देश के स्वतंत्रता के 75वें साल 2022 में संसद के नये भवन में होगी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उम्मीद जताई है कि 2022 तक संसद के नये भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और आजादी के 75वें साल में संसद की कार्यवाही नये भवन में होगी।

श्री बिरला ने शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि 2022 में देश की आजादी के 75वें साल पर नये संसद भवन में संसद की कार्यवाही प्रारंभ हो। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर इस दिशा में तेजी से काम करने का अनुरोध किया है और श्री मोदी ने उनके इस अनुरोध पर अपनी सहमति भी दी है।

उन्होंने कहा कि इस बारे में तैयारियों को लेकर लगातार बातचीत का दौर चल रहा है।

वित्त मंत्री सीतारमण का दावा: अर्थव्यवस्था के सुधार के सरकार के प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली 13 दिसंबर ।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार करने के लिए सरकार के प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर दिखायी दे रहा है।

श्रीमती सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार करने और निवेश बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका असर दिखाई दे रहा है। देश में निवेश बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है और बुनियादी ढ़ांचे में निवेश हो रहा है। इस अवसर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यिन और केंद्रीय राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय मौजूद थे।

प्‍याज की बढ़ रही कीमतों पर श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार प्याज का आयात कर रही है और इसके दाम कम होने लगे हैं।

वित्त मंत्री नेे कहा कि सरकार उद्योगों की चुनौतियों का समाधान करती है और उनको हरसंभव मदद उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि उद्याेगों और संबद्ध पक्षों के साथ बजट पूर्व परामर्श सोमवार से शुरू कर दिया जाएगा। सरकार तेजी के साथ उद्याेगों की समस्याओं का समाधान कर रही है और भविष्य में भी सरकार की यही रणनीति रहेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि प्याज की कीमतों में गिरावट का रुख बनने लगा है और सरकार जल्द से जल्द उत्पाद को बाजार में लाने के लिए कदम उठा रही है।

प्याज की कीमतों में रिकार्ड तोड़ बढ़ोतरी से सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सरकार ने प्याज की कीमतों पर निगरानी के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया है और दामों काे नीचे लाने के लिए कदम उठा रही है।

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में किया उग्र प्रदर्शन, पुलिस पर हमले के बाद हुआ लाठीचार्ज attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों का आंदोलन शुक्रवार को उग्र हो गया जिसमें कई छात्र-छात्रायें घायल हो गये और इस दौरान 12 पुलिसकर्मी भी घायल हुए है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जामिया के छात्र जंतर मंतर जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर के बाहर ही समझा कर रोकने की कोशिश की गई लेकिन छात्र उग्र हो गए। इस दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। आंदोलनकारी छात्रों ने बैरीकेट तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। इस हिंसक झड़प में 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए जिनमें से दो को आईसीयू में रखा गया है जहां उनकी हालत स्थिर है।

अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े तथा हल्का बल प्रयोग किया गया। 42 छात्रों को हिरासत में लिया गया है।

छात्रों ने बताया कि छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने पहले पानी की बौछार की और फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया जिसमें 50 से अधिक छात्र घायल हुए है। घायलों को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

छात्रों का कहना है कि संविधान को बचाने के लिए और काले कानून के खिलाफ उनका संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।

जामिया में छात्रों का आंदोलन अब भी जारी है। बड़ी संख्या में छात्र अब भी सड़क पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

इस बीच केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने जामिया के छात्रों पर लाठी चार्ज की कड़ी निंदा की है।

संघ के अध्यक्ष राजीव रे और सचिंव डी के लोबियाल ने कहा कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठी चार्ज कर उन्हें घायल किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के साथ भी उसने ऐसा ही किया। लोकतंत्र में सबको विरोध प्रदर्शन का अधिकार है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई 12 याचिकाएं attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया सहित कई राजनीतिज्ञों, विभिन्न संगठनों एवं पूर्व राजनयिक ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की वैधता को उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को चुनौती दी।

श्री रमेश, सुश्री मोइत्रा और श्री सैकिया सहित 12 याचिकाकर्ताओं ने संबंधित संशोधित अधिनियम की वैधता को चुनौती दी है और इसे संविधान की प्रस्तावना एवं अनुच्छेद 14 और 21 के विरुद्ध करार दिया है।

इस कानून के खिलाफ याचिकाएं दायर करने वाली हस्तियों में श्री रमेश, श्री सैकिया और सुश्री मोइत्रा के अलावा त्रिपुरा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देव बर्मन, बंगलादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त देव मुखर्जी, वकील मनोहर लाल शर्मा और पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के महासचिव फैयाजुद्दीन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीस पार्टी तथा ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) शामिल हैं।

रिहाई मंच एवं सिटीजन्स एगेन्स्ट हेट ने संयुक्त रूप से एक याचिका तथा एहतशाम हाशमी एवं सिम्बायोसिस लॉ यूनिवर्सिटी की विधि छात्रा अपूर्वा जैन समेत पांच याचिकाकर्ताओं ने भी संयुक्त रूप से याचिका दायर की है। अब तक शीर्ष अदालत में 12 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।

श्री रमेश ने संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 के तहत प्राप्त अधिकार को आधार बनाकर इस कानून को चुनौती दी है।

उन्होंने कहा कि संबंधित अधिनियम 1985 के असम समझौते का उल्लंघन है, जबकि श्री बर्मन ने कहा है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

इससे पहले सुश्री मोइत्रा की याचिका की तत्काल सुनवाई से आज न्यायालय ने इन्कार कर दिया था।

सुश्री मोइत्रा के वकील ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि याचिका को आज अथवा 16 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाये, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति बोबडे ने वकील से कहा है कि वह इस मामले को मेशनिंग ऑफिसर के सामने उल्लेख करे। इस अधिनियम के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी कल ही शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीस पार्टी, रिहाई मंच और वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी आज याचिका दायर की है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जयराम पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस जयराम रमेश ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की वैधता को उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को चुनौती दी।

श्री रमेश ने संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 के तहत प्राप्त अधिकार को आधार बनाकर इस कानून को चुनौती दी है।

सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काकर लड़े गये चुनाव को निरस्त करने का चलेगा मुकदमा attacknews.in

जबलपुर, 13 दिसंबर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर के उस आवेदन को खारिज कर दिया है जिसमें उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को सुनवायी के लिए अयोग्य बनाया था।

न्यायाधीश विशाल धगट की एकलपीठ ने प्रज्ञा ठाकुर के उस आवेदन को खारिज कर दिया है,जिसमें उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को सुनवाई के अयोग्य बताया था। प्रज्ञा ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर न्यायालय सुचारू रूप से सुनवाई करेंगा।

