छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में ITBP कैंप में एक जवान ने अपने साथी जवानों को गोलियों से छलनी कर दिया , 6 मरे-2 घायल attacknews.in

रायपुर/नारायणपुर ( छत्तीसगढ़), 04 दिसंबर ।छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कड़ेनार स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कैंप में आज सुबह अचानक हुयी गोलीबारी की घटना में छह जवानों की मौत हो गयी और दो अन्य जवान गंभीर रुप से घायल हो गए, जिन्हें समीप के अस्पताल ले जाया गया है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुन्दरराज ने बताया कि सुबह किसी बात को लेकर एक जवान द्वारा अचानक गोलीबारी कर दी गयी, जिससे छह जवानों की मौत हो गयी और दो अन्य जवान गंभीर रुप से घायल हो गए। घायल जवान को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां से उन्हे रायपुर ले जाने की तैयारी की जा रही है। इस घटनाक्रम में गोली चलाने वाले जवान की भी मौत हुयी है।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में आपसी विवाद के चलते इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों के बीच हुई आपसी गोलीबारी में इन जवानों की मौत हुई इनमें तीन अन्य घायल हो गए ।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि नारायणपुर जिले के कडेनार गांव में स्थित आइटीबीपी के 45 वीं बटालियन के शिविर में आज जवानों के बीच गोलीबारी हुई है। इस गोलीबारी में इन जवानों की मृत्यु हो गई है तथा तीन अन्य घायल हो गए।

सुंदरराज ने बताया कि आज शिविर में आईटीबीपी के एक जवान ने कथित तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में शुरुआत में चार जवानों की मौत हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए। बाद में हमलावर जवान को भी मार गिराया गया।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि जवानों के शव और घायल जवानों को अस्पताल भेजा गया ।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा रही है।

भूपेश ने आईटीबीपी जवानों की गोलीबारी की जांच के दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नारायणपुर जिले में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)के कैम्प में जवानों के बीच गोलीबारी में छह जवानों की मौत की घटना को बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी जांच के निर्देश दिए है।

श्री बघेल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस प्रकार की घटना कैसे हुई इसकी जांच की जानी चाहिए और यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि गोली चलाने वाले जवान ने छुट्टी का आवेदन दिया,या पारिवारिक कारणों से तनाव में था या फिर कोई अन्य कारण था।

उन्होने कहा कि इस तरह की घटना की केन्द्रीय या फिर राज्य पुलिस बल के नक्सल क्षेत्रों में स्थिति कैम्पों में पुनरावृत्ति नही हो इसके लिए कदम उठाने के निर्देश दे दिए है।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सहित पुलिस अधीक्षक को भी मौके पर पहुंचने के निर्देश दे दिए गए है।घायल जवानों को उपचार के लिए लाने के लिए हेलीकाप्टर भी भेजा गया है।प्रारंभिक सूचनाओं में पांच जवानों की मौके पर तथा एक की उपचार के दौरान मौत हो गई जबि दो जवान घायल हुए है।मृतकों में गोली चलाने वाला जवान भी शामिल है जिसने स्वयं को भी बाद में गोली मार ली।

राज्य मुख्यालय पर मिली खबरों के मुताबिक नारायणपुर जिले के कड़ेनार आईटीबीपी कैम्प में एक जवान में अपने साथी जवानों पर फायरिंग कर दी जिसमें पांच जवानों की मौत हो गई,और दो जवान घायल हो गए।बाद में उसने भी गोली मार ली।पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी स्वयं पूरे घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए है।उन्होने आईटीबीपी एवं अन्य केन्द्रीय बलों के आला अफसरों से भी चर्चा की है।उन्होने घायल जवानो को उपचार के लिए तुरंत राजधानी लाने के भी निर्देश दिए है।

नागरिकता संशोधन विधेयक समेत 6 विधेयकों को कैबिनेट की मंजूरी, लोकसभा और विधान सभाओं में आरक्षण की अवधि बढ़ाई attacknews.in

नईदिल्ली 4 दिसम्बर ।केन्द्र ने बहुप्रतीक्षित नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 सहित छह महत्वपूर्ण विधेयकाें को आज मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक और अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण को दस साल बढ़ाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा संस्कृत के तीन डीम्ड विश्वविद्यालयों को मिला कर एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक, निजी डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले विधेयक, वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल, स्वास्थ्य आदि की चिंता करने वाला विधेयक और श्रमसुधार संंबंधित विधेयक तथा जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक को वापस लेने को भी मंजूरी दी गयी। उन्होंने कहा कि निजी डाटा की सुरक्षा का विधेयक भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है।

यह पूछे जाने पर कि नागरिकता विधेयक में क्या नये प्रावधान एवं संशोधन शामिल किये गये हैं, श्री जावड़ेकर ने कहा कि विधेयक को संसद में पेश करने के बाद ही इसके बारे में कुछ बताया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में सभी नागरिकों के हितों की रक्षा की गयी है और ऐसे प्रावधान किये गये हैं जिनका सभी लोग स्वागत करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि इस विधेयक को संसद में कब पेश किया जाएगा, सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि विधेयक को सदन में गुरुवार या शुक्रवार को पेश किया जा सकता है लेकिन इसका निर्णय संसद करेगी। यह कहे जाने पर कि इस विधेयक का असम में विरोध शुरू हो गया है, श्री जावड़ेकर ने कहा कि विधेयक को संसद में आने दीजिये। लोग इसके प्रावधान जानकर इसका स्वागत ही करेंगे।

पत्रकारों ने जब अन्य विधेयकों के बारे में पूछा तो उन्होंने यह कह कर उसके प्रावधानों को बताने से इन्कार किया कि संसद में पेश किये जाने के बाद ही जानकारी मिल पाएगी।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को दस साल के लिए लागू किया जाता है और सामाजिक न्याय की दिशा में उसकी समीक्षा के बाद उसकी अवधि बढ़ायी जाती है। अब आरक्षण की अवधि को 2020 से 2030 तक के लिए बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है।

उन्होंने बताया कि श्रम मामलों से जुड़े कुल 44 कानून थे और श्रम सुधारों के तहत जिन्हें मिला कर चार कर दिया गया था। इनमें से एक विधेयक को स्थायी समिति को भेजा गया है और एक पारित हो चुका है। एक विधेयक लंबित है और चाैथे को पेश किया जाना है। मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।

नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी :

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जिस नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी उसका कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं ।

इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए उन गैर मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।

सूत्रों ने बताया कि 1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधन करने वाले इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।

विपक्षी दल इस विधेयक को बांटने वाला एवं साम्प्रदायिक बता रहे हें । इसे भाजपा की विचारधारा से जुड़े महत्वपूर्ण आयाम का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें शरणार्थी के तौर पर भारत में रहने वाले गैर मुसलमानों को नागरिकता देने का प्रस्ताव किया गया है । इनमें से ज्यादातर लोग हिन्दू हैं । इसके माध्यम से उन्हें उस स्थिति में संरक्षण प्राप्त होगा जब केंद्र सरकार देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी की योजना को आगे बढ़ायेगी ।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने इसकी तीखी आलोचना की है ।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि इससे संविधान का मूलभूत सिद्धान्त कमतर होता है।

थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विधेयक असंवैधानिक है क्योंकि विधेयक में भारत के मूलभूत विचार का उल्लंघन किया गया है। वो लोग जो यह मानते हैं कि धर्म के आधार पर राष्ट्र का निर्धारण होना चाहिए…इसी विचार के आधार पर पाकिस्तान का गठन हुआ।’’

उन्होंने कहा कि हमने सदैव यह तर्क दिया है कि राष्ट्र का हमारा वह विचार है जो महात्मा गांधी, नेहरूजी, मौलाना आजाद, डा. आंबेडकर ने कहा कि धर्म से राष्ट्र का निर्धारण नहीं हो सकता।’’ यह विधेयक लोकसभा में पारित हो जायेगा क्योंकि निचले सदन में भाजपा को बड़ा बहुमत है । राज्यसभा में भी उसे कोई गंभीर अवरोध की संभावना नहीं है क्योंकि अतीत में उसे बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिला है ।

गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस विषय पर राजनीतिक दलों एवं पूर्वोत्तर के नागरिक समूहों से व्यापक चर्चा की है और उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है ।

राज्यों को अवैध प्रवासियों की पहचान व कार्रवाई करने के लिए कहा गया : केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अवैध प्रवासियों के मामलों में सरकार तत्पर है और कार्रवाई किए जाने के कारण ऐसे लोगों की संख्या में खासी कमी आयी है।

राय ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि 2008-13 के बीच 29 लाख लोग यात्री के रूप में भारत में आए। वे इलाज के लिए, व्यापारी या पर्यटक के रूप में यहां आए। वहीं 2014 से 2017 के बीच ऐसे यात्रियों की संख्या बढ़कर 56 लाख हो गई। ऐेसे यात्रियों में से कई लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी यहीं रह गए। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों को ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने बताया कि 2008 से 2013 के बीच अवैध प्रवासियों की संख्या 1.34 लाख थी जो 2014 से 2017 के बीच घटकर एक हजार रह गयी।

राय ने कहा कि अवैध प्रवासी देश में वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना चोरी-छिपे और छल से प्रवेश कर जाते हैं। बांग्लादेशी नागरिकों सहित अवैध रूप से रहने वाले विदेशी लोगों का पता लगाना और उनका निर्वासन एक सतत प्रक्रिया है।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया है जिनमें उन्हें अवैध प्रवासियों की पहचान करने, उनकी बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक संबंधित जानकारियां एकत्र करने, जाली भारतीय दस्तावेज रद्द करने और कानूनी प्रावधानों के अनुसार निर्वासन की कार्यवाही आदि के लिए विधि प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को सूचना देने की सलाह दी गयी है।

उन्होंने कहा कि गलत ढंग से आधार कार्ड प्राप्त करने वाले अवैध प्रवासियों की जानकारियां उपयुक्त कानूनी कार्रवाई के लिए यूआईडीएआई के साथ साक्षा करने की भी सलाह दी गयी है।

राय ने कहा कि अवैध प्रवासियों द्वारा जालसाजीपूर्वक प्राप्त किसी पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड आदि निरस्त करने के लिए भी राज्यों से कहा गया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा, विधानसभाओं में एससी/एसटी आरक्षण की मियाद बढ़ाई:

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को और 10 साल के लिए बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।

इन श्रेणियों के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण की अवधि 25 जनवरी 2020 को समाप्त हो जाती।

सरकार आरक्षण की मियाद बढ़ाने के लिए इस सत्र में एक विधेयक लाएगी।

एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि विधायिका में एससी और एसटी के लिए आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के जरिए किया जाता है जबकि इन श्रेणियों के लिए नौकरियों में इस तरह का आरक्षण देने का फैसला संबंधित राज्य सरकारें करती हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत निर्वाचन आयोग और मालदीव के चुनाव आयोग के बीच चुनाव प्रबंधन एवं प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू को मंजूरी दी:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत निर्वाचन आयोग और मालदीव के चुनाव आयोग के बीच चुनाव प्रबंधन एवं प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें चुनाव प्रक्रिया के संगठनात्मक और तकनीकी विकास के क्षेत्र में जानकारियों एवं अनुभव का आदान-प्रदान, सूचना साझा करने में सहयोग, संस्थागत मजबूती एवं क्षमता निर्माण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और नियमित आधार पर विचार-विमर्श आदि शामिल है।

प्रस्तावित एमओयू द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। इसका लक्ष्य मालदीव के चुनाव आयोग को तकनीकी सहायता/क्षमता निर्माण में सहायता देना, चुनाव प्रबंधन एवं प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान देना है।

मंत्रिमंडल ने रेलवे में जर्मनी के साथ अनुबंध को मंजूरी दी:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को रेल के क्षेत्र में रणनीतिक परियोजनाओं पर सहयोग से संबंधित भारत और जर्मनी के बीच संयुक्‍त आशय घोषणा (जेडीआई) की जानकारी दी गई। संयुक्‍त आशय घोषणा (जेडीआई) पर पिछले महीने हस्‍ताक्षर हुए थे।

लाभ:

जर्मनी फेडरल गणराज्‍य के आर्थिक मामलों तथा ऊर्जा मंत्रालय के साथ संयुक्‍त आशय घोषणा (जेडीआई) भारतीय रेल को रेलवे के क्षेत्र में नवीनतम विकास और ज्ञान को साझा करने का मंच उपलब्‍ध कराएगा। संयुक्‍त आशय घोषणा (जेडीआई) सूचनाओं के आदान-प्रदान, विशेषज्ञों की बैठक, सेमिनार तकनीकी दौरे तथा संयुक्‍त सहमति के सहयोगी परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन की सुविधा प्रदान करेगा।

पृष्‍ठभूमि:

रेल मंत्रालय ने विभिन्‍न विदेशी सरकारों व नेशनल रेलवे साथ रेल क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/सहयोग ज्ञापनों/ प्रशासनिक व्‍यवस्‍थाओं/संयुक्‍त आशय घोषणा-पत्रों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। सहयोग के इन क्षेत्रों में शामिल हैं- हाई स्‍पीड रेल, वर्तमान रेल मार्गों पर गति तेज करना, विश्‍वस्‍तरीय स्‍टेशनों का विकास, भारी वजन परिचालन, रेल अवसंरचना का आधुनिकीकरण आदि।

समझौता ज्ञापन/सहयोग ज्ञापन/प्रशासनिक व्‍यवस्‍था/संयुक्‍त आशय घोषणा-पत्र विशिष्‍ट प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एवं जानकारी साझा करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, रिपोर्टों व तकनीकी दस्‍तावेजों, प्रशिक्षण और सेमिनार/कार्याशाला के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।

प्रगति मैदान पर भू-मुद्रीकरण को मंजूरी, फाइव स्‍टार होटल का निर्माण होगा :

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने योजना को मंजूरी दी है और एसपीवी के पक्ष में 611 करोड़ रूपये के मूल्‍य पर 99 वर्ष के लीज होल्ड के तहत 3.7 एकड़ भूखंड को हस्तांतरित करने के लिए भारत व्‍यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) को अधिकृत किया गया है। फाइव स्टार होटल के विकास और संचालन के लिए भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) तथा भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) एक विशिष्ट उद्देश्य कंपनी का गठन करेंगे।

