संजय राऊत ने बताया;सोनिया गांधी को शरद पवार ने ही बताया कि, बाल ठाकरे और इंदिरा गांधी के बीच संबंध गहरे थे attacknews.in

मुंबई, एक दिसंबर ।शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी और ‘‘बचकानी टिप्पणियां’ महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी और फडणवीस को विपक्ष में बैठना पड़ गया।

राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने ‘रोखठोक’ स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है।

बिना किसी का नाम लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे ‘‘भीड तंत्र’’ के आगे नहीं झुका।

‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे शक्तिशाली ‘‘मोदी-शाह के दबदबे’’ को खत्म कर सत्ता में आए।

उन्होंने भरोसा जताया कि ‘‘यह सरकार (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) पांच साल तक चलेगी।’’

राउत ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महा विकास आघाडी सरकार बनने के बाद राकांपा प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फडणवीस ने इस तरह की ‘‘बचकानी टिप्पणियां’’ की कि राज्य में कोई विपक्षी दल नहीं बचेगा, शरद पवार का काल खत्म हो रहा है और प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन आघाडी मुख्य विपक्षी दल होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह (फडणवीस) खुद विपक्षी नेता बन गए।’’

उन्होंने कहा कि फडणवीस ने कहा था कि वह वापस लौटेंगे लेकिन सत्ता में आने की उनकी जल्दबाजी 80 घंटे के भीतर भाजपा को ले डूबी।

राउत ने कहा, ‘‘जरूरत से अधिक आत्मविश्वास और उनके (फडणवीस) दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं पर भरोसे ने उनकी राजनीति तबाह कर दी। पिछले महीने के घटनाक्रम ‘सिंहासन’ फिल्म की नयी पटकथा जैसी लगती है।’’

वह उसी नाम की 1979 में आयी मराठी फिल्म का जिक्र कर रहे थे जो दिवंगत लेखक अरुण संधू के उपन्यास ‘सिंहासन ’ और ‘मुंबई दिनांक’ पर आधारित थी।

राउत ने कहा कि महाराष्ट्र राज्यपाल के कार्यालय ने फडणवीस और राकांपा नेता अजित पवार की 80 घंटे की सरकार में ‘‘खलनायक’’ की भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बार मुझसे कहा था कि वह संविधान की रूपरेखा के इतर जाकर कुछ भी नहीं करेंगे। लेकिन बाद में उन्होंने जल्दबाजी में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला दी। ऐसा लगता है कि ‘आलाकमान’ से मिले आदेश ने बड़ी भूमिका निभाई।’’ ‘आलाकमान’ से उन्होंने केंद्र का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा को समर्थन देने की अजित पवार की ‘बेचैनी’ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस को नजदीक लेकर गई और उन्होंने गठबंधन बनाया।

उन्होंने कहा कि इससे बगावत करने वाले राकांपा के अन्य विधायकों पर भी दबाव बना और हर किसी के शरद पवार के पास लौटने से उनके भतीजे अजित पवार भी लौट आए।

राउत ने कहा, ‘‘अगर शरद पवार आगे नहीं आते तो यह गठबंधन कभी नहीं हो पाता।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को शिवसेना से हाथ मिलाने को लेकर संशय था। शरद पवार ने ही सोनिया गांधी से कहा कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मित्रवत् संबंध थे।

राउत ने कहा कि शिवसेना ने देश में आपातकाल के बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था।

शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय भी शिवसेना को वोट देता है इसलिए पार्टी शहर के नगर निकाय चुनाव जीतती आ रही है। शरद पवार ने यह भी सोनिया गांधी को बताया।

सस्ती काॅल,डेटा का दौर खत्म: आइडिया,एयरटेल,वोडाफोन और जियो ने दरें बढ़ाई attacknews.in

नयी दिल्ली, एक दिसंबर।वोडाफोन आइडिया तथा एयरटेल के प्रीपेड उपभोक्ताओं की जेबों पर तीन दिसंबर से अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। दोनों कंपनियों ने प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की दरें 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की रविवार को घोषणा की जो करीब चार साल में पहली वृद्धि है।

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने दिसंबर के शुरू में दरें बढ़ाने की घोषणा पहले ही कर रखी थी। इन दोनों कंपनियों ने रविवार को अलग-अलग बयान जारी कर में अपने विभिन्न प्लान की बढ़ी दरों की जानकारी दी।

वोडाफोन आइडिया ने सिर्फ अनलिमिटेड डेटा एवं कॉलिंग की सुविधा वाले प्रीपेड प्लान की दरें बढ़ायी हैं।

एयरटेल ने सीमित डेटा एवं कॉलिंग वाले प्लान की शुल्कों में भी संशोधन किया है।

वोडाफोन आइडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक उसने सर्वाधिक 41.2 प्रतिशत की वृद्धि सालाना प्लान में की है। उसके इस प्लान की दर 1,699 रुपये से बढ़कर 2,399 रुपये हो गयी है।

इसी तरह रोजाना डेढ़ जीबी डेटा की पेशकश के साथ 84 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 458 रुपये से 31 प्रतिशत बढ़ा कर 599 रुपये कर दी गयी है।

कंपनी का 199 रुपये वाला प्लान अब 249 रुपये का हो जाएगा।

कंपनी ने इसके साथ ही अन्य नेटवर्क पर आउटगोइंग कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लगाने की भी घोषणा की है।

एयरटेल ने सालाना प्लान को 41.14 प्रतिशत बढ़ा कर 1,699 रुपये की जगह 2,398 रुपये का कर दिया है।

कंपनी का सीमित डेटा वाला सालाना प्लान अब 998 रुपये की जगह तीन तारीख से 1,498 रुपये का हो जाएगा। इस प्लान की दर में यह 50.10 प्रतिशत की वृद्धि है।

इसी तरह एयरटेल ने 82 दिन की वैधता के साथ असीमित डेटा वाले प्लान को 499 रुपये से 39.87 प्रतिशत बढ़ाकर 698 रुपये और सीमित डेटा कर दिया है।

