हैदराबाद बलात्कार-हत्याकांड:संसद के साथ देशभर में विरोध-प्रदर्शन, जनता ने बलात्कारियों को सरेआम फांसी पर लटकाने की मांग की attacknews.in

नयी दिल्ली/हैदराबाद, दो दिसंबर।हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या की संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कड़ी निंदा की गयी और विभिन्न राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए।

केंद्र ने कहा कि वह कड़े प्रावधानों को लाने और शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए कानून में संशोधन करने को तैयार है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों द्वारा उच्च अदालतों में अपील करने और दया याचिका दायर करने की अनुमति देने के चलन की समीक्षा करने की जरूरत पर बल दिया है।

लोकसभा और राज्यसभा में सभी दलों के सांसदों ने ‘एक आवाज में’ हैदराबाद मामले की निंदा की और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के दोषियों को निश्चित समय सीमा में दंडित करने के लिए कड़े कानून लाए जाने की मांग की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निचले सदन में शून्य काल के दौरान कहा कि उन्हें इस जघन्य अपराध की निंदा करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे।

हैदराबाद के निकट शादनगर अदालत पुलिस की उस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी जिसमें पूछताछ के लिए चारों आरोपियों को 10 दिन के लिये हिरासत में दिये जाने की मांग की गई है।

शादनगर बार संघ ने फैसला किया है कि वह आरोपियों के मामले की पैरवी नहीं करेगा और उन्हें कोई कानूनी मदद नहीं देगा जिसके बाद अदालत ने चारों आरोपियों को नोटिस जारी किए जाने का भी निर्देश दिया।

इस घटना के विरोध में हैदराबाद और तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। छात्रों, वकीलों और अन्य ने रैलियां निकालीं और मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को मौत की सजा दिये जाने की मांग की।

इस निर्मम घटना के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिये लोग दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी एकत्रित हुए। काला बैंड पहने लोग सड़कों पर उतरे। कुछ लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था ‘‘ हमें न्याय चाहिए’’ और ‘‘बलात्कारियों को सूली पर चढ़ाओ’’।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की छात्रा अदिति पुरोहित नारे लगाते समय रो पड़ीं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि एक महिला जो घर से दूर दिल्ली में रहती है उस नाते, यह मुद्दा मुझे और मेरे परिवार को प्रभावित करता है।’’

प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय और यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने कोलकाता में प्रदर्शन किए और बलात्कार मामलों में त्वरित कार्रवाई किए जाने की मांग की।

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने ‘पीटीआई’ को फोन पर बताया कि उन्होंने राज्य सरकार से कुछ जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के बाद वह बलात्कार एवं हत्या के इस मामले पर जल्द की केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजेंगी। वह पीड़िता के परिवार को अनुग्रह राशि दिए जाने के मामले पर भी काम कर रही हैं।

इस बीच, इस मामले में कथित रूप से लापरवाही बरतने के लेकर लोगों को निशाने पर आई तेलंगाना पुलिस ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज करने समेत हर मामले को प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई करे।

एक अधिकारी ने ‘पीटीआई’ से कहा कि ‘जीरो एफआईआर’ का प्रावधान लंबे समय से है लेकिन पशु चिकित्सक के बलात्कार एवं हत्या मामले के मद्देनजर इन निर्देशों को दोहराया गया है।

समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने राज्यसभा में कड़े शब्दों में इस घटना की निंदा करते हुए वहां के सुरक्षा प्रभारी को जवाबदेह ठहराए जाने की मांग की।

बच्चन ने कहा ‘‘हैदराबाद में एक दिन पहले भी उसी जगह इसी तरह की घटना हुई थी। वहां के सुरक्षा प्रभारी को क्यों जवाबदेह नहीं बनाया जाना चाहिए ? उनसे सवाल क्यों नहीं किए जाने चाहिए ? उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का समुचित तरीके से निर्वाह क्यों नहीं किया ?’’

उन्होंने कहा ‘‘यह पहला अवसर नहीं है जब मैं ऐसे किसी मुद्दे पर बोलने के लिए खड़ी हुई हूं। निर्भया कांड, कठुआ कांड…. यह थम ही नहीं रहा।’’

जया ने कहा ‘‘बलात्कार के दोषियों के साथ किसी तरह की नरमी नहीं की जानी चाहिए, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई सार्वजनिक तौर पर होनी चाहिए।’’

द्रमुक के पी विल्सन ने कहा कि अदालतों को ‘‘बलात्कार के दोषियों का, जेल से रिहाई से पहले सर्जरी के जरिये या रसायनों के जरिये बन्ध्याकरण के आदेश देने का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि वे रिहा होने के बाद ऐसे अपराध दोबारा न कर सकें और दूसरों के मन में भी डर उत्पन्न हो।’’

उच्च सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने हैदराबाद की घटना को दिल दहला देने वाली घटना बताते हुए कहा, ‘‘कई बार कानून के बावजूद समस्या हल नहीं हो पाती। इस समस्या से निपटने के लिए हर स्तर पर, हर जगह पूरे समाज को खड़ा होना पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि दोषियों को धर्म या जाति के भेदभाव से अलग हट कर कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।

कांग्रेस के मोहम्मद अली खान ने कहा कि बलात्कार के दोषियों के खिलाफ सुनवाई की समय सीमा तय की जानी चाहिए, सुनवाई त्वरित अदालतों में होनी चाहिए और इस तरह की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने बलात्कार के दोषियों के खिलाफ समयबद्ध सुनवाई, मृत्युदंड की सजा दिए जाने के अलावा जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने और जोखिम वाली जगहों पर रोशनी की व्यवस्था किए जाने की मांग भी की।

लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए कठोर कानून बनाए गए हैं जिन पर सदन की सहमति से पुनर्विचार किया जा सकता है।

लोकसभाध्यक्ष ने हैदराबाद की घटना पर पूरे सदन की तरफ से दुख प्रकट करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं और अपराध हमें चिंतित भी करते हैं और आहत भी करते हैं।

राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में एक युवती के साथ बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या की घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में कठोर कानून बनाने पर सहमति बनेगी तो सरकार इसके लिए तैयार है।

सिंह ने कहा, ‘‘इससे अधिक अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता है। सभी शर्मसार और आहत हैं।’’

उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद इसी सदन में कठोर कानून बना था लेकिन उसके बाद भी इस तरह के जघन्य अपराध हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी सदस्यों की राय के बाद जो कठोर कानून बनाने पर सहमति होगी, हम उसके लिए तैयार हैं।’’

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, ‘‘ आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने के संकल्प की तरह ही सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता रखती है । ’’

निचले सदन में महिलाओं के खिलाफ अपराध का विषय उठाते हुए सदस्यों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन तथा बलात्कार के मामले में कानून को और कठोर बनाने की मांग की।

इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘ सदस्यों ने सीआरपीसी, आईपीसी में संशोधन की बात कही है। सरकार तैयार है। इस बारे में सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी गई है। विधि विभाग और पुलिस विभाग से भी सुझाव आमंत्रित किये गए हैं। ’’

सदन में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के उत्तम कुमार रेड्डी ने मांग की कि त्वरित अदालत बनाकर हैदराबाद की घटना के मामले में शीघ्र सुनवाई की जाए और दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की दिशा में कार्रवाई की जाए।

