हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष पेश किया झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत समर्थक दलों की सरकार बनाने का दावा attacknews.in

रांची 24 दिसम्बर। झारखंड में नई सरकार बनाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने आज राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समक्ष दावा पेश कर दिया ।

श्री सोरेन ने कांग्रेस के झारखंड के प्रभारी आर.पी.एन.सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया।

उन्होंने साथ ही कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) और राजद का समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपा ।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने मंगलवार रात सात बजे गठबंधन के सभी विधायकों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद रात आठ बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया । संभावना है कि राज्यपाल की अनुमति मिलने पर वह 27 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।

राजभवन के सूत्रों ने बताया कि झारखंड विधानसभा के चुनावों में विजयी विपक्षी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से आज रात आठ बजे मिलने का समय लिया था ।

इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता अभिषेक प्रसाद पिंटू ने बताया कि आज शाम सात बजे झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर तीनों गठबंधन सहयोगियों झामुमो, कांग्रेस और राजद के सभी विधायकों की बैठक हुई । इस बैठक में हेमंत सोरेन को औपचारिक तौर पर गठबंधन दल का नेता चुना गया ।

सोरेन ने कल रात में ही कहा था कि वह अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।

झारखंड विधानसभा चुनावों में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 81 में से 47 सीटें मिली हैं।

सरकार की संरचना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह और हेमंत सोरेन ने बताया कि इसपर विस्तृत चर्चा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद होगी।

इससे पहले झामुमो ने मंगलवार को शिबू सोरेन के आवास पर पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलायी ।

हेमंत को बाबूलाल का मिला आशीर्वाद, जेवीएम (प्र) ने समर्थन देने की घोषणा की:

झारखंड में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनने वाली महागठबंधन सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की जिसके बाद राज्य के होने वाले नये मुख्यमंत्री ने पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से उनके आवास पर मिलकर आर्शीवाद लिया।

श्री सोरेन ने झाविमो सुप्रीमो श्री मरांडी से मिलने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य के लोगों ने महागठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है और चुनाव में बाबूलाल मरांडी और उनकी पार्टी के अलग-अलग लड़ने के बावजूद दोनों पार्टियों के लक्ष्य समान थे। उन्होंने कहा कि राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए एक साथ काम करना सभी की जिम्मेदारी है।

झाविमो विधायक दल के नेता ने कहा, “बाबूलाल मरांडी एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। मैं सहयोग के लिए उनकी मदद लेने आया हूं ताकि झारखंड का विकास हो सके।”

इस दौरान श्री मरांडी ने श्री सोरेन को चुनावों में भारी जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि श्री सोरेन खुले दिल से उनसे मिलते रहे।

भारत में 26 दिसम्बर को ऐसा घटित होगा वलयाकार सूर्यग्रहण,सन् 1723 के ग्रहण जैसी ग्रह स्थिति इस दिन रहेगी attacknews.in

ज्योतिषी विवेचना :नीता शर्मा, उज्जैन

26 दिसम्बर, 2019 (5 पौष, शक संवत 1941) को सूर्य का वलयाकार ग्रहण घटित होगा ।

भारत में वलयाकार प्रावस्था प्रात: सूर्योदय के पश्चात देश के दक्षिणी भाग में कुछ स्थानों (कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु के हिस्सों) के संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगी तथा देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा ।

ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर , कोयम्बटूर , कोझीकोड़ , मदुराई , मंगलोर, ऊटी , तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा ।

भारत में वलयाकार ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा सूर्य को लगभग 93% आच्छादित कर देगा ।

वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी ।

आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90%, चेन्नई में 85%, मुम्बई में 79%, कोलकाता में 45%, दिल्ली में 45%, पटना में 42%, गुवाहाटी में 33%, पोर्ट ब्लेयर में 70%, सिलचर में 35% इत्यादि होगा ।

यदि पृथ्वी को सम्पूर्ण माना जाए तो ग्रहण की आंशिक प्रावस्था भारतीय मानक समय अनुसार प्रात: 8.00 बजे आरम्भ होगी ।

ग्रहण की वलयाकार अवस्था भा.मा.स. अनुसार प्रात: 9 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी ।

सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था भा.मा.स. अनुसार 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी ।

ग्रहण की आंशिक प्रावस्था भा.मा.स. अनुसार 13 घं. 36 मि. पर समाप्त होगी ।

सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा ।

वलयाकार पथ साउदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा ।

चंद्रमा की उपच्छाया से आंशिक ग्रहण होता है जो कि मध्य पूर्व, उत्तर पूर्वी अफ्रीका, उत्तर एवं पूर्वी रूस को छोड़कर एशिया, उत्तर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, सोलोमन द्वीप के क्षेत्रों में दिखाई देगा ।

अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा । यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा । वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा । देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा ।

सूर्य ग्रहण किसी अमावस्या के दिन घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है तथा उस समय ये तीनों एक ही सीध में रहते हैं ।

वलयाकार सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का कोणीय व्यास सूर्य की अपेक्षा छोटा होता है जिसके फलस्वरूप वह सूर्य को पूर्णतया ढक नहीं पाता है । परिणामत: चंद्रमा के चतुर्दिक सूर्य चक्रिका का छल्ला ही दिखाई देता है ।

ग्रहणग्रस्त सूर्य को थोड़ी देर के लिए भी नंगी आँखों से नहीं देखा जाना चाहिए । चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुँचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है ।

सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार काँच जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करना अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण करना।

भारत के कुछ स्थानों की ग्रहण से संबंधित स्थानीय परिस्थितियों की सारिणी सुलभ संदर्भ के लिए अलग से संलग्न की जा रही है ।

दुर्लभ संयोग 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण में 1723 जैसी ग्रह स्थिति:

इस वर्ष 26 दिसंबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण इस बार यह दुर्लभ ग्रह-स्थिति में हो रहा है।

वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का संयोग बन रहा है। वहीं, धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ हैं।

ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले 7 जनवरी 1723 को हुआ था। उसके बाद ग्रह-नक्षत्रों की वैसी ही स्थिति 26 दिसंबर को रहेगी। ग्रहण की अवधि 5 घंटे 36 मिनट की रहेगी।

सरकार ने 114 साल बाद बदला रेलवे का प्रशासनिक ढांचा ,एकीकृत सेवा कैडर बना जिसे नाम दिया ” भारतीय रेल प्रबंधन सेवा ” attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर । सरकार ने भारतीय रेलवे के 114 साल पुराने प्रशासनिक ढांचे में फेरबदल करते हुए आठ विभागीय सेवाओं को एकीकृत कर भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) का गठन कर दिया है तथा रेलवे बोर्ड के ढांचे का आकार आधा करने के साथ ही ज़ोनल महाप्रबंधकों को केन्द्र सरकार के सचिव के समकक्ष बना दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे में इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलैक्ट्रिकल्स, लेखा, भंडारण, कार्मिक, यातायात, सिगनल एवं टेलीकॉम सेवाओं को मिला कर एक सेवा भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) करने को आज मंजूरी दे दी गयी है। यह निर्णय आज से ही लागू हो गया है।

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड का पहली बार गठन 1905 में किया गया था। करीब 114 साल से रेलवे विभागीय गुटों में बंटी थी। आठों सेवाओं के अधिकारी पहले अपने अपने विभाग के प्रति ही ज़्यादा समर्पित रहते थे और बोर्ड के सदस्य बनने पर समग्र रेलवे की बजाय अपने अपने विभागों की चिंता करते थे। इस निर्णय से रेलवे में विभागीय गुटबाजी समाप्त होगी और रेलवे में निर्णय प्रक्रिया की गति तेज होगी तथा भारतीय रेलवे 21वीं सदी की नयी चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम होगी।

श्री गोयल ने बताया कि प्रकाश टंडन समिति (1994), राकेश मोहन समिति (2001), सैम पित्रोदा समिति (2012) और बिबेक देबराय समिति (2015) ने एक स्वर से रेलवे की शीर्ष प्रशासनिक श्रृंखला के लिए एक ही संयुक्त सेवा बनाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा रेलवे के अधिकारियों के बीच गहन विचार मंथन की प्रक्रिया में भी इसके लिए सहमति बनने पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह साहसिक निर्णय लिया है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। रेलवे के अधिकारियों को पदोन्नति के बेहतर अवसर मिलेंगे और उनकी वरिष्ठता भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।

उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी की होगी और उसमें चार सदस्य ही होंगे। सदस्य (आधारभूत ढांचा), सदस्य (ऑपेरशन्स एवं बिजनेस डेवेलपमेंट), सदस्य (रोलिंग स्टॉक) और सदस्य (वित्त) होंगे। रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष मानव संसाधन प्रबंधन के लिए एक महानिदेशक के साथ काम करेगा। वर्तमान में रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष बोर्ड के अन्य सदस्य के समकक्ष होता है। भारतीय रेलवे चिकित्सा सेवा को अब भारतीय रेलवे स्वास्थ्य सेवा कहा जाएगा।

उन्होंने बताया कि नये रेलवे बोर्ड में सदस्यों के तीन पद समाप्त कर दिये जाएंगे। बोर्ड में कुछ स्वतंत्र सदस्य भी होंगे जो गैर कार्यकारी प्रकृति के होंगे। ये प्रबंधन, वित्त या तकनीकी दक्षता के साथ दीर्घकालिक अनुभव वाले विशेषज्ञ होंगे और इनके बारे में समय समय पर निर्णय लिया जाएगा। रेलवे बोर्ड के बाकी सभी पद सभी प्रकार की सेवाओं के अधिकारियों के लिए खुल जाएंगे जिन पर उनकी योग्यता एवं क्षमता के आधार पर नियुक्ति होगी।

श्री गोयल ने बताया कि रेलवे बोर्ड में सचिव स्तर के दस पद होंगे जबकि महाप्रबंधक स्तर के 27 पदों की ग्रेड बढ़ाकर उन्हें शीर्ष ग्रेड में लाया जाएगा। सभी जोनल एवं उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक अब केन्द्र सरकार के सचिव के समकक्ष हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मंडल रेल प्रबंधकों एवं महाप्रबंधकों की नियुक्ति में सेवाओं का कोटा भी समाप्त हो जाएगा। केवल योग्यता एवं क्षमता के आधार पर सक्षम लोगों को नियुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि 2021 से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में आईआरएमएस के कैडर में अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। रेलवे में सभी प्रकार की विधाओं के लिए आवश्यक विशेषज्ञता के अधिकारियों की भर्ती सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट सचिव द्वारा गठित सचिवों के समूह की वैकल्पिक व्यवस्था विचार करेगी। एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष या सदस्य आईआरएमएस अधिकारी ही होगा, कोई आईएएस अधिकारी इन पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस समय रेलवे के तीन सदस्य एक माह के अंदर सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिससे नयी व्यवस्था को बनाने में कोई असुविधा नहीं आएगी। यदि कोई अधिकारी बोर्ड से बाहर जाएगा तो उसके वेतनमान एवं वरिष्ठता आदि का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

भारतीय रेलवे का रूपांतरकारी संगठनात्‍मक पुनर्गठन का ऐसा होगा स्वरूप –

रेलवे के समूह ‘ए’ की मौजूदा आठ सेवाओं का एक केन्द्रीीय सेवा ‘भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस)’ में एकीकरण का रूप ऐसा रहेगा ।

