उतर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में गैंगस्टर विकास दुबे समेत उसके सहयोगियों के साथ मुठभेड़ों को फर्जी मानने से इंकार कर अपनी रक्षा के लिए इन्हें मारने की बात कही attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 जुलाई । उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर के बिकरू गांव के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके गुर्गों के साथ मुठभेड़ का उच्चतम न्यायालय में बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि इन मुठभेड़ों को किसी भी प्रकार से फर्जी मुठभेड़ नहीं कहा जा सकता।

पुलिस की ओर से हलफनामा दायर करके शीर्ष अदालत को बताया गया है कि मुठभेड़ को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के सभी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया है। पुलिस ने विकास दुबे के मामले में दावा किया है कि हिरासत में होते हुए भी पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहे और पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे अपराधी पर आत्मरक्षार्थ गोली चलायी गयी थी, जिसमें दुबे मारा गया था।

कानपुर के बिकरू कांड को लेकर उच्च न्यायालय में भी याचिका दाखिल

इधर उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू गांव कांड से जुड़ी घटनाओं को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसियेशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्रा द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि कानपुर कांड में मानवाधिकार का उल्लघंन किये जाने के साथ कार्यपालिका द्वारा न्यायपालिका को नजरअंदाज किया गया है।

कानपुर जा रहे आईपीएस अधिकारी बीच रास्ते से लखनऊ वापस

इधर उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले दिनो आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद चर्चा में आये बिकरू गांव का दौरा करने जा रहे आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी समाजसेविका पत्नी नूतन ठाकुर को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा।

नूतन ठाकुर ने एक वीडियो जारी कर कहा “ वह और उनके पति अमिताभ पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को बिकरू गांव जा रहे थे लेकिन बीच रास्ते में उनके पति के पास पुलिस महानिदेशक कार्यालय से फोन आया जिसमें कहा गया कि वह वापस लौटें। ऊपर का आदेश है जिसके बाद उन्हे वापस लौटना पड़ा।”

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत ने सर्वाधिक 27.3 करोड़ लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 17 जुलाई । भारत में 2005-06 से लेकर 2015-16 के दौरान 27.3 करोड़ लोग गरीबी के दायरे से बाहर निकले हैं। यह इस दौरान किसी भी देश में गरीबों की संख्या में सर्वाधिक कमी है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गयी।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (ओपीएचआई) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों से पता चलता है कि 75 में से 65 देशों में 2000 से 2019 के बीच बहुआयामी गरीबी स्तर में काफी कमी आयी है।

बहुआयामी गरीबी दैनिक जीवन में गरीब लोगों द्वारा अनुभव किये जाने वाले विभिन्न अभावों को समाहित करती है – जैसे कि खराब स्वास्थ्य, शिक्षा की कमी, जीवन स्तर में अपर्याप्तता, काम की खराब गुणवत्ता, हिंसा का खतरा, और ऐसे क्षेत्रों में रहना जो पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं।

इन 65 देशों में से 50 ने भी गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या को कम किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे बड़ी कमी भारत में आयी, जहां 27.3 करोड़ लोग गरीबी से ऊपर उठने में कामयाब रहे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चार देशों- आर्मेनिया (2010–2015 / 2016), भारत (2005 / 2014-15 / 2016), निकारागुआ (2001–2011 / 2012) और उत्तर मैसेडोनिया (2005/2014) ने अपने वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) को आधा कर दिया। ये देश दिखाते हैं कि बहुत भिन्न गरीबी स्तर वाले देशों के लिये क्या संभव है।

रिपोर्ट के अनुसार चार देशों ने अपने एमपीआई मूल्य को आधा कर दिया और बहुसंख्यक गरीब लोगों की संख्या में सबसे बड़ी (27.3 करोड़) कमी आयी।

रिपोर्ट में कहा गया, “चौदह देशों ने अपने सभी उप-प्रादेशिक क्षेत्रों में बहुआयामी गरीबी को कम किया: बांग्लादेश, बोलीविया, किंगडम ऑफ़ एसावातिनी, गैबॉन, गाम्बिया, गुयाना, भारत, लाइबेरिया, माली, मोज़ाम्बिक, नाइजर, निकाराबुआ, नेपाल और रवांडा।’’

हालांकि इसमें आशंका व्यक्त की गयी कि गरीबी के मोर्चे पर हुई प्रगति पर कोरोना वायरस महामारी का प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

राज्यसभा के नवनिर्वाचित 20 राज्यों के 61 सदस्य 22 जुलाई को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लेंगे शपथ attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 जुलाई । राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 22 जुलाई को सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे । सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी ।

अधिकारियों ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब अंतर सत्र की अवधि में सदस्य सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे ताकि कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके ।

शपथग्रहण आमतौर पर या तो सत्र के दौरान होता है अथवा जब संसद सत्र नहीं होता है तब राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में होता है।

राज्यसभा के लिये हाल के चुनाव में 20 राज्यों से 61 सदस्य निर्वाचित हुए हैं ।

राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह में अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी ।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है और इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी विभाग संबंधी संसद की स्थायी समितियों की बैठक शुरू करने और इन बैठकों में नये सदस्यों के हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त करने को ध्यान में रखा है ।

अधिकारियों ने बताया कि के केशव राव और तिरूचि शिवा जैसे राज्यसभा के कुछ नवनिर्वाचित एवं दोबारा चुने गए कुछ सदस्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष हैं और बिना शपथ लिये संबंधित समितियों की बैठक नहीं बुला सकते ।

नवनिर्वाचित सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लिये बिना समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकते ।

अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को 22 जुलाई को शपथग्रहण होने के बारे में लिखकर सूचित किया है। जो लोग इस दिन नहीं आ पायेंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलायी जायेगी ।

अधिकारियों ने बताया कि नये सदस्यों के लिये शपथ ग्रहण की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली यात्रा करने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए इसे टाल दिया गया था ।

भारत में कोविड-19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3.42 लाख है, कोरोना संक्रमण से 6.35 लाख लोग ठीक हो चुके हैं और इनकी संख्या बढ़ रही है attacknews.in

नईदिल्ली 17 जुलाई । 1.35अरब लोगों के साथ दुनिया की दूसरा सबसे अधिक आबादी वाले देशभारत में प्रति दस लाख की आबादी पर कोविड संक्रमण के 727.4 मामले हैं। वैश्विक स्तर परभारत में प्रति दस लाख की जनसंख्या पर कोविड संक्रमण के मामले कुछ यूरोपीय देशों की तुलना में चौथाई से 8वें हिस्से तक कम है।

वेंटिलेटर पर 1% से कम मरीज,आईसीयू में 2% से कम मरीज और ऑक्सीजन बेड पर 3% से कम मरीज हैं
देश भर में कोविड-19 के मरीजों की वास्तविक संख्या आज की तारीख में केवल 3,42,756 है। इस बीमारी से संक्रमित कुल लोगों में से अब तक 6.35 लाख (63.33%) से अधिक लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।

प्रति दस लाख की आबादी पर 18.6 मौतों के साथ देश में मृत्यु दर भी दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर में से एक है। घर-घर सर्वेक्षण, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों का समय-समय पर पता लगाने, कैंटेनमेंट तथा बफ़र ज़ोन की निगरानी, परिधि नियंत्रण गतिविधियों,तेजी से परीक्षण तथा समय रहते निदान के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोगात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप संक्रमित लोगों की शुरुआती पहचान हुई है। इससे संक्रमित लोगों का समय रहते उपचार करने में काफी मदद मिली है।