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने मांग की कि हैदराबाद की घटना पर सदन संज्ञान ले और केंद्र सरकार तत्काल कठोर कानून लाकर दुष्कर्म के मामलों में केवल मौत की सजा का प्रावधान लाए।

तेलंगाना से भाजपा के बी संजय कुमार ने दोषियों के खिलाफ तत्काल कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद भी महीनों तक मामले लटके रहते हैं और अपराधियों को प्रोत्साहन मिलता है।

बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने इस संबंध में निर्भया कांड का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मामले में चार दोषियों को अभी तक फांसी पर नहीं लटकाया गया है जबकि उनकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की दिशा में तेजी से सरकार को बढ़ना होगा ताकि यह नजीर साबित हो सके।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज में हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। सदन पहले भी इस तरह के मामलों पर चर्चा में एक सुर में अपनी बात कह चुका है।

टीआरएस सदस्य नामा नागेश्वर राव ने कहा कि ऐसी जघन्य घटनाएं किसी राज्य का विषय नहीं है बल्कि यह पूरे देश के समक्ष समस्या है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए आईपीसी, सीआरपीसी में संशोधन करने की जरूरत है ।

गौरतलब है कि हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में बतौर सहायक पशु चिकित्सक काम करने वाली एक महिला का अधजला शव शहर के शादनगर इलाके में 28 नवंबर को एक पुल के नीचे मिला था। इससे एक दिन पहले वह लापता हो गई थी।

इस मामले में चार लोगों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को इन सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सभी आरोपियों की आयु 20 से 24 साल के बीच है।

भारत यात्रा पर आए स्वीडन सम्राट गुस्ताफ ने नरेन्द्र मोदी के साथ शिष्टमंडल बैठक में आतंकवाद से निपटने का संकल्प व्यक्त किया attacknews.in

नयी दिल्ली 02 दिसम्बर ।भारत और स्वीडन ने आतंकवाद सहित भविष्य की विभिन्न चुनाैतियों से मिलकर निपटने का संकल्प व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आये स्वीडन के सम्राट कार्ल गुस्ताफ 16 वें और साम्राज्ञी सिलविया से आज यहां शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की। दोनों नेताओं ने परस्पर महत्व के द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर परस्पर सहयोग बढाने का संकल्प व्यक्त किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस मुलाकात के बाद टि्वट में कहा कि भारत और स्वीडन ने भविष्य की विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और सम्राट गुस्ताफ ने नवाचार नीति के बारे में भारत-स्वीडन उच्च स्तरीय नीति संवाद की भी अध्यक्षता की।

सम्राट गुस्ताफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के निमंत्रण पर छह दिन की यात्रा पर सोमवार सुबह यहां पहुंचे। वह तीसरी बार भारत यात्रा पर आये हैं।

इससे पहले दिन में विदेश मंत्री डा एस जयशंकर ने भी श्री गुस्ताफ से मुलाकात की। डा जयशंकर ने मुलाकात के दौरान भारत-स्वीडन के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बढते सहयोग को और मजबूत बनाने तथा इनका विस्तार करने के प्रति भारत की वचनबद्धता दोहरायी। उन्होंने अपने स्वीडन में समकक्ष एन लिंडे के साथ शाम को विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। बाद में डा जयशंकर ने टि्वट कर कहा कि उन दोनों ने आतंकवाद विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद की चुनौती पर चर्चा की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन का अधिकार सबसे बुनियादी मानवाधिकार है।

कोलकाता में आरएसएस कार्यकर्ता को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मारी गोली attacknews.in

कोलकाता, दो दिसंबर ।उत्तर-पश्चिम बंगाल के गार्डेन रीच इलाके में सोमवार को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यकर्ता को गोली मारने की घटना सामने आई है। पुलिस ने बताया कि हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो पायी है।

भाजपा ने आरोप लगाया कि यह हमला तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने करवाया है और पुलिस दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

पुलिस ने बताया कि सोमवार सुबह लगभग 10 बजे मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने बीर बहादुर सिंह को गोली मार दी थी। उसे तुरन्त अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सिंह को क्षेत्र में एक प्रसिद्ध आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है।

टीएमसी ने हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

भाजपा ने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में, हिंदू और हिंदुत्व संगठन खतरे में हैं और भगवान की दया से हम अभी तक बचे हुए हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि बीर बहादुर सिंह शीघ्र स्वस्थ हो।’

विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को घुसपैठिया कहने पर संसद में हंगामा attacknews.in

नयी दिल्ली 02 दिसंबर ।लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को घुसपैठिया बताये जाने संबंधी बयान पर सदन में सत्तापक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और श्री चौधरी से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की।

शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उदय प्रताप सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को घुसपैठिया कहा है। श्री चौधरी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हैं। वे घुसपैठ को बढ़ाने के पक्षधर हैं। जबकि श्री मोदी भाजपा के नेता नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के दिल पर राज करते हैं। श्री चौधरी को इसके लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

श्री सिंह के यह कहने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्तापक्ष के अनेक सदस्य अपने स्थान पर खड़े गये और उत्तेजित होकर श्री चौधरी से क्षमायाचना करने की मांग की। श्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को घुसपैठिया बताकर श्री चौधरी ने साबित किया है कि कांग्रेस जनादेश का सम्मान नहीं करती है और स्वीकार भी नहीं करती है। वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

बाद में श्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्तापक्ष उनकी बात के संदर्भ को जाने बिना ही उत्तेजित हो रहा है। सत्तापक्ष को उनकी बात सुननी चाहिए। ये सारे संदर्भ सुनने पर उनकी बात का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह खुलेआम स्वीकार करते हैं कि वह और उनके माता पिता बंगलादेश से भारत में आये थे। पर आज़ादी के समय आने पर कोई उनको घुसपैठिया कह दे तो क्या वह घुसपैठिया कहलाएंगे।

इससे पहले श्री चौधरी अपनी पूरी बात कह पाते, अध्यक्ष ओम बिरला से सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी।

प्रधानमंत्री को ‘घुसपैठिया’ कहने की निंदा करे राज्यसभा: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘घुसपैठिया’ कहने पर सोमवार को राज्यसभा में शाेर शराबा किया और कहा कि सदन को इस बयान की निंदा करनी चाहिए।

सदन में भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर उप सभापति हरिवंश ने ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण एवं विज्ञापन) प्रतिबंध विधेयक 2019’ की चर्चा शुरु कराने का प्रयास किया तो भाजपा के भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया और कहा कि लोकसभा के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया है। इस सदस्य ने प्रधानमंत्री के लिए ‘घुसपैठिया’शब्द का इस्तेमाल किया है। सदन को इसकी निंदा करनी चाहिए।

इस पर कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद, रिपुन बोरा और दिग्विजय सिंह खड़े हो गये और कहा कि दूसरे सदन के मामलों का उल्लेख इस सदन में नहीं किया जा सकता।

श्री हरिवंश ने कहा कि व्यवस्था का प्रश्न केवल सदन में मौजूदा कार्यवाही के संबंध में उठाया जा सकता है। इसके बाद भाजपा के सभी सदस्य खड़े हो गये अौर ‘माफी मांगों, माफी मांगों’ के नारे लगाते हुए आसन की ओर बढ़ने लगे।