कंपनी की 82 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 33.48 प्रतिशत महंगी हो गयी है। इसकी दर अब 448 रुपये से बढ़ाकर 598 रुपये कर दी गयी है। इन दोनों प्लान की वैधता अब 82 दिन की जगह 84 दिन होगी।

कंपनी ने 28 दिन की वैधता वाले विभिन्न प्लान की दरों में 14 रुपये से लेकर 79 रुपये तक की वृद्धि की है।

रिलायंस जियो ने भी 40 प्रतिशत तक बढ़ायी मोबाइल:

वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के साथ-साथ रिलायंस जियो ने भी मोबाइल सेवाओं की बढ़ी हुई दरों की रविवार को घोषणा की। जियो की नयी दरें छह दिसंबर से प्रभावी होंगी और 40 प्रतिशत तक महंगी होंगी।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह उपभोक्ता-प्रथम के अपने सिद्धांतों पर टिकी हुई है। कंपनी ने दावा किया है कि वह इस कारण शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के साथ 300 प्रतिशत तक अधिक फायदे भी देगी।

कंपनी ने कहा कि वह भारतीय दूरसंचार उद्योग को टिकाउ बनाने रखने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

उसने कहा कि वह दूरसंचार सेवाओं के शुल्क में संशोधन को लेकर सरकार के साथ परामर्श प्रक्रिया में सहयोग करते रहेगी।

रिलायंस जियो ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के द्वारा बढ़ी दरों की घोषणा के बाद बयान जारी किया।

वोडाफोन आइडिया ने मोबाइल सेवाओं को 42 प्रतिशत तक और एयरटेल ने 50.10 प्रतिशत तक महंगी की है। इन दोनों कंपनियों की संशोधित दरें तीन दिसंबर से प्रभावी होंगी।

महाराष्ट्र में कांग्रेस के नाना पटोले ने निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष बनते ही देवेन्द्र फड़नवीस को घोषित किया विपक्ष का नेता attacknews.in

मुंबई, एक दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

भाजपा प्रत्याशी किशन कथोरे के सुबह नामांकन वापस लेने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष दिलीप वालसे पाटिल ने यह एलान किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कुछ वरिष्ठ विधायक पटोले (57) को अध्यक्ष की पीठ तक ले गए।

ठाकरे और भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधायक और किसान नेता के तौर पर पटोले के काम की तारीफ की।

ठाकरे ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि एक किसान का बेटा इस पद पर आसीन हुआ है।’’

राकांपा के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि वह अपना उम्मीदवार वापस लेने और पटोले के निर्विरोध चुनाव में विपक्षी दल भाजपा द्वारा दिखाई समझदारी की भावना की सराहना करते हैं।

पटोले ने भाजपा के हरीभाऊ बागड़े का स्थान लिया जो 2014 से 2019 के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे थे।

पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि कथोरे ठाणे में मुरबाड से विधायक हैं। यह दोनों का विधायक के तौर पर चौथा कार्यकाल है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया।

कुल 288 सदस्यों वाले सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों के बहिर्गमन करने के बाद कुल 169 विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में वोट दिया।

पटोले के निर्वाचन से विदर्भ क्षेत्र को पिछले दो दशकों में पहली बार अध्यक्ष का प्रतिष्ठित पद मिला है।

विदर्भ के भंडारा जिले में साकोली तहसील में 1962 में सरकारी अधिकारियों के परिवार में जन्मे पटोले ने नागपुर विश्वविद्यालय से 1987 में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के तौर पर राजनीति की शुरूआत की। वाणिज्य विषय में स्नातक करने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 1991 में भंडारा जिला परिषद के सदस्य बने।

वह 1999 में पहली बार विधानसभा पहुंचे और 2004 तथा 2009 में भी राज्य विधानसभा चुनाव जीते। पटोले ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव जीते।

उन्होंने दिसंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फडणवीस से मतभेदों का हवाला देते हुए भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में लौट आए।

पटोले हाल के विधानसभा चुनाव में फडणवीस के करीबी सहायक और राज्य के मंत्री रहे परिणय फुके को हराकर साकोली विधानसभा सीट से चौथी बार जीते।

फडणवीस को दिया गया विपक्ष के नेता का दर्जा:

महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस को रविवार को विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया गया।

विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सदन में इस आशय की घोषणा की।

पटोले ने कहा कि विधानसभा में भाजपा को विपक्षी पार्टी का दर्जा दिया गया है और फडणवीस विपक्ष के नए नेता होंगे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कुछ मंत्रियों ने फडणवीस को बधाई दी।

फडणवीस राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।

राजनीति के किंग अंकल शरद पवार ने महाराष्ट्र में हिंदुत्व पार्टियों को बिखेर कर अपना वजूद स्थापित किया सोनिया गांधी को राजी करके

नयी दिल्ली, एक दिसंबर । महाराष्ट्र की सियासी बिसात पर हारी बाजी को जीतकर सिकंदर बनकर उभरे कद्दावर नेता शरद पवार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बुद्धि के मुकाबले अनुभव को कम करके नहीं आंका जा सकता । इतिहास में उन्हें न केवल अपने किले को सुरक्षित रखने बल्कि भाजपा और शिवसेना की 30 साल पुरानी दोस्ती में सेंध लगाने के लिए भी याद किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार पवार की सराहना करते हुए कहा था कि वह राजनीति के गुर सीखने के लिए राकांपा नेता से सलाह लेते थे।

राजनीतिक पंडितों को यह बात अब शीशे की तरह स्पष्ट हो गयी कि मोदी क्यों पवार के राजनीतक कौशल के प्रशंसक हैं।

भाजपा द्वारा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देने के बाद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बाला साहब ठाकरे की विरासत संभाल रही पार्टी के साथ जाने को एकबारगी तैयार नहीं था। किंतु पवार ने एक सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व को मनाया और शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार कर लिया।

हालांकि भतीजे अजित पवार के रातों रात पाला बदलकर देवेन्द्र फडणवीस की सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक बार लगा था कि महाराष्ट्र की राजनीति का शेर शरद पवार अब चूक चुका है।

