बेंगलुरु में कई घोटालों को लेकर CBI की छापामारी attacknews.in

बेंगलुरु 31 दिसंबर ।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बेंगलुरु एवं अन्य इलाकों में हुए घोटाले के सिलसिले में आयकर विभाग के दो डीसीआईटी और एसीआईटी अधिकारियों तथा तीन अन्य निजी लोगों के आठ ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी की।

सीबीआई की ओर से बेंगलुरु के पांच ठिकानों तथा करवार, होसुर तथा सलेम (तमिलनाडु) के एक-एक ठिकाने पर छापेमारी की गयी। जांच के दौरान पाया गया कि दोनों अधिकारियों ने बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी के कार्यालय पर आयकर छापेमारी की थी तथा वर्ष 2017 के एकाउंट की समीक्षा भी की थी।

राजनीति में 2019 इसलिए याद रहेगा,मोदी सरकार को मिला प्रचंड बहुमत,सपा-बसपा का एक होकर दूर होना और शिवसेना का कांग्रेस के साथ आना attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर ।मोदी सरकार की प्रचंड बहुमत के साथ वापसी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, महाराष्ट्र में कांग्रेस का शिवसेना से हाथ मिलाना तथा आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की सुनामी जैसे राजनीतिक घटनाक्रम के लिये वर्ष 2019 को याद किया जायेगा।

इस वर्ष अप्रैल मई में हुये लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह का जबर्दस्त समर्थन मिला उसके लिए 2019 लंबे समय तक चर्चा में रहेगा। मोदी लहर में सवार भाजपा को उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में प्रचंड जन समर्थन मिला और लोकसभा में उसकी सीटों की संख्या तीन सौ को पार कर गयी। मोदी की आंधी में कांग्रेस के पैर एक बार फिर उखड़ गये और वह लगातार दूसरी बार लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल बनने के लिए जरुरी सीटें जीत पाने में विफल रही।

लोकसभा चुनाव में अपने शानदार प्रदर्शन को भाजपा राज्यों में दोहरा नहीं सकी तथा महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में उसे बड़ा झटका लगा। ये दोनों राज्य उसके हाथ से निकल गये। अक्टूबर में हरियाणा और महाराष्ट्र में हुये चुनावों में वह अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा नहीं सकी। हरियाणा में चुनाव के बाद उसने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से हाथ मिला कर फिर से सरकार बना ली लेकिन महाराष्ट्र में उसका पुरानी सहयोगी शिवसेना से नाता टूटा और राज्य भी हाथ से निकल गया।

महाराष्ट्र में कांग्रेस का शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाना चौकाने वाला कदम रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार किंगमेकर बन कर उभरे और उनके प्रयासों से राज्य में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की सरकार बनी तथा श्री उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।

भाजपा का महाराष्ट्र में राकांपा काे तोड़कर सरकार बनाने का दांव उलटा पड़ा। राज्य में जिस तरह हड़बड़ी में भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी वह चर्चा का विषय बन गया लेकिन श्री फडनवीस को तीन दिन में ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। पिछले वर्ष सबसे बड़े दल के रुप में उभरने के बावजूद कर्नाटक में सरकार बनाने में विफल रही भाजपा इस वर्ष राज्य पर फिर से कब्जा करने में सफल हुयी। कांग्रेस और जनता दल (एस) के कई विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने से उसे सरकार बनाने का माैका मिल गया।

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 81 में से 47 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। पांच वर्ष मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास भी अपनी सीट बचा नहीं पाये।

वर्ष के शुरु में एक बहुत बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम उत्तर प्रदेश में देखने में आया जब राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की। पच्चीस वर्ष के बाद न केवल कट्टर प्रतिद्वंदी साथ आये बल्कि बसपा प्रमुख मायावती ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के समर्थन में चुनाव प्रचार किया।

दोनों का मेल लंबे समय तक नहीं चल सका और लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आने पर उन्होंने अपने रास्ते अलग अलग कर लिये।

आंध्र प्रदेश में कांग्रेस से अलग होकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बनाने वाले जगनमोहन रेड्डी को इस वर्ष जनता का जबर्दस्त समर्थन मिला। राज्य में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव हुये थे। उनकी पार्टी ने लोकसभा की 25 में से 23 और विधानसभा की 175 सीटों में से 151 पर जीत हासिल की।

बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस की कमान एक बार फिर श्रीमती सोनिया गांधी के अपने हाथ में लेना भी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद श्री राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया तथा पार्टी नेताओं के बार बार मनुहार के बावजूद वह यह पद संभालने को तैयार नहीं हुये जिससे काफी समय तक उहापोह की स्थिति बनी रही। अगस्त में श्रीमती सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनीं और पार्टी महाराष्ट्र तथा झारखंड में सत्ता में आने में सफल रही। नेहरु गांधी परिवार की एक और सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा का इस वर्ष सक्रिय राजनीति में प्रवेश भी इस वर्ष चर्चा का विषय रहा। लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें पार्टी का महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का भार सौंपा गया।

भारत में अब 4G नहीं 5G मोबाइल पर शुरू,देश के सभी मोबाइल ऑपरेटरों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया attacknews.in

नयी दिल्ली 30 दिसंबर । संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि सरकार ने देश के सभी मोबाइल ऑपरेटरों को ट्रायल के लिए 5जी स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है।

श्री प्रसाद ने दिल्ली में गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने और तलाश करने की सुविधा से युक्त वेब पोर्टल ‘सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआरआर) की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि सरकार ट्रायल के तौर पर सभी मोबाइल ऑपरेटरों को 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध करायेगा। देश में पूर्णतया 5जी स्पेक्ट्रम पर आधारित मोबाइल सेवा शुरू करने में कुछ साल और लग सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होगी, क्योंकि मोबाइल हैंडसेट सभी ऑनलाइन गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण ‘उपस्कर’ बन चुका है।

उन्होंने कहा कि बैंकिंग और ऑनलाइन भुगतान सहित विभिन्न डिजिटल सेवाओं के डिजिटल विस्तार के मद्देनजर अब मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त करना महत्वपूर्ण है।

भारतीय स्टेट बैंक ने सभी प्रकार के ॠण के लिए मानक ब्याज में 0.25 प्रतिशत की कमी की attacknews.in

मुंबई, 30 दिसंबर ।देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्ज के लिए बाह्य मानकों पर आधारित अपनी ब्याज दर (ईबीआर) को 0.25 प्रतिशत कम कर 7.80 प्रतिशत करने की सोमवार को घोषणा की।

अभी यह दर 8.05 प्रतिशत थी। नयी दर पहली जनवरी 2020 से प्रभावी होगी।

बैंक के इस निर्णय से उसके आवास ऋण पर ब्याज कम हो जाएगा और उससे ईबीआर के आधार पर कर्ज लेने वाले सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों पर भी ब्याज के बोझ में प्रति सैकड़ा 25 पैसे की कमी हो जाएगी।

बैंक नए आवास रिण वार्षिक 7.90 प्रतिशत की दर से पेश करेगा। अब तक यह दर 8.15 प्रतिशत थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक ने पहली अक्टूबर 2019 से ईबीआर आधारित ब्याज की व्यवस्था लागू की है।

बैंक ने इसके तहत 1 अक्टूबर 2016 से सूक्षम, लघु और मझोले उद्यमों, आवास खरीदारों तथा खुदरा ग्राहकों के लिए परिवर्तनशील दर पर लिए गए कर्जों का ब्याज रिजर्व बैंक की रेपो दर (जिस दर पर वह बैंकों को फौरी जरूरत के लिए नकद धन देता है) में घट बढ़ के आधार पर समायोजित करने का निर्णय लागू किया है।