• सेवाओं के एकीकरण से ‘नौकरशाही’ खत्म हो जाएगी, रेलवे के सुव्येवस्थित कामकाज को बढ़ावा मिलेगा, निर्णय लेने में तेजी आएगी, संगठन के लिए एक सुसंगत विजन सृजित होगा और तर्कसंगत निर्णय लेने को प्रोत्साहन मिलेगा।

• रेलवे बोर्ड का गठन अब से विभागीय तर्ज पर नहीं होगा और इसका स्थान एक छोटे आकार वाली संरचना लेगी जिसका गठन कार्यात्मक तर्ज पर होगा।

• रेलवे बोर्ड की अध्यीक्षता चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) करेंगे, जो इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे, इसमें 4 सदस्योंल के अलावा कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे।

• रेलवे में सुधार के लिए गठित विभिन्नर समितियों ने सेवाओं के एकीकरण की सिफारिश की है।

• 7 एवं 8 दिसम्बर, 2019 को आयोजित दो दिवसीय ‘परिवर्तन संगोष्ठी ’ में रेल अधिकारियों की आम सहमति और व्यानपक समर्थन से यह सुधार किया गया है।

•निष्पेक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट द्वारा गठित की जाने वाली वैकल्पिक व्यरवस्थात की मंजूरी से डीओपीटी के साथ परामर्श कर सेवाओं के एकीकरण की रूपरेखा तय की जाएगी।

• केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के रूपांतरकारी संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दी है। यह ऐतिहासिक सुधार भारतीय रेलवे को भारत की ‘विकास यात्रा’ का विकास इंजन बनाने संबंधी सरकार के विजन को साकार करने में काफी मददगार साबित होगा।

सुधारों में निम्‍नलिखित शामिल हैं:

रेलवे के समूह ‘ए’ की मौजूदा आठ सेवाओं का एक केन्‍द्रीय सेवा ‘भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस)’ में एकीकरण
रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन कार्यात्‍मक तर्ज पर होगा, जिसकी अध्‍यक्षता सीआरबी करेंगे। इसमें 4 सदस्‍यों के अलावा कुछ स्‍वतंत्र सदस्‍य होंगे।

मौजूदा सेवा ‘भारतीय रेलवे चिकित्‍सा सेवा (आईआरएमएस)’ का नाम बदलकर भारतीय रेलवे स्‍वास्‍थ्‍य सेवा (आईआरएचएस) रखा जाएगा।

रेलवे ने अगले 12 वर्षों के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित निवेश से आधुनिकीकरण के साथ-साथ यात्रियों को उच्‍च मानकों वाली सुरक्षा, गति एवं सेवाएं मुहैया कराने के लिए एक महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम बनाया है। इसके लिए तेज गति एवं व्‍यापक स्‍तर से युक्‍त एक एकीकृत एवं चुस्‍त-दुरुस्‍त संगठन की आवश्‍यकता है, ताकि वह इस जिम्‍मेदारी को पूरी एकाग्रता के साथ पूरा कर सके और इसके साथ ही वह विभिन्‍न चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सके। आज के ये सुधार दरअसल वर्तमान सरकार के अधीन पहले लागू किए जा चुके उन विभिन्‍न सुधारों की श्रृंखला के अंतर्गत आते हैं जिसमें रेल बजट का विलय केन्‍द्रीय बजट में करना, महाप्रबंधकों (जीएम) एवं क्षेत्रीय अधिकारियों (फील्‍ड ऑफिसर) को सशक्‍त बनाने के लिए उन्‍हें अधिकार सौंपना, प्रतिस्‍पर्धी ऑपरेटरों को रेलगाडि़यां चलाने की अनुमति देना इत्‍यादि शामिल हैं।

अगले स्‍तर की चुनौतियों से निपटने और विभिन्‍न मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह कदम उठाने की आवश्‍यकता महसूस की जा रही थी। विश्‍व भर की रेल प्रणालियों, जिनका निगमीकरण हो चुका है, के विपरीत भारतीय रेलवे का प्रबंधन सीधे तौर पर सरकार द्वारा किया जाता है। इसे विभिन्‍न विभागों जैसे कि यातायात, सिविल, यांत्रिक, विद्युतीय, सिग्‍नल एवं दूरसंचार, स्‍टोर, कार्मिक, लेखा इत्‍यादि में संगठित किया जाता है। इन वि‍भागों को ऊपर से लेकर नीचे की ओर पृथक किया जाता है और इनकी अध्‍यक्षता रेलवे बोर्ड में सचिᷫव स्‍तर के अधिकारी (सदस्‍य) द्वारा की जाती है। विभाग का यह गठन ऊपर से लेकर नीचे की ओर जाते हुए रेलवे के जमीनी स्‍तर तक सुनिश्चिᷫत किया जाता है। सेवाओं के एकीकरण से यह ‘नौकरशाही’ खत्‍म हो जाएगी, रेलवे के सुव्यवस्थित कामकाज को बढ़ावा मिलेगा, निर्णय लेने में तेजी आएगी, संगठन के लिए एक सुसंगत विजन सृजित होगा और तर्कसंगत निर्णय लेने को प्रोत्साहन मिलेगा।

रेलवे में सुधार के लिए गठित विभिन्‍न समितियों ने सेवाओं के एकीकरण की सिफारिश की है जिनमें प्रकाश टंडन समिति (1994), राकेश मोहन समिति (2001), सैम पित्रोदा समिति (2012) और बिबेक देबरॉय समिति (2015) शामिल हैं।

7 एवं 8 दिसम्बर, 2019 को दिल्‍ली में आयोजित दो दिवसीय ‘परिवर्तन संगोष्ठी’ में रेल अधिकारियों की आम सहमति और व्यापक समर्थन से यह सुधार किया गया है। इस भावना की कद्र करने और रेल अधिकारियों के सुझावों को अहमियत दिए जाने को लेकर उनमें व्‍यापक भरोसा उत्‍पन्‍न करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 8 दिसम्‍बर, 2019 को ही सम्‍मेलन के दौरान बोर्ड की असाधारण बैठक आयोजित की थी और उपर्युक्‍त सुधारों सहित अनेक सुधारों की अनुशंसा की थी।

अब आगामी भर्ती चक्र या प्रक्रिया से एक एकीकृत समूह ‘ए’ सेवा को सृजित करने का प्रस्‍ताव किया जाता है जो ‘भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) कहलाएगी।

अगले भर्ती वर्ष में भर्तियों में सुविधा के लिए डीओपीटी और यूपीएससी से परामर्श कर नई सेवा के सृजन का काम पूरा किया जाएगा। इससे रेलवे अपनी जरूरत के अनुसार अभियंताओं/गैर-अभियंताओं की भर्ती करने और इसके साथ ही करियर में उन्‍नति के लिए इन दोनों ही श्रेणियों को अवसरों में समानता की पेशकश करने में सक्षम हो जाएगी।

रेल मंत्रालय निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट द्वारा गठित की जाने वाली वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की मंजूरी से डीओपीटी के साथ परामर्श कर सेवाओं के एकीकरण की रूपरेखा तय करेगा। यह प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी।

भर्ती किए जाने वाले नए अधिकारी आवश्‍यकतानुसार अभियांत्रिकी एवं गैर-अभियांत्रिकी क्षेत्रों से आएंगे और उनके कौशल एवं विशेषज्ञता के अनुसार उनकी तैनाती की जाएगी, ताकि वे किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकें, एक समग्र परिप्रेक्ष्‍य विकसित कर सकें और इसके साथ ही वरिष्‍ठ स्‍तरों पर सामान्‍य प्रबंधन जिम्‍मेदारियों का निर्वहन करने के लिए तैयार हो सकें। सामान्‍य प्रबंधन पदों के लिए चयन योग्‍यता आधारित प्रणाली के जरिए किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड का गठन अब से विभागीय तर्ज पर नहीं होगा और इसका स्था‍न एक छोटे आकार वाली संरचना लेगी जिसका गठन कार्यात्मक तर्ज पर होगा। इसमें एक चेयरमैन होगा जो ‘मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी’ के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही 4 सदस्‍य होंगे जिन्‍हें अवसंरचना, परिचालन एवं व्‍यावसायिक विकास, रोलिंग स्‍टॉक एवं वित्तीय से जुड़े कार्यों की अलग-अलग जवाबदेही दी जाएगी। चेयरमैन दरअसल कैडर नियंत्रणकारी अधिकारी होगा जो मानव संसाधनों (एचआर) के लिए जवाबदेह होगा और जिसे एक डीजी (एचआर) आवश्‍यक सहायता प्रदान करेगा। शीर्ष स्‍तर के तीन पदों को रेलवे बोर्ड से खत्‍म (सरेंडर) कर दिया जाएगा और रेलवे बोर्ड के शेष पद सभी अधिकारियों के लिए खुले रहेंगे, चाहे वे किसी भी सेवा के अंतर्गत आते हों। बोर्ड में कुछ स्‍वतंत्र सदस्‍य (इनकी संख्‍या समय-समय पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगी) भी होंगे जो गहन ज्ञान वाले अत्‍यंत विशिष्‍ट प्रोफेशनल होंगे और जिन्‍हें उद्योग जगत, वित्त, अर्थशास्‍त्र एवं प्रबंधन क्षेत्रों में शीर्ष स्‍तरों पर काम करने सहित 30 वर्षों का व्‍यापक अनुभव होगा। स्‍वतंत्र सदस्‍य विशिष्‍ट रणनीतिक दिशा तय करने में रेलवे बोर्ड की मदद करेंगे। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद पुनर्गठित बोर्ड काम करना शुरू कर देगा। इसके तहत यह सुनिश्चिᷫत किया जाएगा कि अधिकारियों को पुनर्गठित बोर्ड में शामिल किया जाए अथवा उनकी सेवानिवृत्ति तक समान वेतन एवं रैंक में समायोजित किया जाए।

उत्तरप्रदेश में हिंसा के बाद हालात सामान्य,कानपुर में उपद्रवियों के पोस्टर चस्पा,मायावती ने मुसलमानों को दी सलाह attacknews.in

लखनऊ 24 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर से शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अब थम गया है तथा आज मंगलवार को पूरे राज्य में पूरी शांति है और जनजीवन सामान्य हो गया है ।

स्कूलों में आज तक छुट्टी है जबकि क्रिसमस को लेकर कल से ऐसे ही स्कूल बंद किये जा रहे हैं । सोमवार को प्रदेश में शांति रही आज मंगलवार को जनजीवन पूरी तरह से सामान्य हो गया।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने मंगलवार को कहा कि हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुलिस नहीं छोड़ेगी ।

उन्होंने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की और कहा कि उन लोगों को पकड़ने में पुलिस की मदद करें जिनके पोस्टर हिंसा को लेकर जारी किये गये हैं ।

उन्होंने कहा पुलिस किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं करेगी ।

राजधानी लखनऊ में 19 दिसम्बर को हिंसा का ये आलम था कि पुलिस महानिदेशक भी दंगाईयों के बीच फंस गये थे और पथराव करती भीड़ ने उन्हें घेर लिया था ।

कानपुर में उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस ने लगाये पोस्टर

कानपुर में उपप्रवियों की पहचान के लिये पुलिस ने सड़कों पर पोस्टर चस्पा किये है।

नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के विरोध में गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बाबूपुरवा और फिर यतीमखाना में उपद्रवियों ने हिंसक प्रदर्शन किया था। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिए उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये है। उनकी पहचान करने के लिए लोगों से अपील की है। शहर में जगह-जगह उपद्रवियों के पोस्टर पुलिस के द्वारा लगाए गए हैं।

