पाकिस्तान के हिंदू खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ भेदभाव के मामले में गौतम गंभीर ने इसे पाक का असली चेहरा बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ।पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया के इस बयान ने पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा दिया है कि हिंदू होने के कारण उन्हें साथी खिलाड़ियों का बुरा बर्ताव झेलना पड़ा ।

गंभीर ने कहा ,‘‘ भारत में मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे कप्तान हुए हैं जो लंबे समय तक कप्तान रहे । यह उस देश में हो रहा है जिसके कप्तान इमरान खान खुद क्रिकेटर रहे हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ कनेरिया ने अपने देश के लिये इतने टेस्ट खेले हैं । इसके बावजूद उसे यह सब झेलना पड़ा तो यह शर्मनाक है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने मोहम्मद कैफ, इरफान पठान , मुनाफ पटेल को इतना सम्मान दिया है । पटेल मेरा करीबी दोस्त है । हम एक टीम के रूप में खेलते थे ताकि देश को गौरवान्वित कर सकें । पाकिस्तान से आ रही खबरें दुर्भाग्यपूर्ण है ।’’

गंभीर ने कहा कि अगर खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है तो यह कल्पना ही की जा सकती है कि हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ वहां क्या होता होगा ।

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दावा किया था कि उनके साथी खिलाड़ी कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने पक्षपातपूर्ण बर्ताव किया और उसके साथ खाना भी नहीं खाते थे क्योंकि वह हिंदू था ।

कनेरिया ने उनके दावे का समर्थन करते हुए कहा था ,‘‘ शोएब भाई महान खिलाड़ी हैं । वह गेंदबाजी की तरह बातें भी खरी खरी करते हैं । जब मैं खेलता था तो इन मसलों पर बोलने की हिम्मत नहीं थी लेकिन शोएब भाई के बयान के बाद अब आ गई है । उन्होंने , इंजी भाई (इंजमाम उल हक), मोहम्मद युसूफ और यूनिस भाई ने भी हमेशा मेरा साथ दिया ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ जिन्होंने मेरा साथ नहीं दिया, मैं जल्दी ही उनके नामों का खुलासा करूंगा।’’

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में गंभीर ने कहा कि लोगों को गुमराह किया जा रहा है और यह कानून मुसलमान विरोधी या भारतीय विरोधी नहीं है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि जो भी करना हो, शांतिपूर्वक करे । सरकार आपके मसले सुलझायेगी । हिंसा , सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या पुलिस पर पत्थर फेंकने से कुछ नहीं होगा।’’

भेदभाव के आरोपों पर अख्तर और कनेरिया के साथी खिलाड़ियों को जवाब देना चाहिए : पीसीबी

कराची से खबर है कि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शोएब अख्तर के बयान से किनारा करते हुए कहा कि वह वह इस आरोप के लिये जवाबदेह नहीं है। अख्तर ने कहा था कि उनके पूर्व साथी दानेश कानेरिया को हिन्दू होने के कारण अन्य खिलाड़ियों से भेदभाव झेलना पड़ता था।

अख्तर ने यह कहकर बवाल पैदा कर दिया कि कनेरिया का कुछ खिलाड़ियों ने अपमान किया क्योंकि वह हिन्दू था। इस वजह से उसे जरूरी श्रेय नहीं मिला और कुछ खिलाड़ी तो उसके धर्म के कारण उसके साथ खाना नहीं खाते थे।

कनेरिया ने भी अख्तर के बयान पर सहमति जतायी और कहा कि वह जल्द ही उन खिलाड़ियों के नामों का खुलासा करेंगे जिन्होंने उनके धर्म के कारण उनके साथ गलत व्यवहार किया। यह पूर्व स्पिनर 2012 से स्पॉट फिक्सिंग के कारण आजीवन प्रतिबंध झेल रहा है।

पीसीबी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अख्तर और कनेरिया दोनों संन्यास ले चुके हैं और हमसे अनुबंधित नहीं है इसलिए वे जो चाहे कर सकते हैं और कह सकते हैं। यह उनके विचार हैं। और उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट की पूरी व्यवस्था के खिलाफ नहीं बल्कि कुछ खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर आरोप लगाये हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब कनेरिया खेल रहा था तब इंजमाम उल हक, राशिद लतीफ, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ पाकिस्तान के कप्तान रहे। अख्तर और कनेरिया ने जो कुछ कहा, इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। इसमें बोर्ड को क्यों शामिल होना चाहिए। ’’

अख्तर और कनेरिया को पूर्व टेस्ट खिलाड़ी इकबाल कासिम और मोहसिन खान का समर्थन मिला है।

पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज ने मोहसिन खान ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी का आकलन उसके धर्म, रंग या जाति से नहीं बल्कि उसके क्रिकेट कौशल और टीम के प्रति प्रतिबद्धता से किया जाना चाहिए।’’

बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों ने CAA को मानवतावादी कानून बताया attacknews.in

वाशिंगटन, 27 दिसंबर । बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों और संगठनों के एक समूह ने संशोधित नागरिकता कानून को मानवीय बताते हुए कहा है कि इस कानून के माध्यम से भारत ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लाखों गैर-मुसलमानों के प्रति अपने कर्तव्य को आंशिक रूप से पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि इन गैर-मुसलमानों को हाल के वर्षों में अपना देश छोड़ना पड़ा है और वे अपने अधिकारों के लिए दावा भी नहीं कर सकते।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक कारणों से सताए जाने के बाद वहां से भागकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को देश की नागरिकता दी जाएगी।

