जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों का भंड़ाफोड़, भारी मात्रा हथियार-गोलाबारूद बरामद,तस्करों और आतंकवादियों की भी गिरफ्तारी attacknews.in

जम्मू 22 जुलाई ।जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के थानामंडी इलाके में सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाकर एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ किया और वहां से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किए।

राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्दन कोहली ने यहां बुधवार को बताया कि जम्मू- कश्मीर पुलिस और सेना ने थानामंडी के मनयाल इलाके में घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ कर बड़ी सफलता हासिल की है।

उन्होंने बताया कि पुलिस को थानामंडी के मनयाल इलाके में एक पुराने आतंकवादी ठिकाने की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी जिसके बाद मंगलवार देर शाम राजौरी पुलिस के विशेष अभियान समूह और राष्ट्रीय राइफल्स की टीमों ने घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया।

श्री कोहली ने बताया कि सेना और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर कर रखा था और आज तड़के तलाश अभियान शुरू किया जिसमें सुरक्षा बलों ने घनी झाड़ियों में आतंकवादी ठिकाने का पर्दाफाश किया।

उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादी ठिकाने से एक पाईके राइफल, एक चीनी पिस्तौल, एक स्थानीय पिस्ताैल, एक एके मैगजीन, दो पिस्तौल मैगजीन्स, 168 पीका राउंड्स, 47 एके राउंडस, चार पिस्तौल राउंड्स, दो यूबीजीएल ग्रेनेड, एक दूरबीन, आठ गोलाबारूद बेल्ट, एक एंटीना और एक टेप रिकॉर्डर बरामद हुआ है।

श्री कोहली ने बताया कि इलाके में अब भी तालाश अभियान जारी है और एसडीपीओ थानामंडी सज्जाद खान के साथ थाना प्रभारी फरीद अहमद और राष्ट्रीय राइफल्स सेना अधिकारी अभियान की निगरानी कर रहे हैं।

कश्मीर से हेरोइन और चरस बरामद, तीन तस्कर गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी क्षेत्र से तीन तस्करों को गिरफ्तार कर 1.5 किलोग्राम हेरोइन और चरस बरामद की है।

पुलिस प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि शोपियां के थाना अधिकारी मुनीर अहमद की अगुआई में पुलिस गश्ती दल ने कांजीउलार में कल शाम को एक व्यक्ति को बैग के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में घूमते देखा। उसके बैग की तलाशी में पुलिस को 1.5 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई है। गिरफ्तार तस्कर की पहचान कुलगाम निवासी परवेज अहमद गनी के रूप में हुई।

बडगाम से हिजबुल के तीन आतंकवादी गिरफ्तार

कल जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में पुलिस ने मंगलवार को आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस, राष्ट्रीय राइफल और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने बडगाम के पाखेरपोरा में संयुक्त चौकी स्थापित की।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों की पहचान मेहराजुद्दीन कुमार, ताहिर कुमार और साहिल हुर्रा के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि उनके कब्जे से गोला बारूद के अलावा एके 47 के 20 कारतूस, दो डिटोनेटर और हिजबुल के 15 पोस्टर बरामद हुए।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र में सक्रिय यह समूह हिजबुल के सक्रिय आतंकवादियों को सामान पहुंचाने और आश्रय देने में संलिप्त था।

उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में चरार-ए-शरीफ थाने में मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

राजस्थान के राजा मानसिंह की encounter हत्या कांड मामले में पूर्व डीएसपी सहित ग्यारह लोगों को आजीवन कारावास की सजा attacknews.in

भरतपुर 22 जुलाई । राजस्थान में भरतपुर के डीग कस्बे में 35 वर्ष पहले हुए बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्या कांड में उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत ने आज एक पूर्व पुलिस उपाधीक्षक सहित ग्यारह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

मथुरा की जिला एवं सेशन कोर्ट जज साधना रानी ठाकुर ने मंगलवार को इस मामले में डीग के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कान सिंह भाटी और थाना प्रभारी वीरेन्द्र सिंह सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था और आज इन दोषियों को सजा सुनाई। इनके अलावा आरएसी के तत्कालीन हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआइ रवि शेखर को यह सजा सुनाई गई है।

अदालत ने भरतपुर पुलिस लाईन के तत्कालीन हेड कांस्टेबल हरी किशन, कांस्टेबल गोविन्द प्रसाद, इंस्‍पेक्‍टर कान सिंह सिरबी पर जीडी में फेरबदल करने का आरोप साबित नहीं होने के बाद मामले से बरी कर दिया।

गौरतलब है कि 20 फरवरी 1985 को विधानसभा चुनाव के दौरान डीग किले से पूर्व राजपरिवार के ध्वज हटाने को लेकर पुलिस तथा मानसिंह के बीच हुए विवाद में पुलिस फायरिंग में मानसिंह तथा उनके सहयोगी सुमेरसिंह और हरिसिंह की मौत हो गयी थी। मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने पर जांच का काम केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौपने के साथ मामले की सुनवाई उत्तरप्रदेश में मथुरा के जिला एवं सेशन कोर्ट को सुपुर्द की गई थी।

श्री मानसिंह की पुत्री एवं पूर्व मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने दोषियों को सजा सुनाये जाने पर खुशी जताई है।

कल दिये गये थे मानसिंह हत्या कांड मामले में ग्यारह पुलिसकर्मी दोषी करार

कल आये फैसले में राजस्थान में भरतपुर के कस्वा डीग में 35 साल पहले हुए बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्या कांड में उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया जबकि तीन लोगों को बरी कर दिया था ।

मथुरा की जिला एवं सेशन कोर्ट जज साधना रानी ठाकुर ने मामले में भरतपुर के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कान सिंह भाटी, एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, सुखराम, आरएसी के हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआइ रवि शेखर को दंड संहिता की धारा 148, 149, 302 के तहत दोषी करार दिया था ।

डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया: दुनिया में कोविड-19 की सबसे अधिक जांच अमेरिका में हो रही हैं, दूसरे नंबर पर भारत attacknews.in

वाशिंगटन, 22 जुलाई । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनके प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या के मामले में अमेरिका पहले और भारत दूसरे नंबर पर है।

अमेरिका में अभी तक 1,40,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 से जान जा चुकी है और संक्रमण के 38 लाख मामले सामने आए हैं।

ट्रम्प ने कोरोना वायरस की जानकारी देने के लिए कई सप्ताह बाद व्हाइट हाउस में आयोजित किए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम संक्रमण के कारण मारे गए लोगों के लिए एक परिवार के तौर पर शोक मनाते हैं। मैं उनके सम्मान में संकल्प करता हूं कि हम टीका बनाएंगे और वायरस को मात देंगे। हम टीका बनाने और चिकित्सीय निदान ढूंढने की दिशा में बेहतर कर रहे हैं।’’

ट्रम्प ने कहा, ‘‘हमने वायरस के बारे में बहुत कुछ जान लिया है। हमें पता है कि कौन खतरे में हैं और हम उनकी रक्षा करेंगे।’’

ट्रम्प ने आश्वासन दिया कि कोरोना वायरस का टीका उम्मीद से काफी पहले आ जाएगा।

ट्रम्प ने कोविड-19 की जांच के संबंध में किए गए सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका इसमें ‘‘सबसे आगे’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर देंगे। दूसरे नंबर पर भारत है, जिसने 1.2 करोड़ जांच की हैं। मुझे लगता है कि हम व्यापक स्तर पर जांच कर रहे हैं।’’

वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वायरस की स्थिति बेहतर होने से पहले बदतर हो सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यवश, बेहतर होने से पहले बदतर हो सकती है।’’

इस दौरान ट्रम्प ने कई बार वायरस को ‘चीनी वायरस’ भी कहा।

राष्ट्रपति ने मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील भी की।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको अच्छा लगे या नहीं, लेकिन इससे फायदा हो रहा है।’’

भारत में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को बताना होगा, आयातित उत्पाद किस देश का है, केंद्र सरकार ने कोर्ट में दाखिल किया हलफ़नामा attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 जुलाई ।अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को अब उनके मंच पर बिकने वाले आयातित उत्पादों के मूल देश का नाम दर्शाना होगा। यानी यह बताना होगा कि आयातित उत्पाद किस देश का है। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी।

केंद्र की ओर से मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि विधिक मापविज्ञान अधिनियम और नियमों के तहत ई-कॉमर्स साइटों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ई-कॉमर्स लेनदेन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर किसी उत्पाद के मूल देश का नाम दर्शाया गया हो।

केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय दिगपॉल के जरिये दायर हलफनामे में कहा गया है कि इन नियमनों का अनुपालन सुनिश्चित कराना राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का दायित्व है।

दिगपॉल ने कहा कि जहां भी इन नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, संबंधित राज्यों या संघ शासित प्रदेशों के विधिक मापविज्ञान विभाग के अधिकारी कानून के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

हलफनामे में कहा गया है कि इस पर आवश्यक परामर्श सभी ई-कॉमर्स कंपनियों, सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विधिक मापविज्ञान नियंत्रकों को भेजा गया है।

केंद्र की ओर से यह हलफनामा एक जनहित याचिका पर दायर किया गया है। अधिवक्ता अमित शुक्ला की ओर से दायर याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने की आग्रह किया गया था कि ई-कॉमर्स मंचों पर बिकने वाले उत्पादों पर उनका (उत्पादों) विनिर्माण करने वाले देशों का नाम दर्शाया जाना चाहिए।

अमेरिका ने चीन से भारत के साथ तनाव कम करने की अपील संबंधी प्रस्ताव किया पारित attacknews.in

वाशिंगटन, 22 जुलाई । अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक द्विदलीय प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें चीन से अपील की गई है कि वह नियंत्रण रेखा के पास भारत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से तनाव कम करे।

इस प्रस्ताव को मंगलवार को पारित किए जाने से पहले प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) में सर्वसम्मति से संशोधन पारित किया था, जिसमें गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में उसके बढ़ते क्षेत्रीय दबावों की निंदा की गई है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना, सांसदों फ्रैंक पैलोने, टो सुओजी, टेड योहो, जॉर्ज होल्डिंग, शीला जैक्सन-ली, हैली स्टीवन्स और स्टीव शैबेट ने यह प्रस्ताव पेश किया था। इसे वित्त वर्ष 2021 के लिए एनडीएए के साथ पारित किया गया। प्रस्ताव में भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की आक्रामकता की निंदा की गई है।

कृष्णमूर्ति ने एक बयान में कहा, ‘‘आज पारित किए गए विधेयक से सदन ने यह स्पष्ट द्विदलीय संदेश दिया है कि चीन सरकार को भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण तरीके से तनाव कम करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में चीनी सेना की उकसावे की कार्रवाई अस्वीकार्य है और सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान से भारत-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।’’

कृष्णमूर्ति ने कहा कि इस प्रस्ताव को पारित करके प्रतिनिधि सभा ने चीनी सैन्य आक्रामकता के खिलाफ भारत जैसे सहयोगियों के साथ खड़े होने की अमेरिका की तत्परता पुन: दर्शाई है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास 15 जून तक कई महीनों पहले से चीनी सैन्य बलों ने कथित रूप से 5,000 जवानों को एकत्र किया और वह बल प्रयोग एवं आक्रामकता के जरिए उन सीमाओं को बदलने की कोशिश कर रहा है जो काफी समय पहले ही तय की जा चुकी हैं।

प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव कम करने और बलों के पीछे हटने को लेकर सहमति बन गई है।

इसमें कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में कई सप्ताह चले गतिरोध के बाद हुए 15 जून को हुए टकराव में कम से कम 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की जान चली गई और अपुष्ट संख्या में चीनी जवान भी मारे गए।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘चीन सरकार को भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की दिशा में बल प्रयोग के बजाए मौजूदा राजनयिक तंत्रों के माध्यम से काम करना चाहिए।’’

भारत और चीन की सेना के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध चल रहा है। पिछले महीने गलवान घाटी में झड़पों में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद हालात बिगड़ गए थे।

भारत में मंगलवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 12 लाख के करीब पहुंची और मौत का आंकड़ा हुआ 28,747,मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 63 फीसदी के करीब attacknews.in

नयी दिल्ली 21 जुलाई । देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले मंगलवार की रात 11.92 लाख के पार पहुंच गये जबकि मरीजों के स्वस्थ होने की दर मामूली सुधार से करीब 63 फीसदी रही और अब तक 7.48 लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

मंगलवार को कोरोना को मात देने वालों की दर सोमवार के 62.77 प्रतिशत की तुलना में मामूली बढ़कर 62.95 प्रतिशत पर पहुंच गई।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में 33979 नये मामले सामने आये थे जबकि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या केवल 23569 थी।

मंगलवार को मृत्यु दर भी सोमवार के 2.44 प्रतिशत की तुलना में मामूली घटकर 2.41 फीसदी रही।

देश में हालांकि तीन मई को कोरोना रिकवरी दर मात्र 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसके बाद इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 11,92,665 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि आज सुबह यह संख्या 1155191 थी। अब तक कुल 748997मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 28747 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 411516 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ो से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 3.37 लाख से अधिक हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से समय पर कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों की जांच और उनके सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध भी फिर लगाने पड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारें अपने स्तर से भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या पूर्णबंदी या फिर जनता कर्फ्यू लागू कर रही हैं।

देश में वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के पॉजिटिव मामले आने की दर (पाॅजिटिविटी दर) 8.07 प्रतिशत है और केंद्र सरकार राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश के साथ मिलकर इसे पांच प्रतिशत से कम करने के लिये प्रयासरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के ओएसडी राजेश भूषण ने बताया कि देश के 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां कोरोना पॉजिटिविटी दर देश की पॉजिटिविटी दर से कम है। कर्नाटक में पॉजिटिविटी दर 7.29, पश्चिम बंगाल में 6.94, हरियाणा में 4.16, उत्तर प्रदेश में 4.06, असम में 4.03, मध्य प्रदेश में 3.90 और राजस्थान में 2.46 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि कोरोना की जंग में जांच सबसे बड़ा हथियार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि प्रति 10 लाख आबादी पर 140 टेस्ट होने चाहिए और इस जांच स्तर को लंबे समय तक बरकरार रखें। भारत में औसतन प्रति 10 लाख आबादी पर 180 टेस्ट होते हैंं। देश के 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में प्रति 10 लाख आबादी 140 से अधिक टेस्ट होते हैं। इस मामले में गोवा सबसे आगे है, जहां प्रति 10 लाख आबादी 1,333 टेस्ट होते हैं। इसके अलावा त्रिपुरा में प्रति 10 लाख आबादी 643 टेस्ट, तमिलनाडु में 571 टेस्ट, दिल्ली में 536 टेस्ट, पुड्डुचेरी में 498, असम में 340 टेस्ट,