श्री हरिवंश ने सदस्यों से शांति बनाये रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि सदन चलाने में सभी सहयोग करना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को अधिकार है लेकिन यह किसी के अपमान करने की स्वतंत्रता नहीं है। सदन ने पहले भी ऐसे मामलों में ऐसे लोगों की निंदा की है जो इस सदन के सदस्य नहीं है या मामला सदन से बाहर का रहा है। इस पर श्री हरिवंश ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे और उचित कार्यवाही करेंगे।

शिवांगी स्वरूप बनी नौसेना की पहली महिला पायलट attacknews.in

कोच्चि, 02 दिसम्बर । बिहार के मुजफ्फरपुर की सब लेफ्टिनेंट शिवांगी स्वरूप ने नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का श्रेय हासिल किया है।

शिवांगी ने सोमवार को अपना आपरेशन प्रशिक्षण पूरा कर लिया और आज से ही यहां आपरेशन ड्यूटी में शामिल हो गईं। चौबीस वर्षीय शिवांगी डोनियर 228 सर्विलांस एयरक्राफ्ट उड़ाएंगी। यह एयरक्राफ्ट हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा तैयार किया गया है।

बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार कठोरत्तम कानून बनाने को तैयार attacknews.in

नयी दिल्ली, दो दिसंबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में एक युवती के साथ बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या की घटना की निंदा करते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में कठोर कानून बनाने पर सहमति बनेगी तो सरकार इसके लिए तैयार है।

उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान हैदराबाद की घटना के संदर्भ में यह टिप्पणी की।

सिंह ने कहा, ‘‘इससे अधिक अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता है। सभी शर्मसार और आहत हैं।’’ उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद इसी सदन में कठोर कानून बना था लेकिन उसके बाद भी इस तरह के जघन्य अपराध हो रहे हैं।

सिंह ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा के लिए तैयार है और ऐसे अपराधियों को कठोरतम सजा देने पर सदन में जो सहमति बनती है, उसके आधार पर सरकार प्रावधान लाने को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी सदस्यों की राय के बाद जो कठोर कानून बनाने पर सहमति होगी, हम उसके लिए तैयार हैं।’’

इससे पहले कांग्रेस, भाजपा, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआरसीपी, बसपा और द्रमुक समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने हैदराबाद में पिछले सप्ताह एक महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना की निंदा की और ऐसे मामलों में दोषियों को जल्द से जल्द कठोरतम सजा देने की मांग की।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज में हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। सदन पहले भी इस तरह के मामलों पर चर्चा में एक सुर में अपनी बात कह चुका है।

तेलंगाना राष्ट्र समिति की एम कविता ने कहा कि निर्भया कांड में अभी तक दोषियों को सजा नहीं मिली है।

उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में व्यापक चर्चा कराने की और दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की।

अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने हैदराबाद की घटना पर राज्य सरकार के रवैये को दुखद बताया और कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने फास्ट ट्रैक अदालत के गठन में तीन दिन लगा दिये।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में चर्चा होती है और कठोर कार्रवाई की मांग उठती है, लेकिन राज्य सरकारें और केंद्र सरकार कार्रवाई करने में नाकाम रही हैं।

पटेल ने कहा, ‘‘हम यह कड़ा संदेश नहीं दे पा रहे कि हम इस तरह की घटनाओं को रोकने में सक्षम हैं।’’

वाईएसआर कांग्रेस की गीता विश्वनाथ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह इस सरकार ने अनुच्छेद 370 जैसे फैसले लेने में दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई, उसी तरह सामूहिक दुष्कर्म की ऐसी घटनाओं पर भी कठोर कानून लाए ताकि अपराधियों के मन में डर बैठे।

शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि सरकार इसी सत्र में एक विधेयक लाए और ऐसे अपराधों के दोषियों को छह महीने के अंदर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान हो।

हालांकि उनकी ही पार्टी के अरविंद सावंत एवं अन्य दलों के सदस्य कहते सुने गये कि छह महीने नहीं बल्कि 30 दिन में सजा दी जानी चाहिए।

बसपा के दानिश अली ने भी ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं करने की बात कही।

तेलुगुदेसम पार्टी के राम मोहन नायडू ने भी कठोर कानून बनाने और कठोर सजा दिए जाने की मांग की।

हैदराबाद बलात्कार मामला संसद में गूंजा:सरकार द्वारा महिला अत्याचार के प्रति जीरो टाॅलरेंस के लिए IPC और Crpc में संशोधन की तैयारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 02 दिसंबर । संसद के दाेनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों ने सोमवार को हैदराबाद पशु चिकित्सक बलात्कार कांड पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अपराधियों को जल्द से जल्द एवं सख्त से सख्त सजा देने के लिए पुलिस व्यवस्था तथा न्यायिक प्रणाली में और सुधार करने की पुरजोर मांग की।

लोकसभा में प्रश्नकाल में और राज्यसभा में शून्य काल में सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार ढंग से इस मामले को उठाया और पुलिस एवं व्यवस्था को संवेदनशील तथा समाज को जागरुक बनाने की अपील की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन इस घटना की कड़ी निंदा करता है और सरकार ने संबंधित कानूनों में अपेक्षित सुधार लाने के लिए का अाश्वासन दिया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निर्भया कांड के इस तरह के लिए कड़े कानून बनाये गये थे लेकिन अपराधों में कमी नहीं आयी है। इसके मद्देजर अब सभी सदस्यों की राय मिल जाने के बाद सरकार कानून में सुधार करेगी।

राज्यसभा में भाजपा,कांग्रेस और अन्य दलों ने इस मुद्दे को उठाया तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि केवल कानून बनाने से इस तरह के अपराधों से निटपने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर और मिलकर काम करना होगा।

श्री बिरला तथा सभी दलों के सदस्यों ने तेलंगाना के शमशाबाद में एक पशु-चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की सोमवार को निंदा की और सरकार ने सदन को आश्वस्त किया कि ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम करते हुये ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए वह कानून में सभी जरूरी बदलाव करने के लिए तैयार है।

सदस्यों द्वारा शून्यकाल के दौरान इस घटना पर चिंता जताये जाने तथा बलात्कार से संबंधित कानून को और कड़ा बनाये जाने की माँग पर सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “इससे बड़ा कोई अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता। इससे सभी आहत हुये हैं। सभी सदस्यों की अपेक्षा है कि इस तरह के मामलों में अपराधियों को कठोर से कठोर दंड मिले। इसके लिए कानून में जो भी बदलाव करना होगा, करने के लिए सरकार तैयार है।”

उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद कानूनों में बदलाव किया गया था तथा फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया था। इसके बाद सबने यह मान लिया था कि इस तरह की घटनाओं में कमी आयेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इस विषय पर चर्चा कराने या न कराने का फैसला अध्यक्ष पर छोड़ते हुये कहा कि सरकार सभी सदस्यों के सुझाव सुनकर कर कानूनों में सभी तरह के जरूरी प्रावधान करने के लिए तैयार है।

श्री बिरला ने भी पूरे सदन की तरफ से घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसी घटना, इस तरह के अपराध सभी सदस्यों को चिंतित और आहत करते हैं। सदन चिंतित है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

महिला अत्याचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, आईपीसी, सीआरपीसी में संशोधन की तैयारी