लेकिन अगले ही दांव में पवार ने न केवल भाजपा बल्कि सारे राजनीतिक विश्लेषकों को चारों खाने चित्त कर दिया।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने प्रचार बल के जरिये यह साबित करने का प्रयास किया था कि वह राज्य में प्रचंड बहुमत से वापसी कर रही है। यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने फडणवीस को चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। किंतु प्रचार की इस चकाचौंध से प्रभावित हुए बिना 78 वर्षीय पवार ने गांव गांव और लगभग हर निर्वाचन क्षेत्र में जाकर अपना प्रचार अभियान जारी रखा।

विधानसभा चुनाव के दौरान सतारा की एक चुनावी जनसभा में पवार की एक तस्वीर राष्ट्रीय सुर्खी बनी थी जिसमें बरसते पानी में उन्होंने अपना भाषण जारी रखा था। उसी जनसभा में पवार ने कहा था कि यह बारिश ‘‘ईश्वर की कृपा ’’ है।

सतारा विधानसभा सीट से इस बार राकांपा के श्रीनिवास पाटिल ने भाजपा प्रत्याशी और शिवाजी महाराज के वंशज उदयन राजे भोंसले को हराया था।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-रांकापा गठबंधन का चेहरा ही पवार थे। इस बात को भाजपा अच्छी तरह जानती थी और इसी लिए चुनाव प्रचार के दौरान मोदी, शाह सहित अधिकतर नेताओं के प्रहारों के निशाने पर पवार ही थे। किंतु पवार ने अपने कुशल प्रचार अभियान और अपने पार्टी के सही उम्मीदवार चुनकर राज्य की 54 सीटों पर राकांपा को सफलता दिलवाई।

पवार महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शक्कर सहकारी संघों में भी गहरी पैठ रखते हैं।

वह महज 27 वर्ष की उम्र में बारामती से विधायक बने और केवल दस साल बाद 38 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गये थे। वह कुल तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं।

पवार के पहली बार मुख्यमंत्री बनने का घटनाक्रम किसी रोचक कथा से कम नहीं हैं। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस महाराष्ट्र में कई सीटों पर हार गयी। इसके बाद राज्‍य के मुख्‍यमंत्री शंकर राव चव्‍हाण ने हार की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया। वसंतदादा पाटिल उनकी जगह महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री बने। बाद में कांग्रेस में टूट हो गई और पार्टी कांग्रेस (यू) तथा कांग्रेस (आई) में बंट गई। पवार के गुरु यशवंत राव और पवार कांग्रेस (यू) में शामिल हो गए। 1978 में महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस के दोनों धड़ों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। बाद में जनता पार्टी को सत्‍ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस के दोनों धड़ों ने एक साथ म‍िलकर सरकार बनाई। वसंतदादा पाटिल मुख्यमंत्री बने रहे। इस सरकार में शरद पवार उद्योग और श्रम मंत्री बने।

बताया जाता है कि जुलाई 1978 में शरद पवार ने अपने गुरु के इशारे पर कांग्रेस (यू) से खुद को अलग कर लिया और जनता पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई। बाद में यशवंत राव पाटिल भी शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए। इंदिरा गांधी के दोबारा सत्‍ता में आने के बाद फरवरी 1980 में पवार के नेतृत्‍व वाली प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार गिर गई।

1999 में उनके राजनीतक जीवन ने एक बड़ी करवट ली। सोनिया गांधी के विदेशी मूल का होने के कारण उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने का विरोध करने पर उन्हें कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन करना पड़ा। किंतु पवार की राजनीति में गहरी पैठ के कारण कांग्रेस को लगातार तीन बार महाराष्ट्र में उनकी पार्टी से गठबंधन कर सरकार बनाना पड़ा।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के हटने के बाद जब 2004 में संप्रग की सरकार बनी तो पवार को कृषि मंत्री बनाया गया। हालांकि इससे पहले भी वह 1990 के दशक में रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके थे। बाद में 2009 में भी वह केन्द्र में कृषि मंत्री बने।

पवार ने 2012 में घोषणा की थी कि वह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। किंतु चुनाव लड़ने का अर्थ सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना नहीं होता है।

पवार ने महाराष्ट्र घटनाक्रम में दिखा दिया कि उनकी राज्य की राजनीति पर अब भी वही पकड़ है जो आज से चार दशक पहले हुआ करती थी।

मध्यप्रदेश में विभागीय परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहने वाले 84 शिक्षकों पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही,16 को किया जा चुका है पहले ही बाहर attacknews.in

भोपाल, 01 दिसंबर ।मध्यप्रदेश में सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए पहले चरण में 84 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ की है, जिनमें से 16 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गयी है।

दरअसल मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित दसवीं की परीक्षा में काफी दयनीय परिणाम देने वाले विद्यार्थियों से जुड़े शिक्षकों को पिछले छह माह के दौरान विभागीय परीक्षाओं के दौर से गुजरना पड़ा। इसके बाद 84 ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की गयी, जो कसौटी पर खरे नहीं उतरे और अंतत: उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शासकीय सेवकों ( शिक्षकों) के अभिलेखों की छानबीन के लिए विभागाध्यक्ष स्तर पर एक समिति गठित की गयी है, जिसमें लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत, लोक शिक्षण संचालक गौतम सिंह और स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव सुधीर कोचर सदस्य हैं। समिति ने इन 84 प्रकरणों के संदर्भ में परीक्षण कर अपनी सिफारिशें शासन को भेजी और इस आधार पर कल कार्रवाई की गयी।

सूत्रों ने बताया कि इसी वर्ष मई में यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया था कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम कम आने के कारणों का विश्लेषण कर संबंधित शालाओं में कार्यरत शिक्षकों की दक्षताओं को परखा जाए। इसके लिए इसी वर्ष 12 जून को ऐसे शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी, जिनके विषय से संबंधित विद्यार्थियों के परिणाम 30 प्रतिशत से कम थे।

हनीट्रेप मामले में इंदौर में होटल्स और संझा लोकस्वामी के कार्यालय में छापामारी से पहले IAS अधिकारी ने की थी आत्महत्या की कोशिश attacknews.in

