राहुल गांधी ने जनता को कहा: भारत अब बलात्कारियों का देश बन गया है attacknews.in

साहेबगंज/महगामा (झारखंड) 12 दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने देश में दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर आज एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि श्री मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ अब रेप (दुष्कर्म) इन इंडिया’ में तब्दील हो गया है।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गांधी ने यहां संथालपरगना प्रमंडल के साहेबगंज और महगामा में महागठबंधन प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, मोदी जी का मेक इन इंडिया अब रेप इन इंडिया बन गया है।

उन्होंने कहा कि झारखंड और उत्तर प्रदेश में जहां भी देखो दुष्कर्म के वारदात सामने आ रहे हैं। यहां तक कि श्री मोदी की पार्टी भाजपा का एक विधायक भी एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी है। इतना ही नहीं पीड़िता को बाद में जलाकर मार दिया गया लेकिन श्री मोदी ने चुप्पी साध ली।

श्री गांधी ने कहा, “श्री मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’का नारा दिया लेकिन बेटियों की हिफाजत कौन करेगा। आज बेटियों को भाजपा के विधायक से बचाने की जरूरत है।”

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और उसके नेता 24 घंटे देश को बांटने की तिकड़म में लगे रहते हैं। उनका पूरा दिन लोगों को धर्म के आधार पर लड़ाने की साजिश रचने में बीतता है और ठीक इसी समय उद्योगपति अडाणी और अंबानी को देश का पैसा देने का भी काम कर रहे होते हैं।

रामविलास पासवान का वर्तमान राजनीति पर बड़ा बयान: धर्मनिरपेक्षता को लेकर देश की राजनीति करने का जमाना चला गया attacknews.in

नयी दिल्ली 12 दिसम्बर । खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता को लेकर देश की राजनीति करने का जमाना चला गया है और अब लोग विकास के लिए वोट देते हैं ।

श्री पासवान ने लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण के प्रावधान को 10 वर्षो के लिए बढाने के प्रावधान वाले संविधान (126 वें संशोधन ) विधेयक 2019 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कोई नहीं सोचता था कि राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी ।

महाराष्ट्र सरकार में विभागों का बंटवारा:शिवसेना को गृह,राकांपा को वित्त,कांग्रेस को राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग attacknews.in

मुंबई, 12 दिसंबर । शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के दो सप्ताह बाद बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार में विभागों के बंटवारे की घोषणा की गई, जिसमें शिवसेना को महत्वपूर्ण गृह विभाग मिला है ।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को वित्त, आवास, जन स्वास्थ्य, सहकारिता विभाग दिए गए हैं ।

गठबंधन में साझेदार कांग्रेस को राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, वस्त्र, महिला एवं बाल विकास विभाग मिले हैं ।

लोकसभा और विधान सभाओं में SC/ST आरक्षण 10 साल बढ़ाने वाले विधेयक पर लगी संसद की मुहर attacknews.in

नयी दिल्ली 12 दिसंबर ।लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की समय सीमा 2020 से दस साल और बढ़ाने तथा एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए संसद एवं विधानसभाओं आरक्षण समाप्त करने संबंधी संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019 पर आज राज्यसभा की मंजूरी मिलने के साथ ही संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इसे पहले पारित चुकी है।

राज्यसभा में हुए मतविभाजन के दौरान सदन में मौजूद सभी 163 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में वोट दिया और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा।

सदन में करीब तीन घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और इसे कभी नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान में मूल आधारों को परिवर्तित करने की आशंका भी निराधार है।

उन्होंने कहा अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर की बात करना गलत है और सरकार इसके विरोध में हैं। इस संबंध में सरकार ने अपना पक्ष न्यायालय में रख दिया है।

उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों से अनुरोध किया जाता है कि वे कॉलेजियम के माध्यम से अनुसूचित जाति और जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के नामों की सिफारिशें करें ताकि इन समुदायों के लोग भी न्यायाधीश बन कर आयें।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक सेवा में भी सरकार आरक्षण का प्रावधान करेगी। उच्च न्यायालय के एक दलित जज को उच्चतम न्यायालय में लाया गया है और वह आगे चल कर मुख्य न्यायाधीश भी बन सकते हैं ।