समूह ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘इस कानून के जरिए भारत ने हाल के वर्षों में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भागकर आए लाखों गैर-मुसलमानों के प्रति अपने कर्तव्य की आंशिक पूर्ति की है। ये वे शरणार्थी हैं, जो भारत में अपने अधिकारों के लिए दावा नहीं कर सकते थे। सीएए ने उन्हें अधिकार दिए हैं।”

करीब दर्जन भर देशों की प्रमुख हस्तियों और संगठनों द्वारा हस्ताक्षरित इस बयान में कहा गया है, ‘‘पूरी दुनिया में शांतिपूर्ण तरीके से रह रहे हम बांग्लादेश के प्रवासी हिन्दू और अन्य जातीय अल्पसंख्यक भारत की संसद द्वारा पारित संशोधित नागरिकता कानून (2019) का पूरा समर्थन करते हैं। यह इंसानियत के प्रति एक मानवीय कदम है।’’

जिन संगठनों ने इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें बांग्लादेश माइनोरिटी कोलिजन (अमेरिका), बांग्लादेश माइनोरिटी राइट्स एलायंस (कनाडा), बांग्लादेश माइनोरिटी काउंसिल (स्विटजरलैंड), बांग्लादेश हिन्दू कोलिजन (अमेरिका) और बांग्लादेश हिन्दू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल (फ्रांस) शामिल हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत सरकार बांग्लादेश में तकलीफ झेल रहे गैर-मुसलमान समुदाय के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।’’

भारत में आधार बनवाने वालों की संख्या पहूंची 125 करोड़ निवासियों के पार , अपडेट करवाने के लिए प्रतिदिन 4 लाख आवेदन attacknews.in

नईदिल्ली 27 दिसम्बर ।भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने यह घोषणा की है कि आधार परियोजना ने 125 करोड़ के अंक को पार करके नई उपलब्धि हासिल की है। इसका मतलब यह है कि भारत के 125 करोड़ से अधिक निवासियों के पास 12 अंकों की विशिष्ट पहचान उपलब्‍ध है।

यह उपलब्धि आधार धारकों द्वारा आधार के प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण हासिल हुई है।

यह इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि आधार-आधारित प्रमाणीकरण सेवाओं का शुरूआत से अब तक लगभग 37,000 करोड़ बार उपयोग हो चुका है। वर्तमान में यूआईडीएआई को प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ प्रमाणीकरण अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।

इसके अलावा आज नागरिक आधार में अपने विवरण को अद्यतन रखने के अधिक इच्छुक हैं। यूआईडीएआई ने अब तक लगभग 331 करोड़ सफल आधार अपडेट (बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय) दर्ज किए हैं। वर्तमान में यूआईडीएआई को रोजाना लगभग 3-4 लाख आधार अपडेट अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।

भारत के लिए judgment year रहा 2019;सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ।अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और फ्रांस के साथ अरबों डॉलर की राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे का रास्ता साफ करने वाले उच्चतम न्यायालय के 2019 के फैसले ऐतिहासिक रहे।

इस साल न्यायालय ने खुद को विवादों में उस वक्त पाया जब भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। बहरहाल, बाद में उन्हें इस मामले में क्लिन चिट मिल गई।

भारत के प्रधान न्यायाधीशों को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं, लेकिन न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) गोगोई भारतीय न्यायपालिका के पहले ऐसे प्रमुख थे जिनके खिलाफ पद पर रहते हुए यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। आरोप न्यायालय की पूर्व महिला कर्मचारी ने लगाए थे।

उच्चतम न्यायालय की आंतरिक जांच समिति ने न्यायमूर्ति गोगोई को क्लिन चिट दे दी और उसके साथ ही यह विवाद समाप्त हो गया। जांच समिति का नेतृत्व मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे कर रहे थे।

शीर्ष अदालत को केन्द्र सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक फैसले में संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के खिलाफ दायर की कई तमाम याचिकाओं से भी निपटना पड़ा। बाद में इसे लेकर फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को हिरासत में भी किया गया। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा समाप्त हो गया। केन्द्र ने पूरे राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया।

केन्द्र सरकार के इस फैसले की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया गया है।

इन तमाम फैसलों के बीच 2019 को सबसे ज्यादा याद किया जाएगा अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए। शीर्ष अदालत ने इस साल अपने फैसले में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का समाधान निकाला।

इस मामले में मध्यस्थता की तमाम कोशिशें विफल होने के बाद समाधान खोजने की जिम्मेदारी न्यायालय के कंधों पर आ पड़ी थी। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें पूरे 40 दिन तक सुनीं। यह न्यायालय के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई है। पीठ ने आम सहमति से दिए गए अपने फैसले में कहा कि राम मंदिर का निर्माण विवादित भूमि पर होगा और केन्द्र को निर्देश दिया कि वह मुसलमानों को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करे।

वहीं करेल के सबरीमला मंदिर में रजस्वला महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले अपने 2018 के ऐतिहासिक फैसले पर दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने विभिन्न धर्मों द्वारा महिलाओं के साथ किए जाने वाले भेदभाव के मुद्दे को विस्तार देते हुए मामले को सुनवाई के लिए सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया।

