अपनी जान जोखिम में डाल कर फायर ब्रिगेड के जवान ने दिल्ली की अनाज मंडी अग्निकांड से 11 लोगों की बचाई जान attacknews.in

नईदिल्ली 8 दिसम्बर । अग्निशमन के बहादुर जवान राजेश शुक्ला ने दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में रविवार को अाग में घिरी इमारत में सबसे पहले घुसे और 11 लोगों की जान बचाई। इस दौरान उनके पैर में चोटें आईं जिसका वह लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल(एलएनजेपी ) में इलाज चल रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगर वह अपनी बैक अप टीम का इंतजार करते तो शायद हताहतों की संख्या और बढ़ जाती लेकिन इस निर्भीक जवान ने कोई परवाह किए बगैर भीतर छलांग लगा दी और 11 लोगों की जिंदगी बचाई।

दिल्ली के गृह, स्वास्थ्य और बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने राजेश शुक्ला से अस्पताल में मुलाकात की और उनकी बहादुरी और जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें असली हीरो बताया।

उन्होंने राजेश के साहस की तारीफ करते हुए ट्वीट किया“ राजेश शुक्ला वास्तव में हीरो हैं और वह पहले अग्निशमन कर्मचारी थे जो आग लगने की जगह गए थे और 11 लोगों की जिंदगी बचाई। वह अपना काम अंत तक करते रहे और इस दौरान घायल भी हो गए। इस बहादुर हीरों को सलाम।”

अनाज मंडी आग हादसे में इमारत मालिक और प्रबंधक गिरफ्तार

राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में आग हादसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संदर्भ में लापरवाही) के तहत दिल्ली पुलिस ने शाम को मामला दर्ज कर इमारत मालिक मोहम्मद रेहान और उसके पिता रहीम को हिरासत में ले लिया और इनसे पूछताछ की जा रही है।

उत्तरी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने यहां पत्रकारों को बताया कि इमारत मालिक रेहान और उसके प्रबंधक फुरकान को गिरफ्तार कर लिया है।

पीड़ितों की मदद करेगें: पुरी

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी आज कहा कि दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में अग्निकांड से पीड़ित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी।

श्री पुरी दिल्ली भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव तथा राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सुरक्षा व्यवस्था में कुछ कमी रही है जिससे यह हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जा सकेगा। इसके बाद दोनों नेता लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल गये जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है।

अनाज मंडी हादसे के पीड़ित अपनाें की खैरियत के लिए होते रहे परेशान:

दिल्ली में रानी झांसी रोड के निकट अनाज मंडी में फैक्ट्रियों में भीषण आग लगने की घटना के बाद पीड़ित परिजनों और शुभचिंतकों को अपनों की खैरियत की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकते हुए परेशान देखा गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे में मारे गये लोगों के बारे में न तो कोई जानकारी मिल पा रही है और न ही झुलसे और घायलों की कोई खैरियत मिल रही है। लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के बाहर कई परिजनों ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें अस्पताल के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है।

उत्तरप्रदेश में CTET परीक्षा में साॅल्वर गैंग पकड़ाया ,STF ने असली परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देते धर-दबोचा attacknews.in

लखनऊ, आठ दिसंबर ।उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में सॉल्वर गैंग का भण्डाफोड़ करते हुए इसके सरगना सहित 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी पीटीईटी परीक्षा के लिए बिहार से सॉल्वर गैंग बुलाया गया है जिसके सदस्य मुरादाबाद के विभिन्न कॉलेजों में परीक्षा देंगे। इस सूचना पर मुरादाबाद स्थित हिन्दू कालेज के पास से नाजिम, दानिश और राजकुमार कश्यप नामक व्यक्तियों को पकड़ा गया।

सूत्रों के मुताबिक इन पकड़े गए लोगों ने बताया कि हिन्दू कालेज के अन्दर राजकुमार के स्थान पर सुशांत और इन्द्रपाल के स्थान पर विक्की कुमार परीक्षा दे रहे हैं। आरआरके स्कूल में अनुज के स्थान पर मुकेश, अशोक कुमार के स्थान पर चन्दन आनन्द परीक्षा दे रहा था। इसके अतिरिक्त मुरादाबाद के पाकबाड़ा थाना क्षेत्र के वेदराम इन्टर कालेज में सुभाष के स्थान पर राजमणि और कटघर थाना क्षेत्र में सरस्वती विद्या मन्दिर गुलाबबाड़ी में दिनेश के स्थान पर चन्दन परीक्षा दे रहा था।

एसटीएफ ने पूरे मामले में गिरोह के सरगना नाजिम, दानिश और राजकुमार के अलावा विपिन कुमार, विक्की कुमार, सुशांत सहगल, मुकेश, चंदन आनंद, राजमणि और चंदन नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