अंतर्राष्‍ट्रीय प्रदर्शनी और सम्‍मेलन केंद्र (आईईसीसी) परियोजना के कार्यान्‍यवन का कार्य तेजी से चल रहा है और इसके वर्ष 2020-21 तक पूरे होने की संभावना है।

प्रगति मैदान पर होटल निर्माण कार्य जल्‍द समाप्‍त करने के लिए एसपीवी आवश्‍यक कदम उठाएगी, जिनमें शामिल हैं – लंबी अवधि की लीज के आधार पर होटल के निर्माण, संचालन और प्रबंधन के लिए पारदर्शी व प्रतिस्‍पर्धी निविदा प्रक्रिया के तहत तीसरा पक्ष विकासकर्ता व संचालनकर्ता का चयन।

भारत की अवसंरचना और पर्यटन को सर्वश्रेष्‍ठ मानकों और सेवाओं के अनुसार विकसित करने से संबंधित सरकार की दृष्टि के अनुरूप आईटीपीओ प्रगति मैदान का पुर्नविकास कर इसे विश्‍वस्‍तरीय आईईसीसी बनाने के लिए इस मेगा परियोजना का कार्यान्‍वयन कर रहा है। पूरे विश्‍व में होटल सुविधा किसी बैठक, पहल, सम्‍मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) का अभिन्‍न अंग होती है।

होटल सुविधा आईईसीसी परियोजना का अभिन्‍न हिस्‍सा है, जो भारत को वैश्‍विक बैठकों, पहलों, सम्‍मेलनों और प्रदर्शनियों (एमआईसीई) के हब के रूप में प्रोत्‍साहन प्रदान करेगा तथा रोजगार सृजन के साथ व्‍यापार व वाणिज्‍य को बढ़ावा देगा। होटल आईईसीसी परियोजना का मूल्‍य संवर्धन करेगा और भारतीय व्‍यापार व उद्योग को लाभ प्रदान करेगा।

इसके अलावा अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले को प्रगति मैदान के इस रूपांतरण से लाभ मिलेगा जिसमें प्रतिवर्ष लाखों की संख्‍या में व्‍यापारी और आम लोग भाग लेते हैं। भाग लेने वाले व्‍यापारियों, उद्यमियों और लोगों को इन आधुनिक सुविधाओं से बहुत लाभ मिलेगा। व्‍यापार मेले में भाग लेने वाले लोगों की संख्‍या में वृद्धि होगी। लोगों को एक प्‍लेटफॉर्म मिलेगा जहां वे अपने व्‍यापार का विस्‍तार कर सकेंगे तथा भारतीय वस्‍तुओं और सेवाओं को बढ़ावा दे सकेंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शुरू करने को मंजूरी दी:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बनाने और इसकी शुरुआत करने को मंजूरी दे दी है। इसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू), केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई), केंद्रीय सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों (सीपीएफआई) और दूसरे सरकारी संगठनों के लिए पूंजी के अतिरिक्त स्रोत के तौर पर लाया गया है। भारत बॉन्ड ईटीएफ देश में पहले कार्पोरेट बॉन्ड ईटीएफ होगा।

भारत बॉन्ड ईटीएफ की विशेषताएं:

ईटीएफ सीपीएसई/सीपीएसयू/सीपीएफआई/दूसरे सरकारी संगठनों के बॉन्ड (शुरुआत में सभी एएए बॉन्ड ) के बॉन्डस की बास्केट होगा।

· विनिमय पर व्यापार योग्य।

· 1,000 रुपये की छोटी ईकाई।

· पारदर्शी एनएवी (दिनभर एनएवी का सामयिक लाइव)।

· पारदर्शी पोर्टफोलियो (वेबसाइट पर रोजाना प्रकाशन)।

· कम लागत (0.0005%)।

भारत बॉन्ड ईटीएफ का ढांचाः

· प्रत्येक ईटीएफ की एक निर्धारित परिपक्वता तिथि होगी।

· ईटीएफ जोखिम पुनरावृत्ति के आधार पर बुनियादी सूचकांक पर नजर रखेगा यानी क्रेडिट गुणवत्ता और सूचकांक की औसत परिपक्वता का मिलान करेगा।

· सीपीएसई, सीपीएसयू, सीपीएफआई अथवा दूसरे सरकारी संगठनों के बॉन्ड्स के ऐसे पोर्टफोलियो में निवेश करेगा, जो ईटीएफ की परिपक्वता अवधि से पहले अथवा उसी समय परिपक्व होंगे।

· अभी तक इसमें दो परिपक्वता श्रेणियां है – तीन एवं 10 वर्ष। प्रत्येक श्रेणी में उसी परिपक्वता श्रेणी का एक अलग सूचकांक होगा।

सूचकांक की कार्यप्रणालीः

· सूचकांक का निर्माण एक स्वतंत्र सूचकांक प्रदाता – राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज – द्वारा किया जाएगा

· विशिष्ट परिपक्वता वर्षों – 3 एवं 10 वर्ष को ट्रैक करने वाले विभिन्न सूचकांक।

निवेशकों को भारत बॉन्ड ईटीएफ का लाभः

· बॉन्ड ईटीएफ सुरक्षा (सीपीएसई और दूसरी सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए खास बॉन्ड), नकदी (विनिमय पर व्यापार योग्य) और अनुमानित कर कुशल रिटर्न उपलब्ध कराएगा।

· यह खुदरा निवेशकों को कम राशि के बॉन्ड्स (1,000 रुपये तक) में पहुंच उपलब्ध कराएगा, जिससे बॉन्ड बाजारों में आसान और कम लागत वाली पहुंच मिल सके।

· यह खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ाएगा, जो नकदी और पहुंच में बाधाओं के चलते बॉन्ड बाजारों में भागीदारी नहीं करते हैं।

· कूपन के तौर बॉन्ड की तुलना में मामूली कर की दरों पर बॉन्ड, कर दक्षता लाते हैं। बॉन्ड ईटीएफ सूचीकरण के लाभ के साथ होते हैं, यह निवेशकों को होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स में काफी कमी लाता है।

सीपीएसई के लिए भारत बॉन्ड ईटीएफ के लाभ

· बॉन्ड ईटीएफ सीपीएसई, सीपीएसयू, सीपीएफआई और दूसरे सरकारी संगठनों को अपनी कर्ज की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकिंग वित्त व्यवस्था से अलग एक अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध कराता है।

· यह खुदरा और एचएनआई भागीदारी के जरिये उनके निवेशकों का आधार बढ़ाता है, जिससे उनके बॉन्ड की मांग बढ़ सकती है। बॉन्ड की मांग बढ़ने के साथ इसके जारीकर्ता कम लागत पर उधार लेने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे एक नियत समयावधि के लिए उधार लेने की उनकी लागत कम हो जाती है।

· विनिमय पर व्यापार से बॉन्ड ईटीएफ बुनियादी बॉन्ड्स के लिए बेहतर कीमत का पता लगाने में मदद करेगा।