भारत ने कोविड-19 संक्रमण के विभिन्न स्तर जैसे हल्का, मध्यम और गंभीर मरीजों के लिए देखभाल प्रोटोकॉल के उन मानकों का पालन किया है जैसा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू)के नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल में स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट है। प्रभावी नैदानिक प्रबंधन कार्यनीतियों ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं।

कोविड संक्रमण के बिना किसी लक्षण वाले और हल्के स्तर के संक्रमण के लगभग 80%मामलों में चिकित्सकीय देखरेख में घर में ही आइसोलेशन में रखने की सलाह दी गई है। मध्यम और गंभीर रोगियों का उपचार या तो समर्पित कोविडअस्पतालों या समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा रहा है। हल्के और बिना किसी लक्षण वाले मरीजों को घर में आइसोलेशन में रखने की रणनीति से अस्पतालों पर बोझ कम करने में आसानी हुई और वहां गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के उपचार और मृत्यु दर को घटाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि आईसीयू में 1.94% से कम मरीज, वेंटिलेटर पर 0.35%मरीज और ऑक्सीजन बेड पर 2.81%मरीज रखे गए हैं।

अस्पतालों में भर्ती मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए देश भर में चिकित्सा आधारभूत संरचना को लगातार बढ़ाया जा रहा है। ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप कोविड-19के मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल अवसंरचना आज अधिक मजबूत है। आज देश  में 1383 समर्पित कोविड अस्पताल,3107 समर्पित कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 10,382 कोविड देखभाल केंद्र हैं। इसके साथ ही सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों में 46,673 आईसीयू बेड,21,848 वेंटिलेटर हैं। देश में एन95मास्क और पीपीई किट की कोई कमी नहीं है। केंद्र ने राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों / केंद्रीय संस्थानों को 235.58 लाख एन95 मास्क और 124.26 लाख पीपीई किट की आपूर्ति की है।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों पर सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया नियमित रूप से
https://www.mohfw.gov.in/और @MoHFW_INDIA देखें।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी सवाल technicalquery.covid19@gov.in और अन्य सवाल ncov2019@gov.in एवं @CovidIndiaSevaपर भेजे जा सकते हैं।

कोविड-19 को लेकर यदि कोई सवाल हो तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: + 91-11-23978046या 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी
https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdfपरउपलब्ध है।

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार गिराने की साजिश का ऑडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता संजय जैन को हिरासत में लिया,कांग्रेस ने 2 विधायकों को निलंबित किया attacknews.in

जयपुर 17 जुलाई ।राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश के बारे में आडियोसामने आने के बाद स्पेशल प्रोडक्शन ग्रुप (एसओजी) ने जांच शुरू कर इस प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संजय जैन को हिरासत में लिया है।

सूत्रों ने बताया कि सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से इस मामले में शिकायत की थी जिसके बाद एसओजी ने यह कार्यवाही की गयी है।

उल्लेखनीय है कि इस आडियों में सरकार को गिराने की साजिश सामने आयी है। जिसमें एक केन्द्रिय मंत्री और भाजपा नेता संजय जैन, विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच बातचीत दर्ज है। हालांकि विधायक श्री शर्मा ने इस आडियो में अपनी आवाज होने से इनकार किया है।

विश्वेन्द्रसिंह एवं भंवरलाल शर्मा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने सरकार गिराने के लिए पैसों के लेनदेन के बारे में एक आडियो के बाद पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्रसिंह तथा विधायक भंवरलाल शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर दिया गया है।

पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि इस मामले की जांच स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप एसओजी द्वारा की जा रही है तथा जांच पूरी होने तक दोनों विधायक को पार्टी से निलम्बित किया गया हैं।

श्री सूरजेवाला ने एसओजी से मांग की है कि तथाकथित आॅडियों के आधार पर श्री शेखावत एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता संजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जाय।

उन्होंने कहा कि एसओजी से कांग्रेस पार्टी की यह भी मांग है कि इस मामले की जांच कर सम्पूर्ण खुलासा किया जाय कि विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए काला धन कहां से आया तथा किस किस को दिया गया है। इसके अलावा इस मामले की साजिश में केन्द्र सरकार के कौन से अधिकारी एवं ऐजेंसिंयां शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने श्री सिंह एवं श्री शर्मा की प्राथमिक सदस्यता इस मामले की जांच सामने आने तक निलम्बित करते हुये उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया हैं।

श्री सूरजेवाला ने कहा कि देश में कोरोना महामारी से प्रभावित लोगांे की संख्या दस लाख से अधिक हो गयी है वही चीन भारत को लडाई करने के लिए ललकार रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ऐसी परिस्थितियों में कोरोना महामारी एवं चीन के मामले में ध्यान देने के बाद लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिा में लगी हुई है।

श्री सूरजेवाला ने कहा कि तथाकथित आॅडियों में भंवरलाल शर्मा एवं संजय जैन की बातचीत में श्री सचिन पायलट द्वारा विधायकों की सूची भाजपा हाईकमान को देने का जिक्र किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंघ में श्री पायलट को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये। इस अवसर पर विधायक चेतन डूडी ने बताया कि उन्हें भी खरीद फरोख्त के लिए प्रलोभन दिया गया तथा इसकी जांच कर रही एसओजी उन्हें जहां भी बुलाये उसके लिए वह उपस्थित होने के लिए तैयार है।

एसओजी की टीम मानेसर जाने की तैयारी में

राजस्थान की राजनीति में हंगामा मचा देने वाले कथित ऑडियो क्लिप में जिन कांग्रेस विधायकों की आवाज होने का संदेह है, उन सभी के बयान दर्ज करने के लिए प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) की एक टीम हरियाणा जा सकती है।

टीम इस कथित ऑडियो क्लिप की सत्यता की जांच करने के लिए उनके बयान दर्ज करेगी जिनकी आवाज इस क्लिप में सुनायी दे रही है। ऑडियो के फर्जी होने का दावा किए जाने के बाद पुलिस उसकी सत्यता की जांच करने और विधायक का बयान दर्ज करने के लिए मानेसर जा रही है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसओजी) अशोक राठौड़ ने बताया, ‘‘एसओजी की एक टीम मानेसर जाने के लिये तैयार है। टीम इस कथित ऑडियो क्लिप में जिन लोगों की आवाज आई है उनके बयान लेगी क्योंकि इसे कई लोग इसके फर्जी होने का दावा कर रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट के समर्थक कांग्रेस के कई बागी विधायक हरियाणा के मानेसर में एक रिसॉर्ट में रूके हुए हैं।

राठौड़ ने कहा कि एसओजी आवाज के नमूने से मिलान करने के लिए ‘स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट’ के लिए भी अदालत में अर्जी दाखिल करने वाली है।

इस कथित ऑडियो क्लिप में बागी विधायकों में से कुछ की आवाज है जो सरकार से जुड़ी कुछ बातों पर चर्चा कर रहे हैं।

लद्दाख दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा चीन से सीमा विवाद का हल बातचीत से होने की गारंटी नहीं attacknews.in