शामली में माहौल खराब करने वाले चार और गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में शामली पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कैराना स्थित ईदगाह में विरोध प्रदर्शन कर भीड को उकसाने व साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने के आरोप में आज चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पुलिस अधीक्षक विनित जायसवाल ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस आज कैराना से जो आरोपी गिरफ्तार किए गये हैं उनके कब्जे से भड़काऊ पम्पलेट आदि बरामद किए हैं। एक आरोपी राजस्थान का रहने वाला है। पूछताछ पर आरोपियों ने अपने आपको पीएफआई, एसडीपीआई का कार्यकर्ता बताया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।

सीएए के खिलाफ जमीयत महासचिव महमूद मदनी ने समर्थकों के साथ दी गिरफ्तारी

देवबंद (सहारनपुर) से खबर है कि,नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए)के खिलाफ जमीयत उलमाए हिंद के महासचिव एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने आज दारूल उलूम क्षेत्र में 313 समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दी।

सैंकडों समर्थकों के साथ मौलाना मदनी दोपहर बाद ईदगाह पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने इस कानून के खिलाफ अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विधेयक को वापस लिए जाने तक जमीयत का देशभर में आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर देशभर के मुसलमानों में जबरदस्त नाराजगी है और सभी सेकुलर ताकतें इसके खिलाफ हैं। इस विधेयक से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि प्रभावित हुई है। यह संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है। ईदगाह पार्क पर एडीएम एफ विनोद कुमार, एसपी देहात विद्यासागर मिश्र, एसडीएम राकेश कुमार, सीओ चौब सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

सीएए को लेकर मायावती की मुस्लिमों को सलाह

लखनऊ से खबर है कि,बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिमों को सलाह दी है कि वो किसी के बहकावे में नहीं आयें तथा केंद्र सरकार को भी नसीहत दी कि कानून को लेकर मुसलमानों के मन में अगर शंका है तो उसे दूर करे ।

सुश्री मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया और कहा कि बसपा की मांग है कि केंद्र सरकार सीएए या एनआरसी को लेकर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को जल्दी दूर करे। इतना ही नहीं उनको पूरे तौर से संतुष्ट भी करे। इसके साथ ही उनको हर प्रकार से सावधान भी करे।

मायावती ने इसके साथ ही कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर मुस्लिम समाज के लोग सावधान भी रहें। यह भी तय कर ले कि कहीं इस मुद्दे की आड़ में उनका राजनीतिक शोषण तो नहीं हो रहा है और वे उसमें पिसने लगे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पारित होने के बाद मुस्लिम समुदाय में उत्पन्न तनाव और भय को दूर करने के लिए यह बहुत जरूरी है।

बसपा प्रमुख इससे पहले सीएए विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा को लेकर सरकार से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग कर चुकी हैं। उन्होंने पुलिस और जिला तथा प्रदेश प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कोई निर्दोष पकड़ा गया है तो उसे जल्द रिहा किया जाये ।

भारत की जनगणना-2021 आरंभ और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को अपडेट करने को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी attacknews.in

नईदिल्ली 24 दिसम्बर ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना -2021 की प्रक्रिया शुरु करने तथा तथा राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (एनपीआर) को अद्यतन करने की मंजूरी दे दी है। जनगणना प्रक्रिया पर 8754.23 करोड़ रूपए तथा एनपीआर के अध्‍ययतन पर 3941.35 करोड़ रूपए का खर्च आएगा।

लाभार्थी:-

देश की पूरी आबादी जनगणना प्रक्रिया के दायरे में आएगी जबकि एनपीआर के अद्यतन (उन्नयन)में असम को छोड़कर देश की बाकी आबादी को शामिल किया जाएगा।

विवरण:-

· भारत की जनंसख्‍या गणना प्रक्रिया दुनिया की सबसे बड़ी जनंसख्‍या गणना प्रक्रिया है। देश में जनगणना का काम हर दस साल बाद होता है। ऐसे में अगली जनसंख्‍या गणना 2021 में होनी है। जनसंख्‍या गणना का यह काम दो चरणों में किया जाएगा।

पहले चरण के तहत अप्रैल-सितंबर 2020 तक प्रत्‍येक घर और उसमें रहने वाले व्‍यक्तियों की सूची बनाई जाएगी। असम को छोड़कर देश के अन्‍य हिस्‍सों में एनपीआर रजिस्‍टर के अद्यतन का काम भी इसके साथ किया जाएगा।

जबकि दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 तक पूरी जनसंख्‍या की गणना का काम होगा।

· राष्‍ट्रीय महत्‍व के इस बड़े काम को पूरा करने के लिए 30 लाख कर्मियों को देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में भेजा जाएगा। जनगणना 2011 के दौरान ऐसी कर्मियों की संख्‍या 28 लाख थी।

· डेटा संकलन के लिए मोबाइल ऐप और निगरानी के लिए केन्‍द्रीय पोर्टल का इस्‍तेमाल जनसंख्‍या गणना का काम गुणवत्‍ता के साथ जल्‍दी पूरा करना सुनिश्चित करेगा।

· एक बटन दबाते ही डेटा प्रेषण का काम ज्‍यादा बेहतर तरीके से होगा और साथ ही यह इस्‍तेमाल में भी आसान होगा ताकि नीति निर्धारण के लिए तय मानकों के अनुरूप सभी जरूरी जानकारियां तुरंत उपलब्‍ध करायी जा सकें।

· मंत्रालयों के अनुरोध पर जनसंख्‍या से जुड़ी जानकारियां उन्‍हें सही, मशीन में पढ़े जाने लायक और कार्रवाई योग्‍य प्रारूप में उपलब्‍ध करायी जाएगी।

रोजगार सृजन क्षमता के साथ व्‍यापक प्रभाव:-

· जनगणना केवल एक साख्‍यंकी प्रक्रिया भर नहीं है। इसके नतीजे आम जनता को इस तरह उपलब्‍ध कराए जाएंगे ताकि उन्‍हें इन्‍हें समझने में आसानी हो।

· जनसंख्‍या से जुड़े सभी आंकड़े मंत्रालयों, विभागों , राज्‍य सरकारों , अनुसंधान संगठनों सहित सभी हितधारकों और उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

· जनसंख्‍या से जुड़े आंकड़ों को गांवों और वार्ड जैसी प्रशासनिक स्‍तर की आखिरी इकाइयों के साथ भी साझा किया जाएगा।

· जनसंख्‍या से जुड़े ब्‍लॉक स्‍तर के आंकड़े परिसीमन आयोग को भी मुहैया कराए जाएंगे ताकि लोकसभा और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में इनका इस्‍तेमाल हो सके।

· सर्वेक्षणों और अन्‍य प्रशासनिक कार्यों से संबंधित आंकड़ों को यदि जनंसख्‍या के आंकड़ों के साथ लिया जाए तो यह जननीतियों के निर्धारण का एक सशक्‍त माध्‍यम बनते हैं।

· इस बड़े महत्व के काम का एक सबसे बड़ा नतीजा दूरदराज के क्षेत्रों से लेकर पूरे देश में प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार का सृजन होना है।यह जनगणना और एनपीआर के काम में लगाए गए कर्मियों को दिए जाने वाले मानदेय के अतिरिक्‍त है।

जनगणना और एनपीआर के काम में स्‍थानीय स्‍तर पर 2900 दिनों के लिए करीब करीब 48 हजार लोगों को लगाया जाएगा। दूसरे शब्‍दों में इससे करीब 2 करोड़ चालीस लाख मानवदिवस के रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

आंकड़ो के संकलन के लिए डिजिटल प्रक्रिया और समन्‍वय की नीति अपनाए जाने से जिलों और राज्‍य स्‍तर पर तकनीकी दक्षता वाले मानव संसाधनों के क्षमता विकास में भी मदद मिलेगी। आगे ऐसे लोगों के लिए इससे रोजगार पाने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

कार्यान्‍वयन नीति और लक्ष्‍य :-

· जनगणना की प्रक्रिया में प्रत्‍येक परिवारों से मिलना , प्रत्‍येक घर तथा उसमें रहने वाले लोंगों की सूची तैयार करना तथा सबको मिलाकर जनसंख्‍या गणना के लिए अलग-अलग प्रश्‍नावली तैयार करना शामिल है।

· जनगणना करने वाले आमतौर पर राज्‍य सरकारों द्वारा नियुक्‍त कर्मचारी और सरकारी शिक्षक होते हैं। इन्‍हें अपनी नियमित ड्यूटी के अति‍रिक्‍त जनगणना के साथ ही एनपीआर का काम भी करना होता है।

· इन लोगों के अलावा जनगणना के काम के लिए जिला, उप जिला और राज्‍य स्‍तर पर राज्‍यों और जिला प्रशासन द्वारा अन्‍य कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जाती है।

· इस बार जनगणना 2021 के लिए कुछ नयी पहल की गई है जिसमें :-

पहली बार आंकड़ों के संकलन के लिए मोबाइल एप का इस्‍तेमाल

जनगणना के काम में लगाए गए अधकारियों और पदाधिकारियों को विभिन्‍न भाषाओं में जानकारी उपलब्‍ध कराने के लिए जनगणना निगरानी और प्रबंधन पेार्टल की व्‍यवस्‍था।

आम लोगों को अपनी ओर से जनंसाख्‍यिकी आंकड़े उपलब्‍ध कराने के लिए ऑनलाइन सुविधा देना तथा कोड डायरेक्‍टरी की व्‍यवस्‍था करना ताकि विस्‍तार से दी गई जानकारियों को कूटबद्ध कर आंकडों के प्रसंस्‍करण के काम में समय की बचत की जा सके।

जनगणना तथा एनपीआर के काम में लगे लोगों को दी जानेवाली मानदेय राशि सार्वजनिक वित्‍तीय प्रबंधन प्रणाली ( पीएफएमएस) तथा प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण ( डीबीटी) के माध्‍यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की व्‍यवस्‍था है। यह जनसंख्‍या गणना और एनपीआर पर होने वाले कुल खर्च का 60 फीसदी हिस्‍सा होगा।

जनगणना के काम के लिए जमीनी स्‍तर पर काम करने वाले 30 लाख कर्मियों को गुणवत्‍ता परक प्रशिक्षण देना और इसके लिए राष्‍ट्रीय और राज्‍य स्‍तर पर प्रशिक्षक तैयार करने के लिए राष्‍ट्रीय तथा राज्‍य स्‍तर की प्रशिक्षण संस्‍थाओं की सेवाएं लेना।

पृष्‍ठभूमि:-

देश में हर दस साल बाद जनगणना का काम 1872 से किया जा रहा है। जनगणना 2021 देश की 16 वीं और आजादी के बाद की 8 वीं जनगणना होगी।

जनसंख्‍या गणना आवासीय स्थिति,सुविधाओं और संपत्तियों ,जनसंख्‍या संरचना, धर्म, अनुसूचित जाति/जनजाति , भाषा, साक्षरता और शिक्षा ,आर्थिक गतिविधियों , विस्‍थापन और प्रजनन क्षमता जैसे विभिन्‍न मानकों पर गांवों, शहरों और वार्ड स्‍तर पर लोगों की संख्‍या के सूक्ष्‍म से सूक्ष्‍म आंकड़े उपलब्‍ध कराने का सबसे बड़ा स्रोत है। जनगणना कानून 1948 और जनगणना नियम 1990 जनगणना के लिए वैधानिक फ्रेमवर्क उपलब्‍ध कराता है।