नरेन्द्र मोदी ने कहा:नागरिकता संशोधन विधेयक से पूर्वोत्तर को बाहर रखा गया है,कांग्रेस झूठ का प्रचार करके जनता को गुमराह कर रही है attacknews.in

धनबाद (झारखंड) 12 दिसंबर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों से पारित नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को लेकर असम और पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके अधिकार कोई भी नहीं छीन सकता, बस केवल कांग्रेस के भ्रम में फंसने से बचने की जरूरत है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने यहां बरवाअड्डा में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं असम के अपने भाई-बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिका संशोधन विधेयक के पारित होने से उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। मैं आपको भारोसा दिलाता हूं कि इस विधेयक के पारित होने से कोई भी आपके अधिकार को नहीं छीन सकता है।” उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि इस विधेयक को लेकर कांग्रेस जिस झूठ का प्रचार कर रही है उसमें फंसने से बचने की जरूरत है।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा उपनियम छह के प्रावधानों के अनुसार असम के लोगों के राजनीतिक, सांस्कृतिक, भाषाई एवं उनकी जमीन की संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक में किए गए प्रावधानों से पूरे पूर्वोत्तर को लगभग बाहर रखा गया है इसलिए इस क्षेत्र के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस इस विधेयक को लेकर झूठ फैला रही है और लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध की आग में जला असम , लोगों ने किया कर्फ्यू का उल्लंघन, इंटरनेट सेवाएं रोकी attacknews.in

गुवाहाटी/नईदिल्ली , 12 दिसंबर ।असम में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन किया और पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीa।

पुलिस ने बताया कि लालुंग गांव में उन्हें गोलियां भी चलानी पड़ीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस घटना में चार लोग घायल हो गए।

असम के दस जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर लगाई गई रोक की अवधि को बृहस्पतिवार की दोपहर 12 बजे से 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया का ‘‘दुरुपयोग’’ रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के वास्ते इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) संजय कृष्णा ने बताया कि लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाएं बाधित रहेंगी।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार की शाम सात बजे इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं।

स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने राज्य पुलिस रैंक में कुछ बदलाव किये हैं। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को हटा दिया गया है और उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को नियुक्त किया गया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल का स्थानांतरण एडीजीपी (सीआईडी) के रूप में किया गया और जी पी सिंह को उनका प्रभार दिया गया है।

पुलिस को गुवाहाटी-शिलांग रोड सहित अन्य इलाकों में भी गोलियां चलानी पड़ी। ये क्षेत्र युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुके हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और इमारतों में तोड़फोड़ करने के साथ ही सड़कों पर टायर जलाए। प्रदर्शकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई है।

छात्र संगठन आसू और किसान संगठन केएमएसएस ने लताशील मैदान में लोगों को जुटने का आह्वान किया था। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतिबंध के बावजूद भी इस रैली में फिल्म और संगीत क्षेत्र की कई हस्तियों ने हिस्सा लिया। कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ जुबीन गर्ग भी सभा में शामिल हुए।

आसू के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने इस सभा में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक का पारित होना सुनिश्चित कराके असम के लोगों के साथ धोखा किया है।’’

आसू और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) के नेताओं ने कहा कि वह हर साल 12 दिसंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़ के चाबुआ में स्थानीय विधायक विनोद हजारिका के आवास को जला दिया गया। इमारत में खड़े वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया।

कामरूप जिले में कार्यालय, स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद रहे। यहां दुकानें बंद हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 सहित विभिन्न मार्गों पर सड़कों से गाड़ियां नदारद हैं क्योंकि इसे बंद किया जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि उन्हें रंगिया शहर में तीन गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थर और जले हुए टायर फेंके। शहर के कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी हुआ।

इस बीच गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों ने जीएस रोड पर असम के पुलिस प्रमुख भाष्कर ज्योति महंत के काफिले पर पथराव किया।

उपायुक्त रोशनी कोरती ने बताया कि जोरहाट जिले में रात में हिंसा की घटनाओं को रोकने के वास्ते शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को गोलाघाट जिले में भी हवा में गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 39 बंद कर रखा था और पुलिस उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास कर रही थी।

लखीमपुर और चराईदेव जिलों के चाय बागानों में श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके अलावा गोलाघाट के नुमालीगढ़ और तिनसुकिया जिलों के कुछ इलाकों में भी श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है।

राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में सेना की पांच टुकड़ियां तैनात हैं और वे गुवाहाटी, तिनसुकिया, जोरहाट और डिब्रूगढ़ में फ्लैग मार्च कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि असम से आने-जाने वाली कई ट्रेनें और उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के कारण गुवाहाटी में हवाई अड्डे पर कई यात्री फंसे हुए हैं। मुख्य शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर बोरझार में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के भीतर और बाहर छात्रों, पेशेवरों, बुजुर्गों और युवतियों को फंसे हुए देखा गया।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि सड़क परिवहन व्यवस्था ठप होने के कारण डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर यात्रियों की आवाजाही भी प्रभावित रही।

मंत्रालय ने कई ट्वीट करके कहा कि फंसे हुए यात्रियों को चरणबद्ध तरीके से बाहर निकाला जा रहा है।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे पहले यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

सीएबी के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन करेंगे वाम दल:

पांच वाम दलों ने संसद द्वारा बुधवार को पारित नागरिक संशोधन विधेयक (सीएबी) के विरोध में 19 दिसम्बर को देश भर में धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसी दिन स्वतंत्रता सैनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला और रोशन सिंह को फांसी दी गई थी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भाकपा माले ने एक संयुक्त बयान जारी कर यह घोषणा की है।

सीएबी विरोध की आग में जल रहा असम, भाजपा, आरएसएस के नेता निशाने पर:

गुवाहाटी से खबर है कि,नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के विरोध को लेकर असम में जारी आंदोलन ने जहां उग्र रूप अख्तियार कर लिया है वहीं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के कई प्रमुख नेताओं के आवासों पर हमले की रिपोर्टें हैं।

इस बीच राज्य के तनावग्रस्त इलाकों में सेना ने फ्लैग मार्च किया है। केंद्र सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए पांच हजार से अधिक अर्धसैनिक बल के जवानों की 24 टुकड़ियों को भेजने का निर्णय लिया है।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल , केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली और बहुत से अन्य भाजपा नेताओं के आवासों पर हमला किया है।

श्री सोनोवाल के उत्तरी असम के डिब्रूगढ़ स्थित आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कल रात हमला किया और पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने दुलिजन में श्री तेली के आवास पर भी हमला किया तथा भाजपा विधायक प्रशांत फूकन के आवास पर तोड़फोड़ की।

राज्य के विभिन्न स्थानों पर आरएसएस के कार्यालयों पर भी हमले की रिपोर्टें हैं।

सीएबी के विरोध में जारी आंदाेलन की उग्रता के मद्देनजर बुधवार शाम को गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया गया। कर्फ्यू लगाये जाने के बावजूद देर रात कई स्थानों पर लोगों की भीड़ देखी गयी। पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने के लिये हवा में गोलियां चलाई और लाठीचार्ज किया। चबुआ और पनीटोला रेलवे स्टेशनों पर 2130 बजे उपद्रवियों ने तोड़ फोड़ की।

उपद्रवियों ने चबुआ रेलवे स्टेशन के नियंत्रण कक्ष और पनीटोला स्टेशन के भवन को आग लगा दी, जिसके बाद गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाली सभी ट्रेनें स्थगित कर दी गयी।

गुवाहाटी शहर में सीएबी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाओं के कारण प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है और सेना बुला ली गयी है तथा 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गयी है।

असम में स्थिति को काबू में करने के लिए फ्लैग मार्च:

असम में नागरिक संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ जारी प्रदर्शन को देखते हुए कई हिस्सों में सेना ने फ्लैग मार्च किया है तथा स्थिति पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने पांच हजार से अधिक अर्धसैनिक बल के जवानों की 24 टुकड़ियों को भेजने का निर्णय लिया है।

इससे पहले बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने करीब सवा छह बजे लागू किये गए कर्फ्यू का उललघंन करते हुए रेलवे स्टेशनों पर तोड़ फोड़ की ।

नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चबुआ और पनीटोला रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बनाया और प्रदर्शन के बेहद उग्र हो जाने की वजह से डिब्रूगढ़ और गुवाहटी में बीच यातायात को स्थगित कर दिया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार गुवाहाटी के लचित नगर इलाके में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है तथा प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर गुरुवार शाम सात बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है।

गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ की उड़ानें लगातार दूसरे दिन रद्द:

नयी दिल्ली से खबर है कि, असम में हिंसा की घटनाओं को देखते हुये विमान सेवा कंपनियों ने गुवाहाटी तथा डिब्रूगढ़ हवाई अड्डों को जाने वाली और वहाँ से आने वाली उड़ानें गुरुवार को लगातार दूसरे दिन रद्द कर दी हैं जबकि नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि वह स्थिति पर नजर बनाये हुये है।

नागर विमानन मंत्रालय ने ट्विटर पर जारी आधिकारिक बयान में लिखा है कि हवाई अड्डे को जोड़ने वाले सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने के कारण डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर यात्रियों की आवाजाही बाधित हुई है। हवाई अड्डे पर फँसे यात्रियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा हर प्रकार की जरूरी सुविधा दी जा रही है।

उसने कहा,“इन यात्रियों को चरणबद्ध तरीके से निकाला जा रहा है। उड़ानों के परिचालन में 12 दिसंबर को आयी अस्थायी बाधा पर करीबी नजर रखी जा रही है। विमान सेवा कंपनियों तथा अन्य हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा कर स्थिति सामान्य होते ही हवाई अड्डे से परिचालन शुरू किया जायेगा।”

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर फैसले से संबंधित सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर ।उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण संबंधी उसके फैसले को लेकर दायर सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सभी याचिकाओं पर विचार के बाद उन्हें निरस्त कर दिया।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने नौ नवबंर को राम जन्म भूमि विवाद को लेकर दिये गये अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण उसी जगह पर करने और मुस्लिम समुदाय को अयोध्या में दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का सरकार को आदेश दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले नौ नवंबर के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें बृहस्पतिवार को खारिज दीं।

शीर्ष अदालत ने चैंबर में कुल 19 पुनर्विचार याचिकाओं पर गौर किया। न्यायालय ने इन याचिकाओं को उन्हें विचार योग्य नहीं पाया और सभी को खारिज कर दिया।

इस प्रकरण में मूल मालिकाना हक से संबंधित वादियों की 10 याचिकाओं को खारिज करते हुये प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘खुले न्यायालय में पुनर्विचार याचिकायें सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने के आवेदन खारिज किये जाते हैं। हमने सावधानी के साथ पुनर्विचार याचिकाओं और इनके साथ दायर संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया। हमें इनमें विचार के लिये कोई आधार नहीं मिला। तद्नुसार पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं।’’

शीर्ष अदालत ने ‘तीसरे पक्ष’ द्वारा दायर नौ अन्य याचिकाओं पर भी विचार किया जो मूल वाद में पक्षकार नहीं थे और उन्हें इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘पुनर्विचार याचिकायें दायर करने की अनुमति के लिये आवेदन खारिज किये जाते हैं। पुनर्विचार याचिकायें दायर करने की अनुमति देने से इंकार किये जाने के तथ्य के मद्देनजर इन याचिकाओं को खुले न्यायालय में सूचीबद्ध करने का आवेदन और पुनर्विचार याचिकायें रद्द की जाती है।’’

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति सुजीव खन्ना शामिल थे।

जिन दस वादकारों की पुनर्विचार याचिकायें खारिज की गयी हैं उनमें से आठ याचिकायें मुस्लिम पक्षकारों ने दायर की थीं। इनमें आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा समर्थित पक्षकारों की याचिकायें भी शामिल थीं।

इस विवाद में प्रमुख मुस्लिम वादी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने नौ नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध नहीं करने का निर्णय लिया था।

इस फैसले पर पुनर्विचार के लिये दो हिन्दू पक्षकारों-निर्मोही अखाड़ा और अखिल भारत हिन्दू महासभा- ने याचिकायें दायर की थीं।

पुनर्विचार याचिकायें खारिज होने के बाद अब सिर्फ सुधारात्मक याचिका दायर करने का ही कानूनी विकल्प इन वादियों के पास बचा है।

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ भूमि की डिक्री राम लला के पक्ष में देने के साथ केन्द्र सरकार को उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये मुख्य स्थान पर पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का भी निर्देश दिया था। संविधान पीठ ने केन्द्र को यह निर्देश भी दिया था कि मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक न्यास का गठन किया जाये।

शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ सबसे पहले दो दिसंबर को पहली पुनर्विचार याचिका मूल वादी एम सिदि्दक के कानूनी वारिस मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने दायर की थी। इसके बाद, छह दिसंबर को मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर कीं, जिन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त था।

मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने 14 बिन्दुओं के आधार पर इस फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था और कहा था कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का निर्देश देकर ही इस मामले में ‘पूर्ण न्याय’ हो सकता है। उन्होंने नौ नवंबर के फैसले के उस अंश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था, जिसमें केन्द्र को तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिये एक न्यास गठित करने का निर्देश दिया गया था।

इसके बाद नौ दिसंबर को दो पुनर्विचार याचिकायें और दायर की गयी थीं। इनमें से एक याचिका अखिल भारत हिन्दू महासभा की थी जबकि दूसरी याचिका 40 से अधिक लोगों ने संयुक्त रूप से दायर की। संयुक्त याचिका दायर करने वालों में इतिहासकार इरफान हबीब, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक विश्लेषक प्रभात पटनायक, मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर, नंदिनी सुंदर और जॉन दयाल शामिल हैं।

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करके मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को आबंटित करने के निर्देश पर सवाल उठाये थे। महासभा ने फैसले से उस अंश को हटाने का अनुरोध किया था जिसमें विवादित ढांचे को मस्जिद घोषित किया गया था।

मप्र मंत्रिमंडल के निर्णय:दैवेभो की सेवा आयु 62,अनुदान प्राप्त कालेज शिक्षकों की 65 वर्ष की गई, अतिथि विद्वानों को हटाया नहीं जाएगा attacknews.in

भोपाल 11 दिसम्बर । मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तृतीय श्रेणी दैनिक वेतन भोगियों/स्थायी कर्मियों की सेवा में कार्य करने की अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष और अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत शिक्षकों की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम तथा अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण करने संबंधी निर्णय भी लिया है।

अब प्रदेश में खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों के अन्तर्गत न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 33 वर्ष होगी। महिला आवेदकों (अनारक्षित वर्ग) तथा आरक्षित वर्ग के पुरूष/महिला आवेदकों और शासकीय/निगम/मण्डल/स्वशासी संस्था के कर्मचारियों तथा नगर सैनिकों के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले वर्दीधारी राजपत्रित/अराजपत्रित/कार्यपालिक पदों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी। इसी प्रकार, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी।

मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्र-संस्करण योजना

मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्र-संस्करण योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के प्रथम घटक में औद्योगिक क्षेत्रों में तथा द्वितीय घटक में राजस्व भूमि पर उद्यानिकी क्लस्टर की स्थापना और विभाग द्वारा चयनित भूमि का विकास उद्योग विभाग अथवा अन्य किसी योग्य शासकीय संस्था के माध्यम से कराया जाएगा। अन्य आवश्यक ऑपरेशनल बिन्दुओं पर निर्णय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद ने ‘मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना’ की अवधि मार्च 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इस अवधि में कुल दो लाख सोलर पम्पों की स्थापना की जाएगी। इस योजना में राज्य के सभी कृषक पात्र हैं। यह योजना प्राथमिकता पर प्रदेश के उन दूर-दराज के क्षेत्रों में क्रियान्वित की जाएगी, जहाँ विद्युत कंपनियों द्वारा विद्युत अधोसंरचना का विकास नहीं किया जा सका है।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में जिला स्तर पर ई-गवर्नेन्स परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिये प्रदेश की जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के अंतर्गत जिला स्तर पर जिला ई-गवर्नेंस मैनेजर, लेखापाल और कार्यालय सहायक के 51-51 पद तथा तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर असिस्टेंट ई-गवर्नेंस मैनेजर के 395 पद, इस प्रकार कुल 548 स्वीकृत पदों को परियोजना के जारी रहने तक संविदा आधार पर निरंतर जारी रखे जाने का निर्णय लिया है।