लुकुंग (लद्दाख) 17 जुलाई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का बातचीत से समाधान की कोई गारंटी नहीं है लेकिन यह तय है कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती है।

रक्षा मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत एवं चीन की सेनाओं के हटने की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए आज लद्दाख पहुंचे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाॅफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुन्द नरवणे भी थे।

श्री सिंह ने पेगांग झील की उत्तरी सीमा पर स्थित लुकुंग अग्रिम चौकी पर भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को संबोधित किया और सेना के टी-90 टैंकों और बीएमपी इन्फेन्ट्री युद्धक वाहनों के युद्धाभ्यास को भी देखा।

श्री सिंह ने भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच पेगांग झील की फिंगर 4 को लेकर बने गतिरोध की जटिलता की ओर इशारा करते हुए कहा, “सीमा विवाद के समाधान के लिए बातचीत जारी है लेकिन बातचीत से किस हद तक समाधान हो सकेगा, मैं गारंटी नहीं दे सकता। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि विश्व की कोई भी शक्ति हमारी एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती। यदि बातचीत से समाधान निकल आये तो उससे बेहतर कुछ नहीं।

रक्षा मंत्री ने गलवां घाटी में गश्त बिन्दु 14 पर 15 एवं 16 जून की दरम्यानी रात को हुई खूनी झड़प का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर खुशी हो रही है और साथ ही इस बात का दुख भी है कि भारत के 20 जवान शहीद हो गये हैं।

एलएसी- एलओसी पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने लेह पहुंचे राजनाथ

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे।

श्री सिंह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। गलवान घाटी में 15-16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद रक्षा मंत्री पहली बार लेह आये हैं। वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह हवाई अड्डे पर पहुंचे।

इससे पहले श्री सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “दो दिन के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दौरे पर रहूंगा। इस दौरान मैं सीमा पर स्थिति की समीक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में जाऊंगा और वहां सैन्य बलों से मुलाकात कर स्थिति की5 जानकारी लूंगा।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री सिंह इस दौरान देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे और समग्र स्थिति की समीक्षा करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन अपनी सीमा पर संघर्ष समाप्त करने के लिए एक अंतिम रूपरेखा बना रहे हैं।

रक्षा मंत्री पहले तीन जुलाई को लद्दाख जाने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया था, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन सभी को आश्चर्यचकित करते हुए देश की दृढ़ता का संकेत देने के लिए लद्दाख का दौरा किया था। उन्होंने सैनिकों को भी संबोधित किया और उन सैनिकों से मुलाकात की थी, जो गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हो गए थे।

सूत्रों ने बताया कि श्री सिंह सेना के वरिष्ठ कमांडरों से एलएसी और अन्य सुरक्षा संबंधी मामलों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे। वह जनरल नरवणे, सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे।सूत्रों ने कहा कि श्री सिंह का एलओसी और जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर का दौरा करने का कार्यक्रम है।

राजनाथ ने लद्दाख में सैन्य अभ्यास देखा

स्ताकना (लद्दाख),से खबर है कि,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां ऊंचाई वाले एक अग्रिम अड्डे पर सैन्य अभ्यास देखा जिसमें युद्धक हेलीकॉप्टरों, टैंकों के साथ कमांडो भी शामिल हुए।

सैन्य अभ्यास में थल सेना और वायु सेना ने क्षेत्र में तैयारियों का प्रदर्शन किया। क्षेत्र में भारत और चीन तीखे सीमा गतिरोध में उलझे हुए हैं।

सैन्य अभ्यास में बड़ी संख्या में कमांडो, टैंक, बीएमपी युद्धक वाहनों, अपाचे, रुद्र और एमआई -17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया।

जवानों ने रक्षा मंत्री सिंह की मौजूदगी में पैरा ड्रॉपिंग और अन्य करतबों का प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे भी मौजूद थे।

सिंह ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘लेह के पास स्ताकना में आज पैरा ड्रॉपिंग और सैन्य प्रदर्शनों के दौरान भारतीय थलसेना की मारक क्षमता और प्रचंडता देखी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, मुझे उनके साथ बातचीत का अवसर मिला। मुझे इन बहादुर सैनिकों पर गर्व है।”

उन्होंने सैन्य कर्मियों के साथ अपनी बातचीत की तस्वीरें भी पोस्ट कीं।

सिंह एक दिवसीय दौरे पर सुबह लद्दाख पहुंचे। रक्षा मंत्री के साथ जनरल रावत और जनरल नरवणे भी आए हैं।

पूर्वी लद्दाख में पांच मई से भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध चल रहा है।

गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद हो जाने के बाद यह तनाव बहुत अधिक बढ़ गया।

हालांकि कई दौर की राजनयिक एवं सैन्य बातचीत के बाद छह जुलाई से दोनों ओर के सैनिक पीछे हटने लगे।

राजनाथ श्रीनगर में एलओसी कीर सुरक्षा स्थिति समीक्षा के लिए पहुंचे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर पहुंचे और नियंत्रण रेखा (एलओसी), अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा प्रदेश के आंतरिक इलाकों की सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की।

श्री सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ सुबह केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में वास्तिविक नियंत्रण रेखा के साथ अग्रिम इलाकों का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा की और इसके बाद अपराह्न में श्रीनगर में टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचे।

भारत में जाइडस-कैडिला द्वारा निर्मित पहले स्वदेशी कोरोना वायरस रोधक वैक्सीन का मरीजों पर परीक्षण शुरू attacknews.in

जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थन दिए गए और जाइडस द्वारा डिजाइन और विकसित किये गए कोविड -19 वैक्सीन जाइकोव –डी के क्लीनिक परीक्षण के अनुकूलन चरण ( I/II ) की शुरुआत हुई

अध्ययन में वैक्सीन की सुरक्षा, सहनीयता और प्रतिरक्षा क्षमता सम्बन्धी  आकलन किया जाएगा

नईदिल्ली 16 जुलाई ।बीआईआरएसी द्वारा लागू किये गए राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित वैक्सीन खोज कार्यक्रम के नैदानिक परीक्षण चरण की शुरुआत हो गयी है।

बीआईआरएसी ने घोषणा की है कि जाइडस द्वारा डिजाइन और विकसित प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन जाइकोव – डी के नैदानिक परीक्षणों की शुरुआत हो गयी है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित है। यह कोविड – 19 के लिए पहला स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है, जिसके स्वस्थ मनुष्यों पर परीक्षण चरण की शुरुआत हो गयी है।

अनुकूलन चरण I / II के तहत खुराक वृद्धि के साथ बहु-केंद्रित अध्ययन वैक्सीन की सुरक्षा, सहनीयता और प्रतिरक्षा क्षमता का आकलन करेगा। फरवरी 2020 में कोविड – 19 के लिए त्वरित वैक्सीन विकास कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से वैक्सीन का मानव पर परीक्षण चरण की शुरुआत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

