राजस्थान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की कार्रवाई से पैदा हुआ गंभीर संकट,,उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के विद्रोह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आई attacknews.in

जयपुर, 12 जुलाई ।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच बढ़ती दूरियों की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विश्वास जताने के लिये रविवार को राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री के निवास पर पहुंच कर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और स्थिति पर चर्चा की।

वहीं दूसरी ओर पार्टी सूत्रों के अनुसार उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नजदीकी माने जाने वाले कुछ कांग्रेस के विधायक दिल्ली चले गये है।

राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम उस समय बदला जब गहलोत ने भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों को लुभाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

भाजपा ने मुख्यमंत्री के दावे को खारिज करते हुए कहा कि जब से दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पद के लिए अधिक वरिष्ठ नेता को चुना है। यह गहलोत और पायलट के बीच एक शक्ति संघर्ष को दर्शाता है।

राजधानी जयपुर में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, श्रम मंत्री टीकाराम जूली, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा सहित कई विधायकों ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रीगण और विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं। पार्टी के अधिकतर विधायक और निर्दलीय विधायक शनिवार से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहें हैं।

पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि एसओजी के पत्र ने राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख को परेशान कर दिया। पायलट इससे जाहिरा तौर परेशान हैं।

रविवार को गहलोत ने एक ट्वीट में जोर देकर कहा कि नोटिस कई लोगों को दिये गये है। उन्होंने इस संबंध में पायलट का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने नोटिस की गलत तरीके से व्याख्या की है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसओजी) अशोक राठौड़ ने रविवार को बताया कि एसओजी ने मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, सरकारी मुख्य सचेतक और कुछ अन्य विधायकों को नोटिस जारी किये हैं। यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जांच आगे बढ़ने के साथ ही अन्य को भी नोटिस जारी किए जा सकते हैं।

नोटिस जिन विधायकों को जारी किये गये है उनमें बाबूलाल नागर भी शामिल हैं।

निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने बताया कि हम सभी कल से मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं ताकि उनके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त कर सकें। विधायकों को गहलोत के नेतृत्व पर भरोसा है।

नागर ने बताया कि उन्हें भी राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी की ओर से बयान देने के लिये नोटिस प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राज्य के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सरकार को गिराने के लिये जो भी काम कर रहा है या जो ऐसी प्रक्रिया के बारे में सोच रहा है उन्हें मध्यप्रदेश से सीख लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में चार महीने पहले जिन लोगो ने त्यागपत्र दिया था उनके साथ भाजपा में अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है।

चांदना ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि पार्टी लाइन को पार करने वाले किसी भी व्यक्ति का दुनिया में कहीं भी सम्मान नहीं होगा। यह पीढ़ियों से अर्जित सम्मान को खोने का समय नहीं है।

उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह सब भाजपा द्वारा किया गया षडयंत्र है, जो बेनकाब हो गया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अशोक गहलोत नेतृत्व वाली राज्य सरकार को गिराने का षडयंत्र किया है, लेकिन षडयंत्र बेनकाब हो गया है। सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।

एसओजी की कार्यवाही के साथ साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने सरकार को अस्थिर करने के कथित आरोपो की जांच शुरू कर दी है।

वहीं सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला, और सुरेश टॉक से अपने आप को दूर कर लिया। तीनों विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने भाजपा की ओर से सरकार को अस्थिर करने के लिये विधायकों को धन का प्रलोभन देने के मामलें में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था।

एसओजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सरकारी मुख्य सचेतक को इस मामलें में उनके बयान दर्ज करवाने के लिये पहले से ही नोटिस जारी कर दिये हैं।

एसओजी ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के मामले में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत के तथ्यों के आधार पर एक स्वप्रेरित प्राथमिकी शुक्रवार को दर्ज की थी।

राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को सभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन सभी विधायकों ने पिछले महीने राज्य सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था, लेकिन अब सरकार इनसे दूरी बना रही है।

सूत्रों के अनुसार सरकार इन्हें अब समर्थक नहीं मान रही है।

राजनीतिक संकट उस समय पैदा हुआ जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉफ्रेंस कर भाजपा नेतृत्व पर उनकी सरकार गिराने का प्रयास का आरोप लगाया था। भाजपा के नेताओं ने आरोपो का खंडन करते हुए कहा यह कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी लडाई का परिणाम है।

उन्होंने यह आरोप एसओजी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर लगाये है।

मुख्यमंत्री द्वारा लगाये आरोपों के तुरंत बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह अंदरुनी लडाई का परिणाम है क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान के कारण हो रहा है। गहलोत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।

राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के वफादार पार्टी के कुछ विधायक दिल्ली चले गये।

उल्लेखनीय है कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं और पार्टी को कई निर्दलीय विधायकों और अन्य पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

गहलोत एसओजी का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं-राठौड

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप (एसओजी) का बेजा इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुये कहा कि वह एसओजी द्वारा दिये गये नोटिस के बहाने उपमुख्यमंत्री एवं अन्य विधायको को अपमानित करने का षडयंत्र कर रहे है।

श्री राठौड ने आज यहां एक बयान जारी कर कहा कि श्री गहलोत के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यह लिखना की एसओजी को कांग्रेस विधायक दल ने भारतीय जनता पार्टी के नेेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी, उस संदर्भ में श्री गहलोत, उपमुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट कुछ मंत्री एवं विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज की समीक्षा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई घोषणाएं की- 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीदी में वैश्विक निविदाओं की अनुमति नहीं,राज्यों की उधारी सीमा को 3% से बढ़ाकर 5% करने का फैसला, कारोबारियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का गारंटी बिना स्‍वत: ऋण attacknews.in

नईदिल्ली 12 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए 12 मई, 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की जो भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के 10% के बराबर है। उन्होंने ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ बनाने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने आत्‍मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी और मांग – को भी रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 13 मई से 17 मई 2020 तक निरंतर प्रेस कांफ्रेंस के जरिये आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज का विवरण पेश किया।

वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों ने अत्‍यंत शीघ्र आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज से संबंधित घोषणाओं को लागू करना शुरू कर दिया है। आर्थिक पैकेज के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा एवं निगरानी स्‍वयं वित्त मंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से की जा रही है।

श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा की गई नवीनतम समीक्षा में अब तक की प्रगति को निम्नलिखित ढंग से प्रस्‍तुत किया गया है:

200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद निविदाओं में वैश्विक निविदाओं की अनुमति नहीं होगी:

देश के एमएसएमई (सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम) को बड़ी राहत देते हुए व्यय विभाग ने सामान्य वित्तीय नियमों, 2017 के वर्तमान नियम 161 (iv) और वैश्विक निविदाओं से संबंधित जीएफआर नियमों में संशोधन किए हैं। अब 200 करोड़ रुपये तक की निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा पूछताछ या ग्लोबल टेंडर इंक्वायरी (जीटीआई) तब तक आमंत्रित नहीं की जाएगी जब तक कि कैबिनेट सचिवालय से पूर्व अनुमोदन प्राप्त नहीं हो जाए।

ठेकेदारों को राहत

वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि रेलवे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियां अनुबंधात्‍मक या संविदात्मक दायित्वों को पूरा करने के लिए 6 माह तक का समय विस्तार देंगी, जिनमें ईपीसी और रियायत समझौतों से संबंधित दायित्‍व भी शामिल हैं।