पकडे़ गये लोग परीक्षार्थी के आधार कार्ड पर अपना फोटो लगाकर परीक्षा केन्द्र में पहुंचे थे। परीक्षा देने के लिए धन चुकाने वाले लोग परीक्षा फॉर्म पर अपनी धुंधली फोटो लगाते थे ताकि परीक्षा के वक्त उन्हें आसानी से पकड़ा न जा सके। सचिन इससे पहले भी इसी तरह परीक्षा देने के मामले में जेल जा चुका है।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज आयोजित होने वाली केन्द्रिय शिक्षक पात्रता परीक्षा में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने निर्देशित किया था। इसी क्रम में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया गया था।

उन्होंने बताया कि इसी दौरान मुखबिर से सचूना प्राप्त हुई थी कि मुरादाबाद में विभिन्न कॉलेजों में बिहार से साल्वर गिरोह को बुलाया गया है। जो मुरादाबाद के विभिन्न कालेजो में परीक्षा देगें।

भारतीय अमेरिका सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी संसद में पेश किया कश्मीर मामले का प्रस्ताव attacknews.in

वाशिंगटन, आठ दिसम्बर । भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी संसद में जम्मू-कश्मीर पर एक प्रस्ताव पेश करते हुए भारत से वहां लगाए गए संचार प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और सभी निवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षित रखे जाने की अपील की।

जयपाल द्वारा कई सप्ताह के प्रयासों के बाद प्रतिनिधिसभा में पेश किए गए इस प्रस्ताव को कंसास के रिपब्लिकन सांसद स्टीव वाटकिंस के रूप में केवल एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है।

यह एक केवल एक प्रस्ताव है, जिस पर दूसरे सदन में वोट नहीं किया जा सकता और यह कानून नहीं बनेंगा।

प्रस्ताव में भारत से पूरे जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाने और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की अपील की गई है।

भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही वहां कई प्रतिबंध लगे हुए हैं।

इस प्रस्ताव को पेश किए जाने से पूर्व अमेरिका भर से भारतीय मूल के अमेरिकियों ने विभिन्न मंचों से इसका विरोध किया था। समझा जाता है कि उनके कार्यालय को इस प्रस्ताव को पेश नहीं करने के लिए भारतीय अमेरिकियों के 25 हजार से अधिक ईमेल प्राप्त हुए ।

भारतीय अमेरिकियों ने कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने के उनके कदम के खिलाफ उनके कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी किया।

प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की जल्द से जल्द रिहाई की जाए और उन पर राजनीतिक गतिविधियों एवं भाषणों पर किसी प्रकार की रोक लगाने वाले बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त लगाने से बचा जाए।

प्रस्ताव में दावा किया गया है कि इस बात के ‘फोटोग्राफिक’ सबूत हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी रिहाई की शर्त के रूप में राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से मना करने और बयान जारी करने के लिए निश्चित बांड पर हस्ताक्षर करने होंगे।

भारत ने हालांकि इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का निर्णय संप्रभु है और वह अपने आंतरिक मामले में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।

लोकसभा में सोमवार को पेश होगा नागरिकता संशोधन विधेयक, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच होगी तीखी तकरार,कांग्रेस ने विरोध का लिया निर्णय attacknews.in

नयी दिल्ली 08 दिसम्बर ।शुक्रवार को महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के मुद्दे पर आमने-सामने आये विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सोमवार को भी लोकसभा में तीखी नोक-झोक की संभावना है क्योंकि सरकार बहुचर्चित और विवादास्पद ‘नागरिकता संशोधन विधेयक 2019’ को लोकसभा में पेश करने जा रही है।

सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक को प्रश्न काल और भोजनावकाश के बीच सदन में पेश कर सकते हैं।

विधेयक में बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ना के कारण देश में शरण लेने वाले गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के साथ साथ असम में अखिल असम छात्र संघ और पूर्वोत्तर राज्यों के अनेक दल तथा सामाजिक संगठन भी विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं। वर्ष 1985 में हुए असम समझौते में अवैध विदेशियों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की तारीख तय की गयी थी।

विधेयक के विरोध के बीच केन्द्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि इस विधेयक में सभी संबंधित पक्षों के साथ साथ ‘भारत के हित’ का भी ख्याल रखा गया है। मंत्रिमंडल द्वारा विधेयक को मंजूरी दिये जाने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा था, “ इसमें सभी के तथा ‘भारत के हितों ’ का ख्याल रखा गया है। ”

संसद में सीएबी का जोरदार विरोध करेगी कांग्रेस

इधर कांग्रेस संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है।

लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद यह बयान दिया।

चौधरी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्नील सुरेश और सचेतक गौरव गोगोई सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया।

विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अत्याचार का सामना करने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है ।

कांग्रेस नेता शशि थरुर ने पडौसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का किया विरोध और नागरिकता संशोधन विधेयक को जिन्ना के विचारों की जीत बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ दिसम्बर । संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। यह बात रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कही।