इंदौर/भोपाल 1 दिसम्बर ।हनीट्रैप मामले में एक मीडिया हाउस और उससे जुड़े संस्थानों और निवास पर पुलिस ने शनिवार देर रात छापा मारा। कार्रवाई के पीछे की वजह हनीट्रैप से जुड़े मामले में हो रहे नए-नए खुलासों को बताया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन ने शाम से ही छापा मारने की रणनीति तैयार कर ली थी।इधर इस छापामारी से पहले 26 नवम्बर 2019 को मध्य प्रदेश के इस हाई प्रोफाइल हनीट्रैप कांड में अपनी कथित संलिप्तता उजागर होने के डर से एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, जिनका नाम हनी ट्रैप मामले में आ रहा है, ने रविवार को आत्महत्या की कोशिश की।

रात साढ़े 11 बजे पुलिस, नगर निगम, बिजली कंपनी, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग के अमले ने एक साथ गीता भवन और साउथ तुकोगंज स्थित दो होटलों, न्यू पलासिया स्थित रेस्त्रां, प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित मीडिया हाउस, कनाड़िया रोड स्थित निवास पर एक साथ छापा मारा।

मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों और संस्थान के कर्ता-धर्ताओं के बीच जमकर हुज्जत हुई। उन्होंने कहा कि आप किस तरह की कार्रवाई करने आए हैं? उन्होंने भारी पुलिस बल लाने पर आपत्ति ली और अतिरिक्त बल हटाने के लिए कहा।

एसडीएम राकेश शर्मा ने संस्थान से जुड़े अमित सोनी से कहा था कि वे सर्चिंग करने आए हैं और उन्हें न रोका जाए। सोनी ने कहा कि सर्चिंग के लिए दो-तीन अफसर जा सकते है। इसके बाद चुनिंदा अफसरों की टीम कार्रवाई करने भीतर पहुंची।

देर रात 11 गाड़ियों समेत दो वज्र वाहन भरकर 70-80 पुलिसबल कनाड़िया रोड स्थित मकान पर पहुंचे। 30 से 40 जवान घर के अंदर घुसे और सर्चिंग शुरू कर दी। घर में घुसने को लेकर पुलिस और परिजनों के बीच विवाद भी हुआ।

हनीट्रैप मामले में लगातार हो रहे खुलासे के बाद मीडिया हाउस ने शनिवार को कोर्ट में हार्ड डिस्क वकील के माध्यम से पेश की थी। इसमें कई बड़े राजनेता और ब्यूरोक्रेट के फुटेज भी बताए जा रहे हैं। इसके बाद मीडिया हाउस के कर्ता-धर्ता को मिली पुलिस सुरक्षा हटा ली गई।

बताते हैं कि शाम से ही कार्रवाई की रणनीति तैयार हो गई थी। छापा मारने से पहले सभी टीमों को पहले रेसीडेंसी कोठी पर बुलवा लिया गया था तब तक गीताभवन क्षेत्र स्थित होटल पर भारी भीड़ लग चुकी थी।

पुलिस और प्रशासन ने शाम से ही छापा मारने की रणनीति तैयार कर ली थी। रात साढ़े 11 बजे पुलिस, नगर निगम, बिजली कंपनी, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग के अमले ने एक साथ गीता भवन और साउथ तुकोगंज स्थित दो होटलों, न्यू पलासिया स्थित रेस्त्रां, प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित मीडिया हाउस, बंगाली कॉलोनी क्षेत्र स्थित निवास पर एक साथ छापा मारा।

संझा लोकस्वामी के मालिक जीतेन्द्र सोनी ने हनी ट्रैप मामले में नेताओं और अधिकारियों के वीडियो किये थे उजागर :

मध्य प्रदेश में पांच महिलाओं द्वारा ब्लैकमेल करने के आरोप में 18 सितंबर को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तारी के बाद कुख्यात हनी ट्रैप कांड में एक ताजा मोड़ तब आया है जब राजनेताओं, नौकरशाहों और सरकारी अधिकारियों को अपनी गलत हरकतें छुपाने के बदले में ब्लैकमेल करने के आरोप में शॉर्ट सेक्स टेप सामने आए , इसी तारतम्य में राज्य पुलिस ने शनिवार को आधी रात कार्रवाई के बाद इंदौर के एक होटल्स और मीडिया संस्थान में छापेमारी की।

होटल्स और मीडिया संस्थान के मालिक जीतू सोनी है जो संझा लोकस्वामी नाम से सांध्य दैनिक संचालित करते है । संझा लोकस्वामी की प्रिंटिंग प्रेस और कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।

यह कार्रवाई लोकस्वामी द्वारा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और एसके मिश्रा, प्रमुख सचिव और लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र के नाम और तस्वीरें प्रकाशित करने के बाद की गई है । लोकस्वामी ने एक साथ यूट्यूब पर भी कुछ हिस्सों को भी जारी किया था ।

इस मामले में कमलनाध सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि लोकस्वामी वीडियो तक पहुंचने में कैसे कामयाब रहे और आशंका है कि यह उसकी छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है क्योंकि वर्तमान सत्तारूढ़ व्यवस्था से कई कथित तौर पर हनी ट्रैप गिरोह द्वारा फंसे हुए थे ।

माना यह जा रहा है कि,इसे उजागर करने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित बेहद ऊपर वाले एक निजी हैकर के रूप में कनेक्शन हो सकते थे जो कमलनाथ सरकार के साथ निकटता से काम कर रहे थे, जिनका हनी ट्रैप गिरोह से गहरा नाता था। इसके बाद से हैकर को उन सभी जिम्मेदारियों से राहत मिली है, जिनका उसे जिम्मा सौंपा गया था ।

पुलिस की यह कार्रवाई एक प्रमुख सचिव रैंक के अधिकारी द्वारा कथित तौर पर राज्य सचिवालय के अंदर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद की गई है, जिसके डर से उनका वीडियो जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र में सामने आने वाला था ।

दो दिन पहले ही हनीट्रेप मामले में सीनियर IAS ने फांसी फांसी लगाकर की थी आत्महत्या की कोशिश , ED ने जानकारी मांगी:

इधर इस छापामारी से पहले 26 नवम्बर 2019 को मध्य प्रदेश के इस हाई प्रोफाइल हनीट्रैप कांड में अपनी कथित संलिप्तता उजागर होने के डर से एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, जिनका नाम हनी ट्रैप मामले में आ रहा है, ने रविवार को आत्महत्या की कोशिश की।