भोपाल निवासी राकेश दीक्षित की तरफ से दायर की गयी चुनाव याचिका में कहा गया था कि साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव के दौरान साम्प्रदायिक भाषण दिये। इसके अलावा उन्हें वोट पाने के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने संबंधित बातों का उल्लेख भी अपने भाषण में किया।

याचिका में लगाये गये आरोपों की पुष्टि के लिए साध्वी के भाषण की सीडी व अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग भी प्रस्तुत की गयी थी। याचिका में कहा गया की यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का उल्लंधन है। इसलिए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाये।

याचिका की सुनवाई के दौरान सांसद प्रज्ञा ठाकुर की तरफ से दायर याचिका को खारिज किये जाने की मांग करते हुए आवेदन पेश किया गया था। जिसमें कहा गया था कि साक्ष्य अधिनियम के तहत इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य रिकॉर्ड करने तथा कम्प्यूटर से उसकी सीडी बनाने वाले का हलफनामा पेश किया जाना आवश्यक है। याचिका में साक्ष्य अधिनियम का पालन नहीं किया गया है। याचिका के साथ निर्धारित प्रारूप अनुसार हलफनामा पेश नहीं किया गया है। इस कारण से उक्त याचिका खारिज करने योग्य है।

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया था कि अनावेदक की तरफ से अभी तक जवाब पेश नहीं किया गया है। प्रारंभिक स्टेज पर साक्ष्य के आधार पर याचिका में खारिज किये जाने की मांग अनावेदक द्वारा की गयी है।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने 30 नवम्बर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

एकलपीठ ने आज जारी आदेश में प्रज्ञा ठाकुर के आवेदन को निरस्त करते हुए याचिका पर सुनवाई सुचारू रूप से जारी रखने के आदेश पारित किये है।

नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने पर जद यू ने प्रशांत किशोर को पार्टी छोड़ने का कह दिया attacknews.in

पटना 13 दिसंबर । नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन देने के बाद से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है और आज पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. सी. पी. सिंह ने नाराज प्रशांत किशोर पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह जदयू में अनुकम्पा पर आये हैं और यदि उन्हें पार्टी लाइन पसंद नहीं तो वह अपना रास्ता देखे लें।

श्री सिंह ने आज यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएबी के मुद्दे पर श्री किशोर की नाराजगी को लेकर किये गये सवाल के जवाब में कहा, “कौन हैं प्रशांत किशोर। अभी वह किसके लिए काम कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि वह अनुकम्पा पर जदयू में आये हैं। हमारे नेता ने उन्हें इतना बड़ा सम्मान दिया लेकिन वह क्या कर रहे हैं देखिए।” उन्होंने श्री किशोर के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी उनपर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। वह पार्टी में कुछ भी नहीं हैं।

जदयू सांसद ने कहा कि पार्टी में अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ है और उसके बाद नई कमेटी नहीं बनी है। लिहाजा न श्री किशोर पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और न वह (आरसीपी) महासचिव। उन्होंने कहा कि श्री किशोर जदयू के सदस्य भी नहीं हैं। वह बतायें कि उन्होंने कितने लोगों को पार्टी का सक्रिय सदस्य बनाया है और क्या वह संगठन के कार्य के लिए कहीं भी बिहार में गए हैं।

भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी अब 16 गैर भाजपाई मुख्यमंत्री पर : प्रशांत

इससे पहले कल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसद के दोनों सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन दिए जाने से नाराज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने यह कहकर कि अब भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी गैर (भारतीय जनता पार्टी ) भाजपा के 16 मुख्यमंत्रियों पर है, एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी।

श्री किशोर ने आज इस विधेयक को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, संसद में बहुमत की जीत हुई है। अब न्यायपालिका के अलावा भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी 16 गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों पर है क्योंकि इन राज्यों में इस विधेयक के कानून बनने के बाद लागू भी करना है।“

जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को ना कह चुके हैं। अब अन्य मुख्यमंत्रियों को भी एनआरसी और सीएबी पर अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।“

इस पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया और कहा कि श्री किशोर पार्टी के महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं, जब जदयू के शीर्ष नेतृत्व ने इस विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट कर समर्थन दे दिया है तो वह अब बयानबाजी कर पार्टी की आधिकारिक लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। श्री किशोर पार्टी लाइन से अलग लकीर खींचने का प्रयास क्यों कर रहे हैं, यह तो वही बेहतर समझ रहे हैं।

तमिलनाडु में भारी कर्ज से दबे परिवारो ने सायनाइड खाकर और ट्रेन के सामने कूदकर कर ली आत्म-हत्याएं attacknews.in

डिंडीगुल/ विल्लुपुरम,13 दिसंबर । तमिलनाडु में शुक्रवार को दिल दहलाने वाली घटनाओं में दो परिवारों के नाै लोगों ने आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि विल्लुपुरम जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत जहरीला पदार्थ सायनाइड खाने से हुई है और डिंडीगुल जिले में एक ही परिवार के चार लोगों ने ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली।

सूत्रों ने बताया कि विल्लुपुरम जिले में एक दंपति प्रतिबंधित तीन नंबर की लाटरी में काफी लंबे समय से पैसा लगा रहा था और उन पर 30 लाख रुपए का कर्ज हो गया था। पहले इस दंपति ने अपने तीनों बच्चों को सायनाइड खिलाया और बाद में खुद भी सायनाइड खाकर जान दे दी। यह घटना विल्लुपुरम जिले में सिथेरीकराई क्षेत्र के सलामत नगर की है।

मृतकों की पहचान एम अरुण कुमार (33), पत्नी शिवगामी (26) पुत्रियां प्रियदर्शिनी (5), युवाश्री (3) और भारती (नौ माह) के तौर पर हुई है।

अरुण ने सायनाइड खाने से पहले अपने मोबाइल फोन पर वीडियो क्लिपिंग बनाई जिसमें उसने यह बताया कि वह यह कदम क्यों उठा रहा है और बाद में उसने इसे अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सऐप पर साझा भी किया था। उसने बताया कि वह साहूकारों से काफी पैसा ले चुका है तथा 30 लाख रुपए से अधिक नुकसान उठा चुका है।

दूसरी घटना डिंडीगुल जिले की है जहां कोडाई रोड़ स्टेशन पर एक ट्रेन के सामने चार लोगों ने कूद कर जान दे दी। रेल पटरी पर उनके क्षत-विक्षत शव देखकर स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी थी।

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान उथिरापाथी (49) संगीता (40), अभिन्याश्री(15) और आकाश (12) के तौर पर हुई है और वे वाेराईयुर क्षेत्र के रहने वाले थे।

सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के सुरक्षित प्रवेश पर कोई आदेश पारित करने से किया इंकार

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर ।उच्चतम न्यायालय ने महिला कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराते हुए सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने का केरल सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया।

न्यायालय ने दो महिला कार्यकर्ताओं की याचिका पर कोई आदेश देने से मना कर दिया है।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह मुद्दा ‘‘काफी भावोत्तेजक’’ है और वह नहीं चाहता कि स्थिति ‘‘विस्फोटक’’ हो जाए।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ‘‘सुविधा में संतुलन’’ बनाने की आवश्यकता है। मामले पर आज कोई आदेश पारित नहीं किया जाता है क्योंकि इस मामले को पहले ही सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया गया है।

न्यायालय ने कहा कि वह मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई के लिए वृहद पीठ गठित करेगा।

पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले 28 सितंबर 2018 के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है लेकिन ‘‘यह भी सच है कि यह अंतिम फैसला नहीं है।’’

दुनिया की ताकतवर महिला बनी भारत की वित्त मंत्री सीतारमण, फोर्ब्स की सूची में 34वें स्थान पर शामिल attacknews.in

न्यूयॉर्क, 13 दिसंबर । फोर्ब्स ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एचसीएल कॉरपोरेशन की सीईओ और कार्यकारी निदेशक रोशनी नादर मल्होत्रा और बायोकॉन की संस्थापक किरन मजूमदार शॉ को दुनिया की सबसे ताकतवर 100 महिलाओं में रखा है।

‘दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं’ की 2019 की फोर्ब्स सूची में जर्मन चांस्लर एंजेला मर्केल पहले स्थान पर हैं। दूसरे स्थान पर हैं यूरोपीय सेन्ट्रल बैंक की प्रेसिडेंट क्रिस्टीन लेगार्द और तीसरे स्थान पर अमेरिकी संसद में निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी। इस सूची में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 29वें स्थान पर हैं।

फोर्ब्स का कहना है कि 2019 में दुनिया भर में महिलाओं से सक्रियता से आगे बढ़कर सरकार, उद्योगों, मीडिया और परमार्थ कार्यों में नेतृत्वकारी भूमिका संभाली।

सीतारमण फोर्ब्स की सूची में पहली बार शामिल हुई हैं और वह 34वें स्थान पर हैं। भारत की पहली वित्त मंत्री सीतारमण पहले रक्षा मंत्री भी चुकी हैं।सीतारमण पहली महिला मंत्री हैं जो स्वतंत्र रूप से वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रही हैं। इससे पहले वित्त मंत्रालय का प्रभार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास रह चुका है।

मल्होत्रा सूची में 54वें स्थान पर हैं। एचसीएल कॉरपोरेशन की सीईओ होने के नाते वह 8.9 अरब डॉलर की कंपनी में सभी रणनीतिक फैसले लेने के लिए जिम्मेदार हैं। मल्होत्रा कंपनी की सीएसआर समिति की अध्यक्ष और शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं।

वहीं सूची में 65वें स्थान पर शामिल शॉ भारत की ऐसी सबसे अमीर महिला हैं जिन्होंने अपनी पूरी संपति स्वयं कमाई है।

फोर्ब्स की विश्व की 100 शक्तिशाली महिलाओं की जारी सूची में श्रीमती सीतारमण ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप से क्रमश:छह और आठ पायदान ऊपर हैं । महारानी को 40 वां और इवांका ट्रंप को सूची में 42 वां स्थान मिला है। यही नहीं श्रीमती सीतारमण का सूची में स्थान न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंदा अर्डर्न से भी ऊपर हैं । सुश्री अर्डन सूची में 38 वें स्थान पर हैं।

सूची में स्थान पानी वाली अन्य भारतीय महिलाओं में एचसीएल कार्पोरेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और कार्यकारी निदेशक रोशनी नडार मल्होत्रा और बायोकान संस्थापक किरन मजूमदार शा भी शामिल हैं । दोनों का सूची में स्थान क्रमश: 54 वां और 65 वां है ।

सूची में पहले स्थान पर लगातार नौवीं बार जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल का नाम है । दूसरे नंबर पर यूरोपीय केंद्रीय बैंक की अध्यक्ष क्रिश्टिन लागार्ड हैं । अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलाेसी का सूची में तीसरा स्थान है । बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 29 वें स्थान पर हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में श्रीमती सीतारमण को वित्त मंत्री का प्रभार दिया गया था । पिछली सरकार में वह रक्षा मंत्रालय संभाल रही थी । श्री अरुण जेटली ने अस्वस्थ होने की वजह से इस बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था और श्रीमती सीतारमण को देश की पहली पूर्ण वित्त मंत्री होने का श्रेय मिला है । इससे पहले स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था । फोर्ब्स की शक्तिशाली 100 महिलाओं की सूची में वित्त मंत्री नयी हैं ।

सूची में मिलिंडा गेट्स को छठा और आईबीएम की सीईओ गिन्नी रोमेट्टी को नौवां स्थान मिला है । फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) श्रेयाल सेंडबर्ग 18 वें और गायिका रिहाना 61 वें नंबर पर है। बेयोंस 66 और टेलर स्विफ्ट 71 ,जलवायु के क्षेत्र में कार्यरत ग्रेट थुनबर्ग को अंतिम स्थान मिला है जबकि टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स 81 वें नंबर पर हैं ।

इसके अलावा सूची में पहले दस स्थान पर रहने वाली महिलाओं उर्रसुला वान डेर लियेन, मैरी बर्रा, अबीगेल जानसन, अना पैट्रीसिया बोटिन और मार्लिन हेवसन शामिल हैं ।

राहुल गांधी के ” बलात्कार ” पर लोकसभा में भारी हंगामा,जवाब में कहा:मैं इनसे माफी कभी नहीं मांगने वाला हूं attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बलात्कार मामलों को लेकर कथित टिप्पणी पर शुक्रवार को लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से पूरा देश आहत हुआ है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले सदस्य को सदन में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।

सदन में भाजपा सदस्यों के भारी हंगामे के बीच इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि गांधी के बयान से यह सदन और पूरा देश आहत हुआ है।

सिंह ने कहा, ‘‘ देश एक निर्यातक देश के रूप में खड़ा हो जाए इसलिए प्रधानमंत्री जी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर बल दिया है। ‘मेक इन इंडिया’ के साथ जिस तरह की तुकबंदी सदन के वरिष्ठ सदस्य राहुल गांधी द्वारा की गयी है, उससे पूरा देश आहत हुआ है। उनको सदन ही नहीं बल्कि पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।’’ इस दौरान सदन में राहुल गांधी मौजूद थे।