थरूर ने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत ‘‘पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण’’ भर बनकर रह जाएगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘‘एक समुदाय’’ को निशाना बना रही है और दूसरे धर्मों की तुलना में उस समुदाय के लोगों की उन्हीं स्थितियों में उत्पीड़न पर उन्हें शरण नहीं दे रही है।

थरूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर विधेयक को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया भी जाता है तो उन्हें विश्वास है कि उच्चतम न्यायालय की कोई भी पीठ भारत के संविधान की मूल भावना का ‘‘घोर उल्लंघन’’ नहीं होने देगी।

थरूर ने कहा, ‘‘यह सरकार का शर्मनाक काम है जिसने पिछले वर्ष राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर चर्चा करने से इंकार कर दिया, जिसे मैंने निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्तावित किया था और तत्कालीन गृह मंत्री, गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव के साथ निजी तौर पर साझा किया था।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि अचानक उन्होंने शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए आगे बढ़कर काम किया है, जबकि वास्तव में वे मूलभूत कदम भी नहीं उठाना चाहते जो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शरणार्थी दर्जा तय करने में सुधार या शरणार्थियों से अच्छा व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

थरूर ने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट होता है कि यह महज कुटिल राजनीतिक चाल है ताकि भारत में एक समुदाय को निशाना बनाया जा सके। इससे हम पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण भर रह जाएंगे।’’

विधेयक पर कांग्रेस के रूख के बारे में पूछने पर थरूर ने कहा, ‘‘हालांकि, मैं पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन मुझे विश्वास है कि कांग्रेस में हम सब मानते हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत प्राप्त समानता और धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करने की मूल भावना के खिलाफ है बल्कि भारत की अवधारण पर भी हमला है।’’

उन्होंने कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम इस आधार पर बंट गया कि क्या धर्म के आधार पर राष्ट्रीयता तय की जाए और जिन लोगों का उस सिद्धांत में विश्वास था उन्होंने पाकिस्तान की अवधारणा की वकालत की।

थरूर ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी, (जवाहर लाल) नेहरू, मौलाना (अबुल कलाम) आजाद, डॉक्टर आंबेडकर का इसके उलट विश्वास था कि धर्म का राष्ट्रीयता से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भारत की अवधारणा बनाई और उन्होंने सभी धर्मों, क्षेत्रों, जातियों और भाषाओं के लोगों के लिए स्वतंत्र देश का निर्माण किया।’’

उन्होंने आरोप लगाए कि संविधान में भारत का यह मूल विचार झलकता है जिससे भाजपा छलावा करना चाहती है।

इस तर्क के बारे में पूछने पर कि नागरिकता का आधार धर्म नहीं हो सकता है, थरूर ने कहा कि भाजपा ने भारत में राष्ट्र के संबंध में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों के जड़ जमाने का रास्ता साफ किया है जहां धर्म राष्ट्रीयता में समाहित है और ऐसा करके वे महात्मा गांधी, नेहरू, वल्लभभाई पटेल, आजाद, आंबेडकर और उनके समय के स्वतंत्रता सेनानियों की भारत की उस अवधारणा को खंडित कर रहे हैं, जिसके लिये उन्होंने लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने कहा कि विधेयक हिंदुओं के ऐतिहासिक विरासत के खिलाफ है जिस पर वे गर्व करते हैं।

थरूर ने कहा, ‘‘स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म सम्मेलन में 1893 में कहा था कि वह उस देश के बारे में बात कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं जहां हर देश और धर्म के लोग अत्याचार सहने के बाद शरण पाते हैं।’’

नागरिकता संशोधन विधेयक पर राम माधव ने कहा;धर्म प्रधान पडौसी देशों में सताएं अल्पसंख्यक पीड़ितों को नागरिकता देना भारत का कर्तव्य attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर। भाजपा महासचिव राम माधव ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का बचाव करते हुए कहा कि पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना भारत का कर्तव्य है क्योंकि वे धर्म के आधार पर देश का बंटवारा करने के फैसले के ‘पीड़ित’ हैं।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में सोमवार को पेश किए जाने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) में कहा गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर सताए जाने के कारण आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों के साथ अवैध प्रवासियों की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता और उन्हें विधेयक के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

राजनीतिक दलों की ओर से की जा रही आलोचना का जवाब देते हुए माधव ने कहा कि इसी तरह का कानून आव्रजक (असम से निर्वासन) अधिनियम 1950 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तत्कालीन सरकार ने बनाया था।

माधव ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं नागरिकता संशोधन विधेयक के आलोचकों को याद दिला दूं, नेहरू सरकार ने अवैध प्रवासियों को खासतौर पर पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए लोगों को निर्वासित करने के लिए 1950 में इसी तरह का कानून बनाया था और उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि पूर्वी पाकिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यक इसके दायरे में नहीं आएंगे।’’