मंत्रि-परिषद ने वाटर स्पोर्टस नोड की स्थापना के लिए रक्षा विभाग, भारत सरकार के पक्ष में ग्राम कोहेफिजा तहसील हुजूर जिला भोपाल में 0.607 हेक्टेयर शासकीय भूमि का आवंटन किये जाने का निर्णय लिया। वाटर स्पोर्टस नोड में प्रदेश के बच्चों को भर्ती कर उन्हें स्पोर्टस में पारंगत भी किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद ने शिशु मंदिर, ग्वालियर सोसायटी को एएमआई शिशु मंदिर ग्वालियर के संचालन के लिए ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में स्थित भूमि कुल रकबा 13700 वर्ग मीटर आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। साथ ही, श्री सत्य साईं मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर ट्रस्ट को बच्चों के हृदय रोग संबंधित अस्पताल खोलने के लिए ग्राम बांगइदा तहसील मल्हारगंज जिला इन्दौर में 2.2 हेक्टेयर भूमि आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, गुना जिले की कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा (राघोगढ़) को गन्ना उत्पादक कृषकों और कर्मचारियों के लम्बित भुगतान के लिए 13.81 करोड़ रूपये ऋण के रूप में उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

अतिथि विद्वानों को पुन: कार्य पर रखने के लिए होगी नीति निर्धारित

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि अतिथि विद्वानों को वर्तमान में रिक्त और भविष्य में स्वीकृत होने वाले पदों के विरूद्ध पुन: कार्य पर रखने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नीति निर्धारित की जाए। वर्ष 2022 तक की चयन प्रक्रियाओं में अतिथि विद्वानों को वरीयता अंक और आयु सीमा में छूट के लिए मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 में आवश्यक संशोधन किये जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर गुरुवार से नियमित सुनवाई करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर । उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने से संबंधित मामले में बुधवार को सवाल किया कि जम्मू कश्मीर संविधान सभा के पुनर्गठन के लिए सक्षम प्राधिकार कौन हो सकता है।

अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने यह बिन्दु भी उठाया कि यदि निर्णय लोगों पर है तो क्या यह जनमत संग्रह, सहमति या विमर्श का मामला होगा।

याचिकाकर्ताओं ने संविधान के प्रावधान का हवाला दिया और कहा कि लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाली संविधान सभा को ही जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे में किसी बदलाव के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करने का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होगी लगातार सुनवाई

उच्चतम न्यायालय चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को लगातार सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने बुधवार को भी मामले की सुनवाई की। पीठ ने कहा, “ हम गुरुवार को इस मामले की लगातार सुनवाई करेंगे।”

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी याचिका attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर ।नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा।

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

उन्होंने कहा, ‘ यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है। इसका पूरा मसौदा ही धार्मिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के साथ तैयार किया गया है।’ मदनी ने यह भी कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इसमें बिना दस्तावेज के नागरिकता देने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी।

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को काला दिन बताया,संघर्ष करने का ऐलान attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भाजपा के ‘विभाजनकारी एजेंडे” के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है। ”

उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी। अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगा।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा , “यह विधेयक न सिर्फ हमारे संविधान में निहित समता एवं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं होने के सिद्धांत का अपमान है, बल्कि यह उस भारत को खारिज करने का द्योतक है जो सभी धर्मों, जातियों, वर्गों और नस्ल के लोगों का रहा है।”

उन्होंने यह दावा भी किया, “यह विधेयक स्वंतत्रता आंदोलन की भावना के खिलाफ है और हमारे राष्ट्र की आत्मा पर कुठाराघात है।”

सोनिया ने कहा, “हमारा देश ऐतिहासिक रूप से सभी धर्मों के पीड़ित लोगों को शरण और संरक्षण देता रहा है। हम एक गौरवान्वित राष्ट्र हैं । हम इस सोच के साथ सदा खड़े रहे हैं कि भारत तभी स्वतंत्र रह सकता है जब लोग स्वतंत्र हों और हमारी संस्थाएं, सरकारें और राजनीतिक ताकतें नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए समर्पित हों।” उन्होंने कहा, ‘ यह विडंबना है कि इस विधेयक को उस वक्त लाया गया है जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के विभाजनकारी एवं ध्रुवीकरण वाले एजेंडे के खिलाफ कांग्रेस अपना संघर्ष जारी रखने को प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की।

लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी,असम और त्रिपुरा में व्यापक प्रदर्शन, गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा attacknews.in

गुवाहाटी/अगरतला, 11 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को संसद द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने के बीच इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि असम में सेना को तैयार रहने को कहा गया है और त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने शिलांग में कहा था कि त्रिपुरा में सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गई है।

