पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने राज्य की हार से अपनी पहचान खो दी है लेकिन हम इसकी बहाली के लिए लड़ेंगे।”

जम्मू में भारतीय जनता पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी या यहां तक कि आरएसएस में से भी हर कोई चाहता है कि राज्य वापस आ जाए।

उन्होंने देश में कांग्रेस को एक मजबूत ताकत बनाने के लिए सामूहिक लड़ाई और एकता की वकालत की।

उन्होंने कहा,“चाहे वह जम्मू या कश्मीर या लद्दाख हो, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं। हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसे जारी रखेंगे।”

बाद में दिन में, श्री आज़ाद ने गुरु रविदास जयंती के अवसर पर जम्मू-कश्मीर श्री गुरु रवि दास सभा द्वारा आयोजित एक सामाजिक समारोह में भी भाग लिया।

राहुल गांधी को डरपोक दिखें नरेन्द्र मोदी,”प्रधानमंत्री का यह कहना कि भारत की सीमा में कोई नहीं घुसा है, इसका मतलब है कि,चीन से डरते हैं और यही संदेश चीन को दिया” attacknews.in

तूतीकोरिन 27 फरवरी । कांग्रेस नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चीन से डरते है तथा कांग्रेस सरकार ने चीन का हमेशा बिना किसी झिझक के सामना किया।

तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दक्षिण तमिलनाडु के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे श्री गांधी ने कहा कि पश्चिमी लद्दाख में तनाव से पहले चीन ने वर्ष 2017 में डोकलाम में केंद्र सरकार की मंशा का टटोला था।

उन्होंने कहा, “चीन ने अब सीमा पर कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अपना कब्ज़ा कर लिया है और यह कदम चीन ने डोकलाम में सरकार को परखने के बाद उठाया है। चीन ने डोकलाम में देखा था कि सरकार किस तरह की प्रक्रिया देगी और उन्होंने देखा की भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं अायी तो इसके बाद ही चीन ने इस कदम को लद्दाख में भी बढ़ाया और मुझे लगता है ऐसा चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भी किया।”

श्री राहुल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर ‘हम दो हमारे दो’ का निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन से डरते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि कोई भी भारत की सीमा में नहीं घुसा हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह कहना कि भारत की सीमा में कोई नहीं घुसा है, इसका मतलब यह है कि श्री मोदी चीन से डरते हैं और यही संदेश उन्होंने चीन को दिया।’’

उन्होंने कहा, “आप लिख कर ले लीजिये कि देपसांग की महत्वूपर्ण हमारी जमीन इस सरकार के नेतृत्व में वापस नहीं आ सकती। श्री मोदी बेशक यह जाहिर करें कि मौजूदा सरकार देपसांग जमीन वापस ले लेगी लेकिन अंत में वह इस जमीन को खो देंगे।”

उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने हालांकि कहा है कि सब कुछ सुलझा लिया गया है, लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है।

आरएसएस ने संस्थागत संतुलन किया खत्म : राहुल

राहुल गांधी ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंयेवक संघ (आरएसएस) पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इसने देश में संस्थागत संतुलन को नष्ट कर दिया है।

श्री गांधी ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिले में अपने दूसरे चरण के चुनाव अभियान के दौरान अधिवक्ताओं के साथ बातचीत में कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला किया गया है।

उन्होंने कहा, “भारत में लोकसभा, विधानसभा, पंचायतें, न्यायपालिका और स्वतंत्र प्रेस हैं। ये संस्थायें मिलकर देश को एक स्थान पर रखती हैं। पिछले छह वर्षों में हमने इन सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला देखा है।”

देशभर के निजी अस्पतालों में कोरोना का टीका लगवाने के लिए देना होंगे 250 रुपये,सरकारी अस्पतालों में लगेगा फ्री attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 फरवरी ।वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ चलाये जा रहे टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष (अन्य बीमारियों से पीड़ित) से अधिक आयु के लोगों को निजी कोरोना टीकाकरण केंद्र में 250 रुपए में पहला टीका लगाया जायेगा।

सरकारी केंद्रों पर यह टीका हालांकि निशुल्क ही लगेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस संबंध में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से टीकाकरण पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की।

उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को की गई थी तथा अब एक मार्च से दूसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत हो रही है जिसमें निजी अस्पतालों को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है।