सदन में नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही दोपहर 12:15 बजे के तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही भाजपा की कई महिला सदस्य अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और राहुल गांधी से माफी की मांग करने लगीं।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने संसद पर 2001 में आज के दिन हुए आतंकी हमले की घटना का जिक्र किया और सदन ने हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बार किसी नेता ने इस तरह का बयान दिया है। यह भारत की महिलाओं और देश का अपमान है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने सवाल किया कि ‘‘क्या कांग्रेस नेता लोगों को भारत में महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं?’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल ने घोर आपत्तिजनक बयान दिया है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और द्रमुक की कनिमोई से सवाल किया कि राहुल गांधी के बयान के बारे में उनकी क्या राय है? कनिमोई ने कहा कि जिस बयान का हवाला दिया गया है वो सदन से बाहर का है। राहुल गांधी ने जो कहा है उसका मतलब है कि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

इस पर आपत्ति जताते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए, लेकिन द्रमुक नेता ने ऐसा नहीं किया।

जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कुछ अन्य मंत्रियों और भाजपा सांसदों संजय जायसवाल तथा लॉकेट चटर्जी समेत अन्य पार्टी सदस्यों ने भी राहुल गांधी से माफी की मांग की।

भाजपा सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए।

इस दौरान कांग्रेस सदस्य भी नारेबाजी कर रहे थे और पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी यह शिकायत करते नजर आए कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। दोनों पक्षों की नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से सीटों पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।

हालांकि हंगामा थमता नहीं देख लगभग 11:30 बजे उन्होंने सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इनसे माफी कभी नहीं मागूंगा: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह सच्चाई है कि भारतीय जनता पार्टी देश के जिन राज्यों में शासन में हैं वहां महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रहीं हैं और उन्होंने अपने बयान में इसी हकीकत को उजागर किया है इसलिए वह माफी नहीं मांगेंगे।

श्री गांधी ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने देश के समक्ष वास्तविकता रखी है और उसको बयां किया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राजधानी दिल्ली को ‘रेप कैपिटल’ कह चुके हैं।

उन्होंने कहा “मैं इनसे माफी कभी नहीं मांगने वाला हूँ।”

उन्होंने कहा “श्री मोदी ने कहा था कि मेक इन इंडिया होगा। हमने सोचा कि अखबारों में मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया दिखाई देगा, मगर आज जब हम अखबार खोलते हैं, हमें सब जगह रेप इन इंडिया दिखाई देता है। कोई भी स्टेट नहीं है, जहाँ भाजपा का शासन हो और वहाँ महिलाओं पर बलात्कार नहीं हो रहा है।”

सदन और देश से माफी मांगे राहुल गांधी : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी को सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की आपत्तिजनक तुकबंदी के लिए सदन और पूरे देश से माफी मांगनी चाहिये।

इसी मुद्दे पर एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर बाद 12 बजे जैसे ही कार्यवाही दुबारा हुई असम के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच श्री सिंह ने कहा “सारा विश्व जानता है कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया पर जोर दे रहे हैं ताकि आयातक के रूप में जाना जानेवाला हमारा देश निर्यातक के रूप में खड़ा हो सके और नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके। इसकी जो तुकबंदी राहुल गाँधी द्वारा की गयी है उससे पूरा देश आहत है।”

उन्होंने सवाल किया क्या इस सदन में ऐसे भी लोग चुनकर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तर्क कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों ने भी पहले “इधर-उधरका शब्द” प्रयोग किया था उनसे खेद प्रकट करवाया गया है – चाहे वह साध्वी निरंजन ज्योति हों या श्री अनंत हेगड़े।

श्री सिंह ने कहा “ऐसे सदस्य को सदन में रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें यहां आकर सदन से और पूरे देश से माफी माँगनी चाहिये।”

इस दौरान श्री गांधी भी सदन में आ गये। जहां कांग्रेस के दो सदस्य अध्यक्ष के आसान के पास जाकर और अन्य सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर असम मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य भी आगे की सीटों तक आ गये और ‘राहुल गांधी माफी माँगो’के नारे लगाने लगे। वे हालांकि सदन के बीचों-बीच नहीं आये।

राहुल को तो समझ नहीं, सोनिया गांधी तो खेद प्रकट करे: प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि उन्हें तो समझ नहीं है लेकिन उनकी माता और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस पर खेद प्रकट करना चाहिए।

श्री गांधी ने झारखंड में एक रैली में सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ का जिक्र करते हुए कहा था कि इसको लेकर बड़ी बातें कही जा रही थी लेकिन अब जहां देखो वहां मेक इन इंडिया नहीं ‘रेप इन इंडिया’ है।

अध्यक्ष के समापन वक्तव्य पर विपक्ष का हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण: प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज लोकसभा अध्यक्ष के समापन वक्तव्य के दौरान
विपक्षी सदस्यों के हंगामे की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि संभवत: यह पहला मौका है जब सत्र के समापन से पहले अध्यक्ष के वक्तव्य के दौरान सदन में शांति नहीं रही और शोर शराबा होता रहा।

शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद श्री जोशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सदन की कार्यवाही स्थगित किये जाने से पहले जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समापन वक्तव्य दे रहे थे तो विपक्ष के सदस्य हंगामा करने में लगे थे। उनकी याद में यह पहला मौका है जब अध्यक्ष के समापन वक्तव्य के दौरान विपक्ष ने इस तरह से हंगामा किया।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह इसकी निंदा करते हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर राज्यसभा में हुए हंगामे के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा कांग्रेस का समर्थन करने पर भी उन्होंने हैरानी जतायी और इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि वैसे भी सदन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उत्तेजित नजर आये।

उन्होंने कहा कि कामकाज के लिहाज से इस सत्र में पिछले सत्र के बाद सबसे अधिक कामकाज हुआ। लोकसभा में कुल 18 विधेयक पेश किये गये। लोकसभा ने 14 तथा राज्यसभा ने 15 विधेयक पारित किये। पन्द्रह विधेयक ऐसे थे जिन्हें दोनों सदनों में पारित किया गया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में 116 फीसदी तथा राज्यसभा में 99 फीसदी कामकाज हुआ।

पिछले कुछ वर्षों से बजट के फरवरी के शुरू में ही पेश किये जाने को देखते हुए एक फरवरी को बजट आने की संभावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई तारीख तो नहीं बतायी लेकिन कहा कि इस बार भी इसी परंपरा का निर्वहन किया जायेगा। लोकसभा का उपाध्यक्ष इस सत्र में भी नहीं चुने जाने पर उन्होंने कहा कि समय पर इसका चुनाव कर लिया जायेगा।