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी कानून में हर जरूरी बदलाव के प्रति सदन को आश्वस्त करते हुये कहा कि सरकार ऐसे मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम करेगी। संबद्ध कानूनों में बदलाव का मसौदा तैयार है। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। राज्यों को पत्र लिखकर इस मसौदे पर उनसे सुझाव माँगे गये हैं और इसे जल्द से जल्द संसद में पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पूरे देश में एकल हेल्पलाइन नंबर “112” जारी किया है।

सरकार ने हैदराबाद बलात्कार कांड पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि वह आतंकवाद और भ्रष्टाचार के साथ-साथ महिलाओं पर अत्याचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ (कतई सहन नहीं करने) की नीति पर काम करेगी और इसके लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन करने के लिए तैयार है।

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा यह मामला उठाये जाने के बाद स्पष्टीकरण देते हुये कहा कि हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ जो घटना हुई है उसको लेकर वह उसके परिवार के संपर्क में हैं। वह पुलिस महानिदेशक और हैदराबाद के पुलिस आयुक्त से भी सतत संपर्क में हैं। इस घटना की पूरी संसद ने निंदा की है।

श्री रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार इसके लिए कानूनी कदम उठाने के लिए तत्पर है। केन्द्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जिस प्रकार से आतंकवाद और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। सरकार उसी प्रकार से महिला अत्याचार को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ के आधार पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए आईपीसी और सीआरपीसी के संशोधन के लिए तैयार है। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। राज्यों को पत्र लिखा गया है और इस बारे में मसौदा तैयार हो गया है।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस हादसे में पुलिस को अधिक सक्रियता से काम करना चाहिए था। इस घटना की विदेशों में भी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना निर्भया कांड से भी भयंकर है। निर्भया कांड में पीड़िता का बयान मिल गया था और उसका शरीर भी था, लेकिन इस घटना में पीड़िता का बयान और उसका शरीर तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आवश्यक कानूनी सुधार करने के लिए सरकार को सभी राजनीतिक दलों और स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग मिलना चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने आपात प्रतिक्रिया प्रणाली का एक हेल्पलाइन नंबर 112 शुरू किया है जिसमें 100, 101, 102, 108 आदि कुल दस आपात नंबरों पर स्वत: सूचना पहुँच जाएगी और उपग्रह आधारित भूस्थैतिक प्रणाली से पीड़ित की लोकेशन का पता लगा कर उसे मदद देने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

इससे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमो नागेश्वर राव ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हैदराबाद की घटना से वह बहुत दु:खी हैं। तेलंगाना सरकार ने पाँच लाख सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं। सामाजिक सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू की है। इस घटना के लिए भी पुलिस के 10 दलों का गठन करके छह घंटे के भीतर आरोपियों काे पकड़ लिया गया और लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

श्री राव ने कहा कि यह समस्या केवल तेलंगाना या हैदराबाद की ही नहीं, पूरे देश की है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर भी ऐसी ही घटनाओं के बारे में सदन में चर्चा की गयी है। पंद्रहवीं लोकसभा में हम सबने निर्भया कांड के बाद कठोर कानून बनाया था। अब समय आ गया है कि आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव किया जाये ताकि फास्ट ट्रैक अदालतों में 30 दिन के भीतर मामले की सुनवाई पूरी हो और आरोपी को फांसी की सजा मिले।

हैदराबाद की घटना पर मोदी की चुप्पी आश्चर्यजनक : कांग्रेस

कांग्रेस ने हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर हैरानी जतायी है और आरोप लगाया है कि उनकी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के उपाय करने के लिए बने निर्भया निधि को खर्च नहीं कर रही है।

कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य अमी याग्निक तथा सुश्री शम्मा मोहम्मद ने सोमवार को यहां संसद भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हैदराबाद की घटना दिल दहलाने वाली है लेकिन श्री मोदी ने इस बारे में अब तक कुछ नहीं बोला है और यह हैरान करने वाली स्थिति है। आश्चर्य इस बात का भी है कि महिला और बाल विकास मंत्री एक महिला हैं लेकिन वह भी इस मुद्दे पर खामोश हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी एक महिला हैं लेकिन इस मामले में उनकी संवेदना भी नहीं जगी और वह भी चुप्पी साधे हैं।

मानवाधिकार आयोग ने यौन शोषण की घटनाओं पर केन्द्र और राज्यों से मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश में यौन शोषण की बढती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इस संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए केन्द्र, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को नोटिस जारी कर इन मामलों से निपटने की प्रक्रिया तथा निर्भया निधि के इस्तेमाल के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।

आयोग का मानना है कि इस बुराई से निपटने के लिए सभी पक्षधारकों को मिलकर काम करने की बेहद अधिक जरूरत है। उसने महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव से केन्द्र सरकार की इस संबंध में निर्भया तथा अन्य योजनाओं के बारे में छह सप्ताह में रिपोर्ट देने को भी कहा।

हैदराबाद कांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलायें सरकार : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने हैदराबाद में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म अौर हत्या की घटना को दुखद बताते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की है।

सुश्री मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा, “ हैदराबाद में एक महिला डाक्टर के दुष्कर्म और हत्या की दरिन्दगी के खिलाफ देशभर में फैला जन आक्रोश बहुत ही स्वाभाविक है। घटना अति-दुःखद एवं अति-निन्दनीय है तथा सरकार को चाहिए कि दोषियों को यथाशीघ्र कड़ी से कड़ी सज़ा सुनिश्चित करके पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए।”

दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

तेलंगाना में हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या तथा रांची और वडोदरा में हुई दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ अपना विरोध दर्शाने और न्याय की मांग के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोग सोमवार को यहां जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए।

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन और ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेंस एसोसिएशन जैसे कई संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विरोध-प्रदर्शन की आयोजक एवं कांग्रेस नेता अमृता धवन ने कहा, “मैं एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि समाज के एक ऐसे सदस्य के तौर पर इस प्रदर्शन का आह्वान कर रही हूं, जो समाज में हो रही घटनाओं को लेकर चिंतित है। महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं, इस पर चर्चा करने के लिए हमें दूसरी निर्भया क्यों चाहिए? न्यायिक प्रणाली को त्वरित न्याय सुनिश्चित करना होगा ताकि पीड़ितों के परिवारों को कुछ राहत मिले।”

उन्होंने कहा, “निर्भया के बलात्कारी अब भी जेल में है और उन्हें अब तक फांसी नहीं दी गयी है। वे जेल में अपनी जिंदगी जी रहे हैं, उन्हें खाना मिल रहा है और वे चैन से सो रहे हैं लेकिन पीड़ितों के परिवारों को क्या मिला, जिनकी जिंदगी हमेशा के लिए तबाह हो गई है।”

प्रदर्शन के दौरान काली पट्टियां बांधे प्रदर्शनकारियों ने ‘हमें न्याय चाहिए’, ‘हमें शर्म आती है कि हत्यारे अब तब जिंदा हैं’ के नारे लगाये।

गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में काम करने वाली पशु चिकित्सक का गुरुवार रात हैदराबाद के बाहरी इलाके में चार लोगों ने दुष्कर्म किया और उसके बाद उन्हें जिंदा जला दिया जिससे उनकी मौत हो गई। उनका झुलसा हुआ शव शुक्रवार को बरामद हुआ था। इस मामले के चार आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

