नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में सामने आए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के बुद्धिजीवी attacknews.in

नयी दिल्ली 21 दिसंबर । नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश में राजनीतिक प्रदर्शनों के बीच देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े प्रोफेसरों, कुलपतियों, शोधार्थियों, वैज्ञानिकों एवं विधिवेत्ताओं समेत अकादमिक जगत के एक हजार से अधिक बुद्धिजीवियों ने इस कानून का समर्थन किया है और इसे भारत की सदियों पुरानी ‘शरणागत वत्सल’ होने की पहचान के अनुरूप करार दिया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. स्वदेश सिंह और प्रो. अभिनव प्रकाश ने एक सर्वेक्षण में 1100 से अधिक बुद्धिजीवियों से बात की और उस बातचीत में ये निष्कर्ष सामने आया। डॉ. सिंह ने कहा, “देश के कुछ दर्जन प्रोफेसर इस देश के चिंतक विचारक वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। उनके द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन का वैचारिक समर्थन निंदनीय है। सरकार द्वारा लाया गया नया नागरिकता कानून देश की सदियों पुरानी ‘शरणागत वत्सल’ होने की परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें हम सदा से ही पीड़ित समाज को शरण देते आये हैं।”

इन बुद्धिजीवियों ने एक संयुक्त ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं जिसमें कहा गया है कि यह कानून पाकिस्तान अफगानिस्तान एवं बंगलादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर देश में आये लोगों को शरण एवं नागरिकता देने की की बहुत पुरानी मांग को पूरा करता है। 1950 के लियाक़त नेहरू समझौते की विफलता के बाद से कांग्रेस एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत विभिन्न विचारधाराओं वाले तकरीबन सभी दल पाकिस्तान एवं बंगलादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में शरण एवं नागरिकता देने की मांग उठाते रहे हैं जिनमें अधिकांश दलित हैं।

बयान में कहा गया है कि हम भारत की संसद एवं सरकार का, धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को अभयदान एवं शरण देने के भारत के सभ्यतागत मूल्यों को बनाये रखते हुए, इन देशों के अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने के लिए समर्थन करते हैं और बधाई देते हैं। हम इस बात से भी संतुष्ट हैं कि पूर्वाेत्तर के राज्यों की चिंताओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। हमें लगता है नागरिकता संशोधन कानून भारत के सेकुलर संविधान के अनुरूप है और उससे धार्मिक आधार पर किसी की भारतीय नागरिकता प्रभावित नहीं होती है।

बयान में इन बुद्धिजीवियों ने कहा कि हम इस बात से बेहद क्षुब्ध हैं कि देश में जानबूझ कर दुष्प्रचार एवं भय का माहौल बना कर हिंसा भड़कायी जा रही है। हम सभी पक्षों से संयम बरतने और सांप्रदायिकता एवं अराजकता के जाल में नहीं फंसने की अपील करते हैं।
इस वक्तव्य का समर्थन करने वालों में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति सुनयना सिंह, सोनीपत की बीपीएस यूनिवर्सिटी की कुलपति सुषमा यादव, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार, उस्मानिया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गोपाल रेड्डी, मणिपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आद्य प्रसाद पांडेय, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रजनीश शुक्ला, पटना विश्वविद्यालय के विधिविभाग के प्रो. गुरुप्रकाश, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में डीन प्रो. अनीउल हसन, आईसीएसएसआर की सीनियर फैलो मीनाक्षी जैन, विश्वभारती शांतिनिकेतन के डॉ. देबाशीष भट्टाचार्य आदि शामिल हैं।

बारां में नागरिकता कानून के समर्थन में निकला शांतिमार्च

राजस्थान के बारां में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में व्यापार महासंघ ने शनिवार को सभी व्यापार संगठनों के साथ भारत जोड़ो, हिंसा छोड़ो शांति मार्च निकाला।

शांतिमार्च में विभिन्न संगठनों के साथ राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता भी शामिल हुए। महारैलीनुमा इस मार्च में युवा हाथों में तख्तियां लिये नारेबाजी करते चल रहे थे।

भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 3 करोड़ घरों में सीधे सम्पर्क का अभियान शुरू किया attacknews.in

नयी दिल्ली 21 दिसंबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपने तेवर कड़े कर लिये हैं। पार्टी ने कांग्रेस एवं विपक्षी दलों पर देश में भ्रम एवं अफवाह से अशांति फैलाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भाजपा देश में तीन करोड़ घरों से सीधे संपर्क कायम करके इस भ्रम को दूर करेगी।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा के केन्द्रीय पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं एवं प्रदेश इकाइयों के महासचिवों की एक बैठक में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में व्याप्त स्थिति की समीक्षा की और पार्टी के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने एक प्रेजेन्टेशन दिया। इस बैठक में भाजपा ने अपने आगे का रुख तय किया।

पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आंदोलन का जवाब देने के लिए आक्रामक रणनीति तय की है। भाजपा अगले दस दिनों में विशेष अभियान चला कर तीन करोड़ परिवारों से संपर्क करने तथा जगह-जगह नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में तीन देशों से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आये लोगों को साथ लेकर रैली करने तथा ढाई सौ से अधिक स्थानों पर संवाददाता सम्मेलन करने का वृहद कार्यक्रम तैयार किया है। क्षेत्रीय अखबारों में लेखों एवं विज्ञापनों के माध्यम से लगातार अभियान चलाया जाएगा।

बैठक की जानकारी देते हुए श्री यादव ने संवाददाताओं से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष के कुछ दलों खासकर कांग्रेस ने अफवाह एवं भ्रम की राजनीति फैलायी है।

उन्होंने कांग्रेस से सवाल किये कि क्या वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह द्वारा 2003 में उठाये गये सवाल को गलत मानती है। क्या वह बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं द्वारा आगजनी एवं हिंसा का समर्थन करती है। क्या विपक्षी दल का विदेशी दूतावासों के आगे प्रदर्शन करना उचित है।

श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने समय समय पर बंगलादेश एवं पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देने की मांग उठायी है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से ऐसे अनेक लोगों के जीवन में आशा, विश्वास, समानता एवं गरिमा से जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि देश की आम जनता शाँति से रहना चाहती है लेकिन कांग्रेस एवं उसके साथी दल अफवाह एवं भ्रम फैला कर अशांति फैला रहे हैं।

संविधान बचाओ,देश बचाओ मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी 23 दिसम्बर को राजघाट पर करने जा रही है सत्याग्रह attacknews.in

नई दिल्ली, 21 दिसम्बर । कांग्रेस केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ और संविधान बचाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर सोमवार को सत्याग्रह करेगी।

कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने शनिवार को यहां बताया कि सत्याग्रह अपराह्न तीन बजे से शुरू होगा और रात आठ बजे तक चलेगा। सत्याग्रह में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि यह सत्याग्रह केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ तथा बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के हाल के फैसले के विरुद्ध पूरे देश मे गुस्सा है और लोग संविधान में उनको दिए गए अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार उसके फैसले का विरोध कर रहे लोगों का कानून-व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर दमन कर रही है। इससे स्थिति और खराब हो रही है।

श्री वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस बापू के बताए शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलकर लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगी।

संविधान के लिए लड़ रहे लोगों का दमन कर रही है सरकार: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर-एनआरसी तथा नागरिकता संशोधन कानून को संविधान की आत्मा तथा गरीब जनता के खिलाफ बताते हुए कहा है कि लोग संविधान की रक्षा के लिए सड़क पर लड़ रहे हैं लेकिन सरकार बर्बरता से उनका दमन कर रही है।

श्रीमती वाड्रा ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून देश की गरीब जनता के खिलाफ है। सरकार का यह कदम संविधान की मूल आत्मा के विरुद्ध है और किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा। संविधान पर हो रहे इसी हमले के विरुद्ध देश की जनता सड़कों पर लड़ रही है।

उन्होंने कहा कि लोग अपने अधिकारों की लड़ाई सड़कों पर उतर कर लड़ रहे हैं लेकिन सरकार आंदोलन कर रहे लोगों के खिलाफ बर्बरता से पेश आ रही है और दमन तथा हिंसा पर उतारू है। संविधान को बचाने का यह आंदोलन देश के सभी हिस्सों में चल रहा है लेकिन देश के हर हिस्से में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। सरकार इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो रहे छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की गिरफ्तारी कर रही है और यह निंदनीय है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जैसे नोटबन्दी में गरीबों को लाइन में खड़ा किया था अब एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को उसी तरह से लाइन पर खड़ा करने की तैयारी है। सरकार इसके लिए एक ‘निश्चित तारीख’ तय करेगी और हर एक भारतीय को अपनी भारतीयता सिद्ध करने के लिए उस तारीख से पहले का कोई मान्य दस्तावेज पेश करना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में सबसे ज़्यादा गरीब और वंचित लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा।

दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा की आग लगाने वालों और भीम आर्मी के चंद्रशेखर को न्यायिक हिरासत में भेजा attacknews.in

नयी दिल्ली 21 दिसंबर । दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 15 लोगों को शनिवार को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

दिल्ली पुलिस ने आज इन लोगों को अदालत ने पेश किया था। पुलिस ने इन लोगों पर दंगा भड़काने और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी में बाधा पहुंचाने तथा एक वाहन में आग लगाने का आरोप है।

दरियागंज हिंसा के संबंध में हुई गिरफ्तारी ;

पुरानी ने दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि उन पर दंगा करने और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है।

पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार शाम को सुभाष मार्ग इलाके में खड़ी एक निजी कार को आग लगा दी थी। आग पर फौरन काबू पा लिया गया था

सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग यहां दिल्ली गेट के पास हिंसक हो गये और इस दौरान एक वाहन में भी आग लगा दी।

पुलिस के अनुसार दरियागंज में घंटों से एकत्र भीड़ शाम को हिंसक हो गयी। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी लेकिन बड़ी संख्या में लोग दरियागंज में जमा हो गये।

प्रदर्शन को देखते हुए मंडी हाउस से आईटीओ की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात रोक दिया गया। इसके साथ लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने तथा सुरक्षा कारणों से पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद दिल्ली गेट समेत 17 मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया। विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से इंडिया गेट के निकट शाम के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इन मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया।

भीम आर्मी प्रमुख की जमानत याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने नागरिकता (संशोधन) कानून(सीएए) के विरोध में शुक्रवार को दरियागंज इलाके में कथित रूप से हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में लिए गये भीम सेना आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को शनिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मेट्रोपोलिटीन मजिस्ट्रेट अरजिन्दर कौर ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि जमानत के लिए ठोस आधार न होने के कारण याचिका मंजूर नहीं की जा सकती और आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को यहां जामा मस्जिद के निकट शनिवार को तड़के हिरासत में लिया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को उकसाने की आशंका को देखते तड़के चार बजे में करीब चन्द्रशेखर को हिरासत में लिया गया।