न्यायालय ने कहा कि एक बड़ी पीठ को मुसलमान और पारसी महिलाओं के साथ भी होने वाले कथित धार्मिक भेदभाव से निपटने के संबंध में रुपरेखा तय करनी चाहिए। इनमें मस्जिद और दरगाहों में मुसलमान महिलाओं के प्रवेश पर मनाही और गैर-पारसी समुदाय के पुरुष से विवाह करने वाली पारसी महिलाओं को प्रार्थना स्थल अग्यारी में प्रवेश से मनाही जैसे विषयों पर विचार शामिल है।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए एक वक्त सिरदर्द बन गए राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे पर न्यायालय ने केन्द्र के पक्ष में फैसला दिया। न्यायालय ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए फ्रांस की सरकार के साथ हुए इस सौदे की सीबीआई जांच की मांग करने वाली विभिन्न समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया। भारत सरकार और फ्रांस की सरकार के बीच हुए इस सौदे में दसाल्ट एविएशन से 36 पूरी तरह तैयार लड़ाकू विमान खरीदे जा रहे हैं।

इस साल उच्चतम न्यायालय ने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत सूचनाएं साझा करने को लेकर भी नरम रुख अपनाया और बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय सार्वजनिक प्राध्णिकार है और वह भी इस कानून के तहत आता है तथा उसे सूचनाएं साझा करनी चाहिए।

लेकिन, सूचनाएं साझा करने पर अपना नियंत्रण बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘‘जनहित’’ में सूचनाएं सार्वजनिक करते हुए भी ‘‘न्यायिक स्वतंत्रता’’ और सूचनाओं की प्रकृति को ध्यान में रखा जाए।

पूरे देश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की ज्यादाती आदि को लेकर दायर याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने संबंधित उच्च न्यायालयों के पास भेज दिया। सीएए के तहत धार्मिक आधार पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए जाने के बाद भारत आए गैर-मुसलमानों को योग्यता के आधार पर देश की नागरिकता दी जाएगी।

साथ ही शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और इंडियन मुस्लिम लीग सहित विभिन्न दलों की ओर से दायर 59 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीएए की संवैधानिक वैधता पर विचार करने का फैसला लिया और केन्द्र को इस संबंध में नोटिस जारी किया।

इसके अलावा शीर्ष अदालत ने असम में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की। इसमें 3,30,27,661 लोगों ने सूची में शामिल होने के लिए आवेदन किया जिनमें से 19,06,657 को बाहर रखा गया।

उच्चतम न्यायालय ने इस साल महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उसने 2012 निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या कांड के चार दोषियों में से एक की मौत की सजा बरकरार रखी। साथ ही निर्देश दिया कि जिन जिलों में पॉक्सो के तहत 100 से ज्यादा प्राथमिकियां दर्ज हैं वहां तत्काल प्रभाव से विशेष अदालतों का गठन किया जाए, जो सिर्फ इन्हीं मामलों की सुनवाई करेंगी।

भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद जैसे राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों को याौन उत्पीड़न के मामलों में अदालती मार झेलनी पड़ी।

न्यायालय ने सेंगर से जुड़े उन्नाव बलात्कार मामले की सुनवाई लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करवाई। दिल्ली की अदालत ने सेंगर को इस मामले में जीवन पर्यंत कैद की सजा सुनाई।

न्यायालय ने यौन अपराधों के न्याय के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रभावी और तेजी से सुनवाई के लिए संशोधन किए जाने के बावजूद एनसीआरबी 2017 के आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में बलात्कार के 32,559 मामले दर्ज हैं।

वित्तीय भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में बार-बार शीर्ष अदालत से राहत मांग। अंतत: हिरासत में 100 दिन गुजारने के बाद उन्हें जमानत मिली।

गड़बड़ी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने रियलिटी क्षेत्र के कानून रेरा के तहत आम्रपाली समूह का पंजीकरण रद्द कर दिया और उसे एनसीआर की उसकी मुख्य संपत्तियों से बेदखल कर दिया।

न्यायालय ने निर्देश दिया था कि जेपी इंफ्राटेक ऋण समाधान प्रक्रिया को पूरा करे और केवल एनबीसीसी और सुरक्षा रियलिटिज से ही संशोधित प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएं।

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति द्वारा संचालित हो रहे दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को आखिरकार नए पदाधिकारी मिले। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरभ गांगुली बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने। शीर्ष अदालत की इस समिति के अध्यक्ष पूर्व कैग विनोद राय थे।

रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी को उच्चतम न्यायालय की अवमानना का दोषी करार दिया गया। अदालत ने अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी आरकॉम को स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन का 453 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने या फिर तीन महीने जेल की सजा भुगतने को कहा था।

अमित शाह ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए पूछा-वे यह बताये CAA में कौन सा प्रावधान है जो मुसलमानों को नागरिकता देने से इंकार करता हो attacknews.in

शिमला, 27 दिसंबर । केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी को चुनौती दी कि वो देश को गुमराह करना बंद करें तथा बतायें कि नागरिक संशोधन अधिनियम में कौन सा प्रावधान है जो मुस्लिम और अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से इंकार करता हो ।

प्रदेश सरकार के दो साल के पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करने शिमला पंहुचे श्री शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को खुली चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि राहुल बाबा देश को गुमराह करना बंद करें और सीएए में एक भी शब्द ऐसा बता दें जो भारत में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान दिखाता हो। सीएए नागरिकता देने का प्रावधान है न कि लेने का।

राहुल गांधी ने NRC और NPR को देश की गरीब जनता पर लागू किया गया टैक्स बताया और इसमे भारी रिश्वतखोरी की बात कही attacknews.in

रायपुर, 27 दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीज़न) और एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) को हिंदुस्तान की गरीब जनता पर लगाया गया टैक्स बताया है।

गांधी ने आज यहां हवाईअड्डे पर संवाददताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, “चाहे एनआरसी हो या एनपीआर हो, यह हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स है।”

उन्होंने कहा, “(जिस तरह) नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से पैसा नहीं निकालिए और पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि अब गरीबों को कागज बनवाने के नाम पर रिश्वत देनी पडेगी। उन्होंने इसे गरीबों पर हमला करार दिया।