हरियाणा में 340 टेस्ट, सिक्किम में 327 टेस्ट, पंजाब में 301 टेस्ट, चंडीगढ़ में 301 टेस्ट, जम्मू-कश्मीर में 292 टेस्ट, लद्दाख में 263 टेस्ट, कर्नाटक में 247 टेस्ट, राजस्थान में 244 टेस्ट, महाराष्ट्र में 241 टेस्ट, हिमाचल प्रदेश में 234 टेस्ट, मध्य प्रदेश में 194 टेस्ट और केरल में 188 टेस्ट होते हैं।

श्री भूषण ने कहा कि केवल टेस्ट करना ही पर्याप्त नहीं है। इस स्तर की जांच को लंबे समय तक जारी रखना है ताकि कोरोना पॉजिटिविटी दर कम होकर पांच प्रतिशत या उससे कम हो जाये।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 1.80 लाख के पार, रिकवरी दर 70 फीसदी से अधिक

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 4965 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद मंगलवार को संक्रमितों की संख्या 1.80 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले लोगों की दर बढ़कर 70 फीसदी से अधिक हो गयी है।

राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 70.12 फीसदी पहुंच गयी है जो सोमवार को 69.31 प्रतिशत रही थी। राज्य में संक्रमितों की मृत्यु दर महज 1.45 प्रतिशत है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की संख्या 180643 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 75 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 2626 हो गयी है।

सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 4894 और मरीज स्वस्थ हुए हैं और ठीक हुए कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 126670 हो गयी है। राज्य में फिलहाल 51344 सक्रिय मामले हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में तमिलनाडु देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

दिल्ली में कोरोना मामले सवा लाख के पार, रिकवरी दर 84 फीसदी से अधिक

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस (कोविड-19) के 1349 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार को 1.25 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 84 फीसदी से अधिक हो गयी है।

सोमवार को 954 नये मामले सामने आने से 27 मई के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार से कम आई है। लेकिन इसमें फिर से बढ़ाेत्तरी के अलावा नये मामलों की तुलना मेें स्वस्थ मरीजों की संख्या कम होना भी चिंता का विषय बना हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 1,04,918 अर्थात 84.78 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। मंगलवार को 1200 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 1,06,118 यानी 84.82 फीसदी हो गयी है।

राजधानी में 27 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 3690 हो गयी है। मरीजों की मृत्यु दर 3.47 प्रतिशत हो गई है। राजधानी में फिलहाल 15,288 सक्रिय मामले हैं जो सोमवार को 15,166 थे।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 8,51,311 पर पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 20,852 मामलों की जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 5651 और रैपिड एंटीजेन जांच 15,201 थी। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत 40 हजार को पार कर 44,805 हो गया है।

दिल्ली में कोरोना बेड की कुल संख्या 15,475 हैं जिसमें से 3517 भरे हुए हैं और 11,958 खाली हैं।
होम आइशोलेशन में मरीजों की संख्या भी घटकर 8126 रह गई। दिल्ली में कंटोनमेंट जोन की संख्या सात घटकर 689 रह गई है।

मुंबई में कोरोना मामले 1.03 लाख के पार, रिकवरी दर 71 फीसदी

देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई कोरोना वायरस (कोविड-19) से पूरे देश में सबसे भयंकर रूप से प्रभावित है तथा पिछले 24 घंटों के दौरान 995 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 1.03 लाख से अधिक हो गयी तथा 62 और लोगों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 5800 को पार कर गया लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71 फीसदी से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,03,262 हो गयी तथा इस दौरान मृतकों का आंकड़ा 5814 पहुंच गया है। इस अवधि में 905 और मरीजों के रोगमुक्त होने के बाद स्वस्थ लोगों की संख्या बढ़कर 73,555 हो गयी है।

गुजरात में रिकार्ड 1026 नये मामले, 34 मौतें, कुल मामलों का आंकड़ा 50 हज़ार के पार

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना विषाणु यानी कोविड-19 संक्रमण से और 34 लोगों की मृत्यु हो गयी जिससे अब तक की कुल मौतों का आंकड़ा 2201 हो गया है तथा इसके 1026 नये मामले सामने आये, जो पहली बार चार अंको में और अब तक किसी एक दिन के लिए सर्वाधिक हैं और इसके साथ संक्रमितों की कुल संख्या 50466 पर पहुंच गयी है।

बुरी तरह संक्रमण प्रभावित हीरा एवं कपड़ा उद्योग के विश्वविख्यात केंद्र सूरत ने आज लगातार 18 वें दिन और कुल मिला कर 20 वीं बार नए मामलों के लिहाज़ से सर्वाधिक प्रभावित अहमदाबाद को पीछे छोड़ दिया। पिछले कई दिनों से इस दक्षिणी जिले में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अहमदाबाद में भी पिछले दिनो गिरावट के बाद फिर से मामले बढ़ रहे हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 24 हजार के पार हुई और मौत का आंकड़ा हुआ 756 , रायसेन की बरेली जेल के 64 कैदी कोरोना संक्रमित हुए attacknews.in

भोपाल, 21 जुलाई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित आज 785 नए मामले सामने आने के बाद अब इनकी कुल संख्या 24095 हो गयी है। वहीं अस्पताल में उपचाररत मरीजों (एक्टिव केस) की संख्या बढ़कर 7082 हो गयी है।अब तक 756 मरीजों की मौत हो चुकी है ।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में 15205 सैंपल की जांच में 785 लोग कोरोना संक्रमित पाए गये और इन्हें मिलाकर संक्रमित मरीजों की आंकड़ा 24095 हो गयी। हालाकि राज्य में इस महामारी से अभी तक 16257 व्यक्ति अस्पताल से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। आज 573 लोगों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गई।

भोपाल में काेरोना के प्रकरण 4512 हुए

भोपाल में कोरोना संक्रमण के 149 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 4512 हो गयी है और अब तक 140 लोगों की जान जा चुकी है।

भोपाल जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से कल रात जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार 914 सैंपल की जांच में 149 लोग पॉजीटिव पाए गए। और कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4512 हो गयी।

हालाकि कल स्वस्थ होने पर 125 लोगों को विभिन्न अस्पतालों से घर जाने दिया गया। अब तक 3136 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और एक्टिव केस 1200 से अधिक हैं। इनका विभिन्न अस्पतालों, होम आइसोलेशन और संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर में इलाज चल रहा है।
भोपाल में चार माह पहले कोरोना संक्रमण का पहला प्रकरण आया था। राज्य में सबसे अधिक संक्रमितों की संख्या के मामले में इंदौर के बाद भोपाल जिले का नंबर है।

इंदौर में कोरोना के 70 नए मामले

इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 70 नये मामले आने के बाद यहां कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 6225 तक जा पहुंची है। वहीं कल चार की मौत दर्ज किये जाने के बाद मृतकों की संख्या 299 तक जा पहुंची है। उधर राहत की खबर है कि अब तक 4366 रोगी स्वस्थ होकर अस्पतालों से घर लौट चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल रात स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर बताया कि अब तक कुल 01 लाख 21 हजार 09 सौ 30 जांच रिपोर्ट प्राप्त हुयी हैं, इनमें से कल जांचे गये 1606 सेम्पल भी शामिल हैं। कल जांचे इन सैम्पलों में 1506 असंक्रमित तथा 70 संक्रमित पाये गये हैं।