चंद्रशेखर ने हिरासत में लिए जाने से पहले ट्वीट कर कहा पुलिस जामा मस्जिद के सामने गली में अपने घरों के आगे शांतिपूर्ण तरीके से खड़े लोगों को लाठीचार्ज और केस दर्ज करने का डर दिखाकर उकसा रही है। यह पुलिस की आंदोलन को बदनाम करने की सोची समझी साजिश लग रही है।

उन्होंने एक अन्य वीडियो ट्वीट में कहा कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ आज बड़ी लड़ाई है। यह कानून मुल्क को तोड़ देगा। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन चलाने की अपील करते हुए की यह लड़ाई किसी जाति या धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि देश बचाने की है। सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा। देश को कमजोर करने की साजिश की जा रही है और खासकर दलितों पिछड़ों के हक को छीनने की साजिश की जा रही है।

गौरतलब है कि चंद्रशेखर ने शुक्रवार को पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद से संविधान की कॉपी हाथ मे लेकर जंतर मंतर तक पैदल मार्च करके जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया था लेकिन पुलिस ने मार्च करने की इजाजत नहीं दी थी।

उल्लेखनीय है कि कल नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली गेट के पास शुक्रवार को हुई हिंसा में 33 लोग घायल हो गये, जिसमें लगभग 10 पुलिसकर्मी है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली गेट इलाके में शाम को प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार के बाद लाठी चार्ज किया किया था। दिल्ली गेट के पास प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये और एक वाहन में आग लगा दी।

पुलिस के अनुसार दरियागंज में घंटों से एकत्र भीड़ शाम को हिंसक हो गयी। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब भी दरियागंज में जमा हो गये थे।

इसके अलावा जामा मस्जिद के बाहर और इंडिया गेट पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हैं और लगातार सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

प्रदर्शन को देखते हुए मंडी हाउस से आईटीओ की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात रोक दिया गया है। इसके साथ लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने तथा सुरक्षा कारणों से पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया। विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से इंडिया गेट के निकट शाम के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर ज्यादा भीड़-भाड़ वाले कश्मीरी गेट, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, जनपथ, खान मार्केट मेट्रो स्टेशन को बंद किया गया था।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली गेट इलाके में हुई हिंसा के बाद बड़ी संख्या में हिरासत में लिए गए लोगो की रिहाई के लिए लोग ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद और फासीवाद हो बर्बाद जैसे नारे लगा रहेथे । प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस ने दिल्ली गेट इलाके से लगभग 200 लोगों को हिरासत में ले लिया । प्रदर्शन के दौरान हुयी हिंसा में 42 लोगों के घायल होने की सूचना रही जिसमें 15 से पुलिस अधिकारी शामिल हैं । इस घटना में पुलिस के कुछ बड़े अधिकारी घायल हुए हैं। हर तरफ पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है ताकि पुलिस मुख्यालय के पास जाने से लोगो को रोक जा सके। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढा दीथी ।

राजघाट पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कांग्रेस का धरना

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर सोमवार को धरना देगी।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि धरना स्थल पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के सभी बड़े नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है। श्री गांधी एक आधिकारिक प्रतिनिधि मंडल के साथ दक्षिण कोरिया की यात्रा पर हैं और वह आज देर रात स्वदेश लौट रहे हैं।

सीएए , एनआरसी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कवायद : सुभाष चाेपड़ा

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने नागरिक (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक वारदातों की कड़ी निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि केन्द्र सरकार सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसी कवायद बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कर रही है।

श्री चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि देश में किसानों, बेरोजगारों, दुकानदारों और मजदूरों की समस्याओं तथा आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए केन्द्र सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत सीएए और एनआरसी जैसी कवायदें कर रही है। उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों के साथ पुलिस की कथित बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस पीड़ित छात्रों की हर संभव सहायता करेगी।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का 25 दिसम्बर को आंदोलन, जबलपुर में कर्फ्यू आज भी जारी attacknews.in

भोपाल, 21 दिसम्बर । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में केंद्र सरकार द्वारा लागू नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ 25 दिसम्बर को शांतिपूर्ण आंदोलन किया जायेगा।

कांग्रेस की ओर से आज जारी विज्ञप्ति के अनुसार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर यह आंदोलन किये जाने का निर्णय लिया गया।

जबलपुर में पथराव की घटना के चलते लगा कर्फ्यू आज भी जारी

नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश के जबलपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना के चलते शहर के चार थानों क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू आज भी जारी है। इस बीच स्थिति पूरी तरह से पुलिस नियंत्रण में है।

पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पथराव की घटना के चलते कल शहर के हनुमानताल और गोहलपुर थाना क्षेत्र के संपूर्ण इलाकों में और कोतवाली के मिलौनीगंज तथा आधारताल के आनंदनगर और मोहनीय इलाके में ऐहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया था, जो आज भी जारी है। इस दौरान स्थित पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

शहर में कल विरोध प्रदर्शन के दौरान आधा दर्जन स्थानों पर लोगों ने पथराव किया। इस घटनाक्रम में लगभग आधा दर्जन पुलिस कर्मचारी घायल हुए थे। हालाकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछेक स्थानों पर अश्रुगैस के गोले भी छोड़े थे। वहीं, जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आज आयोजित सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गयी हैं। इसके अलावा स्कूल व आंगनवाडी केंद्र भी आज बंद हैं।

जबलपुर में कर्फ्यू में ढील, 35 व्यक्ति गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के जबलपुर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के कारण कल चार थाना क्षेत्र में कफर्यू लगा दिया गया था। प्रशासन ने दो थाना क्षेत्र में डेढ-डेढ घंटे की ढील दी।

इस दौरान आवश्यक तथा खादय वस्तुओं की खरीददारी के लिए बडी संख्या में लोग घरों से निकले। इस दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई और सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में बल तैनात था।

सीएए का विरोध करने एकत्र हुए लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव कर दिया था। आधा दर्जन इलाकों में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक भिडत हुई थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पडा और आंसू गैस के गोले छोडने पडे थे। हनुमानताल तथा गोहलपुर थाना क्षेत्र के सम्पूर्ण इलाकों में तथा कोतवाली के मिलौनीगंज तथा आधारताल के आनंद नगर तथा मोहनिया इलाके में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया था।

आज सुबह कलेक्टर व पुलिस अधिक्षक ने कर्फ्यू वाले क्षेत्र का भ्रमण किया।

कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि दोपहर में जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा संयुक्त बैठक का आव्हान किया गया। जिसमें प्रदेश सरकार के वित मंत्री तरूण भानोत, सामान्य न्याय विभाग के मंत्री लखन घनघोरिया, जनप्रितिनिधि, सभी वर्ग के लोग शामिल हुए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्फ्यू में ढील प्रदान की जाये। जिसके बाद आधारताल तथा हनुमानताल थाने में दोपहर तीन बजे से साढे चार बजे तक तथा गोहलपुर व कोतवाली थाने में शाम साढे चार बजे से छः बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी। इस दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू में ढील देने पर विचार किया जायेगा।

पुलिस ने बलवे, पथराव, शासकीय कार्य में बाधा डालना, शासकीय संपत्ति को क्षति पहुॅचाने सहित अन्य धाराओं के तहत आधा दर्जन प्रकरण दर्ज किये गये है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर त्रिपाठी के अनुसार अभी तक 35 व्यक्तियों को गिरफतार किया गया है।

बिहार बंद के आह्वाम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल ने जमकर गदर मचाया, अहमदाबाद और कर्नाटक में हिंसा के बाद गिरफ्तारियां attacknews.in

पटना 21 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर आज राज्यव्यापी बंद के दौरान महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया और रेल एवं सड़क यातायात को बाधित करने के साथ मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया ।

राजद के बिहार बंद का समर्थन कर रहे महागठबंधन के घटक कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के अलावा वामदलों के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरे ।

राजद, हम, रालोसपा, वीआईपी और सपा के कार्यकर्ताओं ने उत्साह में आकर कई वाहनों के शीशे तोड़ दिये । सड़कों पर टायर जलाकर यातायात को बाधित कर दिया । आरा में उपद्रवियों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई । पुलिस पर उपद्रवियों ने पथराव किया, जिसके बाद उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा ।

इसी तरह औरंगाबाद में बंद की आड़ में उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया । पथराव में एक पुलिसकर्मी के घायल होने की सूचना है । उधर, पुलिस ने इस मामले में छह उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। पटना सिटी में भी बंद समर्थक उग्र हो गये । उन्हें काबू में करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। फुलवारीशरीफ में बंद समर्थक और स्थानीय लोगों में झड़प हो गयी जिसमें 13 लोग घायल हुए हैं । घायलों को इलाज के लिए पास में ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है ।

पटना में पत्रकारों पर हमला:

राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर विरोध प्रदर्शन की खबर और तस्वीर लेने गये पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों पर भी बंद समर्थकों ने हमला कर दिया।
हमले में पांच फोटोग्राफर घायल हो गये ।

एक प्रमुख एजेंसी के फोटोग्राफर अमृत जयकिशन ने बताया कि जब वह और उनके साथ अन्य फोटोग्राफर डाकबंगला चौराहे के निकट एक बिल्डिंग के उपर से प्रदर्शन की तस्वीर ले रहे थे तब कुछ लोगों ने उन्हें भद्दी भद्दी गालियां देते हुए नीचे आने को कहा । भीड़ की उत्तेजना को देखते हुए वे और अन्य फोटोग्राफर वहीं एक कमरे में अपने को बंद कर लिया । इसके बाद बंद समर्थक लोग वहां पहुंच गये और कमरे के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करने लगे ।

श्री जयकिशन ने बताया कि फोटोग्राफरों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस और अपने मीडिया के साथियों को दी । इसके बाद पुलिस के साथ जब मीडिया के लोग वहां पहुंचे तब वे अपनी जान बचाकर नीचे आ गये ।

इसी दौरान बंद समर्थकों ने एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के फोटोग्राफर कृष्ण मोहन शर्मा समेत कई अन्य मीडियाकर्मियों पर रिपीट पर हमला कर दिया जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई है । उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया ।

बिहार बंद के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमला करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (बीडब्लूजेयू) ने आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर बिहार बंद के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमले की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है ।

बीडब्लूजेयू के महासचिव कमलकांत सहाय ने मीडियाकर्मियों पर हमले की निंदा करते हुए इसे मीडिया की आजादी पर प्रहार बताया और कहा कि मीडियाकर्मी बंद की खबर के लिए डाकबंगला चौराहे पर अपनी जिम्मेवारियों को निभा रहे थे और ऐसे में उनपर लक्ष्य करके हमला करना दुर्भाग्यपूर्ण है । उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक से दोषियों की तुरंत पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की ।