गांधी ने अर्थव्यवस्था और रोगजार की स्थित पर केंद्र सरकार को घेरा।

कांग्रेस के नेता ने कहा, “आज पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान में हिंसा हो रही है। महिलाओं को यहां सड़कों पर नहीं चलने दिया जा रहा है और बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है… लेकिन प्रधानमंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं।”

राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे।

इस मौके पर आयोजित एक सभा में गांधी ने कहा, ‘‘सभी धर्मों, जातियों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को साथ लिए बिना हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती।’’

केन्द्र सरकार को इंगित करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘जब तक आप इस देश को जोड़ेंगे नहीं, जब तक देश के लोगों की आवाज विधानसभाओं और लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक नाहीं रोजगार और नाहीं अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ किया जा सकेगा। क्योंकि अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी ही चलाते हैं।

भाई को भाई से लड़ाने से कभी नही होगा देश का फायदा- राहुल

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही एनपीआर को लेकर उठे विवादों के बीच मोदी सरकार का नाम लिए बगैर उस पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि भाई को भाई से लड़ाने से कभी देश का फायदा नही हो सकता है।

श्री गांधी ने यहां छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि बगैर सभी धर्म,जाति,आदिवासी.दलित,पिछड़े को साथ लिए देश को और अर्थव्यवस्था को आगे नही बढ़ाया जा सकता है।

उन्होने कहा कि हर व्यवस्था में गरीब,किसान,मजदूर मिलकर आगे बढ़ाने में योगदान करते है। महज 10-15 औद्योगिक परिवारों को सभी कुछ देकर आप हिन्दुस्तान को आगे नही बढ़ा सकते।

उन्होने संसद एवं विधानसभाओं में सभी की आवाज सुने जाने पर जोर देते हुए कहा कि जो चाहे करो लेकिन वहां एक दो व्यक्ति की नही बल्कि सभी की आवाज सुनो। उन्होने कहा कि देश के हालात आज क्या है,सभी को पता है। किसान परेशान है,बेरोजगारी चरम पर है और अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत ही खराब है।

नागरिकता संशोधन कानून एवं एनपीआर का नाम लिए बगैर उन्होने कहा कि तोड़ने से कुछ नही बनाया जा सकता है।अनेकता से ही एकता बनती है।अलग अलग समाज,जाति धर्म हमारे देश की खूबी है,और इनके साथ आगे बढ़ना है।उन्होने छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव को विविधता में एकता का प्रयास बताते हुए इससे आदिवासी इतिहास एवं संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा।

दिल्ली में CAA के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस नेता अलका लांबा और पूर्व विधायक शोएब इकबाल ने किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसम्बर ।संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में सैकड़ों लोग जुमे की नमाज के बाद पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर एकत्र हुए और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया।

जामा मस्जिद के बाहर पुलिस की भारी तैनाती रही। वहां जुटे प्रदर्शनकारियों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने ‘‘भारतीयों को मत बांटो’’ और ‘‘हम समानता चाहते हैं’’ जैसे नारे लगाए।

कांग्रेस नेता अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व विधायक शोएब इकबाल भी प्रदर्शनकारियों के साथ थे।

मस्जिद में नमाज के बाद यह प्रदर्शन लगभग दो घंटे तक चला।

लांबा ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है लेकिन आप (प्रधानमंत्री) लोगों को एनआरसी के लिए लाइन में खड़ा करना चाहते हैं जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना आवश्यक है। केंद्र सरकार तानाशाह नहीं हो सकती और लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती है।’’

वहीं, पूर्व विधायक इकबाल ने कहा, ‘‘जो लोग हिंसा करते हैं, वे हममें से नहीं हैं। यह आंदोलन है और यह जारी रहेगा। अगर कोई हमारी शांति को भंग करता है तो वह हममें से नहीं है। वह हमारे आंदोलन को भटकाना चाहता है। हम हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। पिछले शुक्रवार को जो हिंसा हुई, हम उसकी निन्दा करते हैं।’’

प्रदर्शनकारी मोहम्मद इस्माइल ने कहा, ‘‘हमें यह कानून नहीं चाहिए और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। देश के लोग कानून के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे।’’

वहीं, प्रदर्शनकारियों में शामिल मोहम्मद शाकिब ने कहा, ‘‘इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए। इस देश को रोजगार चाहिए। इस देश को अमन और शांति चाहिए।’’

पिछले शुक्रवार को जामा मस्जिद के पास दरियागंगज में एक प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया था और एक वाहन को आग लगा दी थी।

धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुआ है।

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को पिछले सप्ताह हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस का कहना है कि जुमे की नमाज के बाद चंद्रशेखर ने ‘‘भड़काऊ भाषण’’ दिया था।

राजधानी में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण, कईं लोग हिरासत में लिए गए:

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के अलग अलग इलाकों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है और इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया।

जामिया के छात्रों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता के खिलाफ उत्तर प्रदेश भवन का घेराव करने का आह्वान किया था लेकिन वहां पर धारा 144 लगाई गई थी। एक बस में सवार जामिया के छात्रों को कौटिल्य मार्ग स्थित असम भवन के पास से हिरासत में लिया गया जिसमें करीब 25 लोग सवार थे। इसके अलावा उत्तर भवन की ओर पैदल जाने की कोशिश कर रहे कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है।