डीबीटी की सचिव और बीआईआरएसी की चेयरपर्सन डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा, “भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने नेशनल बायोपार्मा मिशन के तहत कोविड – 19 के लिए एक स्वदेशी वैक्सीन के तेजी से विकास के लिए जाइडस के साथ साझेदारी की है। जाइडस के साथ यह साझेदारी महामारी से लड़ने के लिए देश की वैक्सीन की जरूरत को पूरा करने के लिए है। महामारी ने एक अरब लोगों को जोखिम में डाल दिया है। इस तरह के शोध प्रयास, भविष्य में होने वाली बीमारी के प्रकोपों के खिलाफ निवारक रणनीतियों को विकसित करने में देश की मदद करेंगे और हमारे समाज के प्रासंगिक मुद्दों के समाधान के लिए नए उत्पाद नवाचार को पोषण और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के फोकस को बढ़ावा देंगे। ”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया, “यह आत्मनिर्भर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि जाइडस ने स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन के मानव नैदानिक परीक्षण चरण की शुरुआत कर दी है। हम आशा करते हैं, कि यह वैक्सीन सकारात्मक परिणाम दिखायेगी क्योंकि अभी तक पूर्व-नैदानिक चरण में इसके सकारात्मक परिणाम आये हैं जहाँ इसे सुरक्षित, सहनीय और प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने वाला पाया गया है। यह भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। ”

जाइडस कैडिला के चेयरमैन श्री पंकज आर पटेल ने कहा, “इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और इससे देश को इस स्वास्थ्य संबंधी चुनौती का सामना करने में मदद मिलेगी। हम बीआईआरएसी और जैव-प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने कोविड – 19 को रोकने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की खोज में हमें समर्थन प्रदान किया। ”

जाइकोव –डी के बारे में

पूर्व-नैदानिक (प्री-क्लिनिक) चरण में, यह पाया गया कि वैक्सीन से चूहों, सूअरों और खरगोशों जैसे कई जानवरों की प्रजातियों में मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हुई है। वैक्सीन द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी वायरस को बेअसर करने में सक्षम थे, जो वैक्सीन की सुरक्षात्मक क्षमता को दर्शाता है। दोबारा खुराक देने के बाद भी  वैक्सीन के लिए कोई सुरक्षा चिंता नहीं देखी गयी। खरगोशों में, मानव के लिए अपेक्षित खुराक से तीन गुना तक सुरक्षित, सहनीय और प्रतिरक्षा को बेहतर बनाने वाला पाया गया।

जाइकोव –डी के साथ, कंपनी ने देश में डीएनए वैक्सीन प्लेटफ़ॉर्म को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। इसके लिए गैर-प्रतिकृति और गैर-एकीकृत प्लास्मिड का उपयोग किया गया है जिसे बहुत सुरक्षित माना जाता है। इसके अलावा, वेक्टर प्रतिक्रिया और संक्रामक एजेंट की अनुपस्थिति में, यह प्लेटफॉर्म न्यूनतम जैव सुरक्षा आवश्यकताओं (बीएसएल -1) के साथ वैक्सीन के निर्माण को आसान बनाता है। इस प्लेटफ़ॉर्म में वैक्सीन स्थिरता बेहतर होती है और इसकी कोल्ड चेन आवश्यकता भी कम होती है जिससे देश के दूरस्थ क्षेत्रों में इसका परिवहन आसान हो जाता है। इसके अलावा, इस प्लेटफॉर्म में कुछ हफ़्ते के अन्दर वैक्सीन को संशोधित किया जा सकता है, यदि वायरस रूपांतरित होता है। वैक्सीन ऐसी स्थिति में भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

डीबीटी के राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के बारे में :

भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के उद्योग- शिक्षा जगत सहयोग मिशन के तहत जैव औषधि (बायोफार्मास्यूटिकल) के त्वरित अनुसंधान पर विशेष जोर दिया जाता है। मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस मिशन की कुल लागत 250 मिलियन डॉलर है और इसे विश्व बैंक द्वारा 50% वित्त पोषित किया जा रहा है। इस मिशन को जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा लागू किया गया है। यह कार्यक्रम भारत में स्वास्थ्य मानकों में सुधार करने के उद्देश्य से राष्ट्र के लिए किफायती उत्पाद विकसित  करने के लिए समर्पित है। वैक्सीन, चिकित्सा उपकरण, नैदानिक और जैव रोग चिकित्सा इसके सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।

बीआईआरएसी के बारे में :

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी), भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा धारा 8, अनुसूची बी के अंतर्गत स्थापित एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम ( लाभ के लिए नहीं ) है। यह  जैव प्रौद्योगिकी उद्यमों के लिए एक सुविधा व समन्वय प्रदान करनेवाली एजेंसी के रूप में कार्य करता है ताकि उभरते हुए जैव प्रौद्योगिकी उद्यमों में रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक उत्पाद विकास आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। अधिक जानकारी के लिए
https://birac.nic.in देखें।

जाइडस के बारे में

जाइडस कैडिला एक नवोन्मेषी, वैश्विक दवा कंपनी है, जो सूक्ष्म अणु-औषधियों, जैविक-उपचार और वैक्सीन सहित स्वास्थ्य उपचारों की एक विस्तृत श्रृंखला का अनुसन्धान, विकास, निर्माण और विपणन करती है।

(अधिक जानकारी के लिए: डीबीटी / बीआईआरएसी के सूचना प्रकोष्ट से संपर्क करें

ट्विटर @DBTIndia  @BIRAC_2012

www.dbtindia.gov.inwww.birac.nic.in )

भारत में गुरुवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख के पार हुई,25,589 मरीजों की मौत, रिकवरी दर 63 फीसदी रही attacknews.in

नयी दिल्ली, 16 जुलाई । देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले गुरुवार की रात 10 लाख के पार पहुंच गये लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 63 फीसदी से अधिक रही यानी अब तक 6.34 लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 63.29 फीसदी तक पहुंची जबकि मृत्यु दर महज 2.55 फीसदी रही। मंगलवार को संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 63.22 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.60 प्रतिशत रही। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

देश में तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1001863 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 968876 थी। अब तक कुल 634133 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 25589 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 341751 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 2.92 लाख से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनके सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारें अपने स्तर से भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या पूर्णबंदी या फिर जनता कर्फ्यू लागू कर रही हैं।
देश भर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस कोविड-19 के रिकॉर्ड 326826 नमूनों की जांच की गयी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या 12739490 हो गयी।

देश में कोरोना टेस्ट लैब की संख्या भी बढ़कर 1234 हो गयी है। जांच की गति तेज करने से पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 32000 से अधिक नये मामले सामने आये हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केंद्र, राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश मिलकर कोरोना जांच की गति तेज करने में जुटे हैं, ताकि संक्रमितों की त्वरित पहचान करके उनका उपचार शुरु किया जा सके।

देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस संक्रमण और इससे होने वाली मौतें विश्व के अन्य देशों की तुलना में काफी कम हैं और उनके मुकाबले भारत अभी बेहतर स्थिति में है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष अधिकारी राजेश भूषण ने बताया कि विश्व में प्रति 10 लाख की आबादी में कोरोना वायरस मामलों का औसत 1638 व्यक्ति हैं जबकि भारत में यह 637 है और आंकड़ों के लिहाज से रूस और अमेरिका में भारत की तुलना में क्रमश: सात तथा 14 गुना अधिक मामले सामने आ रहे हैं। रूस में 5028 प्रति 10 लाख और अमेरिका में 9746 मामले प्रति 10 लाख मामले सामने आ रहे हैं। ब्राजील और स्पेन में यह संख्या 8656 और 5421 प्रति 10 लाख हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या भी भारत में विश्व की तुलना में काफी कम है और वैश्विक औसत 73 मौतें प्रति 10 लाख की तुुलना में भारत का आंकड़ा मात्र 17.2 व्यक्ति है। ब्रिटेन में यह आंकड़ा 660, स्पेन में 607, अमेरिका में 406, ब्राजील में 336 और मैक्सिको में 269 व्यक्ति प्रति 10 लाख है।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे विश्व में भारत तीसरे स्थान पर है।