इस संबंध में व्यय विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि (कोविड-19 महामारी के कारण) अप्रत्याशित परिस्थिति या आपदा से जुड़ी धारा (एफएमसी) का उपयोग करके ठेकेदार/रियायत प्राप्‍तकर्ता पर कोई भी खर्च या जुर्माना थोपे बिना ही अनुबंध की अवधि को कम-से-कम तीन माह और अधिक-से-अधिक छह माह बढ़ाया जा सकता है। ठेकेदार/आपूर्तिकर्ताओं को कार्य-प्रदर्शन संबंधी सिक्‍योरिटी के मूल्य को वापस करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए जो बाकायदा की जा चुकी आपूर्ति/कुल अनुबंध मूल्य के पूरे हो चुके अनुबंध कार्य के अनुपात में होगा। इसे विभिन्न विभागों/मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

राज्य सरकारों को सहारा देना

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि केंद्र ने अप्रत्‍याशित परिस्थिति को ध्‍यान में रखते हुए अनुरोध को स्वीकार करने और केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधारी सीमा को 3% से बढ़ाकर 5% करने का फैसला किया है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे।

लॉकडाउन के कारण हुए राजस्व नुकसान के चलते मौजूदा समय में भारी मुश्किलों का सामना कर रही राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति को आवश्‍यक सहारा देने के प्रयासों के तहत व्यय विभाग ने वर्ष 2020-21 में राज्यों की अनुमानित जीएसडीपी के 2 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधारी लेने के लिए सभी राज्य सरकारों को एक पत्र लिखा। हालांकि, इसके लिए विशिष्ट राज्य स्तरीय सुधारों को लागू करना होगा।

एमएसएमई सहित कारोबारियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का गारंटी बिना स्‍वत: ऋण

कारोबारियों को राहत देने के लिए 29 फरवरी, 2020 को बकाया कुल ऋण के 20% का अतिरिक्त कार्यशील पूंजी वित्‍त रियायती ब्‍याज दर पर सावधि ऋण के रूप में प्रदान किया जाएगा। यह 25 करोड़ रुपये तक के बकाया ऋण और 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार (टर्नओवर) वाली उन यूनिटों के लिए उपलब्ध होगा, जिनके खाते मानक (स्‍टैंडर्ड) माने जाएंगे। इन यूनिटों को अपनी ओर से कोई गारंटी या जमानत नहीं देनी होगी। इस राशि पर भारत सरकार की 100% गारंटी होगी। इसके तहत 45 लाख से भी अधिक एमएसएमई को कुल 3 लाख करोड़ रुपये की तरलता (लिक्विडिटी) या नकदी प्रवाह सुलभ कराया जाएगा।

20 मई 2020 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद वित्तीय सेवा विभाग ने 23 मई 2020 को योजना के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) फंड को 26 मई 2020 को पंजीकृत किया गया। लगभग डेढ़ माह की छोटी अवधि में ही यूनिटों की पहचान करने और एमएसएमई को ऋणों की मंजूरी के साथ-साथ वितरण में भी उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। 9 जुलाई 2020 तक निम्नलिखित प्रगति हुई है:

एनबीएफसी के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0

मौजूदा आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) को संशोधित किया जाएगा और कम रेटिंग वाली एनबीएफसी, एचएफसी और अन्य माइक्रो फाइनेंस संस्‍थानों (एमएफआई) की उधारियों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20 प्रतिशत प्रथम हानि संप्रभु (सॉवरेन) गारंटी प्रदान करेगी।

20 मई 2020 को पीसीजीएस पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद योजना के लिए परिचालन दिशा-निर्देश उसी दिन यानी 20 मई 2020 को ही जारी कर दिए गए। बैंकों ने 14,000 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो की खरीद को मंजूरी दे दी है और वे वर्तमान में 3 जुलाई 2020 तक 6,000 करोड़ रुपये के लिए अनुमोदन/बातचीत की प्रक्रिया में हैं।

नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी वित्‍तपोषण

कोविड-19 के दौरान आरआरबी और सहकारी बैंकों के लिए नाबार्ड द्वारा 30,000 करोड़ रुपये की नई विशेष पुनर्वित्त सुविधा स्‍वीकृत की गई। यह विशेष सुविधा 3 करोड़ किसानों, जिनमें ज्यादातर छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं, को लाभान्वित करेगी क्‍योंकि इससे उनकी फसल कटाई उपरांत और खरीफ बुवाई की जरूरतों के लिए उनकी ऋण संबंधी आवश्‍यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। ऐसे समय में जब खरीफ की बुवाई पहले से ही पूरे जोरों पर है, इस विशेष सुविधा के तहत 30,000 करोड़ रुपये में से 24,876.87 करोड़ रुपये 06 जुलाई 2020 तक वितरित किए जा चुके हैं।

टीडीएस/टीसीएस दर में कमी के जरिए 50,000 करोड़ रुपये का नकदी प्रवाह

राजस्व विभाग ने निवासियों को निर्दिष्ट भुगतान के लिए टीडीएस दरों में और विशिष्‍ट टीसीएस दरों में 25% की कमी करने की घोषणा की, जो 14 मई 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक किए जाने लेन-देन के लिए मान्‍य है। इसके लिए राजस्व विभाग की 13 मई 2020 की प्रेस विज्ञप्ति देखें।

प्रत्यक्ष कर संबंधी अन्य उपाय

8 अप्रैल से लेकर 30 जून तक की अवधि के दौरान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 20.44 लाख से भी ज्‍यादा मामलों में 62,361 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के रिफंड जारी किए हैं, जैसा कि 3 जुलाई, 2020 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है। शेष रिफंड के लिए भी प्रक्रिया जारी है। इसी तरह विभाग ने 24 जून 2020 को एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि‍ को 31 जुलाई, 2020 (व्यक्तियों, इत्‍यादि के लिए) और 31 अक्टूबर, 2020 (कंपनियों, इत्‍यादि के लिए) से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया गया है। इसके अलावा, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि भी मौजूदा 30 सितंबर, 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2020 कर दी गई है।

राजस्व विभाग ने उन आकलनों के लिए समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया है जिनकी समयसीमा अधिकतम 30 सितंबर, 2020 तक निर्धारित है। इस संबंध में 24 जून 2020 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए यह पहले ही सूचित किया जा चुका है कि ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत अतिरिक्त राशि के बिना भुगतान करने की सुविधा को 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया जाएगा और इसके लिए विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 (वीएसवी अधिनियम) में विधायी संशोधन उचित समय पर किए जाएंगे। इसके अलावा, अधिसूचनाओं के जरिए वीएसवी अधिनियम के तहत उल्लिखित अनुपालन तिथियों को 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है जिनके लिए पहले 20 मार्च, 2020 से लेकर 30 दिसंबर, 2020 तक की अवधि निर्धारित थी।

आईबीसी संबंधी उपायों के जरिए कारोबार करना और आसान किया गया

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने आईबीसी, 2016 की धारा 4 के तहत डिफॉल्ट की आरंभिक या न्‍यूनतम सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये (1 लाख रुपये की मौजूदा न्‍यूनतम सीमा से) कर दिया है। दूसरे शब्‍दों में, ‘दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 की धारा 4 (2016 के 31) के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने उक्त धारा के प्रयोजन के लिए न्यूनतम डिफॉल्ट राशि के रूप में 1 करोड़ रुपये को निर्दिष्ट किया है।’ इसके लिए 24 जून 2020 को जारी अधिसूचना देखें।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय एमएसएमई को राहत प्रदान करने के लिए संहिता की धारा 240ए के तहत एक विशेष दिवाला प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है और इसे जल्द ही अधिसूचित कर दिया जाएगा।

दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को 5 जून, 2020 को जारी किया गया है जिसके जरिए दिवाला एवं दिवालियापन संहिता 2016 में धारा 10ए को शामिल करने का मार्ग प्रशस्‍त हो गया है, ताकि संहिता की धारा 7, 9 और 10 के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू किए जाने को अस्थायी रूप से छह माह या इससे अधिक अवधि तक, जो इस तिथि‍ से एक वर्ष से ज्‍यादा नहीं हो, निलंबित किया जा सके।

एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना

एनबीएफसी/एचएफसी के लिए विशेष तरलता योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने के बाद इस योजना का शुभारंभ कर दिया गया है। आरबीआई ने भी इस योजना पर 1 जुलाई, 2020 को एनबीएफसी और एचएफसी को एक परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया है। एसबीआईकैप को 7 जुलाई, 2020 तक 24 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें लगभग 9,875 करोड़ रुपये के वित्तपोषण का अनुरोध किया गया है। इन आवेदनों की प्रोसेसिंग की जा रही है। इस संबंध में प्राप्‍त पहले आवेदन को इसकी मंजूरी मिल गई है और शेष आवेदन पर भी विचार किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में ” मिनी लाॅकडाउन ” लागू,अब हर शनिवार और रविवार बंद रहेंगे बाजार, घर से निकलने पर होगी पाबंदी attacknews.in

लखनऊ, 12 जुलाई।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिये राज्य में प्रतिबंधों को फिर से प्रत्येक शनिवार और रविवार को लागू करने का निर्णय लिया है।

श्री योगी ने रविवार को टीम 11 के हुई नियमित बैठक में राज्य के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद इस आशय का निर्णय लिया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान और सड़क यातायात सप्ताहांत पर प्रतिबंधित रहेंगे। अब सभी बाजार सोमवार से शुक्रवार तक खुलेंगे और वे दो दिनों के लिए बंद रहेंगे।

मिनी लॉकडाउन के तहत प्रदेश में अब सिर्फ पांच दिन कार्यालय तथा बाजार खुलेंगे। बाजार सोमवार से शुक्रवार तक खुलेंगे। प्रतिबंध शुक्रवार रात से शुरू होगा और हर सप्ताह सोमवार की सुबह समाप्त होगा। प्रदेश सरकार ने राज्य में शुक्रवार रात दस बजे से 55 घंटे का लाॅकडाउन लागू किया है। इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अब सब बंद हैँ।

प्रतिबंध शुक्रवार रात से शुरू होगा और हर सप्ताह सोमवार की सुबह समाप्त होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में शुक्रवार रात दस बजे से 55 घंटे का लाॅकडाउन लागू किया है। सरकार ने 55 घंटे के लॉकडाउन के बाद अब हर हफ्ते में दो दिन का लॉकडाउन करने का निर्णय लिया गया है। मिनी लॉकडाउन के तहत प्रदेश में अब सिर्फ पांच दिन कार्यालय तथा बाजार खुलेंगे।

इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अब सब बंद रहेगा। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में लागू होगा मिला लॉकडाउन का फॉर्मूला। प्रदेश में अब हर हफ्ते वीकेंड लॉकडाउन लगेगा। जिसके तहत हफ्ते में दो दिन सभी दफ्तर के साथ बाजार बंद रहेंगे। अब हर शनिवार व रविवार को वीकेंड लॉकडाउन होगा।

गैंगस्टर विकास दुबे मामले की जांच कर रही SIT की उत्तरप्रदेश के मंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड की फाईल पर नजर attacknews.in

कानपुर,12 जुलाई । उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रविवार को कानपुर पहुंच कर दुर्दांत हत्यारे और उसके साथियों द्वारा किये गये कारनामों की पड़ताल शुरू कर दी।

एसआईटी के सदस्य हल्की बाारिश के बीच सुबह यहां पहुंचे और चौबेपुर के बिकरू गांव पहुंचे जहां टीम ने गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा। वे पड़ोस में स्थित विकास के मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। टीम के सदस्यों ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।

गौरतलब है कि बिकरू गांव में दो जुलाई की रात पुलिस टीम पर हमले और मुख्य आरोपी विकास दुबे से जुड़े मामलों की पड़ताल के लिये सरकार ने शनिवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय विशेष जांच दल को विकास से जुड़े हर मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिये 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ एसआईटी के सदस्य हैं।

एसआईटी पिछले शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेगा। जांच दल यह भी पता करेगा कि दुर्दांत गैंगस्टर और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिये की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी। 60 से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी।

SIT ने बिकरू गांव पहुंचकर पुलिस वालों की हत्या की तहकीकात शुरू की, ED ने विकास और जय वाजपेयी की काली कमाई पर घेराबंदी की और विकास मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश के जांच आयोग के हवाले attacknews.in

कानपुर/लखनऊ ,12 जुलाई ।उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य रविवार को कानपुर में चौबेपुर क्षेत्र बिकरू गांव पहुंचे और घटना की तहकीकात शुरू कर दी।

एसआईटी के सदस्यों ने दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा और पड़ोस के उसके मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। श्री रविन्द्र ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।

विकास-जय की काली कमाई पर ईडी की घेराबंदी

इधर उत्तर प्रदेश में कानपुर के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद प्रर्वतन निदेशालय ने हिस्ट्रीशीटर और उसके करीबियों की काली कमाई खंगालने का काम शुरू किया है।

ईडी ने विकास दुबे और उसके साथियों से जुड़ी जानकारी एवं कागजात एसटीएफ और पुलिस से मांगे हैं। विकास दुबे और जय बाजपेई से जुड़ी जानकारी के लिए प्रर्वतन निदेशालय पहले ही पत्र लिखकर आईजी मोहित अग्रवाल को सूचित भी कर चुके थे।

विकास मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश के हवाले

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मामले की जांच के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का फैसला किया है।

आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में दो जुलाई को दबिश देने गयी पुलिस टीम पर हमले और दस जुलाई को इस हमले के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व वाला एकल सदस्यीय जांच आयोग करेगा। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा जो अपनी रिपोर्ट दो महीने के भीतर प्रस्तुत करेगा।

उन्होने बताया कि आयोग विकास दुबे और उसके गुर्गो द्वारा दो तीन जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की गहनता पूर्वक जांच करेगा। इसके अलावा आयोग दस जुलाई को पुलिस और विकास दुबे के बीच हुयी मुठभेड़ की भी जांच करेगा। इसके साथ ही आयोग दो तीन जुलाई की रात की घटना और दस जुलाई की मुठभेड़ के बीच हुयी हर मुठभेड़ की भी बारीकी से पड़ताल करेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि आयोग विकास और उसके साथियों की पुलिस और अन्य विभाग अथवा व्यक्तियों के रिश्तों की भी पडताल करेगा और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिये अपने सुझाव देगा। आयोग इस मामले में राज्य सरकार द्वारा समय समय पर दिये गये निर्दिष्ट अन्य बिंदुओं की भी जांच करेगा। आयोग अधिसूचना जारी होने किये जाने की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करेगा।

मध्यप्रदेश में एक ओर कांग्रेस विधायक ने पाला बदला:प्रद्युम्न सिंह लोधी भाजपा में शामिल, विधायक पद से दिया त्यागपत्र attacknews.in

भोपाल 12 जुलाई । मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल की मलहरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर डेढ वर्ष पहले विधायक चुने गए प्रद्युम्न सिंह लोधी ने आज यहां विधायक पद से त्यागपत्र देने के बाद औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली।

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में श्री लोधी ने भाजपा की औपचारिक तौर पर सदस्यता ग्रहण की। श्री चौहान और श्री शर्मा ने विधिवत श्री लोधी का स्वागत किया।

इस मौके पर श्री लोधी ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने अपने अंचल की एक सिंचाई परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसे श्री चौहान ने आज ही स्वीकृति प्रदान कर दी। यह परियोजना साढ़े चार सौ करोड़ रुपयों की है।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार विकास और जनकल्याण के मुख्य ध्येय को लेकर ही कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड अंचल का विकास भी उनकी प्राथमिकता है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा भी इसी अंचल से आते हैं और उनकी भी भावनाओं के अनुरूप इस अंचल का विकास किया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि श्री लोधी ने विधानसभा की सदस्यता त्याग कर भाजपा का दामन थामा है। यह उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए किया है और उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।