इसके तहत बैंक तीन माह एक बार अपने कर्ज की ब्याज दरों को समायोजित कर सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस वर्ष फरवरी से कुल मिला कर रेपो दर 1.35 प्रतिशत कम की है। लेकिन बैंक उसका लाभ ग्राहकों को देने में धीमे रहे हैं। उनकी ओर से ब्याज में औसतन 0.44 प्रतिशत की ही कटौती की गयी है।

नमो एप पर नागरिकता संशोधन कानून के लिए जन-समर्थन अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसम्बर । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर छिड़े विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधिकारिक नमो एप पर इस कानून के लिए जनसमर्थन जुटाने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू किया है।

नमो एप पर ‘इंडिया स्पोर्ट्स सीएए ’ हैशटैग से एक अभियान शुरू किया गया है जिसमें लोगों से इस कानून का समर्थन करने की अपील की गयी है।

इसके लिए श्री मोदी की निजी वेबसाइट के टि्वटर हैंडल पर टि्वट भी किया गया है। इसमें इंडिया स्पोर्ट्स सीएए हैशटैग के साथ इसका समर्थन करने की अपील और कारण भी बताया गया है। टि्वट में लिखा है, “ सीएए प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में है और यह किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है। नमो एप के वालंटियर माड्यूल के वायस सेक्शन में इस हैशटैग को जानकारी, ग्राफिक्स, वीडियो और अन्य चीजों के लिए देखें । इसे शेयर करें और सीएए के लिए अपना समर्थन प्रकट करें। ”

यह अभियान देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए को लेकर बढते विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू किया गया है। इससे पहले भी सरकार ने सीएए को लेकर विभिन्न मंचों पर स्थिति स्पष्ट की है और इससे संबंधित प्रशन और उनके जवाब भी दिये हैं। खुद प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री ने भी बार बार कहा है कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में है।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार का इस कानून के पीछे छिपा एजेंडा है और वह इसकी आड में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को देश भर में लागू करना चाहती है। बिहार और पश्चिम बंगाल सहित पांच-छह राज्यों ने सीएए का विरोध करते हुए इसे लागू नहीं करने की बात कही है।

सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के कुछ जगहों पर हिंसक रूप लेने के कारण हुई घटनाओं में अब तक 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस शासित राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं करने के दिए निर्देश attacknews.in

लखनऊ, 30 दिसम्बर ।कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवा वस्त्र धारण करने की मर्यादा का पालन करने की नसीहत देते हुए कहा है कि भगवा पहनने वाले व्यक्ति में बदले की भावना की कोई जगह नहीं होती है।

श्रीमती वाड्रा ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री ने बदले की भावना से काम करने वाला बयान दिया है। वह रंजिश की बात करते हैं और जनता से बदला लेने का बयान देते हैं। उन्होंने यह धमकी उन लोगों को दी है जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। उनकी सरकार इन घटनाओं मारे गये लोगों के परिजनों से मिलने से रोकती है।

सीएए के कारण हुयी हिंसा की जांच रिटायर्ड जज करें : प्रियंका

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को असंवैधानिक बताते हुये प्रियंका गांधी वाड्रा ने नये कानून को कांग्रेस शासित राज्यों में लागू नहीं करने की वकालत की और उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुयी हिंसा की जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मौजूदा अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में कराने की मांग की।

श्रीमती वाड्रा ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा “ सीएए गैर संवैधानिक है। यह वैध नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं है। इसे लोग ही लागू नहीं होने देंगे। गरीब और मजदूर तबका अपनी नागरिकता कैसे प्रमाणित करेगा। जिस प्रकार से नोटबंदी ने देश की जनता को कतारों में खड़ा होने के लिये मजबूर किया, ठीक उसी तरह यह कानून भी सभी को प्रताड़ित करेगा।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुये श्रीमती वाड्रा ने कहा “ इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब एक मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया कि जनता खिलाफ बदला लिया जाएगा। यह प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले राम और कृष्ण का देश है। यहां भगवान शिव की बारात में सभी नाचते हैं। इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला और रंज की जगह नहीं है। यह भगवा आपका नहीं, हिन्दू धर्म का प्रतीक है जहां हिंसा की कोई जगह नहीं है। भगवा पहना है तो इसका मूल्य भी समझिए। ”

उन्होने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है वहां नागरिकता संशाेधन अधिनियम को लागू नहीं किया जाएगा। श्रीमती वाड्रा ने अपनी सुरक्षा संबधी सवाल को टालते हुये कहा “मेरी सुरक्षा का विषय बहुत छोटा है, यहां तो पूरा प्रदेश असुरक्षित है, हमें उसकी चिंता करनी है। पार्टी सीएए की हिंसा के दौरान गिरफ्तार किये गये निर्दोष लोगों को कानूनी सहायता भी प्रदान करेगी। ”

उप्र में हुये प्रदर्शन पर पुलिस भूमिका की हो न्यायिक जांच : कांग्रेस

इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुये प्रदर्शन को लेकर पुलिस की भूमिका की पूरी न्यायिक जांच की मांग की हैै।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौपा। कांग्रेस ने मांग की है कि राज्य में नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हुये प्रदर्शन को लेकर पुलिस की भूमिका की पूरी न्यायिक जांच हो।

CAA के खिलाफ हिंसा में रेलवे 80 करोड़ की वसूली आंदोलनकारियों से करेगा,संभल में 59 हिंसाईयों को नोटिस attacknews.in

नईदिल्ली/संभल (उ प्र), 30 दिसंबर ।संभल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।

अपर जिलाधिकारी कमलेश अवस्थी ने सोमवार को बताया कि अब तक 59 लोगों को लगभग 15 लाख 35 हजार रूपये के नोटिस जारी किए गए हैं ।

जब अवस्थी से सवाल किया गया कि नोटिस पाने वाले खुद को निर्दोष बता रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि नोटिस जारी कर दिया गया है ,अब उन्हें जवाब देना है । सबको सुनवाई का पूरा मौका मिलेगा ।

जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया कि 19 और 20 दिसंबर को बसों में तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटनाएं हुई थीं । उनमें अभी तक की प्रारम्भिक जांच के अनुसार 15 लाख 35 हजार की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है ।

सिंह ने बताया कि 59 लोगों को वीडियो क्लिप, फोटो व सीसीटीवी फुटेज से चिन्हित कर नोटिस जारी किए गए है । सरकारी संपत्ति को हुए नुक़सान की इन्हीं से भरपाई की जाएगी।

आंदोलनकारियों से नुकसान की वसूली करेगी रेलवे

नयी दिल्ली से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक आंदोलन के कारण भारतीय रेलवे की संपत्ति को कुल लगभग 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और रेलवे इसकी वसूली आंदोलनकारियों से ही करेगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रेलवे को इस आंदोलन के कारण कुल मिलाकर लगभग 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जिसमें से 70 करोड़ रुपए की क्षति पूर्व रेलवे के अंतर्गत पश्चिम बंगाल में हुई है। उन्होंने बताया कि बाकी दस करोड़ रुपए का नुकसान पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत असम एवं अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में हुआ है। इसके अलावा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत कुछ जगहों पर भी तोड़फोड़ हुई है।

कर्नाटक में साइबर पुलिस ने भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट पर जारी किये नोटिस

मेंगलुरु से खबर है कि,कर्नाटक में मेंगलुुरु साइबर पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में सोशल मीडिया अकाउंट पर भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में कुछ लोगों को नोटिस जारी किये हैं।

साइबर पुलिस सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसी कोई भी पोस्ट नहीं डाली जाये जिससे हिंसा भड़के।

वोट बैंक की राजनीति के लिए सीएए को लेकर भ्रम फैला रहा विपक्ष: सावंत

पणजी से खबर है कि, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वह वोट बैंक के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भ्रम फैला रही है।