दिल्ली में कोरोना के नये मामले 1652, मृतकों की संख्या बढ़कर 3500 के पार

राजधानी में कोरोना वायरस को मात देने वालों के आंकड़े में निरंतर इजाफा होने से जहां राहत है वहीं गुरुवार को मृतकों की संख्या फिर बढ़ना चिंता बढ़ाने वाला रहा ।

आज लगातार नौंवे दिन नये मामल़ों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रही। पिछले 24 घंटों में 58 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3545 पर पहुंच गयी। पिछले कई दिन से मृतकों की संख्या 50 से कम रही थी।

दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय के पिछले 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार नये मामले 1652 रहे ,जबकि 1994 ने वायरस को शिकस्त दी।

केंद्रीय गृहमंत्री के 15 जून को दिल्ली की स्थिति काबू से बाहर होने पर कमान संभालने और तबाड़तोड़ कदम उठाने के बाद राजधानी में वायरस काबू करने में बड़ी सफलता मिली।

दिल्ली में कुल संक्रमितों का आंकडा हालांकि एक लाख 18 हजार 645 पर पहुंच गया जबकि इसमें से स्वस्थ होने वालों की संख्या 1994 बढ़कर कुल 97693 अर्थात 82.34 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
नौ जुलाई को रिकार्ड 4027 मरीज ठीक हुए थे।
पिछले 24 घंटों में 58 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 3545 पर पहुंच गयी। पिछले कई दिन से मृतकों की संख्या 50 से कम रही थी।
इस दौरान निषिद्ध जोनों की संख्या एक कम हुई और 658 रही।

सात जुलाई को नये मामले घटकर 1379 रहे थे। इससे पहले दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली तीसरा राज्य है जहां संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से अधिक है। महाराष्ट्र में वायरस का आंकड़ा दो लाख से भी अधिक है।

दिल्ली में सक्रिय मामल़ों की संख्या भी कल के 17807 से घटकर 17407 रह गई।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 7,56,66 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 20225 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 5896 और रैपिड एंटीजेन जांच 14329 थी। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत 39824 है।

दिल्ली सरकार के कुल कोरोना बेड की संख्या 15364 हैं जिसमें से 3819 पर मरीज हैं जबकि 11545 खाली हैं। होम आइशोलेशन में 9652 संक्रमितों का उपचार चल रहा है।

मुंबई में कोरोना मामले 97000 के पार, 5500 से अधिक की मौत

देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई कोरोना वायरस (कोविड-19) से पूरे देश में सबसे भयंकर रूप से प्रभावित है तथा पिछले 24 घंटों के दौरान 1498 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 97000 के पार हो गयी तथा 56 और लोगों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 5500 को पार कर गया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 97751 हो गयी तथा इस दौरान मृतकों का आंकड़ा 5520 पहुंच गया है। इस अवधि में 707 और मरीजों के रोगमुक्त होने के बाद स्वस्थ लोगों की संख्या बढ़कर 68537 हो गयी है।

कर्नाटक में कोरोना मामले 51000 के पार, 1000 से अधिक की मौत

कर्नाटक में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 4169 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 51000 के पार पहुंच गयी तथा 104 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 1000 से अधिक हो गया।
कर्नाटक में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 51422 हो गयी है। इस दौरान 104 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1032 हो गयी है।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 2.84 लाख के पार,रिकवरी दर 55 फीसदी

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान 8641 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार की रात बढ़कर 2.84 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों की रिकवरी दर बढ़कर 55 फीसदी से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 284281 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। इस दौरान 266 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 11194 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में 5527 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 158140 हो गयी है।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 1.56 लाख के पार, रिकवरी दर 68 फीसदी

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 4549 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद गुरुवार को संक्रमितों की संख्या 1.56 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि स्वस्थ लोगों की दर बढ़कर 68 फीसदी से अधिक हो चुकी है।

राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 68.69 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 1.42 प्रतिशत है।

बंगाल में कोरोना मामले 37,000 के करीब, 1023 की मौत

पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 1690 नये मामले सामने आने के बाद गुरुवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 37,000 के करीब पहुंच गयी तथा 23 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 1023 हो गया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 36,117 हो गयी है। इस दौरान 735 और संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने के बाद रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 21,415 हो गयी है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित हुए 20 हजार के पार, मौत का आंकड़ा हुआ 689 attacknews.in

भोपाल, 16 जुलाई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के आज 735 नए मामले दर्ज किए जाने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20378 हो गयी है। सात लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 689 तक जा पहुंची है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार इस अवधि में 219 व्यक्ति स्वस्थ हुए और अभी तक कुल 14127 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। एक्टिव केस 5562 हैं। पिछले सत्रह दिनों में एक्टिव केस लगभग तीन हजार बढ़े हैं।

इंदौर जिले में कोविड-19 के 136 नए मामलें

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में ‘कोविड-19’ के 136 नए मामलें सामने आने के बाद यहां एक्टिव (उपचारत) रोगियों की संख्या 1265 तक जा पहुंची हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने कल देर रात ‘हेल्थ बुलेटिन’ जारी कर बताया कि जिले के अब तक 111138 (एक लाख ग्यारह हजार एक सौ अड़तीस) लोगों की प्राप्त कोरोना जांच रिपोर्ट में से 5632 (पांच हजार छह सौ बत्तीस) संक्रमित पाये गये हैं। इसी में शामिल कल किये गए 2658 टेस्ट में से 136 संक्रमित तथा 2517 असंक्रमित पाये गये हैं।

सीएमएचओ द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन में बताया गया हैं कि कल इंदौर में कोविड-19 से किसी रोगी की मौत नहीं हुई हैं। अप्रैल माह में दो रोगियों की हुई मौतो को कल दर्ज किए जाने के साथ यहां संक्रमण से मरने वालों की संख्या 280 हो गई हैं।

गुरुवार को यहां विभिन्न अस्पताल में उपचारत 13 रोगियों को स्वस्थ हो जाने पर छुट्टी दी गई हैं, जिसके साथ यहां उपचार के बाद 4087 स्वास्थ्य हो चुके हैं। इसी क्रम में एहतियातन संस्थागत क़वारेन्टीन किये गए 2 को कल डिस्चार्ज किये जाने के साथ अब तक 4827 लोग डिस्चार्ज किये जा चुके हैं।

रायसेन में मिले आठ कोरोना पॉजिटिव

रायसेन में कोरोना संक्रमित आठ और मरीज पाए गये।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल देर रात मिली जांच रिपोर्ट में आठ लोग कोरोना से संक्रमित पाए गये। इन मरीजों में मंडीदीप थाने में पदस्थ एक सहायक उपनिरीक्षक और मंडीदीप अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्सक शामिल है।