माधव ने रेखांकित किया कि भारत ने उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के लिए हमेशा अपने दरवाजे खुले रखे। उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी देशों के सताए गए अल्संख्यक जिन्हें विधेयक में नागरिकता देने का प्रस्ताव है, वे देश को धार्मिक आधार पर बांटने के ऐतिहासिक फैसले के शिकार हैं और यह भारत का कर्तव्य है कि वह इन अल्पसंख्यकों को नागरिकता का अधिकार दे।’’

पूर्वोत्तर के राज्यों में पार्टी के रणनीतिकार माधव ने कहा कि सरकार और गृहमंत्री अमित शाह ने क्षेत्र के लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए विभिन्न हितधारकों से गहन चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि विधेयक के मद्देनजर जनसांख्यिकी, भाषा और संस्कृति में बदलाव सहित राज्यों की सभी आशंकाओं का सरकार निराकरण करेगी।

सांसदों को वितरित नागरिकता (संशोधन) विधेयक -2019 की प्रति के मुताबिक यह कानून परमिट क्षेत्र (आईएलपी) और जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं होगा जहां पर संविधान की छठी अनुसूची के तहत शासन होता है।

इसलिए यह कानून असम, मेघालय और त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों और अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम के आईएलपी इलाकों में लागू नहीं होगा।

15 सीटों के उपचुनाव की मतगणना से कर्नाटक की येद्दियुरप्पा सरकार का सोमवार को होगा भविष्य तय attacknews.in

बेंगलुरू, आठ दिसम्बर ।कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतगणना सोमवार को होगी और इससे चार महीने पुरानी राज्य की भाजपा सरकार का भविष्य तय होगा।

चुनाव अधिकारियों ने बताया कि इन सीटों पर पांच दिसम्बर को चुनाव हुआ था जिसमें 67.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतगणना सुबह आठ बजे 11 केन्द्रों पर शुरू होगी और अपराह्र तक सभी परिणाम आने की उम्मीद है।

ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से रिक्त सीटों को भरने के लिये कराये गये थे। इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

इस समय भाजपा के पास 105 विधायक (एक निर्दलीय समेत) हैं, कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। इनके अलावा बसपा का एक सदस्य है, एक मनोनीत विधायक है और अध्यक्ष हैं।

पुलिस ने बताया कि मतगणना के लिए सुरक्षा समेत सभी प्रबंध किये गये हैं। मतगणना केन्द्रों के आसपास लोगों को एकत्र होने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है।

येदियुरप्पा ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी कम से कम 13 सीटें जीतेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। यहां तक कि लोगों को भी हमसे यही उम्मीदें हैं।’’

भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए 16 में से 13 अयोग्य विधायकों को उनके संबंधित क्षेत्रों से टिकट दिया है। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और जद (एस) के टिकटों पर जीत हासिल की थी। जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा था।

उन्नाव बलात्कार पीड़िता के शव को पुश्तैनी खेत में दी गई भू समाधि, परिवार के आक्रोश पर प्रशासन की बढ़ी थी परेशानी attacknews.in

उन्नाव 08 दिसम्बर ।उत्तर प्रदेश में उन्नाव के बिहार क्षेत्र में रविवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच बलात्कार पीड़िता के शव को भू समाधि दे दी गयी।

इस मौके पर योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरूण के अलावा मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम समेत जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़े पीड़िता के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था लेकिन बाद में मंडलायुक्त के समझाने मनाने पर वे राजी हो गये।

पीड़िता के शव को गांव के बाहर उसके पुश्तैनी खेत में दादी,दादी की समाधि के बगल में दफनाया गया। इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस बल और कुछ ग्रामीण मौजूद थे। बाद में अंत्येष्टि स्थल पर योगी सरकार के दो मंत्रियों ने भी अपनी उपस्थति दर्ज करायी।

गौरतलब है कि जिले में बिहार थाना क्षेत्र के हिंदूनगर भाटन खेड़ा गांव में बलात्कार की पीड़िता को वहशी दरिंदों ने गुरूवार तड़के उस समय आग के हवाले कर दिया था जब वह अपने वकील से मिलने रायबरेली जाने के लिये घर से रेलवे स्टेशन के लिये निकली थी।

पीड़िता को गंभीर हालत में पहले लखनऊ और बाद में एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार देर रात उसने अंतिम सांस ली। पीड़िता का शव शनिवार रात दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा उसके पैतृक स्थान उन्नाव लाया गया था। इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़े व्यथित परिजनो को समझाने बुझाने के लिये अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

पीड़िता की बड़ी बहन ने कहा “ मेरी बहन न्याय के लिये लड़ते लड़ते जिंदगी की जंग हार गई। उसका ये हश्र करने वाले राक्षसों की लंका का भी सर्वनाश होगा। मुख्यमंत्री गांव आकर हमारी बात सुने। हमारे परिवार के सदस्यों काे सरकारी नौकरी दी जाये और सभी आरोपियों की फांसी की सजा मिले। मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जायेगा।