घर में लगाई फांसी, नौकर ने बचाया

मध्यप्रदेश के मंत्रालय में एक विभाग के मुख्य पद पर मौजूद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अपने ही घर पर अपने लिए फांसी का फंदा तैयार किया और उस पर झूल गए। राहत की बात यह है कि यह सब कुछ नौकर ने देख लिया और उसने तत्काल अफसर को फंदे से नीचे उतार लिया।

बताया जा रहा है कि हनी ट्रैप मामले में इस आईएएस अफसर के खिलाफ अब तक कोई सरकारी कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन चर्चाओं में इनका नाम पुख्ता तौर पर लिया जा रहा है। आत्महत्या की कोशिश वाला मामला भी चर्चाओं में ही है। किसी भी पुलिस थाने में इस तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

ईडी ने जानकारी मांगी है

हनी ट्रैप मामले की जांच एजेंसियों में एक नया नाम जुड़ गया है। ईडी (Enforcement Directorate) ने एसआईटी से हनी ट्रैप मामले की कुछ डिटेल्स मांगी है। हनी ट्रैप मामले की आरोपी महिलाओं की विदेश यात्राएं एवं उनके एनजीओ को उपलब्ध कराई गई रकम इत्यादि की जानकारी मांगी गई है।

137 प्रमुख चेहरे बेनाब

इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। मौजूदा एसआईटी के प्रमुख स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी की जांच में मिले ऑडियो और वीडियो में 137 प्रमुख चेहरे बेनकाब हुए हैं। सबसे ज्यादा 54 चेहरे आईएएस और आईपीएस अफसरों के हैं। इन चेहरों में भाजपा, कांग्रेस और RSS से नेताओं के भी बताए जा रहे हैं। जबकि कई उद्योगपति और कारोबारियों के साथ नामी बिल्डर भी हनी ट्रैप में फंसे हैं।

केंद्र सरकार सब कुछ कर रही, ऐसा होगा नहीं

विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार सबकुछ कर रही है। उनके लोग फंसे हैं, उनसे संबंधित अधिकारी भी फंसे हैं। उन सभी लोगों को निकालने के लिए यह सब किया जा रहा है, लेकिन ऐसा होगा नहीं।

दिल्ली की हाई प्रोफािल कॉल गर्ल सिमरन से जुड़े हनी ट्रैप कांड के तार

इधर प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप (Honey Trap) मामले की जांच नई एसआईटी ने शुरू कर दी है और नई एसआईटी पुलिस के सभी केस को अपने हैंडओवर में लेकर जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही एसआईटी 9 साल पुरानी उस फाइल को भी री-ओपन करेगी, जिसमें दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन को पकड़ा गया था. उस समय सिमरन के मोबाइल फोन ने बीजेपी सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी के नाम उगले थे।

हनी ट्रैप मामले में पुलिस की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं थे और विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा था ऐसे में सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की।हालांकि, जांच शुरू करने से पहले ही एसआईटी पर विवाद हो गया. एसआईटी चीफ डीश्रीनिवास वर्मा के जांच से इनकार करने के बाद एटीएस एडीजी संजीव समी को नई एसआईटी की जिम्मेदारी सौंपी गई. नई एसआईटी ने जांच भी शुरू कर दी थी लेकिन अचानक नया मोड़ आया और शमी को भी हटा दिया गया ।http://https//37f.7c5.myftpupload.com

कॉल गर्ल्स सिमरन के हनीट्रैप गैंग से कनेक्शन.-

सूत्रों के अनुसार, एसआईटी 9 साल पुरानी फाइल को भी री-ओपन करेगी।ये फाइल 2011 में एमपी नगर की एक होटल में पकड़ी गई दिल्ली की हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन की है।उस समय जांच के दौरान कॉल गर्ल्स के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में दो पूर्व मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी का नाम सामने आया था।तत्कालीन सरकार के 2 कद्दावर मंत्रियों के नाम सामने आने के बाद मामले को दबा दिया गया था। अब एसआईटी इसकी जांच इसलिए कर रही है, क्योंकि भोपाल में पकड़ी गई एक आरोपी महिला की दिल्ली की कॉल गर्ल सिमरन से दोस्ती थी,पुलिस सिमरन से जुड़े हनीट्रैप गैंग के कनेक्शन की जांच कर रही है।ये जांच सिमरन और भोपाल की महिला आरोपी के संबंधों और उनकी सक्रियता को लेकर की जा रही है.

पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही आरोपी महिला

पुलिस का शक है कि भोपाल की महिला आरोपी ने दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन के जरिए कई रसूखदारों को फंसाने का काम किया होगा. उधर एसआईटी की सदस्य एवं इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा ने कहा है कि इंदौर में दर्ज मानव तस्करी की केस डायरी को भोपाल के अयोध्या नगर थाने भेजा गया है. पुलिस मानव तस्करी से जुड़े मामले के सबूतों को जुटा रही है, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए लैब भेजा गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी महिला पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है।https://attacknews.in

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी ने मांगी इच्छा मृत्यु attacknews.in

चेन्नई 30 नवंबर । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी एस. नलिनी ने एक अकस्मात घटनाक्रम के तहत अपने, पति मुरुगन उर्फ श्रीहरन और इस मामले के अन्य दोषियों के लिए इच्छामृत्यु की मांग की है।

नलिनी के वकील पी पुगाझेंडी ने शनिवार को यहां बताया कि उसने वेल्लोर जेल अधिकारियों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप साही और तमिलनाडु के मुख्य सचिव के कार्यालय को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु की मांग की है। नलिनी करीब 28 वर्षों से अपने पति के साथ जेल में बंद है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा attacknews.in

जबलपुर, 30 नवंबर ।मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये है।

न्यायाधीश विशाल घगट की एकलपीठ ने इस संबंध में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने चुनाव आयोग के आवेदन पर भोपाल लोकसभा चुनाव में उपयोग की गयी ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपेट मशीन को रिलीज करने के आदेश जारी किये गये है।