श्री शर्मा ने भी कहा कि श्री लोधी बुंदेलखंड के विकास के लिए भाजपा में आए हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में पहले के वर्षों में भी काफी विकास हुआ है और आगे भी होगा।

श्री लोधी के त्यागपत्र के बाद विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 92 से घटकर 91 रह गयी है।

वर्तमान में भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में अभी तक 24 सीट रिक्त थीं। अब मलहरा सीट और रिक्त होने पर निकट भविष्य में 25 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनाव होंगे।

श्री लोधी हाल के दिनों में अनेक अवसरों पर क्षेत्र के विकास को लेकर मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले हैं।

माना जा रहा है कि राज्य के कैबिनेट मंत्री एवं बुंदेलखंड अंचल के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह की श्री लोधी की पार्टी में वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधायक पद से त्यागपत्र दिया

इससे पहले मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं से मुलाकात के बाद आज यहां कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने त्यागपत्र स्वीकार भी कर लिया।

श्री लोधी बुंदेलखंड अंचल के मलहरा से कांग्रेस के टिकट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में विजयी हुए थे।

कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, लोधी का भाजपा में शामिल होना तय हो गया था

मध्यप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को आज उस समय एक और बड़ा झटका लगा, जब उसके विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी का सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होना तय हो गया था ।

मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान श्री लोधी का भाजपा में आना तय हो गया था और कुछ ही देर में इसकी औपचारिक घोषणा होने की संभावना शेष रही थी ।

इसके पहले मार्च माह में कांग्रेस के 22 विधायकों ने सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके चलते तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी और उस समय श्री कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इसके बाद अब एक और कांग्रेस विधायक के भाजपा में शामिल होने की घटना को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

राज्य विधानसभा में 24 सीट रिक्त होने के कारण वहां शीघ्र ही उपचुनाव होने वाले हैं। दोनों ही दल उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। इन स्थितियों के बीच कांग्रेस विधायक का पार्टी से किनारा करना, उसके रणनीतिकारों के लिए बड़ा झटका है।

केरल का ऐतिहासिक‘श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर पर नियंत्रण किसका?’, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 जुलाई । उच्चतम न्यायालय केरल के ऐतिहासिक पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और परिसम्पत्तियों पर नियंत्रण को लेकर सोमवार को बहुप्रतीक्षित निर्णय सुनाएगा।

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की खंडपीठ को इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपना निर्णय सुनाना है कि इस ऐतिहासिक मंदिर के प्रबंधन का कार्य राज्य सरकार देखेगी या त्रावणकोर का पूर्ववर्ती रॉयल परिवार। इस मंदिर की अकूत सम्पत्तियों पर नियंत्रण को लेकर भी न्यायालय को अपना महत्वपूर्ण निर्णय सुनाना है।

न्यायालय को इस बात का भी निर्धारण करना है कि क्या यह मंदिर सार्वजनिक सम्पत्त्ति है और इसके लिए तिरुपति तिरुमला, गुरुवयूर और सबरीमला मंदिरों की तरह ही देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता है या नहीं?

खंडपीठ इस बिंदु पर भी निर्णय सुना सकता है कि त्रावणकोर के पूर्ववर्ती रॉयल परिवार का मंदिर पर किस हद तक अधिकार होगा और क्या मंदिर के मेहराब ‘बी’ को खोला जाये या नहीं।

विभिन्न न्यायाधीशों की अलग-अलग खंडपीठों ने इस मामले की आठ साल से अधिक समय तक सुनवाई की थी और मंदिर के मेहराब में रखी गयी बहुमूल्य चीजों की एक सूची बनवाने में प्रमुख भूमिका निभायी थी। अंतत: न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की खंडपीठ ने गत वर्ष अप्रैल में इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम को न्याय मित्र बनाया गया था, जिन्होंने बाद में खुद को इससे अलग कर लिया था। श्री सुब्रह्मण्यम ने एक स्वतंत्र रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की थी। दूसरी रिपोर्ट पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय ने सौंपी थी।

ऐसा कहा जाता है कि इन रिपोर्टों में तमाम वित्तीय गड़बड़ियों और मंदिर के खातों में अनियमितताओं का उल्लेख भी किया गया है। बहुमूल्य धातुओं के इस्तेमाल में भी गड़बड़ी की आशंका रिपोर्ट में जतायी गयी थी।

गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय ने 2011 में अपना फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, इसकी परिसम्पत्तियों और प्रबंधन पर नियंत्रण लेने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने सभी मेहराबों को खोलकर सभी वस्तुओं की एक सूची तैयार करने और उन वस्तुओं को एक संग्रहालय बनाकर जनता की प्रदर्शनी के लिए रखने का आदेश दिया था जिसे बाद में पूर्ववर्ती त्रावणकोर रॉयल परिवार ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

महानायक अमिताभ बच्चन के कोरोना पाजिटिव होने के बाद उनका बंगला ‘जलसा’ निषिद्ध क्षेत्र घोषित attacknews.in

मुंबई,12 जुलाई ।सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन के कोरोना संक्रमित होने के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम(बीएमसी) ने उनके आवास ‘जलसा’ को रविवार को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया।

महानायक और उनके पुत्र ने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी खुद शनिवार देर रात अलग-अलग ट्वीट कर दी थी। दोनों को कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के बाद उपचार के लिए नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बीएमसी के कर्मचारी आज सुबह श्री बच्चन के आवास जलसा को सेनिटाइज करने पहुंचे।

निगम की तरफ से जलसा को निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने के बाद घर के बाहर पोस्टर भी चिपका दिया गया है।

नानावती अस्पताल के अनुसार,”अमिताभ बच्चन को वायरस के हल्के लक्षण है और उनकी हालत स्थिर है। वह फिलहाल अस्पताल की आइसोलेशन इकाई में हैं।”
अस्पताल सूत्रों बताया कि अमिताभ की सेहत को लेकर फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।

इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि दोनों की हालत स्थिर है और चिंता की कोई बात नहीं है।

श्री टोपे ने कहा, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन में हल्के लक्षण हैं। कोविड-19 के रैपिड एंटीजेन टेस्ट में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और दोनों को नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”

अमिताभ की पत्नी सांसद जया बच्चन की कोरोना जांच नेगेटिव आई है,जबकि बहू अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन और पोती आराध्या की कोरोना जांच पाजिटिव आई है ।

कोरोना से संक्रमित अमिताभ बच्चन की हालत स्थिर

कोरोना से संक्रमित सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की हालत स्थिर है।

सदी के महानायक अमिताभ को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर शनिवार देर रात नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

महानायक के पुत्र अभिनेता अभिषेक बच्चन भी कोरोना संक्रमित हैं और नानावती अस्पताल में ही भर्ती हैं।

नानावती अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, “अमिताभ बच्चन को वायरस के हल्के लक्षण है और उनकी हालत स्थिर है। वह फिलहाल अस्पताल की आइशोलेशन इकाई में हैं।”

सूत्रों ने बताया कि अमिताभ की सेहत को लेकर फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सदी महानायक अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन के शनिवार देर रात स्वयं कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.