व्यक्तिगत डाटा संरक्षण संबंधी विधेयक के लिए गठित संयुक्त समिति के अध्यक्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्रीमती मीनाक्षी लेखी इसकी अध्यक्ष होंगी। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में इस समिति का गठन किया गया तो कांग्रेस के सदस्यों ने अजीब मांग रखी कि इसके लिए स्थायी समिति गठित की जानी चाहिए जबकि अमूमन विपक्ष संयुक्त समिति के गठन की मांग करता है।

नागरिकता संशोधन विधेयक समेत 15 विधेयकों को पारित करने के साथ संसद का शीतकालीन सत्र संपन्न attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर । तीन पड़ोसी देशाें पाकिस्तान,बंगलादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां आने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने संबंधी विवादास्पद विधेयक, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और किन्नर अधिकार संरक्षण विधेयक समेत 15 विधेयकों को पारित करने के साथ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया।

अट्ठारह नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के दौरान नागरिकता विधेयक पर दोनों सदनों में गर्मागर्म बहस हुई तथा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। लोक सभा में करीब नौ घंटे तक चली बहस के उपरांत आधी रात के बाद यह विधेयक पारित किया गया जबकि राज्य सभा में भी आठ घंटे तक चली चर्चा के बाद इसे पारित किया गया।

हैदराबाद में एक महिला को बलात्कार के बाद जला देने तथा उन्नाव में एक बलात्कार पीड़ित युवती को जिंदा जलाये जाने की घटना का मामला दोनों सदनों में जोरशोर से उठा और सभी सदस्यों ने एक स्वर में इस की निंदा की तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।

राज्य सभा और लोक सभा में कामकाज क्रमश: 100 और 116 प्रतिशत रहा और इस दौरान उच्च सदन में 15 और निचले सदन में 14 विधेयक पारित किये गये। लोक सभा में 18 विधेयक पेश किये गये। तीन विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक 1987,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन विधेयक 2011 और भारतीय चिकित्सा परिषद(संशोधन) विधेयक 2013 वापस लिये गये।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकों में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 तथा विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सहित कुल 14 विधेयक पारित कराए गये और सदन के कामकाज में 115 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

श्री बिरला ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अवधि में 18 सरकारी विधेयक पेश किए गये और सदस्यों ने 28 गैर सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किए। सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर 28 घंटे 43 मिनट चर्चा चली।

उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदस्यों की क्षमता निर्माण की नयी पहल की गयी जिसके तहत सदस्यों के लिए विधायी कार्यों को लेकर नौ ब्रीफिंग सत्र आयोजित किए गये। इसका उद्देश्य सभा के समक्ष महत्वपूर्ण विधायी कार्यों , मुद्दों तथा विधेयक के संबंध में सदस्यों को जानकारी देना होता है। इस दौरान संबंधित मंत्रालय तथा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं।

अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गये और औसतन प्रतिदिन 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिए गये। इसके अलावा प्रतिदिन औसतन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिए गये और 27 नवंबर को सभी 20 तारांकित प्रश्न सदन में लिए गये।

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित:

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत 18 नवंबर को हुई थी और यह आज 13 दिसंबर तक निर्धारित थी। सत्र के अंतिम दिन लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बलात्कार मामलों पर कथित टिप्पणी को लेकर भारी हंगामा किया और उनसे माफी की मांग की। सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदन की 20 बैठकें हुई, जो 130 घंटे 45 मिनट चलीं। वर्ष 2019..20 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों पर 5 घंटे और 5 मिनट चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 18 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित हुए और कुल मिलाकर 14 विधेयक पारित हुए।

बिरला ने कहा कि 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और औसतन प्रतिदिन लगभग 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिये गए। इसके अलावा प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए। प्रतिदिन औसतन 58.37 मामले उठाये गए। नियम 377 के अधीन कुल 364 मामले उठाए गए।

स्पीकर ने कहा, ‘‘इस प्रकार से सभा की उत्पादकता 115 प्रतिशत दर्ज की गई।’’ लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई। जिसके बाद सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई ।

अध्यक्ष बिरला जब वक्तव्य पढ़ रहे थे तब कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘उन्नाव का क्या हुआ’ जैसे नारे लगा रहे थे।

इससे पहले, शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही भाजपा की कई महिला सदस्य अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और राहुल गांधी से बलात्कार मामले को लेकर उनकी कथित टिप्पणी के लिये माफी की मांग करने लगीं।

स्पीकर ने 18 साल पहले संसद पर हुए हमले की घटना का जिक्र किया और सदन ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बार किसी नेता ने इस तरह का बयान दिया है। यह भारत की महिलाओं और देश का अपमान है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।

इसके कारण लोकसभा की कार्रवाई 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि गांधी के बयान से यह सदन और पूरा देश आहत हुआ है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को आयात करने वाले देश से निर्यात करने वाला देश बनाने के प्रयासों के संदर्भ में ‘मेक इन इंडिया’ का परिकल्पना की थी लेकिन इसके साथ इस तरह से तुकबंदी करके जिस शब्द का इस्तेमाल किया, उस शब्द को वह बोल भी नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि वह (राहुल गांधी) कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इस दौरान सदन में राहुल गांधी मौजूद थे।

राज्यसभा की बैठक अनिश्चित काल के लिये स्थगित:

राज्यसभा के 250वें सत्र की बैठक शुक्रवार को अनिश्चित काल के स्थगित कर दी गयी।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के 250वें सत्र को कामकाज के लिहाज से ऐतिहासिक बताते हुये सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने की घेाषणा की। उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 18 नवंबर को हुयी थी।

इस दौरान उन्होंने इस सत्र के दौरान रिकॉर्ड कामकाज होने के लिये सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडु ने सदन के 250 वें सत्र को ऐतिहासिक एवं सार्थक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसकी कार्यप्रणाली से पूरे देश में सकारात्मक संदेश गया है।

श्री नायडू ने सदन के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपने समापन वक्तवय में कहा कि राज्यसभा का यह सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक एवं सार्थक रहा है। इस सत्र में सभी पक्षों के सदस्यों ने अपनी प्रतिबद्धता और कर्मठता से कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया और लाेक महत्व के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की। इन विधेयकों में उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के लिए लोकसभा एवं विधानसभाओं में अारक्षण तथा ई. सिगरेट प्रतिबंधित करने समेत 15 विधेयक शामिल रहे।

ब्रिटेन के आम चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी को पूर्ण बहुमत,पराजय के बाद लेबर पार्टी प्रमुख कोर्बिन का इस्तीफा, बोरिस जाॅनसन बने रहेंगे प्रधानमंत्री attacknews.in