· चूंकि सीपीएसई की उधार की जरूरतों का आकलन करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक व्यापक ऋण कैलेंडर तैयार और अनुमोदित किया जाएगा, यह कम से कम इस निवेश की सीमा तक सीपीएसई में उधार अनुशासन को विकसित करेगा।

बॉन्ड बाजारों पर प्रभाव

· नियत लक्ष्य वाले परिपक्वता बॉन्ड ईटीएफ से समूचे कैंलेडर वर्ष में विभिन्न परिपक्वताओं के साथ एक मुनाफा श्रेणी और बॉन्ड ईटीएफ का सोपान बनने की उम्मीद है।

· ईटीएफ से भारत में नए बॉन्ड ईटीएफ को लेकर एक नया ईको-सिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्र – मार्केट मेकर्स, सूचकांक प्रदाता एवं निवेशकों में जागरुकता – बनने की उम्मीद है।

· इससे भारत में बॉन्ड ईटीएफ का दायरा बढ़ने की संभावना है। इससे व्यापक स्तर पर प्रमुख उद्देश्यों – बॉन्ड बाजारों को मजबूत बनाने, खुदरा भागीदारी को बढ़ाने और उधार लेने की लागत को कम करने – को हासिल किया जा सकेगा।

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा की आयु गणना की तिथि 1 जनवरी 2019 की गई attacknews.in

भोपाल, 03 दिसंबर। मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राज्य सेवा परीक्षा 2019 की आयु गणना 1 जनवरी 2019 की स्थिति में की जाए। इस संबंध में तत्काल नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 के विज्ञापन में परीक्षा देने वाले आवेदकों की आयु गणना 1 जनवरी 2020 की स्थिति में किए जाने का उल्लेख किया गया है। इससे आयु गणना में 1 वर्ष की वृद्धि हो जाने से अनेक आवेदक परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा चाक चौबंद बनाने के लिए SPG संशोधन विधेयक पारित, गांधी परिवार की सुरक्षा से इसका लेना देना नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली 03 दिसम्बर ।केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज साफ किया कि विशेष संरक्षा ग्रुप (संशोधन) विधेयक प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अधिक चाक चौबंद बनाने के लिए लाया गया है और इसका गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा हटाने से कुछ भी लेना देना नहीं है।

श्री शाह ने मंगलवार को इस विधेयक पर राज्यसभा में लगभग दो घंटे की चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि गांधी परिवार सहित देश के 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केन्द्र तथा राज्य सरकारों की है और वे इससे पीछे नहीं हटेगी।

उनके जवाब के बाद राज्यसभा ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्री के जवाब के बाद कहा कि उनकी पार्टी इससे संतुष्ट नहीं है और सदन से वाकआउट कर रही है। गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट वामदलों के सदस्यों ने भी वाकआउट किया।

विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुनिया ने कहा ‘‘जब हम बार बार परिवार की बात करते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक ही परिवार से दो दो प्रधानमंत्रियों की हत्या हुई। क्या संशोधन पर चर्चा करते समय इस तथ्य पर विचार नहीं किया जाएगा ?’’

उन्होंने कहा ‘‘परिवार का मुद्दा नहीं है। और बार बार परिवार का जिक्र किया भी नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह भारतीय राजनीति के मर्म को आहत करता है।’’

भुनिया ने कहा ‘‘हमें परिस्थितियों पर विचार करना चाहिए और किसी तरह के विद्वेष के साथ कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।’’

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि सुरक्षा संबंधी खतरे की परिभाषा सरकार बदलने के साथ बदलती रहती है। उन्होंने कहा कि सत्ता में न रहने पर सुरक्षा का खतरा कहीं ज्यादा होता है और इस बात को सुरक्षा पर विचार करते समय हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

उन्होंने कहा ‘‘लोगों में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि बदले की भावना के साथ कोई कार्रवाई की जा रही है।’’

बीजद के प्रसन्न आचार्य ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार यह तय करने में सक्षम है कि किसे कौन सी सुरक्षा दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि गांधी परिवार का देश के लिए अहम योगदान है और इस परिवार से दो लोगों की शहादत भी हुई है। ‘‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पूरे खानदान को, नाती पोतों तक को युग युगान्तर तक एसपीजी सुरक्षा दी जाए।’’

बीजद सदस्य ने कहा कि समय समय पर सुरक्षा संबंधी खतरे की समीक्षा करनी चाहिए।

जदयू के आरसीपी सिंह ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि जब कोई प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहता तब उसे ऐसी सुरक्षा क्यों दी जानी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा को हटाया नहीं गया है , केवल बदलाव किया गया है।

माकपा सदस्य के के रागेश ने एसपीजी संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए जानना चाहा कि विधेयक का वास्तविक मंतव्य क्या है ?

उन्होंने कहा कि सरकार 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के बारे में सोच सकती है। ऐसे में संसाधनों की दिक्कत बता कर एसपीजी सुरक्षा कवर को हटाने की जरूरत का तर्क समझ से परे है।

रागेश ने कहा ‘‘ प्रतिमा बनाने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं । ऐसे में संसाधनों की कमी की दुहाई दे कर एसपीजी कवर हटाने की बात राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।’’

द्रमुक के पी विल्सन ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि एक केवल एक परिवार को लक्ष्य कर लाया गया है।

उन्होंने कहा कि विधेयक के उद्देश्य और कारण अतार्किक हैं।

मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी ने कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। अगर एसपीजी कवर हटाने के पीछे सरकार का तर्क है कि ऐसा कोई खतरा नहीं है तो उसे संबंधित रिपोर्ट सदन के पटल पर रखनी चाहिए।

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए इसे सुधारों की दिशा में उचित कदम बताया। उन्होंने कहा कि खतरे के आकलन के आधार पर ही एसपीजी सुरक्षा दी जानी चाहिए।

रेड्डी ने कहा कि एसपीजी कवर स्टेटस सिंबल न हो।

राजद के प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को वापस नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘विधेयक में पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवारों से पांच साल के बाद सुरक्षा हटाने की बात कही गई है। ऐसा कौन से वैज्ञानिक आधार पर कहा गया है कि आतंकवादियों की मेमोरी पांच साल में डिलीट हो जाती है।’’

भाकपा के बिनोय विश्वम ने कहा कि इस विधेयक को राजनीतिक द्वेष के तहत लाया गया है। एसपीजी सुरक्षा हटाने के लिए लागत का कारण बताया गया है जो तर्कहीन है।

भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी ने विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी कोई सुरक्षा सुविधा किसी को नहीं दी जानी चाहिए जो दूसरों को नहीं दी जा सके।

कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद ने इस संशोधन विधेयक को ‘‘स्पेशल पॉलिटिकल गाइडिंग’’ विधेयक करार दिया। उन्होंने विधेयक वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि जिस परिवार ने शहादत दी हो, उसे सुरक्षा दी जानी चाहिए।

चर्चा में भाजपा के जीवीएल नरसिंह राव, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल, मनोनीत नरेंद्र जाधव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र, आप के संजय सिंह, आरपीआई के रामदास अठावले ने भी हिस्सा लिया।

उत्तरप्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को नक्सलियों द्वारा 10 दिन में राज भवन छोड़ने की धमकी, डायनामाइट से उड़ा दिया जाएगा attacknews.in