हर्षवर्द्धन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

श्री अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन ने अलग-अलग ट्वीट कर स्वयं के कोरोना पाजिटिव होने की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी। पिता-पुत्र को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पहले अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर स्वयं के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी है। उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने लिखा, “ मेरी कोरोना जांच पाजिटिव आई है और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल अथारिटीज को जानकारी दे रहा है। परिवार के सभी सदस्यों और कर्मचारियों की भी जांच कराई गई है,जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है।”

श्री बच्चन ने आगे लिखा, “पिछले 10 दिनों के दौरान जो भी मेरे संपर्क में आये उन सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि कृपया वह सभी स्वयं की कोरोना जांच करवा लें।”

इसके कुछ देर बाद अभिषेक बच्चन ने ट्वीट किया, “आज दिन में हम दोनों मैं और मेरे पिता कोरोना संक्रमित हो गए हैं। हम दोनों को वायरस के मामूली लक्षण हैं और हम अस्पताल में भर्ती हुए हैं। हमने सभी आवश्यक अथारिटीज को जानकारी दे दी है। हमारे परिवार के अन्य सभी सद्स्य और स्टाफ की कोरोना जांच कराई गई है। मेरा सभी से अनुरोध है कि धैर्य बनाए रखें और भयभीत होने की कोई जरुरत नहीं है। धन्यवाद।”

उन्होंने यह भी लिखा, “बीएमसी हमारे संपर्क में है और हमें जो भी बताया जायेगा उसकी अनुपालन करेंगे।”

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन के कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने की कामना करते हुए कहा कि आपलोग हमारे दिलों पर राज करते हैं और हमारी प्रार्थनाएं आपके साथ हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने अभिषेक बच्चन के ट्वीट के जवाब में कल कहा ,“ सबसे मनमोहन मुस्कान वाले युवा और प्रतिभाशाली अभिनेता को मेरी शुभकामनाएं। आप अपना और अपने पिता का ख्याल रखें। मुझे भरोसा है कि आप जल्द ही स्वस्थ हाेंगे। बच्चन हमारे दिलों पर राज करते हैं और हमारी प्रार्थनाएं आपके साथ हैं।”

उससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने अमिताभ बच्चन के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा,“ प्रिय अमिताभ जी, आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना में मैं पूरे देश के साथ हूं। आखिर आप इस देश में करोड़ों लोगों के आदर्श हैं और प्रतिष्ठित सुपरस्टार हैं। हम आपका अच्छा ख्याल रखेंगे। शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं।”

केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी श्री अमिताभ बच्चने के शीघ्र कामना की है।

णपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, “श्री अमिताभ बच्चन जी के कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर अमिताभ बच्चन के शीध्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।

अनुपम खेर की मां सहित परिवार के चार सदस्य कोरोना संक्रमित

अभिनेता अनुपम खेर की मां, भाई, भाभी और भतीजी कोरोना संक्रमित हैं जबकि वह संक्रमण से पीड़ित नहीं हैं।

श्री खेर ने रविवार को स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होने कहा,” मेरी मां दुलारी कोरोना पाॅजिटिव हो गई हैं और उन्हें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। हमने उन्हें उपचार के लिये कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया है।”

श्री खेर ने लिखा,” पूरे ऐहतियात बरतने के बावजूद मेरा भाई, भाभी और भतीजी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें भी वायरस के मामूली लक्षण हैं। मैंने भी अपनी कोरोना जांच कराई जो नेगेटिव आई है।”

अभिनेता ने कहा इस संबंध में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी)को सूचना दे दी गई है।

महानायक अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन कोरोना से संक्रमित, दूसरा टेस्ट हुआ,BIG B की सेहत ठीक,उपचार जारी attacknews.in

मुम्बई 11 जुलाई । सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक बच्चन कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

दोनों ने शनिवार देर रात अलग-अलग ट्वीट कर स्वयं के कोरोना पाजिटिव होने की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी। पिता-पुत्र को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद शनिवार देर रात नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्री बच्चन ने स्वयं देर रात ट्वीट कर स्वयं यह जानकारी दी है।

सतहत्तर वर्षीय अभिनेता ने ट्वीट में लिखा, “ मेरी कोरोना जांच पाजिटिव आई है और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल अथारिटीज को जानकारी दे रहा है। परिवार के सभी सदस्यों और कर्मचारियों की भी जांच कराई गई है,जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है।”

श्री बच्चन ने आगे लिखा, “पिछले 10 दिनों के दौरान जो भी मेरे संपर्क में आये उन सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि कृपया वह सभी स्वयं की कोरोना जांच करवा लें।”

अभिनेता अनुपम खेर ने श्री बच्चन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए ट्वीट किया, “आदरणीय श्री बच्चनजी!! आपने अपने जीवन में हर कठिनाई हर मुश्किल को अपने मनोबल से परास्त किया है। मुझे और पूरे राष्ट्र को पूरा भरोसा है कि आप कोरोना की लड़ाई से भी विजयी होकर सकुशल और स्वास्थ्य रूप से वापस ठीक ठाक अपने घर पहुंचेंगे। हम सबकी प्रार्थनाएँ आपके साथ है।”

हर्षवर्द्धन, जावडेकर, ममता और अखिलेश ने अमिताभ के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोरोना संक्रमित अमिताभ बच्चन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

श्री हर्षवर्द्धन ने ट्वीट कर कहा, “ प्रिय अमिताभ जी, मैं और पूरा देश आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना में शामिल है। आखिरकार आप देश के लाखों लोगों के आर्दश है, एक प्रतिष्ठित सुपरस्टार। हम सभी उनकी अच्छी तरह से देखभाल करेंगे। शीघ्र स्वास्थ लाभ के लिए शुभकामनाएं।”

मध्यप्रदेश में 544 नए मामले आने से कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 17,201,एक्टिव मरीजों की संख्या 3878 हुई attacknews.in

भोपाल, 11 जुलाई । मध्यप्रदेश में एक दिन में सबसे अधिक 544 नए मामले सामने आने के बाद एक्टिव मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान 544 नए मामले सामने आए हैं। इसे मिलाकर प्रदेश भर में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 17201 तक पहुंच गयी है। कल एक्टिव मरीजों की संख्या 3538 थी, जो अाज बढ़कर 3878 तक पहुंच गयी। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से नए मरीज मिलने की संख्या बढ़ने से एक्टिव मरीजों में बढोतरी हुयी है।

इंदौर जिले में कोरोना के 89 नये मामले

इंदौर जिले में ‘कोविड 19’ के 89 नये मामले आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 5176 तक जा पहुंची है। हालाकि इनमें से 3956 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल रात बुलेटिन जारी कर बताया कि अब तक कुल एक लाख 702 जांच रिपोर्ट प्राप्त हुयी हैं। जिसमें कुल संक्रमितों की संख्या 5176 है। वहीं कल जांचे गये 1759 सैम्पलों में 89 संक्रमित पाये गये हैं, वहीं 1438 सैम्पल जांच के लिये प्राप्त हुये हैं।
सीएमएचओ ने बताया कि कल तीन मौतों को आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया है, इसके बाद वायरस से मृतकों की संख्या 261 तक जा पहुंची है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में उपचारत रोगियों की संख्या 959 है। अब तक संस्थागत क्वारेंटाइन केंद्रों से 4779 संदेहियों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी जा चुकी है।

नीमच में मिले दस और कोरोना संक्रमित मरीज

नीमच जिले में दस और कोरोना संक्रमित पाए गये।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार बीते चौबीस घंटों के दरम्यान मिली जांच रिपोर्ट में जिले में दस और कोरोना संक्रमित पाए गये। इन्हें मिलाकर जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 493 हो गई है। इनमें से दस लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

कटनी में मिले दो कोरोना संक्रमित मरीज

कटनी में दो और कोरोना संक्रमित मरीज पाए गये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस के निगम ने बताया कि आईसीएमआर जबलपुर से देररात मिली जांच रिपोर्ट में दो कोरोना संक्रमित मरीज पाए। इन दोनों मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

भोपाल में मिले कोरोना के 81 नए मामले

भोपाल में आज कोरोना संक्रमण के 81 नए मामले सामने आने के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 3492 हो गयी है। हालाकि इनमें से 2609 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भोपाल जिले में अब तक इस महामारी के चलते 118 लोगों की मौत हो चुकी है। आज 1497 जांच सैंपल मिले और इनमें से 81 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गये। अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3492 हो गयी है। वर्तमान में कोरोना संक्रमित 765 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं 36 लोगों को स्वस्थ होने पर आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