हैदराबाद में महिला डाक्टर की बड़ी हैवानियत से की गई हत्या के मामले में पुलिस ने जांच समय-सीमा में पूरी करने की तैयारी की attacknews.in

हैदराबाद, दो दिसंबर ।तेलंगाना में महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की जांच कर रही पुलिस ने सोमवार को बताया कि उससे जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा गया है।

पुलिस ने बताया कि तेलंगाना पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एम महेंद्र रेड्डी ने रविवार रात को हुई एक बैठक में ये निर्देश दिए जिसमें उन्होंने मामले में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की।

इससे पहले रेड्डी ने उस जगह का मुआयना किया जहां यह वीभत्स अपराध अंजाम दिया गया था और जिसने 2012 के निर्भया मामले की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। इस मामले को लेकर देश में एक बार फिर आक्रोश का माहौल है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा, “डीजीपी सर ने हमें कुछ निर्देश दिए हैं…जांच जारी है…समयबद्ध तरीके से हम जांच को पूरा करेंगे।”

अधिकारी ने बताया कि पुलिस चारों आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए विधि मंत्रालय से फास्ट ट्रैक अदालत गठित करने का अनुरोध करने की प्रक्रिया में है। पुलिस इस नृशंस अपराध को अंजाम देने वालों के लिए अधिकतम सजा की मांग करेगी।

सरकारी अस्पताल में बतौर सहायक पशु चिकित्सक काम करने वाली 25 वर्षीय महिला का अधजला शव शादनगर में 28 नवंबर को एक पुल के नीचे मिला था। इससे एक दिन पहले वह लापता हो गई थी।

इस मामले में 20 से 24 साल के बीच के चार लोगों को महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में 29 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को इन सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जेल ले जाने के दौरान इन चारों आरोपियों को हिंसक प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा जिसके बाद अब उन्हें यहां चेरलापल्ली कारागार की उच्च सुरक्षा वाली कोठरियों में एकांत में रखा गया है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक निगरानी बरती जा रही है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने तेजी से मुकदमा चलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के गठन की रविवार को घोषणा की और मृतक के परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।

साइबराबाद पुलिस ने मीडिया से महिला डॉक्टर की हत्या पर लगातार कार्यक्रम नहीं दिखाने और उसका नाम नहीं इस्तेमाल करने की अपील की। साथ ही सोशल मीडिया में हैशटैग “जस्टिस फॉर दिशा’’ चलाने का सुझाव भी दिया।

पुलिस ने कहा कि वह अदालत में जल्द ही एक याचिका दायर करने की योजना बना रही है जिसमें चारों आरोपियों से और पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की जाएगी।

अयोध्या फैसले की 14 गल्तियों के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने दायर की पुनर्विचार याचिका

नयी दिल्ली, 02 दिसंबर ।अयोध्या का राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद सोमवार को उस वक्त एक बार फिर उच्चतम न्यायालय की दहलीज पर पहुंच गया, जब जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने पुनर्विचार याचिका दायर की।

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के उत्तर प्रदेश के प्रमुख अशहद रशीदी ने अयोध्या मामले में गत नौ नवंबर को शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के करीब तीन हफ्ते बाद पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। दो सौ सत्रह पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है।

अपनी याचिका में जमीयत ने न्यायालय से आग्रह किया है कि वह गत नौ नवंबर को अपने फैसले की समीक्षा करे। साथ ही उसने हिन्दुओं के पक्ष में आए उक्त फैसले पर रोक लगाने की भी मांग अदालत से की है।

पुनर्विचार याचिका में जमीयत ने कहा है कि शीर्ष अदालत ने माना है कि हिन्दुओं द्वारा इस स्थल पर 1934, 1949 और 1992 में गैर-कानूनी काम किए गए। न्यायालय ने इन कृत्यों की निंदा भी की है, इसके बावजूद यह जमीन हिन्दू पक्ष को दे दी गई? इसलिए इस फैसले पर रोक लगायी जानी चाहिए।

गौरतलब है कि न्यायालय ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिमों को अयोध्या में कहीं और पांच एकड़ ज़मीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसे जमीयत ने शरीयत के ख़िलाफ़ बताया है। जमीयत का कहना है कि मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद के लिए कहीं और जमीन नहीं मांगी थी, लेकिन फैसले में संतुलन बनाने के इरादे से ऐसा आदेश सुनाया गया।

जमीयत ने अपनी समीक्षा याचिका में दावा किया है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुस्लिम पक्ष मानता है कि काफ़ी दिनों से चले आ रहे इस विवाद का जल्द से जल्द अंत हो। जमीयत ने कहा है कि इतिहास में हुई ग़लतियों को न्यायालय सुधार नहीं सकता। मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाए जाने के अभी तक कोई सबूत भी नहीं मिले हैं।

जमीयत ने न्यायालय से आग्रह किया है कि प्राचीन काल में आए पर्यटकों और घुमंतुओं द्वारा रचित वृत्तांतों पर भरोसा करना सही नहीं है और उन्हें काफ़ी बारीकी से पढ़ा जाना चाहिए। जमीयत ने फ़ैसले को त्रुटिपूर्ण करार दिया है। इस पुनर्विचार याचिका में संविधान पीठ के फ़ैसले में ’14 गलतियां’ गिनाई गई हैं और दावा किया गया है कि फैसले की समीक्षा का आधार भी यही है।

महाराष्ट्र में 40 हजार करोड़ की 80 घंटे वाली भाजपा सरकार बताने पर अपने ही सांसद को देवेन्द्र फड़नवीस ने बताया झूठा attacknews.in

बेंगलुरु/नईदिल्ली/नागपुर , दो दिसंबर ।पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने दावा किया कि उनकी पार्टी के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के नियंत्रण वाली 40,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि का ‘दुरुपयोग’ होने से ‘बचाने’’ के लिए बहुमत न होने के बावजूद पिछले महीने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया।

विवादित बयान देने के लिए पहचाने जाने वाले हेगड़े ने महाराष्ट्र में भाजपा द्वारा सरकार बनाने को ‘नाटक’ बताते हुए इस प्रकरण में एक नया दिलचस्प मोड़ देने की कोशिश की। हेगड़े ने मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस के दूसरी बार शपथ लेने के महज 80 घंटों बाद इस्तीफा देने को ‘नाटक’ बताते हुए कहा कि यह इसलिए किया गया कि विकास कार्यों के लिए दी गई निधि की ‘रक्षा’ की जा सके।

हेगड़े ने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में हाल ही में महज 80 घंटों के लिए हमारा आदमी मुख्यमंत्री था लेकिन जल्द ही फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया। हमने यह नाटक क्यों किया? क्या हम नहीं जानते थे कि हमारे पास बहुमत नहीं है, वह क्यों मुख्यमंत्री बने? यह आम सवाल है जो हर कोई पूछ रहा है।’’

उत्तर कन्नड़ जिले में येल्लापुर में उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान शनिवार को एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के नियंत्रण में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि थी। अगर राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना सत्ता में आती तो निश्चित तौर पर 40,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल विकास कार्य के लिए नहीं किया जाता और इसका दुरुपयोग किया जाता।’’