लखनऊ, तीन दिसम्बर । उत्तर प्रदेश राजभवन को एक धमकी भरा पत्र मिला है, जिसमें दस दिन के अंदर राज्यपाल के राजभवन छोड़कर नहीं जाने पर राजभवन को डायनामाइट से उड़ा देने की धमकी दी गयी है।

राजभवन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि ‘‘टीएसपीसी झारखंड’’ की ओर से यह पत्र आया है।

माओवादी समूह तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी को टीएसपीसी कहा जाता है।

बयान में कहा गया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव ने पत्र को आवश्यक कार्रवाई के लिये गृह विभाग को भेज दिया है।

उत्तरप्रदेश की राज्यपाल पद की शपथ लेने के पहले पटेल मध्यप्रदेश की राज्यपाल थीं । कुछ समय तक उन्होंने छत्तीसगढ़ का भी अतिरिक्त प्रभार संभाला था ।

झारखण्ड केे नक्सली संगठन टीएसपीसी ने राजभवन को डायनामाइट से उड़ाने धमकी दी है।

राजभवन सूत्रों ने मंगलवार देर शाम यहां यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि टीएसपीसी संगठन ने धमकी भरे पत्र में लिखा कि दस दिन के अंदर अगर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल राजभवन छोड़कर नहीं गई तो उसे डायनामाइट से उड़ा दिया जायेगा।

उत्तर प्रदेश राजभवन को नक्सली संगठन द्वारा डाइनामाइट से उड़ाने की धमकी को गम्भीरता से लेते हुए राज्स सरकार ने सुरक्षा को और कड़ा करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजी) इण्टेलीजेंस तथा अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुरक्षा को तत्काल प्रारम्भिक जांच करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही, राजभवन की सुरक्षा की समीक्षा करते हुए प्रकरण की जांच आख्या को कल शाम तक उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।।

शरद पवार भतीजे अजित पवार की राकांपा में गहरी पैठ की बात मानते तो हैं लेकिन वह अब उप मुख्यमंत्री बनेंगे यह तय नहीं है attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन दिसम्बर ।राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन ‘‘कठिन नहीं’’ है। उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से वार्ता चल रही थी उससे वह ‘‘पूरी तरह नाराज’’ थे।

धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस- राकांपा और दशकों तक उग्र हिंदुत्व की विचारधारा की समर्थक शिवसेना के बीच गठबंधन के वास्तुकार पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच ‘‘पूर्ण समझदारी’’ है। उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी वार्ता के बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी पार्टी के लिए भाजपा के साथ काम करना संभव नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए भाजपा की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है। हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा, ‘‘वह हमारे बीच चर्चा के बीच से ही लौट गए थे और कांग्रेस व हमारे बीच वार्ता से वह बहुत खुश नहीं थे। वह पूरी तरह नाखुश थे। उस स्थिति में उन्होंने ऐसा निर्णय किया।’’

देवेन्द्र फडणवीस ने 23 नवम्बर की सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने थे।

पवार ने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि यह सही निर्णय नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझे देखा और इन सबसे अलग हो गए।’’

बहरहाल, उन्होंने कहा कि राकांपा में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है लेकिन यह बताने से इंकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा अथवा नहीं।

पंकजा मुंडे ने कहा:मैं भाजपा नहीं छोड़ रही हूँ और दलबदल मेरे खून में नहीं है attacknews.in

मुंबई, तीन दिसंबर।अपने भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में अटकलों पर चुप्पी तोड़ते हुए, भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। मुंडे ने एक दिन पहले ट्विटर परिचय से ‘भाजपा’ शब्द हटा लिया था मुंडे ने रविवार शाम महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर फेसबुक पर अपनी“भावी यात्रा” के संबंध में एक पोस्ट करने के साथ ही राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था।

उन्होंने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से ‘भाजपा’ और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था।

महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन में सरकार बनाया है।

पंकजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पार्टी नहीं छोड़ रही हूं। दलबदल मेरे खून में नहीं है।’’

भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा ने उन अफवाहों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उनके ट्विटर परिचय से ‘‘भाजपा’’ को हटाने का मकसद अपनी पार्टी पर दबाव बनाना था।

मंगलवार को पंकजा ने दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल स्थित अपने आवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े, राम शिंदे और विधायक बबनराव लोणीकर से मुलाकात की।

पंकजा ने अभी तक भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार में मंत्री के रूप में उन्हें आवंटित आधिकारिक आवास खाली नहीं किया है।

तावड़े ने कहा, ‘‘रविवार को उनके फेसबुक पोस्ट का विरोधियों ने गलत मतलब निकाला, इसलिए वह बहुत आहत थीं। उन्होंने खुद मुझे बताया कि वह पार्टी से नाखुश नहीं हैं।” इससे पहले दिन में, पंकजा ने अपने फेसबुक पेज पर भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ में ‘कमल’ (भाजपा का चिह्न) की एक तस्वीर पोस्ट की।

पंकजा के फेसबुक अकाउंट के ‘अबाउट’ सेक्शन में उनका राजनीतिक संबंध अब भी भाजपा के साथ ही दिख रहा है।

पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘‘राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए। मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है। मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी।’’

ईरान में पेट्रोल के बढ़ते दामों से भड़की हिंसा और प्रदर्शन को कुचलने सरकारी कार्रवाई में 208 लोगों की मौत attacknews.in

दुबई, तीन दिसंबर (एपी)। मानवाधिकारों पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि ईरान में पेट्रोल के तेजी से बढ़ते दामों के विरोध में प्रदर्शनों और उसके बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 208 लोगों की मौत हो गयी है।

ईरान में पेट्रोल के दाम बढ़ाने पर 15 नवंबर से शुरू हुए इन प्रदर्शनों पर अभी तक राष्ट्रव्यापी आंकड़ें जारी नहीं किए हैं।

ईरान ने प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट बंद कर दिया जिससे लोग वीडियो और जानकारी साझा नहीं कर पा रहे है। साथ ही बाहर की दुनिया को भी इन प्रदर्शनों और हिंसा के बारे में जानने से रोक दिया। हाल के दिनों में इंटरनेट बहाल किए जाने के बाद प्रदर्शनों के वीडियो सामने आए हैं।

एमनेस्टी में ईरान के शोधार्थी मंसूरेह मिल्स ने कहा, ‘‘हमने देखा कि एक सप्ताह के भीतर ही 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। यह इस्लामिक गणतंत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के इतिहास में अभूतपूर्व घटना जैसा है।’’

हालांकि, इस बार के प्रदर्शन में उतने लोग सड़कों पर नहीं उतरे जितने 2009 के विवादित राष्ट्रपति चुनाव में आए थे लेकिन फिर भी पेट्रोल के दाम को लेकर यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया।

एमनेस्टी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तेहरान के उपनगर शहरयार में ‘‘दर्जनों लोगों की मौत’’ हुई। यह संभवत: उन इलाकों में से एक है जहां प्रदर्शनों में सबसे अधिक लोग मारे गए। शहरयार में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एमनेस्टी के आंकड़ों को ‘‘अप्रमाणित’’ बताया है।

