पाकिस्तान द्वारा LOC पर भारतीय सेना की चौकियों पर भारी गोलाबारी attacknews.in

जम्मू 22 दिसंबर ।पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में रविवार को नियंत्रण रेखा के नजदीक सेना की अग्रिम चौकियों पर अकारण भारी गोलीबारी कर संघर्षविराम का उल्लघंन किया।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,“पाकिस्तानी सेना ने सीमा रेखा के नजदीक नौशेरा सेक्टर में सुबह करीब 10 बज कर 25 मिनट पर अकारण छोटे हथियारों से भारी गोलीबरी की और मोर्टार से गोले दाग कर संघर्षविराम का उललघंन किया। भारतीय सेना भी पाकिस्तानी गोलीबारी का मुहतोड़ जवाब दिया।”
प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार देर रात को भी पाकिस्तान ने मेंढर,कृष्ण घाटी और पुंछ क्षेत्र के कई इलाको में अकारण गोलीबारी कर संघर्षविराम का उललघंन किया था। इससे पहले शनिवार को ही पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा के नजदीक सुंदरबनी सेक्टर में भारी गोलीबारी की थी।

कर्नाटक में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने में फायरिंग में मारे गए 2 मृतकों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज attacknews.in

बेंगलुरु 22 दिसंबर ।कर्नाटक के मेंगलुरु शहर में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) मसले पर भड़की हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गये दोनों लोगों के परिजनों को राज्य सरकार और विपक्ष की ओर से क्रमश: 10-10 लाख और पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की गयी है वहीं इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने दोनों मृतकों को नामजद आरोपी करार दिया है।

मंगलुरु पुलिस ने 19 दिसंबर को पुलिस की गोलीबारी की घटना में मारे गए दोनों लोगों को प्रथम सूचना रिपोर्ट (प्राथमिकी) में आरोपी के रूप में नामजद किया है। सीएए के विरोध में हाल ही में मेंगलुरु में हुई हिंसक घटनाओं के लिए 77 लोगों को आरोपी बनाया गया है जिनमें उक्त दोनों के नाम भी शामिल हैं।

सीएए :मेंगलुरु में जारी कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील

कर्नाटक के मेंगलुरु शहर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) मुद्दे पर भड़की हिंसा के बाद स्थिति तेजी से सामान्य होती जा रही है जिसे देखते हुए कर्फ्यू में रविवार सुबह छह बजे से 12 घंटे की ढील दी गयी।

शहर में ऑटो रिक्शा एवं अन्य वाहन सामान्य ढंग से चल रहे हैं। व्यावसायिक इलाकों में दुकानें एवं होटल खुले हुए थे।

इसबीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एच डी कुमारस्वामी ने पूर्वाह्न में गुरुवार को भड़की हिंसा में मारे गये दोनों लोगों के परिजनों से मुलाकात की ।

शहर का प्रमुख सेंट्रल मार्केट खुल गया और पुराने बंदरगाह वाले इलाकों में मछली व्यवसाय भी फिर से शुरू हो चुका है। क्रिसमस के कारण बाजारों में खरीददारों की भीड़ थी तथा लोग रविवार को विशेष प्रार्थना के लिए चर्चाें में जमा हुए ।

इसके अलावा गुरुवार से स्थगित मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गयी है।

जबलपुर में कर्फ्यू जारी,7 घंटे की दी गई ढील,मोबाइल,इंटरनेट सेवा बहाल attacknews.in

जबलपुर, 22 दिसंबर । मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थितियां सामान्य होने से कर्फ्यू में आज सात घंटे की सशर्त छूट प्रदान की गयी । यह छूट शहर के चारों थाना क्षेत्र में दोपहर 1 बजे से शाम 8 बजे तक प्रदान की गयी है। इसके साथ ही मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी है।

सीएए का विरोध करने एकत्र हुए लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव कर दिया था। पत्थर फेकने वालों में 7 से 14 साल के बच्चे भी शामिल थे,जो सबसे आगे थे। आधा दर्जन इलाकों में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिसक भिड़ंत हुई थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। ऐहतियात के तौर पर हनुमानताल तथा गोहलपुर थाना क्षेत्र के सम्पूर्ण इलाको में तथा कोतवाली एवं आधारताल थानान्तर्गत आंशिक क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था।

जबलपुर संभागायुक्त ने किया शहर के कर्फ्यू क्षेत्र का निरीक्षण

मध्यप्रदेश के जबलपुर संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने आज शहर के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील के दौरान भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री मिश्रा ने भ्रमण के दौरान आम नागरिकों एवं ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से मिलकर कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया।

उन्होंने जबलपुर शहर के गोहलपुर, रद्दी चौकी, बहोराबाग, बूढ़ी खेरमाई मार्ग, मछली मार्केट, हनुमानताल बाजार, रजा चौक आदि क्षेत्र का भ्रमण कर दैनिक जरूरत की सामग्री खरीदने निकले लोगों, खासतौर पर युवाओं एवं बुजुर्गों से बातचीत की। कर्फ्यू में ढील के समय क्षेत्र के नागरिकों ने शांति और सद्भावनापूर्ण वातावरण में आवश्यक वस्तुएँ खरीदीं और परिचितों से मुलाकात की।

इंदौर में भाजपा नेता जे पी नड्डा ने राहुल गांधी से पूछा:क्या उन्होंने इतिहास पढ़ा है,क्या नागरिकता संशोधन कानून को पढ़ा है ? attacknews.in

इंदौर, 22 दिसंबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य जे़ पी़ नड्डा ने ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ पर आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से पूछा कि वह बतायें कि क्या उन्होंने इतिहास पढ़ा है।

भाजपा अध्यक्ष श्री नड्डा ने यहाँ पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ के खिलाफ लामबंदी कर रही कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाए और सवालिया लहजे में कहा कि मैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से तीन प्रश्न पूछना चाहता हूँ।
इसके बाद उन्होंने तीन प्रश्न दागते हुये कहा कि सबसे पहले श्री गांधी यह बताये कि क्या उन्होंने भारत के विभाजन का इतिहास पढ़ा है?

उन्होंने दूसरा प्रश्न में पूछा कि क्या कभी श्री गांधी बांग्लादेश, पाकिस्तान से आये शरणार्थियों के शिविर में गये हैं? उन्होंने इसी क्रम में तीसरा प्रश्न पूछा कि पिछले एक सप्ताह से देश में जारी आन्दोलन को रोकने के लिए क्या श्री गांधी ने कुछ कहा है?

उन्होंने कहा कि वह श्री गांधी से यह प्रश्न इसलिये पूछ रहे हैं कि मुझे नहीं लगता श्री गांधी के दिल में विभाजन का कोई दर्द है।

उन्होंने श्री गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि श्री गांधी केवल ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ के विषय में 10 लाइन जानकारी स्वरूप तथा दो लाइन अधिनियम से होने वाले नुकसान के बारे जाहिर कर दें।

श्री नड्डा ने कांग्रेस पर इस अधिनियम के माध्यम से कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विषय को लेकर भले ही लोगों को गुमराह करती रहे, लेकिन भाजपा घर-घर पहुँचकर लोगों को इसके सच से अवगत करायेगी।

श्री नड्डा ने कहा कि, नागरिकता संशोधन कानून पर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हम किसी की नागरिकता नहीं छीनेंगे, लेकिन जो बाहर से प्रताड़ित होकर, अपना सब कुछ खोकर आए हैं, उनको भी भारत में सम्मान से जीने का हक देंगे। कांग्रेस शुरू से वोटबैंक की राजनीति करती आई है और आज भी उसके लिए देश सर्वोपरि नहीं है। इसलिए कांग्रेस ने यह तय किया है कि हम एक समाज विशेष के लोगों को भड़काएंगे, गुमराह करेंगे और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकेंगे, तो हमने भी यह तय किया है कि हम लोगों को सच्चाई बताएंगे और इसके लिए करोड़ों परिवारों से संपर्क करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री नड्डा ने सिंधी, सिख सहित अन्य समाजों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने कभी देश के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? क्योंकि उनके वक्तव्यों से नहीं लगता कि उनके मन में भारत माता के विभाजन का, अपना सब कुछ खोकर भारत आए लोगों की तकलीफों का कोई दर्द है। उन्होंने कहा कि क्या कभी राहुल गांधी पाकिस्तान या बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के किसी कैंप में गए हैं? कभी उनके दर्द को महसूस करने की कोशिश की है? देश में एक हफ्ते से आंदोलन चल रहा है और जनता की संपत्ति का नुकसान हो रहा है। मैं राहुल और पूरी कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने इसकी निंदा की है? एक वक्तव्य भी दिया है? श्री नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी अगर सीएए के दो ऐसे प्रावधान बता दें, जिनसे देश का नुकसान होता हो, तो देश का बहुत भला हो जाएगा।

श्री नड्डा ने कहा कि देश में पिछले 50 सालों से नागरिकता संशोधन कानून की चर्चा होती रही, लेकिन कानून नहीं बन सका। इसे साकार किया मोदी जी की इच्छाशक्ति और अमित शाह जी की रणनीति ने। उन्होंने कहा कि इस कानून के पीछे इच्छाशक्ति भले ही मोदी जी की है, लेकिन उन्हें ये ताकत आपने दी है।

श्री नड्डा ने कहा कि मई के महीने में आपने मोदी जी को कमल का बटन दबाकर ताकत दी और अगस्त में कश्मीर से 370 हट गई, जिसके बारे में सिर्फ चर्चाएं होती थीं। मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिल गई। अब नागरिकता संशोधन कानून बना है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि धर्मों के लोगों को भारत में सम्मान से जीने का हक देता है।

उत्तरप्रदेश CAA के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों की हुई पहचान,अब नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू attacknews.in

लखनऊ 22 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन और सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान पर सीसीटीवी फुटेज, वीडियो व फोटो के जरिए उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है ।

राज्य में सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान के मूल्यांकन के आधार पर भरपाई के लिए सभी आरोपियों को नोटिस भेजे जाएंगे।

लखनऊ में मूल्यांकन व क्षतिपूर्ति के लिए अपर जिलाधिकारी पूर्वी, अपर जिलाधिकारी पश्चिम, अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती और अपर जिलाधिकारी प्रशासन के नेतृत्व में चार टीमें गठित कर दी गई हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई घटनाओं को लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 149 के तहत उपद्रवियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिनमें कहा गया है कि जमावड़ा व उसके फलस्वरूप उत्पन्न कानून व्यवस्था व शांतिभंग का प्रयास दंडनीय है। सार्वजनिक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाना, पथराव कर लोगों के जीवन से खिलवाड़, सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करना, आगजनी, बलवा व अन्य प्रकार से शांति भंग करना आपराधिक कार्य है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति नुकसान कानून के तहत वसूली का प्रावधान है ।

उन्होंने कहा कि साल 2011 में गृह विभाग ने आदेश जारी किया था कि दंगा कर सरकारी संपत्ति को नुकसान करने वालों की संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जाये ।

उत्तर प्रदेश के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में तनावपूर्ण शांति

उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में भड़की हिंसा पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और साप्ताहिक अवकाश के दिन रविवार को कानपुर और रामपुर समेत अन्य क्षेत्रों में फिलहाल शांति है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कानपुर और रामपुर को छोड़ कर लगभग समूचे राज्य में शनिवार को ही जनजीवन सामान्य हो गया था जबकि आज इन दोनो शहरों में भी शांति बनी हुयी है। ऐहतियात के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। अफवाहों से बचने के लिये लखनऊ और कानपुर समेत 15 जिलों मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बाधित रखा गया है।

सूत्रों के अनुसार राज्य के अलग अलग इलाकों में पिछले गुरूवार से अब तक हिंसा के शिकार 17 लोगों की मृत्यु हो गयी हालांकि पुलिस ने 15 की मृत्यु की पुष्टि की है। हिंसा में 263 पुलिसकर्मियों समेत 800 लोग घायल हुए हैं। 57 पुलिसकर्मी उपद्रवियों की गोली लगने से घायल हुये है। हिंसा के मामलों में अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 से ज्यादा खोखे बरामद किये हैं। पुलिस का दावा है कि उपद्रव पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिये उसने आंसू गैस और लाठी का प्रयोग किया और उसकी ओर से गाेलीबारी नहीं की गयी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्माचार्यों एवं प्रबुद्ध वर्ग से शांति बहाली के लिये सरकार का साथ देेने की अपील की है। उन्होने कहा कि धर्माचार्य एवं प्रबुद्ध वर्ग शान्ति कायम रखने में जुटे प्रशासन का सहयोग करते हुए हर नागरिक को वस्तुस्थिति की जानकारी दें कि नागरिकता कानून भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारण्टी है।

उन्होने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकार हर नागरिक की है। सरकार और कानून-व्यवस्था पर भरोसा रखें। किसी के बहकावे में न आएं। कानून को अपने हाथ में न लें। सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति के आधार पर कार्य कर रही है। सभी योजनाओं में जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर बिना भेदभाव के, सबके कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है। इस सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है। लोगों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

कानपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को यतीमखाना क्षेत्र में हुयी हिंसा के दौरान गोली लगने से घायल दो सिपाहियों की हालत में सुधार हो रहा है। इससे पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान बाबूपुरवा में हुयी हिंसा में घायल तीन लोगों को कल ही हैलेट अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी जबकि अस्पताल में भर्ती आठ अन्य में से दो की हालत गंभीर बनी हुयी है।

पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि गुरूवार से अब तक हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी।

रामपुर में भी सीएए की आड़ में शनिवार को माहौल को बिगाडऩे का प्रयास किया गया और हिंसा पर उतारू भीड़ और पुलिस के बीच हुयी गोलीबारी में एक शख्स की मौत हो गयी। प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उलेमाओं के बंद के आवाहन पर हजारों की भीड सीएए का विरोध करने सड़कों पर आ गयी। ईदगाह के पास हिंसा पर उतारू भीड ने एक पुलिस वाहन समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत हो गई।

शनिवार शाम लखनऊ में अकबरी गेट पर पास लोगों के कुछ उपद्रवियों की गिरफ्तारी का विरोध किया जिसको लेकर 16 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर 13,101 आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की गई है जिनमें 63 एफआईआर दर्ज कर 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा 442 पाबंद किये गए हैं।

वाराणसी पुलिस 6000 लोगों की पहचान में जुटी, सीएए के खिलाफ किया था प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मद्देनजर जिले में लागू धारा 144 तोड़ने वाले 6000 अज्ञात लोगों की पहचान करने में जुटी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई घटनों के सिलसिले में अब तक 10 मुकदमें पंजीकृत कर 91 नामजद लोगें में से 73 को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। उन्होंने बताया शांति भंग करने वाले 6000 अज्ञात व्यक्तियों की फोटो एवं वीडियो फुटेज से पहचान कराई जा रही है। पहचान होने के बाद उन लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी।

वाराणसी में स्थिति सामान्य,इंटरनेट सेवा बहाल

वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के कारण एहतियातन बंद की गई इंटननेट सेवा दो दिन बाद रविवार को बहाल कर दी गई,लेकिन जिले में धारा 144 लागू होने के मद्देनजर प्रशासन की ओर से विशेष निगरानी कर रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि जिले में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। कहीं से भी किसी घटना या धरना-प्रदर्शन सूचना नहीं मिली है। स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने पर सुबह करीब साढ़े दस बजे से इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए शुक्रवार सुबह इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

उप्र में सीएए का विरोध करने वालों पर पुलिस कार्रवाई की हो न्यायिक जांच:कांग्रेस

लखनऊ से खबर है कि,उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने नागरिक संशोधन कानून एवं नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (एनआरसी) के खिलाफ शांतिपूवर्क विरोध प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस द्वारा किए लाठीचार्ज की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

श्री लल्लू ने सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ आन्दोलन करने वालों पर की गई पुलिस द्वारा कार्रवाई और राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन को पत्र भेजा है। उसके बाद आज यहां पार्टी कार्यालय में संवादाताओं से श्री लल्लू ने कहा कि संविधान बचाने के लिए जनता सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन कर रही है, लेकिन राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पुलिस के जरिये आन्दोलन कर रहे लोगों का दमन कर रही है। इतना ही नहीं पुलिस राजनीति नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज करा रही है।

उप्र में 26 दिसम्बर तक सभी पॉलीटेक्निक परीक्षाएं निरस्त

लखनऊ से खबर है कि, उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनजर पॉलीटेक्निक की सभी विशेष बैक पेपर परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।

प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह के मुताबिक 23 से 26 दिसम्बर तक होने वाली सभी परीक्षाएं सभी परीक्षाओं को निस्तर कर दिया गया है। ये अब नए साल में जनवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित होंगी।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी हिंसक घटनाओं को देखते हुए परिषद ने 20 और 21 दिसम्बर की परीक्षा को स्थगित कर दिया था।

टीएमसी के चार सांसदों को लखनऊ हवाई अड्डे पर ही रोका

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार सांसद लखनऊ पहुंचे, लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और वापस भेजा दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टीएमसी के पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी के साथ लोकसभा सांसद प्रतिमा मंडल ,अधीर विश्वास तथा राज्यसभा सदस्य नदीमुल हक लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे । पुलिस ने लखनऊ में धारा 144 लागू होने के कारण टीएमसी नेतओं को हवाई अड्डे पर ही रोक लिया और उन्हें बाहर नहीं आने दिया और वापस भेज दिया।

सीएए के खिलाफ अब हिंसा नहीं ,जेल भरो

मुरादाबाद से खबर है कि, उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले अब हिंसा नहीं बल्कि जेल भरो आंदोलन चलायेंगे ।

लाल मस्जिद के नगर मुफ्ती मन्नान कलीमी ने रविवार को यहां कहा कि इस कानून का विरोध करने वालों को अब हिंसा नहीं करनी चाहिये बल्कि अब जेल भरो आंदोलन चलाना चाहिये ।

भाजपा सरकार यूपी में हिंसा फैलाने की जिम्मेदार : अखिलेश

लखनऊ से खबर है कि,समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई,बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की बदहाली जैसी मूलभूत समस्यायों से ध्यान भटकाने के लिये लाये गये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आड़ में उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जानबूझ कर राज्य में माहौल खराब कर रही है।

श्री यादव ने रविवार को पार्टी दफ्तर में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा “ दो साल पहले केन्द्र सरकार ने काला धन वापस लाने के बहाने नोटबंदी कर गरीब जनता को लाइन में खड़ा कर दिया था और अब सीएए और एनआरसी के जरिये जनता को एक बार फिर नागरिकता के अधिकार के लिये लाइन में खड़े होने की तैयारी है। ऐसा सिर्फ गिरती अर्थव्यवस्था,महंगाई,बेरोजगारी,किसानो की समस्या और बदहाल कानून व्यवस्था से जनता का ध्यान हटाने के लिये किया जा रहा है। ”

दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी रहा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों का प्रदर्शन,पुलिस का कई इलाकों में फ्लैग मार्च attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर ।राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक रैली को संबोधित करने के बीच संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में यहां शहर में कई प्रदर्शन हुए। हालांकि पुलिस कड़ी चौकसी बरत रही है और संवेदनशील इलाकों में उसने फ्लैग मार्च भी किया।

दक्षिणी दिल्ली में रविवार को विवादित कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई का सामना करने वाले जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में काफी संख्या में लोगों ने ‘एकजुटता मार्च’ निकाला।

अलकनंदा इलाके में निकाले गए मार्च के दौरान हाथों में पोस्टर लिए लोगों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा लगाया और विवादित कानून को निरस्त करने की मांग की। जामिया के छात्रों के एक समूह ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की रैली को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने उसके आसपास के इलाकों जंतर मंतर, जामिया मिल्लिया, निजामुद्दीन और कनॉट प्लेस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए।

शहर में पिछले कुछ दिनों से सीएए के विरोध में कई हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए एम्स के डॉक्टरों के एक समूह ने पुलिसकर्मियों के साथ हुई झड़प में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद देने का फैसला किया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मनोचिकित्सक डॉ. अजय वर्मा ने कहा, ‘‘हिंसक प्रदर्शन में घायल हुए प्रदर्शनकारियों को चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराने के लिए हमलोग डॉक्टरों के साथ दो एंबुलेंस भेजेंगे।’’

एलजीबीटी समुदाय के सदस्य भी सड़कों पर उतरे और जंतर मंतर पर सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हुए यह चिंता जताई कि देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के लागू होने से उनमें से अधिकतर लोग ‘‘बाहर’’ हो जाएंगे।

असम के लखीमपुर जिले से आने वाली ऋतुपर्णा बोरा ने कहा कि क्वीर समुदाय के लोगों के लिए दस्तावेज जुटाना बेहद मुश्किल है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे माता पिता अगर मुझे घर से बाहर फेंक देते तो क्या होता। हिंसा के कारण लोग भागते हैं, अपने-अपने घरों को छोड़ते हैं। ऐसे हालात में उन सब के पास सिर्फ आधार कार्ड होता है।’’

नये कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को झेल चुके सीलमपुर और आस पास के इलाकों में दिल्ली पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने एक बार फिर फ्लैग मार्च निकाला।

इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा एहतियातन रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। पुलिस ने भी लोगों से बात की और अपने-अपने इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों के प्रदर्शन का आज आठवां दिन है। माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने उनका (छात्रों का) साथ दिया। उन्होंने नये कानून को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की और इसे ‘‘संविधान के खिलाफ’’ बताया।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास जमा हुए लोगों को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा, ‘‘हर धर्म का एक पवित्र ग्रंथ होता है। समूचे देश का एकमात्र पवित्र ग्रंथ हमारा संविधान है। हमलोग अपने संविधान और अधिकारों की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ेंगे।’’ उन्होंने जोर दिया कि विवादित कानून के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए।

जंतर-मंतर पर पूर्वोत्तर के लोग भी जमा हुए और कहा कि सीएए के विरोध में प्रदर्शन को ‘‘हिंदू्-मुस्लिम का रंग’’ दिया जा रहा है और मूल निवासियों के अधिकारों के लिए क्षेत्र की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों में शामिल छात्र एवं नागरिक समाज के लोगों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी लोगों पर पुलिस की ‘‘बर्बरता’’ से बेहद निराश और चिंतित हैं लेकिन हमारा प्रदर्शन ‘‘अपने अधिकारों’’ को लेकर है।

इस मौके पर मौजूद त्रिपुरा के राजपरिवार के वंशज प्रद्योत देब बर्मन ने कहा, ‘‘हम दूसरों को अपना एजेंडा हाइजैक नहीं करने देंगे। हम यहां अपने लोगों के बारे में बोलने के लिए आए हैं।’’

संशोधित नागरिकता कानून और पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस (सीपी) स्थित सेंट्रल पार्क में प्रदर्शन के लिए जुटे लोगों में छात्र, चिकित्सक और कलाकार भी शामिल थे।

कई प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तिरंगा थाम रखा था और अपने-अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर ध्यान खींचने वाले नारे लिखे थे। इन नारों में ‘माई नेम इज खान एवं आई एम एन इंडियन’ (मेरा नाम खान है और मैं एक भारतीय हूं), ‘इट इज सो बैड दैट इवेन इंजीनियर्स आर हियर’ (यह इतनी खराब बात है कि इंजीनियर भी यहां पर हैं), ‘मेक इंडिया डेमोक्रेटिक अगेन’ (भारत को फिर से लोकतांत्रित बनायें), ‘डिजिटल इंडिया विदाउट इंटरनेट’ (बगैर इंटरनेट डिजिटल इंडिया) और ‘डर के आगे पीस है’ शामिल थे।

प्रदर्शन स्थल पर एम्स के कई चिकित्सक भी जुटे थे जिन्होंने अपने गले में स्टेथोस्कोप लटकाया हुआ था। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने देशभक्ति के गाने गाये और कविताएं पढ़ीं।

प्रदर्शन का आयोजन हाल में गठित समूह ‘डेल्हाइट्स फॉर कॉन्स्टीट्यूशन’ ने किया था।

शनिवार को भी कई जगहों पर लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।

पाकिस्तान में आतंक की शिक्षा देने वाले मदरसों पर की गई कार्रवाई का विवरण एफएटीएफ ने मांगा attacknews.in

इस्लामाबाद, 22 दिसंबर।आतंकी गतिविधियों को मिलने वाले धन की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ ने प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े मदरसों के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण और आंकड़े मांगे हैं।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने पेरिस स्थित निगरानी संस्था एफएटीएफ को एक रिपोर्ट सौंप कर आतंकवाद और धन शोधन पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी है।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ‘ग्रे’ सूची में रखा है। संस्था ने अक्टूबर में चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान 27 सूत्री सूची में शेष 22 बिंदुओं पर अनुपालन नहीं करता है तो उसे ‘काली सूची’ में डाल दिया जाएगा।

पाकिस्तान ने छह दिसंबर को 22 सवालों का जवाब देते हुए एफएटीएफ को एक रिपोर्ट सौंपी थी।

इस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में एफएटीएफ के संयुक्त समूह ने पाकिस्तान को 150 सवाल भेजे हैं और कुछ स्पष्टीकरण, ताजा जानकारी तथा प्रतिबंधित संगठनों से संबद्ध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।

‘द न्यूज’ ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा है, ‘‘हमें अपनी अनुपालन रिपोर्ट पर एक ईमेल के जरिए एफएटीएफ से एक जवाब मिला है जिसमें उन्होंने 150 सवाल पूछे हैं। उनमें से कुछ में और अधिक आंकड़े, कुछ स्पष्टीकरण तथा प्रतिबंधित संगठनों से संबद्ध मदरसों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी गई है।’’

अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान को 150 सवालों का जवाब देने के लिए आठ जनवरी 2020 की समय सीमा दी गई है।

एफएटीएफ की अगली बैठक बीजिंग में 21 जनवरी से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित है, जहां पाकिस्तान को रिपोर्ट पर अपने पक्ष का बचाव करने का अवसर दिया जाएगा।

वहीं, पाकिस्तान जून 2020 तक समय सीमा में छूट चाहता है जब एफएटीएफ की पूर्ण समीक्षा बैठक होने वाली है ।

पश्चिमी अफ्रीका के 8 देशों ने फ्रांस की मुद्रा सीएफए फ्रैंक को छोड़ने का निर्णय लेकर नई मुद्रा “इको” को अपनाया attacknews.in

आबिदजान, 22 दिसंबर (एएफपी) ।पश्चिमी अफ्रीका के आठ देशों ने अपनी साझा मुद्रा का नाम बदलकर ‘इको’ करने का शनिवार को निर्णय लिया। इन देशों ने उपनिवेश काल के शासक फ्रांस से मौजूदा मुद्रा ‘सीएफए फ्रैंक’ को अलग करने का भी फैसला किया।

सीएफए फ्रैंक शुरुआत में फ्रांस की मुद्रा फ्रैंक से जुड़ी हुई थी। बाद में करीब दो दशक पहले इसे यूरो से जोड़ दिया गया था।

पश्चिमी अफ्रीका के बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बसाउ, आइवरी कोस्ट, माली, नाइजर, सेनेगल और टोगो अभी इस मुद्रा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से गिनी-बसाउ को छोड़ शेष सभी देश फ्रांस के उपनिवेश थे।

यह घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की आइवरी कोस्ट की यात्रा के दौरान शनिवार को की गयी।

आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति एलास्साने ओउत्तारा ने देश की आर्थिक राजधानी आबिदजान में तीन बड़े बदलावों की घोषणा की। इनमें मुद्रा का नाम बदलना, फ्रांस के खजाने में 50 प्रतिशत से अधिक मुद्रा भंडार रखना तथा मुद्रा के संबंध में किसी भी तरह से फ्रांस का हस्तक्षेप रोकना शामिल रहा।

मैक्रों ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इको की शुरुआत 2020 में होगी।

फ्रांस के एक सूत्र ने बताया कि समझौता छह महीने में पूरा हुआ।

पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध की रणभूमि तैयार,इसे शांत करने के लिए पाक ने खोला करतारपुर गलियारा,कड़वाहट अभी भी बाकी हैं attacknews.in

इस्लामाबाद, 22 दिसंबर । पाकिस्तान और भारत 2019 में उस समय युद्ध के कगार पर आ खड़े हुए थे, जब पुलवामा आंतकी हमले में दर्जनों सीआरपीएफ के जवान मारे गए और उसके बाद भारत को पाकिस्तान स्थित आंतकी शिविरों पर हवाई हमला करने के लिए बाध्य होना पड़ा। हालांकि, साल का अंत एक सकारात्मक घटनाक्रम से हुआ और पाकिस्तान ने सिख तीर्थयात्रियों के लिए ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया। इस गलियारे के जरिए बिना वीजा के करतारपुर साहिब के दर्शन किए जा सकते हैं।

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के अगस्त 2018 में सत्ता में आने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुभेच्छाओं का आदान-प्रदान हुआ। लेकिन इसके बाद के महीनों के दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच न सिर्फ शत्रुता को गहरा किया, बल्कि दोनों पक्षों को युद्ध के कगार पर ला दिया।

सद्भावना का ये दौर कुछ समय ही चला और पाक स्थित आंतकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को 44 सीआरपीएफ सैनिकों की हत्या के साथ ही संबंध कटु हो गए। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और बदला लेने की कसम खाई। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।

इसके बाद 26 फरवरी को भारत के लड़ाकू विमान ने पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया और बालाकोट स्थित जैश के शिविर पर बमबारी की। वर्ष 1971 के युद्ध के बाद यह पहला मौका था जब भारतीय युद्धक विमान ने पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किया।

इस हवाई हमले के बाद 27 फरवरी को दोनों देशों के बीच हवाई युद्ध जारी रहा, जब पाकिस्तान के युद्धक विमान ने भारत की सीमा में प्रवेश किया। पाकिस्तान जेट को मारने के दौरान भारतीय वायु सेना का एक जेट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और भारतीय पायलट को पाकिस्तान ने घायल अवस्था में पकड़ लिया।

एक पल के लिए ऐसा लगा कि दोनों देशों की दुश्मनी अब चरम पर पहुंच चुकी है, लेकिन पाकिस्तान ने अक्लमंदी का परिचय देते हुए भारतीय पायलट को रिहा कर दिया और दोनों पक्ष युद्ध के मुहाने से आगे नहीं बढ़े ।

इसके बाद भारत में लोकसभा चुनावों के दौरान भी तेवर तीखे ही बने रहे, और इस बीच खान ने अप्रैल में एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी दोबारा चुनाव जीते तो दोनों देश शांति की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।

हुआ भी ऐसा ही। मोदी को चुनाव में भारी जीत मिली और दोनों देश भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को बिना वीजा करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए गलियारा बनाने पर सहमत हुए। इसके लिए एक समझौते को औपचारिक रूप देने पर बातचीत शुरू हुई।

रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलनी शुरू ही हुई थी कि मोदी सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने का ऐलान कर दिया। ऐसा ही एक फैसला था जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करना।

इसके बाद भारत-पाक संबंध फिर खराब होने लगे। पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को निर्वासित कर दिया।

पाकिस्तान ने साथ ही भारत के साथ सभी वायु एवं भूमि संपर्क भी खत्म कर दिए और व्यापार तथा रेलवे गठजोड़ को भी खत्म कर दिया।

इसके बाद करतारपुर गलियारे के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे, जिसका उद्घाटन गुरुनानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व से पहले होना था। हालांकि आशंकाएं गलत साबित हुईं, और गलियारा समय पर चालू हुआ।

पाकिस्तान और भारत ने नवंबर में अलग-अलग अपने तरफ के गलियारे का उद्घाटन किया। दुर्भाग्यवश, इससे उत्पन्न सद्भावना दोनों देशों के बीच विश्वास को बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों में बहाल करने में सफल नहीं हो सकी।

साल के अंत में भारत ने विवादित नागरिकता कानून पारित किया, इससे संबंधों में तनाव और बढ़ा।

इस साल दोनों देशों ने पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कानूनी लड़ाई भी लड़ी। इस फैसले से हालांकि जमीनी हालात में बहुत अंतर नहीं आया, लेकिन भारत को राजनयिक पहुंच मिली। इससे पहले पाकिस्तान लगातार भारत को राजनयिक पहुंच से इनकार कर रहा था।

बांग्लादेश ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता पंजी को आंतरिक मामला बताया attacknews.in

ढाका, 22 दिसंबर । बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के ‘‘आंतरिक मुद्दे’’ हैं लेकिन उन्होंने साथ ही चिंता जताई कि देश में ‘‘अनिश्चितता’’ की कोई भी स्थिति पड़ोसी मुल्कों पर असर डाल सकती है।

भारत में विवादित नागरिकता संशोधन कानून पर बढ़ते प्रदर्शनों के बीच मोमेन ने उम्मीद जताई कि स्थिति में ‘‘नरमी आएगी’’ और भारत इस समस्या से बाहर निकल सकेगा।

संशोधित नागरिकता कानून के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न से भागकर आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के सदस्यों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

संसद में इस महीने की शुरुआत में यह विधेयक पारित होने के बाद से ही भारत में प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति के इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने के साथ ही इसने कानून की शक्ल अख्तियार कर ली है।

मोमेन से सीएए और खासतौर से पूर्वोत्तर राज्यों में इसके खिलाफ प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कैब (अब नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) भारत के अंदरुनी मुद्दे हैं। भारत सरकार ने हमें बार-बार आश्वस्त किया है कि ये उनके घरेलू मुद्दे हैं, वे कानूनी और अन्य वजहों से ऐसा कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बातचीत करते हुए उन्हें आश्वस्त किया था कि किसी भी परिस्थिति में इसका असर बांग्लादेश पर नहीं पड़ेगा।

मंत्री ने दोहराया कि उनका देश भारत पर यकीन करता है।

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के नंबर वन दोस्त हैं। अगर भारत में अनिश्चितता की स्थिति है तो उसका असर उसके पड़ोसियों पर पड़ने की आशंका है। जब अमेरिका में आर्थिक मंदी आती है तो इससे कई देश प्रभावित होते हैं क्योंकि हम वैश्विक दुनिया में जीते हैं। हमारा डर है कि अगर भारत में अनिश्चितता की कोई स्थिति होती है तो इसका असर उसके पड़ोसियों पर भी पड़ सकता है।’’

मोमेन ने कहा, ‘‘यह चिंता की बात है। हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति में सुधार आएगा और भारत इससे बाहर निकल सकेगा। यह उनका आंतरिक मुद्दा है। यह हमारा मसला नहीं है। उन्हें इससे निपटना चाहिए।’’

उन्होंने हाल ही में कहा था कि बांग्लादेश ने भारत से अनुरोध किया है कि अगर उसके पास वहां अवैध रूप से रह रहे किसी भी बांग्लादेशी नागरिक की सूची है तो वह उसे मुहैया कराए और बांग्लादेश उन्हें वापस बुलाएगा।

विदेश मंत्री ने 12 दिसंबर से शुरू होने वाली अपनी भारत की यात्रा को कुछ घंटों पहले ही रद्द कर दिया था।

मंत्री ने कहा था कि उनका व्यस्त कार्यक्रम हैं और साथ ही विदेश मामलों के राज्यमंत्री शहरयार आलम और देश में मंत्रालय के सचिव भी अनुपस्थित हैं।

हालांकि, नयी दिल्ली में राजनयिक सूत्रों ने बताया था कि मोमेन और गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने संसद में विवादित नागरिकता विधेयक पारित होने के बाद पैदा हुई स्थिति के चलते भारत की अपनी यात्राएं रद्द कर दी।

मोमेन ने अपनी यात्रा रद्द करने से एक दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह की उन टिप्पणियों को ‘‘गलत’’ बताया था कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हुआ।

वहीं, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मोमेन ने अपनी यात्रा रद्द करने के बारे में भारत को बता दिया है और कहा कि शाह ने सैन्य शासन के दौरान बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का हवाला दिया था, न कि मौजूदा सरकार के शासन में।

कांग्रेस,उसके साथी दलों और शहरी नक्सलियों ने CAA को लेकर “बांटों और राज करो”के हथियार से देश में हिंसा भड़काई attacknews.in

नयी दिल्ली 22 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस, उसके साथी दलों और शहरी नक्सलियों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश में अफवाह फैलाने एवं हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वालों ने देश की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद ‘बांटो एवं राज करो’ का पुराना हथियार निकाल लिया है।

श्री मोदी ने राजधानी के रामलीला मैदान में पार्टी की दिल्ली इकाई द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर धारदार प्रहार किये और जनता से अपील की, “आप विपक्षी पार्टियों के टेप रिकॉर्ड ना सुनें बल्कि मेरे ट्रैक रिकॉर्ड देखें।”

उन्होंने अफवाहों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि संसद के एक सत्र में दो विधेयक पारित हुए हैं। एक में गरीबों को दिल्ली में अनधिकृत बस्तियों में उनकी संपत्ति पर मालिकाना दिया गया है तो वह दूसरे में गरीबों के हक को कैसे छीन सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है।

उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि तमाम साजिशों के बावजूद वह देश को झुकने या बंटने नहीं देंगे तथा देश की सुरक्षा एवं लोगों के हितों के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करने से उन्हें कोई रोक नहीं पाएगा।

प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना में सभी धर्मों, जातियों संप्रदायों के करोड़ों गरीब लोगों को बिना किसी भेदभाव के एकसमान लाभ मिलने का हवाला देते हुए कहा, “मैं कांग्रेस, उसके सहयोगियों और उसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले दलों से जानना चाहता हूँ कि जब हमने किसी भी योजना में देश की किसी भी जनता से कोई भेदभाव नहीं किया तो फिर ऐसे झूठे आरोप क्यों, इस तरह के आरोपों के बहाने, भारत को दुनिया भर में बदनाम करने की साजिश क्यों? ”

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की कोशिश की है, साजिश की है। ये हिंसा और नफरत को उकसाने के लिए तो बयान देते हैं लेकिन शांति स्थापित करने के लिए कुछ भी नहीं बोलते और कोई पहल नहीं करते तो इसका मतलब यह है कि ये हिंसा का मौन समर्थन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की कोशिश की है, साजिश की है। जिस तरह बच्चों की स्कूल बसों पर हमले हुए हैं, यात्री बसों पर, ट्रेनों पर हमले किए गए हैं, लोगों की गाड़ियों को जलाया गया है, ईमानदार करदाता का पैसा जिस सरकारी संपत्ति में लगा है, उसको नुकसान पहुंचाया गया है, वह इनकी राजनीति की सच्चाई को बताता है।

उन्होंने कहा, “मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर पत्थर मारना ही है तो मोदी को मारो, जलाना ही है तो मोदी का पुतला जला लो, लेकिन कम से कम किसी गरीब का नुकसान तो मत करो। गरीब ऑटो वालों, गरीब बस वालों को मारकर, पीटकर आपको क्या मिलेगा? जिन पुलिसवालों पर आप पत्थर बरसा रहें हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा?”

उन्होंने कहा कि देश में 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, लोगों की सुरक्षा के लिए शहादत दी है। जब कोई संकट या मुश्किल आती है तो पुलिस ये नहीं पूछती कि सामने वाले का धर्म क्या है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि झूठ बेचने वाले और अफवाह फैलाने वालों को पहचानने की ज़रूरत है। ये दो तरह के लोग हैं। जिनकी राजनीति दशकों तक वोटबैंक पर ही टिकी रही है तथा जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है। ये लोग सोचते थे कि वे खुद ही सरकार है, देश उनके इशारे पर चलता है और वे जो इतिहास बताएंगे, वही सच मान लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं, तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटों और राज करो।

देश ने पाकिस्तान की करतूत सामने लाने का मौका खाे दिया : मोदी

प्रधानमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए विरोध को हवा देने वालों के कारण देश ने पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के समक्ष लाने का मौका खो दिया है।

श्री मोदी ने कहा कि यह किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है। इस कानून से पाकिस्तान, बंगलादेश तथा अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर पीड़ितों और सताए हुए लोगों को भारत की नागरिकता देना और उन्हें सम्मान के साथ जीवन यापन करने का अधिकार मिलता है लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका राजनीतिक फायदा उठाने का काम कर लोगों को हिंसा के लिए भड़काया है।

उन्होंने कहा कि इस कानून से दुनिया को पता चलता कि पाकिस्तान में कैसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है, वहां मानवाधिकारों की स्थिति क्या है और अल्पसंख्यकों पर किस तरह के अतयाचार होते हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों को लेकर उसकी करतूतों को दुनिया के समक्ष लाने का देश को इस कानून से मौका मिल रहा था लेकिन कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण देश ने पाकिस्तान की करतूत दुनिया के समक्ष सामने लाने का मौका खाे दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून से कई लोगों की आशा पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित इस कानून से कितने खुश है इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र का एक उदाहरण दिया और कहा कि दो सप्ताह पहले वहां एक बेटी पैदा हुई और उसके माता पिता ने उसका नाम ‘नागरिकता’ रख दिया। विरोध करने वालों को समझ लेना चाहिए कि अगर उस बेटी के मां-बाप का जीवन आसान होता है और उनकी समस्या का समाधान हो रहा है तो इसमें किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देशों से धार्मिक आधार पर सताए गये लोगों को भारत आने के लिए मजबूर होना पडता है। उन्हें मजबूरी में अपना घर छोड़कर आना पड़ता है, अपनी बहू बेटियों की इज्ज्त के लिए भारत का रुख करना पड़ता हैं तो उनको लेकर दिक्कत किसी को नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्धिजीवियों को समझ आना चाहिए कि कोई भी शरणार्थी अपनी पीड़ा के कारण भारत की सीमा में पहुंचता है तो कहता है कि वह अपनी जिंदगी बचाने के लिए आया है। वह कुछ छिपाता नहीं है और कहता है कि मजबूर होकर भारत आया है। घुसपैठिया इस तरह से स्पष्टता के साथ कभी नहीं आता है। वह छिपता है और अपनी पहचान छिपाने का लगातार प्रयास करता है लेकिन शरणार्थी अपनी पहचान कभी नहीं छिपाता है।

श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उन्होंने खुद दोस्ती का हाथ बढ़ाया और जब अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में पाकिस्तान गये थे लेकिन बदले में पाकिस्तान देश काे घाव दिया है। उन्होंने कहा,“ हम पर आतंकवादी हमले कराए हैं। ”

कांग्रेस और शहरी नक्सली नागरिकता को लेकर अफवाह फैला रहे हैं : मोदी

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और उसकी सहयोगी दलों तथा शहरी नकस्लियों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश को तबाह करने के लिए झूठ तथा अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि जो हिन्दुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं ,उन्हें सीएए और एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है।

श्री मोदी ने कहा,“ हिन्दुस्तान की मिट्टी के मुसलमान जिनके पूवर्ज मां भारती की संतान हैं ,उनका नागरिकता कानून या एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है। ”

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को डिटेंशन केन्द्रों में भेजने की अफवाह फैलायी जा रही है जो सफेद झूठ है । नगारिकता कानून को गरीबों के खिलाफ बताया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से आये शरणार्थी जो वर्षो से देश में रह रहे हैं उन्हें इस कानून का फायदा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दलित नेता भी इस विवाद में घुस गये हैं। वह उनसे पूछना चाहते हैं कि दलित राजनीति करने वाले लोग इतने दिनों से चुप क्यों थे। अब जब दलितों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है तो उनके पेट में चूहा क्यों कूद रहा है? उन्होंने कहा कि शरणार्थी और घुसपैठिया में अंतर है।घुसपैठिया अपनी पहचान छुपाता है जबकि शरणार्थी अपनी पहचान बताता है। नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहींं है।

मुस्लिम देशों से मिल रहे समर्थन के कारण कांग्रेस और उसके सहयोगी परेशान : मोदी

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुस्लिम बहुल देशों में उन्हें मिल रहे जबर्दस्त समर्थन से कांग्रेस और उसके सहयोगी परेशान है और इसीलिए वे भ्रम और अफवाह फैला रहे हैं ।

मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए साफ शब्दों में कहा कि जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं।

मोदी ने कहा, ‘‘ कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं? ।’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान हो या फलस्तीन, सऊदी अरब हो या यूएई, मालदीव हो या बहरीन – इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुस्लिम जगत ने भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है। पिछले 5 साल में मुस्लिम देशों ने जितनी संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है वो अप्रत्याशित है।

उन्होंने कहा कि सउदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन इन देशों ने भारत के जितने कैदियों को छोड़ा है, उतने पहले कभी नहीं छोड़े गए । उन्होंने इस संदर्भ में हज कोटे में वृद्धि किये जाने का भी उल्लेख किया ।

मोदी ने कहा, ‘‘ मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं, इन लोगों : विपक्ष : की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए जो भी बन सकेगा , करेगा , उससे मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा । ’’ कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कही गईं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है।

मोदी ने कहा, ‘मैं इन भ्रम फैलाने वाले, झूठ बोलने वालों से पूछना चाहता हूं कि जब मैंने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या है, आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी को वोट देते हैं, आप किस पार्टी के समर्थन हैं? क्या हमने आपसे कोई सबूत मांगे थे? 70 का सबूत लाओ, 75 का सबूत लाओ, 80 का सबूत लाओ, क्या हमने मांगा था?’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और शहरी नक्सलियों द्वारा डिटेंशन सेंटर की अफवाह उड़ाई गई है और यह सरासर झूठ है। जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है।

मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, यह अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब का रिक्शा मत जलाओ ।

उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वह फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं, जब उनके हाथ में हिंसा के साधन देखता हूं तो मुझे काफी तकलीफ होती है। लेकिन मेरी सोच अलग है। परन्तु जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है क्योंकि हाथों में तिरंगा एक जिम्मेदारी भी है ।

विविधता में एकता भारत की विशेषता है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता है।

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से लोगों को अपने घर और अपनी जमीन पर सम्पूर्ण अधिकार मिल पाया है और उन्हें संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का यह अवसर उन्हें और भाजपा को मिला है ।

दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लायी भाजपा : मोदी

पूर्ववर्ती कांग्रेस और दिल्ली की वर्तमान आप सरकार पर दिल्ली की मूलभूत समस्याओं को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां कहा कि ‘पीएम उदय योजना’ दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लेकर आयी है।

मोदी ने कहा, ‘‘ चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढाई जाती थीं, बुलडोजर का पहियां कुछ समय के लिए रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी।’’ विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आपको इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थायी समाधान की ईमानदारी और नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई ।

उन्होंने कहा, ‘‘ आप सोचिये जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वो खुद क्या कर रहे थे?’’ मोदी ने कहा कि इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में 2 हजार से ज्यादा बंगले, अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भाजपा को मिला है।’’ दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने किा कि आज दिल्ली में जो राज्य सरकार है, वो यहां की सबसे बड़ी समस्या से आंख मूंद कर बैठी है।

उन्होंने कहा कि यहां समस्या पीने के पानी की है। इन लोगों : आप सरकार : के अनुसार पूरी दिल्ली में हर जगह बिसलरी जैसा साफ पानी मिलता है लेकिन क्या स्थिति है, यह सभी को मालूम है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि आपको अपने घर, अपनी जमीन, अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बधाई ।

उन्होंने कहा, ‘‘ जीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती है, एक बड़ी चिंता हट जाती है तो उसका प्रभाव क्या होता है, ये मैं आज आप सभी के चेहरों पर देख रहा हूं। आपके उत्साह में देख रहा हूं ।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ इतने कम समय में प्रौद्योगिकी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलोनियों की बाउंड्री को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं । ’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है और न ही हमारा संस्कार है। पीएम उदय योजना दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने वाली है।’’

मोदी ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढ़ाई जाती थीं, बुलडोजर का पहिया कुछ समय के लिए रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी। लोगों को इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थायी समाधान की ईमानदारी और नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई ।

विपक्षी कांग्रेस एवं आप पर परोक्ष निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वे खुद क्या कर रहे थे? इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा बंगले अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे ।

नागरिकता संशोधन कानून पर भ्रम पैदा कर विरोधियो ने पाकिस्तान का साथ देकर वहां अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन को सामने लाने का मौका खो दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 दिसम्बर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए विरोध को हवा देने वालों के कारण देश ने पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के समक्ष लाने का मौका खो दिया है।

श्री मोदी ने रविवार को यहां रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है। इस कानून से पाकिस्तान, बंगलादेश तथा अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर पीड़ितों और सताए हुए लोगों को भारत की नागरिकता देना और उन्हें सम्मान के साथ जीवन यापन करने का अधिकार मिलता है लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका राजनीतिक फायदा उठाने का काम कर लोगों को हिंसा के लिए भड़काया है।

उन्होंने कहा कि इस कानून से दुनिया को पता चलता कि पाकिस्तान में कैसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है, वहां मानवाधिकारों की स्थिति क्या है और अल्पसंख्यकों पर किस तरह के अतयाचार होते हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों को लेकर उसकी करतूतों को दुनिया के समक्ष लाने का देश को इस कानून से मौका मिल रहा था लेकिन कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण देश ने पाकिस्तान की करतूत दुनिया के समक्ष सामने लाने का मौका खाे दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कानून से कई लोगों की आशा पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित इस कानून से कितने खुश है इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र का एक उदाहरण दिया और कहा कि दो सप्ताह पहले वहां एक बेटी पैदा हुई और उसके माता पिता ने उसका नाम ‘नागरिकता’ रख दिया। विरोध करने वालों को समझ लेना चाहिए कि अगर उस बेटी के मां-बाप का जीवन आसान होता है और उनकी समस्या का समाधान हो रहा है तो इसमें किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देशों से धार्मिक आधार पर सताए गये लोगों को भारत आने के लिए मजबूर होना पडता है। उन्हें मजबूरी में अपना घर छोड़कर आना पड़ता है, अपनी बहू बेटियों की इज्ज्त के लिए भारत का रुख करना पड़ता हैं तो उनको लेकर दिक्कत किसी को नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्धिजीवियों को समझ आना चाहिए कि कोई भी शरणार्थी अपनी पीड़ा के कारण भारत की सीमा में पहुंचता है तो कहता है कि वह अपनी जिंदगी बचाने के लिए आया है। वह कुछ छिपाता नहीं है और कहता है कि मजबूर होकर भारत आया है। घुसपैठिया इस तरह से स्पष्टता के साथ कभी नहीं आता है। वह छिपता है और अपनी पहचान छिपाने का लगातार प्रयास करता है लेकिन शरणार्थी अपनी पहचान कभी नहीं छिपाता है।

श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उन्होंने खुद दोस्ती का हाथ बढ़ाया और जब अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में पाकिस्तान गये थे लेकिन बदले में पाकिस्तान देश काे घाव दिया है। उन्होंने कहा,“ हम पर आतंकवादी हमले कराए हैं। ”

कांग्रेस और शहरी नक्सली नागरिकता को लेकर अफवाह फैला रहे हैं : मोदी

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और उसकी सहयोगी दलों तथा शहरी नकस्लियों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश को तबाह करने के लिए झूठ तथा अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि जो हिन्दुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं ,उन्हें सीएए और एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है।

श्री मोदी ने कहा,“ हिन्दुस्तान की मिट्टी के मुसलमान जिनके पूवर्ज मां भारती की संतान हैं ,उनका नागरिकता कानून या एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है। ”

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को डिटेंशन केन्द्रों में भेजने की अफवाह फैलायी जा रही है जो सफेद झूठ है । नगारिकता कानून को गरीबों के खिलाफ बताया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से आये शरणार्थी जो वर्षो से देश में रह रहे हैं उन्हें इस कानून का फायदा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दलित नेता भी इस विवाद में घुस गये हैं। वह उनसे पूछना चाहते हैं कि दलित राजनीति करने वाले लोग इतने दिनों से चुप क्यों थे। अब जब दलितों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है तो उनके पेट में चूहा क्यों कूद रहा है? उन्होंने कहा कि शरणार्थी और घुसपैठिया में अंतर है।घुसपैठिया अपनी पहचान छुपाता है जबकि शरणार्थी अपनी पहचान बताता है। नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहींं है।

मुस्लिम देशों से मिल रहे समर्थन के कारण कांग्रेस और उसके सहयोगी परेशान : मोदी

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुस्लिम बहुल देशों में उन्हें मिल रहे जबर्दस्त समर्थन से कांग्रेस और उसके सहयोगी परेशान है और इसीलिए वे भ्रम और अफवाह फैला रहे हैं ।

मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए साफ शब्दों में कहा कि जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं।

मोदी ने कहा, ‘‘ कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं? ।’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान हो या फलस्तीन, सऊदी अरब हो या यूएई, मालदीव हो या बहरीन – इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुस्लिम जगत ने भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है। पिछले 5 साल में मुस्लिम देशों ने जितनी संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है वो अप्रत्याशित है।

उन्होंने कहा कि सउदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन इन देशों ने भारत के जितने कैदियों को छोड़ा है, उतने पहले कभी नहीं छोड़े गए । उन्होंने इस संदर्भ में हज कोटे में वृद्धि किये जाने का भी उल्लेख किया ।

मोदी ने कहा, ‘‘ मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं, इन लोगों : विपक्ष : की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए जो भी बन सकेगा , करेगा , उससे मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा । ’’ कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कही गईं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है।

मोदी ने कहा, ‘मैं इन भ्रम फैलाने वाले, झूठ बोलने वालों से पूछना चाहता हूं कि जब मैंने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या है, आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी को वोट देते हैं, आप किस पार्टी के समर्थन हैं? क्या हमने आपसे कोई सबूत मांगे थे? 70 का सबूत लाओ, 75 का सबूत लाओ, 80 का सबूत लाओ, क्या हमने मांगा था?’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और शहरी नक्सलियों द्वारा डिटेंशन सेंटर की अफवाह उड़ाई गई है और यह सरासर झूठ है। जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है।

मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, यह अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब का रिक्शा मत जलाओ ।

उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वह फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं, जब उनके हाथ में हिंसा के साधन देखता हूं तो मुझे काफी तकलीफ होती है। लेकिन मेरी सोच अलग है। परन्तु जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है क्योंकि हाथों में तिरंगा एक जिम्मेदारी भी है ।

विविधता में एकता भारत की विशेषता है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता है।

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से लोगों को अपने घर और अपनी जमीन पर सम्पूर्ण अधिकार मिल पाया है और उन्हें संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का यह अवसर उन्हें और भाजपा को मिला है ।

दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लायी भाजपा : मोदी

पूर्ववर्ती कांग्रेस और दिल्ली की वर्तमान आप सरकार पर दिल्ली की मूलभूत समस्याओं को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां कहा कि ‘पीएम उदय योजना’ दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लेकर आयी है।

मोदी ने कहा, ‘‘ चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढाई जाती थीं, बुलडोजर का पहियां कुछ समय के लिए रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी।’’ विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आपको इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थायी समाधान की ईमानदारी और नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई ।

उन्होंने कहा, ‘‘ आप सोचिये जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वो खुद क्या कर रहे थे?’’ मोदी ने कहा कि इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में 2 हजार से ज्यादा बंगले, अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भाजपा को मिला है।’’ दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने किा कि आज दिल्ली में जो राज्य सरकार है, वो यहां की सबसे बड़ी समस्या से आंख मूंद कर बैठी है।

उन्होंने कहा कि यहां समस्या पीने के पानी की है। इन लोगों : आप सरकार : के अनुसार पूरी दिल्ली में हर जगह बिसलरी जैसा साफ पानी मिलता है लेकिन क्या स्थिति है, यह सभी को मालूम है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि आपको अपने घर, अपनी जमीन, अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बधाई ।

उन्होंने कहा, ‘‘ जीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती है, एक बड़ी चिंता हट जाती है तो उसका प्रभाव क्या होता है, ये मैं आज आप सभी के चेहरों पर देख रहा हूं। आपके उत्साह में देख रहा हूं ।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ इतने कम समय में प्रौद्योगिकी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलोनियों की बाउंड्री को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं । ’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है और न ही हमारा संस्कार है। पीएम उदय योजना दिल्ली की कच्ची कालोनियों के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने वाली है।’’

मोदी ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढ़ाई जाती थीं, बुलडोजर का पहिया कुछ समय के लिए रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी। लोगों को इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थायी समाधान की ईमानदारी और नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई ।

विपक्षी कांग्रेस एवं आप पर परोक्ष निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वे खुद क्या कर रहे थे? इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा बंगले अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे ।

समूचा उत्तर भारत जबर्दस्त कड़ाके की सर्दी की चपेट में आया attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर ।कश्मीर समेत समूचा उत्तर भारत जबरदस्त सर्दी की चपेट में है । शुक्रवार को कश्मीर में हुए भारी हिमपात के साथ कड़ाके की सर्दी में वहां चलने वाला 40 दिवसीय ‘चिल्लई कलां’ शुरू हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोहरा छाया रहा और आसमान में बादल छाये रहने के कारण धूप की आंखमिचौली जारी रही । सर्द हवाओं के कारण हवा प्रदूषित हो गयी । शाम चार बजे संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 दर्ज किया गया जो बेहद खराब श्रेणी में आता है ।

शहर का न्यूनतम तापमान साढ़े नौ डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है।

कोहरे के कारण कई ट्रेनों के देरी से चलने की खबरें हैं ।

कश्मीर में शुक्रवार को हिमपात की शुरूआत हुई जो रात तक जारी रही। कश्मीर में शनिवार को ‘चिल्लई कलां’ की शुरूआत हुई । ऐसी अवधि में जब कश्मीर में हिमपात की संभावना सबसे अधिक होती है और अधिकतम तापमान में खासी गिरावट होती है।

उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में पांच सेमी बर्फबारी हुई और शुक्रवार की रात तापमान गिरकर शून्य से 9.6 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच गया ।

वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में 21 सेमी हिमपात हुआ और न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री नीचे दर्ज किया गया ।

दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड में 38.5 सेमी बर्फबारी हुई और तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया ।

मौसम विभाग ने बताया कि घाटी के अन्य इलाकों से हिमपात होने की सूचना है ।

श्रीनगर समेत मैदानी इलाकों में शुक्रवार को ताजा हिमपात के बाद रात शुष्क रही। श्रीनगर में शुक्रवार की रात न्यूनतम तापमान शून्य से 0.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया ।

आज सुबह जम्मू क्षेत्र में पांच दिन बाद धूप निकली जिससे लोगों को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से बहु प्रतीक्षित राहत मिली ।

जम्मू क्षेत्र में बनिहाल सबसे सर्द स्थान दर्ज किया गया । बनिहाल में डेढ़ सेमी हिमपात दर्ज किया गया और तापमान शून्य से 0.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया ।

उन्होंने कहा कि जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कल की अपेक्षा 1.4 डिग्री सेल्सियस कम था ।

पंजाब और हिरयाणा के प्रमुख हिस्सों में जबरदस्ती सर्दी का दौर जारी है और पंजाब में बठिंडा सबसे अधिक सर्द रहा जहां का न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया ।

दोनों राज्यों के अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हिसार, करनाल और सिरसा समेत विभिन्न इलाकों में घना कोहरा छाया रहा ।

अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में न्यूनतम तापमान क्रमश: 6.6 डिग्री, सात डिग्री एवं 8.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है ।

हरियाणा के अम्बाला, हिसार और करनाल में भी सर्दी का दौर जारी है और यहां का अधिकतम तापमान क्रमश: 8.3 डिग्री, आठ डिग्री एवं 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। नरनौल, रोहतक और सिरसा में न्यूनतम तापमान क्रमश: 7.8, 9.2 और 6.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया ।

दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है।

राजस्थान में भी सर्दी का दौर जारी है हालांकि कुछ हिस्सों में रात के न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार रात गंगानगर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस रहा और वह राज्य में सबसे सर्द स्थान रहा।

इसके अलावा अलवर, वनस्थली (टोंक), पिलानी, सीकर और जयपुर में रात का तापमान क्रमश: 8.2, 8.6, 9.4, 10 और 10.1 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं अजमेर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर में न्यूनतम तापमान 11.3, 12.4, 12.8 और 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

विभाग का कहना है कि राज्य में सर्दी अभी आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।

हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फबारी हुई और कुछ स्थानों पर बारिश भी हुई । राज्य में सबसे अधिक सर्द स्थान केलांग रहा जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री नीचे रहा।

शिमला मौसम केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि इस पहाड़ी राज्य में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी है ।

पर्यटक स्थल मनाली, कुफरी और डलजौजी में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है ।

राज्य की राजधानी शिमला में न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि प्रदेश के बिलासपुर में सबसे अधिक 21 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है ।

गुलज़ार अहमद के पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बनने के बाद निवर्तमान आसिफ सईद खोसा ने मुशर्रफ को फांसी की सजा के बारे मे बताई सच्चाई attacknews.in

इस्लामाबाद 21 दिसंबर । न्यायमूर्ति गुलजार अहमद ने पाकिस्तान के 27 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शनिवार को शपथ ली।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन स्थित इवान-ए-सदर में न्यायमूर्ति अहमद को शपथ दिलाई।

इस समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी, नेशनल असेंबली के स्पीकर असद क़ैसर, संघीय मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

मुख्य न्यायाधीश ,न्यायमूर्ति अहमद आसिफ सईद खोसा का स्थान ग्रहण करेंगे। न्यायमूर्ति खोसा देश के शीर्ष न्यायाधीश के रूप में सेवा देने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए।

न्यायमूर्ति अहमद का कार्यकाल 21 फरवरी, 2022 तक रहेगा।

पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने चार दिसंबर को न्यायमूर्ति अहमद की नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को अधिसूचित किया था।

कराची में दो फरवरी 1957 को जन्मे जस्टिस अहमद ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुलिस्तान स्कूल, कराची से ली और राज्य के गवर्नमेंट नेशनल कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। उन्होंने कराची से एस एम लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की।

न्यायमूर्ति अहमद 1988 में हाई कोर्ट और 1991 में सुप्रीम कोर्ट के वकील बने । उन्हें वर्ष 1999-2000 के लिए सिंध उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, कराची के मानद सचिव के रूप में भी चुना गया था।

बिना किसी डर, भेदभाव के सभी फैसले लिये : खोसा

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने कहा कि उन्होंने अबतक बिना किसी डर और भेदभाव के सभी फैसले लिये या किये हैं।

श्री खोसा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मेरे निर्णयों के परिणाम या प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा वही किया जो लगा कि सही है।”

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले विशेष न्यायालय ने राजद्रोह के मामले में जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के खिलाफ अपना फैसला सुनाए जाने के बाद उनके और न्यायपालिका के खिलाफ डराने वाला अभियान शुरू किया गया था।

उल्लेखनीय है पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेट की अगुवायी वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने पूर्व सैन्य तानाशाह को 2-1 के मत से सजा-ए-मौत की सजा सुनायी। न्यायालय ने तीन नवंबर, 2007 को पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ को राजद्रोह का दोषी पाया। फैसले में पैरा 66 के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मुशर्रफ को गिरफ्तार करने और यदि वह मृत पाया जाता है तो उसकी लाश को इस्लामाबाद के डी-चौक पर तीन दिनों तक लटकाने का प्रावधान है।

पत्रकारों से बातचीत में श्री खोसा ने कहा कि न्यायाधीश पत्थर दिल नहीं शेर दिल शेर होना चाहिए। उन्होंने मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के फैसले का समर्थन किया।

श्री खोसा पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने मुशर्रफ के राजद्रोह मामले पर अनुचित प्रभाव डाला है। इस पर श्री खोसा ने कहा,“मुझे उम्मीद है कि इस बारे में सच्चाई सामने आएगी।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लंबी बैठक की मंत्रिपरिषद के साथ,वर्तमान घटनाक्रम और कार्यक्रमों की समीक्षा की attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रालयों के पिछले छह महीने के कामकाज की समीक्षा की और सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन पर व्यापक विचार विमर्श किया।

सरकार में वापसी के बाद श्री मोदी ने दूसरी बार इस स्तर पर मंत्रिपरिषद की व्यापक बैठक की है। इससे पहले उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 13 जून को मंत्रिपरिषद की बैठक की थी। श्री मोदी ने सभी मंत्रियों से भविष्य की योजनाओं और वर्ष 2022 तथा 2024 के लिए विजन दस्तावेज तैयार करने को कहा था।

प्रवासी भारतीय केन्द्र में सुबह साढे दस बजे शुरू होकर दिन भर चली बैठक में मंत्रियों के साथ साथ भाजपा के कुछ शीर्ष पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले सप्ताह के शुरू में विभिन्न मंत्रालयों से कामकाज संबंधी रिपोर्ट कार्ड मांगे थे।

बैठक में विभिन्न मंत्रालयों की ओर से अलग-अलग समूहों में प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेन्टेशन दिये गये। इनमें वर्ष 2022 तथा 2024 को ध्यान में रखकर तैयार किये गये विजन दस्तावेज में शामिल योजनाओं का खाका पेश किया गया। मंत्रालयों के कामकाज के साथ साथ बैठक में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति और उनके प्रभाव पर भी चर्चा की गयी। इनमें जल शक्ति मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं प्रमुख रूप से शामिल थी। इसके अलावा कृषि, ग्रामीण विकास और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की गयी।

सूत्रों के अनुसार बैठक में विशेष रूप से स्वतंत्र प्रभार वाले और राज्य मंत्रियों को विशेष मौका दिया गया। मंत्रालयों की ओर से प्रजेन्टेशन में भविष्य की योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख किया गया। इस तरह की भी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा के आधार पर मंत्रिपरिषद में कुछ फेरबदल भी किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में नागरिकता संशोधन कानून के चलते उत्पन्न स्थिति और इससे निपटने के लिए अपनायी जाने वाली नीति पर चर्चा की गयी।

अमूमन केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रिमंडल की बैठक के दिन ही उससे पहले या बाद में होती है लेकिन इस बार यह बैठक विशेष रूप से बुलायी गयी थी। सूत्रों के अनुसार इसी तरह की बैठक अगले सप्ताह भी होने की संभावना है।