भाजपा नेता ने कन्नड़ भाषा में कहा, ‘‘यह पहले ही तय था। जब हमें पता चला कि तीनों पार्टियां सरकार बना रही हैं तो यह नाटक रचने का फैसला किया गया। इसलिए बंदोबस्त किया गया और फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई जिसके बाद 15 घंटों के भीतर फडणवीस ने पैसे को वही पहुंचा दिया जहां उसे जाना चाहिए था और उसे बचा लिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरा पैसा केंद्र सरकार को वापस दे दिया गया वर्ना “अगले मुख्यमंत्री ने…आप जानते हैं कि क्या किया होता।”

अनंत कुमार के बयान पर जवाब दें प्रधानमंत्री : कांग्रेस

कांग्रेस ने महाराष्ट्र में भाजपा की अल्पकालिक सरकार बनने के संदर्भ में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के कथित दावे को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए कहा कि इससे मोदी सरकार की पोल खुल गई है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने खोली मोदी सरकार की पोल, भाजपा का महाराष्ट्र विरोधी चेहरा बेनक़ाब हुआ।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या संघीय ढांचे को पांव तले रौंद दिया गया? क्या जनता और किसान की भलाई के काम आने वाला 40,000 करोड़ रुपया एक षड्यंत्र के तहत वापस ले लिया गया?’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जबाब दें।’’

फडणवीस ने पार्टी सांसद अनंत कुमार के आरोपों किया खंडन

नागपुर से खबर है कि,महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनंत कुमार हेगड़े के आरोपों का खंडन किया है कि संख्या बल नहीं होने बावजूद वह 15 घंटे के लिए इसलिए मुख्यमंत्री बने थे ताकि वह राज्य के खजाने से 40 हजार करोड़ रुपया निकाल कर केंद्र को दे सकें।

कर्नाटक से सांसद हेगड़े अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने महाराष्ट्र में हाल ही के दिनों में हुई राजनीतिक उठापटक पर बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि श्री फडणवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार को रातोंरात साथ लेकर जिस तरह सुबह सरकार बनाई थी, उसके पीछे 40 हजार करोड़ रुपया था। उन्होंने आरोप लगाया है श्री फडणवीस ने राज्य के खजाने से 40 हजार करोड़ रुपया निकालकर केंद्र को दे दिया।

श्री श्री रविशंकर ने अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दायर करने को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दोहरा मानदंड बताया attacknews.in

कोलकाता, एक दिसंबर ।अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने “दोहरा मानदंड” करार दिया।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को आगे बढ़ना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्य रहे आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि मामला काफी पहले सुलझा लिया गया होता, अगर एक पक्ष विवादित जगह पर मस्जिद बनाने पर न अड़ा रहता।

भारत में मौजूदा आर्थिक संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

श्री श्री रविशंकर ने यहां एक खास साक्षात्कार में कहा, “हां, मैं अयोध्या पर फैसले से खुश हूं। मैं 2003 से कह रहा हूं कि दोनों समुदाय इस पर काम कर सकते हैं…एक तरफ मंदिर बनाइए और दूसरी तरफ मस्जिद। लेकिन ये जिद की मस्जिद वहीं बनानी है, उसका कोई मतलब नहीं है।”

श्री श्री शहर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में लोगों को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने नए कार्यक्रम “व्यक्ति विकास से राष्ट्र विकास” की भी घोषणा की।

उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले को “लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिये बेहद अच्छा निर्णय” बताया।

उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने नौ नवंबर को एकमत से अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिये पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करे।

इस फैसले को लेकर एआईएमपीएलबी द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि किसी भी फैसले से सभी लोग खुश नहीं हो सकते।

‘द आर्ट ऑफ लीविंग फाउंडेशन’ के संस्थापक ने कहा, “स्वाभाविक है, हर किसी को एक फैसले से खुश नहीं किया जा सकता, अलग-अलग लोगों की अलग राय होती है…जो लोग फैसले पर पुनर्विचार के लिये योजना बना रहे हैं वही लोग पहले कह रहे थे कि वे उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे, उन्होंने अपना मन बदल लिया।”

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पिछले हफ्ते कहा कि हाल के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका का मसौदा तैयार है और याचिका तीन या चार दिसंबर को दायर की जाएगी।

एआईएमपीएलबी ने भी कहा है कि पुनर्विचार याचिका नौ दिसंबर से पहले दायर की जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों संगठन इस मामले में दोहरा मानदंड अपना रहे हैं, श्री श्री ने कहा, “यह साफ है… पहले उन्होंने कहा था कि फैसला स्वीकार करेंगे भले ही यह उनके हितों के विपरीत हो। अब वे कुछ अलग कह रहे हैं।”

आध्यात्मिक गुरु (63) ने हालांकि जोर देकर कहा कि अयोध्या मामले को दो अन्य विवादित स्थलों वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि के साथ “नहीं मिलाया जाना” चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा, “कई तरह की आवाजें आती रहती हैं, समाज में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। हमें अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी, शिक्षा, नौकरियों और बेरोजगारी पर ध्यान देना होगा। हमें यह देखना होगा कि कैसे ज्यादा उद्यमी बनाएं और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएं।”

दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के खराब प्रदर्शन के बारे में श्री श्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिये हर तरफ से प्रयास होने चाहिए।

ब्रिटेन बनने जा रहा है आतंकवाद का गढ़,लंदन ब्रिज हमले के मारे गए आतंकवादी की इच्छा सामने आई attacknews.in

लंदन 01 दिसंबर । इंग्लैंड की राजधानी लंदन के एक ब्रिज में चाकू से हमला करने वाला शख्स कश्मीर में एक आतंकवाद केंद्र स्थापित करना चाहता था ताकि ब्रिटिश आतंकवादियों की नई पीढ़ी वहां आतंकवाद फैला सके।

चाकू हमले को अंजाम देने वाला हमलावर बाद में पुलिस की गोली लगने से मारा गया। इससे पहले हमलावार ने दो लोगों की हत्या कर दी और कई अन्य को घायल कर दिया था।

आईएस ने लंदन ब्रिज हमले की ली जिम्मेदारी:

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने लंदन हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि इसके एक लड़ाके ने इस हमले को अंजाम दिया था।

इस्लामिक स्टेट ने अपनी न्यूज एजेंसी अमाक में एक पोस्ट जारी करते हुए इस घटना को अंजाम देने का दावा किया है। इस पोस्ट को टेलीग्राम एप्प ने भी प्रकाशित किया है।

कुछ दिनों के लिए बंद रहेगा लंदन ब्रिज : मेयर

गत शनिवार को लंदन ब्रिज में चाकू के हमले के बाद फॉरेंसिक विभाग की जांच के कारण कुछ दिनों के लिए लंदन ब्रिज को बंद रखा जाएगा।

शहर के मेयर सादिक खान ने इसकी जानकारी दी।

लंदन ट्रांसपोर्ट सेवा ने कहा कि ब्रिज में दोनों तरफ की आवाजाही को हमले के कारण रोका गया है। इस हमले में एक व्यक्ति और महिला सहित दो लोगों की मौत हुई थी और तीन अन्य घायल हुए थे। घायलों में एक की हालात गंभीर बनी हुई है।

श्री सादिक ने लंदन ब्रिज का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा कि लंदन ब्रिज कुछ समय के लिए बंद रहेगा।