कटनी में तीन लोगों में कोरोना की पुष्टि

कटनी जिले में तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। ये तीनों माधवनगर के बंगला लाइन के रहने वाले हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इनमें पिता 49 वर्ष, पुत्र 22 वर्ष और एक अन्य व्यक्ति 56 वर्ष शामिल है। इनमे से पिता जबलपुर और एक अन्य व्यक्ति सतना गए थे और वहां से लौटने के बाद संक्रमित हुए। जिले में अब 58 केस हो गए हैं। तीनों को कल रात में ही जिला चिकित्सालय के कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया है।

बरेली जेल के गंभीर संक्रमितों को भोपाल शिफ्ट किया जाएगा: नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि रायसेन जिले के बरेली जेल के गंभीर संक्रमितों को भोपाल शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है।

श्री मिश्रा ने अपने ट्वीट के जरिए कहा ‘रायसेन की बरेली जेल एक छोटी जेल है, वहां जो कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उनके लिए जेल को ही कोविड 19 सेंटर बना रहे हैं। जो कैदी गंभीर संक्रमित हैं, उन्हें भोपाल शिफ्ट करने की व्यवस्था कर रहे हैं।

भोपाल में काेरोना के प्रकरण 4607 हुए

भोपाल में कोरोना संक्रमण के आज 95 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 4607 हो गयी है और अब तक 140 लोगों की जान जा चुकी है।

भोपाल जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार सुबह जांच रिपोर्ट में 95 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। इसे मिलाकर कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 4607 तक पहुंच गयी। कल रात 914 सैंपल की जांच में 149 लोग पॉजीटिव पाए गए थे। वहीं, आज 50 लोग स्वस्थ भी हुए है।

बरेली उपजेल में 67 संक्रमित, प्रशासन सतर्क

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के बरेली उप जेल में 67 कोरोना मरीजों के मिलने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव सहित प्रशासन के आला अधिकारी बरेली उप जेल पहुंचे। कलेक्टर श्री भार्गव, पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने जेल का निरीक्षण किया और 41 कैदियों को विदिशा मेडिकल कालेज भेजा। बरेली जेल में कैसे कोरोना पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। वहीं, जेल परिसर को सेनेटाइज भी किया जा रहा है।

भोपाल के बाग सेवनिया क्षेत्र में पांच दिन का लॉकडाउन

भोपाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से आज यहां बाग सेवनिया क्षेत्र में पांच दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाग सेवनिया क्षेत्र में पिछले तीन दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण के लगभग 35 मामले सामने आने के बाद लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया। इस क्षेत्र में आगामी पांच दिनों तक सिर्फ आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। शेष दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और कार्यालय आदि बंद रहेंगे।

घनघोरिया की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद ऐहतियाती कदम

मध्यप्रदेश के जबलपुर में अस्पताल में इलाज कराने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं होने पर दिल्ली भेजे गए कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री लघन घनघाेरिया की आज कोरोना संबंधी रिपोर्ट पॉजीटिव आने की खबर के बाद यहां प्रशासन ने आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाए हैं।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पिछले तीन चार दिनों में श्री घनघोरिया के संपर्क में आने वाले परिजनों, स्टाफ और अन्य लोगों में से लगभग 40 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इस बीच इन सभी को क्वारेंटाइन भी किया जा रहा है।

शिवपुरी में मिले छह कोरोना मरीज

शिवपुरी जिले में आज छह कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाए गए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि आज 6 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 250 हो गई है। अभी तक 163 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। दो की मौत हो चुकी है। बाकी मरीजों का उपचार जारी है।

राजस्थान में समर्थक विधायकों के साथ बैठक में अशोक गहलोत ने पार्टी के गद्दारी को ललकारते हुए कहा कि, यह लोग जनता के बीच जाकर मुंह नहीं दिखा पाएंगे attacknews.in

जयपुर, 21 जुलाई । राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को विश्वास जताया कि मौजूदा राजनीतिक संग्राम में ‘जीत हमारी ही होगी क्योंकि सत्य हमारे साथ है’ और दावा किया कि राज्य सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी ।

गहलोत कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार गहलोत ने कहा,’ सत्य ही ईश्वर है ईश्वर ही सत्य है और सत्य हमारे साथ है इसलिए हर हाल में जीत हमारी होगी । सत्य की होगी।’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं वे सत्य पर नहीं हो सकते, क्योंकि सत्य कभी छिपता नहीं है।’

मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि आज पूरे मुल्क में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है लेकिन राजस्थान के कांग्रेस के विधायक पूरी दृढ़ता से प्रदेश में लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जो सत्य की विजय होने तक जारी रहेगी।

गहलोत ने पूरी दृढ़ता से कहा है कि उनकी सरकार पूरी तरह से स्थिर व मजबूत है जो पांच साल तक राज्य की जनता की सेवा करती रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जोरदार तरीके से लड़ाई लड़ रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के ही प्रदेश अध्यक्ष रहे नेता व कुछ अन्य विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार को गिराने का षडयंत्र कर रहे हैं जो असहनीय और निंदनीय है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी से गद्दारी करने वाले लोग जनता के बीच जाकर मुंह नहीं दिखा पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों का भी धन्यवाद दिया जो सरकार चलाने व इस संग्राम में कांग्रेस का सहयोग कर रहे हैं। गहलोत ने विश्वास व्यक्त किया कि माकपा भी हर हाल में कांग्रेस का समर्थन करेगी।

बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने पूरे जोश व एकजुटता के साथ मुख्यमंत्री गहलोत को विश्वास दिलाया है कि सत्य की इस लड़ाई में वे सब पार्टी एवं मुख्यमंत्री के साथ हैं।

बैठक को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री अविनाश पांडे, पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने भी संबोधित किया। बैठक दिल्ली मार्ग पर उसी होटल में हुई जहां विधायक पिछले कुछ दिनों से रुके हुए हैं। बैठक लगभग डेढ़ घंटे चली।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में अशोक गहलोत सरकार के समर्थक विधायक एक होटल में रुके हुए हैं। बीते लगभग एक सप्ताह में पार्टी के विधायक दल की यह तीसरी बैठक थी।

राजस्थान उच्च न्यायालय 24 जुलाई को सुनायेगा फैसला, तब तक सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई नहीं करेंगे attacknews.in

जयपुर 21 जुलाई । राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस नेता सचिन पायलट गुट की ओर से दायर याचिका पर अब 24 जुलाई को फैसला आएगा तब तक विधान सभा अध्यक्ष विधायकों के नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायालय में कल और आज सभी ने अपनी अपनी दलीलें दी थी।

विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के वकील अभिषेक सिंघवी ने दलील दी थी कि इस मामले में न्यायालय को दखल देने की जरूरत नहीं है। इसलिए याचिका खारिज होने योग्य है।

श्री सिंघवी ने कहा कि नोटिस पर स्टे का अंतरिम आदेश का मतलब पैरा 2-1-A की कार्यवाही पर स्टे होगा, जो नहीं किया जा सकता।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अभिव्यक्ति के विचार का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है। श्री सिंघवी ने कहा कि संविधान ने विधान सभा संचालन का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष दिया है और यह नियम संविधान का हिस्सा है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने उसके नियम बनाने के अधिकार हैं, जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है।

इससे पहले सचिन पायलट गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी शुक्रवार को अपनी दलीले दे चुके थे।