पीड़िता के चाचा ने कहा कि पुलिस ने न्याय मांगने बिहार थाने गए थे तो पीड़िता के पिता और उन्हे पुलिस ने मारपीट कर भगा दिया। यहां तक कि पीड़िता और उसकी बहन के साथ भी अभद्रता की गयी। उन्होने कहा कि स्थानीय पुलिस आरोपी ग्राम प्रधान पति के इशारे पर नाचती थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुये मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने और आरोपियों काे कड़ी सजा दिलाये जाने का वादा किया।

उन्होने पीडिता के परिजनो को 25 लाख रूपये की अनुग्रह राशि और प्रधानमंत्री आवास दिलाने का भी एलान किया है।

वहीं दूसरी ओर जिंदा जलायी गयी बलात्कार पीड़िता पर भड़के विपक्ष ने शनिवार सुबह से ही सरकार को निशाने पर लिया और राज्य में महिला अपराध पर बढ़ रही घटनाओं की रोकथाम में सरकार को पूरी तरह विफल करार दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने तो इस मुद्दे पर सरकार के सामूहिक इस्तीफे की भी मांग कर डाली।

दिल्ली की अनाज मंडी अग्निकांड का कातिल रेहान गिरफ्तार,जहरीली गैस ने 43 श्रमिकों की ले ली जान, एक ही बंद कमरे में थे सभी attacknews.in

नयी दिल्ली,08 दिसंबर।दिल्ली में रानी झांसी रोड़ के अनाज मंड़ी इलाके में रविवार सुबह लगी भीषण आग के मामले में दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक रेहान को हिरासत में ले है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों ने बताया कि रेहान को भारतीय दंड़ संहिता की धारा 304(गैर इरादतन हत्या) के तहत हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली अग्निकांड: इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत:

दिल्ली के अनाज मंडी स्थित जिस इमारत में रविवार सुबह आग लगी थी वहां पहुंचे एनडीआरएफ के दल ने कहा कि इमारत में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरी थी। इमारत में लगी आग की वजह कम से कम 43 लोगों की जान चली गई।

उत्तरी दिल्ली की अनाज मंडी क्षेत्र में चार मंजिला इमारत में चलने वाली अवैध निर्माण इकाइयों के अधिकांश श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई।

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया।

उन्होंने कहा, “हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली। उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की। इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी।”

गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है।

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर ने कहा कि टीम को इमारत की कुछ खिड़कियां सील मिली।

उन्होंने कहा, “वहां एक ही कमरा था जिसमें अधिकतर मजदूर सो रहे थे और वहां हवा के आने-जाने के लिए केवल एक स्थान था। अधिकतर मजदूरों को तीसरी मंजिल से लाया गया था। इमारत में रखे सामान के जलने की वजह से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन गई।”

शहर में 1997 में हुए उपहार सिनेमा हादसे के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आग हादसा है।

भीषण आग: 43 लोगों की मौत का दृश्य ह्दय विदारक था-

राष्ट्रीय राजधानी के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 श्रमिक मारे गए ।

दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।

उन्होंने बताया कि 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला।

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।

दमकल अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है और दमकल कर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए।

इस बीच, बिजली वितरण कंपनी बीवाईपीएल ने दावा किया कि इमारत के भूतल पर लगे मीटर सुरक्षित हैं, जिससे प्रतीत होता है कि आग किसी अन्य कारण की वजह से लगी।

वहीं दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैरइरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दिल्ली सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों को 10 . 10 लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया।

घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य था। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिजन विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे।

दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही थी। जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे। इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की जान दम घुटने से चली गई।

सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे रहे ।

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है। ’’

वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ‘‘कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है।’’

व्यक्ति ने कहा, ‘‘मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं।’’

उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं। यह इलाका बेहद संकरा है।

एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे।

उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं।

घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। ’’

उन्होंने लिखा, ‘‘ घटनास्थल पर अधिकारी हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये और झुलसे लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।

उत्तर दिल्ली के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है।

इससे पहले, दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल सहित कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे।

बिहार के एक ही गांव के 15 लड़के हताहत:

दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में जिस बैग फैक्ट्री आग लगी थी उसमें बिहार के समस्तीपुर जिले के एक ही गांव के 15-16 लड़के काम करते थे जिनकी खैरियत की जानकारी परिजनों और रिश्तेदारों को दोपहर बाद तक नहीं मिल पायी थी।

इन लड़कों के बारे में अपराह्न डेढ़ बजे तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। बेगूसराय जिले के सनाउल्लाह ने बताया कि समस्तीपुर जिले के हेरपुर गांव निवासी उसकी बुआ का लड़का साजिद उसी फैक्ट्री में काम करता था जिसका हादसे के बाद से कोई पता नहीं चला है।