श्री सावंत ने ट्वीट किया , “विपक्ष वोट बैंक की खातिर भ्रम फैला रहा है और मुस्लिमों के बीच दुष्प्रचार कर रहा है कि सीएए के जरिये उनकी नागरिकता छीन ली जायेगी। यह विपक्ष द्वारा मुस्लिमों के बीच डर पैदा करने का प्रयास है।”

प्रदर्शनकारियों का प्यादे की तरह इस्तेमाल करते हैं नेता: राम माधव

मेंगलुरु से खबर है कि,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि राजनीतिक दलों के नेता अपने राजनीतिक खेल में प्रदर्शनकारियों का प्यादे की तरह इस्तेमाल करते हैं लिहाजा लोगों को ऐसे कानून के विरोध-प्रदर्शनों से दूर रहना चाहिए जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।

दिल्ली,मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण ठंड का प्रकोप जारी,जनजीवन हुआ प्रभावित attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर ।राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण ठंड और ठिठुरन की चपेट में है और शनिवार को घने कोहरा पड़ने से आसमान से लेकर जमीन तक यातायात प्रभावित होने के साथ ही जन जीवन पर भी बुरा असर हुआ है।

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में घने कोहरे और तेज गति का कहर एक परिवार पर टूटा। बीती रात तेज गति की मारुति अर्टिगा कार से ड्राईवर नियंत्रण खो बैठा और रास्ता दिखाई नहीं देने से गाड़ी नहर में गिर गई और एक परिवार के छह सदस्यों की इस हादसे में मौत हो गई है। इस हादसे में पांच लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में दो नाबालिग भी शामिल हैं। ये सभी लोग हयातनगर संभल से दिल्ली एक गृह प्रवेश के पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। यह घटना दनकौर थाना क्षेत्र के खेरली गांव के पास हुई ।

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घने कोहरे की वजह से सुबह छह बजे से ही यातायात पर व्यापक असर पड़ा। दृश्यता कम रह जाने से केवल कैट 3 बी प्रौद्योगिकी से लैस विमान और इसके लिए प्रशिक्षित पायलट ही टेक आफ और लेंडिग कर सके । घने कोहरे की वजह से छह उड़ाने रद्द करनी पड़ी तथा 21 उड़ानों को डायवर्ट किया गया। इसके अलावा बड़ी संख्या में उड़ानों की आवाजाही भी प्रभावित हुई ।

दिल्ली आने वाली विभिन्न राजधानी गाड़ियों के अलावा बड़ी संख्या में कई अन्य रेलगाड़िया कई-कई घंटों की देरी से चल रही हैं ।

घने कोहरे की वजह से दृश्यता कम रहने के कारण सड़क यातायात पर भी असर पड़ा और चालकों को पीली बत्ती जलाकर वाहन चलाना पड़ा।

मौसम विभाग के अनुसार राजधानी दिल्ली में आज का दिन पिछले 119 वर्षों में सबसे ठंडा दिन रहा है।

दिल्ली में 14 दिसम्बर से ही कड़ाके की सर्दी पड रही है। शनिवार को सुबह कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया था। रविवार सुबह सबसे कम तापमान आया नगर में 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को यहां तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। दिसम्बर माह में 29 दिसंबर तक औसत तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। यह स्तर 1997 के 17.3 डिग्री के बाद का सबसे कम है।

वर्ष 1901 के बाद यह दूसरा मौका है जब दिल्लीवासियों को इतने लंबे समय तक शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ा है। राहत की बात यह है कि स्कूलों में छोटे बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश शुरू हो गया है।

सफदरजंग में सोमवार सुबह न्यूनतम तापमान 2.6 और पालम में 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा एनसीआर के नोएडा , गुरूग्राम , फरीदाबाद और गाजियाबाद समेत अन्य क्षेत्रों में कोहरे छाया हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में बादलों ने डाला डेरा ,कल से खराब मौसम के आसार

शिमला, से खबर है कि,हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 31 दिसंबर से चार जनवरी तक हिमपात तथा बारिश के आसार है।

सोमवार को राजधानी सहित अनेक स्थानों पर बादल छाय रहे और बर्फीली हवाएं चलीं। जिला प्रशासन ने कुल्लू, चंबा, शिमला, और किन्नौर में अलर्ट के साथ एहितयात बरतने को कहा है। प्रशासन ने नए साल से बर्फबारी के आसार बताए हैं।

उत्तर भारत शीत लहर की चपेट अभी जारी रहेगी:

पुणे, से खबर है कि, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और जम्मू-कश्मीर में अत्यधिक शीत लहर का प्रभाव रहा जबकि सौराष्ट्र, कच्छ, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों में शीत लहर की स्थिति रही।

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में शीत लहर तथा कुछ स्थानों में अति शीत लहर का प्रभाव हो सकता है जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्व और पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश,सौराष्ट्र, कच्छ, छत्तीसगढ़, विदर्भ, ओडिशा, बिहार और जम्मू कश्मीर में भी शीत लहर की स्थिति हो सकती है।

यूपी में ठंड और कोहरे का सितम,मुजफ्फरनगर में पारा जमाव बिंदु के करीब

उत्तर प्रदेश में गलन भरी ठंड के बीच चुभती सर्द हवाओं के चलते पारा जमाव बिंदु के करीब पहुंचने लगा है वहीं कोहरे के कहर से सोमवार को छह लोग अकाल मृत्यु का शिकार बन गये।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज तड़के पारा एक डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया वहीं औद्योगिक नगरी कानपुर में न्यूनतम तापमान 1़ 6 डिग्री और धार्मिक नगरी वाराणसी 2़ 3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। समूचे राज्य में ठंड और कोहरे के चलते सड़कों पर अघोषित कर्फ्यू के हालात बने हुये हैं। आम लोगों के अलावा पशु पक्षी भी ठंड से बचने के लिये दरख्तों और घोसलों में दुबके हुये है।

राजस्थान के जयपुर सहित कई क्षेत्रों में हाड कंपकपाने वाली सर्दी

जयपुर से खबर है कि, राजस्थान में हाड कंपकपाने वाली सर्दी का कहर जारी है, जिससे सीकर में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से नीचे दर्ज किया गया जबकि राजधानी जयपुर में न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड एक डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

जयपुर में सर्दी के इस मौसम में अब तक सोमवार सुबह सबसे ठंडा रहा। कड़ाके की ठंड एवं कोहरे से जनजीवन प्रभावित हुआ। इसी तरह अन्य स्थानों पर पर तेज ठंड एवं कोहरे के कारण लोग परेशान रहे और अलाव लगाकर इससे बचने का प्रयास करते रहे।

उल्लेखनीय है कि 13 दिसम्बर 1964 को जयपुर में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड को देखते हुए तापमान धीरे धीरे इस और बढ़ रहा है।

मध्यप्रदेश में शीतलहर का प्रकोप,ठंड से दो व्यक्तिों की मौत

भोपाल, से खबर है कि,मध्यप्रदेश में आज लगातार तीसरे दिन भी प्रदेश के कई शहर शीतलहर और तीव्र शीतलहर तथा कडाके की ठंड की चपेट में रहे।

शिवपुरी और हरदा में ठंड से एक-एक व्यक्ति की मौत हाे गई है।

प्रदेश के ग्वालियर एवं दतिया में सबसे कम 2.2 डिग्री रात का तापमान रिकार्ड हुआ है। चंबल संभाग के भिंड और मुरैना शहर भी कोहरे से ढ़के हुये है और यहां भी ‘सीवियर कोल्ड वेव ’ चल रही है। प्रदेश में कहीं कहीं आज ‘कोल्ड डे’ भी रहा।

श्योपुर में हाड़कंपाने वाली ठंड का दौर जारी

मध्यप्रदेश का श्योपुर जिला कई वर्षों के बाद हाड़कंपाने वाली कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। आज भी पारा 3.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, चार दिन से पारा 3 डिग्री के आसपास चल रहा है। शीत लहर से जनजीवन पर बड़ा असर पड़ा है।