शिवराज ने ग्वालियर में कोरोना मरीजों से संवाद किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्वालियर में कोरोना पीड़ित मरीजों से संवाद किया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने यहां इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से कोरोना पीड़ित मरीजों से संवाद किया और इसके साथ ही कमांड सेंटर की कार्यप्रणाली की जानकारी ली।

शिवपुरी में एक और कोराना मरीज मिला

शिवपुरी में आज एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिला है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में पदस्थ एक कंप्यूटर आपरेटर की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया। यह मामला प्रकाश में आते ही उसके सम्पर्क में आये चिकित्सालय के अन्य स्टाफ का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। यहां अभी तक 146 कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये है।

शिवराज ने कोरोना योद्धा की पुत्री को प्रदान की सहायता राशि

ग्वालियर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोराना योद्धा श्रीमती हेमलता वर्मा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री चौहान ने कोविड 19 के सर्वे कार्य के दौरान संक्रमित होने से कोरोना योद्धा श्रीमती हेमलता वर्मा का निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्य की सराहना की एवं उनकी सुपुत्री कु. प्रीति वर्मा को 50 रुपये लाख की सहायता प्रदान की।

सीहोर में पांच नए मरीज मिले

सीहोर जिले में आज 5 व्यक्तियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के साथ अब तक इससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 31 हो गयी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया के अनुसार आज जिले के आष्टा मालवीय नगर से 1, सीहोर तलैया मोहल्ला से 2, श्यामपुर के कारंजाखेड़ा से 1 व्यक्ति तथा सीहोर के दुर्गा कालोनी से 1 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसे मिलाकर जिले में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर अब 31 हो गयी है।

वनस्टॉप सेंटर एवं स्वाधार गृह की महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अब वनस्टॉप सेंटर एवं स्वाधार गृह में अस्थायी अथवा स्थायी रूप से प्रवेश प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं एवं बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास विभाग की संचालक स्वाति मीणा नायक ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सभी जिलों में संचालित वनस्टॉप सेंटर के प्रशासकों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

नीमच में पांच नए कोरोना संक्रमित मिले

नीमच जिले में आज प्राप्त जांच रिपोर्ट में 5 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज प्राप्त 19 जांच रिपोर्ट में 5 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण पाया गया। इसे मिलाकर जिले में कोरोना पाॅजिटिव की संख्या 499 हो गयी है, जबकि 10 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी है। अभी तक सामने आए मरीजों में नीमच के 110, जावद के 332 एवं 38 व्यक्ति उम्मेदपुरा तथा तारापुर के 18 मरीज मिले हैं। जिले में 442 व्यक्ति रिकवर होकर घर लौट गए हैं, जबकि 36 व्यक्ति उपचार के लिए भर्ती है।

कोरोना हराने दूसरों को करना होगा जागरूक: शिवराज

मुरैना, से खबर है कि , मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना को हराने सभी से सहयोग का आह्वान करते हुए आज कहा कि इसे हराने हमें सावधान रहकर दूसरों को भी जागरूक करना होगा।

श्री चौहान यहां जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह (डिस्ट्रिक क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप) की बैठक में जिले में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज में कोई कमी न रहे। सैम्पलिंग में वृद्धि की जाये और समय से पहले कोरोना संक्रमित की पहचान हो सके, जिससे संक्रमण से किसी मरीज की मृत्यु नहीं हो। कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिये जिन संसाधनों की भी जरूरत होगी, प्रदेश सरकार उनकी कमी नहीं आने देगी।

जिला न्यायालय का एक कर्मचारी मिला कोरोना पॉजिटिव

जबलपुर जिला न्यायालय के एक कर्मचारी के आज कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर न्यायाधीश सहित पूरे स्टाॅफ को होम क्वॉरेंटाइन किया गया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार न्यायालय का एक भृत्य जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके चलते न्यायाधीश सहित समस्त स्टाफ को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है।

हरदा में 9 नए पॉजिटिव पाए गए

हरदा जिले में आज 9 और कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने के बाद जिले में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मरीज़ों की संख्या बढ़कर 37 तक पहुंच गयी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किशोर कुमार नागवंशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए गए भेजे गए 99 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 90 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव तथा 9 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आज 228 नए सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी तक जांच के लिए भेजे गए कुल 1706 सैंपल में से 1360 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जबकि 346 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष है।

खरगोन में दो नए संक्रमित मिले

खरगोन जिले में आज दो नए संक्रमित मिलने के साथ ही इससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 356 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज दो नए मरीज मिलने से जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 356 तक पहुंच गयी जिसमें से 287 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 15 की मृत्यु हुयी है।

नीमच में एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव

नीमच जिले में आज एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5 सौ तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज प्राप्त रिपोर्ट में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5 सौ तक पहुंच गयी, जिसमें से अब तक 10 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी है।

अशोकनगर में तीन नए मरीज मिले

अशोकनगर जिले में आज कोरोना के तीन नए मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 63 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज तीन लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव प्राप्त हुयी, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 63 तक पहुंच गयी, जिसमें से 42 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इसके अलावा एक की मौत हुयी। वर्तमान में 20 मरीज अस्पताल में उपचाररत हैं।

खरगोन में तीन नए संक्रमित मिले

खरगोन जिले में आज तीन नए संक्रमित मिलने के साथ ही इससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 356 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में तीन नए संक्रमित मिलें है। वहीं, पिछले चौबीस घंटों के दौरान जिले में 12 मामले सामने आने के बाद जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 356 तक पहुंच गयी, जिसमें से 287 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 15 की अब तक मृत्यु हुयी है।

भारत में शनिवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े आठ लाख पर पहुंची, रिकवरी दर 63 फीसदी से अधिक हुई,22,659 मरीजों की मौत attacknews.in

नयी दिल्ली 11 जुलाई ।देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले शनिवार को को 8.44 लाख के आंकड़े को पार कर गये लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर करीब 63 फीसदी पहुंच गयी है और अब तक 5.32 लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 62.83 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.68 प्रतिशत रही। शुक्रवार को संक्रमितों के रोगमुक्त होने की दर 62.42 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.72 प्रतिशत रही। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

देश में तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,47,575 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 8,20,916 थी। अब तक कुल 5,32,532 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 22,659 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 2,92,004 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 2.43 लाख से अधिक है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू लागू किया जा रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश में 10 जुलाई रात 10 बजे से 13 जुलाई सुबह पांच बजे तक 55 घंटों का संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की गयी है। पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए राजधानी कोलकाता समेत राज्य के 10 जिलों में लॉकडाउन लागू किया गया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार से नौ दिनों के जनता कर्फ्यू को लागू किया गया है। बिहार में 10 जुलाई से 16 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।

गुवाहाटी समेत असम के कुछ प्रमुख शहरों में लॉकडाउन की अवधि एक सप्ताह और बढ़ा दी गयी है। इस बीच कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में कोरोना वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए 14 जुलाई से एक सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लागू करने की घाेषणा की है। देश में संक्रमण से प्रभावित होने के मामले में दूसरे स्िाान पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई समेत पांच जिलाें में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है। इसके अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है।

देश में कोरोना वायरस की जांच की गति तेजी से बढ़ाई जा रही है। फिलहाल देश के 1180 लैब कोरोना नमूनों की जांच कर रहे हैं। इन सभी लैब ने मिलकर पिछले 24 घंटे में 282511 नमूनों की जांच की। इस तरह अब तक 11307002 लोगों के स्वाब के नमूनों की जांच हो चुकी है।