इससे पहले लंदन पुलिस ने कहा था कि वह इस हमले को आतंकी हमले के रुप में देख रहे हैं। इस बीच हमलावर की पहचान उस्मान खान (28) के रुप में हुई है और वह पहले भी आतंकी गतिविध में शामिल होने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।

उद्धव ठाकरे और देवेन्द्र फड़नवीस के बीच जुबानी जंग में छींटाकसी में फड़नवीस का पलटवार: मैं बहुत जल्द वापस लौटूंगा attacknews.in

मुंबई, एक दिसम्बर ।महाराष्ट्र विधानसभा में रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के बीच जुबानी जंग देखने को मिली।

ठाकरे ने फडणवीस के चुनाव से पहले किये गये दावे ‘‘मी पुन्हा येईं’’ (मैं वापस लौटूंगा) पर कटाक्ष किया।

महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सदन में इस आशय की घोषणा की।

फडणवीस को मित्र बताते हुए ठाकरे ने कहा कि वह उन्हें विपक्षी नेता के रूप में नहीं देखते हैं।

ठाकरे ने अपने बधाई संदेश में कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं कहा कि कि मैं वापस लौटूंगा, लेकिन मैं इस सदन में आया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन और महाराष्ट्र के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि मैं कुछ भी आधी रात को नहीं करूंगा। मैं लोगों के हितों के लिए काम करूंगा।’’

ठाकरे के इस कटाक्ष को फडणवीस और राकांपा प्रमुख अजित पवार के 23 नवम्बर की सुबह जल्दबाजी में शपथ लिये जाने के संबंध में देखा जा रहा है।

चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ‘‘मैं वापस लौटूंगा’’ पर तंज कसने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा कहा, लेकिन इसके लिए समय देना भूल गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं आपको एक बात का आश्वासन दे सकता हूं, आपको कुछ समय इंतजार करने की जरूरत है।’’

उन्होंने शायरी करते हुए कहा, ‘‘मेरा पानी उतरते देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समुंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले पांच सालों में न केवल कई परियोजनाओं की घोषणा की है बल्कि इन पर काम भी शुरू किया गया है। आप नहीं जानते, मैं उनका उद्घाटन करने के लिए वापस आ सकता हूं।’’

ठाकरे ने कहा कि वह फडणवीस को ‘‘विपक्ष के नेता’’ नहीं बल्कि ‘‘जिम्मेदार नेता’’ कहेंगे। अगर सब कुछ अच्छा होता तो यह सब (भाजपा-शिवसेना अलगाव) नहीं होता ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने फडणवीस से बहुत चीजें सीखी हैं और उनके साथ हमेशा मेरी मित्रता रहेगी। मैं आज भी हिंदुत्व की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा। पिछले पांच साल में मैंने (भाजपा-शिवसेना) सरकार से कभी छल नहीं किया। ’’

किसानों की समस्याओं को कम करने की सदन से अपील करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘इस सरकार का उद्देश्य न केवल किसानों का कर्जा माफ करना है बल्कि हमें उनकी परेशानियों को भी कम करने की जरूरत है।’’

शिवसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि देवेन्द्र फडणवीस के साथ उनकी मित्रता है।

ठाकरे ने कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होगा कि हम लंबे समय से अच्छे मित्र हैं। अगर आपने हमारी बात सुनी होती तो मैं घर पर बैठकर आज के घटनाक्रम को टीवी पर देख रहा होता।’’

राकांपा नेता जयंत पाटिल ने फडणवीस पर निशाना साधा।

पाटिल ने कहा, ‘‘उन्होंने (फडणवीस) कहा कि वह लौटेंगे, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कहां (सदन में) बैठेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब वह वापस लौट आये हैं और इस शीर्ष पद (विपक्ष के नेता) पर काबिज हो रहे हैं जो मुख्यमंत्री पद के समान है।’’

राकांपा नेता ने विश्वास जताया कि फडणवीस ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार को हटाये जाने के किसी भी प्रयास का हिस्सा नहीं होंगे।

BCCI अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृति लेने का वार्षिक आम बैठक में निर्णय attacknews.in

मुंबई, एक दिसंबर ।सौरव गांगुली की अगुवाई वाले बीसीसीआई ने रविवार को उसके पदाधिकारियों के कार्यकाल को सीमित करने वाले प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति लेने का फैसला किया और साथ ही आईसीसी की मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में भाग लेने के लिये सचिव जय शाह को अपना प्रतिनिधि बनाया।

पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली के कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकाल की सीमा से जुड़े नियम में ढिलाई के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति और शाह को आईसीसी बैठक के लिए नियुक्त करने का फैसला यहां बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक में किया गया।

गांगुली ने एजीएम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आखिर में फैसला अदालत ही करेगी। ’’

मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा।

गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें अगले साल पद छोड़ना होगा लेकिन छूट दिए जाने के बाद वह 2024 तक पद पर बने रह सकते हैं।

मौजूदा पदाधिकारी चाहते हैं कि अनिवार्य ब्रेक किसी व्यक्ति के बोर्ड और राज्य संघ में छह साल के दो कार्यकाल अलग-अलग पूरा करने पर शुरू हो।

इस कदम को अगर स्वीकृति मिलती है तो सचिव जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। शाह के मौजूदा कार्यकाल में भी एक साल से कम समय बचा है।

इसके अलावा शाह को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की मुख्य कार्यकारियों की समिति की भविष्य की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए भारत का प्रतिनिधि चुना गया।

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) जब बोर्ड का प्रशासनिक कामकाज देख रही थी तब बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी इन बैठकों में बीसीसीआई के प्रतिनिधि थे।

लेकिन अब पूर्ण बोर्ड के पदभार संभालने के बाद यह जिम्मेदारी एक बार फिर सचिव को सौंप दी गई है।

गांगुली ने कहा, ‘‘आईसीसी सीईसी में बोर्ड का प्रतिनिधि सचिव होगा, यह आईसीसी का नियम है। ’’

बीसीसीआई ने हालांकि आईसीसी के बोर्ड की बैठक के लिए अभी अपने प्रतिनिधि पर फैसला नहीं किया है।

इसके अलावा बोर्ड ने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की नियुक्ति को टालने का फैसला किया।

गांगुली ने कहा, ‘‘हम सीएसी गठित करेंगे और हम (लोकपाल) न्यायमूर्ति डी के जैन से मिलेंगे। मुझे और वीवीएस (लक्ष्मण) को इसमें शामिल नहीं पाया गया था। हमें इस पर स्पष्टता की जरूरत है कि हितों का टकराव क्या है और क्या नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नियम सभी को रोकता है, इसलिए हम सीएसी का गठन नहीं कर सकते। टकराव (का नियम) केवल हमारे (पदाधिकारियों के) लिये होना चाहिए। ’’

नए संविधान में हितों के टकराव से जुड़े नियम के कारण सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और गांगुली ने सीएसी से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कपिल देव, शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ ने पुरुष टीम के मुख्य कोच की निुयक्ति की थी।

पुरुष टीम के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री का कार्यकाल बढ़ाया गया था।

गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सचिन और लक्ष्मण वापसी करना चाहेंगे। ’’

सीएसी हितों के टकराव के कथित मामले के कारण विवाद में घिर गई थी जिसके बाद इसके तीन शुरुआती सदस्यों तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था।