पन्ना जिले में मिले दो और कोरोना के मरीज

पन्ना जिले में दो और कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी ने आज बताया कि कल देर रात दो व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, यह दोनों लोग रैपुरा क्षेत्र के निवासी हैं। यह दोनों अपने रिश्तेदार के यहां शादी में जिले से बाहर गये थे। किल कोरोना अभियान के तहत संदेह के आधार पर इनका सैंपल लिया गया था जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।

एक साथ मिले पांच कोरोना पाॅजिटिव

नरसिंहपुर जिले में आज कोरोना के पांच नए मामले सामने आने के बाद जिले में 14 एक्टिव मरीज हो गए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार पांच नए मामले में तीन अवंतीबाई कॉलोनी में, एक प्रकरण खापा गांव में, वही, गोटेगांव तहसील के करकबेल क्षेत्र में एक प्रकरण सामने आया है। जिला प्रशासन के अधिकारी उक्त इलाके में सक्रिय हो गए हैं। इसे मिलाकर जिले में कुल 14 एक्टिव मरीज हो गए हैं।

न्यायालय के 30 कर्मचारी होम क्वॉरेंटाइन

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पदस्थ एक रीडर में कोविड 19 का संक्रमण पाए जाने के बाद न्यायालय के 30 अन्य कर्मचारियों को आगामी 14 दिवस के लिए एहतियातन होम क्वाॅरेंटाइन कर दिया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहां उच्च न्यायालय में पदस्थ एक रीडर की कोरोना जांच की गयी थी। कल आई जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित पाए गए। जिसके बाद इनके सम्पर्क में आये 23 कर्मचारियों की आज पहचान कर इन्हे होम क्वाॅरेंटाइन कर चिकित्सकीय निगरानी में ले लिया गया है।

जबलपुर में एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत

जबलपुर में आज एक कोरोना संक्रमित मरीज की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।

नेताजी सुभाष चंद बोस चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कोरोना संक्रमित एक वृद्ध व्यक्ति की आज सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। कोराना के लक्षण पाए जाने पर उसे एक दिन पहले भर्ती किया गया था।

शिवपुरी में 16 नए लोगों की रिपोर्ट मिली पॉजिटिव

शिवपुरी से जिले में आज 16 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी, जिनमें एक मरीज खोड ग्रामीण क्षेत्र का है तथा एक मरीज दिनारा क्षेत्र का है, शेष मरीज शिवपुरी शहर के हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अनुसार शिवपुरी सहित जिले में आज 16 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले में अब कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 207 तक जा पहुंची है। शिवपुरी के एक बैंक में आज लगातार फिर से 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज निकले हैं।

सीहोर में मिले 15 नए मरीज

सीहोर जिले में आज 15 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी है। इन मरीजों में 9 पुरूष और 6 महिला शामिल है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार पॉजिटिव में नसरूल्लागंज के 6 व्यक्ति, इछावर विकासखण्ड से कुल 3 आष्टा 4, सीहोर के दो व्यक्ति शामिल हैं। जिले में कुल कोरोना संक्रमित संख्या वर्तमान में 63 तक पहुंच गयी है। वहीं, आज 75 व्यक्तियों के कोरोना जांच हेतु सैम्पल लिए गए है।

भिंड में 14 नए लोगों में कोरोना संक्रमण

भिंड जिले में आज प्राप्त जांच रिपोर्ट में 14 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण पाया गया। इसे मिलाकर जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 396 तक पहुंच गयी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अब तक मिले 396 मामले में 3 सौ मरीज ठीक होकर घर चले गए।

कांग्रेस में अब सचिन पायलट की वापसी मुश्किल, अदालत पहुंचा पायलट खेमा, विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को दी चुनौती attacknews.in

जयपुर 16 जुलाई । राजस्थान में कांग्रेस विधायको की बाडेबंदी के बीच उपमुख्यमंमंत्री पद से निष्कासित किये गये सचित पायलट के कांग्रेस में वापसी बहुत मुश्किल हैं।

कांग्रेस विधायक दल ने श्री पालयट को निष्कासित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से किया थां। श्री पायलट के निष्कासन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्री पायलट पर सरकार गिराने के लिए 20 करोड का सौदा करने का आरोप लगाया था। बाद में श्री पायलट ने लम्बी चुप्पी के बाद जब यह कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी भाजपा में नहीं जायेगें तो यह कयास लगाये जाने लगा है कि उनकी कांग्रेस में वापसी हो सकती है।

श्री पायलट के अभी नरम रूख रखते हुये कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जयपुर लौटने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं आये। सरकार गिराने में पायलट की भूमिका सामने आने के बाद उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है तथा वह नहीं चाहते कि पायलट वापस आये क्योकि उनके आने के बाद गुटबाजी फिर बढ सकती है।

श्री पायलट सहित उनके समर्थक 19 विधायको को विधायक दल की बैठक में नहीं आने के कारण व्हीप का उल्लंघन करने का नोटिस जारी किया गया हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि व्हीप का उल्लंघन करने पर श्री पायलट की सदस्यता जा सकती हैं। व्हीप का उल्लंघन करने के मामले में भाजपा नेता भी पायलट के पक्ष में आये है तथा कहा है कि बैठक विधानसभा के बाहर होने के कारण व्हीप का मामला नहीं बनता है।

इधर सरकार गिराने के षडयंत्र की खबरो के बीच कांग्रेस विधायको का एक पांच सितारा होटल में जमावडा बना हुआ हैं तथा कुछ दिन और यह स्थिति रह सकती है। श्री पायलट के समर्थक विधायको को हरियाणा के एक रिसोर्ट में ठराया गया बताया हैैं लेकिन उनकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आयी हैं।

अदालत पहुंचा पायलट खेमा, विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को दी चुनौती

बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस को सचिन पायलट खेमे ने राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों को भेजे गए इस नोटिस पर न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा की अदालत में सुनवाई होगी।

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया।

पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।

विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।

विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने अतीत में ‘स्पष्ट रूप’’ से यह फैसला दिया है कि यह प्रावधान उस वक्त प्रभावी होता है जब विधायक का व्यवहार इस स्तर पर पहुंच जाए।

जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा भी हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेन्द्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और हरीश चन्द्र मीणा भी शामिल हैं। इन्होंने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट कुछ नाराज चल रहे थे।

राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं।

बलात्कारी पत्रकार प्यारे मियां उर्फ़ अब्बा को भोपाल लाया गया,अफकार का पंजीयन निरस्त करने का कलेक्टर ने लिखा गया पत्र attacknews.in

भोपाल, 16 जुलाई ।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और अन्य मामलों में फरार कुख्यात आरोपी प्यारे मियां को श्रीनगर से गिरफ्तार करने के बाद आज भोपाल लाया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार प्यारे मियां को सख्त सुरक्षा इंतजामों के बीच यहां पुलिस अधिकारियों ने प्रारंभिक स्तर में पूछताछ की और शीघ्र ही उसे अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।

नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म का आरोपी भोपाल का अखबार मालिक गिरफ्तार

श्रीनगर से खबर है कि मध्यप्रदेश में छह नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में भोपाल के एक अखबार के मालिक प्यारे मोहन को यहां गिरफ्तार किया गया ।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि भोपाल पुलिस को प्यारे मियां की तलाश थी। एक खुफिया सूचना के आधार पर भाेपाल से पुलिस की टीम मंगलवार की रात दिल्ली के लिए रवाना हुई और दूसरे दिन बुधवार को दिल्ली से फ्लाइट के जरिए श्रीनगर पहुंची।