जामिया के एक छात्र आसिफ ने बताया कि वह मास कम्युनिकेशन के छात्र हैं और प्रदर्शन की रिपोर्टिंग करने के लिए जा रहे थे लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश भवन से काफी पहले ऑटो से उतार कर पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले गई।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन की ओर जाने को कोशिश करने वाले करीब 40 छात्रों को विभिन्न इलाकों से हिरासत में लिया गया है।

जामिया के मेन गेट पर पिछले 15 दिनों से आंदोलन जारी है। उत्तर प्रदेश में पुलिस हिंसा के खिलाफ जामिया के कुछ छात्र आज से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

भीम सेना तथा अन्य संगठनों की ओर से चंद्रशेखर को रिहा करने तथा नागरिकता कानून के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास की ओर मार्च शुरू किया लेकिन पुलिस ने लोधी रोड पर ही रोक दिया। प्रदर्शनकारियाें ने अपने हाथ बांध रखे थे ताकि उन पर हिंसा करने का आरोप नहीं लगाया जा सके।

जामिया नगर के शाहीन बाग में भी पिछले दस दिन से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां के लोग मथुरा रोड से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क के बीचो बीच टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे है जिससे मथुरा रोड पर हर दिन भारी जाम लग रहा है। फरीदाबाद से आने वाले वाहनों को आश्रम महारानी बाग होकर नोएडा भेजा जा रहा है।

जाफराबाद और सीलमपुर के इलाके में भी लोगों ने प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और मस्जिद के इमामों की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के आह्वान के कारण किसी भी इलाके से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।

उत्तर पूर्वी जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार नमाज से पहले इलाके में पर्याप्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की गई। सीलमपुर, जाफराबाद, वेलकम और मुस्तफाबाद क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई।

विभिन्न संगठनों की ओर से दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किया। कुछ इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी गई ताकि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनाया जा सके।

पिछले जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़कनें से सतर्क उत्तरप्रदेश में इस शुक्रवार शांति रही,CAA के 498 हिंसक विरोधी चिन्हित हुए नुकसान की भरपाई के लिए attacknews.in

लखनऊ 27 दिसम्बर। राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने जुमे की नमाज अदा की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूरे राज्य में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गयी। इस दौरान पुलिस और केन्द्रीय बलों की टुकडियां शरारती तत्वों की हरकतों पर नजर रखे हुये थी। बवाल की आशंका के मद्देनजर अफवाह से बचने के लिये 21 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को गुरूवार रात से बाधित कर दिया गया था जिसे चरणबद्ध तरीके से बहाल किये जाने की प्रक्रिया देर शाम से शुरू कर दी गयी।

सहारनपुर में जुमे की नमाज के दौरान संवेदनशील स्थानों और मस्जिदों के बाहर पुलिस पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। सहारनपुर एवं देवबंद में आरएएफ और पीएसी की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की गयी थी। जिलाधिकारी आलोक पांडे, एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी सिटी विनीत भटनागर खुद मौजूद रहे जबकि मंडल के सबसे संवेदनशील देवबंद में सुरक्षा बंदोबस्त की कमान मंडलायुक्त संजय कुमार और डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने संभाल रखी थी।

फिरोजाबाद में जुमे की नमाज के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस और केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था जिन स्थानों पर हिंसा भड़की थी वहां सुरक्षा बलों की गश्त लगातार जारी रही। क्षेत्रीय मस्जिदों में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई।

गौरतलब है कि पिछले दिनो नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर राजधानी लखनऊ और संभल में पिछले गुरूवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसके अगले रोज जुमे की नमाज के बाद फिरोजाबाद,मेरठ,कानपुर, चंदौसी, बिजनौर और वाराणसी समेत अन्य जिले आ गये थे।

पुलिस के अनुसार राज्य में हालात सामान्य है। धारा 144 लगी हुई है, लेकिन एहतियात बरती जा रही हैं ताकि दोबारा से हिंसक प्रदर्शन ना हो सके। सीएए को लेकर हुई हिंसा के बाद अब राज्य में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।

श्री सिंह ने कहा कि जिलों में मौलानाओं, मौलवियों और मुस्लिम संगठनों से शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग की अपील की गई। लोगों को आगाह किया गया कि वो किसी के बहकावे में नहीं आयें और हिंसा से दूर रहें । पुलिस का पूरा प्रयास है कि किसी निर्दोष पर कोई कार्रवाई नहीं हो लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को कसी भी हालत में छोड़ा नहीं जायेगा ।

सीसीटीवी फुटेज और वीडियो से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की गई है और उनके पोस्टर भी लगाये गये हैं । लोगों को ऐसे लोगों को पहचान बताने की अपील की गई है । उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान बताने वालों की पहचान गुप्त रखी जायेगी ।

योगी ने की वाराणसी के कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा:

वारणसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा की तथा बैठक में मौजूद अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया।

अधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि दो दिवसीय दौरे पर आये श्री योगी देर रात श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का दर्शन-पूजन करेंगे तथा यहां के कोरिडोर निर्माण के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर सकते हैं।

उप्र में सीएए के विरोध में क्षतिपूर्ति का निर्धारण के लिए 498 व्यक्ति चिन्हित:

उत्तर प्रदेश में नागरिक (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान विभिन्न जिलों में धरना एवं प्रदर्शन के दौरान उपद्रवों में सार्वजनिक तथा निजी सम्पतियों की क्षतिपूर्ति का निर्धारण करने के लिए भेजी रिपोर्ट में 498 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है।

सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सीएए के विरोध में धरना एवं प्रदर्शन के दौरान उपद्रवों में सार्वजनिक तथा निजी सम्पतियों का नुकसान पहुंचाने वालों को क्षतिपूर्ति का निर्धारण करने के लिए चिन्हित कर मामलों का निस्तारण करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में लखनऊ, मेरठ, सम्भल, रामपुर, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, मुजफ्फरनगर, मऊ, तथा बुलन्दशहर के जिला मजिस्ट्रटों ने क्षतिपूर्ति के लिए लगभग 498 व्यक्तियों को चिन्हित कर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करा दी है।

सीएए विरोध: अखिलेश ने राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर दमनात्मक कार्रवाई का आरोप लगाते हुये राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है।

श्री यादव ने गुरूवार को राजभवन में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल से मुलाकात की और सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस पर दमन एवं अत्याचार की कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होने राज्यपाल से निर्दोषों के साथ न्याय किए जाने की मांग की। सपा अध्यक्ष के साथ विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन और सचिव राजेन्द्र चौधरी भी थे।

सीएए का भारतीयों से कोई वास्ता नहीं : बालियान

मुजफ्फरनगर में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने विपक्षी दलों पर नागरिक संशोधन कानून (सीएए) पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुये कहा कि नये कानून से मुसलमानो समेत कोई भी भारतीय प्रभावित नहीं होगा।

डा बालियान ने खास बातचीत में कहा कि सीएए का भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। वास्तव में यह कानून भारतीयों के लिए नहीं है बल्कि तीन देशों के छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दिए जाने के बारे में है ।

NPR को अपडेट करने की योजना को लेकर NRC के साथ शुरू हुआ नया राजनीतिक विवाद;कांग्रेस और भाजपा हुए आमने-सामने attacknews.in

नयी दिल्ली/श्रीनगर, 26 दिसंबर ।राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अपडेट करने की योजना को लेकर गुरुवार को नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया और भाजपा ने विपक्ष पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी का एजेंडा ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ है।

प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर हमला बोला और भाजपा ने एनपीआर को अद्यतन बनाने तथा प्रस्तावित एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं होने पर जोर दिया। इस बीच संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जारी रहा।

उधर, वाम दलों ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ एक जनवरी से सात दिनों के देशव्यापी विरोध और आठ जनवरी को आम हड़ताल का आह्वान किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर सीएए के संबंध में भ्रम फैलाने और जनता को गुमराह कर राष्ट्रीय राजधानी का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि ‘‘टुकड़े टुकड़े गैंग’’ को पराजित करने का वक्त आ गया है। दक्षिणपंथी पार्टियां ‘‘टुकड़े टुकड़े गैंग’’ के जरिए विपक्ष पर निशाना साधती हैं।

शाह ने सीएए के विरोध में हाल ही में हुए प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस नीत विपक्ष ने संशोधित नागरिकता कानून पर भ्रम फैलाया। सीएए पर लोगों को गुमराह करके विपक्ष ने दिल्ली के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ दिया।’’

भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि न तो सीएए और न ही एनपीआर का एनआरसी के साथ कोई संबंध है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार कर रहा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एनपीआर को अद्यतन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। डेटाबेस में देश के प्रत्येक निवासी के बॉयोमीट्रिक विवरण शामिल होंगे।

माधव ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि सीएए या एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है। एनआरसी के आने पर क्या होगा इस पर चर्चा करना अभी जल्दबाजी है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा केंद्र को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है क्योंकि उनके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एनपीआर को लेकर सरकार पर दुर्भावनापूर्ण एजेंडा रखने का आरोप लगाया और दावा किया कि मौजूदा एनपीआर संप्रग सरकार के समय के एनपीआर से बिल्कुल अलग है।

GST में 241 करोड़ रुपये की कर चोरी का भंडाफोड़, 1,600 करोड़ रुपये की फर्जी रसीदों से की गई चोरी,मुख्य आरोपी गिरफ्तार attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर ।माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधिकारियों ने 1,600 करोड़ रुपये के फर्जी रसीदों के जरिये 241 करोड़ रुपये की कर चोरी करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी गयी।

इस गिरोह का भांडाफोड़ केंद्रीय जीएसटी के दक्षिणी दिल्ली आयुक्तालय की कर चोरी रोधी इकाई ने किया है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे एक स्थानीय अदालत ने 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

आरोपी ने विभिन्न व्यक्तियों के पहचानपत्रों का अनाधिकार इस्तेमाल कर कई कंपनियां बनायी थी।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘अभी तक इस मामले में संलिप्त 120 से अधिक निकायों का पता चला है, जिन्होंने 1,600 करोड़ रुपये के फर्जी रसीदों के जरिये 241 करोड़ रुपये की कर चोरी की।’’

बयान में कहा गया, जांच में एक संगठित गिरोह का पता चला है, जो जाली कंपनियां बनाकर, फर्जी रसीद जारी कर तथा फर्जी ई-वे बिल के जरिये कर क्रेडिट की सुविधा का दुरुपयोग करता था। जांचकर्ताओं के एक दल ने कई सप्ताह की मेहनत के बाद देशभर में कंपनियों के जाल का पता किया और उनके काम करने के तरीके का भांडाफोड़ किया।

झूठों के सरदार राहुल गांधी कांग्रेस शासन में बनाये डिटेंशन सेंटर भाजपा के दौर में बनाने की बात कहकर पकड़ाएं तो नरेन्द्र मोदी को RSS का प्रधानमंत्री बता दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर । देश में ‘हिरासत केंद्र’ नहीं होने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘आरएसएस के प्रधानमंत्री’ भारत माता से झूठ बोलते हैं।

असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए गांधी ने ट्वीट किया, ‘आरएसएस के प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलते हैं ।’

दरअसल, पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि देश में ‘‘हिरासत केंद्र’’ को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं।