पायलट गुट की ओर से पी आर मीना ने न्यायालय में याचिका दायर की है। इसमें विधायकों के अयोग्यता संबंधी नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने और जिस शेड्यूल में नोटिस दिया गया है उसकी संवैधानिकता को चुनौती दी है। अब न्यायालय के फैसले के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी अपना फैसला लेंगे।

पायलट, 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों की याचिका के तर्क  

इससे पहले यह बताया जा रहा था कि,राजस्थान उच्च न्यायालय राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को फैसला सुना सकता है।

याचिका में पायलट और इन 18 विधायकों को राज्य विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस जारी करने को चुनौती दी गई।

इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता ने शुक्रवार को सुनवाई शुरू की और दलीलें सोमवार शाम तक सुनी गईं।

इस मामले में सुनवाई सुबह साढ़े दस बजे से फिर से सुनवाई शुरू हो गई ।

बागी विधायकों ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में जारी कलह के बीच शुक्रवार को अदालत का रुख किया था। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बर्खास्त किए गए उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को दलील दी कि याचिका समय से पहले दायर की गई है, क्योंकि सदन से विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने पर फैसला लिया जाना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर अदालत के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।

सिंघवी ने कहा कि जहां तक विधानसभा का सवाल है, विधानसभा अध्यक्ष सर्वोच्च होता है और जो नोटिस जारी किये गए हैं, वे विधानसभा अध्यक्ष की शक्तियों के दायरे में है।

विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पेश हुए एक वकील ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या विधानसभा अध्यक्ष अयोग्यता के लिये दी गई ऐसी याचिका पर बिना कारण जाने नोटिस जारी करने के लिये बाध्य होता है?

सिंघवी ने दलील दी कि कारण जानने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह महज कारण बताओ नोटिस है।

पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये पार्टी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत किये जाने के बाद यह नोटिस विधायकों को जारी किया गया था।

हालांकि, पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

विधायक सदन में जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है, यदि वह उसकी सदस्यता ‘स्वेच्छा’ से त्याग देता है तो यह प्रावधान उक्त विधायक को अयोग्य करार देता है।

मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भी कोरोना काल में मजबूरी में “आत्मनिर्भर” बने, “जजमेन्ट” खुद ही टाइप कर रहे हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 जुलाई ।कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर’ होने की अपील पर देश में कितना अमल होगा यह तो समय बतायेगा, लेकिन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मजबूरी में ही सही, लेकिन ‘आत्मनिर्भर’ होने लगे हैं।

कोरोना महामारी के दौरान उच्चतम न्यायालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई के कारण न्यायाधीश कोर्ट मास्टर को आदेश लिखवाने के बजाय खुद ही अपना आदेश टाइप करने लगे हैं, जिसका फायदा उन्हें खुद नजर आने लगा है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की टिप्पणी से तो कम से कम ऐसा ही लगता है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मंगलवार को एक मामले की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान अपने अनुभव साझा किये।

उन्होंने कहा कि वह वर्चुअल सुनवाई करते हुए जो भी आदेश देते हैं, उसे खुद ही लैपटॉप पर टाइप भी करते हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं कोर्ट मास्टर को आदेश देने के बजाय अब खुद लैपटॉप पर आदेश लिखता हूं, क्योंकि यह डिक्टेशन देने के मुकाबले ज्यादा आसान, सरल और सहज होता है। लैपटॉप पर अपना खुद का आदेश टाइप करना बहुत अच्छा है, क्योंकि यह आदेश बहुत सटीक हो जाता है।”

उन्होंने कहा कि इसका एक फायदा और है कि आदेश टाइप करने के बाद टाइपिंग के कारण होने वाली अशुद्धि को ठीक करने की जरूरत नहीं पड़ती।”

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में मार्च के मध्य से ही कोरोना को लेकर ऐहतियात बरती जाने लगी थी और कुछ दिनों तक तो केवल दोनों पक्षों और उनके वकीलों को ही अदालत कक्ष में सुनवाई के लिए जाने दिया जाता था। मीडियाकर्मियों का प्रवेश भी वर्जित था। बाद में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई शुरू होने लगी, जो अब भी जारी है। ऐसे में कोर्ट मास्टर मौजूद नहीं रह पाते हैं।

गैंगस्टर विकास दुबे को थाने से पुलिस छापामारी की सूचना फोन से देने के सबूत सामने आये इसके बाद उसने दी थी बड़े कांड की चेतावनी attacknews.in

कानपुर/नईदिल्ली ,21 जुलाई ।उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला दुर्दांत विकास दुबे का एक और आडियो वायरल हुआ है जिसमें उसने चौबेपुर थाने के एक सिपाही को बड़ा कांड करने की चेतावनी दी थी।

पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि विकास और चौबेपुर के सिपाही के बीच बातचीत का एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें उसने पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र मिश्र और दबिश देने वाले पुलिसकर्मियों के सफाये की धमकी दी थी। इस आडियो से साफ हो गया है कि दबिश से पहले थाने से विकास के पास फोन गया था और उसे पुलिस कार्यवाही की सूचना दी गयी थी।

दुबे मुठभेड़: याचिकाकर्ता ने सेवानिवृत्त जजों के नामों की सूची सौंपी

इधर उत्तर प्रदेश में कानपुर के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों की पुलिस-मुठभेड़ की स्वतंत्र जाँच की माँग कर रहे एक याचिकाकर्ता ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी सौंपी है जिनमें नये जाँच आयोग में शामिल किये जा सकने वाले पूर्व न्यायाधीशों के नाम प्रस्तावित हैं।

याचिकाकर्ताओं में से एक घनश्याम उपाध्याय ने अपनी अर्जी में उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा के अलावा हाल ही में ही सेवानिवृत्त न्यायाधीश- न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला, न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक, न्यायमूर्ति के.पी.एस. राधाकृष्णन, न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति एच.एल. गोखले के नाम भी दिये हैं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि उक्त प्रस्तावित नामों में से किसी भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम विकास दुबे एवं उसके गुर्गों की पुलिस-मुठभेड़ की जाँच के लिए प्रस्तावित नये आयोग में जोड़ा जा सकता है।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग को पुनर्गठित करने के संकेत दिये थे। आयोेग में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को शामिल किया जाना है।

विकास दुबे मुठभेड़ मामले में न्यायिक आयोग को पुनर्गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट:

इससे पहले कल उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि, उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के मुठभेड़ मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित न्यायिक आयोग को पुनर्गठित करेगा और इस बारे में बुधवार को आदेश जारी करेगा।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हरीश साल्वे की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह राज्य सरकार की ओर से गठित जांच आयोग का पुनर्गठन करके उसमें शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को जोड़ेगी।

राज्य सरकार ने जांच आयोग के पुनर्गठन को लेकर हामी भरी, उसके बाद न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई की तारीख मुकर्रर करते हुए श्री मेहता को संबंधित अधिसूचना का मसौदा उस दिन पेश करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि वह मसौदा देखने के बाद आदेश जारी करेगी।

न्यायालय पेशे से वकील घनश्याम उपाध्याय, अनूप प्रकाश अवस्थी, विवेक तिवारी के अलावा गैर-सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) तथा कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रही थी।

विकास दुबे मुठभेड़ : न्यायालय ने जांच समिति में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश को शामिल करने पर विचार करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मुठभेड़ की जांच के लिये गठित समिति में शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को शामिल करने पर विचार करे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह जांच समिति के बारे में दिये गये सुझावों को शामिल करके नयी अधिसूचना का मसौदा 22 जुलाई को पेश कर देगी।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि एक अपराधी के खिलाफ इतने मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत मिलने से वह “स्तब्ध” है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें दुबे और उसके कथित सहयोगियों की मुठभेड़ों की अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि उसे ‘‘कानून का शासन बनाये रखना होगा।’’