मौसम विभाग के अनुसार एक पखवाड़े से ज्यादा समय से तेज ठंड के बीच पारा 3 डिग्री से लेकर 9 डिग्री तक रहा है। वही, पिछले चार दिन से पारा लगातार न्यूनतम स्तर पर है। इसके साथ ही कोहरे से भी आम जनजीवन पर इसका असर पडा है।

ग्वालियर में कड़ाके सर्दी, पारा 2़ 2 डिग्री पर पहुंचा

ग्वालियर में लगातार गिरते पारा के चलते यहां सर्दी का सितम जारी है। ठंड के चलते आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां रात का पारा 2़ 2 डिग्री पर पहुंच गया है।

मौसम विभाग के अनुसार रात का पारा 2़ 2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जिसमें काफी गिरावट हुयी है। यहां कल 4़ 4 डिग्री सेल्सियस रात का तापमान दर्ज किया गया था। कड़ाके की ठंड के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग ठंड से बचने अलाव का सहारा ले रहे हैं। इसके साथ ही यातायात व्यवस्था पर भी ठंड का कोहरे का असर पड़ा है, जिसके चलते वाहनों की गति धीमी हो गयी है।

उमरिया में ठंड और कोहरे से जनजीवन अस्तव्यस्त

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले मे आज सुबह कड़ाके की ठंड और शीतलहर चलने के साथ की भारी कोहरा रहा जिसके चलते जनजीवन प्रभावित हुआ।

स्थानीय मौसम विभाग के प्रभारी रजनीश यादव ने बताया कि ठंड के कारण यहां का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री पर पहुंच गया है और एक दो दिन ऐसे ही कडा़के की ठंड पड़ने का अनुमान है। हालांकि कल की तुलना में न्यूनतम तापमान में इजाफा हुआ है। कोहरा अधिक होने से सड़क व रेल मार्ग मे यातायात प्रभावित रहा। वाहन चालकों को वाहन चलाने मे भारी असुविधा का सामना करना पड़ा

शिवपुरी में ठंड से एक व्यक्ति की मौत

शिवपुरी जिले के दिनारा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की ठंड से मौत होने का मामला प्रकाश में आया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कल रात सिकंदरा बैरियर के समीप एक अज्ञात व्यक्ति का अकड़ा हुआ शव बरामद किया गया है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी मौत ठंड के चलते हुयी है। फिलहाल मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। उसकी उम्र 55 वर्ष के आसपास की है।

मुरैना में कोहरे और भीषण ठंड से लाेग परेशान

मुरैना जिला कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं, जिसके चलते यहां का आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।

शहर का आज न्यूनतम तापमान 03 डिग्री और अधिकतम 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे आम जनमानस कड़ाके की चपेट में हैं। पिछले तीन दिनों से छाये घने कोहरे के कारण आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष दिसबंर के अंतिम सप्ताह में सर्दी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, जबकि पिछले वर्ष इतनी सर्दी जनवरी में पड़ी थी।

कोहरे के कहर के कारण कार नहर में गिरी, छह की मौत, पांच घायल

उत्तर प्रदेश में जनपद गौतमबुद्ध नगर के थाना दनकौर इलाके में सोमवार को घने कोहरे और तेज रफ्तार के कारण हुए हादसे में छह लोगो की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।

एसपी देहात रणविजय सिंह ने बताया कि दनकौर इलाके खेलरी नहर में आज सुबह एक कार में सवार होकर 11 लोग उत्तर प्रदेश के संभल से दिल्ली आ रहे थे। कार खेलरी नहर के पास पहुंची, तो कोहरे के कारण दृश्यता इतनी कम थी कि चालक अपना नियंत्रण खो बैठा और कार नहर में गिर गयी। उसके बाद लोगों की चीख-पुकार सुन गांव वाले पहुंच गए और उन्होंने पांच लोगों को गाड़ी से निकाल लिया जबकि छह लोगों की हालत गंभीर थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया है , जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान महेश, किशनलाल, नरेश राम खिलाड़ी, मल्लू और नेत्रपाल के रूप में की गयी है।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे , उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सेनाध्यक्ष बिपिन रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर । सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना होगा।

सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी।

जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।

सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा।

आज देर रात जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में जनरल रावत को सीडीएस नियुक्त करने की जानकारी दी गयी। जनरल रावत का सीडएस के तौर पर कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और वह अगले आदेश तक इस पद पर रहेंगे। वह मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत होंगे।

जनरल रावत को दिसंबर 1978 में सेना में कमीशन मिला था और वह एक जनवरी 2017 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही सीडीएस के पद के सृजन, भूमिका, नियमों तथा चार्टर को मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के एक नये विभाग के गठन को भी मंजूरी दी थी।सीडीएस इस विभाग के प्रमुख तथा सचिव होंगे।

सीडीएस के पद पर नियुक्त होने वाला अधिकारी चार स्टार के रैंक वाला जनरल होगा। उनका वेतन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के समान होगा। वह सरकार को रक्षा मामलों में सलाह देने वाला बड़ा अधिकारी होगा। सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख के साथ साथ सेना प्रमुखों की स्टाफ समिति का स्थायी अध्यक्ष भी होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को लाल किले से ऐलान किया था कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बनाने के लिए सीडीएस का पद सर्जित किया जायेगा। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि सीडीएस 65 वर्ष की उम्र तक सेवा में रह सकेंगे। हालांकि सीडीएस के कार्यकाल के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना प्रमुखों की सेवानिवृति की आयु में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सीडीएस की अध्यक्षता वाला सैन्य मामलों का विभाग तीनों सेनाओं के साथ साथ रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय के मामले देखेगा जिसमें सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु सेना मुख्यालय और रक्षा स्टाफ मुख्यालय शामिल हैं। इसके अलावा वह प्रादेशिक सेना, सेना, नौसेना और वायु सेना के कामकाज, पूंजीगत खरीद को छोड़कर मौजूदा नियमों तथा प्रक्रिया के तहत तीनों सेनाओं की खरीद के मामले भी देखेगा।

तीनों सेनाओं के मामलों के बारे में सीडीएस रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार भी होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपनी सेना के बारे में रक्षा मंत्री को पहले की तरह सलाह देते रहेंगे। सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रमुखों के समेत किसी को कोई सैन्य कमान नहीं देंगे इससे वह राजनीतिक नेतृत्व को निष्पक्ष सलाह दे सकेंगे।

CBI ने जम्मू-कश्मीर के कलेक्टरों और जिला मजिस्ट्रेटों के 13 ठिकानों पर 2 लाख से अधिक हथियारों के लाइसेंस जारी करने के मामले में की छापामारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में दो लाख से अधिक हथियारों के लाइसेंस जारी करने और इसकी आड़ में पैसों का लेनदेन करने के मामलों में सोमवार को सुबह से ही जम्मू, श्रीनगर, कुपवाड़ा, गुड़गांव और नोएडा सहित 13 ठिकानों पर छापे मार रही है।

सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि जांच एजेंसी हथियारों के दो लाख से अधिक लाइसेंस जारी करने के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के तत्कालीन जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट से जुड़े 13 ठिकानों पर छापे मार रही है।

सूत्रों ने बताया कि ये छापे कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा एवं पुलवामा के तत्कालीन जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट से संबंधित परिसरों पर मारे जा रहे हैं।

सीबीआई का कहना है कि राज्य के गैर निवासी व्यक्तियों को लाइसेंस जारी करने के एवज में घूस लेने के आरोपों की भी जांच की जा रही है।