भारत और जापान के बीच टू प्लस टू वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ कार्य करने की सहमति और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 नवंबर।भारत एवं जापान ने विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गति प्रदान करने के लिये शनिवार को विदेश और रक्षा मंत्री स्तर की पहली बैठक की।

अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर नीत भारतीय शिष्टमंडल ने भारत का नेतृत्व किया, जबकि जापान का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री तोशीमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने किया।

इस वार्ता को ‘टू प्लस टू’ नाम दिया गया है।

पिछले साल 13 वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे द्वारा लिये गये एक फैसले के बाद नयी रूपरेखा के तहत वार्ता हो रही है।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को और मजबूत करने तथा दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिये नया तंत्र गठित करने का फैसला किया।

वार्ता में दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया और शांति, समृद्धि एवं प्रगति के साझा लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लिया।

बैठक में भारत-जापान के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न महत्वपूर्ण आयामों पर भी चर्चा की गई।

आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे पाकिस्तान: भारत- जापान

भारत और जापान ने आतंकवाद को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए पाकिस्तान से उसकी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यहां जापान के विदेश मंत्री टी मोतेगी और रक्षा मंत्री कोनो तारो के साथ टू प्लस टू डॉयलाग के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में आतंकवाद के बढते खतरे की कड़ी निंदा की और माना कि यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।

उन्होंने सभी देशों से आतंकवादी ढांचों और नेटवर्क को तहस नहस करने , उनकी फंडिंग पर रोक लगाने तथा आतंकवादियों की सीमा पार से घुसपैठ पर रोक लगाने को भी कहा।

चारों मंत्रियों ने कहा कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जमीन का दूसरे देशों पर किसी भी तरह से आतंकवादी हमले करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाये। इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क द्वारा क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे का उल्लेख किया और उससे इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा।

उन्होंने पाकिस्तान से वित्तीय कार्रवाई कार्य दल सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का पालन करने को भी कहा। मंत्रियों ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए सूचनाओं और खुफिया जानकारी को साझा कर मजबूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी बनाये जाने की जरूरत पर भी बल दिया।

हैदराबाद में महिला डाक्टर की हत्या का विरोध कर रही भीड़ पर पुलिस ने बरसाई लाठियां,मेनका गांधी ने फांसी की सजा की मांग की attacknews.in

हैदराबाद 30 नवंबर । तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में दो दिन पहले एक पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने शनिवार को शादनगर थाने का घेराव किया।

शादनगर थाने में इस वारदात के आरोपियों को रखे जाने की भनक लगने के कुछ ही देर में सैकड़ों लोगों ने थाना का घेराव कर लिया। जब लोग थाना में घुसने का प्रयास कर रहे थे तो पुलिस ने बमुश्किल लोगों को समझाकर वापस लौटाया।

शादनगर कस्बे में पुलिस थाने के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। पुलिस को उत्तेजित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज तक करना पड़ा।

हैदराबाद में एक और महिला का जला शव मिला

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार की रात एक और महिला का जला हुआ शव बरामद किया गया।

शहर के बाहरी इलाके सिडकुलगुट्टा मंदिर मार्ग के पास साइबराबाद पुलिस ने एक 35 वर्षीय महिला का जला हुआ शव बरामद किया है। साइबराबाद पुलिस ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि रात साढ़े आठ बजे 100 नम्बर पर शव की सूचना मिली। जिसके तुंरत बाद पुलिस का दल और गश्ती वाहन घटना स्थल पर पहुंच गया।

तेलंगाना के दरिंदो को मिले फांसी की सजा : मेनका

सुलतानपुर ( उत्तरप्रदेश) में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शनिवार को कहा कि तेलंगाना में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। यह घटना सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है।

अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुँची श्रीमती गांधी ने यह बात कही ।

झारखंड में पहले चरण की 13 विधानसभा सीटों पर 64.44 प्रतिशत मतदान, 189 उम्मीदवारों का भविष्य EVM में कैद attacknews.in

रांची 30 नवंबर । झारखंड में प्रथम चरण में आज तेरह विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्वक सम्पन्न कराए गए मतदान में 64.44 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुखदेव भगत समेत 189 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर दिया।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य की तेरह विधानसभा सीट चतरा (सुरक्षित), गुमला (सु), बिशुनपुर (सु), लोहरदगा (सु), मणिका (सु), लातेहार (सु), पांकी, डालटनगंज, बिश्रामपुर, छत्तरपुर (सु), हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। इस दौरान करीब 64.44 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

श्री चौबे ने बताया कि मतदान समाप्त होने तक सबसे अधिक 67.30 प्रतिशत वोट लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में पड़े वहीं चतरा में महज 56.59 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। गुमला में 67.3 प्रतिशत, बिशुनपुर में 69.8 प्रतिशत, मनिका में 62.66 प्रतिशत, लातेहार में 67.2 प्रतिशत, पांकी में 64.1 प्रतिशत, डाल्टनगंज में 63.9 प्रतिशत, विश्रामपुर में 61.6 प्रतिशत, छतरपुर में 62.3 प्रतिशत, हुसैनाबाद में 60.9 प्रतिशत, गढ़वा मे 66.04 प्रतिशत और भवनाथपुर सीट के लिए 67.34 प्रतिशत मतदान हुआ।

डाल्टनगंज के कांग्रेस उम्मीदवार ने मतदान केंद्र के बाहर लहराई पिस्तौल

झारखंड विधानसभा चुनाव में पलामू जिले के डाल्टनगंज से कांग्रेस के उम्मीदवार के. एन. त्रिपाठी के मतदान केंद्र के बाहर पिस्तौल लहराने के मामले में राज्य निर्वाचन कार्यालय ने कड़ा रुख इख्तियार करते हुए उनकी पिस्तौल को जब्त कर लिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री त्रिपाठी के पिस्तौल लहराने के मामले को राज्य निर्वाचन कार्यालय ने काफी गंभीरता से लिया है। फिलहाल उनकी पिस्तौल को जब्त करने के साथ ही उन्हें पूछताछ के लिया हिरासत में लिया गया है। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