प्याज के दाम सुर्ख लाल हुए,कीमत 150 रुपये प्रति किलो पार attacknews.in

नयी दिल्ली, 07 दिसम्बर ।प्याज का रंग और सुर्ख हो गया है और यह आंसू ही नहीं निकाल रहा है बल्कि नये-नये रिकाॅर्ड बना रहा है। गोवा की राजधानी पणजी में इसका खुदरा मूल्य 165 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है।

देश के चारों महानगरों में प्याज का खुदरा मूल्य एक सौ या 120 रुपये प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज का मूल्य 98 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि चेन्नई में 138 रुपये, कोलकाता में 140 रुपये और मुंबई में 120 रुपये प्रति किलोग्राम है। देश में प्याज की सबसे कम कीमत उत्तर प्रदेश के झांसी में है, जहां इसका खुदरा मूल्य 43 रुपये प्रति किलोग्राम है।

इंदौर में कमलनाध का शिवराज सिंह चौहान पर हमला:सिर्फ घोषणा करने वाले अब आलोचना कर रहे हैं attacknews.in

इंदौर, 07 दिसंबर ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर आज निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में रहते जो लोग घोषणा करते थे, वे आज केवल आलोचना कर रहें है।

श्री कमलनाथ ने आज यहां आयोजित एक शासकीय कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए आगे कहा कि विपक्ष का काम आजकल हर अच्छे काम की आलोचना करना रह गया है। उन्होंने विपक्षी दल भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मैं घोषणा करने में नही, काम करने में विश्वास करता हूँ।

श्री कमलनाथ ने कहा कि मैं घोषणाओं पर नहीं बल्कि काम करने पर विश्वास करता हूं। प्रदेश में योजनाओं को अमली रूप दिया जा रहा है। हमने विकास कार्यों के माध्यम से अपनी नीति और नियत का परिचय दिया है। हमारे कार्यों का प्रमाण पत्र प्रदेश की जनता देगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता द्वारा दिये गये बल और शक्ति से नये मध्यप्रदेश का निर्माण किया जायेगा। मध्यप्रदेश में किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। प्रदेश में अब कम उत्पादन नहीं बल्कि अधिक उत्पादन की चुनौती हमारे सामने है। किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम कैसे मिले, इसके लिये कारगर योजना तैयार कर उसे अमली रूप दिया जायेगा।

युवा देश में सकारात्मक बदलाव लाने की चुनौती स्वीकारें-कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि विद्यार्थियों और युवा वर्ग के सामने आज विश्व के निरंतर बदलते परिदृश्य में नयी चुनौतियां हैं। ग्राम्य भारत उनकी ओर आशाओं भरी दृष्टि से देख रहा है। वे देश में सकारात्मक बदलाव लाने की चुनौती स्वीकार करें और इसी के अनुरूप कार्य करें।

श्री कमलनाथ आज यहां ऐतिहासिक डेली कॉलेज के वार्षिक उत्सव समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने मध्यप्रदेश के इस ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान के अतीत को सराहा और साथ में अपने दून स्कूल के दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि डेली कॉलेज से पढ़े हुए अनेक पूर्व छात्र मेरे मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि दून स्कूल ने भी देश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं।

उन्होंने इस विद्यालय के ऐतिहासिक धरोहर और गौरवशाली इतिहास को सराहा। उन्होंने कहा की डेली कॉलेज देश का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है। यहाँ भाषा, धार्मिक परंपराओं की विविधताएँ हैं। ऐसा अनुपम और अनूठा देश विश्व में कोई दूसरा नहीं है। समूचा विश्व भारत को आदर के साथ इसलिए देखता है कि हम अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज विश्व तेज़ी से बदल रहा है । शिक्षा के स्वरूप के साथ साथ टेक्नोलॉजी में भी नित परिवर्तन हो रहे हैं आज युवाओं के समक्ष ज्ञान के भंडार तक पहुँचने की बेहतर अवसर हैं, ये अवसर पहले की पीढ़ी के पास कम थे।

उन्होंने कहा कि युवा अपने परिवेश, समाज और देश को बेहतर बनाने की चुनौती स्वीकार करें। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने विद्यालय के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हिंदी और गुजराती फ़िल्मों के विख्यात कलाकार किरण कुमार को सम्मानित किया। उन्हें डेली कॉलेज की ओर से दिया जाने वाला पद्मश्री बी.सी. ज्युत्सी मेडल प्रदान किया गया। यह मेडल डेली कॉलेज के पूर्व विद्यार्थियों को समाज में अप्रतिम योगदान के लिए दिया जाता है। श्री कुमार विख्यात कलाकार श्री जीवन के पुत्र हैं। श्री किरण कुमार इसी विद्यालय के छात्र रहे हैं। उन्होंने विगत चार दशकों में 500 से अधिक फ़िल्मों में काम किया है।

कार्यक्रम में इस विद्यालय के पूर्व छात्र और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा, गृह मंत्री बाला बच्चन, लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी ने आत्मसमर्पण किया attacknews.in