आरोप है कि नियमों का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन अफसरों ने जम्मू-कश्मीर के गैर-निवासियों को हथिय़ारों के लाइसेंस जारी किए थे और उसके एवज में पैसे लिये थे।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2010 बैच के अधिकारी और कुपवाड़ा के पूर्व डीसी राजीव रंजन, 2007 बैच के आईएएस और बारामूला उधमपुर के पूर्व डीएम यशा मुदगिल, कुपवाड़ा के पूर्व जिलाधिकारी इटारत हुसैन, किश्तवाड़ के पूर्व डीएम सलीम मोहम्मद, मोहम्मद जावेद खान, राजौरी के पूर्व डीएम एससी भगत, डोडा के डीएम फारूक अहमद खान और पुलवामा के पूर्व डीएम जहांगीर अहमद मीर के आवासों पर छापेमारी की जा रही है। विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।

उत्तरप्रदेश में गला दबाने का आरोप लगाने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन किया,CRPF ने जारी किया बयान attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर ।सीआरपीएफ ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के लखनऊ के हालिया दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं हुई। साथ ही बल ने प्रियंका गांधी पर स्कूटर पर पीछे बैठकर यात्रा कर, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

प्रियंका गांधी को मिली ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरे के तहत उन्हें सशस्त्र कमांडो मुहैया कराने वाले बल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस नेता ने बिना पूर्व सूचना दिए यात्रा की इसलिए सुरक्षा के इंतजाम पहले से नहीं किए जा सके।

बयान में कहा गया है, ‘‘यात्रा के दौरान उन्होंने बिना निजी सुरक्षा अधिकारी के, उस असैन्य वाहन का इस्तेमाल किया जो बुलेट रोधी नहीं था।’’

इस बयान के अनुसार, प्रियंका ने स्कूटी पर लिफ्ट ली, वह स्कूटी पर पीछे बैठ कर चली गईं।

सीआरपीएफ ने कहा कि सुरक्षा अवरोध के बावजूद उसने कांग्रेस नेता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई।

उसने कहा, ‘‘सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सुरक्षा में ऐसी चूक की जानकारी दे दी गई है और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त सुनिश्चित करने की सलाह भी दी गई है।’’

सीआरपीएफ ने एक आज एक वक्तव्य जारी कर स्पष्ट किया कि गत 28 और 29 दिसम्बर को लखनऊ यात्रा के दौरान श्रीमती वाड्रा सुरक्षा एजेन्सी को बिना पूर्व जानकारी दिये निर्धारित कार्यक्रमों से हटकर अन्य जगहों पर भी गयी। इसके चलते ‘एडवांस सिक्योरिटी लायजन ’ एएसएल यानी अग्रिम सुरक्षा तालमेल नहीं किया जा सका।

इसके अलावा श्रीमती वाड्रा ने ऐसे वाहन में यात्रा की जो बुलेट प्रूफ नहीं था और उसमें निजी सुरक्षा सहायक भी नहीं था। यही नहीं उन्होंने एक स्कूटी पर लिफ्ट लेकर भी यात्रा की।

सीआरपीएफ ने कहा है कि इन परिस्थितियों के बावजूद कांग्रेस नेत्री को उचित सुरक्षा प्रदान की गयी। सीआरपीएफ ने कहा है कि श्रीमती वाड्रा को उनके द्वारा सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की जानकारी दे दी गयी है।

वक्तव्य में कहा गया है कि सीआरपीएफ को श्रीमती वाड्रा के लखनऊ दौरे की जानकारी में केवल इतना बताया गया था कि वह लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में कांग्रेस के स्थापना दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होंगी। इस कार्यक्रम से पहले अग्रिम सुरक्षा तालमेल यानी एएसएल की प्रक्रिया पूरी की गयी थी। उनके निजी स्टाफ ने अन्य कार्यक्रमों के बारे में सुरक्षा एजेन्सी को जानकारी नहीं दी थी।

प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ में थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उनके सुरक्षा कर्मियों को धमकियां दीं तथा उन्हें आगे न जाने की चेतावनी दी गई।

लखनऊ पुलिस ने प्रियंका के वाहन का किया चालान

उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उस दोपहिया वाहन का चालान 29 दिसम्बर को काटा है जिस पर वह सवार होकर इंदिरानगर अपने एक समर्थक से मिलने गयी थी।

पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि श्रीमती वाड्रा शनिवार को सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसआर दारापुरी के इंदिरानगर स्थित आवास गयी थी। उनके काफिले को पुलिस ने रोक लिया था जिसके बाद वह स्कूटी से गंतव्य की ओर रवाना हो गयी थी।

स्कूटी को विधायक धीरज गुर्जर चला रहे थे। वाहन चालक और श्रीमती वाड्रा ने हेलमेट नहीं पहना था जिसके चलते दोपहिया वाहन का 6100 रूपये का चालान काटा गया है। चालान की प्रति वाहन स्वामी गोमतीनगर के विनीत खंड निवासी राजदीप सिंह को भेज दी गयी है।

प्रियंका उत्तर प्रदेश का माहौल बिगाड़ रही हैं

उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर उत्तर प्रदेश पुलिस को बेवजह बदनाम करने और राज्य का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है ।

डॉक्टर पांडे का कहना है कि कांग्रेस और उसके नेता असामाजिक अराजक तत्वों के साथ खड़े हैं।

केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर बातचीत में कहा की कांग्रेस बिना कारण नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है। यह कानून किसी की भी नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए बना है। नागरिकता संशोधन बिल सबसे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तैयार कराया था । भाजपा ने केवल उनकी सरकार के काम को आगे बढ़ा बढ़ाया है।

श्री पांडे ने कहा कि प्रियंका गांधी परिवार शुरू से ही सुरक्षा घेरा तोड़ता रहा है। चाहे राजीव गांधी हों या सोनिया या राहुल गांधी, सभी समय-समय पर सुरक्षा घेरा दौड़ते रहे हैं ।

उन्होंने सवाल किया कि प्रियंका गांधी सीएए, एनपीआर का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों के साथ क्यों खड़ी हैं । आंदोलन के दौरान हिंसा करने वाले , कानून तोड़ने वालों के साथ गांधी परिवार की हमदर्दी क्यों हैं इसे स्पष्ट करना चाहिए । आंदोलनकारियों के घर जाकर उनके प्रति सहानुभूति दिखाना क्या ठीक है? इसका जवाब कांग्रेसी नेताओं को देना होगा। विपक्ष भ्रम फैलाकर देश के विकास की प्रगति में रोड़ा बना रहा है । पूरे देश में अफवाह फैला कर आंदोलन किया जा रहा है और हिंसा फैलाई जा रही है । देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने अपना संकल्प पत्र देश की जनता के सामने रखकर वोट मांगे थे जिसमें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति ,तीन तलाक, अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण का वायदा किया था । पार्टी अपने वायदे को पूरा कर रही है ।

योगी से अमरिंदर : क्या आपको अपने किये पर शर्म नहीं आती?

लुधियाना(पंजाब), से खबर है कि,कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से उत्तर प्रदेश में पुलिस की कथित बदसलूकी पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से पूछा, “क्या आपको अपने किये पर शर्म नहीं आती?“

यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में एक मार्च में हिस्सा लेते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस का प्रियंका गांधी से व्यवहार मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस घटना को नहीं भूलेगी और इसका हिसाब लिया जायेगा।

महाराष्ट्र में 70 हजार करोड़ रुपये के घपले-घोटालों के आरोप के बाद भी अजित पवार बन गये उप मुख्यमंत्री attacknews.in

नागपुर 30 दिसंबर । महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक परमबीर सिंह ने पिछले सप्ताह सिंचाई घोटाले में दायर अपने हलफनामे में त्रुटि के लिए माफी मांगते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक नया हलफनामा दायर किया और जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजीत पवार को क्लिन चिट दे दी गयी ।इसका ही परिणाम यह सामने आया कि , वह वापस महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में फिर से उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है ।

हलफनामा सिंचाई घोटाले को लेकर था जिसमें राकांपा नेता अजीत पवार पहले आरोपी बनाये गये थे। इससे पहले 19 दिसंबर को दायर अपने अंतिम हलफनामे में श्री सिंह ने कहा था कि पहले के महानिदेशक संजय बारे ने ‘अजीत पवार की भूमिका के बारे में एक विशेष रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दी थी’ जब उन्होंने पिछले साल इसी मुद्दे के बारे में एक हलफनामा दायर किया था।