दिल्ली में कोरोना के नये मामले 1781, स्वस्थ हुए 2998

राजधानी में कोरोना वायरस को मात देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है और शनिवार को लगातार चौथे दिन नये मामल़ों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रही।

स्वास्थ्य मंत्रालय के पिछले 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार नये मामले 1781 रहे , जबकि 2998 ने वायरस को शिकस्त दी।

दिल्ली में कुल संक्रमितों का आंकडा 1,10,921 पर पहुंच गया जबकि स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 87,692 हो गई।

नौ जुलाई को रिकार्ड 4027 मरीज ठीक हुए थे।

पिछले 24 घंटों में 34 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3334 पहुंच गयी।

इस दौरान चिंता बढ़ाने वाली बात यह रही कि निषिद्ध जोनों की संख्या छह बढ़कर 639 पर पहुंच गई।

सात जुलाई को नये मामले घटकर 1379 आए थे।

इससे पहले दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली तीसरा राज्य है जहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से अधिक है।

महाराष्ट्र में वायरस का आंकड़ा दो लाख से भी अधिक है।

दिल्ली में सक्रिय मामल़ों की संख्या भी आज 21,146 घटकर 19,895 रह गई।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 7,68,617 पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 21,508 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 9767 और रैपिड एंटीजेन जांच 11,741 थी।

तीन जुलाई को रिकार्ड 24,165 जांच की गई थी। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत भी बढ़कर 40,453 हो गया है।

दिल्ली में कुल कोरोना बेड्स 15,253 हैं जिसमें से 4502 पर मरीज हैं जबकि 10,751 खाली हैं। होम आइसोलेशन में मरीजों की संख्या भी गत दिवस के 12272 से घटकर आज 11598 मरीज रह गई।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 1.34 लाख के पार, मृतकों की संख्या 1900 के करीब

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 3965 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद शनिवार को संक्रमितों की संख्या 1.34 लाख के पार पहुंच गयी।

राहत की बात यह है कि राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 64 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 1.41 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 2.46 लाख के पार, रिकवरी दर 55 फीसदी

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकाॅर्ड 8139 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या शनिवार की रात बढ़कर 2.46 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 55 फीसदी से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 2,46,600 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। वहीं इस दौरान 223 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 10,116 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 4360 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 1,36,985 हो गयी है।
राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 55.54 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 4.10 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 99203 है जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले नंबर पर है।

मर गया विकास दुबे मगर उसका खौफ गांव में अभी जिंदा हैं,पुलिस/एसटीएफ की रडार पर स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांव के लोग और 200 पुलिसकर्मी attacknews.in

कानपुर,11 जुलाई । दो दशकों से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर और आसपास के क्षेत्र में आतंक का साम्राज्य स्थापित रखने वाला दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही अतीत बन चुका हो लेकिन बिकरू गांव में उसकी मौत के 30 घंटे बाद तक पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा है कि उसका खौफ आज भी गांव वालों के जहन में जिंदा है।

दो जुलाई की काली रात को विकास और उसके गुर्गो के घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया था जिसके बाद से ही गांव वालों को अंजानी मुसीबत का अहसास हो गया था। गांव में लगभग हर घर के दरवाजे उस दिन से ही बंद है। खेती किसानी का कामकाज ठप पड़ा है। सुरक्षाकर्मियों के बूटों की आवाज ही गांव के सन्नाटे को चीर रही है। ग्रामीण सिर्फ पुलिस अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के लिये अपने घर के कपाट खोल रहे है हालांकि घर के अंदर टीवी स्क्रीनो पर उन्हे विकास और उसके गुर्गो की हश्र की पल पल की जानकारी मिल रही है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी पुलिस/एसटीएफ की रडार पर बहुत सारे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांव के लोग भी हैं। लगभग 500 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल सर्विलांस पर लगाकर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है तो वही 200 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एसटीएफ की रडार पर हैं और एसटीएफ उनके बारे में भी जानकारी कर रही है।

बताया जा रहा है इन पुलिसकर्मियों के भी नंबर सर्विलांस पर लगे हुए हैं और सीडीआर के माध्यम से विकास और इनके संबंधों की जानकारी करी जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दिन से लेकर आज तक गांव के हर मकान की सघन चेकिंग चलाई गई है और गांव के हर व्यक्ति से दो से तीन बार पूछताछ भी की गई है और विकास दुबे से जुड़े लोगों की भी जानकारी गांव वालों से जुटाई जा रही है। इस दौरान गांव के कई ऐसे लोग हैं जिन पर पुलिस को अभी भी शक है जिसके चलते कुछ मकानों में पुलिस ने कड़ी नाकाबंदी कर रखी है।

जिला प्रशासन की तरफ से मिले निर्देश पर राजस्व टीम की तरफ से यह भी जानकारी करी जा रही है कि आसपास के क्षेत्र में कितने प्रॉपर्टी डीलर है जो कि अपराधी विकास दुबे से जुड़े थे और उसके माध्यम से जमीनों की खरीद-फरोख्त करते रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलरों से यह भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसी कौन-कौन सी संपत्तियां हैं जिनका क्रय विक्रय अपराधी विकास दुबे के देखरेख में होता आया है और जमीनों की खरीद-फरोख्त में किस माध्यम से अपराधी विकास दुबे जमीन खरीदा था और किस-किस के नाम जमीन उसने खरीद रखी है।

सीधे तौर पर जिला प्रशासन अब उन सभी लोगों की तलाश भी कर रही है जिनके माध्यम से अपराधी विकास दुबे अकूत संपत्ति के साथ साथ करोड़ों रुपए का मालिक बन बैठा है।

विकास के बाद अब करीबियों पर नजर

आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अब उसके करीबियों की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दिये है वहीं प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने दुर्दांत के काले कारोबार के नेटवर्क की कड़ियां उधेड़ने का काम शुरू किया है।

सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में शनिवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जबकि ईडी ने गैंगस्टर की संपत्ति और उसके मददगारों की जांच शुरू कर दी है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल से विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का आर्थिक ब्यौरा मांगा है। ईडी ने विकास के परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। ईडी की एक टीम तीन दिन पहले बुधवार को कानपुर पुलिस और अधिकारियों के साथ संपर्क करके औपचारिक तौर पर विकास दुबे से संबंधित एफआईआर सहित कई दस्तावेजों को लेकर लखनऊ आई थी।

उन्होने बताया कि ईडी जल्द ही विकास के परिजनो और करीबियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है जिसके लिये उसके पास पर्याप्त आधार है।

गैंगस्टर विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिए बनी उत्तरप्रदेश सरकार ने गठित की एसआईटी,,ED ने भी काले कारोबार की कड़ियां उधेड़ने का काम शुरू किया attacknews.in

लखनऊ, 11 जुलाई । आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अब उसके करीबियों की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दिये है वहीं प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने दुर्दांत के काले कारोबार के नेटवर्क की कड़ियां उधेड़ने का काम शुरू किया है।

सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में शनिवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जबकि ईडी ने गैंगस्टर की संपत्ति और उसके मददगारों की जांच शुरू कर दी है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल से विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का आर्थिक ब्यौरा मांगा है। ईडी ने विकास के परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। ईडी की एक टीम तीन दिन पहले बुधवार को कानपुर पुलिस और अधिकारियों के साथ संपर्क करके औपचारिक तौर पर विकास दुबे से संबंधित एफआईआर सहित कई दस्तावेजों को लेकर लखनऊ आई थी।

उन्होने बताया कि ईडी जल्द ही विकास के परिजनो और करीबियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है जिसके लिये उसके पास पर्याप्त आधार है।

उधर उत्तरप्रदेश सरकार ने कानपुर नगर में घटित घटना के सम्बन्ध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त प्रकरण की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया।

अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है।

उन्होंने बताया कि विशेष अनुसंधान दल प्रकरण से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा।

अवस्थी ने बताया कि कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में जांच में उसके खिलाफ दर्ज मामले, की गयी कार्रवाई, जमानत निरस्तीकरण की दिशा में की गयी कार्रवाई जैसे बिन्दु शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि जांच में पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आये कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित है, उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी? इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु कृत कार्यवाही क्या पर्याप्त थी? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी …. जैसे बिन्दु प्रमुखता से शामिल हैं।

अवस्थी ने बताया कि जांच के दायरे में यह बिन्दु भी रहेगा कि अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर द्वारा तथा जनपद के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गयी व पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी इसका विस्तृत परीक्षण करना।

उन्होंने बताया कि एसआईटी यह जांच भी करेगी कि अभियुक्त विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही? अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के पिछले एक वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करना एवं उसके सम्पर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कडी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करना भी एसआईटी की जांच के तहत शामिल होगा।

अवस्थी ने बताया कि एसआईटी पता लगाएगी कि घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थानें में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। एसआईटी इस तथ्य की जांच करेगी और अगर कोई दोषी है तो उसे चिन्हित करेगी।

उन्होंने कहा कि एसआईटी यह जांच भी करेगी कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी विकास और उसके साथियों का हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करने के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा?

अवस्थी ने बताया कि अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाये करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई, लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी हैं … ये सब पहलू एसआईटी की जांच में शामिल होंगे ।

अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) ने बताया कि एसआईटी पता लगाएगी कि अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों द्वारा क्या सरकारी तथा गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हां तो इसमें क्या अधिकारियों की भी भूमिका है तथा वे अधिकारी कौन हैं।

उल्लेखनीय है कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास उज्जैन से कानपुर लाये जाते समय शुक्रवार को मुठभेड में मारा गया था।

बिकरू कांड में पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल विकास दुबे के फरार सहयोगी मुंबई से गिरफ्तार attacknews.in

मुंबई, 11 जुलाई । महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पड़ोसी ठाणे से शनिवार को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जिसमें से एक कुख्यात अपराधी विकास दुबे का फरार सहयोगी है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।

अधिकारी ने बताया कि दुबे का सहयोगी अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी (46) कानपुर जिले में कुख्यात अपराधी के घर छापेमारी के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में कथित तौर पर संलिप्त था। उन्होंने बताया कि साथ ही वह 2001 में उत्तर प्रदेश के नेता संतोष मिश्रा की हत्या में भी कथित तौर पर शामिल था।

एटीएस के पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने ने कहा कि त्रिवेदी और उसके चालक सुशील उर्फ सोनू तिवारी (30) को ठाणे शहर के कोलशेट इलाके से गिरफ्तार किया गया।

एटीएस अधिकारी ने बताया कि त्रिवेदी की गिरफ्तारी से कानपुर में दुबे और उसके गिरोह की गतिविधियों के बारे में कुछ जानकारी मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान त्रिवेदी ने दावा किया कि वह पंचायत समिति का सदस्य है और अपने गृह राज्य में एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि बिकरू गांव में घात लगाकर किये गए उस हमले के बाद दुबे एवं अन्य के साथ त्रिवेदी भी फरार हो गया था जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।

देशमाने ने कहा कि एटीएस की जुहू इकाई को पता चला कि त्रिवेदी छिपने के लिए मुंबई आया हुआ है।

उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ निरीक्षक दया नायक की अगुवाई में टीम ने कोलशेट से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में त्रिवेदी ने स्वीकार किया कि वह और दुबे 2001 में उत्तरप्रदेश में नेता संतोष मिश्रा की हत्या और कई अन्य अपराधों में शामिल थे।

उन्होंने कहा कि एटीएस ने उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एटीएफ) को गिरफ्तारी के बारे में सूचना दे दी है।

कानपुर कांड में शामिल दुबे शुक्रवार को एक कथित मुठभेड़ में मारा गया था।

एटीएस अधिकारी ने कहा कि त्रिवेदी दुबे का बहुत करीबी था और नियमित रूप से उसके निवास पर जाता था। उन्होंने कहा कि वह कानपुर में मारे गए अपराधी की गतिविधियों के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।

त्रिवेदी और तिवारी द्वारा अपनाये गए मार्ग पर, उन्होंने कहा कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के एक दिन बाद दोनों कार में कानपुर से निकले थे और मध्य प्रदेश में दतिया पहुंचे थे।

यह स्पष्ट नहीं है कि दुबे उनके साथ था या नहीं।

उन्होंने कहा, “दतिया से दोनों महाराष्ट्र के पुणे की ओर जा रहे एक ट्रक में सवार हो गए। पुणे में कुछ समय बिताने के बाद, वे दूसरे ट्रक में सवार होकर मुंबई पहुंच गए।’’

उन्होंने कहा कि मुंबई पहुंचने के बाद त्रिवेदी ने अपने कुछ रिश्तेदारों से संपर्क किया।

उन्होंने कहा कि दोनों को उनके गांव के एक व्यक्ति ने शरण दी, जो वर्तमान में कोलशेट में रह रहा है।

अधिकारी ने कहा, “त्रिवेदी ने शुरू में अनुरोध किया था कि उन्हें एक दिन के लिए वहां रहने दिया जाए, लेकिन वह और तिवारी चार दिन वहां रहे।”

उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस द्वारा दुबे और उसके सहयोगियों पर नज़र रखने के लिए अभियान शुरू किया गया था, लेकिन एटीएस को अपने मुखबिरों के ज़रिए त्रिवेदी के ठिकाने के बारे में जानकारी मिली।

एटीएस की टीम का हिस्सा रहे अधिकारी ने कहा, “एटीएस की जुहू इकाई ने जाल बिछाया और शनिवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया।”

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि त्रिवेदी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह बिकरू गांव में गोलीबारी की घटना के समय मौजूद था। अधिकारी ने कहा कि उसके दावों का सत्यापन किया जा रहा।

सोनिया गांधी की कांग्रेस के लोकसभा सांसदों के साथ बैठक मे राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने का समर्थन attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जुलाई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को पार्टी के लोकसभा सदस्यों के साथ डिजिटल बैठक की जिसमें ज्यादातर सांसदों ने यह मांग उठाई कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने कहा कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी का नेतृत्व संभालना चाहिए।

सुरेश की इस बात का ज्यादातर सांसदों ने समर्थन किया।

सूत्रों का कहना है कि सुरेश ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के समय राहुल गांधी लोगों के मुद्दों को आगे बढ़कर उठाते रहे हैं, ऐसे में इस निर्णायक समय में उन्हें कांग्रेस की कमान संभालने की जरूरत है।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘बैठक में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए यह भी कहा कि अगर वह फिर से पार्टी की कमान नहीं संभालना चाहते तो उनके लिए कोई वैकल्पिक पद तैयार किया जाए।’’

सुरेश के अलावा, मणिकम टैगोर, अब्दुल खालिक, गौरव गोगोई और कुछ अन्य सांसदों ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह फिर से पार्टी की कमान संभालें।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी सांसदों की इस मांग पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

इससे पहले, शनिवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि अब राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए।

हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह मांग उठाई थी जिसका कई नेताओं ने समर्थन किया था।

गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की बैठक में देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, कोरोना वायरस संकट और संसद के अगले सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस संसद के आगामी सत्र में लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और कोरोना वायरस संकट से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर उसे घेरने की तैयारी कर रही है।

बैठक में कांग्रेस सांसदों ने एक सुर में कहा कि कोरोना महामारी के चलते सांसद निधि को निलंबित किए जाने का निर्णय उचित नहीं था और ऐसे में यह निधि बहाल की जानी चाहिए।