ये प्रदर्शन तब शुरू हुए जब सरकार ने पेट्रोल के न्यूनतम दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर 15,000 रियाल प्रति लीटर कर दिए।

झाबुआ में कमलनाध ने खुद को कर्मवीर बताकर अपनी तुलना घोषणावीर शिवराज सिंह चौहान से कर दी attacknews.in

झाबुआ, 03 दिसंबर ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं पर निशाना साधते हुए आज कहा कि वह घोषणाएं करने पर नहीं, बल्कि काम करने पर विश्वास रखते हैं।

श्री कमलनाथ यहां पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान में पंचायती राज एवं पंच सरपंच सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले 15 वर्षो में प्रदेश को सिर्फ घसीटा, उसका विकास नहीं किया।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिर्फ घोषणाएं ही करने का काम किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश और झाबुआ की जनता ने समझदारी से काम लिया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चुनी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार प्रदेश का विकास कर नया मध्यप्रदेश बनाकर दिखायेगी।

उन्होंने कहा कि झाबुआ के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। झाबुआ जिले के लोगों को छिंदवाडा की तरह ही वे स्नेह और सम्मान देंगे, जब भी झाबुआ उन्हे याद करेगा में वे आएंगे। इस मौके पर उन्होंने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत पर जनता का आभार जताया।

सम्मेलन में प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन, कृषि मंत्री सचिन यादव, पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल, संस्कृति मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ सहित विधायक कांतिलाल भूरिया, सुश्री कलावती भूरिया सहित अन्य कांग्रेस नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कमलनाध ने सच्चाई का साथ देने पर झाबुआ की जनता को धन्यवाद दिया:

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने झाबुआ की जनता को तहेदिल से धन्यवाद देते हुए आज कहा उन्होंने सच्चाई का साथ देकर, इस क्षेत्र के विकास की एक नई इबारत लिखने का जो अवसर दिया है, उसे साकार किया जाएगा।

श्री कमलनाथ यहां सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि झाबुआ के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए हम प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे। इस क्षेत्र से उनका चुनावी नहीं दिल से जुड़ा हुआ एक संबंध है और इसका पूरा समान होगा। इस क्षेत्र की जनता ने जो विश्वास सरकार के प्रति व्यक्त किया है। जो सम्मान बढ़ाया है। इसके लिए वे उन्हें कहना चहते हैं कि उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा।

बाबरी मस्जिद के वकील राजीव धवन को जमीयत ने बीमार बताकर पुनर्विचार याचिका से हटाया तो तिलमिलाये धवन ने खुद को स्वस्थ बता दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 03 दिसंबर । अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका पर जिरह नहीं करेंगे। उनके समर्थन में हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) उतर आया है।

पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने श्री धवन को मामले से हटा दिया है। इस बात की जानकारी खुद श्री धवन ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये दी है। श्री धवन ने लिखा है कि उन्हें बाबरी मस्जिद मामले के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) एजाज मकबूल द्वारा बर्खास्त किया गया है। उन्हें अस्वस्थ बताया गया है।

श्री धवन ने लिखा, “ मुझे (बाबरी मस्जिद) मुकदमे से हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी सेहत ठीक नहीं रहती है, लेकिन दरअसल ऐसा कुछ नहीं है। यह बिल्कुल ही बेतुकी वजह है। जमीयत को यह अधिकार है कि वह मुझे केस से हटा दे, लेकिन वजह तो सही बताये, जमीअत की दलील गलत है। अब पुनर्विचार याचिका या इस मामले में किसी भी सुनवाई में मैं शामिल नहीं हूं। मुझे ‘अस्वस्थ’ बताना बकवास है।”

उधर श्री धवन के समर्थन में एआईएमपीएलबी उतर आया है और कहा है, “हम वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन के आभारी हैं। बाबरी मस्जिद केस में उनके असाधारण और अतुलनीय प्रयासों के लिए आभारी हैं। हमें उम्मीद है कि रिव्यू याचिका दायर होने पर वे फिर से हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे।”

बोर्ड के प्रवक्ता खालिद सईफुल्लाह रहमानी ने कहा कि श्री धवन हमेशा न्याय और एकता के प्रतीक रहे हैं। एआईएमपीएलबी शीर्ष अदालत में श्री धवन के सम्मानित नेतृत्व के तहत अपने प्रयास जारी रखेगा।

इस बीच, जमीयत के वकील एजाज मकबूल का कहना है कि यह कहना गलत है कि बीमार होने के कारण श्री राजीव धवन को हटाया गया है।

दरअसल, जमीयत सोमवार को ही पुनर्विचार याचिका दाखिल करना चाहता था, लेकिन श्री धवन उपलब्ध नहीं थे इसलिए उनसे सलाह किये बिना और उनके नाम के बगैर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई।

भारतीय नौसेना के पास शीघ्र होगी 41 पोत और 3 विमानवाहक पोत, चीन की हरेक गतिविधियों पर भारत की नजर attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर ।नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि नौसेना 41 पोत खरीद रही है और उसकी दीर्घकालीन योजना है कि नौसेना के पास तीन विमानवाहक पोत हों।

साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में नौसेना का वार्षिक बजट आवंटन 18 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत पर आ गया है।

एडमिरल सिंह ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में देश को आश्वस्त किया कि नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी और देश की नौसैन्य गतिविधि का हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम समान विचार वाले देशों के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हैं।”

एडमिरल सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में सात से आठ चीनी पोत आम तौर पर मौजूद रहते हैं।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना की दीर्घकालीन योजना है कि उसके पास तीन विमानवाहक पोत हों। साथ ही कहा कि स्वदेश में विकसित पहला विमानवाहक पोत 2022 तक पूरी तरह परिचालन में आ जाएगा।

एडमिरल सिंह ने देश को भी आश्वस्त किया कि नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कहा कि नौसेना की दीर्घकालिक योजना है कि उसके पास तीन विमानवाहक पोत हों।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत का पूर्ण परिचालन 2022 तक शुरू हो जाएगा और उसके पास मिग-29के विमान होगा।

उन्होंने ध्यान दिलाया कि पिछले पांच वर्षों में नौसेना का वार्षिक बजट आवंटन 18 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत पर आ गया है।

पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी और देश की नौसैन्य गतिविधि का हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम समान विचार वाले देशों के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार हैं।”

एडमिरल सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में सात से आठ चीनी पोत आम तौर पर मौजूद रहते हैं।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिर भूमिका निभा रहा है।

चीनी नौसेना के व्यापक विस्तार के बारे में पूछे जाने पर एडमिरल सिंह ने कहा कि वे अपनी क्षमता के अनुकूल बढ़ रहे हैं और “हम अपनी क्षमता के हिसाब से चल रहे हैं।”

भारतीय आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते चीनी नौसैनिक पोत: एडमिरल कर्मबीर

नौसेना प्रमुख एडमिरल सिंह ने बताया कि नौसेना ने हाल ही में भारत के जलक्षेत्र में आये चीन के एक नौसैनिक पोत को खदेड़ा था और चीन को साफ शब्दों में बता दिया गया है कि उसके नौसैनिक पोत बिना अनुमति के भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते।