लंदन, 13 दिसंबर (एएफपी) ।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आम चुनाव में शुक्रवार को पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया। इस जीत के साथ ही ब्रेग्जिट पर अनिश्चितता खत्म हो जाएगी और ब्रिटेन की अगले महीने के अंत तक यूरोपीय संघ से अलग होने की राह आसान हो जाएगी।अब तक आये नतीजों में उनकी कंजरवेटिव पार्टी ने 650 सीटों वाली संसद में 363 सीटों पर विजयी पाई है जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 203 सीटें हासिल हुई हैं। अब केवल दो सीटों का नतीजा आना बाकी है।

लेबर पार्टी के प्रमुख जेरेमी कोर्बिन ने चुनाव नतीजों पर निराशा व्यक्त करते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।

चुनाव नतीजे दिखाते हैं कि बोरिस की अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी ने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सीटों में से 326 सीटें जीत ली हैं।

जॉनसन (55) ने कहा कि इस जीत से उन्हें ‘ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने’ और अगले महीने तक ब्रेग्जिट करने का जनादेश मिला है।

इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने श्री जॉनसन को स्पष्ट बहुमत मिलने पर बधाई दी। श्री ट्रम्प ने अब तक के नतीजों को ब्रिटेन के प्रधानममंत्री के लिए बड़ी जीत करार देते हुए ट्वीट किया,“ बोरिस बहुत बड़ी सफलता की ओर अग्रसर हैं।” श्री बोरिस ने भी शुरुआती जीत पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए देशवासियों और अपने सहयोगियों के प्रति शुक्रिया अदा किया है। ब्रेजिक्ट मुद्दे को लेकर गुरुवार को मतदान हुआ था।

ब्रिटेन के आम चुनावों में भारतीय मूल के उम्मीदवारों की शानदार जीत:

ब्रिटेन में कंजर्वेटिव और लेबर पार्टियों के भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने शुक्रवार को आम चुनाव के नतीजों में शानदार जीत दर्ज की। कुछ नये चेहरों के पदार्पण के साथ ही करीब 12 सांसदों ने अपनी-अपनी सीटें बरकरार रखीं।

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चुनाव में जीत दर्ज करते हुए नव वर्ष में ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने की राह आसान कर दी है।

पूर्व की संसद के भारतीय मूल के सभी सांसदों ने अपनी सीटों पर सफलतापूर्वक कब्जा बरकरार रखा। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी के लिए गगन मोहिंद्रा और क्लेयर कोटिन्हो तथा लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा पहली बार सांसद बने।

गोवा मूल की कोटिन्हो ने 35,624 मतों के साथ सुर्रे ईस्ट सीट पर जीत दर्ज की। महिंद्रा ने हर्टफोर्डशायर साउथ वेस्ट सीट पर जीत दर्ज की।

आसान जीत के साथ हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटने वाले भारतीय मूल के सांसदों में ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल शामिल रही। उनके जॉनसन के नये मंत्रिमंडल में भी जगह बनाने की संभावना है। पटेल ने एस्सेक्स में विदहाम सीट से जीत हासिल की।

उन्होंने कहा, ‘‘‘‘हम प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ब्रेग्जिट हमारी प्राथमिकता है। समझौता तैयार है और हम आगे बढ़ना चाहते हैं।’’

वहीं, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनाक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री आलोक शर्मा ने भी जीत हासिल की। शैलेश वारा नॉर्थ वेस्ट कैम्ब्रिजशायर से जीते और गोवा मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने फेयरहाम से जीत दर्ज की।

ब्रेग्जिट समर्थक सांसद ब्रेवरमैन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की टीम का आभार व्यक्त किया।

विपक्षी लेबर पार्टी के लिए ये नतीजे बेहद निराशाजनक रहे लेकिन पिछली संसद के उसके भारतीय मूल के सभी सांसद जीत गए।

लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा ने स्कॉटपोर्ट सीट जीत ली और वह पहली बार संसद जाएंगे। पिछले चुनाव में पहली ब्रिटिश सिख महिला सांसद बनकर इतिहास रचने वाली प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एडबास्टन सीट पर पुन: जीत हासिल की। पगड़ी पहनने वाले पहले सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटेंगे।

वरिष्ठ सांसद विरेंद्र शर्मा ने 25,678 वोटों से इलिंग साउथहॉल सीट से जीत दर्ज की। अपनी सीट बरकरार रखने वाले अन्य भारतीय मूल के सांसदों में लीजा नंदी और सीमा मल्होत्रा शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश में यूरिया की कमी को गलत साबित करके कहा:राज्य में पर्याप्त मात्रा मे मौजूद हैं यूरिया attacknews.in

नई दिल्ली 12 दिसम्‍बर।केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने मध्य प्रदेश में यूरिया कमी की आशंका को आधारहीन बताया है।

कुछ ऐसी खबरें आई है कि मध्‍य प्रदेश के कुछ हिस्‍से में यूरिया की कमी है। यूरिया की कमी की बात वास्‍तविक आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। उन्‍होंने आज नई दिल्‍ली में कहा कि चालू रबी मौसम के दौरान हमने मध्‍य प्रदेश सहित पूरे देश में यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा की उपलब्‍धता सुनिश्चित की है।

मध्‍य प्रदेश के किसान कल्‍याण और कृषि विकास, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री श्री सचिन सुभाष यादव ने आज श्री गौड़ा से मुलाकात की और उन्‍हें केन्‍द्र सरकार द्वारा यूरिया की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने में निरंतर सहयोग के लिए धन्‍यवाद दिया।

श्री गौड़ा ने कहा कि कल मैंने मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री से इस संबंध में बात की और उन्‍हें बताया कि राज्‍य में यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा उपलब्‍ध कराई गई है। मैंने उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया कि अगले 2-3 दिनों में 15 यूरिया रेक मध्‍य प्रदेश पहुंचेंगे। इससे मांग पूरी की जा सकेगी।

श्री गौड़ा ने कहा कि वर्तमान संकट जमीनी स्‍तर पर वितरण नेटवर्क में समस्‍या की वजह से हो सकता है। हाल में राज्‍य सरकार ने 80 प्रतिशत यूरिया का वितरण कोऑपरेटिव के जरिये करने का निर्णय लिया है और शेष 20 प्रतिशत वितरण निजी डीलर नेटवर्क के जरिये किया जा रहा है। पहले यह अनुपात 50:50 था। हो सकता है कि इस निर्णय के कारण राज्‍य मार्कफेड विक्रेता केन्‍द्रों में खरीदारों की भीड़ बढ़ गई और इसे ही यूरिया कमी के रूप में बताया जा रहा है।