कांग्रेस नेता ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक असम में हिरासत केंद्र मौजूद है।

भाजपा ने राहुल को ‘झूठों का सरदार’ कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने के लिये भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बृहस्पतिवार को पलटवार करते हुए उन्हें ‘‘झूठों का सरदार’’ कहा। भाजपा ने कहा कि असम में हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) तब बनाये गए थे जब कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों ही जगह सत्ता में थी।

इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में हिरासत केंद्र के मुद्दे पर देश से झूठ बोल रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है लेकिन उनसे सार्वजनिक संवाद में शालीन भाषा की अपेक्षा करना बहुत ज्यादा है।

पात्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 2011 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान दिखाया जिसमें कहा गया था कि असम में हिरासत केंद्र स्थापित किये गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी झूठों के सरदार हैं। असम में तीन हिरासत केंद्र उनकी पार्टी ने बनवाये थे, जो (उस वक्त) केंद्र और राज्य दोनों ही जगह सत्ता में थी।’’

पात्रा ने असम सरकार द्वारा अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर जारी श्वेतपत्र भी दिखाया और दावा किया कि इसमें भी हिरासत केंद्र स्थापित करने की बात की गई है।

उन्होंने साथ ही कहा कि हिरासत केंद्रों और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में कोई संबंध नहीं है।

गांधी ने बृहस्पतिवार को मोदी पर उनकी उस टिप्पणी को लेकर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में कोई हिरासत केंद्र नहीं है। गांधी ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया,‘‘आरएसएस के प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलते हैं।’’

उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप भी डाली जिसमें मोदी कांग्रेस और उसके सहयोगियों तथा ‘‘शहरी नक्सलियों’’ पर यह अफवाह फैलाने का आरोप लगा रहे हैं कि मुस्लिमों को हिरासत केंद्रों में भेजा जाएगा।

क्लिप में असम में एक कथित हिरासत केंद्र बनते हुए भी दिखाया गया है।

बांग्लादेश ने कर दिया ऐलान:वह अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजेगा

ढाका 25 दिसंबर । बंगलादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमीन ने कहा है कि हाल के दिनों में जो लोग भारत की सीमा से बंगलादेश में घुसे हैं यदि वे बंगलादेशी नागरिक नहीं हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।

श्री मोमीन ने बुधवार को सिलहट शहर के लिए ‘नगर एक्सप्रेस’ नामक बस सेवा की शुरुआत के अवसर पर यह बात कही।

शोएब अख्तर ने बताया: पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ हिन्दू होने के कारण बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था attacknews.in

कराची, 26 दिसंबर । पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने आरोप लगाया है कि उनके साथी खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने पक्षपातपूर्ण बर्ताव किया और उसके साथ खाना भी नहीं खाते थे क्योंकि वह हिंदू था ।

अपने मामा अनिल दलपत के बाद पाकिस्तान के लिये खेलने वाले दूसरे हिंदू कनेरिया ने पाकिस्तान के लिये 61 टेस्ट में 261 विकेट लिये ।

शोएब ने पीटीवी स्पोटर्स पर ‘गेम ऑन है’ कार्यक्रम में यह बात कही ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे कैरियर में मैने टीम के दो तीन खिलाड़ियों से लड़ाई भी की जब वे क्षेत्रवाद पर बात करने लगे थे । ‘कौन कराची से है, कौन पंजाब से या कौन पेशावर से ’ , ऐसी बातें होनी लगी थी । क्या हुआ अगर कोई हिंदू है, वह टीम के लिये अच्छा खेल रहा है ।’’

शोएब ने कहा ,‘‘ वे कहते थे ‘ सर ये यहां से खाना कैसे ले रहा है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ उसी हिंदू ने इंग्लैंड के खिलाफ हमें टेस्ट जिताया । वह अगर पाकिस्तान के लिये विकेट ले रहा है तो उसे खेलना चाहिये । हम कनेरिया के प्रयास के बिना श्रृंखला नहीं जीत सकते थे लेकिन बहुत लोग उसे इसका श्रेय नहीं देते ।’’

कनेरिया को 2009 में डरहम के खिलाफ एसेक्स के लिये खेलते हुए मर्विन वेस्टफील्ड के साथ स्पाट फिक्सिंग का दोषी पाया गया ।

असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख रावत के बयान पर एतराज जताते हुए विरोध के हक को मौलिक अधिकार बताया attacknews.in

हैदराबाद, 26 दिसंबर ।एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत द्वारा संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शनों की आलोचना करने पर बृहस्पतिवार को कड़ा एतराज जताते हुए दावा किया कि ऐसी टिप्पणियां सरकार को कमजोर करती हैं।

हैदराबाद से सांसद ने कहा कि सेना को असैन्य मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उस मानदंड के हिसाब से आपातकाल के खिलाफ संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी छात्र के तौर हिस्सा लेना गलत था।

ओवैसी ने यहां पत्रकारों से कहा कि संविधान के मुताबिक, सेना को असैन्य मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। विरोध का हक मौलिक अधिकार है।

उन्होंने कहा कि यह सर्वव्यापी है और संविधान भी कहता है कि असैन्य मामलों में सेना दखलअंदाजी नहीं करेगी… यही जीवंत लोकतंत्र के तौर पर भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लोकतंत्र में फर्क है। कृपया असैन्य मामलों में दखलअंदाजी नहीं कीजिए… विरोध का हक लोकतांत्रिक अधिकार है।

उनसे राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक स्वास्थ्य सम्मेलन में सेना प्रमुख रावत की टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था। इस टिप्पणी में जनरल रावत ने कहा है कि यदि नेता हमारे शहरों में आगजनी और हिंसा के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों सहित जनता को उकसाते हैं, तो यह नेतृत्व नहीं है।