एडमिरल सिंह ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में नौसेना के निरंतर कम होते बजट पर चिंता तो व्यक्त की लेकिन साथ ही कहा कि वह सीमित संसाधनों में संतुलन बनाने की पूरी कोशिश कर रही है जिससे कि नौसेना की क्षमता तथा देश के हितों के साथ कोई समझौता नहीं हो।

नौसेना की विमानवाहक पोत की जरूरत के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा , “ नौसेना प्रमुख के नाते उनका मानना है कि भारत को तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत है जिससे कि दो विमानवाहक पोत हर समय अभियानों तथा तैनाती के लिए तैयार रहें।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नौसेना हिन्द महासागर तथा दक्षिण चीन सागर में चीन तथा पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर पूरी तरह नजर रखे हुए है और वह हर तरह की स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार है।

चीन नौसैनिक पोत की भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस पोत को खदेड़ दिया गया था और हमारा स्पष्ट रूख है कि भारत से पूछे बिना उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में किसी को आने की अनुमति नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर में चीन के 7 से 8 नौसैनिक पोत मौजूद रहते हैं जिनका उद्देश्य अलग अलग होता है। इनमें से कुछ समुद्री डकैतों के खिलाफ अभियान में तैनात रहते हैं तो कुछ जल संबंधी अध्यन और अन्य समुद्री सर्वेक्षण के लिए रहते हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना की गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं लेकिन भारत उसकी गतिविधियों पर निरंतर नजर बनाये रहता है।

लालू प्रसाद यादव 11वीं बार चुने गये राजद के निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष, अपने खास अंदाज में विरोधियों पर साधा निशाना attacknews.in

पटना 3 दिसम्बर ।चारा घोटाला मामले में जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव 11वीं बार आज पार्टी के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए।

राजद के राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन ने यहां बताया कि वर्ष 2019-2022 के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र श्री लालू प्रसाद यादव की ओर से नामांकन पत्र प्राप्त हुआ है। श्री यादव की ओर से चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया।

श्री गगन ने बताया कि पटना स्थित पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में श्री यादव के पुत्र एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और विधायक तेज प्रताप यादव ने नामांकन पत्र जमा कराया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, विधायक भोला यादव के साथ ही बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। राजद अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के निर्वाचन के लिए भी आज ही नामांकन पत्र दाखिल किया गया। नामांकन पत्रों की जांच के बाद श्री यादव के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा कर दी गई।

मोहब्बत हमारी भी, बहुत असर रखती है : लालू

उधर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने ख़ास अंदाज में आज एक बार फिर अपने विरोधियों पर निशाना साधा है।

पूर्व रेल मंत्री श्री यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शायराना अंदाज में ट्वीट कर कहा गया, “मुझे अभी किसी ने याद किया क्या। बहुत हिचकी आ रही है.. मोहब्बत हमारी भी, बहुत असर रखती है, बहुत याद आयेंगे, जरा भूल के तो देखो।”

इससे पूर्व शनिवार को भी श्री यादव प्याज की आसमान छूती कीमत को लेकर विरोधियों पर तंज कसते हुए उसकी तुलना अनार के दाम से की थी।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की कमाई बीते दस सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका है। रेलमंत्री के तौर पर लालू यादव के कार्यकाल में भारतीय रेल मुनाफे में थी।

उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद झारखंड की राजधानी रांची स्थित होटवार जेल में सजा काट रहे श्री यादव अस्वस्थ होने के कारण पिछले कुछ माह से रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज करा रहे हैं।

चेन्नई के इंजीनियर के चन्द्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा होने के दावे पर NASA ने इसे ही प्रमाणित करके जारी कर दी तस्वीर attacknews.in

वाशिंगटन/नईदिल्ली/मदुरै 03 दिसंबर । तमिलनाडु में चेन्नई के इंजीनियर षणमुगा सुब्रमनियन की मदद से अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने चांद की सतह पर भारत के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ के विक्रम लैंडर के अवशेष का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है।

नासा ने बयान जारी कर बताया है कि सुब्रमनियन ने भारत के विक्रम लैंडर के अवशेष को खोज निकाला है। नासा के अनुसार श्री सुब्रमनियन ने नासा द्वारा जारी की गयी चंद्रमा की तस्वीरों का अध्ययन किया और उसके बाद उन्होंने नासा को विक्रम लैंडर के अवशेष के वास्तविक लोकेशन की जानकारी दी।

नासा ने बताया कि श्री सुब्रमनियन के साथ ही कई अन्य लोगों ने भी नासा द्वारा जारी की गयी तस्वीरों को अध्ययन के लिए अपलोड किया था, लेकिन सिर्फ श्री सुब्रमनियम ने ही विक्रम लैंडर के मलबे की वास्तविक जगह का अनुमान लगाया। इसके बाद नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला और उसकी तस्वीर जारी की।

यही कारण है कि नासा ने चंद्रमा पर भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिलने का दावा करते हुए उसकी एक तस्वीर सार्वजनिक की है।

विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और लैंडिंग से कुछ मिनट पहले लैंडर का इसरो से सम्पर्क टूट गया था।

नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनसन्स ऑर्बिटर’ (एलआरओ) से ली गई तस्वीर में अंतरिक्ष यान से प्रभावित स्थल को और उस स्थान को दिखाया है जहां मलबा हो सकता है। लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जन स्थानों पर बिखरे हुए हैं।

नासा ने एक बयान में कहा कि उसने स्थल की एक तस्वीर 26 सितम्बर को साझा की और लोगों से उस तस्वीर में लैंडर के मलबे को पहचानने की अपील की।

नासा ने कहा कि षणमुगा सुब्रमण्यन ने एलआरओ परियोजना से संपर्क किया और मुख्य दुर्घटनास्थल से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहले टुकड़े की पहचान की।

नासा ने कहा, ‘‘ यह जानकारी मिलने के बाद, एलआरओसी दल ने पहले की और बाद की तस्वीरें मिला कर इसकी पुष्टि की। पहले की तस्वीरें जब मिलीं थी तब खराब रोशनी के कारण प्रभावित स्थल की आसानी से पहचान नहीं हो पाई थी।’’

नासा ने कहा कि इसके बाद 14 -15 अक्टूबर और 11 नवम्बर को दो तस्वीरें हासिल की गईं।

एलआरओसी दल ने इसके आसपास के इलाके में छानबीन की और उसे प्रभावित स्थल (70.8810 डिग्री दक्षिण, 22.7840 डिग्री पूर्व) तथा मलबा मिला।

नासा के अनुसार नवम्बर में मिली तस्वीर के पिक्सल (0.7 मीटर) और रोशनी (72 डिग्री इंसीडेंस एंगल) सबसे बेहतर थी।

भारत का यह अभियान सफल हो जाता तो वह अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जाता।

नासा ने अपने ट्वीट में यह तस्वीर पोस्ट की, जिसमें विक्रम लैंडर के प्रभाव बिंदु और उस क्षेत्र को दर्शाया गया जहां से मलबा मिला।

नासा ने कहा, “नासा के मून मिशन ने भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता लगाया है।”