नागरिकता कानून 1955 तथा नागरिकता नियम 2003 के तहत राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (एनपीआर) पहली बार 2010 में तैयार किया गया था। आधार से जोड़े जाने के बाद 2015 में इसका अद्यतन ( उन्नयन) किया गया था।

चीफ ऑफ डिफेंस नया पद,मणिपुर CAA से बाहर,अटल जल योजना समेत पढ़िये केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 दिसम्बर ।केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सर्जित करने, उसकी भूमिका, नियमों और चार्टर को आज मंजूरी दे दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

उन्होंने कहा कि सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होगा और वह चार स्टार के रैंक वाला जनरल होगा। सीडीएस का वेतन सेनाओं के प्रमुखों के समान होगा। वह रक्षा मंत्रालय के तहत बनाये जाने वाले सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होगा। सीडीएस इस विभाग का सचिव भी होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को सीडीएस के पद की घाेषणा की थी। सीडीएस सरकार को रक्षा मामलों में सलाह देने वाला विभाग होगा। कारगिल लड़ाई के बाद समीक्षा समिति ने इस पद के सजृन की सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री द्वारा इस पद की घोषणा किये जाने के बाद सीडीएस के पद के तौर तरीकों तथा नियमों और चार्टर को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

बदलती चुनौतियों और परिस्थितियों में तीनों सेनाओं को एक कमान के नीचे लाने के लिए सीडीएस के पद को लेकर लंबे समय से विचार विमर्श चल रहा था। सेनाओं की संचालन क्षमता को बढाने और विशेष परिस्थितियों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

मंत्रिमंडल ने भारत और सउदी अरब के बीच सुरक्षा सहयोग पर हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और सउदी अरब सरकार के बीच सुरक्षा सहयोग पर किए गए अनुबंध को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की है। इस अनुबंध पर सउदी अरब के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान 29 अक्‍टूबर, 2019 को हस्‍ताक्षर किए गए थे।

इस अनुबंध का उद्देश्‍य आतंकवाद और इसके वित्‍त पोषण, संगठित अपराध से संबंधित अपराधों सहित अपराधों की रोकथाम और उनका दमन करना है। इसके अलावा घरेलू कानूनों और अंतर्राष्‍ट्रीय बाध्‍यताओं के अनुसार दोनों देशों की खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाने के ढांचे को स्‍थ‍ापित करना तथा प्रभावशीलता में सुधार लाना भी है।

अंतर्राष्‍ट्रीय संगठित अपराध और अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्‍ट्रीय संगठित अपराध और अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में भारत के गृह मंत्रालय और उज्‍बेकिस्‍तान गणराज्‍य के अतंर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्रालय के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान की है। इस अनुबंध पर केन्‍द्रीय गृह मंत्री और उज्‍बेकिस्‍तान गणराज्‍य के अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्री ने 20 नवम्‍बर, 2019 को नई दिल्‍ली में उज्‍बेकिस्‍तान के अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्री की भारत यात्रा के दौरान हस्‍ताक्षर किए थे।

इस अनुबंध का उद्देश्‍य आतंकवाद और इसके वित्‍त पोषण, संगठित अपराध से संबंधित अपराधों सहित अपराधों की रोकथाम और दमन करना है। इसके अलावा घरेलू कानूनों और अंतर्राष्‍ट्रीय बाध्‍यताओं के अनुसार दोनों देशों की खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाने के ढांचे को स्‍थापित करना तथा प्रभावशीलता में सुधार लाना भी है।

भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी:

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में अवगत कराया गया। इस समझौता ज्ञापन पर 5 अक्‍टूबर, 2019 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर हुए थे।

भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों के क्षेत्र में कार्यक्रमों के आदान-प्रदान से युवाओं में विचारों, मूल्‍यों और संस्‍कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। इससे युवाओं में अतंर्राष्‍ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने और युवा मामलों के क्षेत्र में उनके ज्ञान तथा विशेषज्ञता का विस्‍तार करने में मदद मिलेगी।

नाविक प्रमाण पत्रों को मान्‍यता देने के बारे में भारत और स्‍वीडन के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण, वॉच कीपिंग के मानकों – 1978 पर अंतर्राष्‍ट्रीय समझौते के विनियमन 1/10 के अनुपालन में भारत और स्वीडन में नाविकों के प्रमाण पत्र को मान्‍यता देने के अनुबंध पर कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान की।

यह अनुबंध दोनों देशों की सरकारों द्वारा नाविकों के लिए जारी समुद्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण, दक्षता प्रमाण पत्रों, पृष्‍ठांकनों, प्रशिक्षण और दस्‍तावेजी साक्ष्‍यों तथा मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्रों को मान्‍यता देने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा। ऐसा नाविकों के प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण और प्रबंधन में दोनों देशों के बीच एसटीसीडब्‍ल्‍यू समझौते के विनियमन 1/10 के प्रावधानों और सहयोग के अनुसार होगा।

इस अनुबंध से दोनों देशों को लाभ होगा, क्‍योंकि स्‍वीडन जहाज स्‍वामित्‍व वाला देश है, जबकि भारत नाविक आपूर्ति करने वाला राष्‍ट्र है।

भारत और सऊदी अरब के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंत्रिमंडल की मंजूरी:

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और सऊदी अरब के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है। इस समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय के बीच 29 अक्टूबर 2019 को रियाद में हस्ताक्षर किए गए थे।

उद्देश्यः

समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना हैः-

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के स्तर को उन्नत बनाना।
सऊदी अरब में राष्ट्रीय ऊर्जा संयोजन में नवीकरणीय ऊर्जा की दक्षता को बढ़ाने में योगदान देना।

सौर, पवन, बायोगैस और जिओथर्मल जैसे नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े अन्य क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू करना।

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला के विकास और स्थानीयकरण को बढ़ावा देना।

भवनों, घरों और अन्य स्थानों पर छोटे पैमाने पर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।

भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी दी।

भारत और ब्राजील विश्‍व में ऊर्जा के बड़े उपभोक्‍ता हैं। ब्राजील पूरे एलएसी (लेटिन अमेरिका और कैरिबयन) क्षेत्र में भारत के सबसे प्रमुख व्‍यापारिक भागीदारों में से एक है। वर्तमान में ब्राजील जैव ईंधन का सबसे बड़ा उत्‍पादक और उपभोक्‍ता देश है। जैव ईंधन और जैव विद्युत का ब्राजील के ऊर्जा मिशन में 18 प्रतिशत योगदान है। भारत ने भी जैव ईंधन के क्षेत्र में मजबूती से ध्‍यान केन्द्रित किया है और जैव ईंधनों पर 2018 में घोषित नई नीति के अनुसार वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण तथा डीजल में 5 प्रतिशत जैव डीजल का मिश्रण अर्जित करने का लक्ष्‍य निर्धारित कर रखा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्राजील के राष्‍ट्रपति के बीच 2016 में भारत में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दूसरी पीढ़ी जैव ईंधनों के क्षेत्र के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए सहमति व्‍यक्‍त की थी। इस संबंध में यह समझौता ज्ञापन फीडस्‍टॉक, औद्योगिक रूपांतरण, वितरण और अंतिम उपयोग क्षेत्रों सहित जैव ईंधन, जैव विद्युत और बायो गैस आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग करने तथा निवेश को बढ़ावा देने का ढांचा उपलब्‍ध कराता है।

इस समझौता ज्ञापन की कुछ अन्‍य विशेषताओं में गन्‍ना, अनाज, तिलहन, चावल और लिग्‍नाइटन फसलों सहित जैव ऊर्जा के लिए बायोमास के संबंध में कृषि पद्धतियों पर जानकारी का आदान-प्रदान, जैव ईंधनों के उपयोग पर आधारित ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जनों को कम करने की नीतियां, चक्रीय विश्‍लेषण का उपयोग और संगठित बाजार में उत्‍सर्जन, न्‍यूनीकरण प्रमाण पत्रों को जारी करना और व्‍यापार पहलुओं तथा उन्‍नत जैव ईंधनों सहित जैव ईंधनों की मार्केट पहुंच और स्थिरता के समाधान के लिए संयुक्‍त स्थिति को बढ़ावा देना, जीवाश्‍म ईंधनों के साथ मिश्रित जैव ईंधनों की विभिन्‍न प्रतिशतताओं के लिए आवश्‍यक इंजन और ईंधन संशोधन और समायोजन शामिल हैं।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संविधान में अतिरिक्त 10वें प्रोटोकोल को शामिल करने की पुष्टि :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने यूनिवर्सल पोस्‍टल यूनियन (यूपीयू) के संविधान में 10वें अतिरिक्‍त प्रोटोकोल को शामिल किए जाने की पुष्टि कर दी है। इस प्रोटोकाल को शामिल को 3 से 7 सितंबर 2018 तक अदिस अबाबा में आयोजित यूपीयू की कांग्रेस की विशेष बैठक में अंगीकार किया गया था।

मंत्रिमंडल की मंजूरी से भारत सरकार के डाक विभाग को इसपर भारत के राष्‍ट्रपति के हस्‍ताक्षर प्राप्‍त करने तथा भारत सरकार के कानूनों के अनुरुप इसे राजनयिक माध्‍यम से यूपीयू के महानिदेशक को सौंपने का अधिकार मिल जाएगा।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यूपीयू के संविधान में दसवें अतिरिक्‍त प्रोटोकोल को शामिल करने की पुष्टि करने से भारत एक सदस्‍य देश के रूप में यूपीयू के संविधान के 25 वें अनुच्‍छेद की बाध्‍यताओं को पूरा कर सकेगा। इसके साथ ही डाक विभाग यूपीयू की संधियों के प्रावधानों को भारत में लागू करने के लिए कोई भी प्रशासनिक आदेश जारी कर सकेगा।

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन के संधि-पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मंजूरी :

केंद्रीय कैबिनेट ने स्विट्जरलैंड संघ परिषद और भारत सरकार के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन और स्विट्जरलैंड के साथ राजनयिक टिप्पणियों के आदान-प्रदान के लिए संधि-पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मंजूरी दी है। इससे वायु सेवा समझौते में संशोधन अनुच्छेद 17 के तहत लागू होगा।

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन इसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विकास के अनुरूप बनाएगा। इससे बेहतर और निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त वातावरण बनेगा और अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए दोनों पक्षों की वायु सेवाओं के लिए वाणिज्यिक अवसर उपलब्ध होंगे।

बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक में संशोधन को कार्योत्तर मंजूरी :

केंद्रीय कैबिनेट ने बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक (बीईएफआर), 1873 में संशोधन के लिए संविधान के अनुच्छेद 372 की धारा (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी कानून की अनुकूलता (संशोधन) आदेश, 2019 को कार्योत्तर मंजूरी दी है।

अधिसूचना से नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के प्रावधानों से मणिपुर के मूल लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीईएफआर का मणिपुर राज्य तक विस्तार होगा और इस नियामक में आवश्यक बदलाव किये जाएंगे।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2018-19 के दौरान मंजूर 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी :

वर्ष 2019-20 के दौरान नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी मिली