अफकार का पंजीयन निरस्त करने लिखा गया पत्र

गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के आरोपी प्यारे मियां के प्रभुत्व वाले हिंदी दैनिक अफकार का पंजीयन निरस्त करने के लिए भोपाल जिला कलेक्टर ने भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक कार्यालय को पत्र लिखा है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि प्यारे मियां के खिलाफ यहां गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं और ये मामले जांच में हैं। पत्र में लिखा गया है कि इस स्थिति के बीच समाचार पत्र दैनिक अफकार का पंजीयन निरस्त करना उचित प्रतीत रहेगा।

गुना में दलित परिवार की पिटाई मामले में छह पुलिस वाले निलंबित,मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू की attacknews.in

गुना, 16 जुलाई । मध्यप्रदेश के गुना जिले के जनगपुर गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक दलित दंपति से मारपीट के मामले में आज छह पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।

पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में दोषी छह पुलिस कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की है। जिसमें कैंट थाने के उप निरीक्षक अशोक सिंह कुशवाहा, आरक्षक राजेन्द्र शर्मा, आरक्षक पवन यादव, आरक्षक नरेन्द्र रावत, महिला आरक्षक नीतू यादव, रानी रघुवंशी को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान इनका मुख्यालय पुलिस लाइन गुना होगा।

भाजपा के शासन में पुलिस हुई निरंकुश: नरेंद्र सिंह

प्रयागराज,से खबर है कि ,समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र सिंह ने मध्य प्रदेश के गुना में किसान परिवार के साथ की गई पुलिस कार्रवाई को बर्बरता की पराकाष्ठा बताते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनात पार्टी (भाजपा) के शासन में पुलिस निरंकुश हो चुकी है।

श्री सिंह ने गुरूवार को गुना की घटना की घोर निंदा करते हुए कहा है कि अन्नदाता के साथ इस तरह का बर्ताव साबित करता है कि भाजपा पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बन गयी है। इस सरकार की संवेदना मर चुकी है। किसानों के साथ लगातार अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही है । कोरोना जैसी महामारी के समय किसानों के साथ रहम और सुविधाएं उपलब्ध कराने की जगह उन्हे बेदखल किया जाना अन्याय है।

आयोग ने गुना में दलित की पिटाई पर संज्ञान लिया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना में मंगलवार को दलित की पिटाई के मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियाें से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने गुना जिले के जगनपुर चक में साइंस काॅलेज के लिये आवंटित भूमि में कब्जा हटाने के दौरान बीते मंगलवार को एक दलित दम्पत्ति की पिटाई के मामले में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर, पुलिस अधीक्षक गुना तथा कलेक्टर गुना से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश में कानून का राज है-नरोत्तम

इधर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ़ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कानून का राज है जो लापरवाही करेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।

डॉ मिश्रा ने ट्वीट के माध्यम से कहा है ‘कांग्रेस ने हमेशा से गरीबों और किसानों को छला है। गरीबी हटाओ का नारा देकर दशकों तक राज किया और देश में गरीबों की संख्या बढ़ती चली गई। किसानों को कर्ज माफी का वचन देकर मध्यप्रदेश में 15 महीने सरकार चलाई, लेकिन वादा भूल गई। गुना की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर हमने तुरंत एक्शन लिया है।

उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में कानून का राज है, जो लापरवाही करेगा, उसे नाप दिया जाएगा। गुना में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही हमने त्वरित कार्रवाई की। ये राहुलगांधी की कांग्रेस सरकार नहीं है, जहां अधिकारी प्रीपेड व्यवस्था से नियुक्त होते थे ’।

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है,रोगियों की वास्तविक संख्या संक्रमण के कुल मामलों का लगभग एक तिहाई attacknews.in

कोविड-19 के 6.1 लाख से अधिक रोगी स्वस्थ हो चुके हैं

नईदिल्ली 16 जुलाई । कोविड-19 की रोकथाम, उसे सीमित करने और संक्रमित लोगों के उपचार की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ‘संपूर्ण सरकार’ की कार्यनीति के तहत एक ग्रेडेड और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया गया है। कोविड-19 के संबंध में किए जा रहे सामूहिक प्रयासों की उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जाती है।

कोविड-19 की रोकथाम को लेकर किए गए लक्षित उपायों की वजह से इसके संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आज की तारीख में देश में कोविड -19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है। यह अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए कुल मामलों के एक तिहाई (34.18%) से थोड़ा अधिक हैं।

कोविड-19 मरीजों की वास्तविक संख्या घर-घर सर्वेक्षण, परिधि नियंत्रण गतिविधियों, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों का समय-समय पर पता लगाने तथा कैंटेनमेंट ज़ोन की निगरानी, तेजी से परीक्षण तथा समय रहते निदान और देखभाल प्रोटोकॉल के अच्छी तरह से लागू मानक के माध्यम से मध्यम से गंभीर मामलों में उपचार सहित इसकी रोकथाम के लिए किए गए सक्रिय उपायों की वजह से सीमित है और इनका इलाज हो रहा है। इन उपायों की वजह से कोविड-19 रोगियों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की संभावना काफी हद तक बढ़ गई है।

केंद्र और राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से परीक्षण क्षमता में वृद्धि, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार, एसएआरआई / आईएलआई मामलों में निगरानी को प्राथमिकता और बुजुर्ग तथा सह-रुग्णताओं वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करने की वजह से पूरे भारत में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की दर में निरंतर तेजी देखी जा रही है।

जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ के आंकड़ें बताते हैं, स्वस्थ होने की दर के 50% का आंकड़ा पार करने के बाद जून 2020 के मध्य से रोगियों के ठीक होने की संख्या में लगातार वृद्धि और सक्रिय मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। कोविड-19 के कुल रोगियों में से अब तक 63.25% रोगी ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही, जून 2020 के मध्य में लगभग 45% सक्रिय मामलों में से आज अभी तक यह घटकर लगभग 34.18% तक पहुंच गई है।

पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण से कुल 20,783 लोग ठीक हुए हैं जिससे इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या 6,12,814 हो गई है। इस बीमारी से ठीक होने वालों और इससे ग्रसित लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 2,81,668 हो गया है।

कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे में श्रेणी I के तहत 1381 समर्पित कोविड अस्पताल, श्रेणी II के तहत 3100 समर्पित कोविड देखभाल केंद्र, श्रेणी III के तहत 10,367 कोविड देखभाल केंद्र शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में कुल मिलाकर 46,666 आईसीयू बेड हैं।

केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक रणनीति से यह भी सुनिश्चित हुआ है कि देश में कोविड मामलों में वृद्धि प्रतिबंधित क्षेत्र तक ही सीमित है। केवल दो राज्य- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ही देश में कोविड के कुल सक्रिय मामलों का 48.15% हिस्सा है। कुल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 10 राज्य में ही कुल सक्रिय मामलों का 84.62% हिस्सा मौजूद है। केंद्र सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इससे पीड़ित लोगों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के मामलों में इन 10 राज्यों को लगातार मदद कर रही है।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों एवं परामर्शों पर सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया नियमित रूप से
https://www.mohfw.gov.in/ और @MoHFW_INDIA देखें।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी सवाल technicalquery.covid19@gov.in और अन्य सवाल ncov2019@gov.in एवं @CovidIndiaSeva पर भेजे जा सकते हैं।