शीर्ष अदालत ने कहा, “एक राज्य के तौर पर आपको कानून का शासन बरकरार रखना होगा। ऐसा करना आपका कर्तव्य है।”

पीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के किसी पीठासीन न्यायाधीश को जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए उपलब्ध नहीं करा सकती।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सालिसटीर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने और उससे न्यायालय को अवगत कराने के लिये कुछ वक्त चाहि।

पीठ ने सॉलीसीटर जनरल से कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कोई बयान देते है और इसके बाद कुछ होता है तो आपको इस पर गौर करना होगा।

पीठ ने कहा, “हम इस बात से चकित हैं कि विकास दुबे जैसे व्यक्ति को इतने सारे मामलों के बावजूद जमानत मिल गई।”

पीठ ने कहा, “यह संस्थान की विफलता है कि जिस व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, उसे जमानत मिली।”

कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में तीन जुलाई की मध्यरात्रि दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस की टीम पर घात लगाकर हमला कर दिया गया था जिसमें डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।

पुलिस के मुताबिक दुबे की 10 जुलाई की सुबह हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी जब उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रहा पुलिस वाहन भौती इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसने मौके से भागने की कोशिश की थी।

मुठभेड़ में दुबे के मारे जाने से पहले उसके सभी पांच कथित सहयोगियों को अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

बिकरू कांड के विकास का साथी जय गिरफ्तार

उधर कानपुर से खबर है कि ,उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो जुलाई को आठ पुलिस वालों के हत्यारे और पुलिस मुठभेड़ में मारे गये विकास के साथी जय बाजपेई और उसके एक दोस्त को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया ।

पुलिस ने जय पर घटना के दो दिन पहले विकास दुबे को दो लाख रुपये और 25 कारतूस देने के आरोप समेत कई धाराओं में देर रात नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है ।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 40 किलो चांदी की शिला से होगा राम मंदिर का भूमि पूजन,साथ ही होगा संगम का जल और मिट्टी का उपयोग,बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी समारोह में शामिल होना चाहते हैं attacknews.in

अयोध्या, 21 जुलाई । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के भूमि पूजन में चांदी से निर्मित 40 किलो की श्रीराम शिलापट समर्पित करेंगे।

महंत दास ने सोमवार को बताया कि पांच अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के भव्य मंदिर की भूमि पूजन करेंगे, जिसमें मणिराम दास छावनी की ओर से 40 किलो चाँदी की श्रीराम शिला को समर्पित किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला की पवित्र भूमि पर इसे स्थापित करेंगे।

मोदी के आगमन की खबर से अयोध्या के संतों में खुशी की लहर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी पांच अगस्त को श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन करने के लिये अयोध्या आ रहे हैं। इसको लेकर अयोध्या के संत, धर्माचार्य तथा हिन्दू जनमानस में खुशी की लहर है।

तोताद्रिमठ के जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी अनंताचार्य महाराज ने सोमवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन सभी के लिए खुशखबरी है। वे रामजन्मभूमि की आधारशिला रखने आ रहे हैं। इससे संत-धर्माचार्यों में खुशी है। अयोध्या राममंदिर से लोगों को शिक्षा मिलेगी। पूरे विश्व को यही से मानवता का संदेश मिलता रहा है। इसलिए प्रधानमंत्री का आना बेहद अहम है। उनके हाथों से राममंदिर का भूमिपूजन किया जायेगा। जो निश्चित रूप से अविस्मरणीय और ऐतिहासिक पल होगा।

शरद पवार का बयान भगवान राम के खिलाफ है: भारती

उधर सीहोर, (मप्र) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने राम मंदिर पर दिये गये बयान के लिये राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को ‘‘रामद्रोही’’ करार दिया है।

श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तीन या पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिये अयोध्या में आमंत्रित किया है।

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पवार के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उमा भारती ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री वह व्यक्ति हैं जो चार घंटे से अधिक नहीं सोते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (मोदी) 24 घंटे काम करते हैं। उन्होंने आज तक कभी छुट्टी नहीं ली। मुझे उनका स्वभाव मालूम है, वह हवाई जहाज में भी आने-जाने के समय फाइल का काम करते जायेंगे। अगर प्रधानमंत्री, भगवान राम को दो घंटे का समय देते हैं और दो-तीन घंटे के लिये अयोध्या जाते हैं तो इसमें ऐसी कौन सी अर्थव्यवस्था कैसे बिगड़ जायेगी।’’ भारती ने कहा, ‘‘मैं मानती हूं कि पवार का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भगवान राम के खिलाफ है।’’ गौरतलब है कि राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने की प्रस्तावित तिथि के बारे में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में पवार ने रविवार को सोलापुर में कहा था, ‘‘कोविड-19 का उन्मूलन महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर का निर्माण करने से इस पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम के खिलाफ है।

भगवान राम को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के बयान के बारे में सुश्री भारती ने कहा कि यदि वहां के प्रधानमंत्री को लगता है कि श्रीराम नेपाल के हैं, तो उन्हें वहां भी भव्य राम मंदिर बनवाना चाहिए।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन में होगा संगम का जल और मिट्टी का उपयोग

प्रयागराजसे खबर है कि , श्री राम मंदिर भूमि पूजन के लिए तीर्थराज प्रयाग के पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिल स्वरूपा प्रवाहित सरस्वती के संगम से पवित्र जल और मिट्टी अयोध्या ले जायी जायेगी।

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के महानगर प्रवक्ता अश्वनि कुमार मिश्र ने मंगलवार को यहां बताया कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन में प्रयागराज संगम के पवित्र जल और मिट्टी का भी प्रयोग होगा। उन्होंने बताया कि कितने लोग पवित्र जल और मिट्टी लेकर जाएंगे, शीघ्र बैठक कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

राम मंदिर निर्माण में उडुपी की मिट्टी का होगा इस्तेमाल

कर्नाटक के मंदिरों के शहर उडुपी की मिट्टी का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा।

अडमार मठ अदालिता मंडली ने बताया कि उडुपी की मिट्टी अयोध्या के उस स्थान पर भेजी जाएगी जहां राम मंदिर का निर्माण होगा।

न्योता मिला तो जरूर बनूंगा भूमि पूजन कार्यक्रम का हिस्सा : अंसारी

बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला का भव्य मंदिर निर्माण के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम का निमंत्रण मिलने पर वह जरूर शामिल होंगे।

श्री अंसारी ने बातचीत में कहा “ श्रीरामजन्मभूमि परिसर में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिये हो रहे भूमि पूजन में अगर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मुझे आमंत्रित करता है तो मैं अवश्य आऊंगा।”

अयोध्या में भूमि पूजन की तैयारी चरम पर

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पांच अगस्त को भव्य राममंदिर निर्माण के लिये होने वाले भूमि पूजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

संतों के अलावा चुनिंदा अतिथियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन करेंगे। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के मद्देनजर अयोध्या में राजनैतिक सरगर्मियां भी बढ़ी हैं। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने यहां आकर राम मंदिर निर्माण की तैयारियों और प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम् में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठकें भी की थीं।