रंगास्वामी और गायकवाड़ अब भारतीय क्रिकेटर्स संघ के प्रतिनिधि के रूप में शीर्ष परिषद का हिस्सा हैं। चयन समिति की नियुक्ति सीएसी का विशेषाधिकार है।

बोर्ड साथ ही चाहता है कि भविष्य में संवैधानिक संशोधनों से जुड़े फैसलों से अदालत को दूर रखा जाए और प्रस्ताव दिया है कि अंतिम फैसला करने के लिए एजीएम में तीन-चौथाई बहुमत पर्याप्त होगा।

अधिकारियों का मानना है कि प्रत्येक संशोधन के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति लेना व्यावहारिक नहीं है लेकिन मौजूदा संविधान के तहत ऐसा करना जरूरी है।

गांगुली ने चयनसमिति को लेकर कहा, कार्यकाल से अधिक समय तक नहीं रह सकते:

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार को संकेत दिये कि चयनसमिति के जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा क्योंकि ‘‘आप अपने कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकते। ’’

बीसीसीआई पुराने संविधान में चयनसमिति के लिये अधिकतम कार्यकाल चार साल का था और इस आधार पर इसके अध्यक्ष एमएसके प्रसाद और उनके साथी गगन खोड़ा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। संशोधित संविधान में अधिकतम पांच साल के कार्यकाल का प्रावधान है।

प्रसाद और खोड़ा को 2015 में नियुक्त किया गया था जबकि जतिन परांजपे, शरणदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में चयनसमिति से जुड़े थे और उनके कार्यकाल का अभी एक साल बचा हुआ है।

संशोधित संविधान में हालांकि अधिकतम पांच साल के कार्यकाल का प्रावधान है।

गांगुली ने कहा, ‘‘कार्यकाल समाप्त हो गया है मतलब कार्यकाल समाप्त हो चुका है। आप कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकते और उनमें से अधिकतर का कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए वे बने रहेंगे और मुझे नहीं लगता कि इसमें परेशानी होनी चाहिए। ’’

गांगुली ने कहा कि वे हर साल चयनकर्ताओं की नियुक्ति नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘आपने जरूर सुना होगा कि आईसीसी प्रत्येक वर्ष टूर्नामेंट चाहती है, इसका मतलब यह नहीं है कि चयनकर्ता हमेशा बने रहेंगे। हमारे यहां कार्यकाल तय है और हमें उसका ध्यान रखना होगा। ’’

गांगुली के बयान से लगता है कि नये चयनकर्ताओं का कार्यकाल पांच साल का होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘उनका कार्यकाल पांच साल का है, वे पांच साल तक रह सकते हैं लेकिन हम यह करेंगे कि हम चयनकर्ताओं का कार्यकाल तय करके उनकी नियुक्ति करेंगे। ’’

प्रसाद की अगुवाई वाली चयनसमिति के कार्य के बारे में गांगुली ने कहा, ‘‘उन्होंने अच्छी भूमिका निभायी। टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और हमें किसी तरह की परेशानी नहीं है। ’’

भारतीय टीम ने पांच सदस्यीय पैनल के कार्यकाल के दौरान अच्छी सफलताएं हासिल की लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम अनुभव के कारण उन्हें लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था।

पूरे भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना को लागू करने में मध्यप्रदेश अव्वल, 5275 करोड़ की 265 योजनाओं को पूरा किया attacknews.in

नयी दिल्ली, एक दिसंबर । देश के सौ शहरों को अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं से लैस करने के लिये शुरु की गयी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘स्मार्ट सिटी परियोजना’ में पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्य फिसड्डी साबित हो रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश इस मामले में अन्य राज्यों से काफी आगे है।

शहरी जीवन को आसान बनाने (ईज ऑफ लिविंग) के लिये आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जून 2015 में शुरु की गयी इस परियोजना की प्रगति की राज्यवार समीक्षा के मुताबिक पिछले पांच सालों में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केन्द्र की ओर से जारी राशि में से राज्य अभी आधी राशि का ही इस्तेमाल कर पाये हैं।

मंत्रालय द्वारा संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच साल में सभी राज्यों के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिये अब तक 18614.10 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि जारी की गयी। राज्य इसमें से 9497.09 करोड़ रुपये (51 प्रतिशत) का इस्तेमाल कर पाये हैं।

इसके अनुसार स्मार्ट सिटी के तहत इन शहरों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की पूर्वोत्तर राज्यों में न सिर्फ गति बहुत धीमी है बल्कि तमाम शहर केन्द्रीय राशि का पैसा भी खर्च करने में सुस्त हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश और और पश्चिम बंगाल के कुछ शहरों को केन्द्र द्वारा पांच साल में महज दो करोड़ रुपये ही जारी किये जाने के कारण इन शहरों में परियोजनायें सुस्त हैं।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मेरठ और रामपुर, पश्चिम बंगाल के बिधाननगर, दुर्गापुर और हल्दिया, महाराष्ट्र में ग्रेटर मुंबई और अमरावती तथा तमिलनाडु के डिंडीगुल को पांच साल में महज दो करोड़ रुपये ही केन्द्रीय राशि मिली है।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन शहरों से परियोजनाओं के प्रस्ताव नहीं मिलने को कम राशि जारी होने की मुख्य वजह बताया है।

परियोजना की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 15 नवंबर तक परियोजना में चयनित 100 शहरों की ओर से 2.05 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले कुल 5151 परियोजनाओं के प्रस्ताव केन्द्र को मिले। इनमें से 1.49 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 4178 परियोजनाओं के लिये निविदायें जारी की गयीं, 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 3376 परियोजनाओं का काम जारी है और 23170 करोड़ रुपये की लागत से 1296 परियोजनायें पूरी कर ली गयी हैं।

परियोजना की राज्यवार समीक्षा के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के दो शहरों में एक भी परियोजना अब तक पूरी नहीं हो पायी है, जबकि असम के गुवाहटी में अब तक सिर्फ पांच परियोजनाओं पर काम शुरु हो पाया, इनमें से दो ही पूरी हो पायी।

मणिपुर और मेघालय का रिपोर्ट कार्ड भी शून्य है और सिक्किम में सिर्फ एक परियोजना पूरी हुयी। इस मामले में सिर्फ त्रिपुरा, नगालैंड और मिजोरम में लगभग आधी परियोजनायें पूरी हो पायीं हैं।

जम्मू कश्मीर के दोनों शहरों जम्मू और श्रीनगर की 20 स्वीकृत परियोजनाओं में से एक भी पूरी नहीं हो सकी और पश्चिम बंगाल के न्यू टाउन कोलकाता में 56 में से महज 1.1 करोड़ रुपये की लागत वाली चार परियोजनायें पूरी हो सकी।

स्मार्ट सिटी की दौड़ में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और गुजरात सबसे आगे हैं। मध्य प्रदेश ने लगभग 300 स्वीकृत परियोजनाओं में से 5275 करोड़ रुपये की लागत वाली 265 परियोजनायें पूरी कर ली हैं।

परियोजना में शामिल राज्य के सात शहरों में इंदौर, 154 परियोजनायें पूरी कर देश के सौ शहरों में सबसे आगे है। वहीं कर्नाटक में 193, उत्तर प्रदेश में 136 और गुजरात में 131 परियोजनायें पूरी हो गयी हैं।