मध्यप्रदेश की कांग्रेस पार्टी की पूर्व विधायक शंकुतला खटीक को थाने में आगजनी,भीड़ को उकसाने पर कोर्ट ने सुनाई कारावास की सजा attacknews.in

भोपाल, 30 नवंबर ।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज एमपीएमएलए मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने कांग्रेस की पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित सात लोगों को धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस थाने में आगजनी करने को उकसाने के आरोप में 3 साल की सजा सुनाई है।

अभियोजन अनुसार घटना 12 जून 2017 को करेरा पुलिस थाना, शिवपुरी में हुई थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा मंदसौर में हुए गोलीकांड के विरोध में प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दरम्यान करेरा पूर्व विधायक शकुंतला खटीक ने अपने समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। विधायक खटीक पूर्व मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन कर रहीं थी तभी पुलिस बल ने वहां आकर अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए वज्र वाहन से पानी की बौछार करनी शुरू कर दी।

इससे उत्तेजित होकर पूर्व विधायक ने वहां उपस्थित भीड़ को उकसाते हुए कहा कि वह थाने में आग लगा दें। उनकी बातों में आकर वहां उपस्थित उनके समर्थकों ने पुतला दहन करते अन्य जगह भी आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने मौके पर आग पर काबू न पाया होता तो पुलिस थाने सहित अन्य सरकारी संपत्ती को आग से भारी नुकसान पहुंचता।

इस मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित 7 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बलवा, आगजनी, आगजनी को उकसाने, शासकीय कार्य में बाधा डालने का अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था।

विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने यह सजा सुनाया है।

मध्यप्रदेश में महाविद्यालयीन की सभी परीक्षाएं अगले सत्र से आन-लाइन होंगी attacknews.in

भोपाल, 30 नवम्बर।मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने आज उज्जैन, रतलाम और मंदसौर जिलों के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं और शिकायतों का निराकरण किया।

श्री पटवारी ने रतलाम के शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि प्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से सभी महाविद्यालयीन परीक्षाएँ ऑनलाइन होंगी। इसकी तैयारी शासन स्तर पर की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अब महाविद्यालयीन विद्यार्थी और आम जनता भी उत्तर-पुस्तिका आसानी से देख सकेंगे। मध्यप्रदेश यह व्यवस्था करने वाला पहला राज्य होगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अतिथि विद्वानों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ अवसर मिलेगा। उन्होंने कॉलेज से हटाए गए तीन अतिथि विद्वानों को पुन: शिक्षण कार्य पर रखने के निर्देश दिये।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 200 शासकीय कॉलेजों को स्मार्ट कॉलेज बनाया जाएगा। इन कॉलेजों में नियमित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त आई.टी. पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने उज्जैन जिले के नागदा स्थित स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हुए कहा कि माता-पिता आज बेटियों से देरी से आने पर कई सवाल करते हैं। यदि वे बेटों से भी ये सवाल करें, तो समाज की कई बुराइयाँ अपने आप समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण को शुद्ध रखना है, तो हमें पौध-रोपण को अपनी आदत बनाना होगा।

स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय नागदा के छात्रों ने बार-बार सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव होने से आ रही दिक्कतों, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम, किताबों की अनुपलब्धता तथा लायब्रेरी में किताबें न होने से पढ़ाई में कठिनाई जैसी समस्याओं से मंत्री श्री पटवारी को अवगत कराया। श्री पटवारी ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि अगले सत्र से सभी महाविद्यालयों में टाइम-टेबल सही समय पर बना लिये जाएंगे। इससे परीक्षा-परिणाम समय से घोषित कर दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों में संबंधित विषय की पुस्तकें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाएंगी।

श्री पटवारी ने जानकारी दी कि शासन द्वारा अगले वर्ष से सभी महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को किसी न किसी खेल में अनिवार्य रूप से भाग लेने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहाकि विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग सुविधा सुनिश्चित करने के लिये महाविद्यालय में ही कोचिंग सेंटर की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने रतलाम में हॉकी फीडर सेंटर और मंदसौर में राज्य-स्तरीय पुरुष/महिला हॉकी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इसके पूर्व श्री पटवारी ने उज्जैन के नागदा में राज्य-स्तरीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का सम्मान भी किया।

भाजपा के इस मुस्लिम बड़े नेता की भविष्यवाणी:महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को आंसू बहाना पड़ेंगें,कांग्रेस इन्हें दूसरा कुमारस्वामी बना देगी attacknews.in

नयी दिल्ली 30 नवंबर।महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिवसेना के नेता एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि कांग्रेस श्री ठाकरे को दूसरा ‘कुमारस्वामी’ बना दे और उन्हें भी बाद में आंसू बहाना पड़े।

भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने यहां कहा कि ‘नंबर 4 की पार्टी कांग्रेस ने नंबर 3 की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिल कर नंबर 2 को पार्टी शिवसेना के नेता को मुख्यमंत्री बनवा दिया। जबकि नंबर 1 की पार्टी भाजपा विपक्ष में बैठी है। जनादेश भाजपा को मिला था लेकिन जोड़ तोड़ से बनी सरकार अभी से डरी सहमी दिख रही है। इससे शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा तीनों के विधायकों में नाराज़गी है।

महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण खुले मतदान से कराने के सरकार के फैसले के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री हुसैन ने कहा कि श्री ठाकरे को भाजपा से कोई खतरा नहीं है बल्कि अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस एवं राकांपा के नाराज विधायकों पर विश्वास नहीं है। इसीलिए उन्होंने परंपरा को तोड़कर प्रोटेम स्पीकर को बदलवाया है।

उन्होंने कहा कि श्री ठाकरे बहुमत तो हासिल कर लेंगे, पर महाराष्ट्र की संपूर्ण जनता का विश्वास कैसे अर्जित करेंगे। शिवसेना ने सब कुछ लुटा कर और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के कांग्रेस के विरुद्ध सैद्धांतिक रुख को तिलांजलि देकर सरकार बना ली है। उन्होंने ठाकरे सरकार की स्थिरता को लेकर संशय व्यक्त करते हुए कहा, “कांग्रेस ‘कुमारस्वामी’ (जनता दल सेकुलर के नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी) बनाती है। कहीं ऐसा ना हो कि श्री ठाकरे को भी आगे चल कर आंसू बहाना पड़े।”

