भारत में बुधवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 16 लाख के करीब पहुंची,24 घंटे में रिकार्ड 55 हजार नये मामले सामने आए, 35000 की मौत, अब तक 10 लाख से अधिक स्वस्थ attacknews.in

नयी दिल्ली 29 जुलाई । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के देश में बढ़ते प्रकोप की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुधवार देर रात तक संक्रमितों की संख्या 15.87 लाख के पार पहुंच गयी है लेकिन इसके साथ ही शकून की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर में बेहद मामूली आंशिक उलटफेर जारी है तथा स्वस्थ मरीजों की संख्या अब 10 लाख से अधिक हो चुकी है।

कोरोना को लेकर आज सबसे बड़ी चिंताजनक खबर दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश से आयी जहां एक दिन मेें अब तक के सर्वाधिक 10000 से अधिक नये रिकॉर्ड मामले सामने आये। संक्रमण के मामले में आंध्र चौथे स्थान पर है और इस तादाद में नये मामले देश में सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र से सामने आये हैं। पश्चिमी राज्य संक्रमण और मौत दोनों ही मामलों में अभी भी शीर्ष पर है।

मंगलवार को वाणिज्यिक नगरी मुंबई में तीन माह के बाद सबसे कम 700 नये संक्रमित आये लेकिन बुधवार से इसकी सांसें फिर से तेज होने लगी है क्योंकि यहां 1100 से अधिक नये मामले सामने आये।

चिंता का सबब यह भी है कि देश में पिछले दो दिनों के भीतर एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आये हैं। इससे पूर्व तीन दिनों में संक्रमण के एक लाख मामले सामने आ रहे थे। कोरोना वायरस की भयावह होती स्थिति के बीच मंगलवार को संक्रमितों की संख्या 15 लाख के आंकड़ें को भी पार कर गयी।

कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इन राज्यों में से बंगाल में सबसे कम 2294 मामले सामने आये।

इस दौरान चिंता की बात यह रही कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर आज 64.40 फीसदी रही जो मंगलवार को 64.53 फीसदी रही थी। मृत्यु दर भी पहले के 2.23 प्रतिशत की तुलना में आज घटकर 2.21 फीसदी पर आ गयी।

देर शाम विभिन्न राज्यों के आंकड़ों में महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में रिकार्ड नये मामले आये। इन सात राज्यों समेत पूरे देश में 50 हजार से अधिक नये मामले तथा 767 और लोगों की मौत हुई है।

‘कोविड19 इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 15,87,219 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है। इस प्रकार सुबह से लेकर देर रात तक 55,098 नये मामले आ चुके हैं। इस दौरान 31,555 और लोगों के संक्रमण से निजात पाने के बाद अब तक कुल 10,20,337 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 35,000 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 5,28,467 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इस प्रकार बीमार मरीजों की तुलना में ठीक हुए रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 4.91 लाख के पार पहुंच गयी है। फिलहाल यह अंतर 4,91,870 है।

देश में वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के पॉजिटिव मामले आने की दर (पाॅजिटिविटी दर) 8.07 प्रतिशत है और केंद्र सरकार राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश के साथ मिलकर इसे पांच प्रतिशत से कम करने के लिये प्रयासरत है।

देश के 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत रिकवरी दर से अधिक दर्ज की गयी है। राजधानी दिल्ली 89 फीसदी रिकवरी दर के साथ शीर्ष पर है।

देशभर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस कोविड-19 के 4,08,855 नमूनों की जांच की गयी।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या 1,77,43,740 हो गयी है। देश में कोरोना परीक्षण लैब की संख्या 1,316 हो गयी है।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक:3 के दिशा-निर्देश आज जारी कर दिये जिसके तहत रात का कर्फ्यू हटा दिया गया है लेकिन स्कूल-कालेज, मेट्रो, सिनेमा हॉल,तरणताल और बार बंद रखने का निर्णय किया गया है। मंत्रालय के अनुसार ये दिशा-निर्देश एक अगस्त से प्रभावी होंगे जो 31 अगस्त तक जारी रहेंगे। योग संस्थान और जिम को पांच अगस्त से खोलने का अनुमति दी गयी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाये जा सकेंगे लेकिन वहां सोशल डिस्टेस्टिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों और किसी भी राज्य के भीतर लोगों अथवा सामान की आवाजाही के लिए अलग से कोई अनुमति अथवा ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजक, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन तथा बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।

00सभी कंटेनमेंट जोन में लाॅकडाउन के प्रतिबंधों का 31 अगस्त तक कड़ाई से पालन किया जाएगा और कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी तरह की गतिविधियों की अनुमति होगी।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन के भीतर कड़ा पेरीमीटर नियंत्रण लागू किया जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की ही अनुमति दी जाएगी। इन कंटेनमेंट जोन की जानकारी संबंधित जिलाधिकारियों और सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों की वेबसाइटों पर साझा की जाएगी।

बुधवार को जारी दिशानिर्देश के बारे में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से उनकी प्रतिक्रियायें मांगी गईं थी और इनको लेकर संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों से भी व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख के पार

देश में कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 9,211 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार रात बढ़कर चार लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह भी है कि मरीजों की रिकवरी दर में निरंतर सुधार जारी है जिसके कारण स्वस्थ लोगों की संख्या 2.39 लाख से अधिक हो चुकी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 4,00,651 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। इस दौरान 298 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14,463 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में 7478 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 2,39,755 हो गयी है।

आंध्र में कोरोना के रिकॉर्ड 10,000 से अधिक मामले

आंध्र प्रदेश में कोरोना महामारी का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है और पिछले 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 10,000 से अधिक मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार को 1.20 लाख के पार पहुंच गयी तथा 65 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 1,213 हो गया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में अब तक के सर्वाधिक तथा पूरे देश में महाराष्ट्र के बाद संक्रमण के इतने मामले एक साथ आये हैं। पूरे राज्य में 10,093 मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या अब 1,20,390 हो गयी है।

इस दौरान 2,784 मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की तादाद 55,406 तक पहुंच गयी है। सूत्रों के मुताबिक अभी 63,771 सक्रिय मामले हैं जो मंगलवार को 56,527 थे और मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित आंध्र संक्रमण के मामले में पूरे देश में फिलहाल चौथे स्थान पर पहुंच गया है। आंध्र महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं दिल्ली के बाद देश का चौथा राज्य है जहां एक लाख से अधिक मामले सामने आये हैं।

कर्नाटक में कोरोना मामले 1.12 लाख के पार, 2100 से अधिक की मौत

कर्नाटक में पिछले चार दिनों से लगातार पांच हजार से अधिक मामले दर्ज होने और पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 5503 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1.12 लाख के पार पहुंच गयी तथा कोरोना वायरस से 90 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 2100 से अधिक हो गया।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,12,504 हो गयी है। इस दौरान मृतकों का आंकड़ा 2,147 हो गया है।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 2.35 लाख के करीब, रिकवरी दर में सुधार

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और 6993 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद बुधवार को संक्रमितों की संख्या 2.35 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले लोगों की दर में इजाफा हो रहा है।

राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज बढ़कर 73.84 फीसदी पर आ गयी जो मंगलवार को 73.32 प्रतिशत रही थी। मृत्यु दर घटकर 1.63 प्रतिशत पहुंच गयी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की संख्या 2,34,114 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 82 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 3,741 हो गयी है।

सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 5927 और मरीज स्वस्थ हुए हैं और ठीक हुए कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,72,883 हो गयी है। राज्य में फिलहाल 57,490 सक्रिय मामले हैं जो मंगलवार को 57,073 थे।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में तमिलनाडु देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30 हजार के पार हुई,रिकार्ड 917 नए मामले सामने आए,मौत का आंकड़ा 844 हुआ, भोपाल अब इंदौर से आगे निकला attacknews.in

भोपाल, 29 जुलाई ।मध्यप्रदेश में रिकार्ड 917 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 30134 तक पहुंच गयी, जिसमें से 20934 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।अब तक 844 मरीजो की संक्रमण से मौत हो चुकी है ।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात यहां I’mजारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना के रिकार्ड 917 नए मामले मिलने के बाद कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर अब 30134 तक पहुंच गयी। वहीं 591 मरीज के स्वस्थ होने के बाद अब तक इस बीमारी से 20934 मरीज ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 8356 एक्टिव मरीज हैं, जिनका उपचार विभिन्न अस्पताल में चल रहा है।

कोरोना के ‘एक्टिव केस’ में भोपाल अब इंदौर से आगे

कोरोना संक्रमण के मामलों में पिछले एक माह के दौरान काफी तेजी से वृद्धि हुयी है और एक्टिव केस (अस्पताल में उपचाररत मरीज) के मामले में अब भोपाल जिला, इंदौर जिले से आगे निकल गया है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार इंदौर में कोरोना के एक्टिव केस 2016 हैं, जबकि भोपाल जिले में यह 2023 हो गए हैं। हालाकि इंदौर जिले में कुल संक्रमितों की संख्या राज्य में वर्तमान में भी सबसे अधिक है। भोपाल दूसरे क्रम पर बना हुआ है।

तुलसीराम सिलावट कोरोना संक्रमित

मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ से संक्रमित पाये गए हैं। मंगलवार रात ट्वीट कर उन्होंने स्वयं के संक्रमित होने की जानकारी दी है।

इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक एवं राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और उनकी पत्नी कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी हैं।

मंत्री ने ट्वीट कर लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर उन्होंने कोविड 19 का टेस्ट कराया गया था। टेस्ट में वे और उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित पाये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी दोनों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है।
उनका इलाज भी प्रारंभ कर दिया गया है।

इंदौर में कोरोना के 74 नये मामले

इंदौर जिले में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के 74 नये मामले सामने आने के बाद यहां एक्टिव (उपचाररत) रोगियों की संख्या 2016 तक जा पहुंची हैं।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ पूर्णिमा गाडरिया ने कल रात बुलेटिन जारी कर बताया कि जिले के अब तक एक लाख तैंतीस हजार सात सौ पचपन लोगों की प्राप्त कोरोना जांच रिपोर्ट में से अब तक 7132 संक्रमित पाये गये हैं। इसी में शामिल 1155 सैंपल के टेस्ट में से कल 74 संक्रमित पाये गए। जिले में कोरोना संक्रमण से दो और मौत के बाद मरने वालों की संख्या 308 तक जा पहुंची है।

उधर राहत की खबर है कि यहां अस्पताल में उपचाररत 50 रोगियों को स्वस्थ हो जाने पर छुट्टी दी गई है, जिसके साथ यहां उपचार के बाद 4808 रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसी क्रम में एेहतियातन संस्थागत क्वारेंटाइन किये गए संदेहियों में से अब तक 5101 लोग स्वस्थ पाये जाने पर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं।

छिंदवाड़ा में चार दिन के लिए लाॅक डाउन

छिंदवाड़ा जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकरण के बीच एक अगस्त से चार दिन के लिए लॉकडाउन लगाया जायेगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कलेक्टर सौरव कुमार सुमन ने आगामी 1 अगस्त से 4 अगस्त तक लाॅक डाउन रखने के आदेश दिए है। साथ ही प्रदेश स्तरीय रविवार लाॅक डाउन के साथ ही शनिवार को भी लाॅक डाउन रखने व रोजाना कर्फ्यू की अवधि रात्रि 9 बजे से सुबह पांच बजे तक किए जाने की घोषणा की है।

कोरोना संक्रमित महिला की मौत

सतना जिले में कोरोना संक्रमित एक महिला की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहां के धवारी निवासी एक महिला की रीवा मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान कल मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर नगर निगम में कार्यरत एक व्यक्ति और उसके दो बेटों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गये।

भोपाल में रिकार्डतोड़ कोरोना के 246 नये मामले

राजधानी भोपाल में दिनों दिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच आज रिकार्डतोड़ 246 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गये। इन मरीजों को मिलाकर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6108 हो गई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज मिले कोरोना जांच रिपोर्ट में रिकार्डतोड़ 246 कोरोना के नए पॉजिटिव मरीज मिले है। इन मरीजों को मिलाकर जिले में अब 6108 कोरोना के मरीज पाए गये हैं। राहत की खबर यह है कि इन मरीजों में से 3747 मरीज ठीक होकर घर पहुंच गये है। वहीं वर्तमान में 2197 कोरोना संक्रमित मरीजों (एक्टिव) का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। जिले में इस महामारी के कारण अब तक 164 लोगों की मौत हो चुकी है। आज भी 62 लोग अस्पताल से स्वस्थ होकर घर पहुंच रहे है।

सागर कलेक्टर की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव

सागर जिले के कलेक्टर दीपक सिंह की कोरोना संक्रमित रिपोर्ट नेगेटिव आई है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार कलेक्टर श्री सिंह होम क्वारंटाइन रहेंगे कलेक्ट्रेट कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाने के पश्चात कलेक्टर ने सेम्पल देकर कोरोना की जांच कराई थी, जो नेगेटिव आई है, किंतु एहतियात के तौर पर कलेक्टर होम क्वारंटाइन हो गए हैं।

लॉकडाउन आगे बढ़ाने के बारे में सोचेंगे-नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ाने के  बजाय दूसरे विकल्पों पर भी विचार करेगी।

डॉ मिश्रा ने आज ट्वीट के जरिये कहा है ‘मुझे नहीं लगता कि लॉकडाउन की अवधि अब और आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। लाॅकडाउन की तारीख आगे बढ़ाने के बजाय सरकार दूसरे विकल्पों पर भी विचार करेगी। जब कोई और विकल्प कारगर नहीं लगेगा तभी लाॅकडाउन आगे बढ़ाने के बारे में सोचेंगे।

बड़वानी जिले में 102 संक्रमित मिले

बड़वानी जिले में एक ही दिन में 102 कोरोना संक्रमित पाये गये हैं जो निमाड़ क्षेत्र में एक दिन में सर्वाधिक हैं।

अधिकृत जानकारी के अनुसार कल देर रात बड़वानी जिले के 13 कस्बों में 102 और संक्रमित पाए गए हैं। यह 1 दिन में सम्पूर्ण निमाड़ क्षेत्र में पाए जाने वाले संक्रमितों की सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही बड़वानी जिले में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 536 हो गई है, जिसमें से 238 को उपचारित किया जा चुका है और 6 लोगों की मृत्यु हुई है।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने की आत्महत्या

छतरपुर में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति ने इलाज के लिए बनाए गए विशेष केंद्र में आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यहां कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बनाए गए विशेष केंद्र में कल रात समीर नाम के व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दो तीन दिन पहले इस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी थी और विशेष केंद्र में इसका इलाज किया जा रहा था।

पर्यटन निगम के होटल्स बनेंगे क्‍वारंटीन सेंटर: केशरी

मध्यप्रदेश में स्थित राज्‍य पर्यटन विकास निगम की होटल्स को अब पेड क्वारंटीन सेंटर के रूप में भी उपयोग किया जायेगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मध्‍यप्रदेश पर्यटन के अपर मुख्‍य सचिव आईसीपी केशरी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि पर्यटन निगम की प्रदेश के अनेक शहरों में होटल्‍स संचालित हैं, जिन्‍हें हमने अब पेड क्वारंटीन सेंटर के रूप में उपयोग करने के लिए निर्णय लिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आये व्‍यक्तियों अथवा उनके परिजनों को क्वारंटीन होने की सलाह दी जाती है अथवा वह स्‍वयं क्‍वारंटीन होना चाहते हैं, उनकी सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये निगम प्रबंधन ने निगम की पांच होटल्स को क्‍वारंटीन सेंटर के रूप में स्‍थापित करने का फ़ैसला लिया है।

नीमच में मिले 14 नए कोरोना संक्रमित मरीज

नीमच जिले में आज प्राप्त कोरोना रिपोर्ट में 14 नए संक्रमित पाए गए, जिसके बाद यहां इससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 678 तक पहुंच गयी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार दोपहर तक इंदौर लैब से 14 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इनमें 10 नीमच, 3 जावद औऱ 1 व्यक्ति जीरन क़े है। इन्हें मिला कर जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 678 हो गई है। जबकि 11 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। अभी तक सामने आए कोरोना पीड़ितों में नीमच के 247 जावद के 340 एवं 39 व्यक्ति उम्मेदपुरा एवं तारापुर के 35 मनासा, 7 गिरदौडा तथा बाकी अन्य स्थानों के हैं।

भोपाल से सिवनी आया युवक निकला पॉजिटिव

सिवनी जिला मुख्यालय के इंद्रहंस नगर में भोपाल से आया युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसे मिलाकर अब सिवनी जिले में कुल 41 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिल चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के सी मेश्राम ने बताया कि सिवनी नगरीय क्षेत्र के इंद्रहंस नगर के 29 वर्षीय युवक की आईसीएमआर जबलपुर से कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। उक्त युवक 26 जुलाई को भोपाल से सिवनी आया था। अब सिवनी जिले में मिले कोरोना संक्रमितों की संख्या कुल 41 हो चुकी है।

आशा सहयोगिनी के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर 70 बच्चों की हुयी जांच

खरगोन जिले के बरुड़ में आशा सहयोगिनी के संक्रमित पाए जाने के उपरांत 70 बच्चों की जांच हुयी है।

विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर धीरेंद्र पवार ने बताया कि 50 वर्षीय आशा सहयोगिनी 24 जुलाई को ग्राम बरुड़ में बच्चों को विभिन्न नर्सों द्वारा विटामिन ए के सीरप पिलाने के दल की मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग कर रहीं थीं। उसी रात उनको बुखार आया और अगले दिन उनकी कोरोना सैंपलिंग की गई और वे होम क्वारन्टीन हो गयीं। उनकी टेस्ट रिपोर्ट 27 को पॉजिटिव आने पर उनके परिवार और पड़ोसियों की भी जांच की गई। इसमे उनके परिवार के 4 और पड़ोस के 3 लोग संक्रमित पाए गए।

सीहोर में 28 नए लोगों में कोरोना संक्रमण

सीहोर जिले में आज 28 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 253 तक पहुंच गयी है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर कुमार डेहरिया के अनुसार अभी तक जिले में 253 कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव केस पाए गए हैं। इनमें से 96 मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट गए हैं। वहीं, 149 का इलाज कोरोना से सेंटर में चल रहा है। जिले अभी तक 8 लोगों की मौत इस बीमारी के चलते हुयी है।

सतना में कल मध्य रात्रि से पांच अगस्त तक लॉकडाउन

सतना जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा कल मध्य रात्रि से आगामी पांच अगस्त तक के लिए लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित कोरोना की समीक्षा बैठक में कल यानी 30 जुलाई की मध्य रात्रि से 5 अगस्त तक संपूर्ण जिले में लाकडाउन लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सिवनी में 31 जुलाई से 5 अगस्त तक टोटल लॉकडाउन

सिवनी जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए 31 जुलाई रात्रि 8 बजे से 5 अगस्त की सुबह 5 बजे तक के लिए टोटल लाॅकडाउन के आदेश दिए गए हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार आज शाम कलेक्टर डाॅ. राहुल हरिदास फटिंग ने यह आदेश जारी किया। जारी आदेशानुसार टोटल लाॅकडाउन की इस अवधि में किसी भी व्यक्ति को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नही होगी। अति आवश्यक सेवा वाले विभाग आदि के अतिरिक्त समस्त शासकीय और अशासकीय कार्यालय एवं संस्थाएं तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूर्णतः बंद रहेंगे।

विष्णुदत्त शर्मा भी हुए कोरोना संक्रमण के शिकार

मध्यप्रदेश में शीर्ष नेताओं के कोरोना वायरस कोविड 19 से संक्रमित होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए।

श्री शर्मा कोरोना संबंधी दूसरी बार की जांच में संक्रमित पाए गए। पहली जांच हाल ही में करायी गयी थी, जो निगेटिव आयी थी। रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उनके उपचार आदि की व्यवस्थाएं तत्काल की गयीं।

नरसिंहपुर में मिले 16 नए कोरोना पाॅजिटिव

नरसिंहपुर में आज कोरोना के 16 नए मरीज सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 163 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार 31 व्यक्तियों की रिपोर्ट में 15 निगेटिव एवं 16 पाॅजिटिव केस सामने आए है, जो सबसे अधिक 11 गोटेगांव तहसील के करकबेल इलाके के हैं। अभी तक 163 कुल केस सामने आए हैं, जिसमें 93 स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं। एक की मौत हो चुकी है तथा एक्टिव केस की संख्या 69 हो गयी है।

कोरोना मरीज डेढ़ किलोमीटर पैदल चल पहुंचा अस्पताल

बड़वानी जिले के अंजड़ कस्बे में आज कोविड-19 पॉजिटिव युवक के डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलकर अस्पताल तक चलने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के बाद पूरे रास्ते को सैनिटाइज कराया गया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल रात्रि अंजड़ में 12 लोगों की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसमें वार्ड क्रमांक 8 का एक युवक भी शामिल था। आज सुबह युवक को कथित तौर पर शासकीय अस्पताल द्वारा इस बारे में सूचित किया गया था। इस पर वह बैग लेकर अपने घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर शासकीय अस्पताल पैदल चले गया।

शिवपुरी में मिले 2 नए मरीज

शिवपुरी में आज 2 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 281 हो गयी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से आज रात कोरोना बुलेटिन में बताया गया है कि आज दो मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 281 हो गई है तथा आज तक 250 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। आज दो पॉजिटिव आए मरीजों में एक शिवपुरी का तथा 1 जिले के करैरा क्षेत्र का बताया गया है।

सागर में कोरोना के दो मरीज की मौत, पंद्र नए मामले मिले

सागर में आज जहां एक ओर कोरोना से दो मरीजों की मौत हो गयी, वहीं जांच रिपोर्ट में 15 नए लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार दो नए मरीज की मृत्यु के बाद अब तक इस बीमारी से 32 लोग जान गवां चुके हैं। वहीं पंद्रह नए मामले मिलने के बाद यहां अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 634 हो गयी, जिसमें से 490 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुँच चुके हैं। वर्तमान में 74 बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में उपचाररत हैं।

कोरोना संक्रमित बंदियों के लिये 14 जिलों में अस्थाई जेल: मिश्रा

मध्यप्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि जेलों में कोरोना संक्रमण प्रसार को रोकने के लिये कैदियों के कोरोना टेस्ट के बाद ही उन्हें जेल की बैरकों में रखा जायेगा।

आधिकारिक जानकारी में श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण अथवा कोरोना के लक्षण पाये जाने पर उन्हें प्रथक से तैयार की गई अस्थाई जेल में रखा जायेगा। प्रदेश में इंदौर के अतिरिक्त अन्य 13 जिलों में अस्थाई जेल बनाने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर में शासकीय पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास ग्राम असरावद खुर्द को अस्थाई जेल घोषित किया गया है।

कोरोना की भावी रणनीति ‘लॉकडाउन माइनस’ हो: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की भावी रणनीति ‘लॉकडाउन माइनस’ होना चाहिए, अर्थात ऐसी रणनीति बनाई जाए जिसमें बिना लॉक डाउन किए कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके, हमें हमारी अर्थव्यवस्था को गतिमान भी करना है।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान आज चिरायु अस्पताल से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें पूरी तरह जनता को कोविड-19 के संबंध में जागरूक करना होगा तथा सर्वोत्तम उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। प्रदेश में जनता के स्वास्थ्य रक्षा के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।

मुंबई में कोरोना से 922 पुलिस अधिकारियों समेत 8958 पुलिसकर्मी संक्रमित, 98 की मौत,महानगरी में संक्रमितों की संख्या 1.11लाख के पार हुई attacknews.in

मुंबई ,29 जुलाई । मुंबई में 922 पुलिस अधिकारियों समेत कुल 8958 पुलिसकर्मी अब तक कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित हो चुके हैं तथा आठ अधिकारियों सहित 98 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो चुकी है।

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 236 और पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित पाये गये तथा एक और जवान की मौत हो गयी। अब तक 708 अधिकारियों समेत 6962 पुलिसकर्मी को कोरोना से जंग जीतने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी जा चुकी है।

मुंबई में फिर से 1100 से अधिक मामले, रिकवरी दर में आंशिक कमी

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मंगलवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) के केवल सात सौ मामले सामने आने से लोगों ने राहत महसूस की थी लेकिन बुधवार को फिर से 1109 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 1.11 लाख के पार पहुंच गयी तथा चिंता की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर में आंशिक गिरवाट दर्ज की गयी है।

मंगलवार को मुंबई में कोरोना के केवल 700 मामले आये थे जो पिछले तीन माह के दौरान सबसे कम थे। इसके साथ ही मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी करीब दो फीसदी का इजाफा भी हुआ था।

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ “राफेल” लड़ाकू विमानों के भारत की सीमा पर पहुंचते ही “सुखोई”लड़ाकू विमानों ने अगवानी की,अंबाला वायुसेना स्टेशन पर पहुंचते ही भारतीय वायुसेना के बड़े में शामिल attacknews.in

अंबाला (हरियाणा), 29 जुलाई । भारत को पिछले करीब दो दशक में बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमानों के रूप में मिली। इससे पूर्व, भारत ने दो दशक से भी ज्यादा पहले रूस से सुखोई लड़ाकू विमान खरीदे थे। राफेल के वायुसेना की स्क्वाड्रन में शामिल होने से देश की वायु शक्ति को चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच सामरिक बढ़त हासिल हो गई है।

निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले राफेल लड़ाकू विमानों को दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस से रवाना होकर पांच विमानों का यह बेड़ा बुधवार अपराह्न तीन बजकर दस मिनट पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला वायुसेना स्टेशन में उतरा। इन्होंने फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से अंबाला तक 7,000 किलोमीटर की दूरी तय की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप पहुंचने पर इनका स्वागत किया और कहा कि देश की रक्षा के समान न तो कोई पुण्य, न कोई व्रत और न ही कोई यज्ञ है।

मोदी ने संस्कृत में ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम्!।’’

इसका अर्थ है, ‘‘राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं है, नहीं हैं, नहीं है।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी को भारतीय वायुसेना की नयी क्षमताओं से चिंतित होना चाहिए तो, उन्हें होना चाहिए जो ‘‘हमारी अखंडता’’ को नकुसान पहुंचाना चाहते हैं।

माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष के बाद रक्षा की मंत्री की आज की यह टिप्पणी अप्रत्यक्ष रूप से चीन के लिए संदेश है।

रक्षा मंत्री द्वारा अपने ट्वीट में लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल किया गया शब्द ‘बर्ड’ (चिड़िया) वायुसेना के सामान्य शब्दकोश का हिस्सा है और वहां लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ कहा जाता है।

राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी अगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए। राफेल के उतरने पर उन्हें यहां पानी की बौछार से परंपरागत सलामी दी गई।

गौरतलब है कि वायुसेना की परंपरा के अनुसार, किसी भी विमान की पहली और अंतिम उड़ान के समय, और वायुसेना के पायलटों तथा एटीसी अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें पानी की बौछार से सलामी दी जाती है।

सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नए अध्याय की शुरुआत है। ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे।’’

राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।

गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था।

दसाल्ट एविएशन के साथ आनन-फानन में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में अहम सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास लड़ाकू स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या कम से कम 42 के मुकाबले फिलहाल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं।

अंबाला पहुंचे पांच राफेल विमानों में से तीन राफेल एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जिसे‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है।

दो सीट वाले विमान प्रशिक्षण विमान हैं तथा एक सीट वाले विमानों का इस्तेमाल युद्धक अभियानों में किया जाता है।

सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है, जिनमें से पांच प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुक रहे हैं। सरकार ने कहा कि खरीदे गए सभी 36 राफेल विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक भारत को हो जाएगी।

राफेल विमानों को आसमान में उनकी बेहतरीन क्षमता और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के लिए जाना जाता है। करीब 23 साल पहले रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद भारत ने पहली बार लड़ाकू विमानों की इतनी बड़ी खेप खरीदी है।

इन विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले अस्त्रों से लैस किया जा सकता है। राफेल लड़ाकू विमानों को जिन मुख्य अस्त्रों से लैस किया जाएगा, उनमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की, दृष्टि सीमा से परे लक्ष्यों पर भी हवा से हवा में वार करने में सक्षम मेटयोर मिसाइल, स्कैल्प क्रूज मिसाइल और मिका हथियार प्रणाली शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमानों का साथ देने के लिए मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली, हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम अत्याधुनिक हथियार प्रणाली ‘हैमर’ भी खरीद रही है।

हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्स्टेंडेड रेंज) लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली क्रूज मिसाइल है, जिसका निशाना अचूक है और इसे फ्रांस की रक्षा कंपनी सैफरॉन ने विकसित किया है। इस मिसाइल को मूल रूप से फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए डिजाइन किया गया और बनाया गया था।

मेटयोर हवा से हवा में मारक क्षमता रखने वाली बीवीआर मिसाइलों का अत्याधुनिक संस्करण है और इसे हवा में होने वाले युद्ध के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसे एमबीडीए ने ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के समक्ष मौजूद संयुक्त खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि मेटयोर में एक अनूठी रॉकेट-रैमजेट मोटर लगी है जो इसके इंजन को अन्य मिसाइलों की तुलना में ज्यादा देर तक ऊर्जा/ईंधन मुहैया करती है।

हालांकि, इन पांच राफेल विमानों को आज अंबाला पहुंचने के बाद से ही 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल किया जा रहा है, लेकिन इन्हें अगस्त के मध्य में एक औपचारिक समारोह आयोजित कर भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा घोषित किया जाएगा। उस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश की सेना के शीर्ष अधिकारियों के उपस्थित रहने की संभावना है।

फ्रांस से सोमवार को उड़ान भरने के बाद इन पांचों विमानों का बेड़ा अंबाला तक के 7,000 किलोमीटर लंबे सफर के बीच, सिर्फ एक बार, संयुक्त अरब अमीरात के अल दाफ्रा एयरबेस पर उतरा।

फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, इन विमानों में 30,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरने के दौरान ही फ्रांसीसी टैंकर ने ईंधन भरा।

भारत को पहला राफेल जेट अक्टूबर, 2019 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फ्रांस दौरे पर सौंपा गया था।

राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन में रहेगी, वहीं दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसेना स्टेशन में तैनात होगी।

अंबाला एयरबेस को देश में भारतीय वायुसेना के सामरिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण वायुसेना स्टेशनों में से एक माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान की सीमा करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर है।

प्रशासन ने अंबाला एयरबेस के आसपास निषेधाज्ञा लगा दी थी और तस्वीरें लेने तथा वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाया था। एयरबेस के आसपास तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था।

वायुसेना ने अंबाला और हासीमारा एयरबेस पर शेल्टर, हैंगर और मरम्मत/देखभाल संबंधी अवसंरचना विकसित करने में करीब 400 करोड़ रुपये निवेश/खर्च किए हैं।

भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं, उनमें से 30 लड़ाकू विमान और छह प्रशिक्षण विमान हैं। प्रशिक्षु विमानों में दो सीटें हैं और उनमें लड़ाकू विमानों के लगभग सभी फीचर मौजूद हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के भारत आने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि हर देशभक्त को यह पूछना चाहिए कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1,670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल का भारत में स्वागत ! वायुसेना के जाबांज लड़ाकों को बधाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज हर देशभक्त यह ज़रूर पूछे कि 526 करोड़ रुपये का एक राफेल अब 1,670 करोड़ रुपये में क्यों ? 126 राफेल की बजाय 36 राफेल ही क्यों ? मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन फ्रांस क्यों ? 5 साल की देरी क्यों ?’’

पूर्व सेना अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने राफेल लड़ाकू विमान को भारत के पड़ोसी ‘दुश्मन’ देशों के लिये सिरदर्द बनकर दबाव बढ़ाने वाला करार दिया attacknews.in

नईदिल्ली/अंबाला/जम्मू 29 जुलाई ।अंबाला एयरबेस में राफेल विमानों के बेड़े के आगमन पर बुधवार को रक्षा विशेषज्ञों ने इसे भारत के लिए गौरवशाली क्षण करार दिया और इसे दुश्मन के लिए दबाव बढ़ाने वाला करार दिया है।

पूर्व सेना अधिकारियों की राय में ‘सुपर मशीन’ (राफेल) को शामिल करने से देश के सशस्त्र बलों, विशेष रूप से भारतीय वायु सेना को और मजबूती मिली है।

राफेल विमान भारत के लिए निर्णायक भूमिका निभाएंगे : विशेषज्ञ

इधर रक्षा विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि सटीक वार, बेजोड़ ताकत और बहुउद्देशीय भूमिका के लिए दुनिया भर में चर्चित राफेल विमानों से भारत की वायु सेना की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। खासकर, पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से सामना करते वक्त इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी ।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के मद्देनजर राफेल विमानों को बेड़े में शामिल करने का समय भी बहुत अहम है ।

उन्होंने कहा कि वायु सेना के बेड़े में 36 राफेल विमानों को शामिल किया जाना भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि ऐसी दक्षता और बेजोड़ इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली वाला विमान पड़ोस में किसी भी देश के पास नहीं है। वायु रक्षा, बेहद सटीकता से हमले, जहाज रोधी हमले की खासियत समेत इसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 मैक है।

अमेरिका के एफ-35 और एफ-22 लड़ाकू विमानों से भी इसकी तुलना की जाती है ।

पिछले कुछ वर्षों में राफेल ने अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में अपना दमखम दिखाया है। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जिसके पास यह अत्याधुनिक विमान है।

एफ-35 से तुलना पर विशेषज्ञों ने कहा कि राफेल ज्यादा फुर्तीला है क्योंकि यह लंबे समय तक हथियारों को लेकर उच्च गति के साथ उड़ान भर सकता है। हालांकि वैमानिकी और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली के मामले में एफ-35, राफेल से आगे है।

रक्षा विशेषज्ञ लक्ष्मण बेहेरा ने बताया, ‘‘वैश्विक बाजार में उपलब्ध यह सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है । चीन में उपलब्ध लड़ाकू विमानों की तुलना में यह अत्याधुनिक है और मारक क्षमता भी अधिक है । निश्चित तौर पर भारत की रक्षा तैयारियों को इससे बढ़ावा मिलेगा। राफेल के आगमन का समय भी बिल्कुल उपयुक्त है।’’

चीन के लड़ाकू विमान जे-20 के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी तुलना राफेल से नहीं की जा सकती क्योंकि फ्रांस निर्मित विमान चीनी लड़ाकू विमान की तुलना में ज्यादा दक्ष है।

पूर्व वायु सेना प्रमुख फली होमी मेजर ने भी डॉ़ बेहेरा की राय से सहमति प्रकट की ।

पूर्व वायु सेना प्रमुख ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘राफेल और जे-20 के बीच कोई तुलना नहीं है । दुनिया जे-20 के बारे में नहीं जानती है । राफेल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमता को और बढ़ाएंगे । ’’

मनोहर पर्रिकर रक्षा अनुसंधान और विश्लेषण संस्थान में अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. बेहेरा ने कहा, ‘‘36 राफेल विमान आ जाने पर क्षेत्र में भारत के पास बेजोड़ हवाई ताकत होगी। भारत के लिए यह निर्णयकारी भूमिका अदा करेगा । ’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन ने लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल किए जाने का जरूर संज्ञान लिया होगा ।

सरकार ने सोमवार को कहा कि सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक हो जाएगी ।

पांच राफेल लड़ाकू विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल

भारतीय वायुसेना की आकाश में मारक क्षमता को और पैनापन देने के लिए बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमान उसके बेड़े में शामिल किये गये।

फ्रांस की दसां के साथ नरेंद्र मोदी सरकार ने 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया है और पहली खेप के रूप में पांच विमान आज पहुंचे। दूसरी खेप में पांच और राफेल अगले कुछ महीनों में आ जाएंगे। उम्मीद है कि 2022 तक सभी 36 राफेल भारत को मिल जायेंगे। इन विमानों को वायुसेना की गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा।

फ्रांस से रवाना पांच राफेल विमानों की अम्बाला में सुरक्षित लैंडिंग

फ्रांस से 36 राफेल युद्धक विमानों की खरीद सौदे की पहली खेप के तहत पांच विमान आज अपराहन करीब साढ़े तीन बजे यहां स्थित वायु सेना केंद्र की नई हवाई पट्टी पर उतरे।

ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के पायलटों की टीम इन पांच विमानों को लेकर यहां पहुंची। इनमें तीन विमान एक सीटर और दो विमान दो सीटर हैं जो एक-एक कर उस नई हवाई पट्टी पर उतरे जो विशेष रूप से इन विमानों के लिये बनाई गई है। वायुसेना प्रमुख आर.के. एस. भदौरिया समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी इन विमानों की अगवानी की। इन विमानों के भारत की जमीन चूमते ही वॉटर जैट की फुहारों से इनका स्वागत किया गया।

अत्याधुनिक राफेल विमानों ने गत सोमवार को फ्रांस के शहर बोर्डो स्थित में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी। करीब 7000 किमी की उड़ान के दौरान इन विमानों को हवा में ही रिफ्यूल किया गया। ये विमान मंगलवार को संयुक्त अरब अमिरात के अल दफ्रा एयरबेस पर उतरे थे। बुधवार पूर्वाहन इन्होंने 11 बजे भारत के लिये उड़ान भरी और भारतीय सीमा में इनके प्रवेश करते ही दो सुखोई 30 विमान इनकी सुरक्षा के लिये आसमान में पहुंच गये और लगभग साढ़े चार घंटे के सफर के बाद इन्हें सुरक्षित अम्बाला वायु सेना केंद्र लेकर पहुंचे। राफेल विमानों ने वायु सेना केंद्र पर इनके लिये विशेष रूप से निर्मित हवाई पट्टी पर सुरक्षित लैंडिंग की।

इन विमानों को वायुसेना के 17वीं स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा जिसे अम्बाला वायु सेना केंद्र एयर बेस पर ‘गोल्डन एरो’ के रूप में भी जाना जाता है। हर तरह की युद्धक क्षमता वाले राफेल विमानों को मिट्योर और स्कॉल्प क्रूज मिसाइलों तथा मीका हथियार प्रणाली जैसे शक्तिशाली हथियारों से लैस किया जा सकता है। राफेल को उड़ा कर लाने वाले पायलटों को फ्रांस में ही लगभग तीन माह का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

राफेल विमानों की यह पहली खेप है। भारत ने फ्रांस से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है और इस सौदे की पहली खेप में ये विमान प्राप्त हुए हैं।

 

राजस्थान राज्यपाल ने अशोक गहलोत सरकार को चौथे प्रस्ताव पर 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दी बशर्ते विश्वास मत की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो attacknews.in

जयपुर 29 जुलाई ।राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी।

राज्य में चल रहे सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत सरकार मंत्रिमडल द्वारा आज रात चौथी बार भेजे गये संशोधित प्रस्ताव को राज्यपाल ने मंजूर करते हुये अगले महीने 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने के आदेश जारी कर दिये।

गहलोत सरकार 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही थी और इससे पूर्व तीन प्रस्ताव राज्यपाल को भेजे गये थे जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि इससे पूर्व राज्यपाल ने जो तीन बिन्दुओं की शर्ते रखी थी। एक, विधानसभा का सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए, जिससे विधानसभा के सभी सदस्यों को सत्र में आने के लिए बराबर समय और मौका मिलना तय हो सके। दो, किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही की जाती है तो, वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक ही होनी चाहिए। यह तय होना चाहिए कि सभी सदस्य अपनी इच्छा से शामिल हों।

तीन, कोरोना महामारी की गाइडलाइंस को देखते हुए यह भी साफ किया जाए कि विधानसभा के सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कैसे रखी जाएगी?

राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का राज्य सरकार का प्रस्ताव लौटाया दिया था:

इससे पहले राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का राज्य सरकार का तीसरा प्रस्ताव भी लौटा दिया था।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्यपाल को कुछ बिंदुओं पर और स्पष्टीकरण देकर यह प्रस्ताव तीसरी बार राजभवन भेजा गया था, लेकिन अभी सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी गयी। हालांकि राज्यपाल ने सशर्त सत्र बुलाने क भरोसा दिलाया था।

यह माना जा रहा था कि राज्यपाल फिलहाल हाउस नहीं बुलाने वाले, लिहाजा इसमें और समय लग सकता है।

कांग्रेस बराबर राजभवन पर सत्र बुलाने के लिये दबाव डाल रही है, लेकिन अभी उसे सफलता नहीं मिल सकी है। इससे टकराव बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी ।

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धनबल के जरिए विधायकों को खरीदकर सरकार गिराने के प्रयास करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं।

सुबह ही राजभवन ने विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल फिर सरकार को वापस भेजी थी, राज्यपाल से मिले गहलोत

आज सुबह राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र आहूत करने की फाइल एक बार फिर सरकार को भेजी । इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को दोपहर में राज्यपाल मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे।

राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने सत्र आहूत करने की पत्रावली सरकार को वापस भेज दी है, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें राज्यपाल ने क्या टिप्पणी की है।

इससे पहले कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि वे कार्यक्रम के बाद राजभवन जाएंगे, क्योंकि विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल राजभवन से आई है। गहलोत के अनुसार ‘वे राज्यपाल महोदय से जानना चाहेंगे कि वे चाहते क्या हैं … ताकि हम उसी ढंग से काम करें। ‘

उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने सत्र बुलाने की फाइल तीसरी बार मंगलवार को राजभवन को भेजी थी।

यह लड़ाई हम जीतेंगे : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में जारी राजनीतिक गतिरोध की ओर संकेत करते हुए बुधवार को कहा कि ‘‘यह लड़ाई हम जीतेंगे।’’ इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार स्थायी व मजबूत है।

गहलोत बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के नये प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा पदभार ग्रहण करने के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

गहलोत ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के सहयोग से, भाजपा के षडयंत्र से, धनबल के प्रयोग से राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र चल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह जो माहौल बना है, उससे चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार स्थायी और मजबूत है।’’

पार्टी से बगावत करने वालों को माफी को लेकर गहलोत ने कहा कि इस बारे में फैसला आलाकमान को करना है। उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई हम जीतेंगे और जिन लोगों ने पार्टी को धोखा दिया है वे या तो वापस आ जायेंगे, माफी मांग लेंगे पार्टी आलाकमान से कि गलती हो गई। आलाकमान जो भी फैसला करे हमें मंजूर होगा, परन्तु हम चाहेंगे जनता के विश्वास को तोड़े नहीं।’’

गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से निपटना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। गहलोत ने कहा, ‘‘राजस्थान की जनता को मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई हमारी प्राथमिकता है। क्योंकि राजनीतिक उठापटक सरकारों की प्राथमिकता नहीं हो सकती है … हमारी पहली प्राथमिकता मानव का जीवन है।’’

राजस्थान संकट बरकरार: विस अध्यक्ष ने अपने अधिकार पर हाईकोर्ट की रोक के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की नयी याचिका attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जुलाई । राजस्थान के राजनीतिक संकट का मामला एक बार फिर बुधवार को उच्चतम न्यायालय पहुंच गया।

विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई मामले में उच्च न्यायालय के 24 जुलाई के आदेश को उच्चतम न्यायालय में आज देर शाम चुनौती दी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने गत शुक्रवार का आदेश जारी करके ‘लक्ष्मण रेखा’ पार की है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि उच्च न्यायालय का यथास्थिति बरकरार रखने का गत शुक्रवार का आदेश देना उच्च न्यायालय का न्यायिक अनुशासनहीनता का द्योतक है।

याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध शीर्ष अदालत से किया है।

गौरतलब है कि गत सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपनी याचिका शीर्ष अदालत से वापस ले ली थी और कहा था कि उच्च न्यायालय के शुक्रवार के आदेश के बाद उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा था कि नये सिरे से अपनी याचिका दायर करेंगे।

अध्यक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दलील दी थी कि उच्च न्यायालय के गत शु्क्रवार के आदेश के बाद पहले के आदेश के खिलाफ याचिका जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह जाता, इसलिए उन्हें इसे वापस लेने की अनुमति प्रदान की जाये।

श्री सिब्बल ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने गत 24 जुलाई को 32 पन्नों का आदेश सुनाया था, जिसमें संविधान की 10वीं अनुसूची की व्याख्या सहित कई सवाल खड़े किये गये हैं। उन्होंने कहा था, “हमें कानूनी विकल्प पर विचार करना है कि आगे क्या करना है।”
न्यायालय ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी थी।

भारत की शिक्षा में शुरू हुआ परिवर्तनकारी युग: मंत्रिमंडल ने नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दी, स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जुलाई ।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में स्कूली एवं उच्च शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित नयी शिक्षा नीति को बुधवार को आखिरकार मंजूरी दे दी जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किये गए हैं, साथ ही शिक्षा क्षेत्र में खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत करने तथा उच्च शिक्षा में साल 2035 तक सकल नामांकन दर 50 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य है ।साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे।

डॉ निशंक ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। नयी शिक्षा नीति मील का पत्थर साबित होगी। शिक्षा नीति पर विचार-विमर्श के दौरान दो लाख 25 हज़ार सुझाव आये। देश के इतिहास में नहीं बल्कि दुनिया के इतिहास में इतने लंबे समय तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ।

नयी शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए ।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है ।

जावेडकर ने इस नयी नीति का स्वागत करते हुए कहा है कि 34 साल बाद देश में नयी शिक्षा नीति आई है। शिक्षा घर-घर का विषय है। इस नीति को देश ही नहीं पूरी दुनिया में सराहना मिलेगी। आज का दिन ऐतिहासिक है।

नयी शिक्षा नीति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। करीब 34 साल के बाद देश को एक बार फिर नयी शिक्षा नीति मिली है।

बैठक के बाद उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिता करवल ने प्रेस वार्ता के दौरान एक प्रस्तुति दी जिसमें नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है ।

नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं । इसमें (लॉ और मेडिकल शिक्षा को छोड़कर) उच्च शिक्षा के लिये सिंगल रेगुलेटर (एकल नियामक) रहेगा । इसके अलावा उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी सकल नामांकन दर पहुंचने का लक्ष्य है ।

नई नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट (बहु स्तरीय प्रवेश एवं निकासी) व्यवस्था लागू किया गया है ।

खरे ने बताया कि आज की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरंग पढ़ने या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी । यह छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला है ।

वहीं, जो छात्र रिसर्च में जाना चाहते हैं उनके लिए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा, जबकि जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे । नयी व्यवस्था में एमए और डिग्री प्रोग्राम के बाद एफफिल करने से छूट की भी एक व्यवस्था की गई है।

उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा, शिक्षा में कुल जीडीपी का अभी करीब 4.43 फीसदी खर्च हो रहा है, लेकिन उसे 6 फीसदी करने का लक्ष्य है और केंद्र एवं राज्य मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करेंगे।

उन्होंने कहा कि हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं के अलावा आठ क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई-कोर्स होगा। वर्चुअल लैब के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा। इसके साथ ही नेशनल एजुकेशन टेक्नॉलोजी फोरम बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। शिक्षा (टीचिंग, लर्निंग और एसेसमेंट) में तकनीकी को बढ़वा दिया जाएगा। तकनीकी के माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।

वहीं, स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवल ने बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के 15 वर्ष हो गए हैं और अब नया पाठ्यचर्या आयेगा । इसी प्रकार से शिक्षक शिक्षा के पाठ्यक्रम के भी 11 साल हो गए हैं, इसमें भी सुधार होगा ।

उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के भार को कम करने की नयी नीति में पहल की गई है। बोर्ड परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है जो वस्तुनिष्ठ और विषय आधारित हो सकता है।

उन्होंने बताया कि शिक्षा का माध्यम पांचवी कक्षा तक मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा या घर की भाषा में हो। बालिकाओं के लिये लैंगिक शिक्षा कोष की बात कही गई है।

करवल ने कहा कि बच्चों के रिपोर्ट कार्ड के स्वरूप मे बदलाव करते हुए समग्र मूल्यांकन पर आधारित रिपोर्ट कार्ड की बात कही गई है। हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा ताकि जब बच्चा 12वीं कक्षा में निकलेगा तो उसके पास पूरा पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा पारदर्शी एवं आनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नए भारत के निर्माण में नई शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी परिवार, राष्ट्र की आधारशिला होती है। नयी शिक्षा नीति को लेकर समाज के सभी वर्गो के 2.25 लाख सुझाव आए और जो सुझाव आए हमने उनका व्यापक विश्लेषण किया ।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था जब निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था ।

गौरतलब है कि वर्तमान शिक्षा नीति को1986 में तैयार किया गया था और इसमें 1992 संशोधन किया गया था । नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था ।

मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया । इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्री स्मृति ईरानी थी ।

Cabinet Approves National Education Policy 2020, paving way for transformational reforms in school and higher education systems in the country

New Policy aims for Universalization of Education from pre-school to secondary level with 100 % GER in school education by 2030

NEP 2020 will bring 2 crore out of school children back into the main stream

New 5+3+3+4 school curriculum with 12 years of schooling and 3 years of Anganwadi/ Pre-schooling

Emphasis on Foundational Literacy and Numeracy, no rigid separation between academic streams, extracurricular, vocational streams in schools ; Vocational Education to start from Class 6 with Internships

Teaching upto at least Grade 5 to be in mother tongue/ regional language

Assessment reforms with 360 degree Holistic Progress Card, tracking Student Progress for achieving Learning Outcomes

GER in higher education to be raised to 50 % by 2035 ; 3.5 crore seats to be added in higher education

Higher Education curriculum to have Flexibility of Subjects

Multiple Entry / Exit to be allowed with appropriate certification

Academic Bank of Credits to be established to facilitate Transfer of Credits

National Research Foundation to be established to foster a strong research culture

Light but Tight Regulation of Higher Education, single regulator with four separate verticals for different functions

Affiliation System to be phased out in 15 years with graded autonomy to colleges

NEP 2020 advocates increased use of technology with equity; National Educational Technology Forum to be created

NEP 2020 emphasizes setting up of Gender Inclusion Fund, Special Education Zones for disadvantaged regions and groups

New Policy promotes Multilingualism in both schools and HEs; National Institute for Pali, Persian and Prakrit , Indian Institute of Translation and Interpretation to be set up

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi approved the National Education Policy 2020 today, making way for large scale, transformational reforms in both school and higher education sectors. This is the first education policy of the 21st century and replaces the thirty-four year old National Policy on Education (NPE), 1986. Built on the foundational pillars of Access, Equity, Quality, Affordability and Accountability, this policy is aligned to the 2030 Agenda for Sustainable Development and aims to transform India into a vibrant knowledge society and global knowledge superpower by making both school and college education more holistic, flexible, multidisciplinary, suited to 21st century needs and aimed at bringing out the unique capabilities of each student.

Important Highlights

School Education

Ensuring Universal Access at all levels of school education

NEP 2020 emphasizes on ensuring universal access to school education at all levels- pre school to secondary. Infrastructure support, innovative education centres to bring back dropouts into the mainstream, tracking of students and their learning levels, facilitating multiple pathways to learning involving both formal and non-formal education modes, association of counselors or well-trained social workers with schools, open learning for classes3,5 and 8 through NIOS and State Open Schools, secondary education programs equivalent to Grades 10 and 12, vocational courses, adult literacy and life-enrichment programs are some of the proposed ways for achieving this. About 2 crore out of school children will be brought back into main stream under NEP 2020.

Early Childhood Care & Education with new Curricular and Pedagogical Structure

With emphasis on Early Childhood Care and Education, the 10+2 structure of school curricula is to be replaced by a 5+3+3+4 curricular structure corresponding to ages 3-8, 8-11, 11-14, and 14-18 years respectively. This will bring the hitherto uncovered age group of 3-6 years under school curriculum, which has been recognized globally as the crucial stage for development of mental faculties of a child. The new system will have 12 years of schooling with three years of Anganwadi/ pre schooling.

NCERT will develop a National Curricular and Pedagogical Framework for Early Childhood Care and Education (NCPFECCE) for children up to the age of 8 . ECCE will be delivered through a significantly expanded and strengthened system of institutions including Anganwadis and pre-schools that will have teachers and Anganwadi workers trained in the ECCE pedagogy and curriculum. The planning and implementation of ECCE will be carried out jointly by the Ministries of HRD, Women and Child Development (WCD), Health and Family Welfare (HFW), and Tribal Affairs.

Attaining Foundational Literacy and Numeracy

Recognizing Foundational Literacy and Numeracy as an urgent and necessary prerequisite to learning, NEP 2020 calls for setting up of a National Mission on Foundational Literacy and Numeracy by MHRD. States will prepare an implementation plan for attaining universal foundational literacy and numeracy in all primary schools for all learners by grade 3 by 2025.A National Book Promotion Policy is to be formulated.

Reforms in school curricula and pedagogy

The school curricula and pedagogy will aim for holistic development of learners by equipping them with the key 21st century skills, reduction in curricular content to enhance essential learning and critical thinking and greater focus on experiential learning. Students will have increased flexibility and choice of subjects. There will be no rigid separations between arts and sciences, between curricular and extra-curricular activities, between vocational and academic streams.

Vocational education will start in schools from the 6th grade, and will include internships.

A new and comprehensive National Curricular Framework for School Education, NCFSE 2020-21, will be developed by the NCERT.

Multilingualism and the power of language

The policy has emphasized mother tongue/local language/regional language as the medium of instruction at least till Grade 5, but preferably till Grade 8 and beyond. Sanskrit to be offered at all levels of school and higher education as an option for students, including in the three-language formula. Other classical languages and literatures of India also to be available as options. No language will be imposed on any student. Students to participate in a fun project/activity on ‘The Languages of India’, sometime in Grades 6-8, such as, under the ‘Ek Bharat Shrestha Bharat’ initiative. Several foreign languages will also be offered at the secondary level. Indian Sign Language (ISL) will be standardized across the country, and National and State curriculum materials developed, for use by students with hearing impairment.

Assessment Reforms

NEP 2020 envisages a shift from summative assessment to regular and formative assessment, which is more competency-based, promotes learning and development, and tests higher-order skills, such as analysis, critical thinking, and conceptual clarity. All students will take school examinations in Grades 3, 5, and 8 which will be conducted by the appropriate authority. Board exams for Grades 10 and 12 will be continued, but redesigned with holistic development as the aim. A new National Assessment Centre, PARAKH (Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development), will be set up as a standard-setting body .

Equitable and Inclusive Education

NEP 2020 aims to ensure that no child loses any opportunity to learn and excel because of the circumstances of birth or background. Special emphasis will be given on Socially and Economically Disadvantaged Groups(SEDGs) which include gender, socio-cultural, and geographical identities and disabilities. This includes setting up of Gender Inclusion Fund and also Special Education Zones for disadvantaged regions and groups. Children with disabilities will be enabled to fully participate in the regular schooling process from the foundational stage to higher education, with support of educators with cross disability training, resource centres, accommodations, assistive devices, appropriate technology-based tools and other support mechanisms tailored to suit their needs. Every state/district will be encouraged to establish “Bal Bhavans” as a special daytime boarding school, to participate in art-related, career-related, and play-related activities. Free school infrastructure can be used as Samajik Chetna Kendras

Robust Teacher Recruitment and Career Path

Teachers will be recruited through robust, transparent processes. Promotions will be merit-based, with a mechanism for multi-source periodic performance appraisals and available progression paths to become educational administrators or teacher educators. A common National Professional Standards for Teachers (NPST) will be developed by the National Council for Teacher Education by 2022, in consultation with NCERT, SCERTs, teachers and expert organizations from across levels and regions.

School Governance

Schools can be organized into complexes or clusters which will be the basic unit of governance and ensure availability of all resources including infrastructure, academic libraries and a strong professional teacher community.

Standard-setting and Accreditation for School Education

NEP 2020 envisages clear, separate systems for policy making, regulation, operations and academic matters. States/UTs will set up independent State School Standards Authority (SSSA). Transparent public self-disclosure of all the basic regulatory information, as laid down by the SSSA, will be used extensively for public oversight and accountability. The SCERT will develop a School Quality Assessment and Accreditation Framework (SQAAF) through consultations with all stakeholders.

Higher Education

Increase GER to 50 % by 2035

NEP 2020 aims to increase the Gross Enrolment Ratio in higher education including vocational education from 26.3% (2018) to 50% by 2035. 3.5 Crore new seats will be added to Higher education institutions.

Holistic Multidisciplinary Education

The policy envisages broad based, multi-disciplinary, holistic Under Graduate education with flexible curricula, creative combinations of subjects, integration of vocational education and multiple entry and exit points with appropriate certification. UG education can be of 3 or 4 years with multiple exit options and appropriate certification within this period. For example, Certificate after 1 year, Advanced Diploma after 2 years, Bachelor’s Degree after 3 years and Bachelor’s with Research after 4 years.

An Academic Bank of Credit is to be established for digitally storing academic credits earned from different HEIs so that these can be transferred and counted towards final degree earned.

Multidisciplinary Education and Research Universities (MERUs), at par with IITs, IIMs, to be set up as models of best multidisciplinary education of global standards in the country.

The National Research Foundation will be created as an apex body for fostering a strong research culture and building research capacity across higher education.

Regulation

Higher Education Commission of India(HECI) will be set up as a single overarching umbrella body the for entire higher education, excluding medical and legal education. HECI to have four independent verticals – National Higher Education Regulatory Council (NHERC) for regulation, General Education Council (GEC ) for standard setting, Higher Education Grants Council (HEGC) for funding, and National Accreditation Council( NAC) for accreditation. HECI will function through faceless intervention through technology, & will have powers to penalise HEIs not conforming to norms and standards. Public and private higher education institutions will be governed by the same set of norms for regulation, accreditation and academic standards.

Rationalised Institutional Architecture

Higher education institutions will be transformed into large, well resourced, vibrant multidisciplinary institutions providing high quality teaching, research, and community engagement. The definition of university will allow a spectrum of institutions that range from Research-intensive Universities to Teaching-intensive Universities and Autonomous degree-granting Colleges.

Affiliation of colleges is to be phased out in 15 years and a stage-wise mechanism is to be established for granting graded autonomy to colleges. Over a period of time, it is envisaged that every college would develop into either an Autonomous degree-granting College, or a constituent college of a university.

Motivated, Energized, and Capable Faculty

NEP makes recommendations for motivating, energizing, and building capacity of faculty thorugh clearly defined, independent, transparent recruitment , freedom to design curricula/pedagogy, incentivising excellence, movement into institutional leadership. Faculty not delivering on basic norms will be held accountable

Teacher Education

A new and comprehensive National Curriculum Framework for Teacher Education, NCFTE 2021, will be formulated by the NCTE in consultation with NCERT. By 2030, the minimum degree qualification for teaching will be a 4-year integrated B.Ed. degree .Stringent action will be taken against substandard stand-alone Teacher Education Institutions (TEIs).

Mentoring Mission

A National Mission for Mentoring will be established, with a large pool of outstanding senior/retired faculty – including those with the ability to teach in Indian languages – who would be willing to provide short and long-term mentoring/professional support to university/college teachers.

Financial support for students

Efforts will be made to incentivize the merit of students belonging to SC, ST, OBC, and other SEDGs. The National Scholarship Portal will be expanded to support, foster, and track the progress of students receiving scholarships. Private HEIs will be encouraged to offer larger numbers of free ships and scholarships to their students.

Open and Distance Learning

This will be expanded to play a significant role in increasing GER. Measures such as online courses and digital repositories, funding for research, improved student services, credit-based recognition of MOOCs, etc., will be taken to ensure it is at par with the highest quality in-class programmes.

Online Education and Digital Education:

A comprehensive set of recommendations for promoting online education consequent to the recent rise in epidemics and pandemics in order to ensure preparedness with alternative modes of quality education whenever and wherever traditional and in-person modes of education are not possible, has been covered. A dedicated unit for the purpose of orchestrating the building of digital infrastructure, digital content and capacity building will be created in the MHRD to look after the e-education needs of both school and higher education.

Technology in education

An autonomous body, the National Educational Technology Forum (NETF), will be created to provide a platform for the free exchange of ideas on the use of technology to enhance learning, assessment, planning, administration. Appropriate integration of technology into all levels of education will be done to improve classroom processes, support teacher professional development, enhance educational access for disadvantaged groups and streamline educational planning, administration and management

Promotion of Indian languages

To ensure the preservation, growth, and vibrancy of all Indian languages, NEP recommends setting an Indian Institute of Translation and Interpretation (IITI), National Institute (or Institutes) for Pali, Persian and Prakrit, strengthening of Sanskrit and all language departments in HEIs, and use mother tongue/local language as a medium of instruction in more HEI programmes .

Internationalization of education will be facilitated through both institutional collaborations, and student and faculty mobility and allowing entry of top world ranked Universities to open campuses in our country.

Professional Education

All professional education will be an integral part of the higher education system. Stand-alone technical universities, health science universities, legal and agricultural universities etc will aim to become multi-disciplinary institutions.

Adult Education

Policy aims to achieve 100% youth and adult literacy.

Financing Education

The Centre and the States will work together to increase the public investment in Education sector to reach 6% of GDP at the earliest.

Unprecedented Consultations

NEP 2020 has been formulated after an unprecedented process of consultation that involved nearly over 2 lakh suggestions from 2.5 lakhs Gram Panchayats, 6600 Blocks, 6000 ULBs, 676 Districts. The MHRD initiated an unprecedented collaborative, inclusive, and highly participatory consultation process from January 2015. In May 2016, ‘Committee for Evolution of the New Education Policy’ under the Chairmanship of Late Shri T.S.R. Subramanian, Former Cabinet Secretary, submitted its report. Based on this, the Ministry prepared ‘Some Inputs for the Draft National Education Policy, 2016’. In June 2017 a ‘Committee for the Draft National Education Policy’ was constituted under the Chairmanship of eminent scientist Padma Vibhushan, Dr. K. Kasturirangan, which submitted the Draft National Education Policy, 2019 to the Hon’ble Human Resource Development Minister on 31st May, 2019. The Draft National Education Policy 2019 was uploaded on MHRD’s website and at ‘MyGov Innovate’ portal eliciting views/suggestions/comments of stakeholders, including public.

1 अगस्त से शुरू अनलॉक 3 में स्कूल कालेज,मेट्रो बंद रहेंगे,रात्रि कर्फ्यू हटा,सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजक, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन तथा बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जुलाई । केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक:3 के दिशा-निर्देश बुधवार को जारी कर दिये जिसके तहत रात का कर्फ्यू हटा दिया गया है लेकिन स्कूल-कालेज, मेट्रो, सिनेमा हॉल,तरणताल और बार बंद रखने का निर्णय किया गया है।

मंत्रालय के अनुसार ये दिशा-निर्देश एक अगस्त से प्रभावी होंगे जो 31 अगस्त तक जारी रहेंगे। योग संस्थान और जिम को पांच अगस्त से खोलने का अनुमति दी गयी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाये जा सकेंगे लेकिन वहां सोशल डिस्टेस्टिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों और किसी भी राज्य के भीतर लोगों अथवा सामान की आवाजाही के लिए अलग से कोई अनुमति अथवा ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजक, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन तथा बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
सभी कंटेनमेंट जोन में लाॅकडाउन के प्रतिबंधों का 31 अगस्त तक कड़ाई से पालन किया जाएगा और कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी तरह की गतिविधियों की अनुमति होगी।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन के भीतर कड़ा पेरीमीटर नियंत्रण लागू किया जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की ही अनुमति दी जाएगी। इन कंटेनमेंट जोन की जानकारी संबंधित जिलाधिकारियों और सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों की वेबसाइटों पर साझा की जाएगी।

बुधवार को जारी दिशानिर्देश के बारे में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से उनकी प्रतिक्रियायें मांगी गईं थी और इनको लेकर संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों से भी व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।

श्री राम मंदिर के भूमि पूजन के समय अयोध्या में होगा दीपोत्सव,मंदिर के लिए 251 फीट उंची प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं राम सुतार ,सज रही है श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या attacknews.in

अयोध्या/नईदिल्ली/लखनऊ , 29 जुलाई ।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी में पांच अगस्त को 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियों के लिये पूरी अयोध्या को सजाया और संवारा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन करेंगे। भूमि पूजन से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के दौरे से पूर्व शनिवार को अयोध्या का दौरा किया। प्रस्तावित राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियों की जायजा लेते हुए उन्होंने संतों के साथ बैठक की।

उन्होंने कहा कि पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद यह शुभ घड़ी आयी है, इसे दीवाली की तरह मनाया जाय। सभी घरों व मंदिरों में दिये जलाये जायं। यानि की दीपावली के पूर्व ही अयोध्या में दीवाली मनायी जायेगी।

मंदिर के भूमि पूजन के समय अयोध्या में होगा दीपोत्सव

अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भूमि पूजन के समय पूरे अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन होगा ।

अयोध्या के नगर आयुक्त नीरज शुक्ल ने आज कहा कि नगी निगम की ओर से चार और पांच बगस्त को 51 ,51 हजार दीये जलाये जायेंगे। नगर निगम हर घर को 21,21 दीये देगा ताकि लोग अपने घरों में दीवाली मना सकें । दीयो के साथ तेल और बाती भी दी जायेगी । दीपोत्सव से कोई भी घर अछूता नहीं रहे इसकी पूरी व्यवस्था की जायेगी ।

अयोध्या में लगने वाली राम प्रतिमा पूरी तरह स्वदेशी होगी

राम की जन्मस्थली अयोध्या में लगने वाली श्री राम की प्रतिमा पूरी तरह से स्वदेशी और सबसे ऊंची होगी ।

प्रतिमा का निर्माण उत्तर प्रदेश में ही किया जायेगा । प्रतिमा का निर्माण पदमभूषण से सम्मानित राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार कर रहे हैं । प्रतिमा की ऊंचाई 251 फिट होगी ।

अयोध्या में आसपास के जिलों में हाई अलर्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्धारा अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के मद्देनजर अयोध्या समेत उसके आसपास के नौ जिलों में हाई अलर्ट कर दिया गया है तथा सभी जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है ।

उच्च पदस्थ पुलिस सूत्रों ने आज यहां कहा कि अयोध्या में आसपास के जिले अंबेडकरनगर,बहराइच,गोंडा,अमेठी,बस्ती,
बारांबकी,महराजगंज,सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है ।

उन्होंने कहा कि हालांकि खुफिया विभाग से कोई इनपुट नहीं है लेकिन ऐहतियात के तौर पर यह किया गया है । यह अधिकारी आज शाम से 6 अगस्त की सुबह तक सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे ।इसके अलावा राजधानी लख्रनऊ समेत अन्य जिलों को भी अलर्ट पर रखा गया है ।

अयोध्या मे मोदी और योगी का भूमि पूजन शुभ : नरेन्द्र गिरी

साधु संतो की जानीमानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोगी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा पूजन किया जाना सर्वथा शुभ है।

श्री गिरी ने बुधवार को कहा कि मोदी कर्म से संत हैं तो योगी भगवाधारी संत है। संतों के हाथ से मंदिर निर्माण के लिए पूजन किया जाना सर्वदा हितकर और शुभ ही होता है। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर देशवासियों में श्रीराम के राज्याभिषेक जैसा माहौल उपजा हुआ है। इसके लिए केन्द्र और सूबे की सरकार की सकारात्मक नीतियां और कार्य प्रमुख है।

कुशीनगर से भी भेजी गई मिट्टी अयोध्या भूमि पूजन में

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में कुशीनगर की पवित्र मिट्टी भी शामिल होगी। जिले के आठ मंदिर व मठों की पवित्र मिट्टी अलग-अलग कलशों में रखकर अयोध्या भेजी जाएगी।
भगवान बुद्ध के निर्वाण स्थल की पवित्र मिट्टी भी इसमें शामिल होगी।विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष सीबी सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आज कुशीनगर से पवित्र मिट्टी अयोध्या के लिए भेज दी गई । पवित्र मिट्टी श्रीराम मंदिर अयोध्या के शिलान्यास में शामिल होगी।

मंदिर की भूमि पूजा के लिये चित्रकूट के भरतकूप का जल आया

अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर की नींव में इस्तेमाल करने के लिए देश के प्रमुख तीर्थ और मंदिरों की मिट्टी और नदियों के जल पहुंचाए जा रहे हैं और इसी कड़ी में चित्रकूट के भरतकूप से पवित्र जल का कलश श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपा गया।

चित्रकूटाधिपति मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर के व्यवस्थापक प्रदीप तिवारी ने महंत नृत्यगोपालदास को कलश सौंपा। उनसे अनुरोध किया गया है कि राममंदिर पूजन में इस जल का भी प्रयोग किया जाए।

रामभक्त अभी अयोध्या नहीं पहुंचें, भविष्य में अवसर मिलेगा: चंपत राय

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने पांच अगस्त को भूमि पूजन के दिन बड़ी संख्या में रामभक्तों के आने की सूचना के बीच बुधवार को अपील की कि कोरोना महामारी की स्थिति में लोग अभी अयोध्या नहीं पहुंचें। भविष्य में किसी अवसर पर मंदिर निर्माण यज्ञ में सभी भक्तों को सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा।

श्री राय ने यहां एक संदेश में कहा कि 1984 में प्रारंभ हुए श्री राम जन्म भूमि मन्दिर निर्माण आन्दोलन में लाखों करोड़ों राम भक्तों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त हुआ हैं। उन सभी की यह स्वाभाविक इच्छा होगी कि वे इस भूमि पूजन के पवित्र ऐतिहासिक अवसर पर प्रत्यक्ष उपस्थित रहें। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भी ऐसी ही भावना थी, हमने ऐसा सोचा भी था किंतु वर्तमान कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति में ऐसा करना असंभव है।

अयोध्या में भूमि पूजन के लिए लिया गया संगम से जल और मिट्टी

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए बुधवार को पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना के संगम से जल और मिट्टी लायी गयी।

संगम से पवित्र जल और मिट्टी को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप)के धर्माचार्य संपर्क प्रमुख शंभु, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने अनुसूचित जनजाति के पुतई लाल के द्वारा वैदिक रीति से पूजन करवाकर एकत्रित करवाया गया। पवित्र जल और मिट्टि को अशोक सिंहल के आवास ‘महावीर भवन’ में रख कर पूजन किया गया। संगम के जल और मिट्टभ् को लेकर वासुदेव वृक्ष की परिक्रमा की गयी।

श्री रामजन्मभूमि पर टाइम कैप्सूल की बात झूठ : चंपत राय

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पहले ज़मीन में दो हजार फुट की गहरायी में एक धातु के बक्से में ‘टाइम कैप्सूल’ गाड़ा जाएगा।

श्री राय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि गत दो दिनों से देश के विविध समाचार माध्यमों में श्री रामजन्मभूमि पर टाइम कैप्सूल रखे जाने की बात की जा रही है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि जमीन के दो हजार फुट नीचे तांबे या अन्य धातु से बने बक्से में श्री राम जन्मभूमि का इतिहास और संघर्ष का लेखा जोखा आने वाले पीढ़ियों के लिये जतन करके रखी जाएगी।

अयोध्या में पुरातात्विक साक्ष्यों की लगेगी प्रदर्शनी

श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पुरातात्विक साक्ष्यों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच अगस्त अयोध्या आयेंगे। वे श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन करेंगे। इस दौरान पुरातात्विक साक्ष्यों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी। भविष्य में यह प्रदर्शिनी दर्शनार्थियों के लिये भी सुलभ होगी।

अयोध्या में रामायण कालीय वृक्षों को किया जायेगा रोपण

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में रामायणकालीन वृक्षों से भरपूर हरियाली हो इसके लिये पौध रोपण किया जायेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में भरपूर हरियाली हो इसके लिये रामायणकालीन वृक्षों से भरपूर पौधरोपण किया जायेगा। परिसर में बाल्मीकि रामायण से वर्णित पौधे अनिवार्य रूप से रोपे जायेंगे। वाल्मीकी रामायण के उत्तर कांड के बयालिसवें सर्ग में इन पौधों का जिक्र किया गया है। देवी सीता को प्रभु राम अशोक वनिका में विहार कराने ले गये थे। इसी प्रसंग में उपवन में लगे पौधों का वर्णन आया है।

भूमि पूजन कार्यक्रम में 200 विशेष अतिथि लेंगे हिस्सा

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिये पांच अगस्त को होने वाले ऐतिहासिक भूमि पूजन में 200 अतिथि हिस्सा लेंगे।

विहिप के सूत्रों ने बताया कि राम जन्मभूमि पर पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी की ईंट से भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। भूमि पूजन में गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम को पवित्र जल और मिट्टी उपयोग में लायी जायेगी।