पंचतत्व में विलीन लाल जी टंडन : अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनते देखने की उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी, अटल बिहारी वाजपेयी को पिता,भाई और साथी मानते थे टंडन attacknews.in

लखनऊ/भोपाल 21 जुलाई । मात्र 12 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ने वाले लालजी टंडन के जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का खास स्थान रहा है। करीब छह दशक के राजनीतिक करियर में उन्होने कई मौकाें पर सार्वजनिक रूप से श्री वाजपेयी को कभी पिता तो कभी भाई या साथी की संज्ञा से नवाजा।

मध्यप्रदेश के 85 वर्षीय राज्यपाल श्री टंडन का मंगलवार तड़के 0535 बजे उत्तर प्रदेश में अपने गृहनगर लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता रहे श्री टंडन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह लखनऊ में समाज के हर वर्ग में पंसद किये जाते रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के बीच भी वह खासे लोकप्रिय रहे वहीं विपक्षी दल भी उनका सम्मान करते थे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती लंबे समय तक उन्हे राखी बांधती रही। श्री टंडन उन्हे अपनी मुंहबोली बहन कहते थे। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ बनी भाजपा की सरकार में श्री टंडन की भूमिका अहम रही थी।

श्री टंडन की पहचान लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराधिकारी के तौर पर भी मानी गयी। श्री टंडन को राजनीति में लाने का श्रेय श्री वाजपेयी को जाता है। वर्ष 1960 में उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुयी। वह कई बार सार्वजनिक रूप से श्री वाजपेयी को अपना सखा,पिता और भाई कहते रहे है।

भाजपा के दिवंगत नेता 1978 से 1984 तक और फिर 1990 से 96 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे जबकि 1991 में उन्हे मंत्री पद मिला । वर्ष 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार विधायक का चुनाव जीते वहीं 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अस्वस्थता के चलते जब उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्थान पर लखनऊ संसदीय सीट का टिकट मिला तो वह सबसे पहले श्री वाजपेयी से आर्शीवाद लेने दिल्ली गये और लौट कर कहा कि वह अटल की खड़ांऊ लेकर आये है और उन्ही के आशीष से चुनाव लड़ेंगे।

अटल की तरह श्री टंडन को भी लखनऊ की जनता से सर आंखों पर बैठाया और वह भारी बहुमत से विजयी हुये। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने हालांकि उनकी बजाय मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पर भरोसा किया और बुजुर्ग नेता का उचित सम्मान देते हुये 21 अगस्त 2018 को बिहार के राज्यपाल बनाया गया जबकि 20 जुलाई 2019 को उन्हे मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखने वाले श्री टंडन के लिये 2004 का साल विषम परिस्थितियां लेकर आया जब लोकसभा चुनाव के दौरान अपने जन्मदिन के मौके पर वह महिलाओं को साड़ी बांट रहे थे कि अचानक भगदड़ मच गई और इस घटना में 21 महिलाओं की मौत हो गई। महिलाओं की मौत के मामले ने विरोधियों ने इसका आरोप श्री टंडन पर मढ़ दिया। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी और उन्हे चुनाव आयोग का भी सामना करना पड़ा था।

चुनाव के दौरान हुयी इस घटना से खफा चुनाव आयोग ने भाजपा को पार्टी की मान्यता रद्द करने की भी चेतावनी दे दी थी हालांकि मामला कुछ दिनों में शांत हो गया और कुछ समय बाद श्री टंडन भी इन आरोपों से मुक्त हो गए और उनका सफर फिर शुरू हुआ।

श्री टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में लखनऊ में हुआ था। उन्होंने स्नातक कालीचरण डिग्री कॉलेज लखनऊ से किया। उनका विवाह 26 फरवरी 1958 में कृष्णा टंडन के साथ हुआ। श्री टंडन के तीन पुत्रों में एक गोपालजी टंडन योगी सरकार में मंत्री हैं।

अयोध्या में मंदिर बनते नहीं देख सके टंडन

मघ्यप्रदेश के राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी के नेता लालजी टंडन का आज यहां निधन हो जाने से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनते देखने की उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी ।

उत्तर प्रदेश में जब श्री कल्याण सिंह की सरकार थी तब श्री टंडन नगर विकास मंत्री के साथ अयोध्या मामले के प्रभारी भी थे । वो चाहते थे कि अयोध्या में जल्द भव्य राम मंदिर बने । राम मंदिर के लिये भूमि पूजन आगामी पांच अगस्त को प्रस्तावित है लिहाजा उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी ।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का तड़के हुआ था निधन:

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।

मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने बताया, ‘ टंडन का सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर हृदयगति रूकने से निधन हो गया।’

कपूर ने बताया कि टंडन 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए थे। जांचों में पता लगा कि वह यकृत के रोग से ग्रसित थे। धीरे धीरे उनके गुर्दे और यकृत ने काम करना बंद कर दिया था।

उन्होंने बताया कि टंडन कई दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे और तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

टंडन के पुत्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ ने भी यह जानकारी दी ।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने टण्डन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

राजभवन के एक प्रवक्ता के मुताबिक राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा, “लालजी टण्डन शालीन, मृदुभाषी एवं जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उन्हें राजनीति का लम्बा अनुभव था। टण्डन के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘लालजी टंडन के निधन से देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है।’

इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि टंडन को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मध्यप्रदेश में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के कारण राज्य में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार 21 जुलाई से 25 जुलाई तक राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान सरकारी इमारतों पर, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित फहराया जाता है, ध्वज आधा झुका रहेगा। इस अवधि में कोई भी शासकीय और मनोरंजन संबंधी आयोजन नहीं होंगे।

आदेश में कहा गया है कि दिवंगत राज्यपाल के सम्मान में आज राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में अवकाश रहेगा।

मंत्रिमंडल की बैठक लालजी टंडन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्थगित

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को आज यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके सम्मान में बैठक स्थगित कर दी गयी।

श्री चौहान ने विधिवत श्री टंडन के निधन की सूचना मंत्रिमंडल में दी और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री चौहान ने श्री टंडन के जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए और कहा कि श्री टंडन के निधन के कारण प्रदेश में राजकीय शोक घोषित किया गया है। इसके विधिवत आदेश जारी किए जा रहे हैं।

बैठक में दो मिनट का मौन रखा गया और दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह गहन दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना ईश्वर से की गयी। इसके बाद बैठक स्थगित कर दी गयी।

पंचतत्व में विलीन हुये टंडन

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को लखनऊ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

गुलाला घाट पर शाम करीब साढ़े चार बजे श्री टंडन के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके छोटू पुत्र अमित टंडन ने दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी मौजूद थे।

पुड्डुचेरी में संविधान का मखौल: राज्य में मुख्यमंत्री नारायणसामी ने विधानसभा में उप राज्यपाल किरण बेदी को अपमानित करके खुद ही सदन को संबोधित कर दिया attacknews.in

पुड्डुचेरी, 21 जुलाई । पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने मंगलवार को कहा कि यहां के कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों को पुड्डुचेरी में उपलब्ध मनोचिकित्सक के पास जाने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इसकी मदद की आवश्यकता है।

श्रीमती बेदी ने एक व्हाट्सअप पोस्ट में कहा कि कुछ चुने हुए प्रतिनिधि प्रतिदिन भ्रामक बातें फैला रहे हैं और लोगों के सामने झूठ परोस रहे हैं। उन्होंने कहा, “ मैं इसके लिए उन कारणों को समझ सकती हूं क्योंकि वे कुछ वैसे निर्णय लेने के लिए राज निवास को धमकाने में सक्षम नहीं हैं जिस तरह से वह उनके अनुरूप है और जैसा कि उन्हें ज़रूरत है।”

उप राज्यपाल ने कहा कि कुछ लोग अक्सर झूठ बोल रहे हैं और गलत साबित करना चाह रहे हैं, मुझे लगता है कि उन्हें एक चिकित्सकीय मनोवैज्ञानिक से मिलने की जरूरत है।

विधायक जयमूर्ति और अन्य सदस्यों द्वारा विधानसभा में उनके खिलाफ की गई टिप्पणी को 100 प्रतिशत झूठा बताते हुए उप राज्यपाल ने कहा कि वह तथ्यों को उजागर करने के लिए एकत्र कर रही हैं लेकिन ऐसा करने का यह समय नहीं है।

बजट सत्र के संबोधन के लिए नहीं आईं बेदी, सदन की कार्यवाही स्थगित

उधर कल पुड्डुचेरी विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को हो गई लेकिन इसे संबोधित करने के लिए उप राज्यपाल किरण बेदी के सदन में नहीं आने के बाद सदन की कार्यवाही 1200 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी 1205 बजे पुड्डुचेरी का वार्षिक बजट पेश करने वाले थे। बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही 0930 बजे शुरू होने पर सदस्यों ने कुछ मिनटों तक सुश्री बेदी के आने का इंतजार किया।

नारायणसामी ‘गैरकानूनी और अनियमित’ कार्य कर रहे हैं: बेदी

इसी बीच पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने सोमवार को विधानसभा में बजट पेश किये जाने को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री वी नारायणसामी जो कर रहे हैं वह ‘गैरकानूनी और अनियमित’ है।

सुश्री बनर्जी ने व्हाट्सएप पर ऑडियो क्लिप में कहा कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम 1963 प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यक वार्षिक वित्तीय विवरण और अनुदान की मांग से संबंधित जानकारी नहीं भेजी गई है जो कि गंभीर चूक है।

उप राज्यपाल ने कहा कि वार्षिक वित्तीय विवरण (एएफएस) के नियम 27(1) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वित्तीय वर्ष की बजट फाइल को विधानसभा में पेश किये जाने से पहले प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक को भेजा जाना चाहिए।

सुश्री बेदी ने कहा,“ मेरे पास बजट फाइल नहीं है। श्री नारायणसामी ने बजट फाइल को विधानसभा में पेश किये जाने से पहले मेरे पास नहीं भेजा है। ”

उप राज्यपाल ने कहा, “ जब मैंने बजट का विवरण देखा ही नहीं तो इसे विधानसभा में पेश कैसे कर सकती हूं।”

पुड्डुचेरी विधानसभा से विपक्षी दलों के सदस्यों ने किया वॉकआउट

पुड्डुचेरी विधानसभा में विपक्षी दलों के सभी सदस्यों ने उप राज्यपाल किरण बेदी के संबोधन के बगैर मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी की तरफ से बजट पेश किये जाने का विरोध करते हुये सदन से वॉकआउट किया।

वित्त विभाग संभाल रहे श्री नारायणस्वामी ने सोमवार को जैसे ही विधानसभा में बजट पेश करना शुरू किया तो विपक्षी दलों के सभी सदस्य यह सवाल करने लगे कि उप राज्यपाल ने सदन को संबोधित क्यों नहीं किया? विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस संबंध में श्री नारायणस्वामी से स्पष्टीकरण मांगा।

भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने कहा कि केवल उप राज्यपाल के पास विधानसभा का सत्र बुलाने की शक्ति है और विधानसभा के पास उप राज्यपाल के संबोधन को लंबित रखने की शक्ति नहीं है।

विधानसभा में जब मुख्यमंत्री ने बजट भाषण पढ़ना जारी रखा तब विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करते विरोध करने लगे। इसके बाद एनआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा से वॉकआउट किया।

पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजनीतिक हिंसा को लेकर ममता को लगाई फटकार,ममता बनर्जी की चेतावनी-बंगाल के लोग राज्य को चलाएंगे न कि बाहरी attacknews.in

कोलकाता, 21 जुलाई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्य में ‘राजनीतिक हिंसा’ की घटनायें होने को लेकर ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई।

श्री धनखड ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा, “ राज्य की प्रत्येक हिसंक घटना कानून-व्यवस्था के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा,“ विपक्षी नेताओं और सांसदों को पुलिस द्वारा परेशान किया जाना चिंताजनक है। राजनीतिक कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी कानून से बेखबर हैं।”

राज्यपाल का यह ट्वीट मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख द्वारा 1993 में कोलकाता में पुलिस फायरिंग में मारे गए तेरह लोगों की याद में ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाए जाने के लिए एक रैली को संबोधित किए जाने के कुछ मिनट बाद आया है।

इससे पहले दिन में श्री धनखड़ ने एक अन्य ट्वीट में ममता बनर्जी सरकार से राज्यपाल और केंद्र सरकार के खिलाफ ‘टकराव’ छोड़ने का आग्रह किया।

इसी समय विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में बढ़ रही हिंसा में हस्तक्षेप के लिए राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया है। राज्य में जारी राजनीतिक हिंसा के आरोप लगाते हुए सुश्री बनर्जी के दोहरे मानदंडों को लेकर भाजपा आज ‘काला दिवस’ मना रही है।

तेरह जुलाई को हेमटाबाद विधायक देवेंद्र नाथ रॉय को फांसी पर लटकाए जाने के बाद भाजपा में गुस्सा है।

बंगाल के लोग राज्य को चलाएंगे न कि बाहरी: ममता

इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को ‘बाहरी लोगों की पार्टी’ करार दिया है और कहा है कि बंगाल के लोग राज्य को चलायेंगे न कि बाहरी लोग।

सुश्री बनर्जी ने ‘शहीद दिवस’ के मौके पर एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में किसी भी बाहरी व्यक्ति का शासन नहीं होगा। राज्य में बंगाली लोगों का शासन होगा।”

तृणमूल प्रमुख ने राजस्थान में ‘राजनीतिक उथल-पुथल’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर सीधा हमला बोला और पूछा, “गुजरात को क्यों सभी राज्यों पर शासन करना चाहिए।”

केंद्र के अन्याय का बंगाल के लोग देंगे मुंहतोड़ जवाब : ममता

ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य को संसाधनों से वंचित करने का आरोप लगाया और कहा कि यहां के लोग इस ‘अन्याय’ का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

सुश्री बनर्जी ने आज की वर्चुअल रैली के जरिये अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वास्तव में अपनी पार्टी के अभियान की भी शुरूआत की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बाहरी लोगों की पार्टी बताते हुए यहां तक कहा, “बंगाल को यहां के चलायेंगे न कि बाहरी लोग।”

अगले विस चुनाव में तृणमूल का सफाया हो जायेगा: घोष

इधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को राज्य की ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह अपनी उपलब्धियों के नाम पर जनता को बरगला रही है तथा इसका खामियाजा उसे अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा और तृणमूल कांग्रेस का सफाया हो जायेगा।

श्री घोष ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2019 के चुनाव में तृणमूल आधी हो गयी थी और अब अगले साल के विधानसभा चुनाव में पूरी तरह साफ हो जायेगी। उन्हाेंने दावा किया कि 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल सड़क पर आ जायेगी और गलियों में बैठकें लेना शुरू कर देगी।