राकांपा नेता अजीत पवार के देवेन्द्र फड़नवीस सरकार के साथ व्यवहार के बारे में एक सवाल के जवाब में श्री हुसैन ने कहा कि राकांपा को समझना इस समय बहुत कठिन है। श्री शरद पवार का रुख बगावत था या एक ड्रामा, यह वक्त बताएगा।

झारखंड में पहले चरण के मतदान के बीच भाजपा की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा कि राज्य से आने वाली रिपोर्टें उत्साहजनक हैं। मतदान केन्द्रों पर भाजपा के विरोधियों के खेमे खाली पड़े हैं और भाजपा के खेमों में भीड़ उमड़ रही है। ये भाजपा के लिए शुभ संकेत हैं और इसमें कोई शक नहीं है कि झारखंड में अगली सरकार भाजपा ही बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों से यही अपील है कि वे घरों में नहीं बैठें बल्कि अधिक से अधिक मतदान करें।

शिवसेना के नेता संजय राउत द्वारा गोवा में भाजपा की सरकार गिराने का दावा करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “इतना भी ना इतराइये। गोवा में हमारी सरकार मजबूत है और रहेगी। उसे गिराना किसी के बस की बात नहीं है।”

मध्यप्रदेश में केंद्र के भेदभाव पर कांग्रेस का भाजपा सांसदों का घेराव – भाजपा ने पूछा:केंद्र से मिले 1 हजार करोड़ रुपये कहां गये? attacknews.in

भोपाल, 30 नवंबर ।मध्यप्रदेश के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने केन्द्र के सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इस राज्य के साथ लगातार भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए आज राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा सांसदों के आवास और कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।

कांग्रेस का आरोप है कि केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश को विभिन्न मदों में मिलने वाली राशि देने के मामले में लगातार भेदभाव कर रही है और राज्य के 28 भाजपा सांसदों का इसको लेकर ‘मूक समर्थन’ है। इसलिए कांग्रेस के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसदों को ‘जगाने’ के लिए उनके निवास एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

भोपाल में प्रदेश एवं जिला कांग्रेस द्वारा भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के घर एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर उन्हें अपने कर्तव्य का बोध कराया गया। इंदौर में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सांसद शंकर लालवानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा, सागर, बालाघाट, गुना, राजगढ़ सहित प्रदेश के अन्य भाजपा सांसदों के घर एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया।

कमलनाथ बताएं, केंद्र से मिले एक हजार करोड़ में से कितने रुपए किसानों को बांटेः राकेश सिंह

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- अपनी गलतियों को केंद्र पर थोपकर झूठ की राजनीति कर रही कांग्रेस:

इधर भोपाल में भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि,कांग्रेस ढकोसलेबाजी कर रही है, झूठ की राजनीति कर रही है। वह अपनी गलतियों को केंद्र पर थोपने की कोशिश कर रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था कि कर्जा माफ करेंगे, आज तक माफ नहीं किया। भारी वर्षा से जो फसलें खराब हुईं उनका मुआवजा देना तो दूर सर्वे तक नहीं करवाया। केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से दो बार दल भेजा। इसके पश्चात् केंद्र सरकार ने 1 हजार करोड़ रू. मध्यप्रदेश सरकार को भेजे। मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार किसानों को अभी तक 100 करोड़ रू. भी नहीं बांट पाई। यह पैसा प्रशासनिक खर्च चलाने के लिए नहीं, किसानों को देने के लिए दिया गया है।

अच्छा किया, कांग्रेस ने रास्ता बता दिया

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने यह तय किया है कि भाजपा के सांसदों के घरों का घेराव करेंगे। हमें इस बात से प्रसन्नता है। मैं कांग्रेस के नेताओं और मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहना चाहता हॅू कि आपने यह बहुत अच्छा किया कि रास्ता खोल दिया। अभी तक हम ऐसा मानते थे कि घरों पर जाकर राजनीति नहीं होना चाहिए। लेकिन अब कांग्रेस ने इसकी शुरूआत कर दी है, जिससे हमारे लिए भी रास्ता खुल गया है।

किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही प्रदेश सरकार

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है, ज्यादती कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले किसान यूरिया के लिए लाठियां खाया करता था, लाइनें लगा करती थीं। लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनने के बाद से यूरिया का संकट समाप्त हो गया है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार के समय कभी कोई कठिनाई नहीं हुई। अब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सोती रहती है। जब यूरिया की व्यवस्था करना चाहिए, तब आप टेंडर, तबादले, रेत, शराब के कार्यों में लगे होते हो। जब समय आता है और किसान परेशान होता है, तब ये अपना ठीकरा केंद्र पर थोपने लगते हैं।

जनता सब कुछ समझ रही है

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता सारी बातों को समझ रही है, देख रही है और समय आने पर इन सारी बातों का जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमारा इतना ही कहना है कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में झूठ की राजनीति बंद करे। जनता के हितों की चिंता करे, कानून व्यवस्था ठीक करे, किसानों को यूरिया समय पर मिले, इस बात की चिंता करे और फसलें चौपट होने से किसानों को जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा तत्काल किसानों तक पहुंचाए। श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस लगातार नकल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन बुजुर्गों ने कहा है कि नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है। यदि वास्तव में कांग्रेस अक्ल का प्रयोग करे, तो समस्याएं हल हो जाएं।

एक महिला के लिए घटिया शब्द प्रयोग न करें कांग्रेसी

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को इतनी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए एक महिला जो साध्वी है, उसके लिए इतने घटिया शब्दों का इस्तेमाल न करें। अगर वो ऐसा करते हैं, तो प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सदन में जो हुआ था, उसका उत्तर भी साध्वी जी ने सदन में दे दिया है। इसके बावजूद कांग्रेस विधायक खुलेआम इस प्रकार की टिप्पणी कर रहे हैं और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया चुप्पी साधे हैं, इससे साबित होता है कि कांग्रेस किस दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसी बातों को नजरअंदाज नहीं करेगी।