विहिप पदाधिकारी संगम से लेंगे 11 लीटर जल और मिट्टी

विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) के पदाधिकारी पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के संगम से बुधवार को 11 लीटर जल एवं मिट्टी एकत्र करेंगे।

विहिप के प्रयागराज मीड़िया प्रभारी अश्वनि मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि अयोध्या में होने वाले श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को संगम के जल एवं मिट्टी शिला पूजन के कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा। उन्होने बताया कि संगम से मिट्टी एवं जल 29 जुलाई को सुबह 9.30 बजे एकत्र किया जायेगा।

भूमिपूजन के दिन हरे रंग के नवरत्न जड़ित वस्त्र पहन सकते है रामलला: आर्चाय सत्येन्द्र दास

अयोध्या में होने वाले रामलला के मंदिर के भूमि पूजन के दिन रामलला को हरे या भगवा रंग के नवरत्न जडि़त वस्त्रों को पहनाया जा सकता है।

रामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने मंगलवार को यहां बताया कि रामलला को हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनाये जाते हैं।

उन्होंने बताया कि पांच अगस्त को रामलला को शुभ मुहूर्त के मुताबिक हरे रंग के वस्त्र पहनाये जाते हैं लेकिन भगवान रंग के वस्त्र भी बनाये जा रहे हैं।

अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भक्त दिल खोलकर कर रहे है दान

अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर भक्त दिल खोलकर दान कर रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। भव्य मंदिर की नींव के लिए भक्तों द्वारा सोने और चांदी की ईंटों के अलावा अभी तक 22 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

कर्ण सिंह ने अयोध्या में राम के साथ सीताजी की मूर्ति लगाने की मांग की

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रसिद्ध विद्वान कर्ण सिंह ने कहा है कि सीताजी के बिना भगवान श्रीराम की पूजा अधूरी रह जाती है इसलिए अयोध्या में श्रीराम के साथ ही सीताजी की मूर्ति भी लगाई जानी चाहिए।

श्री सिंह ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि पांच अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास होने वाला है इसलिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रमुख मूर्तियां श्रीराम और सीताजी की होनी चाहिए। अकेले श्रीराम की पूजा अधूरी रह जाती है और अयोध्या में सीताजी के साथ जितना अन्याय हुआ है क्या फिर से उनको वनवास दिया जाएगा।

राधारानी के ब्रज की रज से होगा राजा राम की नगरी में ‘भूमि पूजन’

राजा राम की नगरी अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन की मिट्टी में राधारानी के ब्रज की रज भी महकेगी।

इसके लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ब्रज के विभिन्न तीर्थस्थलों से मिट्टी इकट्ठा कर रहा है। विहिप ब्रज प्रांत के संगठन मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि आगरा के बटेश्वर तीर्थ और ग्वाल बाबा मंदिर समेत ब्रज के 15 जिलों के प्राचीन मंदिरों से जल और मिट्टी अयोध्या ले जाएंगे।

अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नेपाल सीमा पर बढ़ी चौकसी

योध्या में पांच अगस्त को श्रीरामजन्म भूमि परिसर में भूमिपूजन को देखते हुए उत्तर प्रदेश के बस्ती क्षेत्र में नेपाल से लगी 68 किलोमीटर लंबी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है।

पुलिस सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है| बस्ती पर क्षेत्र के सिद्धार्थनगर की 68 किलोमीटर लंबी सीमा पर राष्ट्र विरोधी अराजक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एसएसबी, नागरिक पुलिस तथा अन्य सुरक्षा बलों के जवानों और गुप्तचर संस्थाओं के सदस्यों द्वारा निरंतर चौकसी बरती जा रही है। नेपाल सीमा क्षेत्र से आने वाले नागरिकों की जांच पड़ताल शुरू किया गया है।

भूमि पूजन कार्यक्रम का न्योता मिला तो होगी खुशी : मस्जिद ट्रस्ट

बाबरी मस्जिद निर्माण के लिये बुधवार को गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष एवं ट्रस्टी फाइज आफताब ने कहा कि राम मंदिर के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन का निमंत्रण यदि फाउंडेशन को दिया जाता है तो यह देश में सांप्रदायिक सदभाव और आपसी भाईचारे के लिये अहम संदेश होगा।

श्री फाइज ने मेरठ में विशेष बातचीत में कहा “राम मंदिर के लिये भूमि पूजन का निमंत्रण हालांकि एक धर्म की निजी आस्था का विषय है। 500 सालों से विवादित मसले को उच्चतम न्यायालय की मदद से हल किया गया है। इस फैसले को मुस्लिम समाज ने भी खुले दिल से स्वीकार किया है। अब राम की नगरी में विशाल और भव्य मंदिर का शिलान्यास हो रहा है। इसके लिये अगर हमें निमंत्रण भेजा जाता है तो इससे देश में एक अच्छा संदेश जायेगा।”

तंबाकू खाने और पीने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा अधिक बढ़ने की चेतावनी जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जुलाई । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी संक्रमण बढ़ सकता है और ऐसे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।

उसने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने का खतरा अधिक है क्योंकि धूम्रपान करने से हाथ से मुंह तक विषाणु के जाने की आशंका अधिक रहती है।

मंत्रालय ने ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी और भारत में तंबाकू का इस्तेमाल’ विषय पर अपने दस्तावेज में कहा कि विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना वायरस के अधिक गंभीर लक्षण दिखने या उनके मरने की आशंका अधिक है क्योंकि यह सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता है। उसे ऐसे किसी उत्पाद का सेवन करने के खिलाफ आगाह किया है।

उसने चेतावनी दी कि धूम्रपान करने वालों के कोविड-19 की चपेट में आने की आशंका अधिक रहती है क्योंकि धूम्रपान करने का मतलब है कि उंगलियां होठों के संपर्क में आती है जिससे विषाणु के हाथ से मुंह तक जाने का खतरा बढ़ जाता है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘पानी के पाइप या हुक्का जैसे धूम्रपान उत्पादों को कई लोग इस्तेमाल करते हैं जिससे कोविड-19 के फैलने का खतरा हो सकता है।’’

तंबाकू उत्पाद चार मुख्य गैर संचारी बीमारियों दिल की बीमारी, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह के रोगियों के लिए बड़ा खतरा है जिससे ऐसे लोगों में कोविड-19 की चपेट में आने से गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

तंबाकू उत्पादों में जो रसायन होते हैं वे विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को दबाते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘धूम्रपान करने से फेफड़ों की कार्यप्रणाली बाधित होती है जिससे प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है और शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। धूम्रपान, ई-सिगरेट, बिना धुएं वाले तंबाकू, पान मसाला और ऐसे ही उत्पादों के इस्तेमाल से फेफड़ों संबंधी संक्रमण का खतरा और तीव्रता बढ़ सकता है।’’

उसने कहा कि तंबाकू उत्पादों (खैनी, गुटखा, पान, जर्दा) चबाने के बाद थूकना पड़ता है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से स्वास्थ्य संबंधी खतरा बढ़ता है खासतौर से कोविड-19, टीबी, स्वाइन फ्लू, इंसेफैलाइटिस जैसे संक्रामक रोग फैलते हैं।

राजस्थान में दलबदलू कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायकों के विलय को बसपा ने उच्च न्यायालय में दी चुनौती attacknews.in

जयपुर, 29 जुलाई । बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान में पार्टी के छह विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में विलय को चुनौती देते हुए बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की।

संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुढ़ा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

ये सभी सितंबर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा, ‘‘हमने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ उच्च न्यायालय में आज रिट याचिका दाखिल की है।’’

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में भी याचिका दायर कर विलय को चुनौती दी जाएगी।

बाबा ने कहा, ‘‘हम विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भी याचिका दाखिल करेंगे और विलय को रद्द करने की मांग करेंगे।’’

भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर अपनी शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी थी। याचिका पर अदालत में बुधवार को सुनवाई होनी है।

दिलावर ने विलय के खिलाफ इस वर्ष मार्च में अध्यक्ष को शिकायत दी थी। लेकिन अध्यक्ष ने 24 जुलाई को उनकी शिकायत अस्वीकार कर दी थी।

विधायक ने आरोप लगाया कि शिकायत पर फैसला करते वक्त अध्यक्ष ने उनका पक्ष नहीं सुना। अध्यक्ष के इसी आदेश को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

बसपा विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में विलय से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को मजबूती मिली थी और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या बढ़कर 107 हो गई थी।

दिलावर ने फिर उच्च न्यायालय में लगाई याचिका

इधर कल ही राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज कर देने के मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

याचिका में विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी द्वारा बसपा विधायकों के विलय के मामले में श्री दिलावर की याचिका को खारिज करने और इन विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की गई है।

न्यायालय ने मामले में सुनवाई का समय अभी तय नहीं किया है।

इससे पहले श्री दिलावर ने इस मामले को लेकर न्यायालय में याचिका लगाई थी जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने फिर से याचिका लगाने का फैसला किया और मंगलवार को उनके वकील आशीष शर्मा ने याचिका पेश की।

याचिका में कहा गया कि बसपा विधायक लखन सिंह, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा , दीपचंद खेड़िया, जोगेन्दर सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ गत 16 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर इन विधायकों को दलबदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की अपील की थी। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका को अस्वीकार कर दिया जबकि पायलट गुट के खिलाफ याचिका पर तुरंत कार्रवाई कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा के छह विधायक जीते और उनका गत वर्ष 16 सितंबर को कांग्रेस में विलय कर लिया गया। इससे पहले वर्ष 2008 में भी बसपा के छह विधायक जीते और सभी विधायक कांग्रेस में मिल गये थे।

भारत में मंगलवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 15 लाख के पार हुई और एक दिन में 50 हजार के पार, 34,223 मरीजों की मौत,महाराष्ट्र, आंध्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और प बंगाल में भयावह स्थिति attacknews.in

नयी दिल्ली 28 जुलाई । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के देश में बढ़ते प्रकोप की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संक्रमण के नये मामले महज दो दिनों में एक लाख आ रहे हैं। मंगलवार देर रात तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 15.32 लाख के पार पहुंच गयी है,किंतु इसके साथ ही शकून यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी सुधार होता जा रहा है।

कोरोना को लेकर सबसे राहत की बात यह रही कि वाणिज्यिक नगरी मुंबई में आज तीन माह के बाद सबसे कम 700 नये संक्रमित आये।

देश में पिछले दो दिनों के भीतर एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आये हैं। इससे पूर्व तीन दिनों में संक्रमण के एक लाख मामले सामने आ रहे थे।

देश में कोरोना वायरस की भयावह होती स्थिति के बीच मंगलवार को संक्रमितों की संख्या 15 लाख के आंकड़ें को भी पार कर गयी और कोरोना संक्रमण के मामले अब दो दिनों में ही एक लाख से अधिक सामने आने का सिलसिला जारी हैं।

इससे पहले भी दो दिनों के भीतर एक लाख से अधिक नये मामले सामने आये थे और रविवार को संक्रमितों की संख्या 14 लाख के पार हो गयी थी।

कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।

इस दौरान राहत की बात यह रही कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर आज 64.53 फीसदी पहुंच गयी जो सोमवार को 64.24 प्रतिशत रही थी। मृत्यु दर भी पहले के 2.26 प्रतिशत की तुलना में आज घटकर 2.23 फीसदी पर आ गयी।

देर शाम विभिन्न राज्यों के आंकड़ों में महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में रिकार्ड नये मामले आये। इन सात राज्यों समेत पूरे देश में 47 हजार से अधिक नये मामले तथा 769 और लोगों की मौत हुई है।

‘कोविड19 इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 15,32,653 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है। इस प्रकार सुबह से लेकर देर रात तक 50,150 नये मामले आ चुके हैं। अब तक कुल 9,87,147 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 34,223 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 5,07,833 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इस प्रकार बीमार मरीजों की तुलना में ठीक हुए रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर पौने पांच लाख के पार पहुंच गयी है। फिलहाल यह अंतर 4,79,314 है।

पश्चिम बंगाल ने ईद, राखी और 15 अगस्त को छोड़कर 31 अगस्त तक हरेक सप्ताह दो दिन शनिवार और रविवार को पूर्णबंदी लागू करने की घोषणा की है।

गंभीर रूप से प्रभावित तमिलनाडु में भी 31 जुलाई तक लागू पूर्णबंदी की अवधि बढ़ाने को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है।

इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध भी फिर लगाने पड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारें अपने स्तर से भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या पूर्णबंदी या फिर जनता कर्फ्यू लागू कर रही हैं।

देश में वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के पॉजिटिव मामले आने की दर (पाॅजिटिविटी दर) 8.07 प्रतिशत है और केंद्र सरकार राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश के साथ मिलकर इसे पांच प्रतिशत से कम करने के लिये प्रयासरत है। देश के 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत रिकवरी दर से अधिक दर्ज की गयी है। राजधानी दिल्ली 89 फीसदी रिकवरी दर के साथ शीर्ष पर है।

इसबीच देशभर में पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस कोविड-19 के रिकॉर्ड 5,28,082 नमूनों की जांच की गयी।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक 27 जुलाई को देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए 5.28 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गयी और इसके साथ ही अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या 1,73,34,885 हो गयी है।

दिल्ली में कोरोना के नये मरीज फिर एक हजार के पार, रिकवरी दर 89 प्रतिशत के करीब

राजधानी में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण मरीजों की संख्या फिर एक हजार से अधिक रही जबकि ठीक होने की संख्या में निरंतर वृद्धि से मंगलवार को रिकवरी दर करीब 89 प्रतिशत पर पहुंच गई ।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान नये मामले 1056 रहे जबकि कल यह तेजी से घटकर 613 रह गए थे। दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 1,32,275 पहुंच गयी।

सोमवार को दिल्ली में 20 जुलाई के बाद कोरोना के मामले फिर एक हजार से कम आए। बीस जुलाई को 27 मई अर्थात 54 दिन बाद पहली बार एक हजार से कम 957 मामले आए थे।

दिल्ली के लिये राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस दौरान 1135 मरीजों के ठीक होने से कुल 1,17,507 लोग संक्रमण को शिकस्त दे चुके है और रिकवरी दर बढ़कर 88.83 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इस दौरान 28 और लोगों की मौत होने से मृतकों की कुल संख्या 3881 हो गयी है।

राजधानी में सक्रिय संक्रमितों की संख्या भी और घटकर 10,887 रह गई। इसमें से 6219 होम आइलोशन में और 2775 अस्पतालों में भर्ती हैं। शेष का अन्य कोविड केंद्रों पर उपचार चल रहा है।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 9,76,827 पर पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में साढ़े 18 हजार से अधिक जांच की गई। कुल 18,544 में से आरटीपीसीआर जांच 4843 और रैपिड एंटीजेन जांच 13701 थीं। दिल्ली में 10 लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत 51,411 पहुंच गया है।

दिल्ली में कोरोना बेड की कुल संख्या 15,408 है जिसमें से 2775 भरे हुए हैं और 12,633 खाली हैं। निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 716 से घटकर 715 रह गई।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 3.91 लाख के पार, रिकवरी दर में सुधार

देश में कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 7,717 रिकॉर्ड मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार रात बढ़कर 3.91 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह भी है कि मरीजों की रिकवरी दर में निरंतर सुधार जारी है जिसके कारण स्वस्थ लोगों की संख्या 2.32 लाख से अधिक हो चुकी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक 3,91,440 लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। इस दौरान 282 और लोगों की इससे मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14,165 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में रिकॉर्ड 10,333 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 2,32277 हो गयी है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज दो फीसदी बढ़कर 59.34 पहुंच गयी जो सोमवार को 57.83 फीसदी रही थी और मरीजों की मृत्यु दर भी घटकर 3.61 प्रतिशत पर आ गई।

सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,44,694 रही जो सोमवार को 147592 रही थी। सभी मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले स्थान पर हैं ।

मुंबई में तीन माह बाद सबसे कम 700 नये मामले

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मंगलवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) के केवल सात सौ नये मामले सामने आये जो पिछले तीन माह के दौरान सबसे कम हैं और यह एक बड़ी राहत भरी खबर है। इसके साथ ही मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

मुख्यमंत्री एवं शिव सेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के मंत्री पुत्र आदित्य ठाकरे ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,“अच्छी खबर, मुंबई में आज केवल 700 मामले आये और वह भी तब जब एक दिन में सर्वाधिक 8776 कोरोना वायरस की जांच कराई गई। पूरी क्षमता से वायरस का पीछा किया जा रहा है। तीन महीने के बाद एक बड़ी राहत।”

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 29 हजार के पार हुई और मौत का आंकड़ा हुआ 830, नये मामले 628 सामने आये attacknews.in

भोपाल, 28 जुलाई । मध्यप्रदेश में लगातार बढ़कर रहे कोरोना के मामलों के बीच आज 628 नए मामले मिले, जिसके बाद इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29217 हो गयी।अब तक 830 मरीजों की मौत हो चुकी है।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश भर में 628 नए मामले सामने आए, जिसके बाद प्रदेश में इस बीमारी से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29217 तक पहुंच गयी, जिसमें आज 552 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद अब तक 20343 मरीज ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 8044 एक्टिव (उपचाररत) मरीज हैं, जिसका इलाज चल रहा है।

कटनी में कोरोना के 32 नए मरीज मिले

कटनी जिले में कोरोना संक्रमित 32 नये प्रकरण सामने आये है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार कटनी में कल रात आई रिपोर्ट में 10 और आज सुबह 22 लोग कोरोना संक्रमित पाए गये। इन मरीजों को मिलाकर अब तब जिले में 143 मरीज पाए गये। अभी तक पाए गये मरीजों में से 46 मरीज ठीक हो गए है। तीन मरीज की मौत हो चुकी है। शेष मरीजों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।

भिंड में पाए गये तीन कोरोना पॉजिटिव

भिंड जिले में आज कोरोना संक्रमण के तीन नये मामले सामने आने के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 433 हो गई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल रात मिले कोरोना जांच रिपोर्ट में तीन कोरोना संक्रमित पाए गये है। इन मरीजों को मिलाकर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 433 हो गई है। राहत भरी खबर है कि इन मरीजों में से 415 मरीज अस्पताल से ठीक होकर घर पहुंच गये है। इस महामारी से संक्रमित 18 मरीजों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।

इंदौर जिले में कोरोना के 1994 एक्टिव केस

इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण के 73 नये मामले सामने आने के बाद यहां एक्टिव (उपचारत) रोगियों की संख्या 1994 तक जा पहुंची हैं।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ पूर्णिमा गाडरिया ने कल रात ‘हेल्थ बुलेटिन’ जारी कर बताया कि जिले के अब तक एक लाख बत्तीस हजार छह सौ लोगों की प्राप्त कोरोना जांच रिपोर्ट में से अब तक 7058 संक्रमित पाये गये हैं। इसी में शामिल कल जाँचे गए 1209 सैंपल टेस्ट में से 1027 असंक्रमित तथा 73 संक्रमित पाये गये हैं।

सीएमएचओ ने बताया कि सोमवार को इंदौर में कोविड-19 से दो रोगियों की मौत आधिकारिक रूप से दर्ज किये जाने के बाद जिले में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 306 तक जा पहुंची है।

उधर राहत की खबर है कि सोमवार को यहां अस्पताल में उपचारत 59 रोगियों को स्वस्थ हो जाने पर छुट्टी दी गई है, जिसके साथ यहां उपचार के बाद 4758 रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसी क्रम में एहतियातन संस्थागत क्वारेंटाइन किये गए संदेहियों में से अब तक 5070 लोग स्वस्थ पाये जाने पर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं।

सीहोर जिले में पाए गये 16 कोरोना पॉजिटिव

सीहोर जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच 16 कोरोना संक्रमित मरीज मिले है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से मिले कोरोना जांच रिपोर्ट में 16 व्यक्तियों में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण पाए गये। इनमें इछावर से नौ, आष्टा से चार तथा बुधनी क्षेत्र से तीन व्यक्ति शामिल है। इस बीच कल उपचार के दौरान कोरोना संक्रमित एक महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई। कोरोना से कुल आठ लोगाें की मौत हो चुकी है।

भोपाल में कोरोना के 199 प्रकरण, कुल हुए 5872

भोपाल जिले में कोरोना संक्रमण के 199 नए मामले सामने आने के बाद इनकी कुल संख्या 5872 हो गयी है। हालाकि इनमें से अब तक 3650 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आज सुबह कोरोना के 199 नए मामले प्रकाश में अाए। इन सभी को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। इसके पहले कल 170 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5673 हो गयी थी।

भिंड, शिवपुरी और बुरहानुपर में मिले नए कोरोना संक्रमित

मध्यप्रदेश के भिंड, शिवपुरी और बुरहानपुर के साथ ही प्रदेश के अन्य कई जिलों में आज कोरोना के नए मरीज मिले हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार बुरहानुपर में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित तीन लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया, जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 467 तक पहुंच गयी है। यहां वर्तमान में 26 एक्टिव मरीज है, जिनका उपचार चल रहा है। वहीं इस बीमारी से यहां अब तक 23 मरीजों की मौत हुयी है।

उज्जैन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने और मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ फर्जी चालान की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही आरोपियों का भांडा फूटा attacknews.in

उज्जैन 28 जुलाई । कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं का उपयोग नहीं करने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है। इसी का फायदा उठाते हुए एक शातिर युवक ने नगर निगम के फर्जी रसीद कट्टे और पंपलेट छपवालिए थे। लेकिन उसकी योजना सफल होती उसके पहले ही युवक और प्रिंटिंग प्रेस संचालक को पुलिस ने निगमायुक्त के निर्देश पर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से पंपलेट और रशीद कट्टे भी जप्त किए हैं।

सीएसपी अरविन्द्र वर्मा ने बताया कि राजस्थान के सांगानेर किंचित पिता कन्हैयालाल ने स्वयं को नगर निगम अधिकारी बताते हुए गुरुनानक मार्केट के पीछे साईं कृपा प्रिंटिंग प्रेस पर 22 जुलाई को 5000 पंपलेट छपवाने थे। पंपलेट नगर निगम से जुड़े हुए थे। जिस पर कोरोना संक्रमण जागरूकता से संबंधित जानकारियां दी गई थी।

इसके अलावा किंचित ने 1000 चालान रसीद के कट्टे भी छपवा आए थे। प्रिंटिंग प्रेस संचालक विकास बे तेरा ने किंचित के झांसे में आकर पंपलेट और रशीद कट्टे छाप दिए। इसके बाद विकास ने उन्हें वाइंडिंग के लिए दिया था। रसीद कट्टे जब बाइंडिंग के लिए पहुंचे तो वहां किसी कर्मचारी ने देख लिया। शंका होने पर कर्मचारी ने इसकी जानकारी नगर निगम सहायक आयुक्त सुबोध जैन को दी।

मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त जैन ने तुरंत इसकी शिकायत माधव नगर थाने में की। जिसके बाद एसआई जितेन्द्रसिंह सौलंकी ने बाइंडिंग वाला और प्रिंटिंग प्रेस संचालक विकास के साथ ही किंचित पिता कन्हैयालाल को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 5 हजार पंपलेट और रसीद कट्टे जप्त किए हैं।

नगर निगम के रसीद कट्टे अगर आरोपी तक पहुंच जाते तो वह मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ फर्जी कार्रवाई करते हुए उन पर 100 से लेकर 50 हजार रुपए का चालान काट सकता था। लेकिन नगर निगम और पुलिस की सक्रियता के चलते आरोपी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका।

गौरतलब है कि चालान और जुमार्ने से संबंधित रसीद कट की प्रिंटिंग का काम राजस्व विभाग नगर निगम द्वारा किया जाता है। प्रत्येक रशीद और प्रत्येक कट्टे की एक एक महत्वपूर्ण जानकारियां इंद्राज की जाती है। नगर निगम कर्मचारी ने जब रसीद कट्टे एक आम वाइंडिंग करने वाले के यहां देखे तो उसे शंका हो गई थी। निगम कर्मचारी की जागरूकता के चलते ही आरोपी वारदात करने के पहले ही पकड़ा गया।

नगर निगम विभिन्न प्रकार की वसूली से संबधिंत फर्जी रसीद कट्टे छपने की सूचना मिली थी। जिसकी जानकारी निगमायुक्त को दी गई। उनके निर्देश पर संबंधित आरोपी और प्रिंटिंग प्रेस संचालक के खिलाफ माधवनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।थाना प्रभारी प्रेमनारायण शर्मा के अनुसार 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है।