केंद्रीय कैबिनेट ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2018-19 के दौरान मंजूर की गयी 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपए और वर्ष 2019-20 के दौरान नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपए जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दी है।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय भारत को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए सतत और समेकित तरीके से देश में पर्यटन का बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है।

पर्यटन के ढांचागत विकास की इस व्यवस्था से निजी क्षेत्र राजस्व जुटाने संबंधी परियोजनाओं में निवेश करने को उत्सुक होंगे जिससे पर्यटकों को पर्यटन का बेहतर अनुभव मिल सकेगा और इससे पर्यटकों की संख्या, राजस्व और रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी।

पृष्ठ भूमि

वर्ष 2014-15 के लिए बजट की घोषणा के बाद पर्यटन मंत्रालय ने जनवरी 2015 में स्वदेश दर्शन योजना (केंद्रीय क्षेत्र योजना) शुरू की थी। योजना के तहत 15 सर्किट- हिमालय सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं तटीय सर्किट, मरूभूमि सर्किट, जनजातीय सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्य जीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट, विरासत सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।

ब्रह्मपुत्र क्रेकर एंड पॉलीमर लिमिटेड के प्रशासनिक नियंत्रण के हस्‍तांतरण को मंजूरी :

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के रसायन और पेट्रो रसायन विभाग की असम गैस क्रेकर परियोजना (एजीसीपी) को लागू करते हुए केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ब्रह्मपुत्र क्रेकर एंड पॉलीमर लिमिटेड (बीसीपीएल) के प्रशासनिक नियंत्रण को हस्‍तांतरित करने की मंजूरी दे दी है।

सीसीईए ने निम्‍नलिखित मंजूरी भी दी है :

I. न्‍यूनतम इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (आईआरआर) 10 प्रतिशत (कर पश्‍चात) बनाए रखने के लिए संयंत्र के 15 वर्ष के संचालन के लिए बीसीपीएल को फीडस्‍टॉक सब्सिडी प्रदान करना। आईआरआर 10 प्रतिशत लाने के लिए बीसीपीएल ने संयंत्र के 15 साल के परिचालन की परियोजना के लिए लगभग 4600 करोड़ रुपये के फीडस्‍टॉक अनुदान का अनुमान लगाया है। बीसीपीएल अगले वित्‍तीय वर्ष से लगातार वार्षिक आधार पर प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करेगा और प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग वित्‍त मंत्रालय के परामर्श से प्रस्‍ताव की जांच का तंत्र विकसित करेगा।

II. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सीसीईए के 2006 के पूर्व अनुमोदन में यथा उल्‍लेखित इस परियोजना के लिए प्रतिबद्ध प्रमात्रा और गुणवत्‍ता के फीडस्‍टॉक की आपूर्ति का सम्‍बंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के माध्‍यम से त्‍वरित प्रबंध करेगा।

इस परियोजना को असम समझौते के कार्यान्‍वयन के एक हिस्‍से के रूप में देखा जा रहा है। इससे देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार में बढ़ोतरी के माध्‍यम से असम के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मदद मिलेगी।

भूजल के बेहतर प्रबंधन के लिए ‘अटल जल’ योजना:

सरकार ने सात राज्यों के 78 जिलों के लिए ‘अटल भू-जल’ योजना शुरु करने का फैसला किया है जिसके तहत ग्रामीणों की मदद से सिंचाई तथा अन्य कार्यों के लिए भूजल का किफायती तरीके से दोहन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना भूजल के उचित प्रबंधन तथा बेहतर इस्तेमाल के मकसद से शुरू की गयी है।

उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए की लागत से लागू की जाने वाली यह योजना 2025 तक क्रियान्वित कर दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक से और शेष तीन हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस येाजना का मुख्य मकसद भूजल का स्तर बढाना है और इस काम में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भागीदार बनाया है। योजना से ग्रामीणों को जोड़कर भूजल के उचित इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित करना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना सात राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा के 8350 गांवों में लागू होगी जिसके क्रियान्वयन में स्थानीय लोगों एवं किसानों को साथ लिया जाएगा और उनकी मदद से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवाें में पेयजल की 85 प्रतिशत आपूर्ति भूजल से होती है और देश में 65 प्रतिशत सिंचाई भी भूजल से होती है इसलिए भूजल का आवश्यक रूप से बेहतर प्रबंधन कर सभी के लिए पानी सुनिश्चित कराने कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस कार्यक्रम के तहत जनजागृति, जल सुरक्षा, पानी का किफायती इस्तेमाल तथा इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर सुरंग का नामकरण:

सरकार ने हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख को जोड़ने वाले मार्ग पर बन रही सुरंग का नाम बदल कर ‘अटल सुरंग’ करने का निर्णय लिया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मनाली तथा लेह को जोड़ने वाली अत्यधिक रणनीतिक महत्व की इस सुरंग के निर्माण से दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और इससे करोड़ों रुपए के ईंधन की बचत होगी तथा यात्रा का समय भी बचेगा।

झारखंड में हेमंत सोरेन को नरेन्द्र मोदी,अमित शाह और सोनिया गांधी ने अपने-अपने अंदाज में शुभकामनाएं दी लेकिन सोनिया ने भाजपा को दोषी माना attacknews.in

नयी दिल्ली/रांची , 23 दिसंबर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को राज्य विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी तथा विजयी गठबंधन को राज्य की सेवा के लिए शुभकामनाएं दीं।

सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो और कांग्रेस का गठबंधन राज्य विधानसभा चुनाव में जीतता दिखाई दे रहा है।

मोदी ने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी राज्य की सेवा करती रहेगी और जनकेंद्रिंत मुद्दे उठाती रहेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन और झामुमो नीत गठबंधन को झारखंड चुनाव में जीत के लिए बधाई। उन्हें राज्य की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं।’’

मोदी ने भाजपा को राज्य की सेवा करने का अवसर देने के लिए झारखंड की जनता का भी आभार जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की।

राज्य की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया : हेमंत सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज यहां कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश दिया है जो मील का पत्थर साबित होगा।

झारखंड में अपने नेतृत्व में महागठबंधन के स्पष्ट बहुमत सुनिश्चित करने के बाद आज शाम उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

हेमंत ने कहा, ‘‘आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य में जो परिणाम आए हैं, वे हम सभी के लिए उत्साहजनक हैं। जनता का जनादेश स्पष्ट है।’’

हेमंत ने कहा, ‘‘आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं।’’

झामुमो नेता ने कहा कि महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ध्यान रखेगा।

हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी हम गठबंधन के सभी सदस्यों के साथ बैठेंगे और सरकार बनाने के लिए तथा शासन के लिए रणनीति तैयार करेंगे।’’

झारखंड के जनादेश का भाजपा सम्मान करती है : अमित शाह

गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव के जनादेश का सम्मान करते हुये पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गठबंधन से मिली पराजय को स्वीकार करती है।

शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों और घोषित परिणाम के आधार पर ट्वीट कर कहा, ‘‘हम झारखंड की जनता द्वारा दिये गये जनादेश का सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को 5 वर्षों तक प्रदेश की सेवा करने का जो मौका दिया था उसके लिए हम जनता का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। भाजपा निरंतर प्रदेश के विकास के लिए कटिबद्ध रहेगी।’’

शाह ने चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम की भी सराहना करते हुये कहा, ‘‘सभी कार्यकर्ताओं का उनके अथक परिश्रम के लिए अभिनंदन।’’

उल्लेखनीय है कि 81 सदस्यीय विधानसभा के लिये हुये चुनाव की मतगणना में शाम पांच बजे तक घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा 25 सीटों पर जीती है या आगे चल रही है। भाजपा को 2014 में 37 सीटें मिली थीं।

यह भाजपा की नहीं मेरी हार है : रघुबर दास

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि यह पार्टी की हार नहीं है बल्कि व्यक्तिगत हार है।

मुख्यमंत्री रघुबर दास ने आज यहां एक संक्षिप्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अभी भी मैं अंतिम परिणामों की प्रतीक्षा करुंगा लेकिन यदि यह हार है तो मेरी व्यक्तिगत हार है। यह भाजपा की हार नहीं है।’’

उन्होंने आज आये परिणामों और रुझानों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘लगता है कि भाजपा विरोधी सभी वोट एकत्र हो गये और उनके एकजुट हो जाने से ही हमें हार का सामना करना पड़ा है।’’

अपनी हार के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘हमारी विधानसभा में अभी आधी ही गणना हुई है और मुझे अभी भी उम्मीद है कि मैं जीतूंगा।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में रघुवर दास ने कहा, ‘‘ लोकतंत्र में जनता का आदेश शिरोधार्य होता है। अतः जो भी जनादेश मिलेगा उसका हम सहर्ष स्वागत करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि पूरा परिणाम आने के बाद ही वह मीडिया से विस्तार से बातचीत करेंगे।

इस बीच उन्हें चुनौती देने वाले उन्हीं के मंत्रिमंडल सयोगी सरयू राय ने दो टूक कहा कि अब रघुवर दास न तो जीतने वाले हैं और न ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि उनका टिकट कटवा कर जिस तरह उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचायी गयी उसी के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठानी थी।

राज्य में भाजपा ने कुल 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें वह 25 सीटें जीती है।

भाजपा के विभाजक एजेंडा को नेस्तनाबूद करने के लिए झारखंड की जनता को बधाई : सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन को जीत हासिल करने की बधाई दी और गठबंधन पर भरोसा जताने के लिए राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया है।

श्रीमती गांधी ने राज्य विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद सोमवार को देर रात यहां जारी एक बयान में कहा कि झारखंड के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी के विभाजक एजेंडा को इस चुनाव में करारा जवाब दिया है और इसके लिए झारखंड की जनता विशेष बधाई की पात्र है।

राजघाट पर सत्याग्रह के दौरान कांग्रेस नेता नागरिकता संशोधन कानून,नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की कोसते रहे attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 दिसम्बर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह नफरत फैलाकर देश को बांटने के लिए लोगों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस उनकी विभाजनकारी नीतियों का मजबूती से मुकाबला करेगी तथा देश की आवाज को दबने नहीं देगी।

श्री गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सोमवार को यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर पांच घंटे चले ‘सत्याग्रह’ के समापन पर अपने संबाेधन में कहा कि मोदी-शाह नफरत की राजनीति कर देश को बांटने का काम कर रहे हैं। छात्रों, युवाओं, कारोबारियों सभी की आवाज काे दबाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस इस देश के सभी वर्गों की आवाज और भारत की आत्मा है। वह किसी की आवाज दबने नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना नहीं आता है लेकिन हिंदुस्तान को कैसे कमजोर किया जाना है यह उनको बखूबी आता है। श्री गांधी ने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा, “हिंदुस्तान को कैसे बांटा जाए, कैसे ताेड़ा जाये, यह अापके संगठन ने आपको सिखाया है। इस काम में आप पहले स्थान पर हैं। पूरा देश समझ गया हैं कि श्री मोदी को सिर्फ नफरत फैलाना आता है लेकिन भारत माता की आवाज आपको देश को बांटने की इजाजत नहीं देगी। देश के जिस संविधान को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडर ने बनाया है उसमें सभी धर्मों के लोगों की आवाज है और इसे कोई दबा नहीं सकता है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के दुश्मनों ने देश की तरक्की की आवाज को दबाने का पूरा प्रयास किया। दुश्मनों ने हमारी उन्नति रोकने, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने तथा विकास को अवरुद्ध करने का पूरा प्रयास किया लेकिन देश की इस आवाज ने दुश्मन का जमकर मुकाबला किया। उन्होंने कहा “अजीब बात है कि जो काम देश के दुश्मनों ने नहीं किया, वह काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। वह न्यायपालिका पर दबाव डालते हैं। वह छात्रों, पत्रकारों, छोटे काराबारियों को दबाते तथा डराते हैं और देश की आवाज को शांत करने का प्रयास करते हैं।”