ओवैसी ने कहा कि सरकार को रावत की टिप्पणी का संज्ञान लेना चाहिए। उनके अनुसार जनरल रावत की टिप्पणी सरकार को कमजोर करती है।

लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘ जो भी सेना प्रमुख ने कहा है, अगर वह सच है, तो मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री अपनी वेबसाइट पर कहते हैं कि उन्होंने छात्र के तौर पर आपातकाल के दौरान संघर्ष में हिस्सा लिया था… उनके (रावत के) मुताबिक, यह भी गलत है।’’

उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने छात्रों समेत सभी लोगों से 1975 में आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लेने का आह्वान किया था और सरकार को इसका जवाब देना होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की यह टिप्पणी कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिन्दू समाज के तौर पर देखता है भले ही उनका कोई भी धर्म हो। इस पर ओवैसी ने कहा कि संविधान के मुताबिक, भारत का कोई मजहब हो ही नहीं सकता है।

ओवैसी ने कहा कि लगता है कि मोहन भागवत के पास संविधान की किताब नहीं है। इसमें समता का अधिकार, जीने का अधिकार है। इसमें भारत के बहुलवाद और विविधता की बात की गई है। संविधान में अनुच्छेद 26, 29 और 30 क्यों है? क्योंकि इस देश का कोई मजहब हो नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आरएसएस चाहता है कि भारत का सिर्फ एक ही मजहब हो। यह तब तक नहीं हो सकता है जब तक कि (बीआर) आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान मौजूद है। यह जमीन सभी मजहबों में यकीन रखती है।’’

आरएसस के तेलंगाना में पांव पसारने पर लोकसभा सदस्य ने कहा कि राज्य शांतिपूर्ण है और लोग ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो शांति को भंग करें।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव धर्मनिरपेक्ष हैं और जबतक वह यहां हैं, आरएसएस और भाजपा के लिए यहां मुश्किल होगी।

अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कर दिया 10 हजार करोड़ रुपये का बिजली घोटाला attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर ।दिल्ली में सत्ता आने पर 600 यूनिट तक बिजली फ्री करने के वादे को दोहराते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने मंगलवार को राजधानी में बिजली की खरीद.बिक्री में दस हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और इस पूरे मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।

श्री चोपड़ा ने पूर्व ऊर्जा मंत्री हारुन युसूफ और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा के साथ आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा जिस तरह से डिस्काम घोटाला हुआ है इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई से जांच जरुरी है । उन्होंने कहा कि 8532 करोड़ रुपए की सब्सिडी डिस्काम को दी गई जबकि आम आदमी पार्टी(आप) ने अपने घोषणा पत्र में ट्रांसको को सब्सिडी दिए जाने की बात की थी फिर डिस्काम को क्यों दी गई । सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में क्यों नहीं दी गई ।

उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल की सरकार ने पौने पांच साल के दौरान बिजली उपभोक्ताओं पर तरह.तरह के प्रभार लगाकर 8900 करोड़ रुपए गलत तरीके से वसूले और अब चुनाव नजदीक आने पर 200 यूनिट तक मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं को बिजली फ्री देकर वाह वाही लूटना चाह रही हैं ।

श्री चोपड़ा ने कहा कि यदि इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीतती है और उसकी सरकार बनी तो 600 यूनिट तक बिजली फ्री दी जायेगी । यही नहीं 200 यूनिट मासिक खपत वाले छोटे कारोबारियों और किसानों को ट्यूबवैल के लिए भी विद्युत मुफ्त मिलेगी ।

राजधानी में सबसे सस्ती बिजली के मुख्यमंत्री के दावे को खारिज करते हुए श्री चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली में यह सबसे महंगी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में 7.36 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदी जाती थी जबकि अब 8.45 रुपए प्रति यूनिट खरीदी जा रही है ।

श्री केजरीवाल के कांग्रेस शासित राज्यों में 600 यूनिट बिजली फ्री किए जाने के सवाल पर श्री चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली में बिजली सब्सिडी 2300 करोड़ रुपए ही है जबकि पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार पांच हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है ।

प्रदेश अध्यक्ष ने श्री केजरीवाल को किसी भी मुद्दे पर बहस की चुनौती देते हुए कहा कि वह साक्ष्यों के साथ उनके एक.एक दावे को झूठा साबित करने को तैयार हैं । उन्होंने कहा कि पौने पांच साल तक सरकार को काम नहीं करने देने के लिए प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल पर आरोप लगाने वाले श्री केजरीवाल अब कैसे एक.एक करके फैसले ले रहे हैं। यह उनकी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से अंदरखाने की दोस्ती को दर्शाता है ।

पूर्व ऊर्जा मंत्री युसूफ ने डिस्काम के साथ मिलीभगत कर बड़ा बिजली घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डिस्काम के खातों की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से कराने के बड़े.बड़े दावे करने वाले श्री केजरीवाल ने पिछले पांच वर्षों में इसे क्यों नहीं कराया । उन्होंने कहा कि यदि डिस्काम दिल्ली में बिजली के क्षेत्र में बुनियादी सुविधा पर व्यय करती तो अनाज मंडी, करोलबाग होटल , किरारी और बवाना जैसे हादसे नहीं होते और करीब 150 निर्दोष लोगों को जान नहीं गंवानी पड़ती ।

श्री शर्मा ने कहा कि श्री केजरीवाल को दिल्ली से नहीं सत्ता से प्यार है । उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली का बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया ।