NRC और NPR के खिलाफ मुस्लिम संगठनों के साथ राजनीतिक दलों का विरोध प्रदर्शन जारी, योगी आदित्यनाथ को जुल्मी बताकर इस्तीफा मांगा attacknews.in

नयी दिल्ली 28 दिसंबर ।इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर बेरहमी से लाठी और गोलियां चलवाने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की दिल्ली इकाई के प्रभारी एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. बसीर अहमद ख़ान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस द्वारा ज़ुल्म कराके जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी का विरोध करना नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है परन्तु योगी सरकार ने धारा 144 लगा कर यह अधिकार छीना और उसका विरोध करने वाले लोगों पर लाठीचार्ज, आँसू गैस और गोलियां चलवाकर जलियांवाला बाग़ की यादें ताज़ा करा दीं। जिस प्रकार अंग्रेज़ों ने स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियाँ चलवाईं थीं, सम्पत्ति ज़ब्त की और निर्दोषों को जेल भेजा था वैसे ही उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार कर रही है।

नागरिकता संशोधन कानून विरोधी हिंसा के सिलसिले में गुजरात में एक और कांग्रेस नेता गिरफ्तार:

पालनपुर, से खबर है कि,गुजरात में पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून विरोधी हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में कांग्रेस के एक और नेता को गिरफ्तार किया है।

बनासकांठा जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष यासिन बंगलावाला को गत 19 दिसंबर को छापी शहर में पुलिस को घेरने और हमले के प्रयास से जुड़े मामले में पकड़ा गया है।

मुसलमान संगठनों ने सीएए के विरोध में बंद का आह्वान किया:

औरंगाबाद, (महाराष्ट्र) से खबर है कि,नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने बंद का आह्वान किया और कन्नड़ इलाके में एक रैली निकाली।

इस शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर कन्नड़ शहर में चालीस गाँव रोड पर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा हुआ और वे लोग तहसीलदार कार्यालय पहुंचे और समुदाय के प्रमुख नेताओं ने सीएए और एनआरसी पर अपना असंतोष व्यक्त किया तथा तहसीलदार संजय वारकड़ को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सीएए को हटाने की मांग की गयी।

मेंगलुरु पुलिस फायरिंग के मृतकों के परिजनों को तृणमूल ने सौंपा चेक:

कोलकाता से खबर है कि, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी और राज्यसभा सांसद नदिमुल हक के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों को शनिवार को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे।

तृणमूल नेताओं ने घायलों से भी अस्पताल में मुलाकात की और मदद का आश्वासन दिया। पीड़ित परिवारों ने तृणमूल नेताओं से मुलाकात की और उनकी मदद करने के लिए पार्टी को धन्यवाद दिया।

आईएचसी में मेरे भाषण को बाधित किया गया : खान

तिरुवनंतपुरम से खबर है कि,केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि कन्नूर विश्विद्यालय में इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस (आईएचसी) में उनके भाषण को बाधित किया गया। उन्होंने इस कृत्य को असंवैधानिक करार दिया।

राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा,“मैंने पिछले वक्ताओं द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर प्रतिक्रिया दी थी और मैं संविधान की रक्षा और सुरक्षा के लिए बाध्य था। लेकिन विचारों की भिन्नता के कारण मंच पर आकर लोगों के बीच मेरा भाषण रोकना असंवैधानिक है।”

सीएए के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन करेगी तृणमूल:

कोलकाता से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआीरसी) के खिलाफ सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य की सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेगी।

तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इन विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेंगे। राज्य सरकार के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर देश को बांटना चाहती है।

प्रियंका गांधी वाड्रा का संगीन आरोप कि,उत्तरप्रदेश पुलिस ने मेरा गला दबाया,धक्का देकर गिराया, फिर मुझे पकड़ा attacknews.in

लखनऊ 28 दिसम्बर ।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर गला दबाने और अभद्रता करने का संगीन आरोप लगाया है।

कांंग्रेस के स्थापना दिवस पर शिरकत करने आयी श्रीमती वाड्रा शनिवार शाम को पार्टी के कुछ पदाधिकारियों के साथ नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के इंदिरानगर स्थित आवास जा रही थी कि उनके काफिले को पुलिस ने गोमतीनगर स्थित फन मॉल के सामने रोक लिया। इस दौरान उनकी पुलिस अधिकारियों के साथ नोकझोंक हुयी।

उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों के गाड़ी रोके जाने के बाद पैदल ही दारापुरी के घर तक पहुंची।

उन्होंने दारापुरी के परिजनों से मुलाकात की। नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में दारापुरी को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने दबाया मेरा गला, धकेला

परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया, ”रास्ते में पुलिस की गाड़ी आई और मेरी गाड़ी के आगे रोक दी।

उन्होंने कहा कि आप आगे नहीं जा सकते हैं। उन्हें मालूम भी नहीं था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं गाड़ी से उतर गई और मैं पैदल गई। इसी दौरान मेरा गला पकड़कर रोकने की कोशिश की। मैं गिर गई। फिर मैं टू व्हीलर पर बैठकर आगे बढ़ी। फिर उन्होंने रोका और मैं पैदल गई। मैंने दारापुरी के परिजन से मुलाकात की.” उन्होंने कहा कि मैं कोई मार्च नहीं कर रही थी। सिर्फ कुछ नेता मेरे साथ थे।

पुलिस के पास रोकने का हक नहीं

दारापुरी के परिजनों से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने कहा, ”मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।” इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उनकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा, ”सबकी राजनीति को खतरा है।”

एक किमी तक चलीं पैदल

उन्होंने बताया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं और करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी में बैठीं। कांग्रेस नेता ने बताया कि आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं।

इस दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया और कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं। बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं और इसके लिए उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया।

एसआर दारापुरी के परिवार वालों से मिलीं प्रियंका :

पुलिस के रोकने के बावजूद प्रियंका ने पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाकर परिजनों से मिली ।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में यूपी पुलिस ने दारापुरी को हिरासत में लिया था।

शनिवार को कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रियंका गांधी दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची।

इससे पहले वे सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर के परिजनों से भी मिलने जा रही थीं. लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद वे एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची।

इसी दौरान प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस ने उनसे बदसलूकी की और उन्हें रोका गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गई। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।’

प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी बीवी बहुत बीमार हैं। यह सब किस लिए? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है? कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा, ‘मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।’

प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस का वर्ताव निंदनीय : कांग्रेस

नयी दिल्ली, से खबर है कि,कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने पार्टी की प्रदेश प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अभद्रता तथा हाथापाई की है और इसके लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त करवाई कर उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।

महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि श्रीमती वाड्रा उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव होने के नाते अपने कर्तव्य का पालन करते हुए नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में आंदोलन के कारण जेल में बंद पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने जा रही थी लेकिन प्रदेश की पुलिस ने बिना कारण बताए उनको रोकने का प्रयास किया और कांग्रेस नेता के साथ हाथापाई की।

उन्होंने पुलिस के व्यवहार की कड़ी निंदा की और कहा कि देश के इतिहास में विरोधी दल के किसी नेता के साथ इस तरह का कभी कोई व्यावहार नही हुआ है इसलिए उनके साथ अभद्रता करने का जिन अधिकारियों ने निर्देश दिया उनके विरूद्ध भी करवाई की जानी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उत्तरप्रदेश की पुलिस ने श्रीमती गांधी के साथ जो अभद्रता की है और पिछले दिनों उसकी गोली से जिस तरह से प्रदर्शनकारी मारे गए उसे देखकर लगता है कि प्रदेश की पुलिस अपना कर्तव्य भूलकर तानाशाही पर उतर आई है। उन्होंने एक महिला नेता के साथ पुलिस की गुंडागर्दी की कड़ी निदा करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ ही प्रदेश सरकार को भी बर्खास्त करने की मांग की।

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा ” वर्ष 2019 ” , अब तो भौगोलिक नक्शा ही बदल गया attacknews.in

जम्मू 28 दिसम्बर ।जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निष्प्रभावी किया जाना वर्ष 2019 में देश की सरकार के एक ऐसे फैसले के रूप में सामने आया जिसके जरिए राज्य के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया।

तीन दिनों बाद समाप्त होने जा रहे साल ने समूचे राज्य का भाैगोलिक नक्शा ही बदल दिया तथा यहां की जनता के लिए विकास एवं समृद्धि की एक नयी राह खुल गयी। गत पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाये जाने के साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो नये केंद्रशासित प्रदेश का आकार दिये जाने का कश्मीर घाटी में एक तरफ जहां जबरदस्त विरोध सामने आया और मोबाइल इंटरनेट सुविधा पूरी तरह बंद कर दी गयी , वहीं जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया।

जम्मू कश्मीर के भौगोलिक नक्शे में बदलाव के अलावा पिछले सात दशक से अधिक समय बाद यहां विकासखंड परिषदों का चुनाव भी वर्ष के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक रहा।

लद्दाख क्षेत्र के निवासी बहुत वर्षो से केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन की मांग करते आ रहे थे , जबकि जम्मू क्षेत्र के लोगों की केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने के बजाय पृथक राज्य गठन की मांग थी। बहरहाल केेंद्र सरकार के फैसले का दोनों क्षेत्रों के निवासियों ने स्वागत किया है। केंद्र सरकार ने एक नया नक्शा भी जारी किया है , जिसमें कश्मीर घाटी को जम्मू कश्मीर में और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश के रूप में दिखाया गया है।

केंद्रशासित राज्य बनने के बाद जम्मू कश्मीर में विकासखंड परिषदों के चुनाव कराये गये। इससे पहले राज्य की पूर्ववर्ती सरकारें पंचायत चुनाव तो कराती रही , लेकिन विकासखंड परिषद चुनाव कभी नहीं हुए। इस वर्ष सितम्बर-अक्टूबर में ये चुनाव कराकर इतिहास रचा। पंचों और सरपंचों ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया।

दूसरी ओर चार अगस्त से समूचे जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी, जिससे लोगों, विशेषकर छात्रों, व्यापारियों और मीडियाकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पहला मौका है , जब जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के चार माह बीत जाने के बाद भी यहां इंटरनेट सेवाएं स्थगित है। इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की लगातार मांग उठ रही है , लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।

वर्ष 2019 के जम्मू कश्मीर के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में रखा जाना भी शामिल है। नेशनल कांफ्रेंस सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को जनसुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया है जबकि दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद रखा गया है। इतना ही नहीं , बल्कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स कांफ्रेंस के बहुत से वरिष्ठ नेताओं को भी अब तक हिरासत में रखा गया है।

नाकामियों पर अरविंद केजरीवाल ने भाजपा से कहा:आपके आरोपों पर अगले 5 सालों में काम करूंगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर ।अगले वर्ष के शुरु में होने वाले दिल्ली विधानसभा के चुनावों को लेकर राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अपनी सरकार के पांच साल में किए गए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पांच साल के कार्यकाल को नाकामियों से भरा बताते हुए राजधानी के लोगों के साथ झूठ बोलने और विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।

दिल्ली के दिल कनाट प्लेस के सेंट्रल पार्क में कड़ाके की ठंड में भाजपा के स्थानीय दिग्गज नेता जुटे और केजरीवाल के रिपोर्ट कार्ड के जबाव में आप सरकार पर जनता का आरोप पत्र पेश किया।

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राज्यसभा सांसद विजय गोयल, लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश साहेब सिंह वर्मा दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता समेत अन्य कई बड़े नेता मौजूद रहे।

गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस की तरफ से भी शुक्रवार को केजरीवाल सरकार के रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा कर उन पर दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए गए थे ।

वर्ष 2015 में हुए दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में श्री केजरीवाल की अगुवाई में आप पार्टी ने सभी राजनीतिक पंडितों के चुनाव अनुमानों को पूरी तरह झुठलाते हुए 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी । तीन बार से सत्ता में रही कांग्रेस का झोली बिल्कुल खाली रह गई थी जबकि 15 वर्ष से सत्ता में वापसी का सपना संजोए भाजपा को तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा था ।

इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आक्रामक तरीके से फिर से दिल्ली में केजरीवाल के लिए कड़ी चुनौती देने के लिए जुटी हुई हैं ।

श्री केजरीवाल ने अपनी सरकार के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्र में उठाए कदमों का विशेष रुप से उल्लेख किया था । रिपोर्ट कार्ड में दिल्ली का पांच साल पहले के 30 करोड़ रुपए के बजट को दुगना करना 60 हजार करोड़ रुपए करने का जिक्र करने के अलावा दिलली परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा, दिल्ली में 200 यूनिट तक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ता को मुफ्त बिजली, पानी के बिलों को माफ करना, बुजुर्गों के लिए तीर्थ स्थलों की मुफ्त सैर और हाल में शुरु की गई मुफ्त वाई फाई सेवा को विशेष रुप से रेखांकित किया था ।

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केजरीवाल सरकार के रिपोर्ट कार्ड जारी होने के बाद आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।

दोनों ही पार्टियों ने रिपोर्ट कार्ड को पिछले चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए इसे धोखा करार दिया था ।

दोनों ही दलों ने पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार के अस्पतालों की स्थिति दयनीय बताते हुए कहा था कि वर्ष 2015 में आप पार्टी ने राजधानी में 500 नये स्कूल खोलने का वादा किया था जबकि एक भी नया स्कूल नहीं खोला गया। अलबत्ता वर्तमान स्कूलों में कक्ष निर्माण के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया । बीस नये कालेज खोलने का वादा था जबकि एक भी नहीं खोला गया।

पेयजल को भी लेकर केजरीवाल सरकार केंद्र के साथ ही प्रदेश भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर है । केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को भी राजधानी में पेयजल को लेकर केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला ।

भाजपा के आरोपपत्र के अच्छे सुझावों को अगले पांच सालों में लागू करेंगे : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ जारी किये गये ‘‘आरोपपत्र’’ का अध्ययन करेगी और उसमें दिये गये अच्छे सुझावों को अगले पांच सालों में लागू करेगी।

दिल्ली भाजपा ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ आरोपपत्र जारी किया और आरोप लगाया कि उसने पिछले पांच सालों में लोगों को ‘गुमराह किया’ और ‘बेवकूफ बनाया’ तथा वह 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले किये गये वादों को पूरा करने में ‘‘विफल’’ रही।

इन आरोपों पर केजरीवाल ने कबीर दास के दोहे ‘निंदक नियरे राखिये’ का हवाला देते हुए कहा कि व्यक्ति को अपने आलोचक को अपने करीब रखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम भाजपा के आरोपपत्र का अध्ययन करेंगे और उसमें जो भी अच्छे सुझाव दिये गये हैं, उन्हें अगले पांच सालों में लागू करेंगे। हम चाहते हैं कि हर आदमी हमारे काम की समीक्षा करे और कमियां बताए, सुझाव दे ताकि हम और अच्छा काम कर सकें।’’

दिल्ली में अगले साल के प्रारंभ में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। आप ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुवाहटी की जन सभा में असम की जनता को हिंसा करने का रास्ता दिखाया attacknews.in

नईदिल्ली/गुवाहाटी, 28 दिसंबर ।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि केंद्र और असम की भाजपा सरकारों की नीतियों के चलते यह राज्य हिंसा के पथ पर लौट सकता है।

गांधी ने गुवाहटी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में शांति लाने वाली असम संधि को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ मुझे डर है कि असम भाजपा की नीतियों के चलते कहीं हिंसा के रास्ते पर पर लौट न जाएं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस को असम एवं पूर्वोत्तर की संस्कृति, भाषा और पहचान पर हमला नहीं करने दिया जाएगा।

गांधी ने कहा, ‘‘ असम कभी भी घृणा एवं हिंसा के साथ प्रगति नहीं कर सकता है। सभी को साथ आना होगा और भाजपा नेताओं को बतलाना होगा कि वे राज्य की संस्कृति, पहचान और इतिहास पर हमला नहीं कर सकते।’’

नोटबंदी से बड़ा झटका होगा एनआरसी और एनपीआर : राहुल

नयी दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह नोटबन्दी से बड़ा झटका होगा जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा।

पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग गांधी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘ ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं। लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ”

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया से भी सरकार के कुछ ‘पूंजीपति मित्रों ‘ को फायदा होगा।

गांधी ने देश में निरोध केंद्र नहीं होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर भी उन पर निशाना साधा।

कांग्रेस नेता ने उस वीडियो का हवाला दिया जो कुछ दिन पहले उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया था।

उन्होंने कहा, ‘क्या आप लोगों ने प्रधानमंत्री का भाषण सुना है। क्या आपने डिटेंशन सेंटर का वीडियो देखा है। अब तय कर लीजिए कि झूठ कौन बोल रहा है?’ इससे पहले गांधी ने बृहस्पतिवार को भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि ‘आरएसएस के प्रधानमंत्री’ भारत माता से झूठ बोलते हैं।

असम में निरोध केंद्र से जुड़ी एक खबर साझा करते हुए गांधी ने ट्वीट किया था, ‘आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है ।’ दरअसल, पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि देश में निरोध केंद्र को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं।

कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की थी उसके मुताबिक असम में निरोध केंद्र मौजूद है।

भाजपा-आरएसएस को असम की भाषा-संस्कृति पर हमला नहीं करने देंगे : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) असम के इतिहास तथा यहां की भाषा एवं संस्कृति पर हमला करना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस उसे इसकी इजाजत नहीं देगी।

श्री गांधी ने कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को गुवाहाटी में आयोजित जनसभा काे संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस अपना एजेंडा असम पर थोपना चाहते हैं और यहां के इतिहास, भाषा और संस्कृति पर आक्रमण करना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस उन्हें ऐसा नहीं करने देगी।

उन्होंने कहा, “ भाजपा और आरएसएस को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि असम को नागपुर नहीं चलाएगा, आरएसएस के लोग नहीं चलाएंगे। असम को सिर्फ असम की जनता चलाएगी। असम अपनी संस्कृति और इतिहास को बहुत अच्छे से समझता है। असम के लोग जानते हैं कि एक साथ मिलकर प्रेम और भाईचारे से ही प्रदेश को आगे बढ़ाया जा सकता है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा और आरएसएस का लक्ष्य यही है कि असम की जनता को आपस में लड़ाओ और फूट डालकर अपने 10-15 उद्याेगपति मित्रों को फायदा पहुंचाओ। इसके लिए वे यहां के इतिहास, भाषा और संस्कृति पर हमला करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “अगर ये सोचते हैं कि पूर्वोत्तर भारत के इतिहास, संस्कृति, भाषाओं को दो मिनट में कुचल देंगे, तो मैं बता दूँ कि इन्होंने पूर्वोत्तर भारत को अभी पहचाना ही नहीं है।”

श्री गांधी ने कहा कि भाजपा नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से इस प्रदेश को नुकसान पहुंचाना चाहती है लेकिन कांग्रेस ने संसद में इस कानून का जमकर विरोध किया था। पार्टी ने पहले ही संसद में साफ कह दिया था कि वह नागरिकता संशोधन कानून काे पारित नहीं होने देगी। इससे देश के पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को नुकसान होना है इसलिए पार्टी ने इस कानून का शुरू से ही विरोध किया था।

बजट पूर्व समीक्षा में भारत की 5 प्रमुख बैंकों में घाटा, वित्त मंत्री ने सभी बैंकों को CBI, कैग और सीवीसी से डरने से मना किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकारी बैंकों को अपने अधिकारियों के विरुद्ध लंबित सतर्कता मामलों को निपटाने के निर्देश दिये गये है और जो सही एवं विवेक से लिए गये मामले हैं उनके लिए बैंकों को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से डरने की जरूरत नहीं है।

श्रीमती सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के बजट की तैयारियों से पहले सरकारी एवं निजी बैंक प्रमुखों के साथ बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि पहली बार इस बैठक में सीबीआई निदेशक एवं संयुक्त निदेशक भी शामिल हुये हैं।

उन्होंने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय और आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ भी इस तरह की बैठक करेंगी और उन्हें भी बैंक अधिकारियों को धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में सतर्कता बरतने के बारे में बताने की अपील करेंगी।

उन्होंने कहा कि बैंकरों को आश्वस्त किया गया है कि विवेक से लिये गये वाणिज्यिक निर्णय की संरक्षा की जायेगी और उसके लिए किसी भी बैंकर को डरने की जरूरत नहीं है। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि आयकर विभाग द्वारा नोटिस भेजने के लिए बनाये गये तंत्र की तरह सीबीआई भी एक तंत्र विकसित करेगा जिससे केन्द्रीय जांच एजेंसी के सभी नोटिस पर एक पंजीयन नंबर होगा जिससे अनाधिृकत पत्राचार और किसी तरह के उत्पीड़न की आशंका समाप्त हो जायेगी।

उन्हाेंने कहा कि जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान सीबीआई को उचित वाणिज्यिक निर्णय और दोषपूर्ण निर्णय के बीच अंतर करना चाहिए। सरकारी बैंक धोखाधड़ी से जुड़े प्राथमिक रिपोर्ट (एफआईआर) से सीबीआई को एक विशेष ईमेल से अवगत करायेंगे। इसके साथ ही सीबीआई भी एक विशेष फोन नंबर जारी करेगा जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति जांच मशीनरी के उत्पीड़न के बारे में सूचना दे सकेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को फोरेंसिक ऑडिटर चयन के मानकों को कड़ाई से पालन करने और सीबीआई से फोरेंसिक ऑडिटरों को प्रशिक्षित कराने के लिए कहा गया है। सीबीआई भी बैंक अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षित करेगा।

बैंकों की स्थिति सुधरी, 13 बैंक मुनाफे में: सीतारमण

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार किये गये सुधारों से बैंकाें की स्थिति बेहतर हुयी है और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13 बैंकों ने मुनाफा कमाया है। अधिक प्रावधान किये जाने के कारण अब मात्र पांच बैंक घाटे में है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों की वित्तीय सेहत सुधरी है। उनका मार्च2018 में सकल एनपीए 8.96 लाख करोड़ रुपये था जो इस वर्ष सितंबर में घटकर 7.27 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। उनका प्रावधान का अनुपात सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और बैंक मुनाफा कमाने लगे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13बैंकों ने लाभ अर्जित किया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षाें में बैंकों ने 4.53लाख करोड़ रुपये वूसले हैं। एस्सार की रिजलुशन प्रक्रिया से बैंकों को 38,896 करोड़ रुपये मिले हैं। वर्ष 2018-19 और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एस्सार मामले को छोड़कर बैंकों ने 2.08 लाख करोड़ रुपये रिकवर किये हैं।

इस अवसर पर वित्त एवं वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि चार सरकारी बैंक अभी भी रिजर्व बैंक के पीसीए लिस्ट में है और उम्मीद है कि अगली तीन तिमाहियाें में ये बैंक पीसीए से बाहर आने की स्थिति में होंगे तब रिजर्व बैंक इस पर विचार करेगा।

बैंकों के विलय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उचित समय पर यह निर्णय लिया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का उदारहण देते हुये कहा कि इससे उसका प्रदर्शन बेहतर हुआ है।

निकहत जरीन के साथ ओलंपिक क्वालीफायर मैच में विश्व चैम्पियन मेरीकाम की जीत के बाद जबर्दस्त हंगामा,आरोप-प्रत्यारोप और भेदभाव से गर्माया माहौल attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर । छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मेरीकाम (51 किग्रा) ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर चीन में अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में जगह बनायी।

इस मुकाबले में मेरीकाम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये।

मैरी की निखत पर जीत के बाद हुआ हंगामा

छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम ने बहुप्रतीक्षित ट्रॉयल में निखत जरीन को शनिवार को यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 9-1 के बड़े अंतर से हरा दिया और फरवरी में चीन में होने वाले मुक्केबाजी के पहले और अंतिम क्वालिफायर का टिकट हासिल कर लिया।

ओलंपिक क्वालिफायर के लिये महिलाओं के पांच वजन वर्गाें के ट्रायल हुये जिसमें सभी निगाहें 51 किग्रा वर्ग में मणिपुर की मैरीकॉम अौर तेलंगाना की निखत के बीच टक्कर पर लगी हुयी थी। इस ट्रॉयल को कवर करने के लिये भारी संख्या में मीडिया और निखत के राज्य तेलंगाना के अधिकारी तथा पिता मौजूद थे।

मुकाबला हंगामाखेज़ रहा। मुकाबले के 10 जजों ने 9-1 से मैरी के पक्ष में फैसला दिया।

मुकाबला समाप्त होने के बाद मैरी ने निखत से हाथ नहीं मिलाया और गुस्से में रिंग से बाहर निकल गयीं। दूसरी ओर अपनी हार से निखत रो पड़ीं और उनके पिता जमील अहमद रिंग से बाहर निकलती मैरीकाॅम पर बरस पड़े। माहौल अचानक गरम हो गया और हंगामा खड़ा हो गया। भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने सामने आकर बीच बचाव किया और मामले को शांत करने की कोशिश की।

तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के सह सचिव ए पी रेड्डी ने तो यहां तक कह दिया कि वह इस मुकाबले की रिकार्डिंग आईबा को देखने के लिये कहेंगे। मुकाबले के बाद सिंह ने कहा,“ ट्रॉयल पूरी तरह निष्पक्ष थे और इसके लिये 10 जजों को तैनात किया गया था।”

मैरीकॉम ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि निखत उनका सम्मान नहीं करना जानती हैं, इसलिये वह उनसे हाथ मिलाना पसंद नहीं करेंगी। मैरी ने साथ ही कहा कि उन्हें खुद को कितनी बार साबित करना पड़ेगा।

अन्य नतीजों में दो बार की विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी। एशियाई पदकधारी लाठेर चौधरी के तेज तर्रार आक्रमण के सामने नहीं टिक सकीं।

वहीं 60 किग्रा वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी राष्ट्रीय चैम्पियन सिमरनजीत कौर से पराजित हो गयीं। इस मुकाबले में भी चपलता अहम रही जिससे सिमरनजीत ने सरिता को तेज मुक्कों से पस्त किया।

निखत के पिता ने भेदभाव का आरोप लगाया

एमसी मैरीकॉम से ओलम्पिक क्वालीफायर्स के लिए शनिवार को हुए 51 किग्रा वर्ग ट्रायल में 1-9 से हारने वाली तेलंगाना की मुक्केबाज निखत जरीन के पिता जमील अहमद ने इस मुकाबले में उनकी बेटी के साथ भेदभाव किये जाने का आरोप लगाया है।

जमील ने मुकाबला समाप्त होते ही अपनी जगह खड़े खोकर अपना विरोध जताया और मैरी पर बरस पड़े।

जमील ने बाद में पत्रकारों से कहा कि इस मुकाबले में उनकी बेटी जीती थी लेकिन उसके साथ भेदभाव कर मैरी को विजेता बनाया गया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निखत को जानबूझ कर हराया गया जबकि सबने अपनी आंखों से देखा कि निखत जीती थी।

तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के सहायक सचिव एपी रेड्डी ने भी कहा कि तेलंगाना की लड़की जीती थी लेकिन मैरी को सीनियर होने और राज्यसभा सांसद होने के कारण जिताया गया।

उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे को आईबा के समक्ष उठाएंगे और उन्हें इस मुकाबले की रिकॉर्डिंग देखने के लिए कहेंगे। मैं पूछना चाहता हूं कि मैरी आखिर कब तक सीनियर बनी रहेगी।”।

यह रहा मुकाबले का घटनाक्रम:

इस मुकाबले में 36 साल की मेरीकाम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये और टीम में जगह सुनिश्चित की लेकिन बाक्सिंग हॉल के अंदर माहौल तनावपूर्ण रहा क्योंकि जरीन (23 साल) ने ट्रायल की सार्वजनिक मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था।

मुकाबले के दौरान और रिंग के बाहर दोनों मुक्केबाजों के बीच बहस भी हुई। जब नतीजा घोषित किया गया तो जरीन के घरेलू राज्य तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के कुछ प्रतिनिधि इसका विरोध करने लगे।

मेरीकाम ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘मैं थोड़ी नाराज थी। इसमें कोई शक नहीं। लेकिन अब सबकुछ हो गया। मैं आगे बढ़ गयी। मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि बोलने से पहले प्रदर्शन करो, इससे पहले नहीं। आप रिंग में जो करते हो, उसे हर कोई देख सकता है। ’’

ओलंपिक क्वालीफायर चीन में तीन से 14 फरवरी तक कराये जायेंगे।

मुकाबले के बाद दोनों ने हाथ भी नहीं मिलाये और जरीन के गले लगाने की कोशिश की लेकिन मेरीकाम ने ऐसा नहीं किया।

इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खेल में इसे पकड़ना बोला जाता है। ’’

मेरीकाम ने कहा, ‘‘मैंने यह विवाद खड़ा नहीं किया। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि मैं ट्रायल के लिये नहीं आऊंगी। इसलिये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती जब कोई आरोप लगायेगा कि यह मेरी गलती थी। यह मेरी गलती नहीं थी और मेरा नाम इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए। ’’

जरीन ने कहा, ‘‘उन्होंने जैसा बर्ताव किया, उससे मैं आहत हूं। उन्होंने रिंग के अंदर भी कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन ठीक है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जूनियर हूं, मुकाबला खत्म होने के बाद अगर वह गले लग जाती तो यह अच्छा होता। लेकिन मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। ’’

तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के प्रतिनिधित्व कर रहे एपी रेड्डी ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बीच में आकर हालात नियंत्रित किये।

अजय सिंह ने उन्हें रिंग के पास से हटने को कहा और निराश जरीन ने खुद उन्हें शांत किया। रेड्डी ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस तरह की राजनीति में मुक्केबाजी आगे कैसे बढ़ेगी। ’’

अजय सिंह ने कहा, ‘‘मेरीकाम के बारे में कोई क्या कह सकता है, यह हमेशा ही कम होगा। वह प्रतिशाशाली मुक्केबाज हैं। जहां तक निकहत की बात है तो वह भविष्य के लिये अच्छी उम्मीद है और उन्होंने इस मुकाबले में भी प्रभावित किया। ’’

अन्य नतीजों में दो बार की विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर (57 किग्रा) को साक्षी चौधरी ने शिकस्त दी। एशियाई पदकधारी लाठेर चौधरी के तेज तर्रार आक्रमण के सामने नहीं टिक सकीं।

वहीं 60 किग्रा वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन एल सरिता देवी राष्ट्रीय चैम्पियन सिमरनजीत कौर से पराजित हो गयीं। इस मुकाबले में भी चपलता अहम रही जिससे सिमरनजीत ने सरिता को तेज मुक्कों से पस्त किया।

विश्व चैम्पियनशिप में दो बार की कांस्य पदकधारी लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने ललीता को हराकर टीम में जगह बनायी। एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने नुपुर को हराकर 75 किग्रा वर्ग का स्थान हासिल किया।

भारतीय टीम इस प्रकार है :

एमसी मेरीकाम (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (57 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और पूजा रानी (75 किग्रा)।

कांग्रेस स्थापना दिवस पर सोनिया गांधी ने ध्वजारोहण कर पार्टी का भारत बचाओ अभियान शुरू किया और राहुल गांधी ने NRC को गरीबों से धन लूट कर नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने मित्रों को देने वाला बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर ।कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को 135वें स्थापना दिवस का जश्न मनाया और इस मौके पर पार्टी ने कहा कि उसके लिए सदा सबसे पहले भारत है।

पार्टी ने ट्वीट कर कहा, ‘देश के लिए बलिदान कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे ऊपर है। हमारी स्थापना के बाद से, स्वतंत्रता आंदोलन के दैरान और आगे भी हमेशा सबसे पहले भारत है।’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने दशकों से देश में बिना स्वार्थ के योगदान दिया है।

सोनिया ने कांग्रेस के स्थापना दिवस पर फहराया झंडा

कांग्रेस अघ्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आज यहां पार्टी मुख्यालय पर तिरंगा फहराया और देशभर में चलने वाले पार्टी के ‘संविधान बचाओ-भारत बचाओ’ अभियान की शुरुआत की।

कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता ए के एंटनी तथा मोतीलाल वोरा सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। श्रीमती गांधी ने वंदेमातरम और राष्ट्रगान के बीच ध्वजारोहण किया और कार्यकर्ताओं को मिठाई बांटी।

पार्टी नेताओं ने इस मौके पर देश के सभी प्रदेशों की राजधानियों में झंडारोहण किया और ‘संविधान बचाओ-भारत बचाओ’ अभियान शुरू किया।

श्री राहुल गांधी ने इस मौके पर असम में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया तथा जन सभा का संबोधित किया।

असम में सबसे पहले लोग नागरिकता संशोधन कानून तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ सड़कों पर उतरे और फिर यह विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैला। विरोध प्रदर्शनों को लेकर कई जगह हिंसा हुई जिसमें कई लोग मारे गये तथा बडे स्तर पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा , जिसे वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने दोहराया।

इसके साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया और झंडा मार्च निकाला गया। कार्यकर्ताओं ने संबंधित राज्य की भाषा में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा।

नजरबंदी शिविरों को लेकर झूठ बोलते हैं मोदी : राहुल

इसी कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि देश में कहीं भी नजरबंदी शिविर नहीं होने का उनका दावा गलत है और इन शिविर लेकर जारी वीडियो श्री मोदी के झूठ की पोल खोलता है।

श्री गांधी ने कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित झंडा राेहण समारोह के दौरान कहा कि वह झूठे हैं या श्री मोदी झूठ बोल रहे हैं इसका साक्ष्य हाल में जारी एक वीडियो है। श्री गांधी ने यह वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है जिसमें असम में निर्माणाधीन एक नजरबंदी शिविर काे दिखाया गया है।

भारतीय जनता पार्टी ने श्री गांधी को इस साल का सबसे बड़ा झूठा आदमी बताया है जिसका करारा जवाब देते हुए श्री गांधी ने कहा “श्री मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि हिंदुस्तान में कहीं कोई नजरबंदी शिविर नहीं है। उसके बाद मैने ट्वीट किया और आप सबने इस वीडियो को देखा है। यह नजरबंदी शिविर की वीडियो है। इसे देखकर आप ही तय कीजिए कि झूठ कौन बोल रहा है।”

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी उन्होंने श्री मोदी पर निशाना साधा और इसे नोटबंदी से भी ज्यादा खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे गरीबों को बहुत नुकसान होगा। मोदी सरकार के इस फैसले का लाभ सिर्फ श्री मोदी के 15 नजदीकी कारोबारी मित्रों को मिलेगा।

उन्होंने कहा “यह पूरा तमाशा चल रहा है और यह नोटबंदी दो है। इससे गरीबों को भारी नुकसान होगा। गरीब नोटबंदी भूल जाएगा क्योंकि इससे उसको नोटबंदी से दोगुना झटका लगने वाला है। इसमें देश के हर गरीब से कहा जाएगा कि आप हिंदुस्तानी हैं या नहीं इसका हां या ना में जवाब दीजिए। लेकिन उनके 15 दोस्तों को कोई दस्तावेज नहीं दिखाना पड़ेगा। दूसरा सारा का सारा पैसा श्री मोदी के उन 15 दोस्तों की जेब में जाएगा।

मध्यप्रदेश में भी मनाया गया कांग्रेस का स्थापना दिवस:

कांग्रेस का 135 वां स्थापना दिवस आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में मनाया गया।

कांग्रेस का स्थापना दिवस पर मुख्य आयोजन भोपाल स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने पार्टी का ध्वज वंदन किया।

इस दौरान कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष सत्येन्द्र यादव के नेतृत्व में उपस्थित सेवादल, कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं ने ध्वज को सलामी दी, ध्वज गीत एवं राष्ट्रगान का गायन किया तथा कांग्रेस की रीति-नीति पर चलने की शपथ ली।

इस अवसर पर जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कांग्रेसजनों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। कांग्रेसजनों ने परस्पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के बाद मिष्ठान का वितरण किया गया।

कांग्रेस के 134 वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस स्थापना दिवस पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 1885 से लेकर वर्तमान समय तक के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षों के चित्रों की प्रदर्शनी लगायी गई, जिसमें सभी अध्यक्षों के बारे में जानकारी भी मुद्रित थी। प्रदर्शनी का उद्घाटन जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा एवं प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने किया।

इस प्रदर्शनी का निर्माण इलेक्शन सिण्डिकेट के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडित राजदत्त शर्मा द्वारा किया गया। बड़ी संख्या में कांग्रेजनों ने प्रदर्शनी में पहुंचकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षों की जानकारी संग्रहित की।

कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, प्रकाश जैन, राजमणी पटेल, चंद्रप्रकाश वाजपेयी, माण्डवी चौहान सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों पर भी कांग्रेस का स्थापना दिवस जोरदार ढंग से मनाया गया।

दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत हाड़ कंपा देने वाली शीतलहर से थर-थर कांपा,कई जगह सदी का सबसे न्यूनतम तापमान,बारिश की चेतावनी जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 दिसम्बर । राष्ट्रीय राजधानी, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश समेत उत्तर भारत भीषण शीतलहर की चपेट में है तथा न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आने से लोग हाड़ कंपा देने वाली ठंड से बेहाल हैं। राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा वहीं दिल्ली में भी शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया।

मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली में अभी सर्दी का प्रकोप और बढ़ेगा और नये वर्ष के जश्न में बारिश खलल डाल सकती है ।

उत्तर प्रदेश के भी कई क्षेत्रों में नये साल पर बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

दिल्ली में आज सुबह लोग जब उठे तो उन्हें शीतलहर का भीषण सामना करना पड़ा। न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने से लोगों का ठंड से बुरा हाल है। यहां 14 दिसम्बर से शीतलहर का प्रकोप शुरू हुआ था और अभी अगले तीन दिनों तक इस स्थिति से निजात नहीं मिलने की संभावना है ।

वर्ष 1901 के बाद यह दूसरी बार है जब राजधानी में इतने लंबे समय तक शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ा है। दिल्ली में आज सुबह 8.30 बजे सबसे कम तापमान लोधी रोड और आया नगर में 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि सफदरजंग में तापमान 2.7 और पालम में 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

राजस्थान में तापमान में गिरावट एवं शीत लहर के कारण कड़ाके की सर्दी का कहर जारी है। सीकर जिले के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से चार डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया। फतेहपुर के अलावा पर्यटन स्थल माउंटआबू, अलवर, सीकर, जोबनेर, किशनगढ़ रेनवाल में भी न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से नीचे चले जाने तथा राजधानी जयपुर सहित कई स्थानों पर तापमान पांच डिग्री से कम रहने के कारण कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित हुआ।

भीषण ठंड और कोहरे की चपेट में आये उत्तर प्रदेश में नये साल की शुरूआत रिमझिम बरसात के साथ होने की संभावना है। राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और शनिवार तड़के मुजफ्फरनगर में पारा 1़ 7 डिग्री सेल्सियस रह गया। आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज में खास तब्दीली की उम्मीद नही है जबकि 31 दिसम्बर और एक जनवरी को कई इलाकों में वर्षा का अनुमान है। बहुत से जिलों मे प्रचण्ड ठंड से जन जीवन बेहाल हो गया हैं। पशु पक्षियों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। सड़कों पर वीरानी छाई हुई है और ठंड से बचने के लिए सड़क हो या घर लोग अलाव जला कर सर्दी से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं तथा बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकल रहे हैं। ऐसे में दैनिक मजदूरी कर पेट पालने वालों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

पश्चिमोत्तर क्षेत्र में मौसम ने मैदानी इलाकों में पहाड़ों जैसी ठंड का अहसास करा दिया ।

हरियाणा में अगले दो दिनाें में शीतलहर ,कोल्ड डे के साथ पाला पड़ने की चेतावनी जारी हुई है जिससे राज्य में हालात और खराब होने के आसार हैं । राज्य में कुछ स्थानों पर पारा शून्य तक पहुंच गया ।

हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों में पहाड़ों पर हिमपात तथा बारिश होने का अनुमान है जिससे पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों की ओर रूख करना शुरू कर दिया है ।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भी शीतलहर की चपेट में आकर दिन में भी ठिठुर रही है। यहां तापमान कल की तुलना में एक डिग्री और गिरकर आज 5़ 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह सामान्य से पांच डिग्री कम है। इस सीजन में भोपाल में यह सबसे कम न्यूनतम तापमान है। राज्य के एकमात्र पर्वतीय स्थल पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 1़ 2 डिग्री दर्ज किया गया।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कड़ाके की ठंड के चलते पंडरापाठ, कैलाश गुफा, बगीचा और पत्थलगांव क्षेत्र में सुबह कई जगह बर्फ की पतली परत जमी हुई देखी गयी। शीतलहर के चलते पूरे इलाके में ठिठुरन बढ़ गई है।

दिल्ली में टूटा ठंड का रिकार्ड:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शीतलहर और ठिठुरन शनिवार को और बढ़ गयी और न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने से लोगों का ठंड से बुरा हाल है।

शहर घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा जिससे दृश्यता कम हो गई और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा।

दिल्ली में 14 दिसम्बर से शीतलहर का प्रकोप शुरू हुआ था और अभी अगले तीन दिनों तक बने रहने की आशंका है। वर्ष 1901 के बाद यह दूसरी बार है जब राजधानी में इतने लंबे समय तक शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है।

मौसम विभाग के अनुसार आज सुबह 8.30 बजे सबसे कम तापमान आया नगर में 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि सफदरजंग में तापमान 2.7 और पालम में 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आज सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 97 फीसदी दर्ज की गयी।

शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर में इस साल औसत अधिकतम तापमान अब तक 19.85 डिग्री सेल्सियस रहा है और वर्ष के आखिरी दिन यह 19.15 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है ।

विभाग का मानना है कि यदि अधिकतम तापमान 19.15 तक गिरता है तो यह 1901 के बाद दूसरा मौका होगा जब दिसंबर सबसे ठंडा होगा।

बाईस साल पहले दिसंबर 1997 में औसत अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और इस प्रकार 1997 के बाद से दिसंबर माह में सबसे अधिक ठंडे दिन रहे हैं। वर्ष 1997 में 17 दिनों तक लगातार लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा था । इस वर्ष 15 दिसंबर से ही दिल्ली के लोग कड़ाके की ठंड का अनुभव कर रहे हैं ।

एक और दो जनवरी को ओलावृष्टि के अनुमान के चलते नये वर्ष के जश्न में खलल भी पड़ सकता है । विभाग का मानना है कि तीन जनवरी तक पहाड़ी क्षेत्रों में जोरदार हिमपात होगी।

मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अन्य वेधशालाओं में दर्ज तापमान इस प्रकार रहा : पालम में 3.1 डिग्री से., लोधी रोड पर 1.7 डिग्री से., आया नगर में 1.9 डिग्री से.।

घने कोहरे के कारण पालन वेधशाला इलाके में शून्य दृश्यता रही। इसके पास ही हवाईअड्डा स्थित है।

हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह घने कोहरे के कारण दिल्ली हवाईअड्डे से चार विमानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि विमान सीएटी 3 बी शर्तों के तहत उड़ान भर रहे हैं, जिसका मतलब है कि रनवे की दृश्यता सीमा 50 मीटर से 175 मीटर के बीच है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, खराब दृश्यता के कारण 24 ट्रेनों में दो से पांच घंटे तक की देरी हुई। हावड़ा नयी दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस में पांच घंटे तक की देरी हुई।

वायु गुणवत्ता शनिवार को फिर से बिगड़ गई। तापमान गिरने, उच्च नमी और हवा की कम गति के कारण प्रदूषक तत्व एकत्रित हो गए। कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह दस बजे तक 413 रहा।

आईएमडी में वरिष्ठ मौसम विज्ञानी कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर चलने और अत्यधिक ठंड रहने का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि 1992 से लेकर अब तक सफदरजंग वेधशाला में 30 दिसंबर 2013 को न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री से. और 11 दिसंबर 1996 को 2.3 डिग्री से. दर्ज किया गया। 1930 में 27 दिसंबर को शून्य डिग्री तापमान दर्ज किया गया था जो कि रिकॉर्ड है।

मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया था कि दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड के चलते 1901 के बाद से दूसरा सबसे सर्द दिसंबर रिकॉर्ड किए जाने की संभावना है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दिसंबर में औसत अधिकतम तापमान केवल 1919, 1929, 1961 और 1997 में 20 डिग्री से. से कम रहा था।’’

उन्होंने बताया कि इस साल दिसंबर में औसत अधिकतम तापमान बृहस्पतिवार तक 19.85 डिग्री से. दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 31 दिसंबर तक गिरकर 19.15 डिग्री से. तक जाने की संभावना है।

14 दिसंबर से अब तक शहर के ज्यादातर हिंसों में लगातार 13 ‘‘ठंडे दिन’’ दर्ज किए गए। पिछले बार इतने वक्त तक सर्दी दिसंबर 1997 में देखी गई थी।

दिल्ली में 1992 के बाद केवल चार साल 1997, 1998, 2003 और 2014 में इतने दिन तक लगातार ठंड रही। 29 दिसंबर तक ‘‘अत्यधिक ठंड’’ रहने का अनुमान है।

गुजरात के कई हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप जारी, 3.6 डिग्री के साथ नलिया सबसे ठंडा:

गुजरात में जारी शीतलहर का प्रकोप तापमान में और गिरावट के साथ आज भी कई स्थानों पर रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र अहमदाबाद की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज कच्छ जिले का नलिया इस मौसम के अब तक के सबसे कम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा। यह कल की तुलना में एक डिग्री कम तथा सामान्य से 7 डिगी कम रहा।

दिल्ली,पंजाब,राजस्थान में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और बढ़ने का अनुमान:

पुणे स्थित मौसम विभाग ने कहा कि,पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में तथा बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, विदर्भ और झारखंड में कुछ हिस्सों में दिन में सामान्य से अत्यधिक ठंडी पड़ने का अनुमान है।

मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, विदर्भ, पंजाब और बिहार के अधिकतर हिस्सो में तथा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर गुजरात, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, झारखंड और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों में सामान्य से अत्यधिक ठंड शीत लहर चलने के आसार हैं।

ठंड की गिरफ्त में बिहार, अलर्ट जारी

पश्चिमी विक्षोभ के कारण भीषण ठंड की चपेट में आए बिहार में पिछले तीन-चार दिन से जन-जीवन जहां अस्त-व्यस्त हो गया वहीं मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 72 घंटे का अलर्ट जारी किया है।

मौसम विज्ञान विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पटना समेत बिहार के 38 जिलों के लिए आज से कल तक ठंड का ऑरेंज अलर्ट तथा सोमवार को येलो अलर्ट जारी किया है। इसके तहत सभी जिलों में भीषण ठंड पड़ने की संभावना है। इस दौरान तापमान में लगातार गिरावट होने संभावना जताई गई है। अलर्ट के तहत जिला प्रशासन को भीषण ठंड से उत्पन्न परिस्थिति से निपटने के लिए कारगर उपाय करने को कहा गया है।

विभाग के अनुसार, 28 और 29 दिसंबर 2019 को पटना के अलावा पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सासाराम, सीवान, सारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया, जमुई, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद अरवल, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय और पूर्णिया जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही इन सभी जिलों में 30 दिसंबर के लिए ठंड का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 14 से 17 डिग्री और न्यूनतम तापमान आठ से 10 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना जताई गई है।

यूपी के मुजफ्फरनगर में पारा 1़ 7 डिग्री पर ,नये साल में बारिश के आसार:

भीषण ठंड और कोहरे की चपेट में आये उत्तर प्रदेश में नये साल की शुरूआत रिमझिम बरसात के साथ होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और शनिवार तड़के मुजफ्फरनगर में पारा 1़ 7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज में खास तब्दीली की उम्मीद नही है जबकि 31 दिसम्बर और एक जनवरी को कई इलाकों में वर्षा का अनुमान है।

जौनपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के मीरगंज क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में ठंड लगने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के जरौना निवासी ऊदल मोदनवाल (45) की ठंड लगने से मृत्यु हो गयी। इसी क्षेत्र के बरियारपुर सिरौली निवासी मोहम्मद इमाम अली (64) की हृदयाघात से मृत्यु हो गयी।

ठंड के चलते लखनऊ औैर कानपुर प्राणि उद्यान में दर्शकों की तादाद में खासी गिरावट आयी वहीं आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताज महल देखने वाले पर्यटकों की संख्या में भी निरंतर गिरावट का दौर जारी है।

मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों को सैर सपाटा की बजाय घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। लोगबाग जरूरी कामकाज निपटाने के लिये घरों अथवा कार्यालय से बाहर निकलना पसंद कर रहे है जिससे सड़कों औैर बाजारों में गहमागहमी कम हो गयी है।

कर्नाटक सरकार लगाने जा रही है हिंसा में शामिल संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया पर प्रतिबंध attacknews.in

बेंगलुरु,27 दिसंबर। कर्नाटक सरकार हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून पर मेंगलुरु में हुई हिंसक घटनाओं के बाद पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया(एसडीपीआई) पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। वहां पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी।

प्राथमिक और सेकेंडरी शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि सरकार ने इन दोनों संगठनों पर प्रतिबंध की योजना बनाई है क्योंकि इन संगठनों ने समाज में शांति भंग कर हिंसा को भड़काया है।

उन्होंने कहा“ किसी भी सभ्य समाज में इस तरह के संगठनों का कोई आधार नहीं है और उनकी गातिविधियां समाज विरोधी हैं तथा इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता है। हम इस मामले में मंत्रिमंडल में विचार करने जा रहे हैं।”

गौरतलब है कि गुरुवार को पर्यटन, कन्नड़ तथा संस्कृति मामलों के मंत्री सी टी रवि ने कहा था कि इन दोनों संगठनों ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों से हाथ मिलाकर राज्य में शांति और स्थिरता को बाधित करने का प्रयास किया है। राज्य के भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने भी दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

रिजर्व बैंक ने जोखिम में फंसे ॠण NPA में वर्ष 2020 में बढोतरी होने की रिपोर्ट जारी की attacknews.in

मुंबई 27 दिसंबर ।रिजर्व बैंक ने वृहद आर्थिक परिदृश्य में बदलाव, जोखिम में फँसे ऋण में वृद्धि और ऋण उठाव में सुस्ती के कारण अगले वर्ष सितंबर तक वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (जीएनपीए) के बढ़कर 9.9 प्रतिशत पर पहुँचने की आशंका जतायी है।

केन्द्रीय बैंक ने शुक्रवार को जारी वित्तीय स्थरिता रिपोर्ट में कहा कि सितंबर 2019 में वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए 9.3 प्रतिशत रहा है जिसके अगले वर्ष इसी महीने में बढ़कर 9.9 प्रतिशत पर पहुँचने का अनुमान है।

उसने कहा कि इन बैंकों के जीएनपीए में इस वर्ष मार्च से सितंबर के दौरान कोई बदलाव नहीं हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2019 में 24 बैंकों का जीएनपीए पाँच प्रतिशत से कम रहा है जबकि चार बैंकों में यह 20 प्रतिशत से अधिक रहा है।

इसमें कहा गया है कि सरकारी बैंकों के जीएनपीए के अगले वर्ष सितंबर तक बढ़कर 13.2 प्रतिशत पर पहुँचने का अनुमान है जबकि निजी बैंकों में यह 4.2 प्रतिशत और विदेशी बैंकों में यह 3.1 प्रतिशत रह सकता है।

उसने कहा कि वाणिज्यिक बैंकों के सितंबर 2019 में ऋण उठाव में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि निजी बैंकों में यह 16.5 प्रतिशत रही है। इसमें कहा गया है कि मार्च 2019 में बैंकों का प्रावधान अनुपाल 60.5 प्रतिशत रहा था जो सितंबर तिमाही में बढ़कर 61.5 प्रतिशत हो गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में माँग में आयी सुस्ती से विकास प्रभावित हुआ है। हालाँकि पूँजी प्रवाह को सकारात्मक बताते हुये कहा गया है कि वैश्विक मंदी की वजह से भारतीय निर्यात पर विपरीत असर पड़ सकता है लेकिन चालू खाता घाटा के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।

इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह से अनिश्चितता बनी हुयी है जिसमें ब्रैक्जिट में देरी, व्यापार तनाव, मंदी के गहराने, तेल बाजार में गतिरोध और भू-राजनैतिक जोखिम के कारण विकास प्रभावित हो रहा है। इसके कारण उपभोक्ता धारणा और कारोबारी धारणा प्रभावित हो रही तथा निवेश पर विपरीत असर पड़ रहा है।

भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार सेवानिवृत्त होने वाले सेना प्रमुख नहीं सौंपेंगे चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी की बैटन,समारोह रद्द attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ।चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की बैटन सौंपने को लेकर आयोजित किए जाने वाले पूर्व निर्धारित समारोह को शुक्रवार को रद्द कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इस समारोह में 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह बैटन नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपनी थी।

थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के सदस्य होते हैं और इनमें से वरिष्ठतम अधिकारी को सीओएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।

यह दायित्व एक समारोह में “बैटन” हस्तांतरित कर सौंपा जाता है।

इस बार यह आयोजन शुक्रवार को आखिरी वक्त में रद्द कर दिया गया।

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में सरकार देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त कर देगी इसीलिए यह समारोह रद्द किया गया।

सीडीएस, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करेगा।

ऐसा माना जा रहा है कि जनरल रावत को ही थलसेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया जाएगा।

सेना प्रमुख रावत का बयान:भारतीय सेना पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष और मानवाधिकारों का करती हैं सम्मान attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसम्बर । सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि देश की सशस्त्र सेनाएं धर्मनिरपेक्ष हैं और मानवाधिकारों का पूरी तरह सम्मान करती हैं।

सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा कि सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते है और उन्होंने न केवल देश के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा की है बल्कि अपने दुश्मनों के अधिकारों की रक्षा भी की है।