श्री गौड़ा ने कहा कि राज्‍य के अंदर यूरिया का वितरण राज्‍य कृषि विभाग की जिम्‍मेदारी है। उर्वरक विभाग राज्‍य स्‍तर पर उपलब्‍धता सुनिश्‍चित करता है। हम राज्‍य सरकार के साथ मिलकर कार्य करते रहेंगे, ताकि किसानों को समय पर यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा उपलब्‍ध हो।

मंत्री श्री गौड़ा ने कहा कि मध्‍य प्रदेश में यूरिया की उपलब्‍धता सामान्‍य है। राज्‍य सरकार के प्रतिनिधियों ने साप्‍ताहिक वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमारे विभाग के अधिकारियों को यह बात कही है।

चालू माह दिसम्‍बर के दौरान मध्‍य प्रदेश के लिए आकलित 4.25 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) की मासिक आवश्‍यकता के मुकाबले 7.08 एलएमटी की उपलब्‍धता 11 दिसम्‍बर, 2019 तक सुनिश्चित की गई है। इसमें दिसम्‍बर के आरंभ में आंका गया 5.80 एलएमटी का आरंभिक स्‍टॉक भी शामिल है। दिसम्‍बर के दौरान अब तक डीबीटी बिक्री 2.98 एलएमटी दर्ज की गई है और राज्‍य में उपलब्‍ध अंतिम स्‍टॉक 4.10 एलएमटी है।

चालू रबी 2019-20 सीजन (अक्‍टूबर, 2019 से मार्च, 2020 तक) के दौरान मध्‍य प्रदेश की यूरिया आवश्‍यकता 15.40 एलएमटी (0.4 एलएमटी का आरक्षित आवंटन) है, जैसा कि 11 सितम्‍बर, 2019 को आयोजित जोनल सम्‍मेलन के दौरान मध्‍य प्रदेश की राज्‍य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श कर कृषि सहयोग एवं कल्‍याण विभाग द्वारा आकलित किया गया है।

श्री गौड़ा ने कहा कि उन्‍होंने मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री कमलनाथ को यह आश्‍वासन दिया है कि यूरिया की अतिरिक्‍त मांग की भी पूर्ति कर दी जाएगी।

मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर उर्वरक की उपलब्‍धता सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्रमुख चिंता है। श्री गौड़ा ने कहा, ‘रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का प्रभारी होने के नाते मैं प्रतिदिन अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उर्वरक की उपलब्‍धता की स्थिति पर करीबी नजर रखता हूं। मैं प्रत्‍येक व्‍यक्ति से अपने उर्वरक डैशबोर्ड urvarak.nic.in पर जाने का आग्रह करता हूं, जहां उर्वरक की राज्‍यवार उपलब्‍धता से जुड़ी सूचनाएं उपलब्‍ध हैं।’

मध्‍य प्रदेश में वर्तमान रबी सीजन की शुरुआत 5.96 एलएमटी के संतोषजनक आरंभिक स्‍टॉक के साथ हुई {जहां राज्‍य की कुल सीजनल आवश्‍यकताओं का एक तिहाई से भी अधिक हिस्‍सा है (स्रोत : उर्वरक विभाग का डैशबोर्ड www.eurvarak.nic.in)}। अब तक 10.12 एलएमटी की यूरिया आवश्‍यकता की तुलना में उर्वरक विभाग (डीओएफ) द्वारा अभी तक सुनिश्चित की गई उपलब्‍धता 14.23 एलएमटी की है।

चालू माह के दौरान चरम यानी पीक मांग पूरी करने के लिए उर्वरक विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि माह के शुरू होने से काफी पहले ही दिसम्‍बर के लिए आपूर्ति योजना जारी कर दी जाए। उर्वरक कंपनियों को समानुपातिक आधार पर यूरिया को भेजना सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है, ताकि फील्‍ड यानी क्षेत्र की ओर से आ रही मांग को पूरा किया जा सके। बंदरगाह से यूरिया की ढुलाई के लिए रेलवे को प्राथमिकता दी गई है। जहां तक मध्‍य प्रदेश का सवाल है, संयंत्रों एवं बंदरगाहों से लगभग 85 यूरिया रेक को रवाना कर दिया गया है।

श्री गौड़ा ने कहा, ’15 यूरिया रेक अभी रास्‍ते में हैं, जिनके दो-तीन दिनों में राज्‍य में पहुंच जाने की संभावना है। उर्वरक विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि उपलब्‍धता सदैव ही आवश्‍यकता से अधिक रहे।’

उल्‍लेखनीय है कि खरीफ 2019 सीजन के दौरान मध्‍य प्रदेश को आवश्‍यकता से लगभग 0.80 एलएमटी अधिक यूरिया की आपूर्ति की गई थी, ताकि र‍बी सीजन की शुरुआत में राज्‍य में यूरिया उपलब्‍धता की संतोषजनक स्थिति सुनिश्चित की जा सके।

विभिन्‍न साप्‍ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राज्‍य से अपने स्‍टॉक की पूर्व स्थिति को प्रस्‍तुत करने को कहा गया था, ताकि रबी सीजन की चरम मांग पूरी की जा सके। सुस्‍त अवधि के दौरान यूरिया की पूर्व स्थिति पेश करने के लिए मध्‍य प्रदेश सहित सभी राज्‍यों को एडवाइजरी जारी की गई थी। यह एडवाइजरी केन्‍द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री की ओर से सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को डी.ओ. पत्रों के जरिये जारी की गई थी।

वर्तमान रबी सीजन के दौरान उर्वरक विभाग काफी पहले से ही मासिक आपूर्ति योजनाएं जारी करता रहा है और कंपनियों को स्‍वीकृत आपूर्ति योजना के अनुरूप ही उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए समय-समय पर सलाह दी जाती रही है। उर्वरक विभाग नियमित रूप से मध्‍य प्रदेश के कृषि विभाग के साथ सम्‍पर्क में है और इसके साथ ही वह प्रतिदिन यूरिया की उपलब्‍धता पर करीबी निगाह रखता रहा है। पूरे रबी सीजन के दौरान मध्‍य प्रदेश हर रोज संवाद के दौरान, विशेषकर साप्‍ताहिक वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के दौरान यूरिया की संतोषजनक उपलब्‍धता के बारे में जानकारी देता रहा है।

डीम्ड संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने वाला विधेयक लोकसभा में पारित attacknews.in