तमिलनाडु में छठे दिन भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

चेन्नई, से खबर है कि,तमिलनाडु में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा।

चेन्नई, मदुरै, तंजावुर, नागपट्टिनम समेत कई अन्य स्थानों पर मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। चेन्नई में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब उन्होंने चेन्नई सेंट्रल रेलवे की घेराबंदी का प्रयास किया।

नागरिकता संशोधन कानून विरोधी हिंसा के सिलसिले में अहमदाबाद पुलिस ने 15 और को किया गिरफ्तार:

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में प्रदर्शन के दौरान गुजरात में अहमदाबाद शहर के मुस्लिम बहुल शाह आलम क्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 15 और लोगों को गिरफ्तार किया है जिसके साथ ही इस मामले में कुल गिरफ्तारियाें की संख्या बढ़ कर 64 हो गयी है।

विशेष पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने यूएनआई को बताया कि पकड़े गये 15 लोग हिंसा और पथराव आदि में सीधे तौर पर शामिल थे।

जनता को भड़का रहे हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत – डाॅ. पूनियां

जयपुर से खबर है कि , राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि श्री गहलोत जनता को भ्रमित करके मोदी सरकार के खिलाफ भड़काकर संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं।

डाॅ. पूनियां ने आज यहां जारी बयान में कहा कि संविधान की शपथ लेकर सरकार चला रहे श्री गहलोत संसद द्वारा पारित कानून को सड़क पर उतर कर चुनौती दे रहे हैं, यह डाॅ. अंबेडकर के बनायें भारत के संविधान का अपमान है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि यह कानून नागरिकता देने का है किसी की भी नागरिकता लेने का नहीं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में राज्यसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता की हैसियत से डाॅ. मनमोहन सिंह तब की सरकार से इन विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नागरिकता देने की वकालत कर चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को राजस्थान में रह रहे हिंदू-सिख शरणार्थियों को नागरिकता देने का पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अब वोट बैंक के तुष्टिकरण और गाँधी परिवार को खुश करने के लिए सीएए का विरोध कर रहे हैं।

भाजपा शासित राज्यों में नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन हिंसक: नवाब मलिक

नागपुर, से खबर है कि,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित प्रदेशों में हिंसक हो रहे हैं पुलिस इन राज्यों में स्थिति से निपटने में विफल रही है।

श्री मलिक ने यहां विधान भवन परिसर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए आज कहा कि यह सच है सीएए और एनआरसी का विरोध देश भर में चल रहा है और भाजपा शासित राज्यों में हिंसा का माहौल है और स्थिति से निपटने के लिए पुलिस इस मोर्चे पर विफल है।

बंद को जनसमर्थन नहीं मिलने से राजद के लोग गुंडागर्दी पर उतरे – जदयू

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर बिहार बंद को पूरी तरह विफल बताया और कहा कि जब बंद को जनसमर्थन नहीं मिला तब राजद के लोग उसे सफल बनाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं ।

जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने आज यहां कहा कि राजद के बिहार बंद को जनसमर्थन नहीं मिल रहा है इससे निराश होकर राजद के लोग बंद को सफल बनाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं । उन्होंने कहा कि बंद समर्थक हाथों में डंडा लेकर कई जगह पर तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं।

श्री सिंह ने कहा कि राजद कार्यकर्ता ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और यहां तक कि रोजी रोटी के लिए घर से निकले गरीबों को भी नहीं बख्शा । बंद के दौरान राजद की संस्कृति साफ नजर आ रही है । उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को अच्छी तरह पहचानती है और वह कभी ऐसे लोगों केेे साथ खड़ी नहीं हो सकती है ।

सीएए प्रदर्शन: मेंगलुरु में कर्फ्यू की अवधि बढ़ी

मेंगलुरु से खबर है कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विभिन्न राजनीतिक दलाें और संगठनों के हिंसक धरना- प्रदर्शन को देखते हुए कर्नाटक के मेंगलुरु में एहतियातन लागू कर्फ्यू की अवधि रविवार की मध्यरात्रि तक बढ़ा दी है।

यह कदम कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। शुक्रवार को कहीं से किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।

कर्फ्यू के कारण शुक्रवार को जन जीवन बुरीतरह प्रभावित रहा। दुकानें एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीे जबकि बसों और ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने गंतव्यों पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कर्फ्यू के कारण किसी भी सरकारी या निजी कार्यालयों में काम काज नहीं हो सका। पूरे जिले के शिक्षण संस्थानों में पहले ही अवकाश घोषित की जा चुकी है। दूध, दही, सब्जी, मांस, मछली आदि दैनिक इस्तेमाल की चीजें नहीं मिलने के कारण भी लोग परेशान हैं।

हिंसा से प्रभावित शहर के विभिन्न इलाकों में अब वीरानगी पसरी है। पुलिस इन इलाकों में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगायी हुयी है। सड़कों से बसें, टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा नदारद हैं जबकि कुछ इलाकों में कुछ निजी वाहन चलते दिखाई दिये।

हालांकि शहर के किसी भी हिस्से से शुक्रवार को किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।

पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में एहतियात के तौर अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।

मेंगलुरु के पुलिस आयुक्त पी एस हर्ष ने कहा कि एक समुदाय विशेष के अनुरोध पर शुक्रवार को 12 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थिति की समीक्षा के बाद ही कर्फ्यू में ढील देने के बारे में निर्णय करेगी। उन्होंने शहर की स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने का भी दावा किया।

गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्य सचिव रजनीश गोयल ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के अनुरोध पर गुरुवार रात एक अधिसूचना जारी कर मेंगलुरु शहर और दक्षिण कन्नड़ जिले में 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी।

अधिसूचना के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये अफवाहों और फर्जी संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। गुरुवार को प्रदर्शनकारी कई जगह काफी उग्र हो गये और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और गोलीबारी भी करनी पड़ी।

हिंसक प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए डाॅ. हर्ष ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला किया और पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्हाेंने बताया कि हमले में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आयी हैं। हिंसा में घायल दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।

पुलिस के लाठी चार्ज में पूर्व महापौर अशरफ और एक पत्रकार भी घायल हुआ है। हिंसा के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़ जिले के सभी स्कूलों को शुक्रवार से ही बंद रखा गया है।

अहमदाबाद में सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो पोस्ट करने वाला कांग्रेस नेता गिरफ्तार

गुजरात में अहमदाबाद शहर में कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सचिव उमर खान पठान को पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो संदेश प्रेषित करने के आरोप में आज गिरफ्तार कर लिया।

श्री पठान ने फेसबुक पर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ पर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो पोस्ट कर इसे अहमदाबाद की घटना बताया था। उन्होंने इसे गत 19 दिसंबर को यहां शाह आलम इलाके में ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान हिंसा के पहले की पुलिस की उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया था। उस घटना में 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।

CAA के खिलाफ उत्तरप्रदेश में फिर भड़की हिंसा, कानपुर में आगजनी – पथराव,अब तक हिंसात्मक वारदातों में 15 की मौत attacknews.in

लखनऊ 21 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा में अब तक अलग अलग जिलों में 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 263 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने शनिवार को यहां पत्रकारों को बताया कि सीएए के विरोध में हुये प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी।

कानपुर में कल जहां उग्र प्रदर्शन हुआ था और इसके कारण पुलिस फायरिंग भी हुई थी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी । प्रदर्शनकारियों ने आज मानव श्रंखला बनाकर प्रदर्शन किया । प्रदर्शन करने वालों के हाथ में फूल और तख्ती थी जिस पर अमित शाह होश में आओ जैसे नारे लिखे थे । पुलिस फायरिंग में मृत दो लोगों को पोस्टमार्टम करा कर उसे परिवार वालों को सौंप दिया गया ।

राजधानी लखनऊ में पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि 19 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा के सिलसिले में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें छह पश्चिम बंगाल के मालदा के हैं । उन्होंने कहा कि इन लोगों को खासकर उपद्रव के लिये बंगाल से बुलाया गया था । उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई होगी या नहीं इसका फैसला बाद में लिया जायेगा । पुलिस किसी निर्दोष को नहीं पकड़ेगी ।

इसबीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार से पूरे देश में हो रहे विरोध और हंगामें के कारण नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की । उन्होंने प्रदर्शन में हो रही हिंसा की भी निंदा की और कहा कि अपनी बात कहने और विरोध करने का यह तरीका नहीं हो सकता । उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों से ऐसे किसी भी प्रदर्शन में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया ।

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य पी एल पुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की ताकि भ्रम को खत्म किया जा सके । उन्होंने कहा कि जिस दिन बिल राज्यसभा में पारित हुआ था उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इसके साथ ही राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर भी लागू होगा जिससे संभवत: भ्रम की हालत पैदा हुई ।

कानपुर में फिर भड़की हिंसा, सपा विधायक हिरासत में:

नागरिक संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के कानपुर में शनिवार शाम एक बार फिर हिंसा भड़क उठी।

प्रदर्शनकारियों ने परेड चौराहा और यतीमखाना क्षेत्र में पथराव किया और कुछ वाहनों में आग लगा दी।

उपद्रवियों ने यतीमखाना चौकी पर खड़े वाहनो में आग लगा दी और कुछ दुकानों में आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज किया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया। इस बीच परेड चौराहे पर पुलिस कार्रवाई में बाधा खड़ी करने के प्रयास में पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक अमिताभ वाजपेई और एक पूर्व विधायक को हिरासत में ले लिया।

शाम चार बजे के करीब यतीमखाना क्षेत्र में कुछ शरारती तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया और यतीमखाना चौकी में आग लगाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की तत्परता के चलते उपद्रवी चौकी पर खड़े कुछ वाहनो में ही आग लगा सके। पुलिस ने लाठियां पटक कर भीड़ काे खदेड़ दिया।

सूत्रों ने बताया कि बाद में उपद्रवी परेड चौराहे पर पहुंच कर पथराव करने लगे। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हे खदेड़ दिया। इस बीच सपा विधायक अमिताभ बाजपेई अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश से उलझ गये। वह एक पूर्व विधायक को हिरासत में लिये जाने का विरोध कर रहे थे। एडीजी ने पहले उन्हे समझाने का प्रयास किया और नहीं मानने पर उन्हे हिरासत में ले लिया गया। सपा विधायक को पुलिस लाइन ले जाया गया है।

बसपा विधायक और उनके भाई का शस्त्र लाइसेंस रद्द:

सहारनपुर से खबर है कि,बहुजन समाज पार्टी के विधान परिषद सदस्य महमूद अली और उनके भाई पूर्व विधायक मोहम्मद इकबाल के शस्त्र लाइसेंस शनिवार को जिला प्रशासन ने रद्द कर दिये ।

जिलाधिकारी आलोक पांडेय ने यहां कहा कि दोनों के अलावा उनकी पत्नी और इकबाल के बेटे जावेद के नाम भी लाइसेंस था जिसे रद्द किया गया है ।

रामपुर में हिंसक प्रदर्शन में एक की मौत:

रामपुर से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले तीन दिन से हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बाद शनिवार को अन्य इलाकों में शांति रही लेकिन रामपुर सुलग उठा।

पुलिस सूत्रों ने आज यहां कहा कि प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी ,इसके बावजूद उलेमाओं ने लोगों को प्रदर्शन के लिये घरों से निकलने का आहवान किया । उलेमाओं के आहवान के बाद हजारों की संख्या में लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। इदगाह के पास इकट्ठा होकर लोगों ने जमकर नारेबाजी की।

योगी ने आनंदीबेन से मुलाकात कर राज्य के हालतों की दी जानकारी:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करके प्रदेश के मौजूदा हालातों की जानकारी दी।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने सुबह राज्यपाल आनंदीबने पटेल से मुलाकात की और उन्हें मौजूदा हालत की जानकारी दी।

उच्च न्यायालय ने लखनऊ में हिंसा पर सरकार से मांगा जवाब:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पिछले गुरूवार को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा और संपत्ति के नुकसान मामले में राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

न्यायालय ने शनिवार को लखनऊ के जिलाधिकारी को उपद्रव में हुई क्षति का आकलन करने का भी निर्देश दिया है। इस मामले में सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी।

लखनऊ ,गाजियाबाद और उन्नाव में इंटरनेट सेवा बहाल;

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बंद की गई इंटरनेट सेवा को राजधानी लखनऊ समेत कुछ शहरों में शनिवार को बहाल कर दिया गया।

पुलिस ने शनिवार को यहां कहा कि पिछले गुरूवार को राजधानी में कानून के विरोध में हुये हिंसक प्रदर्शन के बाद इंटरनेट सेवा दो दिन यानि आज रात बारह बजे तक बंद कर दी गई थी लेकिन हालात के सामान्य होने पर आज इसे दोपहर में ही बहाल कर दिया गया । इसके अलावा उन्नाव और गाजियाबाद में भी इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है ।

महोबा में अराजक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश, हाई अलर्ट जारी:

महोबा में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए)के विरोध की आड़ में अराजक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश को देखते हुये जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए हाई अलर्ट जारी किया है।

अपर पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार ने शनिवार को यहां बताया कि अराजक तत्वों ने शुक्रवार रात में नगर के पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों में दीवारों पर आपत्तिजनक और भड़काऊ नारे लिख शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश की है। समुदाय विशेष के बाहुल्य वाले क्षेत्रों में लिखे गए इन नारों में सीएए तथा एनसीआर के विरोध के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी थी।

गोरखपुर में उपद्रवियों के फोटो जारी:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को हुई हिंसा और आगजनी करने वाले लोगों के शनिवार को पुलिस ने फोटो जारी किये ।

पुलिस ने करीब दो सौ लोगों की तस्वीर जारी की है जिनके हाथ में पत्थर हैं । कुछ ने अपनी पहचान छुपाने के लिये चेहरे ढक रखे हैं । ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी शुरू कर दी गई है और जगह जगह छापे मारे जा रहे हैं । गिरफ्तार लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है ।

उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं लोग: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनता से अपील की है कि वे नागरिकता कानून पर उपद्रवी तत्वों द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम और बहकावे में न आए।

श्री योगी ने कहा कि लोग अफवाहों में न पड़ें और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में भी न आएं। उन्होंने जनता से शान्ति बनाये रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है। सरकार हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है।

उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि उन तत्वों को ढूंढ निकाला जाए, जो नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं और हिंसा फैला रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर रात यहां जारी बयान में कहा कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिन्हित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के बयान व समापवादी पार्टी(सपा) नेताओं के कृत्य अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राजनीतिक रोटी सेकने के लिए नागरिकता कानून के नाम पर उनके द्वारा लगातार भ्रम पैदा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है। यह प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है। इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है। जो समाज विरोधी और राष्ट्रद्रोही तत्व देश में शांति और समृद्धि नहीं चाहते, वे ही लोगों को गुमराह कर भ्रम और हिंसा फैला रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे किसी बहकावे में न आएं और शांति बनाए रखने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेकर उपद्रव व हिंसा की छूट किसी को भी नहीं दी जा सकती।

प्रदेश में शांति बहाली की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह कर हिंसा फैलाने वालों को ढूंढ निकालें। उन्होंने कहा कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचाई है, उस संपत्ति की भरपाई वीडियो फुटेज व अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिह्नित उपद्रवियों की संपत्ति को जब्त कर की जाएगी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूरे प्रदेश में हिंसा एवं आगजनी की घटना में 43 पुलिस कर्मी समेत 75 लोग घायल हुए है। उपद्रवियों ने 24 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया एवं जलाया गया है।

सीएए पर बवाल के मद्देनजर झांसी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम:

नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) पर देश भर में भड़के हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर झांसी प्रशासन बड़ी सतर्कता बरत रहा है और चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये हैं।

पुलिस बल के साथ शनिवार को शहर में भ्रमण पर निकले जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने कहा कि बैरियर लगाकर संदिग्ध गड़ियो की चैकिंग की जाये तथा बैरियर इस तरह लगाये जाये जिसमें गड़िया तेज गति से आ जा न सके। चौराहों पर अनावश्यक भीड़ न लगाये और दुकानदार अपने यहां लोगों को जमा न करे। कोई भी असामान्य घटना यदि संज्ञान में आये तो तत्काल उच्चाधिकारियों को जानकारी दें। चौराहो पर पुलिस फोर्स इस तरह डिप्लायड किया जाये कि सभी पर नजर रखी जा सके। जनपद में धारा 144 का कड़ाई से अनुपालन कराया जायेगा।

आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाला हेडमास्टर निलंबित:

उत्तर प्रदेश में हमीरपुर के सुमेरपुर क्षेत्र में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले प्राथमिक विद्यालय के एक प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया।

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) सतीश कुमार ने शनिवार को बताया कि हेडमास्टर आरके शुक्ला ने आज सोशल मीडिया मे आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी जिसकी जिला प्रशासन ने जांच करायी और सत्यता की पुष्टि होने पर हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया है। शीघ्र ही आरोप पत्र जारी कर दिया जायेगा।

सरकार ने स्पष्ट किया: NRC के लिए दस्तावेज नहीं होने पर गवाहों के आधार पर सिद्ध होगी भारतीय नागरिकता attacknews.in

नयी दिल्ली 20 दिसंबर । नागरिकता पर हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शुक्रवार को साफ किया कि दस्तावेज नहीं होने की दशा में गवाहों के आधार पर भी भारतीय नागरिकता सिद्ध की जा सकेगी।

गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि यदि किसी नागरिक में पास भारतीय नागरिकता सिद्ध करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होगा तो उसे उसके समुदाय के गवाहों तथा स्थानीय दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दे दी जाएगी। इस संबंध में विस्तृत प्रक्रिया बाद में जारी की जाएगी।

जयपुर में सीरियल बम धमाकों में 71 मौतों के दोषी चारों आतंकवादी फांसी की सजा के बाद मुस्कुराते रहे attacknews.in

जयपुर, 20 दिसम्बर ।राजस्थान में जयपुर में वर्ष 2008 में हुये श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के चारों आरोपियों को विशेष न्यायालय ने आज फांसी की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश अजयराज शर्मा ने आरोपी मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को बम विस्फोटों का दोषी माना। चारों आरोपियों पर कुल 14 धारायें लगाईं गईं थीं जिनमें हत्या और षडयंत्र के तहत दो धाराओं में फांसी और चार धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

इससे पहले कल बम विस्फोटों के पांच आरोपियों में से मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को दोषी माना जबकि शाहबाज को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

इन आरोपियों ने 13 मई 2008 को जयपुर में आठ स्थानों पर बम विस्फोट किये थे, जिनमें 71 लोगों की मौत हुई जबकि 185 घायल हुए थे। इनमें व्यस्ततम हनुमानमंदिर, फूलवालों का खंदा और माणिक चौक थाने के पास सर्वाधिक लोग हताहत हुए थे।

फैसला सुनाये जाने के बाद आरोपियों के अधिवक्ता पैकर फारुख ने कहा कि यह फैसला मीडिया के दुष्प्रचार और देश में निर्मित मौजूदा माहौल के दबाव में सुनाया गया है। उन्होंने दलील दी थी कि अपराध के समय सलमान नाबालिग था, इस पर विशेष न्यायालय ने गौर नहीं किया।

हालांकि आरोपियों ने कल दोषी माने जाने के बाद अदालत से विभिन्न दलीलें देकर नरमी बरतने की गुहार लगाई थी।

उधर फैसला सुनाये जान के बाद आरोपी सामान्य रहे। तीन आरोपी तो मुस्कुरा रहे थे।

मध्यप्रदेश विधानसभा हंगामें के बीच अनिश्चितकाल तक स्थगित, IAS गौरी सिंह के इस्तीफे को विपक्ष ने उठाकर किया हंगामा attacknews.in

भोपाल, 20 दिसंबर । मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके चलते अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण करने के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और सत्र संपन्न हो गया।

हंगामे के दौरान भाजपा के सदस्यों ने दो बार आसंदी के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी भी की। अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सदस्यों को बार बार समझाइश दी कि वे शांत होकर सदन की कार्यवाही निर्विघ्न रूप से चलाने में सहयोग दें। शांति नहीं होने पर अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया। इस दौरान पांच विधेयकों को संबंधित मंत्रियों की ओर से पेश करने और बाद में उन्हें पारित कराने की औपचारिकता भी की गयी।

सत्र मंगलवार को प्रारंभ हुआ था। पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। फिर बुधवार और गुरूवार के बाद आज शुक्रवार को भी हंगामे की स्थिति बनी। इसके चलते अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण करने की औपचारिकता की और कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी।
सत्र 23 दिसंबर तक प्रस्तावित था। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश के बाद सोमवार को भी एक बैठक प्रस्तावित थी। इस तरह सत्र के दौरान पांच में से चार बैठकें हो पायीं।

भाजपा विधायक फिर पहुंचे मार्च करते हुए विधानसभा

मध्यप्रदेश में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य आज गरीबों के मुद्दों को लेकर पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे।

विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा समेत भाजपा विधायक ने यहां विधानसभा से कुछ दूर पहले एकत्रित हुए और फिर पैदल ही विधानसभा पहुंचे। इस दौरान भाजपा विधायक गरीबों को लेकर राज्य सरकार की नीतियों को लेकर नारेबाजी करते रहे। ये विधायक नारे लिखे वस्त्र (एप्रिन) पहने हुए थे।

शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। भाजपा विधायक पिछले तीन दिनों से किसी न किसी मुद्दे को लेकर इसी तरह मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे थे।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला सदन में उठा

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती गौरी सिंह के कथित इस्तीफे का मामला आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा में उठाते हुए हंगामा किया।

भाजपा विधायकों ने सदन में यह मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों के चलते अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की अधिकारी गौरी सिंह नौकरी छोड़ने के लिए विवश हुयी हैं। सदस्यों ने आरोप लगाया कि पोषण आहार से जुड़े माफिया के दबाव के कारण अधिकारी ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर हुयी हैं।

यह मामला उठाते हुए विधायक अध्यक्ष के अासन के पास पहुुंच गए। विपक्षी सदस्य एकसाथ बोल रहे थे और इसका प्रतिकार सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने भी किया। इस वजह से सदन में शोरगुल की स्थिति बन गयी।

श्रीमती गौरी सिंह द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिए जाने की जानकारी मीडिया में आयी है।

वर्ष 1987 बैच की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्तर की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती सिंह को हाल ही में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद से वे कथित तौर पर नाराज बतायी जा रही थीं।

कर्नाटक में हिंसा वाले शहर मेंगलुर में 50 फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी attacknews.in

मेंगलुरु 20 दिसम्बर । कर्नाटक के मेंगलुरु में शुक्रवार सुबह वेनलॉक अस्पताल परिसर के पास पुलिस ने 50 फर्जी पत्रकारों को हिरासत में लिया।

पुलिस ने मेंगलुरु में आज सुबह वेनलॉक अस्पताल परिसर के पास से 50 फर्जी पत्रकारों को हिरासत में लिया। कैमरे के साथ खड़े ये लोग अपना प्रेस परिचय पत्र दिखाने में विफल रहे जिसके कारण पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पहचान पत्र दिखाने के बाद ही मिल रहा है मंगलुरु में प्रवेश

केरल से तलाप्पडी सीमा के रास्ते मंगलुरु आने वाले लोगों को पुलिस की सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। शहर में प्रवेश के इच्छुक लोगों को सिर्फ आपात मामलों में पहचानपत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिल रहा है।

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों से निकलने से बचें।

केरल से ट्रेन से आए कम से कम 50 पुरुषों और महिलाओं को बिना पहचानपत्र मंगलुरु में प्रवेश करने का प्रयास करने पर हिरासत में लिया गया है।

सरकारी वेनलॉक अस्पताल में प्रवेश का प्रयास करने वाले मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है। अस्पताल में गुरुवार को हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम चल रहा था।

मीडियाकर्मियों के कैमरे और फोन भी जब्त कर लिए गए हैं।

मंगलुरु के पुलिस आयुक्त पी.एस. हर्ष ने बताया कि शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई और यह 22 दिसंबर की मध्यरात्रि तक बंद रहेगी।

शहर में हुई गोलीबारी को लेकर पड़ोसी राज्य केरल के उत्तरी हिस्से में शुक्रवार को हाई अलर्ट जारी किया गया है।

मध्यप्रदेश का जबलपुर भी चपेट मे आया नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग में,4 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू attacknews.in

भोपाल/जबलपुर, 20 दिसंबर । मध्यप्रदेश के जबलपुर में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच आधा दर्जन स्थानों पर पथराव हुआ।

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया तथा आंसू गैस के गोले भी छोडे। ऐतिहायात के तौर पर हनुमानताल, गोहलपुर, कोतवाली तथा आधारताल थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मध्यप्रदेश में शांति कायम, पुलिस सतर्क, जबलपुर के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

मध्यप्रदेश में आज कुछ स्थानों पर प्रदर्शन हुआ, लेकिन शांति कायम है। हालाकि जबलपुर में पथराव की कुछेक घटनाओं के मद्देनजर चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

राज्य में 52 में से 44 जिलों में निषेधाज्ञा लागू है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान क्षेत्र में दोपहर बाद हजारों लोग नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हो संपन्न हो गया। राजधानी में भी पुलिस प्रशासन बेहद सतर्क है।

जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ फिर भड़की हिंसा से दिल्ली और उत्तरप्रदेश के कई शहरों में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव से 6 की मौत attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर ।संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़प में कम से कम छह लोगों की मौत हो गयी वहीं राष्ट्रीय राजधानी में भी हजारों लोगों ने रैलियां निकालीं तथा शाम होते होते यहां भी हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गये जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।

कई राज्यों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं जिसके बाद सरकार ने इस तरह का संकेत दिया है कि वह इस संबंध में सुझावों पर विचार करने को तैयार है।

दरियागंज में हिंसक हुई भीड़, वाहन में लगायी आग:

दिल्ली के दरियागंज इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग के हवाले कर दिया तथा सुरक्षा बलों पर पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भीड़ पर पानी की बौछार की और लाठी चार्ज किया।

प्रदर्शन कर रहे लोग यहां दिल्ली गेट के पास हिंसक हो गये और इस दौरान एक वाहन में भी आग लगा दी।

पुलिस के अनुसार दरियागंज में घंटों से एकत्र भीड़ शाम को हिंसक हो गयी। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब भी दरियागंज में जमा हैं।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हिरासत में

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने के दौरान दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया।

भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने आजाद को जामा मस्जिद में हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन वह बचकर निकल गए। हालांकि बाद में उन्हें दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस द्वारा मार्च की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी भीम आर्मी के नेतृत्व में जामा मस्जिद से बड़ी संख्या में लोगों ने मार्च किया। इससे एक दिन पहले भी राष्ट्रीय राजधानी में छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित हजारों लोगों ने निषेधाज्ञा के बाद भी प्रदर्शन किया था।

एनएचआरसी ने जामिया परिसर का दौरा किया

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सस्यीय टीम ने शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के परिसर का दौरा कर पुस्तकालय की जांच की और विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस के प्रवेश के बारे में पूछताछ की। विश्वविद्यालय प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी के अनुसार टीम ने पुस्तकालय का दौरा किया जहां पुलिस रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ परिसर के बाहर हिंसा और आगजनी करने वाले ‘बाहरी’ लोगों की तलाश करते हुए कथित रूप से जबरन घुसी थी।

उत्तरपूर्वी दिल्ली में निेषेधाज्ञा लागू, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च

उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुक्रवार को 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है और जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है।

तीन दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा भड़क उठी थी।

पुलिस ने कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या समेत कई अधिकारी फ्लैग मार्च के दौरान मौजूद थे।

पुलिस उपायुक्त सूर्या ने कहा, ‘‘ हम क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं।’’

पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और हिंसा करने के मामले में पुलिस ने गुरूवार को राशिद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है

सीएए विरोधी प्रदर्शन : शर्मिष्ठा मुखर्जी को अमित शाह के आवास के पास हिरासत में लिया गया

नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में यहां शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास प्रदर्शन के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख शर्मिष्ठा मुखर्जी को संगठन के कुछ अन्य सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा ने ‘बताया कि दिल्ली महिला कांग्रेस की करीब 50 अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया और मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया।

पुलिस ने बताया कि उन्होंने शाह के आवास के पास प्रदर्शन मार्च के दौरान शर्मिष्ठा और संगठन के कुछ अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया।

दरियागंज हिंसा के बाद पुलिस ने कई लोगों को लिया हिरासत में

नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ दरियागंज में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये जिसके बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता तथा सेंट्रल दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मंदीप सिंह रंधावा ने कहा कि पुरानी दिल्ली के लोगों की भीड़ दरियागंज के पास एकत्र थी, वे लोग जंतर-मंतर की ओर जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। पुलिस के साथ-साथ स्थानीय गणमान्य लोगों ने भी लोगों को अपने-अपने घरों में जाने की अपील की लेकिन शाम होते ही भीड़ हिंसक हो गयी जिसमें बाहरी लोगों के शामिल होने की आशंका है। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए सिर्फ पानी की बौझार की है।

दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर कई जगह हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा और अलग-अलग जगहों पर हजारों की संख्या में लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिस दौरान एक कार को भी आग लगा दी गई।

दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का केंद्र जामा मस्जिद के आस-पास के इलाके थे जहां मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हाथ में संविधान की प्रति पकड़ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन दिल्ली गेट इलाके में उन्हें रोक दिया गया जहां बड़ी संख्या में अवरोधक लगाए गए थे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपनी बेटी मिराया के साथ प्रदर्शन में शामिल होने शाम को इंडिया गेट के पास स्थित मैदान में पहुंचीं। यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस नेता इस हफ्ते नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिये इंडिया गेट पहुंचीं।

पुलिस द्वारा दिल्ली गेट इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिये बल प्रयोग किये जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इस दौरान मची अफरा-तफरी के बीच एक कार को आग लगा दी गई जबकि कई अन्य गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दरियागंज में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 40 लोगों को हिरासत में लिया है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि पथराव में उसके संयुक्त आयुक्त स्तर के एक अधिकारी समेत कई पुलिसकर्मियों को चोट लगी है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम एस रंधावा ने संवाददाताओं को बताया, “हमने कई लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ बाहरी लोगों ने इलाके में हिंसा भड़काई।”

पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाने के लिये लाठी चार्ज किया और स्थिति अपने नियंत्रण में ली।

जामा मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों के चप्पल-जूते और पत्थर बिखरे पड़े थे। इलाके में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था।

हिंसा शुरू होने से घंटों पहले दिल्ली गेट इलाके में एक मस्जिद से ऐलान कर लोगों से शांति बनाए रखने और घरों में लौट जाने की अपील की गई क्योंकि वे पहले ही इस नए कानून को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया, सीमापुरी, जंतर-मंतर, इंडिया गेट और पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर समेत कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। सीलमपुर में मंगलवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

दरियागंज में प्रदर्शनकारियों ने नए कानून को रद्द करने की मांग को लेकर “कमीज उतार कर” प्रदर्शन किया। कई प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।

पुलिस ने कहा कि सीमापुरी इलाके से लोगों के एक समूह द्वारा पथराव किये जाने का मामला सामने आया जहां पुलिस के एक अतिरिक्त उपायुक्त को मामूली चोट आई है।

प्रदर्शनों और निषेधाज्ञा के मद्देनजर शहर में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को ट्रैफिक जाम रहा।

शहर में इस कानून के खिलाफ गुरुवार को भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे।

सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में भाग लेने जा रहे लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिहाज से राजीव चौक, चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद और दिल्ली गेट सहित कम से कम 18 स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा शुक्रवार को बंद कर दिए। लोगों की भीड़ पर नजर रखने के लिये पुलिस ने कई जगह ड्रोन भी तैनात किये थे।

अधिकारियों ने कहा कि पूर्वोत्तर दिल्ली के 12 पुलिस थाना क्षेत्रों ने निषेधाज्ञा लागू की गई थी।

पुलिस ने सुबह सीलमपुर इलाके में फ्लैग मार्च किया।

क्नॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में सीएए के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया जहां लोगों ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के समर्थन में नारेबाजी की।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की आवाज का पूरी तरह अपमान किया है और असहमति को दबाने के लिए क्रूरता से बल का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि सीएए भेदभावपूर्ण है तथा प्रस्तावित एनआरसी खासकर गरीबों और वंचितों को प्रभावित करेगा।

सीएए और एनआरसी के लिये लोगों के निशाने पर आई सरकार के बचाव में आए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन, केंद्रीय वक्फ़ कौंसिल के सदस्य, देश भर में शैक्षिक संस्थानों, धार्मिक प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, आम लोगों से संपर्क-संवाद कर समाज के बड़े वर्ग में पैदा की जा रही ‘सियासी साजिश’ से उत्पन्न गलतफ़हमी को दूर कर झूठ और दुष्प्रचार को बेनकाब करने का अभियान शुरू करेंगे।

दिल्ली, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और कर्नाटक-केरल के सीमावर्ती इलाकों से छिटपुट हिंसा की खबरें हैं। उत्तर प्रदेश के कई शहरों, कर्नाटक के कुछ शहरों एवं राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट तथा एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। हालांकि दिल्ली में कुछ लोगों ने पुलिस को गुलाब का फूल भेंट कर शांति का संदेश देने का प्रयास किया।

संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। कर्नाटक के मंगलुरू में गुरूवार को पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गयी वहीं लखनऊ में कल एक व्यक्ति हिंसा में मारा गया। जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बल चौकन्ने हैं।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि बिजनौर में दो लोग मारे गये, वहीं मेरठ, संभल और फिरोजाबाद में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी। लेकिन अधिकारियों ने कानपुर में भी एक व्यक्ति के मारे जाने की जानकारी है।

सिंह ने कहा कि संघर्ष की घटनाओं में 50 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये।

प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ सहयोगी दलों ने भी चिंता जाहिर की हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि उनके राज्य में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा, वहीं भाजपा की अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि प्रदर्शन दिखाते हैं कि केंद्र सरकार समाज के एक बड़े वर्ग में संशय को दूर करने में विफल रही है।

महाराष्ट्र में विरोध मार्च निकालते हुए एआईएमआईएम ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार सीएए और एनआरसी के माध्यम से चाहती है कि भारत में केवल हिंदू रह जाएं।

कांग्रेस ने मोदी सरकार को देश में हो रहे व्यापक प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार ठहराया और नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिये जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की भी वकालत की।

हालांकि एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार विरोध कर रहे लोगों के सुझावों पर विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि नये कानून को लेकर लोगों के भ्रम दूर करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में जगह-जगह बैरिकेड लगाये गये लेकिन निषेधाज्ञा लागू होने और तमाम मेट्रो स्टेशनों के बंद होने के बावजूद जुमे की नमाज के बाद हजारों लोगों को जामा मस्जिद के पास एकत्रित होने से रोका नहीं जा सका। शाम होते-होते इंडिया गेट तथा सेंट्रल पार्क में बड़ी संख्या में तिरंगा और ‘संविधान बचाओ’ लिखी तख्तियां लिये लोगों ने नारेबाजी की। उन्होंने सरकार पर देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी इंडिया गेट पर प्रदर्शन में शामिल हुईं।

पुलिस ने इलाके में नजर रखने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल किया। पुरानी दिल्ली के दिल्ली गेट और जामा मस्जिद समेत कई मेट्रो स्टेशन बंद कर दिये गये थे।

उत्तर पूर्व जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला जहां रविवार को हिंसा भड़की थी।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास हजारों लोगों को ‘नो सीएए, नो एनआरसी’ लिखी टोपियां पहने हुए देखा गया।

उत्तर प्रदेश में कई जगहों से हिंसक प्रदर्शनों की खबरें हैं। जुमे की नमाज के बाद गोरखपुर, संभल, भदोही, बहराइच, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर तथा फिरोजाबाद समेत कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आईं। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी और उसके बाद पुलिस ने भी कार्रवाई की।

अलीगढ़, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, संभल और इलाहाबाद समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से रोक दी गयी है।

गुजरात में वड़ोदरा शहर के हाथीखाना इलाके में एक मस्जिद के बाहर एक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। उन्होंने नमाज के लिए आये लोगों के वीडियो बनाये जाने का विरोध किया।

अधिकारियों ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर एहतियातन कदम उठाये जा रहे हैं। तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पथराव में एक वरिष्ठ अधिकारी घायल हो गया।

महाराष्ट्र में भीड़ ने बीड, नांदेड़ और परभनी जिलों में राज्य परिवहन की बसों पर पथराव किया।

केरल में पुलिस पड़ोसी कर्नाटक के मंगलुरू में दो लोगों की मौत के मद्देनजर उत्तरी जिलों में निगरानी बढ़ा दी। केरल के अनेक स्थानों पर कल आधी रात के बाद से विरोध प्रदर्शन और ट्रेनों तथा बसों को रोके जाने की घटनाएं सामने आईं।

प्रदर्शनकारियों ने कोझिकोड में कर्नाटक राज्य परिवहन बसों को रोक दिया। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम ने मंगलुरू की बस सेवा स्थगित कर दी।

कोझिकोड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाए। एक समूह ने गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका ।

केरल से तलाप्पडी सीमा के रास्ते मंगलुरु आने वाले लोगों को पुलिस की सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। शहर में प्रवेश के इच्छुक लोगों को सिर्फ आपात मामलों में पहचान पत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिल रहा है।

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों से निकलने से बचें।

केरल से ट्रेन से आए कम से कम 50 पुरुषों और महिलाओं को बिना पहचान पत्र मंगलुरु में प्रवेश करने का प्रयास करने पर हिरासत में लिया गया है।

सरकारी वेनलॉक अस्पताल में प्रवेश का प्रयास करने वाले मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है। अस्पताल में गुरुवार को हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम चल रहा था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे अफवाह फैलाने वाले निहित स्वार्थी तत्वों से बच कर रहें।

राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार रात मंगलुरु सिटी और दक्षिण कन्नड़ जिले क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया था।

उधर, असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा अदालत के आदेश के बाद बहाल कर दी गयी।

मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाले नेताओं से बात करेंगे और वह राज्य के मूल लोगों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नईदिल्ली में हिरासत में लिये गये लोगों की रिहाई के लिए पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली गेट इलाके में हुई हिंसा के बाद बड़ी संख्या में हिरासत में लिए गए लोगो की रिहाई के लिए लोग पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे है।

इस प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के छात्र भी शामिल हो गए हैं। प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद और फासीवाद हो बर्बाद जैसे नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि पुलिस ने दिल्ली गेट इलाके से लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिए गए है।

उत्तरप्रदेश में सीएए के विरोध में उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में भड़की हिंसा,छह की मृत्यु:

लखनऊ से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुये विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में छह लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि 38 पुलिस कर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गये।

सूबे की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को भड़की हिंसा के मद्देनजर सरकार ने अफवाहों पर रोकथाम के लिये एहतियात के तौर पर कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया था। इसके बावजूद सम्भल, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बुलंदशहर, कानपुर,गोरखपुर ,वाराणसी और फिरोजाबाद समेत 12 जिलों में जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतरी भीड़ ने प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ एवं आगजनी की।

वाराणसी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शहर के बजरडीहा के फारुखीनगर इलाके में जुमे की नमाज के बाद पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झडपें हुई। पुलिस लोगों को धारा 144 लागू होने की बात बता रोक रही थी,लेकिन वे लोग अपनी जिद पर अड़े रहे। पुलिस के समझाने पर भी वे लोग नहीं माने । भीड़ खदेडने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पडा। इस घटना में कई लोगों को चोट आई है। इसके अलावा शहर के मदनपुरा इलाके में भी जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने प्रदर्शन करने की कोशिश की,जिन्हें पुलिस ने समझाबुझा कर वापस भेज दिया।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि कुछ घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है।

सम्भल जिले में नागरिकता कानून के विरोध को लेकर जुमे की नमाज के बाद दूसरे दिन चंदौसी में भी उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की। उपद्रवियों को नियन्त्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े । उपद्रवियाें ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा।

बुलंदशहर के कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों समेत करीब 10 लोग घायल हो गये। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के कालाआम मोहल्ले में स्थित एक मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद एक वर्ग विशेष के लोगों ने सीएए के विरोध में जुलूस निकाला जो शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। इस बीच ऊपरकोट मोहल्ले में जुमे की नमाज के बाद 400-500 लोगों की भीड़ नारेबाजी करती हुयी निकल आयी। पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास किया लेकिन भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया और बैरीकेडिंग तोड़ते हुये आगे बढ गयी। उपद्रवियों ने पुलिस वाहन और कुछ बाइकों को आग लगा दी।

इस बीच लखनऊ पुलिस ने सोशल साइट पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 13 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जुमे की नमाज को लेकर आज जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्म गुरूओं से बात की और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की ।

पुलिस महानिदेशक ने लखनऊ में हुयी हिंसा में बांग्लादेशी नागरिकों के शामिल होने की आशंका व्यक्त की है। उन्होने कहा कि गिरफ्तार लोग पूछताछ के दौरान बांगला में जवाब दे रहे थे। उनके फोन जब्त कर लिये गये हैं। इस बीच राजधानी में कल हुये हिंसक प्रदर्शन को लेकर आज पुलिस को जांच में एक गुलाबी रंग का पर्चा मिला जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रामक और आपत्तिजनक बातें लिखी थीं । पुलिस यह मान कर चल रही है कि पर्चा बंटने के बाद ही हिंसा भड़की। पुलिस पर्चा छपवाने और इसे बांटने वाले को पकड़ने का प्रयास कर रही है ।

उत्तरप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद फिर भड़की हिंसा,गिरफ्तारी में बांग्लादेशी भी सामने आए,भड़काने में पूर्व DIG वजी अहमद,पत्रकार जावेद बागवान भी शामिल attacknews.in

लखनऊ 20 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को भी कई जगह जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुये और पुलिस पर पथराव किया गया।

गोरखपुर,अमरोहा,फिरोजाबाद,मुजप्फरनगर ,हापुड़ और कानपुर में जुमे की नमाज के बाद लाेग सड़कों पर आ गये और पुलिस बल पर पथराव किया