श्रीनगर, 07 दिसंबर ।जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को शनिवार को उस समय एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब हिज्बुल मुजाहिदीन के एक वांछित आतंकवादी ने आत्मसमर्पण कर दिया।

बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ने कश्मीर फ्रंटियर के इंस्पेक्टर जनरल के समक्ष सुबह करीब नौ बजे आत्मसमर्पण किया। आतंकवादी की पहचान पुलवामा जिले में ब्राव बंदिना गांव निवासी मुज़फर अहमद के रूप में हुयी है।

आतंकवादियाें ने सोपोर-कुपवाड़ा मार्ग पर किया विस्फोट:

उधर जम्मू-कश्मीर में सोपोर-कुपवाड़ा मार्ग पर शनिवार को आतंकवादियों ने अत्याधुनिक उपकरणों (आईईडी) के इस्तेमाल से विस्फोट किया जिसके बाद कई घंटों के लिये यातायात रोक दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोपोर-कुपवाड़ा मार्ग पर गुदशाह में आतंकवादियों ने आईईडी से विस्फोट किया। विस्फोट से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज पूरे इलाके में सुनी गयी। उन्होंने बताया कि विस्फोट के बाद यातायात बाधित है। क्षेत्र में घेराबंदी कर दी गयी है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया है।

ब्रिटेन में लंदन ब्रिज पर हमला करने वाला मारा गया आतंकवादी उस्मान खान को पाकिस्तान ने POK में दफनाया attacknews.in

लाहौर/इस्लामाबाद 7 दिसम्बर । ब्रिटेन में दोषी करार दिए गए आतंकवादी और लंदन ब्रिज पर हमला कर दो लोगों की हत्या करने पर स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा मार गिराए गए उस्मान खान को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) स्थित उसके पैतृक गांव में दफनाया गया है,हालांकि, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. लंदन ब्रिज पर हमला करने वाला 28 वर्षीय उस्मान ब्रिटिश नागरिक था और विमान के जरिये उसका शव लंदन से इस्लामाबाद लाया गया और शुक्रवार को परिवार को सौंप दिया गया.

उस्मान के रिश्तेदार ने कहा, परिवार उसे ब्रिटेन में दफन नहीं करना चाहता था,उन्होंने बताया कि शव को पाकिस्तान लाने से पहले बर्मिंघम शहर की मस्जिद में नमाज पढ़ी गई।

डॉन अखबार के मुताबिक, परिवार उस्मान का शव इस्लामाबाद हवाई अड्डे से पीओके के कोटली जिले स्थित किजलानी गांव ले गया और शुक्रवार दोपहर स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया।

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के महाप्रबंधक (जनसंपर्क) अब्दुल हफीज ने बताया कि उस्मान का शव पीएआई की उड़ान संख्या पीके-792 के जरिये लाया गया।

इस बीच पाकिस्तान विदेश विभाग ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि खान का शव यहां लाया गया है।

डॉन अखबार ने विदेश विभाग के प्रवक्ता को उद्धृत किया, क्या उसका शव पाकिस्तान में है? मेरे पास इसकी कोई जानकारी नहीं है. इससे पहले दो बार (सोमवार और शुक्रवार) भीड़ ने डॉन अखबार के इस्लामाबाद स्थित कार्यालय पर हमला किया और अखबार की प्रतियां जलाई. लोग लंदन ब्रिज हमले में शामिल आतंकवादी के पाकिस्तानी मूल के होने की खबर प्रकाशित करने से नाराज थे।

उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर को पुलिस द्वारा गोली मारे जाने से पहले उस्मान ने लंदन ब्रिज पर आतंकी हमला कर दो लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी और अन्य तीन को घायल कर दिया था. बाद में उसकी पहचान लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर बम धमाके की साजिश रचने और पीओके स्थित अपनी जमीन पर आतंकवादी प्रशिक्षण शिख्स चलाने के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति के रूप में की गई जिसे सात साल पहले कैद की सजा हुई थी।

खान ने ब्रिटिश संसद पर मुंबई जैसा हमला करने पर चर्चा की थी. ब्रिटिश न्यायाधीश ने 2012 में आतंकवाद के मामले में उसे सजा सुनाई थी और पिछले साल दिसंबर में उसे पैरोल पर रिहा किया था एवं इलेक्ट्रॉनिक टैग के जरिये उसकी निगरानी की जा रही थी।

ईपीएफ आधारित न्यूनतम पेंशन 7,500 रूपये मासिक करने को लेकर कर्मचारियों-पेंशनभोगियों द्वारा 25 जनवरी से जन आंदोलन की चेतावनी attacknews.in

नयी दिल्ली, सात दिसंबर ।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों ने शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली की और रास्ता रोको अभियान चलाया।

देश के करीब 27 राज्यों से आये पीड़ित पेंशनभोगियों ने यह भी कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो आने वाले समय में आंदोलन तेज करेंगे। संगठन का कहना है कि तीस-तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है।

ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त) ने एक बयान में कहा कि पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री आवास तक विरोध मार्च निकाला कि उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।