नयी दिल्ली 12 दिसंबर । मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाना चाहती है और इसके लिए वह सभी भाषाओं का विकास करेगी।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुये श्री निशंक ने कहा “यह हिंदुस्तान है। यहाँ न जाति का, न भाषा का, न पंथ का विवाद है। हम छोटी बातों में उलझकर नहीं रह सकते। यह भाषा की बात नहीं है। यह उस संपदा की बात है जिसके कारण हम विश्व गुरु रहे।” बाद में सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम् के ए. राजा ने चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी बताये जाने का विरोध करते हुये कहा था कि वह किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी एक भाषा को अन्य भाषाओं पर तरजीह नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि तमिल साढ़े चार हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है।

श्री निशंक ने आश्वस्त किया कि चाहे तमिल हो, तेलुगु हो, मलयालम हो, कन्नड़ हो, गुजराती हो या मराठी, सरकार सभी भाषाओं का विकास करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा में यदि ज्ञान का भंडार है तो हमें उसका उपयोग करना चाहिये।

विधेयक के जरिये तीन डीम्ड संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाना है। ये विश्वविद्यालय हैं – राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली; श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नयी दिल्ली और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नयी दिल्ली।

विश्व के 250 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है संस्कृत: पोखरियाल

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा संस्कृत को दुनिया के 100 देशों के 250 विश्वविद्यालयों में पढ़ायी जा रही है।

श्री पोखरियाल ने लोकसभा में गुरुवार को ‘केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019’ चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है। तक्षशिला, नालंदा तथा विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय थे, जहां दुनियाभर से लोग पढ़ने के लिए भारत आते थे। उन्होंने कहा कि आज भी इस भाषा को दुनिया के सौ देशों के 250 प्रमुख विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है।

सभी भाषाओं का हो सम्मान : विपक्ष

विपक्षी सदस्यों ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर सरकार पर छद्म मंशा से काम करने का आरोप लगाते हुये आज लोकसभा में कहा कि विश्वविद्यालय के गठन से उनका विरोध नहीं है, लेकिन सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिये।

कांग्रेस के बेन्नी बेहनान ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा की शुरुआत करते हुये कहा कि भाषा को धर्म के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिये और सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का इस्तेमाल शिक्षा के भगवाकरण के लिए नहीं होना चाहिये। उसकी धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की रक्षा की जानी चाहिये और वहाँ आरक्षण संबंधी नीतियों का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिये। श्री बेहनान ने कहा कि संस्कृत में ज्ञान का काफी भंडार है जिसे सामने लाने की जरूरत है।

फिरोज बीएचयू के संस्कृत विभाग में ही तैनात रहेंगे : निशंक

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज लोकसभा में कहा कि फिरोज खान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में बतौर शिक्षक हैं और इसी विभाग में शिक्षण करते रहेंगे।

श्री पोखरियाल ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के दानिश अली के द्वारा फिरोज खान को बीएचयू में संस्कृत शिक्षक का विरोध किये जाने के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा श्री खान अब भी संस्कृत विभाग में हैं और आगे भी इसी विभाग में बतौर शिक्षक शिक्षण करते रहेंगे।

नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी, देशभर में लागू, अधिसूचना जारी attacknews.in

नईदिल्ली 12 दिसम्बर ।नागरिकता (संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी, कानून बना , इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई ।

नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान हे ।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ऐसे अवैध प्रवासियों को जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है, उन्हें अपनी नागरिकता संबंधी विषयों के लिए एक विशेष शासन व्यवस्था की जरूरत है । विधेयक में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने से नहीं वंचित करने की बात कही गई है ।

इसमें कहा गया है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति नागरिकता प्रदान करने की सभी शर्तो को पूरा करता है तब अधिनियम के अधीन निर्धारित किये जाने वाला सक्षम प्राधिकारी, अधिनियम की धारा 5 या धारा 6 के अधीन ऐसे व्यक्तियों के आवेदन पर विचार करते समय उनके विरूद्ध अवैध प्रवासी के रूप में उनकी परिस्थिति या उनकी नागरिकता संबंधी विषय पर विचार नहीं करेगा ।

भारतीय मूल के बहुत से व्यक्ति जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के उक्त अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्ति भी शामिल हैं, वे नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 के अधीन नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। किंतु यदि वे अपने भारतीय मूल का सबूत देने में असमर्थ है, तो उन्हें उक्त अधिनियम की धारा 6 के तहत ‘‘देशीयकरण’’ द्वारा नागरिकता के लिये आवेदन करने को कहा जाता है । यह उनको बहुत से अवसरों एवं लाभों से वंचित करता है ।

इसमें कहा गया कि इसलिए अधिनियम की तीसरी अनुसूची का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है जिसमें इन देशों के उक्त समुदायों के आवेदकों को ‘‘देशीयकरण द्वारा नागरिकता के लिये पात्र बनाया जा सके’’। इसके लिए ऐसे लोगों मौजूदा 11 वर्ष के स्थान पर पांच वर्षो के लिए अपनी निवास की अवधि को प्रमाणित करना होगा ।

इसमें वर्तमान में भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक के कार्ड को रद्दे करने से पूर्व उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है ।

विधेयक में संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले पूर्वोत्तर राज्यों की स्थानीय आबादी को प्रदान की गई संवैधानिक गारंटी की संरक्षा करने और बंगाल पूर्वी सीमांत विनियम 1973 की ‘‘आंतरिक रेखा’’ प्रणाली के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को प्रदान किये गए कानूनी संरक्षण को बरकरार रखने के मकसद से है ।

इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से सीमापार लोगों का आना निरंतर होता रहा है । वर्ष 1947 में भारत का विभाजन होने के समय विभिन्न धर्मो से संबंध रखने वाले अविभाजित भारत के लाखों नागरिक पाकिस्तान सहित इन क्षेत्रों में ठहरे हुए थे । पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संविधान में राज्य धर्म का उपबंध किया गया है । इसके परिणामस्वरूप हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के बहुत से व्यक्तियों ने इन देशों में धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना किया । बहुत से ऐसे व्यक्ति भारत में शरण के लिये घुसे और ठहरे हुए हैं, भले ही उनके यात्रा दस्तावेज समाप्त हो गए हों।

ऐसे लोगों को अवैध प्रवासी समझा जाता है और वे अधिनियम की धारा 5 और 6 के अधीन भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने के लिये अपात्र हैं ।

संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी ,जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया।

लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे।

उन्होंने कहा था कि उन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी में खासी कमी आयी है। शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए देश को आश्वस्त किया कि यह प्रस्तावित कानून बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा।

उन्होंने इस विधेयक के संविधान विरूद्ध होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को इस प्रकार का कानून बनाने का अधिकार स्वयं संविधान में दिया गया है। उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय में न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और बने रहेंगे।