फिरोजाबाद में उपद्रवियों ने आगजनी की और पुलिस पर पथराव किया । अपने बचाव में पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी । लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हो गये जबकि पथराव में कुछ पुलिस वाले भी जख्मी हुये हैं ।

राजधानी में कल हुये हिंसक प्रदर्शन को लेकर आज पुलिस को जांच में एक गुलाबी रंग का पर्चा मिला जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रामक और आपत्तिजनक बातें लिखी थीं । पुलिस यह मान कर चल रही है कि पर्चा बंटने के बाद ही हिंसा भड़की । पुलिस पर्चा छपवाने और इसे बांटने वाले को पकड़ने का प्रयास कर रही है ।

इस बीच गिरफ्तार कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की और किचन का सामान फेंक दिया । जबकि पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह आरोप गलत है । सच तो यह है कि इन उपद्रवियों ने कल पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके । राजधानी में आज जुमे की नमाज शांतिपूर्ण निपट गई । मुस्लिम धर्म गुरूओं ने लाेगों से शांति बनाये रखने की अपील की थी ।

सहारनपुर से मिली सूचना के अनुसार नमाज के बाद देवबंद में करीब 400 की भीड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नारेबाजी की । रसिदिया और जामा मस्जिद के बाहर नमाज के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे । मुस्लिमों ने नमाज के बाद अपनी दुकानें बंद रखी । कुछ लोगों ने घंटाघर इलाके में भी प्रदर्शन किया ।

वाराणसी से मिली सूचना के अनुसार अफवाहों को रोकने के लिये इंटरनेट सेवा अगले आदेश तक बंद कर दी गई है । जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि मिश्रित आबादी वाले इलाके में विशेष सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं । उन्होंनें कहा कि अब तक कहीं से हिंसक प्रदर्शन की सूचना नहीं है ।

लखनऊ में गिरफ्तार कुछ लोग बांग्लादेशी हो सकते हैं :पुलिस महानिदेशक

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरूवार को हुई व्यापक हिंसा में आज और कल देर रात गिरफ्तार किये गये कुछ लोग बांग्लादेशी घुसपैठिये हो सकते हैं ।

पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि गिरफ्तार कुछ लोग हिंदी नहीं बोल पा रहे थे और सवालों का जवाब बांगला में दे रहे थे । उन्होंने कहा कि उनके फोन जब्त कर लिये गये हैं जिसकी जांच की जा रही है । इससे पता लगाने में मदद मिलेगी कि उनके और किस किस के साथ कनेक्शन हैं । उनके खिलाफ और भी सबूत मिले हैं ।

लखनऊ में 200 गिरफ्तार और 300 नजरबंद किये गये

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरूवार को हुई व्यापक हिंसा को लेकर करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 300 लोग नजरबंद किये गये हैं ।

पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शुक्रवार को हिंसा वाले इलाके पुराने लखनऊ के हसनगंज इलाके का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पहचान किये गये लोग गिरफ्तार किये गये हैं ।उन्होंने इस आरोप से इंकार किया कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने महिलाओं के साथ बेअदबी की और किचन के सामान फेंक दिये । सच तो ये है कि गिरफ्तार लोगों ने ही कल पुलिस पर हमला किया था और आगजनी की थी ।

उप्र में शुक्रवार की नमाज के लिये की गयी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में हिंसा के बाद जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार को पूरे उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी ।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान गुरूवार को एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी,तथा 29 अन्य घायल हो गए थे। लखनऊ, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी और अन्य स्थानों समेत अधिकांश शहरों में इंटरनेट सेवाएं कल देर रात से निलंबित हैं।

लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं बंद

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद जिले में इंटरनेट सेवाएं आधी रात के बाद से बंद कर गई हैं।

जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी में कल हुए हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बाद उत्पन्न माहौल को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं आधी रात के बाद बंद कर दी गईं। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा।

मालूम हो कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 16 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की थी

बुलंदशहर हिंसा में 10 घायल

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों समेत करीब 10 लोग घायल हो गये।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के कालाआम मोहल्ले में स्थित एक मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद एक वर्ग विशेष के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जुलूस निकाला जो शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। इस बीच ऊपरकोट मोहल्ले में जुमे की नमाज के बाद 400-500 लोगों की भीड़ नारेबाजी करती हुयी निकल आयी। पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास किया लेकिन भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया और बैरीकेडिंग तोड़ते हुये आगे बढ गयी। उपद्रवियों ने पुलिस वाहन और कुछ बाइकों को आग लगा दी।

कानपुर: पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 11 घायल:

उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाबूपुरवा क्षेत्र में शुक्रवार को नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुयी हिंसा में 11 लोग घायल हो गये।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यतीमखाना क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आये और जुलूस की शक्ल में बाबूपुरवा की ओर बढ़ने लगे। प्रदर्शनकारी सीएए को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया जिसके बाद उन्होने पथराव कर दिया।

फिरोजाबाद में आगजनी एवं हिंसा,एक की मृत्यु सात घायल

उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में फिरोजाबाद के रसूलपुर क्षेत्रों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने की पुलिस चौकी पर आगजनी एवं पथराव किया, इस घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि तीन पुलिसकर्मियों समेत सात लोग घायल हो गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार जुमे की नमाज के बाद कुछ उपद्रवियों ने रसूलपुर क्षेत्र में नालबंद पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और वहां खड़े पुलिस के वाहनों के अलावा कई मोटरसाइकिलों में आग लगा दी और जमकर पथराव किया। पुलिस ने उग्र भीड़ को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया और आसूं गैस के गोले भी दागे । हिंसा में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई ।

हिंसा में भाजपा के लोग शामिल : मसूद

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को असंवैधानिक बताते हुये राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रदेश अध्यक्ष डा मसूद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि नये कानून के विरोध में हो रही हिंसा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग शामिल हैं।

डा मसूद ने पत्रकारों से कहा कि असंवैधानिक कानून के फलस्वरूप देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं कहीं भाजपा समर्थित लोग प्रदर्शन की भीड में घुसकर शान्तिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाने का कुचक्र रख रहे है जिसका सटीक उदाहरण राजधानी लखनऊ है। बंगलुरू में दो तथा लखनऊ में एक व्यक्ति की हिंसात्मक वारदातों में हुयी मृत्यु भी सत्ता पक्ष के कुचक्र और पुलिस की तानाशाही का परिणाम है।

महोबा में पत्रकार और पूर्व डीआईजी के खिलाफ मुकदमा

उत्तर प्रदेश में महोबा की सदर कोतवाली पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट वायरल किये जाने के मामले में पुलिस ने एक अवकास प्राप्त पूर्व उप पुलिस महानिरीक्षक और एक स्थानीय पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस उपाधीक्षक जटाशंकर राव ने शुक्रवार को यहां बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के स्थानीय पत्रकार जावेद बागवान के वाट्सएप ग्रुप में कथित भड़काऊ सन्देश वजी अहमद द्वारा प्रसारित किया गया है। इस संदेश में उसने एनआरसीए सीएए आदि पर सम्प्रदाय विशेष को भड़काते हुए अत्यंत तल्ख व आपत्तिजनक टिप्पणी की है तथा सामाजिक माहौल को खराब करने की कोशिश की है।

मिर्जापुर में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाला पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के अदलहाट थाने में तैनात मुख्य आरक्षी को एनआरसी एवं सीएए पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अदलहाट थाने में तैनात मुख्य आरक्षी नौशाद अहमद ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए विवादित बातें लिखी हैं।

उन्होंने बताया कि आरक्षी का यह कार्य सरकारी कर्मचारी के रूप में गलत है और सेवा नियमावली के विरूद्ध है। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। लिहाजा प्रथम दृष्टया नौशाद को दोषी पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया

CAA के खिलाफ गुजरात, राजस्थान,तमिलनाडु और कई राज्यों में हिंसा,तोड़फोड़ और आगजनी में सामने आए मुस्लिम समुदाय के चेहरे attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 दिसम्बर ।नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों की चिंगारी कई राज्यों में आज भी जारी रही और कुछ जगहों पर इसने उग्र रूप धारण कर लिया।

गुजरात में सीएए विरोधी हिंसक प्रदर्शन मामले में कांग्रेस कार्पोरेटर समेत 49 गिरफ्तार

अहमदाबाद/पालनपुर से खबर है कि, गुजरात में अहमदाबाद के मुस्लिम बहुल शाहआलम इलाके में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में शुक्रवार तड़के कांग्रेस के एक स्थानीय कार्पोरेटर समेत 49 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

हिंसक घटनाओं और पथराव में पुलिस उपायुक्त और सहायक आयुक्त समेत 26 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। इस संबंध में देर रात ईसनपुर पुलिस स्टेशन में वहां के इंस्पेटर जे एम सोलंकी, जो स्वंय भी घायलों में शामिल थे, ने हत्या का प्रयास, बलवा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा सार्वजनिक आदेश का उल्लंघन करने के आरोपोें के साथ कुल 50 नामजद और 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

श्री सोलंकी ने आज बताया कि पकड़े गये लोगों में अहमदाबाद महानगरपालिका में दानीलीमड़ा इलाके के कांग्रेस कार्पोरेटर शहजाद पठान भी शामिल हैं।

बिना अनुमति के रैली निकाल रही भीड़ को कल जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था तो इसने जबरदस्त पथराव शुरू कर दिया। बचने के लिए छुप रहे पुलिस वालों पर नजदीक से तेज पथराव के कई सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हो गये हैं। इनकी विधि विज्ञान प्रयोगशाला के जरिये जांच कर बलवाइयों की धरपकड़ के प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस को अपनी ही जान बचाने और उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे और लाठी चार्ज करना पड़ा था।

उधर उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले के छापी में उक्त प्रदर्शन के दौरान भीड़ के पुलिस पर हमले के प्रयास के मामले में भी पुलिस ने 22 नामजद तथा 3000 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह घटना कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के विधानसभा क्षेत्र वडगाम में हुई थी। बंद और प्रदर्शनों के समर्थन में मेवाणी ने ट्विट करते हुए पुलिस को घेरे जाने की घटना का भी जिक्र किया था।

इस बीच अहमदाबाद समेत राज्य भर में आज शांति का माहौल है। शाह आलम समेत आसपास के इलाकों में पुलिस की बड़े पैमाने पर तैनाती की गयी है।

गुजरात के वडोदरा में जुमे की नमाज के बाद पथराव, पुलिस अधिकारी घायल:

गुजरात में नागरिकता संशोधन विधेयक तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दौरान अहमदाबाद में 25 से अधिक पुलिसकर्मियों के घायल होने के एक दिन बाद आज वडोदरा में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम बहुल हाथीखाना क्षेत्र में हुए पथराव में एक पुलिस अधिकारी मामूली रूप से घायल हो गया।

इस दौरान पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए 10 से अधिक आंसू गैस के गोले छोड़े गये। कम से कम तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई, कांग्रेस पूरी तरह से गुजरात सरकार के साथ – चावड़ा

गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पुलिस को निशाना बनाये जाने की घटनाओं की निंदा करते हुए आज कहा कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए तथा पार्टी इस मामले में पूरी तरह सरकार के साथ खड़ी है।

गुजरात के अहमदाबाद में शाह आलम इलाके में कल प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। आज भी वडोदरा में पुलिस पर पथराव किया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस पर हिंसा फैलाने वालों को उकसाने का आरोप लगाया है।

उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने अहमदाबाद की हिंसा के मामले में अन्य 48 आरोपियों के साथ गिरफ्तार कांग्रेस के स्थानीय कार्पोरेटर शहजाद पठान का नाम लेते हुए ऐसे आरोप लगाये हैं।

असम में 10 दिन बाद इंटरनेट सेवा बहाल

गुवाहाटी से खबर है कि,असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा 10 दिन तक बंद रहने के बाद शुक्रवार सुबह 0900 बजे बहाल कर दी गयी।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद 11 दिसम्बर को यहां इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गयी थी।

गौहाटी उच्च न्यायालय ने गुरुवार को इस संदर्भ में राज्य को निर्देश देते हुए कल शाम 1700 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आदेश दिया था लेकिन राज्य सरकार ने आज सुबह इंटरनेट सेवा बहाल की।

सरकार ने सभी इंटरनेट कंपनियों को 17 दिसम्बर को ब्रॉडबैंड सेवा बहाल करने की अनुमति दी थी लेकिन उसके बाद भी सेवाएं निलंबित रही।

असम के विभिन्न हिस्सों में इस कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है।

दरअसल नए नागरिकता कानून में 31 दिसंबर 2014 से पहले बंगलादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से बिना किसी वैध दस्तावेज के आए हिन्दुओं, पारसी, जैन, बौद्ध और ईसाइयों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम और त्रिपुरा के लोग इस कानून काे वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि इससे पड़ोसी देश बंगलादेश से आए गैर मुस्लिम लोगों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।

सीएए प्रदर्शन: मेंगलुरु में कर्फ्यू की अवधि बढ़ी

बेंगलुरु से खबर है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विभिन्न राजनीतिक दलाें और संगठनों के धरना- प्रदर्शन को देखते हुए कर्नाटक के मेंगलुरु में एहतियातन लागू कर्फ्यू की अवधि 22 दिसंबर मध्यरात्रि तक बढ़ा दी गयी है। यह कदम कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

कर्नाटक के मुख्य सचिव रजनीश गोयल ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के अनुरोध पर गुरुवार रात एक अधिसूचना जारी कर मेंगलुरु शहर और दक्षिण कन्नड़ जिले में 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी। अधिसूचना के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये अफवाहों और फर्जी संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

मेंगलुरु के पुलिस आयुक्त पी एस हर्ष ने बताया कि विभिन्न स्थानों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक कई जगहों पर तोड़-फोड़ और आगजनी की गयी है। इन घटनाओं काे फैलने से रोकने और कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को प्रदर्शनकारी कई जगह काफी उग्र हो गये और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और गोलीबारी भी करनी पड़ी।

हिंसक प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए डाॅ. हर्ष ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला किया और पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्हाेंने बताया कि हमले में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आयी हैं। हिंसा में घायल दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।

पुलिस के लाठी चार्ज में पूर्व महापौर अशरफ अौर एक पत्रकार भी घायल हुआ है। हिंसा के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़ जिले के सभी स्कूलों को आज बंद रखा गया है।

विरोध प्रदर्शन या धरने में हिंसा के लिये कोई जगह नही: मायावती

लखनऊ से खबर है कि बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि विरोध प्रदर्शन या धरने में हिंसा के लिये कोई जगह नही है।

सुश्री मायावती ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा सभ्य समाज के लिये ठीक नही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने का अधिकार किसी को नही है। किसी भी विरोध प्रदर्शन या धरने में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमने हमेशा नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है। हम शुरू से ही इसका विरोध करते रहे हैं, लेकिन अन्य पार्टियों की तरह हम सार्वजनिक संपत्ति और हिंसा को नष्ट करने में विश्वास नहीं करते हैं।

सुश्री मायावती ने कहा “मैं अपनी पार्टी के लोगों से अपील करती हूं कि इस समय में देश में आपातकाल जैसी हालात के दौरान सड़कों पर न उतरें, इसकी जगह विरोध के दूसरे तरीकों को अपना जाएं।”

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अजमेर दरगाह पर फहराये काले झण्डे

राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में काले झण्डे फहराये गये हैं।

कानून एवं एनआरसी विरोधी संघर्ष समिति अजमेर के आह्वान पर दरगाह क्षेत्र के दुकानदारों एवं दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर काले झण्डे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। समिति के आह्वान पर मुस्लिम समुदाय आज होने वाली जुम्मे की नमाज काली पट्टी बांधकर अदा करेगा।

राजस्थान में भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में किया प्रदर्शन

जयपुर से खबर है कि,राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आज यहां पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया।

भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ता गवर्नमेंट हॉस्टल स्थित शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए और शहीद स्मारक पर पुष्पाजंलि अर्पित कर पैदल मार्च की शुरुआत की जो चौमू हाउस सर्किल होते हुए सिविल लाइंस फाटक पहुंचा जहां धरना-प्रदर्शन कर सभा आयोजित की गई।

शिलांग में कर्फ्यू में दी गई 16 घंटे की ढील

शिलांग से खबर है कि,संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राज्य में सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की छिटपुट घटनाओं के बाद अब धीरे-धीरे शहर में आ रही शांति को देखते हुए शिलांग में कर्फ्यू में शुक्रवार को 16 घंटे की ढील दी गई।

बृहस्पतिवार को विधानसभा एक प्रस्ताव लेकर आई जिसमें राज्य में इनर लाइन परमिट को लागू करने का केंद्र से आग्रह किया गया। अगर राज्य को इनर लाइन परमिट मिल जाता है तो राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हो जाएगा।

राज्य सरकार के प्रस्ताव का अनेक प्रदर्शनकारियों ने स्वागत किया है।

पूर्वी खासी हिल्स के जिला मजिस्ट्रेट एम डब्ल्यू नोंगब्री ने बताया कि शिलांग के सदर और लुमदिएंजरी थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू में सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक के लिए ढील दी गई है।

उन्होंने बताया कि हालांकि रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा रहेगा।

मेघालय विधानसभा ने बृहस्पतिवार को ध्वनिमत से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन, 1873 के तहत राज्य में इनर लाइन परमिट लागू करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने प्रस्ताव रखा और सत्तारूढ़ भाजपा समेत सभी दलों के सदस्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इसका समर्थन किया

नीतीश ने कहा बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा

पटना से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून को जद(यू) के समर्थन के कारण लग रही अटकलों को विराम देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा ।

देश भर में एनआरसी लागू करने संबंधी सवालों पर कुमार ने यह टिप्पणी की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि देश भर में एनआरसी लागू किया जाएगा।

नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया ।

इस संबंध में सवालों पर उन्होंने कहा, ‘‘किसलिए एनआरसी? बिल्कुल लागू नहीं होगा।’’

बीकानेर में सीएए के विरोध में रैली के दौरान तोड़फोड़

राजस्थान में केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बीकानेर में शुक्रवार को निकाली गयी रैली के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की।
सुबह की नमाज के बाद लोगों ने शहर के मुख्य बाजार केईएम रोड से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली।

प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोगों ने महात्मा गांधी रोड़ एवं शार्दूल सिंह सर्किल पर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाया। कुछ कारों के शीशे तोड़ने की जानकारी मिली है।

सीएए के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस और वामपंथी दल: सांपला

चंडीगढ़ से खबर है कि,भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के पूर्व पंजाब प्रदेशाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने देश में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस और वामपंथी दलों का हाथ बताया है।

श्री सांपला ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक(सीएबी) का मुद्दा वर्ष 2003 में भी संसद में उठा था और वर्ष 2015 में भी संसद में आया तो विपक्ष के कहने पर ही इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को साैंपा गया था। जेपीसी में चर्चा के बाद ही पुन: संसद में पेश कर पारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जेपीसी में कांग्रेस समेत सभी दलों प्रतिनिधि थे। लेकिन अब जब यह विधेयक पारित होने के बाद कानून बन गया है तो कांग्रेस और वामपंथी दल इसका राजनीतिकरण कर और इसके विरोध में लोगों विशेषकर मुस्लिमों को भड़काने और गुमराह करने तथा देश को हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों का विरोध केवल इसलिये है कि इसका श्रेय मोदी और शाह मिलेगा।

सोनिया, राहुल सीएए को लेकर लोगों को भड़का रहे हैं:मलिक

जालंधर से खबर है कि, पंजाब भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष एवं सांसद श्वेत मलिक ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों को भड़का रहे हैं।

श्री मलिक ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि सीएए से किसी भी धर्म या जाति के लोगों कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए सीएए को मुद्दा बना कर देश में हाहाकार मचाया हुआ है तथा लोगों को गुमराह कर उन्हे दंगा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटना और राज करना कांग्रेस का इतिहास रहा है। सीएए का विरोध करने से कांग्रेस का चेहरा सबके सामने आ गया है।

श्री मलिक ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि किसी भी देश के पीड़ित लोगों को हमारा देश नागरिकता देगा। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध कर रही सभी राजनीतिक पार्टियां अपने लाभ के लिए लोगों का इस्तेमाल कर रही हैं।

चेन्नई में सीएए का विरोध करने वाले 600 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

तमिलनाडु से खबर है कि, नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों में भाग लेने वाले अभिनेताओं, राजनेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत 600 लोगों के खिलाफ चेन्नई पुलिस ने शुक्रवार को मामला दर्ज किया।

नंगमबक्कम थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है जिसमें गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने का भी आरोप शामिल है।

मध्यप्रदेश में शांति बरकरार, ऐहतियात के तौर पर पुलिस सतर्क

देश में नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन की खबरों के बीच मध्यप्रदेश में 40 से अधिक जिलों में निषेधाज्ञा लागू है और फिलहाल कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी भोपाल समेत पूरे राज्य में पुलिस प्रशासन नजर रखे हुए है। संवेदनशील माने जाने वाले जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है और ऐहतियातन अन्य उपाय भी किए गए हैं। शुक्रवार दोपहर तक राज्य में कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।