शुक्रवार को विदर्भ सिंचाई घोटाला के 12 मामले में क्लीन चिट दी गई थी-

इससे पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र भ्रष्टचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को विदर्भ सिंचाई घोटाला मामले में सभी 12 परियोजनाओं में क्लीन चिट दे दी थी और एसीबी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में विदर्भ क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितता के मामलों में पवार की संलिप्तता से इनकार कर दिया था ।

घोटाले की कहानी-

महाराष्ट्र का 70 हजार करोड़ का सिंचाई घोटाला

70 हजार करोड़ रुपये के घपले-घोटालों के आरोप के बाद भी अजित पवार बन गये उप मुख्यमंत्री-

बात 2012 की है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में विपक्ष की बेंच पर बैठ, अजित पवार (जिन्होंने अभी हाल ही में फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण ली थी) को तकरीबन 70 हज़ार करोड़ के सिंचाई विभाग घोटाले का जिम्मेदार बताकर अपना राजनीतिक करियर चमकाना चाह रहे थे।

महाराष्ट्र के इस बड़े घोटाले के लिए अजित पवार को पानी पी-पीकर कोसने वाले देवेंद्र बाद में अजित (यदि सरकार सलामत रहती तो) साथ-साथ सत्ता के सुख का उपभोग करते दिखाई दिए । आखिर ऐसा क्या हुआ, जो अजित पर उनका प्यार उमड़ आया था ?

समझते हैं घोटाला है क्या? और वाकई इसके तार अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनने से जुड़े हैं?

1982 मेंं विदर्भ के विकास के लिए समर्पित मधुकर उपाख्य मामा किंमतकर नाम के एक मंत्री हुआ करते थे, इसी महकमे के। उन्होंने अपनी स्टडी में पाया कि विदर्भ में किसानों की आत्महत्याओं का बढ़ता ग्राफ लिंक कहीं-न-कहीं सिंचाई परियोजना में हो रही विलंब से जुड़ा है।

इस परियोजना मेंं हो रही देरी और बढ़ता बजट कहीं-न-कहीं किसी बड़े घपले की ओर इशारा कर रही थी।

मुद्दे की इंटेंसिटी को समझते हुए फडणवीस ने इसेे तकरीबन सात हज़ार करोड़ का बड़ा घोटाला बताते हुए इस मामले की जाँच की माँग की थी। उन्होंने तत्कालीन सरकार से इस मामले पर व्हाइट पेपर जारी करने की भी माँग की थी।

सिंचाई घोटाले में मुख्य रूप से अजित पवार, जो उस वक्त भी उप मुख्यमंत्री थे और सुनील तटकरे को जिम्मेदार ठहराया गया था ।

2011 में एडवोकेट श्रीकांत खंडालकर ने मामले की जाँच सीबीआई से करवाने की माँग की। 2012 की फाइनेंशियल रिपोर्ट के अनुसार, 1999 से 2009 के बीच महाराष्ट्र में सिंचाई परियोजनाओं में लगभग 35000 करोड़ व अन्य गैर-व्यवहार की बातों का खुलासा हुआ।

फरवरी 2012 में गवर्नर और मुख्यमंत्री को प्रस्तुत रिपोर्ट में इस बाबत जानकारी दी गई। 2012 में ही ‘जनमंच’ नामक एनजीओ ने हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर कर सिंचाई परियोजनाओं में 70 हज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए मामले की जाँच सीबीआई द्वारा कराने की माँग की।

महाराष्ट्र में सिंचाई परियोजनाओं के घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन सरकार के खिलाफ ऐसी लहर चली कि महाराष्ट्र की सत्ता ही बदल गयी।

अक्टूबर, 2014 भाजपा-शिवसेना की सरकार बनी। दिसंबर के महीने में नागपुर में चल रहे नयी सरकार के पहले अधिवेशन में जनमंच की याचिका पर हाई कोर्ट में सरकार को अपनी भूमिका स्पष्ट करने का आदेश दिया।

12 दिसंबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो गृह मंत्रालय भी सँभाल रहे थे; ने सिंचाई घोटाले की जाँच एंटी करप्शन ब्यूरो से करवाने का आश्वासन दिया।

राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि इस जाँच में पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार, सुनील तटकरे, छगन भुजबल के साथ ऑफिसर्स व ठेकेदारों की भूमिका की भी जाँच की जाएगी।

एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा सिंचाई घोटाले की जाँच शुरू हुई, उस वक्त विदर्भ में 38 सिंचाई परियोजनाओं पर काम चल रहा था; जनमंच में एंटी करप्शन ब्यूरो को हज़ारों दस्तावेज़ सौंप दिये। समय बीत गया और जनमंच को लगा कि सरकार इस मामले में ढिलाई बरत रही है। 2015 में एक बार फिर हाईकोर्ट के पास अपनी फरियाद लेकर पहुँची। जाँच में ढिलाई के मद्देनज़र कोर्ट ने सरकार व एंटी करप्शन ब्यूरो को आड़े हाथ लिया।

हाई कोर्ट के रुख को देखते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने अपनी ओर से सफाई देते हुए बताया कि मामले की जाँच में ढिलाई नहीं बरती जा रही है। 23 फरवरी, 2016 को सिंचाई घोटाले के सम्बन्ध में राज्य में पहला मामला मुम्बई के ऐसे कंस्ट्रक्शन कम्पनी के खिलाफ रिपोर्ट नागपुर के पुलिस स्टेशन में दर्ज की गयी है। यह मामला गोसीखुर्द के घोड़ाजारीमे हुए घपले को लेकर किया गया।

इस पहली आपराधिक रिपोर्ट दर्ज करने के बाद राज्य-भर में एक के बाद एक कई अपराधिक मामले दर्ज किये जाने लगे।

इस बीच कोर्ट को लगा कि सारे आपराधिक मामले सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों, कम्पनियों और उनके मालिकों के खिलाफ किये जा रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोगों को लेकर गम्भीरता नहीं बरती जा रही है।

एसीबी के महानिदेशक संजय बर्वे ने नागपुर हाई कोर्ट में एक हलफनामा देकर कहा था कि सिंचाई घोटाले के लिए अजित पवार जिम्मेदार हैं। यह हलफनामा जनहित मंच की याचिका पर दाखिल किया गया।

इस मामले में न्यायिक लड़ाई लड़ रही ऐक्टिविस्ट अंजली दमनिया ने दावा किया था कि हलफनामे से हमारे वे सभी आरोप सही साबित होते हैं; जो हम पवार और अन्य पर लगा रहे हैं। मुम्बई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि सिंचाई घोटाले में एनसीपी लीडर और पूर्व उप सीएम अजित पवार की भूमिका स्पष्ट करेंं।

3 सितंबर, 2016 को नागपुर बेंच में इस घोटाले से सम्बन्धित 6450 पन्नों की चार्जशीट पेश की गयी। इसमें भाजपा के कई मंत्री के खास अधिकारियों के नाम भी थे। 22 दिसंबर, 2017 को भाजपा नेताओं की कुछ कम्पनियों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज हुआ।

एक बार फिर जाँच की गति धीमी देखते हुए कोर्ट ने एनसीबी को जवाब तलब किया। इस बार एनसीबी की ओर से कहा गया कि उनके पास जाँच करने के लिए ज़रूरत के हिसाब से मैन पॉवर नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद 4 अप्रैल, 2018 को सिंचाई घोटाले की जाँच के लिए नागपुर और अमरावती में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया।

अमरावती के जीगाँव, निम्नपेढ़ी वाघरी और रायगढ़ सिंचाई परियोजनाओं में हुई गड़बडिय़ों की जाँच के लिए एक सोशल एक्टिविस्ट अतुल जगताप ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की।