आज देर शाम आये स्पष्टीकरण में कहा गया है कि असम राइफल्स के जवानों को त्रिपुरा में सेवा में लगाया गया है।

इस बीच, संसद ने आज रात इस विधेयक को पारित कर दिया। लोकसभा में इसे सोमवार की देर रात पारित किए जाने के बाद आज राज्यसभा ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी।

शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच असम के 10 जिलों में बुधवार की शाम सात बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को स्थगित रखा जायेगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) कुमार संजय कृष्णा द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

शरारती तत्वों के शांति को भंग करने के प्रयासों को विफल करने के लिए पूरे त्रिपुरा राज्य में भी मंगलवार को अपराह्र दो बजे से 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं पहले से ही बंद हैं।

त्रिपुरा में इंटरनेट सेवाएं बुधवार को दूसरे दिन भी बंद रहीं। अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट सेवाएं बृहस्पतिवार तक बंद रहेंगी।

उन्होंने बताया कि ट्रेन और बस सेवाएं भी रोक दी गई हैं।

शुरूआत में असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने बताया था कि कर्फ्यू बृहस्पतिवार की सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा। हालांकि उन्होंने बाद में बताया कि कर्फ्यू अनिश्चिकाल के लिए बढ़ा दिया गया है।

हालांकि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अगरतला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के किसी भी स्थान पर सेना तैनात नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि असम राइफल्स की टुकड़ियों को हिंसाग्रस्त धलाई जिले में तैनात रखा गया है जबकि कुछ अन्य स्थानों पर बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात हैं।

इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा में बंद का आह्वान किया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आज असम की सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।

हालांकि किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।

कुछ छात्र नेताओं ने दावा किया कि सचिवालय के सामने पुलिस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये।

गैर आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ तथा जोरहाट जैसे अन्य स्थानों पर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।

इसी तरह की घटनाएं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से भी सामने आई है।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल शहर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़े स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार को कुछ समय के लिए यहां गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंस गए।

प्रदर्शनकारियों ने गुवाहाटी और राजधानी दिसपुर में टॉयर जलाकर लगभग हर सड़क को अवरूद्ध कर दिया जिससे कार्यालय जाने वाले लोग फंस गये।

कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के अखिल गोगोई ने इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ ‘हड़ताल’ का आह्वान किया है।

गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालयों ने सभी परीक्षाओं को 14 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया।

डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई जहां प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गये। डिब्रूगढ़ में पथराव की घटना में एक पत्रकार के घायल होने की खबर है।

विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया और राज्य से बनकर चलने वाली कुछ ट्रेनों का समय बदल दिया।

एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभान चंदा ने एक बयान में कहा, ‘‘कम से कम 14 रेलगाड़ियों को या तो रद्द कर दिया या उनकी यात्रा गंतव्य से पहले ही समाप्त कर दी गई।’’

नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

इसरो ने रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह RISAT-2BR समेत 9 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया attacknews.in

श्रीहरिकोटा, 11 दिसंबर ।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र से बुधवार को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण याान (पीएसएलवी-सी48) के जरिये रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 समेत नौ विदेशी वाणिज्यिक उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।

रडार ईमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 से देश की सीमाओं की निगरानी आसान हो जाएगी और इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्य से किया जाएगा।

पीएसएलवी-सी48 ने उपग्रहों को लेकर आज 1525 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लांच पैड से उड़ान भरी। इसके 16 मिनट और 23 सेकंड बाद रिसैट-2बीआर1 को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया। इसके साथ ही नौ विदेशी वाणिज्यिक उपग्रहों को भी पृथ्वी की कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया।

इसरो प्रमुख के सिवन ने मिशन की सफलता के बाद वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, “आज हमने पीएसएलवी के 50वें मिशन को सफलतापूर्वक लांच कर इस ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के इतिहास में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने कहा, “रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 का निर्माण उपग्रह टीम ने किया है। इसका निर्माण बहुत कम समय में कर लिया गया।”

इसरो प्रमुख ने कहा, “मेरे मित्रों निश्चित रूप से हमने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है और हमें अभी बहुत सारे बड़े मिशन पूरे करने हैं।”