श्री गांधी ने कहा “कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है बल्कि देश की आवाज है। सरकार की विभाजनकारी नीतियों के विरुद्ध कांग्रेस की नहीं बल्कि भारत माता की आवाज है। श्री शाह तथा श्री मोदी को समझ लेना चाहिए कि अगर आप भारत माता की आवाज दबाने का काम करेंगे तो भारत माता आपको जबरदस्त जवाब देगी। जहां तक कपड़ों की बात है तो पूरा देश आपको पहचानता है। दो करोड़ रुपये का सूट किसी ने नहीं, सिर्फ आपने ही पहना था। आपने देश की अर्थव्यवस्था काे तबाह कर दिया है। जीडीपी घट गया है। अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं ला पा रहे हैं इसलिए नफरत के पीछे छिप रहे हैं। आपको नफरत के पीछे से बाहर आकर देश की जनता को बताना चाहिए कि आपने क्या काम किया है। आपके पास इसका कोई जवाब नहीं है।”

सोनिया सहित कांग्रेस के दिग्गजों का राजघाट पर ‘सत्याग्रह’

नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में कांग्रेस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर सोमवार को ‘सत्याग्रह’ किया जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल हुए।

सत्याग्रह के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, महासचिव के सी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल, आनंद शर्मा सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले के पी यादव के खिलाफ झूठा जाति प्रमाणपत्र और धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज attacknews.in

अशोकनगर, 23 दिसंबर । मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की कोतवाली पुलिस ने गुना संसदीय क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कृष्णपाल यादव और उनके पुत्र सार्थक यादव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को श्री यादव ने ही हराया था ।

पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) मुंगावली द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ था कि जाति प्रमाण बनवाते समय भाजपा सांसद केपी यादव एवं उनके बेटे सार्थक यादव ने खुद को क्रीमीलेयर श्रेणी से बाहर बताते हुए जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। जांच के बाद 13 दिसंबर को मुंगावली एसडीएम ने सांसद एवं उनके बेटे का जाति प्रमाणपत्र निरस्‍त कर दिया।

एसडीएम की जांच में सामने आया कि सांसद केपी यादव एवं उनके बेटे ने जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करते आये आय से संबंधित जो दस्तावेज प्रस्तुत किये थे, वह गलत थे।

सांसद एवं उनके बेटे द्वारा जाति प्रमाण पत्र के लिए गलत दस्तावेजों का उपयोग किए जाने के संबंध में एसडीएम से मिले पत्र के बाद कोतवाली पुलिस ने कल धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत जीरो पर कायमी कर मामला दर्ज किया।

पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने बताया कि एसडीएम मुंगावली द्वारा नॉन क्रीमीलेयर जाति प्रमाणपत्र को लेकर जांच की गई थी। उसके तहत एडिशनल एडवोकेट जनरल से विधिक राय लेने के उपरांत, विधिक राय के अनुसार जाति प्रमाण पत्र झूठा पाए जाने एवं गलत जानकारी कर आधार पर बनवाए जाने पर पाए जाने पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर कोतवाली पुलिस ने जीरो पर कायमी कर मुंगावली थाने भेजा गया है।

इमरान खान को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बाद करने के लिए विदेशी फंडिंग का आरोप लगाने पर पूर्व गृहमंत्री गिरफ्तार attacknews.in

इस्लामाबाद, 23 दिसंबर । पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री एहसान इकबाल द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाये जाने के एक दिन बाद, देश के भ्रष्टाचार विरोधी निकाय ने एक खेल परिसर निर्माण परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप में सोमवार को पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर लिया।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता रावलपिंडी में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) में अपना बयान दर्ज कराने आये थे जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अर्थव्यवस्था को नष्ट करने को इमरान को विदेशी फंडिंग’

पाकिस्तान मुसिलम लीग (पीएमएल-एन) के नेता एवं पूर्व गृह मंत्री अहसान इक़बाल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में रूकावट डालने के लिए प्रधानमंत्री को विदेशी तत्वों की तरफ से फंडिंग की गयी है।

श्री इकबाल ने पाकिस्तान की लचर अर्थव्यवस्था को लेकर श्री इमरान पर तीखा हमला करते हुये कहा, “ पीएमएल-एन के कार्यकाल के दौरान देश तेज गति से आगे बढ़ रहा था लेकिन वर्तमान में हमारी आर्थिक वृद्धि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की खराब नीतियों के कारण पूरे क्षेत्र में सबसे निचले स्थान पर है।”

श्री इकबाल ने श्री इमरान के मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में होने वाले सम्मेलन में नहीं जाना पर उन्हें ‘यू-टर्न खान’ करार दिया।

गौरतलब है कि सत्तारूढ़ पीटीआई पार्टी को पहले भी पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के समक्ष विदेशी फंडिंग मामले का सामना करना पड़ा था। यह मामला 2014 में एक पार्टी नेता द्वारा दायर किया गया था। जिसमें उन्होंने कथित आंतरिक भ्रष्टाचार और राजनीतिक धन को नियंत्रित करने वाले कानूनों के दुरुपयोग को लेकर पार्टी अध्यक्ष के साथ मतभेद जताया था।

पाकिस्तान ने आर्थिक सहायता बंद करने के सऊदी अरब की धमकी और दबाव के चलते कुआलालम्पुर में आयोजित प्रमुख मुस्लिम देशों के शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया।

अगले सप्ताह बढ़ने जा रहा है रेल किराया,सभी श्रेणियों में बढोतरी की घोषणा कभी भी attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर । भारतीय रेलवे इस सप्ताह यात्री किरायों को बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। ये वृद्धि वातानुकूलित श्रेणी से लेकर अनारक्षित एवं उपनगरीय मासिक-त्रैमासिक सीज़न टिकटों के किरायों तक सभी श्रेणियों पर लागू होगी।

रेलवे सूत्रों के अनुसार संसदीय समितियों की सिफारिशों एवं परिचालन अनुपात पर बढ़ते दबाव को देखते हुए रेलवे को आखिरकार अपने आखिरी विकल्प का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। रेलवे बोर्ड ने नयी दरों का खाका तैयार कर लिया है और प्रधानमंत्री कार्यालय से उसे इसके लिए हरी झंडी भी मिल गयी है। रेलवे बोर्ड को झारखंड विधानसभा के चुनाव संपन्न होने तक प्रतीक्षा करने को कहा गया था। सोमवार को मतगणना होने के बाद नये किराया दर की कभी भी घोषणा हो सकती है।

बीते कुछ वर्षों के दौरान रेलवे ने सीधे तौर पर यात्री किराया में न किसी तरह की वृद्धि नहीं की है जिससे उसकी आर्थिक सेहत दुरुस्त रह सके। बीते वर्षों के दौरान रिफंड नियमों में बदलाव, फ्लेक्सी फेयर और पाँच से 12 वर्ष आयु के बच्चों की बर्थ देने एवज़ में पूरा किराया लेने के उपाय कर कुछ भरपाई करने की कोशिश की गई लेकिन सूत्रों के अनुसार यह रेलवे की आर्थिक स्थिति में पर्याप्त सुधार लाने में नाकाम रहा। लिहाज़ा अब रेलवे के पास परिचालन अनुपात को संतुलित रखने के लिए यात्री किराया बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया।

सूत्रों ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने कई पहलुओं पर विचार करने के बाद प्रयास किया है कि किराया वृद्धि का किसी एक यात्री सेगमेंट पर ज़्यादा दबाव नहीं पड़े और बढ़ोत्तरी संतुलित एवं एकसमान हो। सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने किराया दरों के निर्धारण के लिए बहुत विचार मंथन किया है। इसके लिए उपनगरीय ट्रेन और मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी के अनारक्षित और शयनयान एवं वातानुकूलित श्रेणियों के आरक्षित टिकटों के किराये में समान रूप से इस वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया है। यह बढ़ोतरी पाँच पैसा प्रति किलोमीटर से लेकर 40 पैसा प्रति किलोमीटर तक के बीच रहने की संभावना है।

हाल ही में संसद में पेश रेलवे पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि यात्री किराये को तर्कसंगत बनाया जाए। लेकिन राजनीतिक कारणों से रेलवे बोर्ड किराया बढ़ाने को लेकर कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। जबकि रेलवे का ख़र्च चाहे वह डीज़ल हो या बिजली सब कुछ बढ़ चुका है। लगातार ख़र्च बढ़ने से रेलवे का परिचालन अनुपात भी लगातार बढ़ता जा रहा है। संसदीय समिति की रिपोर्ट ने रेल किरायों में विभिन्न वर्गाें को मिलने वाली रियायतों के दुरुपयोग के कारण भी राजस्व के बड़े नुकसान पर भी चिंता व्यक्त की थी। रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष रेलवे का परिचालन अनुपात 98.4 प्रतिशत से अधिक हो गया है जो अब तक का सर्वाधिक है।

सूत्रों के अनुसार रेल किरायों की यह बढ़ोतरी दस से लेकर 20 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यात्री किरायाें में वृद्धि से रेलवे के ख़ज़ाने में प्रतिवर्ष चार से पांच हज़ार करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हो जाएगी। इन उपायों से रेलवे का परिचालन अनुपात भी सुधर जाएगा।

आयातित प्याज की 790 टन की पहली खेप भारत पहुंची, आंध्रप्रदेश और दिल्ली भेजा गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर ।आयातित प्याज की 790 टन की पहली खेप भारत पहुंच गई है। इसमें से कुछ प्याज दिल्ली और आंध्र प्रदेश भेजा गया है। इन राज्यों को प्याज के बंदरगाह पर पहुंचने की लागत 57-60 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर भेजा गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि 12,000 टन और प्याज की खेप दिसंबर के अंत तक आने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी ने अभी तक 49,500 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है।

इस समय देश के प्रमुख शहरों में प्याज के खुदरा दाम 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रहे हैं। हालांकि, कुछ हिस्सों में तो प्याज 160 रुपये प्रति किलोग्राम पर है।

अधिकारी ने कहा कि 290 टन और 500 टन की दो खेप पहले ही मुंबई पहुंच चुकी हैं। हम राज्य सरकारों को यह प्याज बंदरगाह पर 57 से 60 रुपये किलोग्राम की लागत के आधार पर दे रहे हैं।

आंध्र प्रदेश और दिल्ली की सरकारों ने प्याज की मांग की थी और उन्होंने आयातित प्याज का उठाव शुरू कर दिया है।

प्याज का आयात तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से किया गया है। अधिकारी ने कहा कि प्याज की ओर खेप भी रास्ते में है। इनसे घरेलू आपूर्ति सुधारने में मदद मिलेगी।

2019-20 के फसल वर्ष (जुलाई से जून) में खरीफ उत्पादन में 25 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में मानसून में देरी और अत्यधिक बारिश जैसी वजहों से प्याज का उत्प़ादन नीचे आया है। व्यापारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि जनवरी के अंत तक प्याज के दाम ऊंचे बने रहेंगे। उसके बाद बाजार में खरीफ की फसल आनी शुरू होगी।