इस जनहित याचिका की सुनवाई से एक बात सामने आयी कि अजित पवार और बाजोरिया कंस्ट्रक्शन के मालिक संदीप बाजोरिया के बीच अच्छे सम्बन्धों के चलते, बाजोरिया कंस्ट्रक्शन कम्पनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया; जो कि इस लायक नहीं थी।

सिंचाई परियोजना में हुए घपले को लेकर कोर्ट इतनी गंभीर थी कि उसने इस मामले की जाँच के लिए रिटायर्ड जस्टिस के तहत एक समिति गठित करने की अनुशंसा भी की थी।

10 अक्टूबर, 2018 को हाई कोर्ट ने एक बार फिर अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कठोर शब्दों में राज्य सरकार से सिंचाई घोटाले में अजित पवार की भूमिका स्पष्ट करने की बात कही।

लम्बा समय बीत जाने के बाद भी इस बाबत कोई जवाब न आने के चलते एक बार फिर कोर्ट ने इस घोटाले में अजित पवार की भूमिका को लेकर सरकार से स्पष्ट तौर पर जवाब माँगा।

अब पवार को बचाना राज्य सरकार को दुरूह लगने लगा और उसने 27 अक्टूबर, 2018 को 40 पन्नों का हलफनामा पेश करके सिंचाई घोटाले में अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया। महाराष्ट्र गवर्नमेंट रूल्स ऑफ बिजनेस एंड इंस्ट्रक्शन 10(1) के मुताबिक, हर महकमे के कामकाज के लिए उस महकमे का मिनिस्टर जवाबदेह होता है।

सरकार द्वारा पेश किये गये हलफनामे में सरकार ने अजित पवार को इस घोटाले के जिम्मेदार ठहराते हुए इसका जिक्र किया है।

दस्तावेज़ बताते हैं कि अजित पवार ने विदर्भ में इन सिंचाई परियोजना को लेटलतीफी से बचाने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई थी, ताकि परियोजनाओं से जुड़ी फाइलें सीधे उन तक पहुँच जाएँ। इसी व्यवस्था के चलते घोटाले होते चले गये विदर्भ सिंचाई परियोजनाओं के बजट बढ़ते चले गये और तीन दशक बीत जाने के बावजूद योजनाएँ पूर्ण नहीं हो सकीं।

बात बड़ी रोचक है कि सरकार ने सिंचाई घोटाले की जवाबदेही अजित पवार पर डाली है, लेकिन उनके खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं दिखाई देता।

अजित पवार के खिलाफ मामला दर्ज न होने को लेकर जो कयास लगाये जा रहे हैं, वह तो यही है कि यह सरकार सरकार की प्रेशर टेक्टिस थी कि समय आने पर अजित पवार का इस्तेमाल किया जा सके। फिलहाल एसआईटी 17 फरवरी तक चुनाव के 302 मामलों की जाँच कर रही थी।और अब परिणाम क्लीनचिट के रूप मे सामने आया ।

महाराष्ट्र में पिता के मंत्रिमंडल में बेटे की एन्ट्री,आदित्य ठाकरे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बने,अजीत पवार ने फिर संभाला उप मुख्यमंत्री का पद attacknews.in

मुंबई 30 दिसंबर । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साेमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर 36 नये मंत्रियों को शामिल किया जिनमें से राकांपा नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री और उनके पुत्र एवं शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को मंत्री बनाया गया है।

महाराष्ट्र में श्री ठाकरे के नेतृत्व में कांग्रेस-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन की सरकार बनने के 32 दिन बाद आज मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ जिसमें कुल 36 नये मंत्रियों ने शपथ ली है। नये मंत्रियों में 26 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है।

श्री पवार ने 37 दिन में दूसरी बार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कैबिनेट मंत्री बने।

श्री ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख और दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सभी मंत्रियों को विधान भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। वह कांग्रेस विधायक के सी पाडवी के शपथ से इतर शब्द बोलने पर नाराज हो गये और उन्हें दोबारा शपथ दिलायी।

शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम इस प्रकार हैं: अजीत पवार (राकांपा), अशोक चव्हाण (कांग्रेस), दिलीप वल्से पाटिल (राकांपा), धनंजय मुंडे (राकांपा) विजय वडेट्टीवार (कांग्रेस), अनिल देशमुख (राकांपा),हसन मुश्रिफ (राकांपा),वर्षा गायकवाड (कांग्रेस), डाक्टर राजेन्द्र शिगणे (राकांपा), नवाब मलिक (राकांपा), राजश टोपे (राकांपा), सुनील केदार (कांग्रेस), संजय राठोड़ (शिव सेना), गुलाबराव पाटिल (शिव सेना), अमित देशमुख (कांग्रेस), दादा भुसे (शिव सेना), संदीपन भुमरे (शिव सेना), बालासाहब पाटिल (राकांपा), यशोमति ठाकुर (कांग्रेस), अनिल परब (शिव सेना), जितेन्द्र अव्हाड (राकांपा), केसी पाडवी (कांग्रेस), शंकर राव गड़ाख (निर्दलीय), असलम शेख (कांग्रेस), आदित्य ठाकरे (शिव सेना) और उदय सामंत (शिवसेना)।

राज्य मंत्री पद की शपथ लेने वालों में शिवसेना के अब्दुल सत्तार और शंभुराजे देसाई, कांग्रेस के सतेज ऊर्फ बंटी पाटिल और विश्वजीत कदम, राकांपा के दत्तात्रेय भरणे, अदिती तटकरे, संजय बनसोड़े और प्राजक्ता तनपुरे तथा अन्य के बच्चू कडू और राजेंद्र पाटिल यड्रावकर शामिल हैं।

गठबंधन के तीनों दलों के बीच समझौते के तहत यह तय हुआ था कि उप मुख्यमंत्री का पद राकांपा के कोटे में जाएगा। इसी समझौते के तहत श्री पवार उप मुख्यमंत्री बनाये गये हैं।

श्री पवार नवंबर में भी एक बार उप मुख्यमंत्री बनाये गये थे जब उन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने तब एक नाटकीय घटनाक्रम में अल सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन तीन दिन बाद ही श्री पवार के पद से इस्तीफा दे देने के कारण भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी थी।

साल 2019 में शेयरों ने और सोने से निवेशकों को किया मालामाल,अगले साल भी बरसेगा अथाह धन attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर ।सोने में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए 2019 अच्छा साल रहा है। वहीं शेयर बाजार निवेशक भी इस साल अच्छी कमाई करने में सफल रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने आगामी बजट में भी सुधारों को आगे बढ़ाया तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार के निवेशक अच्छी कमाई कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि दुनियाभर में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच नये साल में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई को छू सकता है।

सोने ने इस साल निवेशकों को 23 प्रतिशत से अधिक प्रतिफल दिया है। वहीं शेयरों में निवेश करने वाले भी ‘मालामाल’ हुए हैं। उन्होंने ने बाजार में 15 प्रतिशत की अच्छी कमाई की है। विशेषज्ञों का कहना है कि शेयरों में निवेश पर हमेशा अधिक रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है। वहीं सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें औसत प्रतिफल शेयरों की तुलना में कम रहता है। लेकिन इस बार स्थिति पलट गई और सोने ने निवेशकों को शेयरों से अधिक मुनाफा दिया है।

दिल्ली बुलियन ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने भाषा से कहा, ‘‘इस समय देश-दुनिया में अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं हैं। दुनिया में जब भी ऐसी स्थिति बनती है, तो निवेशक निवेश के अन्य विकल्पों के बजाय सोने में निवेश को तरजीह देते हैं।’’ आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार पिछले साल के मुकाबले 2019 में सोने में निवेशकों को 23 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल मिला है। एक साल पहले 31 दिसंबर, 2018 को 24 कैरट या 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का दाम 32,270 रुपये प्रति दस ग्राम था। इस साल के अंतिम सप्ताहांत सोने का भाव 39,700 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास रहा है। इस लिहाज से सोने का भाव अभी तक 7,430 रुपये यानी 23 प्रतिशत से कुछ अधिक बढ़ चुका है।