नौ विदेशी उपग्रह इजरायल, इटली, जापान और अमेरिका के हैं। इनमें से अमेरिका के छह उपग्रह और इजराइल, इटली तथा जापान का एक-एक उपग्रह शामिल हैं।

नागरिकता संशोधन विधेयक पर लगी संसद की मुहर, राज्यसभा में पक्ष में 125 और विरोध में 105 मतों से पारित attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर ।संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया।

लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे।

उन्होंने कहा कि उन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी में खासी कमी आयी है। शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए देश को आश्वस्त किया कि यह प्रस्तावित कानून बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा।

उन्होंने इस विधेयक के संविधान विरूद्ध होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को इस प्रकार का कानून बनाने का अधिकार स्वयं संविधान में दिया गया है। उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय में न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और बने रहेंगे।

नागरिकता विधेयक पर संसद की मुहर, मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं: अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा को आश्वस्त किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक में संविधान का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है और यह अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता क्योंकि यह नागरिकता लेने वाला नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला विधेयक है।

गृह मंत्री ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सदस्यों को यह आश्वासन दिया। इसके बाद सदन ने विधेयक को 105 के मुकाबले 125 मतों से पारित कर दिया। इसके साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गयी क्योंकि लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

नागरिकता से लोग सम्मान का जीवन जी सकेगे: शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए बुधवार को कहा कि दशकों से जो करोड़ों लोग प्रताड़ना का जीवन जी रहे थे उनके जीवन में विधेयक के प्रावधानों से अब आशा की किरण दिखेगी।

श्री शाह ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को चर्चा के लिए पेश करने के बाद कहा कि देश में बंगलादेश , पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले करोड़ों हिन्दु , जैन , बौद्ध , सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को अब नागरिकता दी जा सकेगी और वे सम्मान का जीवन जी सकेंगे । वे मकान ले सकेगें , रोजगार हासिल कर सकेंगे और उन पर चल रहे मुकदमें समाप्त हो सकेंगे ।

उन्होंने कहा कि देश के विभाजन किये जाने के बाद कल्पना की गयी थी कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक परिवार सम्मानपूर्ण जीवन जियेंगे । कई दशक गुजरने के बाद भी अफगानिस्तान , पाकिस्तान और बंगलादेश के अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित नहीं रहे । बंगलादेश के बनने के बाद वहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों कें सुरक्षा के प्रयास किये गये लेकिन बंगबंधु मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गयी ।

उन्होंने कहा कि बंगलादेश में 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे । इनमें से बहुत से मारे गये या उनका धर्म परिवर्तन कराया गया । काफी लोग भारत में आये लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिली । ऐसे लोगों को नागरिकता देने के साथ ही कुछ विशेष रियायतें दी जायेगी ।

नरेन्द्र मोदी ने कहा:नागरिकता संशोधन विधेयक इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा और यह धार्मिक प्रताड़ना के पीड़ित शरणार्थियों को स्थायी राहत देगा । सूत्रों ने यह जानकारी दी ।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह महीने में सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा संबंधी प्रावधानों को समाप्त करने, अर्थव्यवस्था की मजबूती, किसानों सहित विविध क्षेत्रों में ‘‘ऐतिहासिक कार्य’’ किये हैं और पार्टी सांसद इन कार्यों को जनता के बीच ले जाएं ।

प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे आगामी बजट के बारे में समाज के विभिन्न वर्गो की राय लें और इसके बारे में वित्त मंत्री को बताएं ।

सूत्रों के अनुसार, मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कुछ राजनीतिक दलों के नेता वैसी ही भाषा का उपयोग कर रहे हैं जैसी भाषा का उपयोग पाकिस्तान करता है और पार्टी सांसदों को इससे जनता को अवगत कराना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा और यह धार्मिक प्रताड़ना के पीड़ित शरणार्थियों को स्थायी राहत देगा ।

गौरतलब है कि लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन हेतु पात्र बनाने का प्रावधान है।

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में 12 बजे चर्चा एवं पारित होने के लिये रखा जायेगा । उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह आसानी से पारित हो जायेगा ।

भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कर्नाटक उपचुनाव में भाजपा की जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रदेश की जनता, मुख्यमंत्री बी एस येदियुप्पा और प्रदेश नेतृत्व को बधाई भी दी ।