वह यहां मानवाधिकार भवन में “युद्धकाल और युद्धबंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण” विषय पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रशिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

एक बयान में जनरल रावत के हवाले से बताया गया, “भारतीय सशस्त्र बल बेहद अनुशासित हैं और वे मानवाधिकार कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं। भारतीय सशस्त्र बल न केवल अपने लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, बल्कि युद्धबंदियों के साथ भी जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं का व्यवहार इंसानियत और शराफत के मूलमंत्र पर आधारित है। वे पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष हैं। प्रौद्योगिकी के उदय के साथ युद्ध के बदलते तौर तरीके बड़ी चुनौती हैं। सैन्य हमलों के विपरीत आतंकवादी हमलों के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय कानून में किसी तरह की जवाबदेही नहीं है। इसलिए आतंकवाद रोधी और उग्रवाद रोधी अभियानों से निपटते समय लोगों का दिल जीतना जरूरी है। इन अभियानों को अंजाम देते समय वास्तविक आतंकवादियों का पता लगाना जरूरी है और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे आस पास की संपत्ति या अन्य लोगों को नुकसान नहीं पहुंचे। यह बेहद चुनौतीपूर्ण और कठिन काम है।

सेना प्रमुख ने कहा कि सैन्य मुख्यालयों में मानवाधिकार शाखा बनायी गयी थी जिनका दायरा बढाते हुए अब इन्हें निदेशालय के स्तर तक ले जाया गया है और अतिरिक्त महानिदेशक को इनका प्रमुख बनाया गया है। इनमें सैन्यकर्मियों के खिलाफ मानवाधिकार शिकायतों के समाधान के लिए साथ में पुलिसकर्मी भी रहते हैं।

उन्होंने कहा कि तलाशी अभियानों के दौरान विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सेना ने अब सेना पुलिस में महिलाओं की भर्ती भी शुरू कर दी है।

जनरल रावत ने कहा कि हर आतंकवाद या उग्रवाद रोधी अभियान के बाद कोर्ट आफ इन्कवायरी की जाती है जिसमें उससे संबंधित सभी घटनाओं का ब्योरा रखा जाता है।

सशस्त्र सेना विशेषाधिकार अधिनियम का जिक्र करते हुए सेेना प्रमुख ने कहा कि इसमें सेना को भी तलाशी और पूछताछ के मामले में पुलिस की तरह अधिकार मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सेना ने खुद ही इसके इस्तेमाल में कुछ ढील दी है और इसके लिए सेना प्रमुख की ओर से विशेष आदेश दिये जाते हैं जिनका सख्ती से पालन जरूरी है। सेना इस बारे में उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का भी सख्ती से पालन करती है। आतंकवाद रोधी अभियानों से पहले जवानों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

इससे पहले मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति पी सी पंत ने भी मानवाधिकारों से संबंधित कानूनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कर्तव्य की वेदी पर सशस्त्र सेनाओं को अपने कुछ मौलिक अधिकारों को भी तिलांजलि देनी पड़ती है।

इस मौके पर मानवाधिकार आयोग के महासचिव जयदीप गोविंद , आयोग के सदस्य डी एम मलय, महानिदेशक (जांच) प्रभात सिंह, संयुक्त सचिव अनिता सिन्हा और कई वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी भी मौजूद थे।

शेयर बाजार में तेजी, गिरावट के बाद सेंसेक्स ने लगाई 411 अंक की छलांग, निफ्टी भी 119 अंक चढ़ा attacknews.in

मुंबई, 27 दिसंबर । शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को थम गया। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग, ऊर्जा और वाहन कंपनियों के शेयरों में लिवाली चलने से सेंसेक्स 411 अंक की छलांग लगा गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 411.38 अंक यानी एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 41,575.14 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 41,611.27 अंक तक चला गया था।

इसी तरह एनएसई का निफ्टी 119.25 अंक यानी 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,245.80 अंक पर बंद हुआ।

छुट्टियों की वजह से कम कारोबारी सत्र के सप्ताह में सेंसेक्स 106.4 अंक या 0.25 प्रतिशत टूटा है। वहीं निफ्टी 26 अंक या 0.21 प्रतिशत नीचे आया है।

कारोबारियों ने कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक होने वाली है। इसमें बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और कारोबार वृद्धि की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक से पहले बैंकिंग शेयरों में तेजी आई।

इस बैठक में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के जरिये या उसके बिना गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की वसूली पर चर्चा होगी। सूत्रों ने कहा कि बैठक में ऋण की वृद्धि बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा होगी।

सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक में 3.33 प्रतिशत की तेजी रही। पावरग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के शेयर लाभ में रहे।

वहीं दूसरी ओर कोटक बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाइटन और टीसीएस के शेयर 0.42 प्रतिशत तक टूट गए।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि लगातार गिरावट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मदद से बाजार ऊपर गया। केंद्रीय बैंक की अगले सप्ताह एक और बांड बिक्री की घोषणा से वित्तीय कंपनियों के शेयर चढ़ गए। व्यापार को लेकर तनाव घटने के बीच वैश्विक बाजारों की सकारात्मक धारणा से बाजार में तेजी का रुख व्यापक रहा।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.87 प्रतिशत तक चढ़ गए।

अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के करार को अगले महीने तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इससे वैश्विक बाजारों में तेजी रही।

एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी लाभ में रहा। वहीं चीन के शंघाई कंपोजिट तथा जापान के निक्की में गिरावट आई।

शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में चल रहे थे। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 71.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

ब्रेंट कच्चे तेल का वायदा भाव 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.12 प्रति डॉलर पर था।

प्याज के दामों ने फिर आंसू निकाले, कीमत 150 रूपये किलो तक पहुंचीं, आयातित मार की आवक शुरू attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ।प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आयात बढ़ाने के बावजूद इस प्रमुख सब्जी की खुदरा कीमतें शुक्रवार को बढ़कर 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी। यह कीमत तब पहुंची है जब आयातित प्याज की खेप की आवक शुरू हो गयी है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महानगरों में से, कोलकाता में प्याज का खुदरा मूल्य 120 रुपये किलो, दिल्ली और मुंबई में 102 रुपये किलो तथा चेन्नई में 80 रुपये किलो है।

ज्यादातर शहरों में, प्याज की कीमतें 100 रुपये किलो थी। ईटानगर में, प्याज की कीमत 150 रुपये किलो पर पहुंच गयी।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आयातित प्याज की आवक शुरू हो गई है। लगभग 1,160 टन प्याज भारत पहुंच चुका है। अगले 3-4 दिनों में अतिरिक्त 10,560 टन आयात की खेप आने की उम्मीद है।’’ अधिकारी ने कहा कि लाल और पीले दोनों किस्म के प्याज तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से आयात किए गए हैं। आयात की ये खेपें मुंबई बंदरगाह पर उतारती हैं।

सरकार की ओर से प्याज का आयात करने वाली सरकारी स्वामित्व वाली एमएमटीसी ने अब तक 49,500 टन प्याज का अनुबंध किया है। अगले महीने कुछ आयातित खेप आएंगी।

प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में खरीफ उत्पादन में 25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका के बाद प्याज कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में कई सरकारी उपायों के बावजूद कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। सरकार ने पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, व्यापारियों पर स्टॉक रखने की सीमा लागू कर दी है और बफर स्टॉक से सस्ती दर पर प्याज की आपूर्ति भी की जा रही है।

व्यापारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज की कीमतें जनवरी तक बढ़ी रहेंगी। जब तक देर से तैयार होने वाले खरीफ फसल बाजार में आना न शुरू हो जाए तबतक कीमतों में नरमी की संभावना नहीं है।

इससे पहले, भारत ने आखिरी बार वर्ष 2015-16 में 1,987 टन प्याज का आयात किया था जब इसकी कीमतें काफी बढ़ गई थीं।