एक और दिलचस्प तथ्य यह रहा सोने की तरह चांदी में भी निवेशकों को करीब 22 प्रतिशत तक रिटर्न मिला है। पिछले साल 31 दिसंबर को चांदी का भाव 39,100 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था, जो इस साल के अंतिम सप्ताहांत 47,700 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

गोयल कहते हैं कि बेशक यह धारणा है कि सोने की तुलना में शेयरों में निवेश पर अधिक कमाई होती है, लेकिन अब शेयर बाजार ‘काफी ऊंचाई’ पर हैं। ऐसे में निश्चित रूप से आगे भी सोने में निवेश करना निवेशकों के लिए अच्छा सौदा रहेगा। गोयल का कहना है कि हमारा मानना है कि 2020 में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति दस ग्राम के दायरे में रहेगा।

वहीं शेयरों की बात की जाए, तो बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 31 दिसंबर, 2018 को 36,068 अंक पर बंद हुआ था। सप्ताहांत सेंसेक्स 41,575.14 अंक के स्तर पर बंद हुआ है। इस तरह सेंसेक्स ने निवेशकों को 15.26 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो पूरे साल चले उतार-चढ़ाव को देखते हुए अच्छा माना जा रहा है।

सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किशोर पी ओस्तवाल ने कहा, ‘‘इस साल देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं रही है। राजनीतिक और कृषि क्षेत्र में भी स्थिति ठीक नहीं है। विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन इसके बावजूद शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है। इसकी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई हैं।’ ओस्तवाल ने कहा कि एफपीआई का शेयरों में निवेश इस साल एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है। यह 2014 के बाद का उच्चस्तर है। 2014 में एफपीआई ने शेयर बाजारों में 97,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि बजट में यदि सरकार की ओर से सुधारों को आगे बढ़ाने के संकेत मिलते हैं, तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार में निवेशकों को अच्छी कमाई का मौका मिलेगा।

शेयर बाजार के पिछले रिकार्ड को देखा जाये तो 2016 में सेंसेक्स ने एक-दो फीसदी का रिटर्न ही दिया था, जबकि 2015 में शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को घाटा हुआ था। इससे पहले 2014 में 30 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को मिला था। वर्ष 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में शेयरों में निवेश करने वालों को 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ था। हालांकि, 2009 में शेयरों ने 90 प्रतिशत का रिकार्ड प्रतिफल निवेशकों को दिया।

गोयल ने कहा कि आज भी सोना ही निवेश का सुरक्षित विकल्प है। इसे पूरे साल के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह ऊपर नीचे होता रहता है। वहीं, ओस्तवाल ने कहा कि हम बजट को लेकर काफी आशान्वित हैं। यदि सरकार ने बजट में भी सुधारों को आगे बढ़ाया तो निश्चित रूप से अगले साल भी शेयर बाजार के निवेशक अच्छा रिटर्न पाने में सफल रहेंगे। विशेष रूप से हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल छोटे निवेशक भी अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे।

कांग्रेस में पैदा हुआ नेतृत्व का संकट, राहुल गांधी के बाद सोनिया गांधी और पार्टी के लिए चुनौतियों का वर्ष रहा 2019

नयी दिल्ली, 29 दिसम्बर ।भारतीय जनता पार्टी के ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के सपने को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों में धराशायी करने से उत्साहित कांग्रेस ने आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मात देने का हर दांव खेला लेकिन करारी शिकस्त ने उसे ऐसा झटका दिया कि हताश होकर उसके युवा नेता राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया और फिर पार्टी नेतृत्व के संकट से जूझती रही।

केेंद्र में 2014 में मोदी सरकार आने के बाद कांग्रेस ने पहली बार पिछले साल के आखिर में इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोका और सत्ता में वापसी की। इससे उत्साहित पार्टी को लगा कि जनता का श्री मोदी से मोहभंग हो गया है और वह फिर से केंद्र में सत्ता में वापसी कर सकती है।

पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा को परास्त करने की रणनीति के तहत सीधे श्री मोदी पर निशाना साधना साधते हुए उन्हें राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर घेरना आरंभ कर दिया। पार्टी ने इसके लिए कई तरह के दस्तावेज और अन्य सबूत निकालने शुरू कर दिए और श्री गांधी के साथ ही उनकी पूरी टीम के सदस्य जन सभाओं तथा मीडिया के माध्यम से यह साबित करने में जुट गये कि राफेल सौदे में दलाली हुई है और श्री मोदी इसमें सीधे तौर पर शामिल रहे हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस ने मोदी की काट के लिए राफेल का हवा बनाने में कोर कसर नहीं छोड़ी। श्री गांधी अपनी लगभग हर चुनावी सभा में इस मुद्दे को जमकर उछाला और मीडिया के माध्यम से इसे हवा देने का पूरा प्रयास किया।

श्री मोदी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का ‘चौकीदार चोर है’ नारा इतना चल पड़ा कि श्री गांधी की कोई भी चुनावी सभा इसके बिना पूरी नहीं होती। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालयों तथा जन सभाओं में राफेल का प्रतीक बनाकर लगाकर लोगों को यह भरोसा देने का पूरा जतन किया गया कि राफेल सौदे में चोरी हुई है।

भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किए। जहां गठबंधन संभव नहीं हुआ भाजपा को परास्त करने के लिए वहां क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल कर फिजा बदलने का पूरा प्रयास किया गया।

आम चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने श्री गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को तुरुप के पत्ते के रूप में इस्तेमाल कर उन्हें राजनीति में उतारा और उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बना कर सबको चौंका दिया।

श्री गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में नया प्रयोग किया और राज्य को पूर्वी तथा पश्चिमी दो भागों में बांटकर दो महासचिव नियुक्त कर दिये। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जिम्मा युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को और पूर्वी उत्तर प्रदेश का दायित्व प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपा। यह रणनीति कार्यकर्ताओं में उत्साह का नया संचार करने लगी। श्री गांधी ने प्रियंका गांधी तथा ज्योतिरादित्य को मैदान में उतार कर देश की जनता को यह संदेश देने का भी प्रयास किया कि कांग्रेस में युवा जोश है।

लोकसभा चुनाव परिणामों ने कांग्रेस और उसके नेताओं की आशाओं पर पानी फेर दिया। लगातार दूसरी बार पार्टी इतनी सीटें भी जीत नहीं पायी कि उसे लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल सके।

करारी शिकस्त से पार्टी में हताशा छा गयी। श्री गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति ने उनसे पद से इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया लेकन वह अपनी जिद पर अड़े रहे।

आम चुनाव में हार के कारण उपजी निराशा को दूर करने के लिए श्रीमती सोनिया गांधी ने फिर से पार्टी की कमान संभाली ।

श्री गांधी पार्टी अध्यक्ष पद पर नहीं रहते हुए भी प्रमुख नेता के रूप में सक्रिय रहे और पार्टी ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभाओं के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया जिससे उम्मीदों की नयी लहर पैदा हो गयी। महाराष्ट्र और झारखंड में पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल हो गयी और हरियाणा में उसे उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली।

पार्टी की अगली और महत्वपूर्ण परीक्षा दिल्ली में है। झारखंड में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर भाजपा को सता से बाहर करने में मिली सफलता ने कांग्रेस के सामने दुविधा खड़ी कर दी है। उसे खुद काे आगे बढ़ाने या भाजपा को सत्ता में से किसी एक को चुनना होगा।

दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में रिकार्ड 67 सीटें जीती थींं। भाजपा को तीन सीटें मिली थीं। कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पायी थी।