इससे पहले देश ने 2015-16 में 1,987 टन प्याज का आयात किया था। उस समय भी प्याज की कीमतों में भारी उछाल आया था।

अमिताभ बच्चन के बिना उपराष्ट्रपति ने कलाकारों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजते हुए कहा: भारतीयता को कायम रखना भारतीय सिनेमा की जिम्मेदारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फ़िल्मों को सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभाने वाला एक सशक्त माध्यम बताते हुए सोमवार को 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में कहा कि ‘‘भारतीयता को कायम रखने की जिम्मेदारी भारतीय सिनेमा की है, इसलिये फिल्म जगत को अश्लीलता और हिंसा को बढ़ावा देने वाली फिल्मों के बजाय परिवार और समाज को सुदृढ़ बनाने वाले भारतीय मूल्यों के प्रति लोगों को जागरुक करने वाली फिल्में बनाना चाहिये।’’

नायडू ने कहा कि भारतीय सिनेमा, दशकों से देश में कुप्रथाओं का अंत करने और महिला सशक्तिकरण का सार्थक संदेश देने में कारगर हथियार की भूमिका निभाता रहा है और अपेक्षा है कि इस जिम्मेदारी का निर्वाह आगे भी जारी रहेगा।

उन्होंने स्वच्छता अभियान को कारगर बनाने का संदेश देने वाली फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ का जिक्र करते हुये कहा कि फिल्मों के माध्यम से सामान्य से विषय पर भी प्रभावी संदेश दिया जा सकता है। नायडू ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए फिल्म उद्योग और सरकार के बीच सहयोग की बहुत संभावना है। आवश्यक है कि सरकार और फिल्म उद्योग इस दिशा में मिल कर प्रयास करें।’’

इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म डिवीज़न द्वारा ‘रियल सिंगल विंडो’ शुरू किए जाने की घोषणा की।

जावड़ेकर ने फिल्मों को भारत की मजबूत ‘सॉफ्ट पावर’ बताते हुये कहा कि विषयवस्तु के लिहाज से समय के साथ फिल्मों का आयाम निरंतर व्यापक हो रहा है। अब सामाजिक और राजनीतिक सरोकारों के अलावा पर्यावरण, विज्ञान और खेल सहित अन्य गैर पारंपरिक विषयों पर भी बेहतरीन फिल्में बन रही हैं।

उन्होंने कहा कि फिल्मों के लगातार व्यापक होते फलक को देखते हुये सरकार ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत के लिये भारत में फिल्म बनाने के वास्ते ‘सिंगल विंडो’ सुविधा शुरु की है। इसकी मदद से फिल्मकारों को तमाम प्रकार की मंजूरी लेने की औपचारिकताओं की पूर्ति के लिये किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।

इस अवसर पर नायडू ने फ़िल्म जगत में रचनात्मकता का प्रदर्शन करने वाले श्रेष्ठ कलाकारों सहित विभिन्न लोगों को अलग अलग श्रेणियों में 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों से नवाज़ा।

फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के अवार्ड 2018’ हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन को फिल्म क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाना था लेकिन अस्वस्थता के कारण बच्चन समारोह में शिरकत नहीं कर सके। बच्चन ने रविवार को ही बीमार होने के कारण सम्मान ग्रहण करने के लिए दिल्ली पहुँचने में असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘बुखार है… ! यात्रा की इजाजत नहीं है…दिल्ली में कल राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो पाउंगा…बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है…मुझे अफसोस है…।’’

नायडू ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरित करने के बाद अपने संबोधन के शुरु में ही भारतीय सिनेमा को अमिताभ बच्चन के उल्लेखनीय योगदान का जिक्र करते हुये उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं भारतीय सिनेमा के शिखर पुरुष श्री अमिताभ बच्चन जी को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के सम्मान से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।’’

समारोह के अंत मे जावड़ेकर ने बताया कि बच्चन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 दिसंबर को एक संक्षिप्त समारोह में दादा साहब पुरस्कार प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति आज राजधानी से बाहर हैं इसलिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजताओं के सम्मान में 29 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह आयोजित किया गया है। जावड़ेकर ने कहा ‘‘बच्चन जी भी उस समारोह में शिरकत करेंगे और उसी समय राष्ट्रपति उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजेंगे। ’’

उल्लेखनीय है कि बच्चन ने करीब 50 साल पहले 1967 में हिंदी फ़िल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू किया था। अपने दौर की तमाम श्रेष्ठ फ़िल्मों ‘आनंद’ (1971), ज़ंजीर(1973), दीवार (1975), शोले (1975) और डॉन (1978) सहित अन्य फ़िल्मों में बेजोड़ अदाकारी का नमूना पेश करने के लिए बच्चन को फ़िल्म जगत के शीर्ष सम्मान दादा साहब फाल्के के लिए चुना गया।

हिंदी फ़िल्म जगत में विभिन्न यादगार भूमिकाओं से माध्यम से पाँच दशक से भी अधिक समय तक उल्लेखनीय योगदान देने वाले बच्चन को 1999 में बीबीसी ने ‘सदी के सितारे’ का ख़िताब दिया था।

समारोह को संबोधित करते हुये नायडू ने कहा, ‘‘मुझे हर्ष है कि इस वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार महिलाओं के संघर्ष पर आधारित फिल्म को दिया जा रहा है। फिल्म का कथानक दकियानूसी दमनकारी सामाजिक परिवेश के विरुद्ध महिलाओं के साझा संघर्ष पर आधारित है।’’

उपराष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण में सिनेमा की प्रभावी भूमिका का जिक्र करते हुये कहा कि यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं है बल्कि समाज को प्रभावित करने वाले सशक्त माध्यम के रूप में फिल्मों की भी है कि महिलाओं को भारतीय परंपरा में प्रतिष्ठित ‘शक्तिरुप’ में पेश करें।

उन्होंने फिल्म जगत के लोगों से भारतीयता के मूल्यों को विस्तार देने के लिये मिशन की तरह काम करने की अपील करते हुये कहा, ‘‘सिनेमा, क्षेत्रीय या धार्मिक अंतर नहीं मानता है। वह भावनाओं की भाषा को अभिव्यक्ति देने का सशक्त माध्यम है, जो सीधे हृदय के मर्म को स्पर्श करती है।’’

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा हर साल दिए जाने वाले राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार तीन वर्गों (फ़ीचर फ़िल्म, ग़ैर फ़ीचर फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ सिनेमा लेखन) में विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते है।

नायडू ने गुजराती फ़िल्म ‘हेल्लारो’ को सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फ़िल्म और हिंदी फ़िल्म ‘बधाई हो’ को लोकप्रिय एवं स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार दिया। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आयुष्मान खुराना को ‘अंधाधुन’ फ़िल्म के लिए और विकी कौशल को ‘उड़ी द सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए दिया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ‘महानटी’ फ़िल्म की अदाकारा कीर्ति सुरेश को प्रदान किया गया।

इसके अलावा सामाजिक मुद्दों पर आधारित सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार अक्षय कुमार अभिनीत ‘पैडमेन’ को और किसी निर्माता निर्देशक द्वारा बनायी गयी पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये इंदिरा गांधी अवार्ड ‘नाल’ फिल्म को दिया गया। पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश देने वाली फिल्मों की श्रेणी में आदिनाथ कोठारे द्वारा निर्मित फिल्म ‘पानी’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।

फीचर फिल्म वर्ग में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार ‘उड़ी : द सर्जिकल स्ट्राइक’ के निर्देशक आदित्य धर को, सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता का सम्मान ‘चुंबक’ फिल्म में किरदार निभाने वाले स्वानंद किरकिरे और ‘बधाई हो’ फिल्म की अदाकारा सुरेखा सीकरी को सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया।

बाल कलाकार वर्ग में चार बाल कलाकारों… मास्टर पीवी रोहित, समीप सिंह रानौत, ताल्हा अरशद रेशी और श्रीनिवास पोखले ने सर्वश्रेष्ठ अभिनय का पुरस्कार प्राप्त किया। विभिन्न भारतीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘अंधाधुन’, उर्दू की ‘हामिद’ और पंजाबी की ‘हरजीता’ सहित अन्य भाषाओं की श्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत किया गया।

इसके अलावा संगीत निर्देशन, पटकथा, वेशभूषा, संपादन और क्षेत्रीय भाषाओं सहित अन्य श्रेणियों में उल्लेखनीय काम के लिये फिल्म जगत के विभिन्न लोगों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर दिग्गज फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली, अभिनेता अक्षय कुमार और आयुष्मान खुराना के अलावा गायक एवं सांसद हंसराज हंस सहित फिल्म जगत के तमाम दिग्गज लोग मौजूद थे।

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ने भड़काई उत्तरप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा, मास्टर माइंड नदीम, अशफाक और वसीम गिरफ्तार attacknews.in

लखनऊ, 23 दिसम्बर। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गत 19 दिसम्बर को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के ‘मास्टरमाइंड’ समेत दो लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लखनऊ में गत 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन के मास्टरमाइंड नदीम और उसके सहयोगी अशफाक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्होंने बताया कि इनके एक सहयोगी वसीम को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर नदीम और अशफाक को गिरफ्त में लिया गया है। इन दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची थी। दोनों ने व्हाट्सएप के माध्यम से एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होकर उग्र प्रदर्शन करने की बात फोटो और वीडियो के माध्यम से वायरल की गयी।

नैथानी ने कहा कि नदीम और अशफाक ने उग्र धरना—प्रदर्शन में शामिल होने के लिये लोगों को उकसाया।

उन्होंने दावा किया कि वे तीनों पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लिये काम करते हैं। वसीम पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष और अशफाक कोषाध्यक्ष है जबकि नदीम उसका सदस्य है। पीएफआई एक राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के बैनर तले मुस्लिमों को शामिल करके एनआरसी और सीएए का विरोध कर रहा है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार को हिंसा में पीएफआई का हाथ होने का दावा किया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वसीम लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है जबकि नदीम और अशफाक बाराबंकी जिले के निवासी हैं।

नैथानी ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों के पास से 26 तख्ती, 29 झंडे, 100 पर्चे और 36 पेपर कटिंग बरामद की गयी हैं जिनमें सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। इसके अलावा उनके कब्जे से अयोध्या विवाद, आतंकवाद समेत कई संदेहास्पद विषयों पर साहित्य भी बरामद किया गया है।

उन्होंने बताया कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के विभिन्न मामलों में अब तक 39 मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इनमें से छह मुकदमे 19 तारीख को राजधानी में हुए उपद्रव से पहले के हैं।

मुजफ्फरनगर प्रशासन ने हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया:

मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में यहां हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच प्रकोष्ठ गठित किया है।

पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस प्रकोष्ठ में 13 निरीक्षकों सहित 18 पुलिसकर्मी होंगे।

पुलिस अधीक्षक (अपराध) आर बी चौरसिया ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने हिंसा के सिलसिले में 20 दिसंबर को दर्ज 24 मामलों की जांच प्रारंभ कर दी है।

उन्होंने बताया कि 262 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए जिनमें से 48 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

चौरसिया ने बताया कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान 16 लोग मारे गए और 263 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

उप्र में सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के बाद अब हालात सामान्य:

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के बाद राजधानी लखनऊ, औद्योगिक नगरी कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, फिरोजाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, रामपुर, फिरोजाबाद समेत प्रदेश के सभी जिलों में अब हालात सामान्य है।

सीएए के विरोध में राज्य में हिंसक प्रदर्शन में 18 लोगों की मृत्यु हो गयी थी हालांकि पुलिस ने 15 की मृत्यु की पुष्टि की है। हिंसा में 263 पुलिसकर्मियों समेत 800 लोग घायल हुए हैं। 57 पुलिसकर्मी उपद्रवियों की गोली लगने से घायल हुये है। हिंसा के मामलों में अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 से ज्यादा खोखे बरामद किये हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि हर जगह पर हालात सामान्य के बाद भी पुलिस बेहद सतर्क है। कई आरोपितों की पहचान हो चुकी है जबकि अन्य आरोपितों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज अभी भी खंगाले जा रहे हैैं। उधर पुलिस ने जिलों में आरोपितों की तस्वीरें भी जारी कर दी हैं। अब लगभग सभी जिलों में बाजार खुले है। वाराणसी और प्रयागराज में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं। प्रशासन ने चार दिन बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल की। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से व्यापारी और आम लोगों को हो काफी परेशानी रही थी।

अलीगढ़ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार स्थिति अब पूर्ण शांति है। यहां पर संवदेनशील इलाकों में सुरक्षाबल तैनात है। हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे है। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनान है। आरोपियों के खिलाफ धरपकड़ जारी है।

राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के दौरान संपत्ति के नुकसान का ब्योरा जुटा रहा है। हिंसा प्रभावित कई जिलों ने करोड़ों के नुकसान की रिपोर्ट भेजी है। इसके साथ ही कुछ जिलों से और ब्योरा मांगा गया। प्रदेश में नामजद उपद्रवियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रामपुर में भी हालात सामान्य हाे रहे है। ऐहतियात के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। अफवाहों से बचने के लिये लखनऊ और कानपुर समेत 15 जिलों मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बाधित रखा गया है।

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि उग्र प्रदर्शन मामले में अब तक करीब हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में ही करीब 250 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं। इसमें एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

लखनऊ में 250 लोगों को वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है। बाकी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। प्रशासन आरोपियों पर रासुका और सम्पत्ति कुर्क की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

झारखंड में भाजपा 7 माह में अर्श से फर्श पर, विधानसभा में 81 में से 25 सीटें जीती,47 सीटें जीतकर हेमंत सोरेन के सिर पर बंधा ताज attacknews.in

रांची, 23 दिसम्बर । झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जबर्दस्‍त जीत के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज कहा कि वह जनता से मिले स्पष्ट जनादेश से पांच साल तक पूरी मजबूती से सरकार चलाएंगे।

श्री सोरेन ने आज देर शाम महागठबंधन के अन्य घटक (कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल) दलों के नेताओं के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ इस स्‍पष्‍ट जीत के लिए मैं झारखंड की जनता का आभार प्रकट करता हूं। राज्‍य को बेहतर दिशा देने के लिए जिस दल को हमारे साथ आना है, उनका स्‍वागत है। अब राज्‍य में किसी की उम्‍मीद नहीं टूटेगी। हमारी सरकार सबका बराबर ख्‍याल रखेगी। सबके साथ मिल-बैठकर आगे की रणनीति तय करूंगा। ”

महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि झारखंड की जनता ने बड़ी जिम्‍मेवारी दी है। उनका हृदय से धन्‍यवाद हैं। सरकार बनने की प्रक्रिया में आगे सभी घटक दलों के साथ मिलकर कैबिनेट का स्‍वरूप तय किया जाएगा। हेमंत सोरेन हमारे मुख्‍यमंत्री होंगे।

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्‍यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा कि जनता के सहयोग के लिए धन्‍यवाद। हेमंत जी को बहुत बधाई। हेमंत जी के नेतृत्‍व को लोगों ने स्‍वीकार किया, यह हमारी बड़ी जीत है।

सात माह में ही अर्श से फर्श पर भाजपा, हेमंत के सिर ताज

झारखंड में सात माह पहले लोकसभा चुनाव में 14 में से 11 सीटें जीतने के बाद राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसे बड़े मुद्दों के बूते वोट जुटाने की कोशिश में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनाव में अर्श से फर्श पर आ गयी, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महागठबंधन का स्पष्ट जनादेश (47 सीट) के साथ सरकार बनना तय हो गया है।

विधानसभा की 81 सीटों के अब तक घोषित परिणाम और रूझान में झामुमो 30 और उसकी सहयोगी कांग्रेस 16 तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 01 सीट के साथ सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 41 को पार कर गया है। वहीं, भाजपा को मात्र 25 सीटें ही मिलती दिख रही है । झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) 03, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) 02 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 01, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) एक और निर्दलीय दो सीट पर आगे है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके मंत्रिमंडल के दो सहयोगी के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गये हैं ।

मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही मंत्रिमंडल में सहयोगी रहे भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय ने करीब 15 हजार के मतों के अंतर से पराजित किया है । दुमका से समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी और मधुपुर से श्रम मंत्री राज पालिवार चुनाव हार गये हैं । वहीं, रांची से शहरी विकास मंत्री सी. पी. सिंह, खूंटी से ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, सारठ से कृषि मंत्री रणधीर सिंह, चंदनकियारी से पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी चुनाव जीत गये हैं जबकि कोडरमा से मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. नीरा यादव और बिश्रामपुर में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी आगे हैं । जुगसलाई से जल संसाधन मंत्री और आजसू नेता रामचंद्र सहिस पीछे हैं।

मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद चुनाव हार गये । श्री दास को भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय ने हराया । इसी तरह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर में झामुमो के सुखराम उरांव से 12160 मतों से और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के जीगा सुशरण होरो से 36846 मतों पीछे थे।

भाजपा सिर्फ 25 सीटें जीतने की ओर अग्रसर है जिससे उसका सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है।

झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए चुनावों के प्रारंभिक परिणामों और अन्य सभी सीटों के रुझान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया था कि झामुमो-कांग्रेस-राजद का महागठबंधन 46 सीटों पर आगे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य में महागठबंधन की जीत लगभग सुनिश्चित दिख रही थी और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था । जबकि दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा की इन चुनावों में करारी हार हुई ।

इस प्रकार अब तक के आंकड़ों में झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के इतिहास में सबसे अच्छे प्रदर्शन की ओर है। यह पार्टी तीस सीटें जीतकर न सिर्फ राज्य में मजबूत सरकार गठन की ओर अग्रसर रही बल्कि वह विधानसभा में भी सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।

अब तक मिले परिणामों और रुझानों के अनुसार महागठबंधन में झामुमो 30 सीट पर, कांग्रेस 15 सीट पर और राजद एक सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं।

अन्य दलों में भाजपा की सहयोगी रही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आज्सू) जहां सिर्फ दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है वहीं बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा भी सिर्फ तीन सीटों पर आगे हैं। अन्य छोटे दलों में भाकपा (माले लिबरेशन) एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस एक तथा दो अन्य निर्दलीय आगे चल रहे हैं।

जहां हार के बाद मुख्यमंत्री रघुबर दास ने संवाददाता सम्मेलन में दो टूक कहा कि यह हार उनकी व्यक्तिगत हार है, यह भाजपा की हार नहीं है। वहीं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी और गठबंधन की जीत को जनता का स्पष्ट जनादेश बताया और कहा कि इससे उन्हें जनता की आकांक्षा पूरा करने के लिए संकल्प लेना होगा।

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का चुनाव परिणाम राज्य के इतिहास में नया अध्याय है और यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि लोगों की उम्मीदें वह टूटने नहीं देंगे।

आज के परिणाम में एक खास बात यह भी रही कि जहां महागठबंधन करके कांग्रेस-झामुमो और राजद ने अपने वोट जोड़ने में सफलता हासिल की वहीं वर्ष 2014 के विधानसभा और हाल के लोकसभा चुनावों में गठबंधन सहयोगी रहे भाजपा और आज्सू अलग होकर बुरी तरह घाटे में रहे।

पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं वहीं वह इस बार सिर्फ 26 पर सिमटती दीख रही है। जबकि उसकी सहयोगी रही आज्सू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।

कम से कम 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से उनके उम्मीदवार की जीत निश्चित थी अन्यथा इन सीटों पर विपक्षी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की और यह सीटें इनमें से किसी के हाथ नहीं लगीं।

हेमंत सोरेन ने आज की जीत और गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूरा परिणाम आने के पूर्व ही संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है।

हेमंत ने कहा, ‘‘आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है।’’ उन्होंने कहा कि आज राज्य में जो परिणाम आये हैं वह हम सभी के लिए उत्साह का दिन है। जनता का जनादेश स्पष्ट है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा।’’

उन्होंने कहा कि हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा। हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद किया और कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम है।

सोरेन ने अधिक कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि अभी गठबंधन के सभी सदस्यों के साथ हम बैठेंगे और सरकार बनाने के लिए और शासन के लिए रणनीति तैयार करेंगे।

इस वर्ष मई में आये लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा की किसी राज्य विधानसभा चुनाव में यह पहली स्पष्ट हार है। लोकसभा चुनावों में झारखंड में भी भाजपा ने 14 में से 11 सीटें और उसकी सहयोगी आज्सू ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस और झामुमो के हाथ सिर्फ एक-एक सीट लगी थी।

यहां तक कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हार गये थे। इससे पूर्व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वह शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव जीतकर भी अपनी सरकार नहीं बना सकी और हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा न पा सकने के बाद उसने किसी तरह दुष्यन्त चैटाला के साथ मिलकर अपनी सरकार बनायी।

हेमंत ने भाजपा प्रत्याशियों को धूल चटाकर दुमका और बरहैट किया फतह

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डॉ. लुईस मरांडी को 13188 और सिमॉन मालटो को 25740 मतों के भारी अंतर से धूल चटाकर उनके लिए लकी रही दुमका (सुरक्षित) के साथ ही बरहैट (सु) सीट को एक बार फिर फतह कर लिया है।

राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, मतगणना समाप्त होने पर श्री सोरने को दुमका में 81007 वोट मिले जो कुल वैध मतों का 48.86 प्रतिशत है जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की डॉ. लुईस मरांडी को 67819 मत मिले। वहीं, 3156 वोट हासिल कर झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) की अंजुला मुर्मू तीसरे तथा 2409 मत बटोरकर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रत्याशी मार्शल ऋषिराज टुडू चौथे स्थान पर है। इस सीट के लिए नोटा (इनमें से कोई नहीं) को 2267 वोट मिले।

वहीं बरहैट में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सोरेन ने 73725 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सिमॉन मालटो को 25740 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया। श्री मालटो को 47985 वोट मिले। 2622 वोट हासिल कर झाविमो के होपना टुडु तीसरे और 2573 वोट बटोरकर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के गैमलिएल हेम्ब्रम चौथे स्थान पर रहे। 2566 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर सभी 12 प्रत्याशियों को नकार दिया।

गौरतलब है कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी श्री सोरेन ने दुमका और बरहैट सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जहां वह बरहैट से जीते वहीं दुमका से हार गए थे। उस चुनाव में दुमका से श्री सोरेन को भाजपा उम्मीदवार डॉ. लुईस मरांडी ने 4914 वोट के अंतर से पराजित किया था।