कोविड-19 को लेकर यदि कोई सवाल हो तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: + 91-11-23978046 या 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी
https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf परउपलब्ध है।

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ नहीं करने दी अकेले में बातचीत, फिर अटकाया रोड़ा attacknews.in

नयी दिल्ली 16 जुलाई । पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से स्वतंत्र बातचीत में पाकिस्तान एक फिर रोड़ा अटकाया और जाधव मामले के कॉन्सुलर को उनसे स्वतंत्र बातचीत नहीं करने दी गयी।

जाधव पाकिस्तान की जेल में वर्ष 2016 से बंद है और पिछले एक साल में भारत ने पाकिस्तान से 12 से अधिक बार जाधव को अप्रभावित और बिना शर्त के कॉन्सुलर पहुंच प्रदान करने के लिए अनुरोध किया है।

कुलभूषण जाधव: पाक ने भारत को दिया सशर्त कॉन्सुलर ऐक्सेस

इस्लामाबाद, से खबर है कि , पाकिस्तान ने आखिरकार अपनी जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए दूसरी बार भारतीय उच्चायुक्त को सशर्त मंजूरी दी है। इसके बाद भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वकीलों के साथ विदेश मंत्रालय पहुंचे।

दरअसल, पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर शाम श्री जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी थी। अब भारतीय अधिकारी श्री जाधव की पुनर्विचार याचिका पर हस्‍ताक्षर करेंगे।

पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को दूसरी बार राजनयिक पहुंच की इजाजत दी है। जाधव से मुलाकात के लिए पाकिस्तान ने कुछ शर्तें भी रखी। मुलाकात के दौरान भारतीय अधिकारी और श्री जाधव को अंग्रेजी में बात करनी होगी और पाकिस्तानी अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर शाम कहा था कि अपील और समीक्षा याचिका को जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि या इस्‍लामाबाद में भारत के काउंसलर अधिकारी दायर कर सकते हैं।

इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी श्री जाधव ने सैन्य अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को ‘स्वांग’ करार दिया है ।

गौरतलब है कि ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों पर अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने श्री जाधव मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ हफ्ते बाद भारत ने श्री जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मृत्युदंड को चुनौती देते हुए आईसीजे का रुख किया था।

दरअसल, 1963 में बनी संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘विएना कन्वेन्शन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस’ संधि के मुताबिक अगर किसी देश में किसी दूसरे देश के नागरिक को जासूसी या आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे उसके देश के राजनयिक से मिलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

पाकिस्तान इसी के आधार पर भारत को कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत नहीं दे रहा था क्योंकि उसका दावा है कि श्री जाधव भारतीय जासूस हैं। भारत हालांकि इस आरोप को खारिज करता है और इसीलिए कॉन्सुलर ऐक्सेस की मांग करता है।

भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा है कि वो बिना किसी शर्त के जेल में कैद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी श्री जाधव से बातचीत करने का मौका दे।

इससे पहले भारत ने कहा था कि वो इस मामले में कानूनी विकल्पों को टटोल रहा है।

दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए श्री जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान पलट गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की इजाजत दे दी है।

भारत ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं किया; भारतीय सेना का बयान: पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत attacknews.in

नयी दिल्ली ,16 जुलाई । भारत ने आज कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच कुछ विशिष्ट बिन्दुओं पर पहले से बनी चौकियों पर अपनी अपनी सेना की सीमित एवं नियमित तैनाती करने को लेकर सहमति बनी है जिससे एलएसी भारत की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस सहमति की गलत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। भारत की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है और हम एलएसी के सम्मान को लेकर पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं।

चीनी सीमा पर स्थिति को लेकर पूछे गये एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर पर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है, विशेष रूप से जहां टकराव जैसी स्थिति बन गयी थी। यह प्रक्रिया दोनों देशों के वरिष्ठ कोर कमांडरों के बीच कायम सहमति के आधार पर हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गये हैं कि एलएसी के दोनों ओर नियमित चौकियों पर सैनिकों की तैनाती की जायेगी। दोनों पक्ष पारस्परिक सहमति से ये कदम उठा रहे हैं और यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि परस्पर सैनिकों की इस तैनाती की गलत ढंग से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। एलएसी पर सेनाओं के हटने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और इसलिए निराधार एवं तथ्यहीन रिपोर्टों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। एलएसी पर भारत की पोजिशन में कोई बदलाव नहीं आया है। हम एलएसी के सम्मान को लेकर पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं। एलएसी पर इकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।

इससे पहले दिन में रक्षा मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि भारतीय सेना और चीन की जनमुक्ति सेना पीएलए के कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए 14 जुलाई 2020 को एक बैठक का आयोजन भारतीय इलाके चुशूल में किया गया।

बयान में कहा गया कि वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण में सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए हुई बातचीत के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की और पूरी तरह सीमाओं से सेनाओं को पीछे हटाने के कदमों को सुनिश्चित करने पर चर्चा की।

बयान के अनुसार दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। दोनों पक्ष इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मध्य जून में हुए खूनी टकराव के बाद गत पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं चीन के विदेश मंत्री एवं स्टेट काउंसलर वांग यी के बीच करीब दो घंटे से अधिक समय तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीमावर्ती इलाकों से सेनाएं हटाने को लेकर सहमति कायम हुई थी। यह भी सहमति बनी थी कि चरणबद्ध तरीके से विसैन्यीकरण की जटिल प्रक्रिया को धैर्य एवं सावधानी से पूरा किया जाएगा।

पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत: भारतीय सेना

भारत और चीन के बीच चौथे चरण की सैन्य बातचीत के बाद भारतीय सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया ‘‘जटिल’’ है और इसके लगातार सत्यापन की जरूरत है।

सेना ने कहा कि भारत और चीन सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की तथा क्षेत्र से सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदमों पर चर्चा की।

कमांडरों के बीच चौथे चरण की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा के अंदर चुशुल में एक निर्धारित बैठक स्थल पर मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई और बुधवार तड़के दो बजे तक चली। इस दौरान सैनिकों की वापसी की जटिल प्रक्रिया के तौर-तीरों को लेकर व्यापक चर्चा की गई।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा,‘‘ वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की क्षेत्र से सैनिकों का पूरी तरह से हटना सुनिश्चित करने के लिये आगे के तरीकों पर चर्चा की गई।’’

सेना का बयान:

भारत और चीन के बीच 14 जुलाई को हुई सैन्य स्तर की बैठक

भारत और चीन एलएसी पर मौजूदा स्थिति को दूर करने के लिए स्थापित सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं।

पीएलए और भारतीय सेना के कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए 14 जुलाई 2020 को एक बैठक का आयोजन भारतीय इलाके चुशूल में किया गया।

सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए  05 जुलाई को हुई सहमति के अनुरूप ही भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई।

वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण में सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए हुई बातचीत के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की और पूरी तरह सीमाओं से सेनाओं को पीछे हटाने के कदमों को सुनिश्चित करने पर चर्चा की।

दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। दोनों पक्ष इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

कर्नल अमन आनंद

पीआरओ (आर्मी)