समिति के महासचिव वीरेंद्र सिंह ने उम्मीद जतायी कि सरकार पेंशनभोगियों की आवाज़ सुनेगी और माँगों को पूरा किया जाएगा।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो आगामी 25 जनवरी से पूरे देश में जन-आंदोलन चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।

राउत ने कहा है कि कर्मचारियों का पेंशन बढ़ाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी है।

संगठन का कहना है कि तीस-तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है।

श्री राउत (सेवानिवृत्त) ने एक बयान में कहा कि पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री आवास तक विरोध मार्च निकाला कि उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।

समिति के महासचिव वीरेंद्र सिंह ने उम्मीद जतायी कि सरकार पेंशनभोगियों की आवाज़ सुनेगी और माँगों को पूरा किया जाएगा।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो आगामी 25 जनवरी से पूरे देश में जन-आंदोलन चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।

राउत ने कहा है कि कर्मचारियों का पेंशन बढ़ाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनधारकों ने न्यूनतम पेंशन साढ़े सात हजार रुपए किए जाने समेत कोश्यारी समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अविलंब नहीं माना गया तो वह 25 जनवरी के बाद देशव्यापी आंदोलन करेंगे।

‘ईपीएस 95 नेशनल एजिटेशन कमेटी’ के नेतृत्व में पेंशनधारकों की विशाल रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशनधारक लंबे समय से मांग करते चले आ रहे हैं किंतु सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम पेंशन साढ़े सात हजार करने और कोश्यारी समिति की अन्य मांगों पर अविलंब विचार नहीं करती है तो उन्हें देशव्यापी आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

श्री सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने चार अक्टूबर आदेश दिया है जिसके अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के लाभ से भी पेंशनधारियों को वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने सरकार से पेंशनधारियों के अधिकारों की रक्षा का आग्रह किया ।

रैली मे शामिल होने आए बड़ी संख्या में बुजुर्ग पेंशनभागियाें ने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर शांतिपूर्ण मार्च निकालने की कोशिश की किंतु उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। पेंशनधारक“बस, बहुत हो चुका, नहीं सहेंगे नाइंसाफी, लेकर रहेंगे हम इंसाफ” आदि नारे लगा रहे थे ।

श्री सिंह ने कहा, “अगर 25 जनवरी तक हमारी माँगें नहीं मानी गईं तो देशव्यापी आंदोलन किया जायेगा। ये हमारी सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी। बहरहाल, हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी आवाज़ सुनेगी और माँगों को पूरा करेगी।”

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर कल शाम प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से भी मुलाक़ात की थी और ज्ञापन सौंपकर ईपीएफओ की शिकायत की थी।

उल्लेखनीय है कि कोश्यारी कमेटी ने 2013 में ही तत्कालीन सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी थी। इनमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी और महंगाई भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। रिपोर्ट में किसी कर्मचारी की असमय मृत्यु होने पर उसके पति या पत्नी को सहायता राशि देना भी शामिल है।।

पाकिस्तान की कोर्ट हाई प्रोफाइल आतंकवादी हाफिज़ सईद पर आतंकवाद की गतिविधियों के आरोप तय नहीं कर सकी attacknews.in

लाहौर, सात दिसंबर ।लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमाद-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ आतंकवाद के वित्त पोषण को लेकर आरोप तय नहीं कर सकी क्योंकि अधिकारी आश्चर्यजनक रूप से शनिवार को इस हाई प्रोफाइल सुनवाई में एक सह-आरोपी को पेश करने में नाकाम रहे।

इससे एक दिन पहले भारत ने कहा था कि उसे मालूम है कि मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड ‘‘आजादी से घूम रहा है’’ और ‘‘पाकिस्तान के आतिथ्य सत्कार’’ का आनंद उठा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी सबूत साझा किए थे और यह इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है कि वह हमले के दोषियों के खिलाफ ‘‘कार्रवाई करें।’’

यहां आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और एक अन्य सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल के खिलाफ आरोपों को तय करने के लिए अब 11 दिसंबर की तारीख तय की है।

अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग की प्राथमिकी 30/19 के तहत हाफिज सईद और अन्यों के खिलाफ मामले पर आतंकवाद के वित्त पोषण के संबंध में आतंकवाद रोधी अदालत-1 में आरोप तय किए जाने थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल को जेल से पेश नहीं किया गया। इसके कारण मामले को आरोप तय करने के लिए 11 दिसंबर तक मुल्तवी किया जाता है।’’

सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से उच्च सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया।

पत्रकारों को सुरक्षा कारणों से सुनवाई की रिपोर्टिंग करने के लिए अदालत परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।

अदालत के अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इकबाल 11 दिसंबर को अगली सुनवाई में पेश हो।

पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के आरोपों पर सईद और उसके साथियों के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थी और जमात-उद-दावा (जेयूडी) सरगना को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया था।