नासा ने अपने बयान में कहा कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद चंद्रमा के सतह के इतने करीब पहुंचना एक अद्भुत उपलब्धि है।

उल्लेेखनीय है कि सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नियंत्रण कक्ष से सम्पर्क टूट गया था।

विक्रम लैंडर का सम्पर्क जिस समय इसरो के नियंत्रण कक्ष से टूटा वह चंद्रमा की सतह लगभग 2.1 किलोमीटर दूर था।

भारत के शौकिया वैज्ञानिक सुब्रमण्यम ने नासा को पीछे छोड़ा:

भारत के शौकिया अंतरिक्ष वैज्ञानिक षनमुगा सुब्रमण्यम ने चेन्नई स्थित अपनी ‘प्रयोगशाला’ में बैठकर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के अवशेषों को खोजने में नासा और इसरो दोनों को पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रमा की परिक्रमा लगाने वाले अंतरिक्ष यान द्वारा भेजे चित्रों की मदद से यह खोज की।

नासा ने विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह से टकराने वाली जगह के चित्र जारी करते हुए माना कि इस जगह का पता लगाने में सु्ब्रमण्यम की खास भूमिका रही है। सुब्रमण्यम मैकेनिकल इंजीनियर और ऐप डेवलपर हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “नासा ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की तलाश का श्रेय मुझे दिया है।”

उन्होंने बहुत कम साधनों की मदद से यह कारनामा कर दिखाया।

मंदिरों के शहर मदुरै के इस निवासी ने कहा कि विक्रम के गिरने की जगह का पता लगाने के लिए उन्होंने दो लैपटॉप का इस्तेमाल किया। इसकी मदद से उन्होंने उपग्रह द्वारा भेजी गई पहले और बाद की तस्वीरों का मिलान किया।

वह हर दिन एक शीर्ष आईटी फर्म में काम करने के बाद लौटने पर रात 10 बजे से दो बजे तक और फिर ऑफिस जाने से पहले सुबह आठ बजे से 10 बजे तक आंकड़ों का विश्लेषण करते। उन्होंने करीब दो महीने तक इस तरह आंकड़ों का विश्लेषण किया।

उन्होंने बताया कि नासा को ईमेल भेजने से पहले उन्हें पूरा भरोसा था कि उन्होंने पूरा विश्लेषण कर लिया है।

यह पूछने पर कि उन्हें यह विश्लेषण करने के लिए किसने प्रेरित किया, उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि वह स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद से ही इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण को बेहद ध्यान से देख रहे हैं।

सुबमण्यम ने बताया, “इन प्रक्षेपणों को देखने से मुझमें और अधिक तलाश करने की दिलचस्पी पैदा हुई।”

उन्होंने बताया, “अपने कार्यालय (लेनोक्स इंडिया टेक्नालॉजी सेंटर) के समय के अलावा मैं इस बात पर नजर रखता था कि नासा और कैलिफोर्निया स्थित स्पेसेक्स क्या कर रहे हैं।”

इस दिलचस्पी के चलते ही उन्हें चंद्रमा से संबंधित उपग्रह डेटा पर काम करने की प्रेरणा मिली।

उन्होंने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग का संबंध रॉकेट साइंस से है, और इससे रॉकेट साइंस को समझने में मदद मिली।

सुब्रमण्यम को उनके परिजन और दोस्त “शान” कहकर बुलाते हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्होंने दुर्घटना स्थल की पहचान की और मेल भेजा, उन्हें नासा से जवाब आने की पूरी उम्मीद थी।

उन्होंने बताया, “मैंने सोचा कि वे स्वयं पुष्टि करने के बाद जवाब देंगे और मंगलवार को सुबह करीब तीन बजे मुझे उनकी तरफ से एक ईमेल मिला।”

उन्होंने बताया कि उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष विज्ञान से नहीं जुड़ा है।

उन्होंने बताया, “मुझे इसरो को पूर्व शीर्ष वैज्ञानिक एम अन्नादुरै ने एक तारीफ भरा संदेश भेजा।” साथ ही उनके कार्यालय ने भी उनकी उपलब्धि की प्रशंसा की है।

यह पूछने पर कि क्या वह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जाना चाहेंगे, उन्होंने कहा कि कहा कि वह अपने काम के बाद अपने इस शौक को जारी रखना चाहेंगे।

शरद पवार का खुलासा:नरेन्द्र मोदी ने साथ मिलकर काम करने का दिया था प्रस्ताव,वहीं सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री बनाने का भी मिला था प्रस्ताव attacknews.in

मुंबई, दो दिसंबर।राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘‘साथ मिलकर’’ काम करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया।

पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया (सुले) को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था।’’

सुप्रिया सुले, पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं ।

पवार ने कहा कि उन्होंने मोदी को साफ कर दिया कि उनके लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है।

पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहा, ‘‘मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था। मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है।’’

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच पवार ने पिछले महीने दिल्ली में मोदी से मुलाकात की थी ।

मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं।

पिछले दिनों मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है इस बारे में सभी दलों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से सीखना चाहिए ।

पवार ने कहा कि 28 नवंबर को जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला ‘सोच समझकर’ लिया गया।

पवार ने कहा, ‘‘जब मुझे अजित के (देवेंद्र फडणवीस को दिए गए) समर्थन के बारे में पता चला तो सबसे पहले मैंने ठाकरे से संपर्क किया। मैंने उन्हें बताया कि जो हुआ वह ठीक नहीं है और उन्हें भरोसा दिया कि मैं इसे (अजित के बगावत को) दबा दूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब राकांपा में सबको पता चला कि अजित के कदम को मेरा समर्थन नहीं है, तो जो पांच-दस (विधायक) उनके (अजित) साथ थे, उनपर दबाव बढ़ गया।’’

राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि (पवार) परिवार में क्या किसी ने (अजित पवार से फडणवीस को समर्थन देने के उनके फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए) बात की थी। लेकिन परिवार के सभी का मानना था कि अजित ने गलत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में मैंने उनसे कहा कि जो कुछ भी उन्होंने किया वह क्षम्य नहीं है। जो कोई भी ऐसा करेगा उसे परिणाम भुगतान होगा और आप अपवाद नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ राकांपा में एक बड़ा हिस्सा है, जिसकी उनमें आस्था है–वह काम करा देते हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत में डाॅ फिरोज की नियुक्ति के विरोध में फिर शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन attacknews.in

वारणसी, 02 दिसम्बर ।काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में डॉ0 फिरोज खान की इस संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों ने यहां के प्रशासन द्वारा मांगे नहीं माने जाने एवं कोई जवाब नहीं मिलने के बाद 10 दिनों बाद सोमवार को एक बार फिर अनिश्चितकालीन धरना शुरु दिया।

आंदोलनकारियों में शामिल छात्र संतोष मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डॉ खान की नियुक्ति पर उठाये गए सवालों का जवाब 10 दिनों में देने के आश्वासन पर गत माह 22 धरना स्थगति किया गया था। निर्धारित अवधि बीतने के बाद भी प्रशासन ने न तो डॉ खान का स्थानांतरण किया और न ही कोई जवाब दिया। इससे आक्रोषित छात्रों ने मजबूरन एक बार फिर अपना अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है।